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रायपुर, 20 फरवरी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी, कार्यकारी अध्यक्ष मंगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि आज भारत में जीएसटी लागू होने के 4 वर्षों की अंतराल में जीएसटी कर प्रणाली एक सबसे जटिल कराधान प्रणाली के रूप में उभरी है और वास्तव में अब इसे घनो सारो मुकदमेबाजी कर के रूप में कहा जा रहा है, जो कि देश में एक बेहतर और सरल कर के जरिये व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के बिलकुल विपरीत एवं जटिल है।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि चार वर्षों में जीएसटी नियमों में अब तक किए गए लगभग 950 संशोधन स्वयं बया कर रहे हैं कि जीएसटी परिषद भी प्रणाली की स्थिरता के बारे में आश्वस्त नहीं है, लेकिन यह व्यापारियों से उम्मीद करता है कि वे जीएसटी के प्रावधानों का निर्बाध तरीके से अनुपालन करें अन्यथा जीएसटी रेजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है, इनपुट क्रेडिट से हाथ धोना पड़ सकता है, और दंड भी भुगतना पड़ सकता है। इस संदर्भ में कैट सीजी चैप्टर द्वारा राज्य जीएसटी कराधन प्रणाली के सम्बंध में छत्तीसगढ़ के वाणिज्य मंत्री टीएस सिंहदेव को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से ज्ञापन दिया गया है एवं वाणिज्य मंत्री ने इस संदर्भ में सकारात्मक आसवासन दिया है।