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जमाल खशोगी की हत्या पर संवेदनशील रिपोर्ट आने से पहले बाइडेन ने की किंग सलमान से बात
26-Feb-2021 1:17 PM
जमाल खशोगी की हत्या पर संवेदनशील रिपोर्ट आने से पहले बाइडेन ने की किंग सलमान से बात

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सऊदी अरब के किंग सलमान से बात की है. हालांकि इस बातचीत में अमेरिका की उस संवदेनशील रिपोर्ट का जिक्र नहीं किया गया है जो जमाल खशोगी की हत्या को लेकर जारी होने वाली है.

 (dw.com)  
राष्ट्रपति बाइडेन और किंग सलमान के बीच हुई बातचीत में व्हाइट हाउस ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी की उस रिपोर्ट के बारे में जिक्र नहीं किया जो जमाल खशोगी की हत्या से जुड़ी है. खशोगी की हत्या 2 अक्टूबर 2018 को हुई थी जिसके पीछे सऊदी अरब का हाथ माना जाता है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने इस हत्या की जांच की है और यह अब तक गोपनीय है. रिपोर्ट का सार्वजनिक होना वॉशिंगटन और रियाद के बीच सामान्य रूप से घनिष्ठ संबंधों के लिए एक परीक्षा का पल साबित हो सकता है.

रिपोर्ट से क्या पता चल सकता है?
जमाल खशोगी की हत्या पर अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट एक गोपनीय दस्तावेज है. माना जा रहा है कि इसे जल्द ही डीक्लासिफाइ किया जाएगा और यह खुफिया रिपोर्ट हत्या के लिए 85 वर्षीय सलमान के बेटे मोहम्मद बिन सलमान को दोषी ठहराएगी. वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार खशोगी सऊदी अरब की राजशाही के आलोचक थे. उनकी हत्या इस्तांबुल में सऊदी काउंसुलेट में की गई थी. सऊदी अरब की अदालत ने हत्या के पांच दोषियों को 20-20 साल की सजा दी थी.
मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 2018 में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा एक जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया था कि प्रिंस सलमान ने शायद हत्या का आदेश दिया था. हालांकि रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं की गई और इसे अभी जारी किया जा रहा है.

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि बाइडेन और किंग सलमान ने लंबे समय से चली आ रही "साझेदारी" पर चर्चा की. व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया है कि बाइडेन ने राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के लिए सऊदी अरब के हालिया फैसले का स्वागत किया, जिसमें महिला अधिकार कार्यकर्ता लुजैन अल हथलौल की रिहाई भी शामिल है. इसी के साथ दोनों ने मध्य पूर्व में ईरान की गतिविधियों पर भी चर्चा की, जिसमें "चरमपंथी समूहों को अस्थिर करना" शामिल था.

जमाल खशोगी की हत्या में प्रिंस सलमान की भूमिका को स्वीकार करना अमेरिका और अरब दुनिया में सबसे अहम साझेदार सऊदी अरब के बीच रिश्तों में काले बादल ला सकता है. ट्रंप प्रशासन के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी सुधार हुआ क्योंकि ट्रंप ने मानवाधिकारों के हनन पर सऊदी अरब की आलोचना करने से परहेज किया था.

प्रिंस सलमान के आलोचक और कुछ मानवाधिकार समूहों ने अमेरिकी प्रशासन से मानवाधिकारों के हनन के लिए सऊदी अरब को जिम्मेदार ठहराने के लिए सख्त रुख अपनाने का आग्रह किया है. वे चाहते हैं कि अमेरिका प्रिंस सलमान को अलग-थलग करने के लिए कुछ उपाय या प्रतिबंध अपनाए.
एए/सीके (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)

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