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याचिकाकर्ता के घर-दफ्तर के सामने सडक़ के ऊपर सडक़, हाईकोर्ट ने शासन से मांगा जवाब
01-Mar-2021 8:02 PM
याचिकाकर्ता के घर-दफ्तर के सामने सडक़ के ऊपर सडक़, हाईकोर्ट ने शासन से मांगा जवाब

रायपुर/बिलासपुर 1 मार्च : लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क के ऊपर सड़क की परतें बिछाकर सड़कों की ऊंचाई कई फीट बढ़ाने के मामले में रायपुर के याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी की रिट पिटिशन पर न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी की पीठ ने याचिकाकर्ता की तकलीफ को वास्तविक मानते हुए शासन को जवाब देने के लिए कहा है. याचिका में सचिव, प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता रायपुर तथा अधीक्षण अभियंता रायपुर लोक निर्माण विभाग को पक्षकार बनाया गया है.

क्या है पूरा मामला
नगर पालिक निगम तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा रिन्यूअल के नाम से हर 3-4 साल में सड़क के ऊपर सड़क की परतें बिछाने के कारण शहरी क्षेत्रों में सड़कों की ऊंचाई विगत 25 सालों में 2 से 3 फिट बढ़ गई है. इस मामले में एक जनहित याचिका के.के. पालिया एवं वन्य विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य की सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की युगल पीठ में जनवरी 2018 में आदेशित किया था कि याचिकाकर्ता लोक निर्माण विभाग अथवा नगरी प्रशासन के सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपनी समस्या बताएं.

हाईकोर्ट के निर्णय के आधार पर सिंघवी ने प्रमुख अभियंता तथा मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग रायपुर को मार्च 2019 और अक्टूबर 2020 में लिखित में बताया कि उनके घर के और कार्यालय के सामने कुछ वर्ष पूर्व फुटपाथ की ऊंचाई सड़क की ऊंचाई से ज्यादा थी. सड़क की ऊंचाई लगातार बढाने से, बाद में सड़क ऊंची हो गई और फुटपाथ नीचे हो गया. सड़क पर सीढी  के समान कदम रखकर चढ़ना पड़ता है. 25 वर्ष पूर्व यह सड़क 2 फीट नीचे थी. इसके कारण से परिवार को बहुत कठिनाई हो रही है. बरसात के दौरान मकान की सीढी तक पानी भर जाता है और कार्यालय तथा मकान में रहने का प्राकृतिक आनंद असंभव हो गया है, इसलिए सड़क पर मोटी बिछाई गई परत को हटाकर पुरानी स्थिति में लाया जावे. लोक निर्माण विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण याचिका दायर की गई.
 
लोक निर्माण विभाग के मानद सलाहकार और तत्कालीन मध्य प्रदेश के पूर्व प्रमुख अभियंता ने भी इसे माना था गंभीर लापरवाही
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया गया कि छत्तीसगढ़ शासन लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन मानद सलाहकार तथा मध्य प्रदेश से सेवानिवृत्त हुए प्रमुख अभियंता बी.एस.गुप्ता ने पत्र में बताया था कि-

“कई संबंधित विभाग के अभियंतागण, बिना समुचित डिजाईन के विद्यमान सड़कों पर 50 cm से 75 व 100 cm  तक की कर सड़कों को मनमानी ऊंचाई कर देते है। कई जगह बरसात में पानी भर जाता है। किसी तरह से यह उचित नहीं है तथा यह क्रस्ट डिजाईन के - या तो डामरीकरण या फिर सीमेन्टीकरण का बिना सही डिजाईन लिये कर दिया जाता है। पूर्व के क्रस्ट के गहराई को हटाकर तथा इसका फिर से उपभाग किया जा सकता है तथा नया लेयर डाला जा सकता है जिससे की सड़क की ऊंचाई पास के मकान से ऊची नहीं होंवे।”

भारतीय रोड कांग्रेस ने भी जारी कर रखे हैं मानक 
भारतीय रोड कांग्रेस ने अपने प्रकाशन आईआरसी 120:2015 तथा सड़कों एवं ब्रिज के लिए जारी स्पेसिफिकेशन में पुरानी सड़कों की ऊपरी परत से निकाले गए मटेरियल को रीसाइक्लिंग करने के तरीके बता दिए हैं.

क्या है रायपुर की स्थिति
रायपुर शहर में लोक निर्माण विभाग तथा नगर पालिक निगम द्वारा सड़कों की ऊंचाई इतनी बढ़ाई गई है कि पुराने डिवाइडर अदृश्य हो गए और उनके ऊपर नए डिवाइडर बनाने पड़े. कई लोगों को लाखों खर्च कर जैक से मकान ऊपर उठाने पड़े. कई कॉलोनी के रहवासी घर के सामने की सड़क, मकान की प्लिंथ से ऊँची हो जाने के कारण बरसात में पानी भरने से परेशान है.

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