ताजा खबर

रेप मामले में ऑस्ट्रेलिया के पीएम पत्नी की बात ज़ाहिर कर घिरे
02-Mar-2021 7:54 AM
रेप मामले में ऑस्ट्रेलिया के पीएम पत्नी की बात ज़ाहिर कर घिरे

BRITTANY HIGGINS

-फ़्रैंसीस माओ

अपनी ड्रीम जॉब जॉइन करने के पहले दिन ब्रिटनी हिगिन्स

महज़ 15 दिन पहले ऑस्ट्रेलिया हैरान रह गया जब एक पू्र्व राजनीतिक सलाहकार ने आरोप लगाया कि संसद भवन में उनके साथ बलात्कार हुआ था.

ब्रिटनी हिगिन्स का कहना है कि उन पर एक पुरुष सहकर्मी ने यौन हमला किया था- जो सत्ताधारी लिबरल पार्टी की सरकार में 2019 में एक मंत्री के कार्यालय में सलाहकार था.

ब्रिटनी हिगिन्स की कहानी सामने आने के बाद कई महिलाएं बाहर आईं और ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में यौन हमले के अपने-अपने अनुभव साझा किए.

इनमें से सबसे विस्फोटक 1988 का एक रेप आरोप है. यह मामला एक अज्ञात कैबिनेट मंत्री का है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सोमवार को कहा कि मंत्री ने रेप के आरोपों को ख़ारिज किया है.

पुलिस के पास एक विपक्षी सांसद पर रेप का मामला भी आया है. ऐसे आरोपों की बाढ़ से ऑस्ट्रेलिया की मॉरिसन सरकार पर जवाब देने का दबाव है.

ब्रिटनी हिगिन्स का सामने आना
ब्रिटनी हिगिन्स का कहना है कि तब वो 24 साल की थीं और यह उनकी नई ड्रीम जॉब थी, जिसे जॉइन किए कुछ ही हफ़्ते हुए थे.

मार्च 2019 में एक सीनियर सहकर्मी उन्हें नाइट आउट के बाद संसद लेकर गया था. जमकर शराब पीने के कारण मंत्री के कार्यालय में ही ब्रिटनी को नींद आ गई. ब्रिटनी बताती हैं कि जब नींद खुली तो पता चला कि उस आदमी ने उन पर यौन हमला किया था.

उस व्यक्ति को कुछ ही दिनों में बर्खास्त कर दिया गया. उसकी बर्खास्तगी न केवल कथित यौन हमले के लिए थी बल्कि उसने कार्यालय के सुरक्षा नियमों को भी तोड़ा था, क्योंकि रात में संसद नहीं जाया जा सकता था.

इस बीच ब्रिटनी ने अपनी बॉस और तत्कालीन सुरक्षा उद्योग मंत्री लिंडा रीनॉल्ड्स से कहा कि उन पर यौन हमला हुआ है. लिंडा के साथ उनकी बात उसी रूम में हुई जिसमें ब्रिटनी ने यौन हमले का आरोप लगाया था.

लिंडा का कहना है कि उन्होंने ब्रिटनी को समर्थन देने का भरोसा दिलाया और पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा.

ब्रिटनी ने कहा कि वे दबाव में थीं कि इससे कहीं उनकी नौकरी ना चली जाए. ब्रिटनी कहती हैं कि उन्हें लिबरल पार्टी ने चुप करा दिया. लेकिन ब्रिटनी ने तब बोलने का फ़ैसला किया जब जनवरी महीने में एक तस्वीर देखी, जिसमें मॉरिसन यौन हमले के ख़िलाफ़ बात कर रहे हैं.

ब्रिटनी ने न्यूज़ डॉट कॉम एयू से कहा, ''मॉरिसन के बगल में एक महिला खड़ी थीं, जो यौन हमला झेल चुकीं महिलाओं के अधिकारों को लेकर कैंपेन चलाती रही हैं. मैंने सोचा कि एक तरफ़ ये तस्वीर है और दूसरी तरफ़ इनकी सरकार मुझे चुप कराने में लगी रही. यह तो धोखा है. झूठ है.''

ब्रिटनी हिगिन्स ने अपनी कहानी स्थानीय मीडिया को बताई है

ऑस्ट्रेलियाई पीएम के रुख़ की हो रही आलोचना
ब्रिटनी के सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने माफ़ी माँगी. दो साल पहले ब्रिटनी की शिकायत को जिस तरह से हैंडल किया गया, उसे लेकर उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर किया. प्रधानमंत्री ने संसद में कार्य-संस्कृति और पॉलिटिकल स्टाफ़ की मदद को लेकर जाँच कराने का वादा किया.

इस मामले में मॉरिसन की एक टिप्पणी को लेकर भी ख़ूब चर्चा हुई. मॉरिसन ने कहा कि ब्रिटनी मामले को उन्होंने और ठीक से तब समझा जब उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि वे अपनी दो बेटियों को ध्यान में रखते हुए पूरे मामले को देखें.

मॉरिसन ने पत्रकारों से कहा, ''मेरी पत्नी ने मुझसे कहा कि तुम्हें इस मामले को एक पिता की तरह देखना चाहिए. अगर तुम्हारी बेटियों के साथ ऐसा होता तो तुम क्या करते?''

मॉरिसन की इस बात के लिए भी आलोचना हो रही है कि न्याय दिलाने के लिए पिता होना ज़रूरी नहीं है बल्कि वे प्रधानमंत्री रहकर ऐसा कर सकते थे. कई महिलाओं ने लिखा कि ऑस्ट्रेलिया को पिता नहीं एक प्रधानमंत्री की ज़रूरत है.

प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की आलोचना हो रही है कि उन्होंने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. मॉरिसन और उनके मंत्रियों पर ये आरोप भी लगे रहे हैं कि वे सवालों से बच रहे हैं. इनसे पूछा जा रहा है कि सरकार के भीतर इस मामले के बारे में किसे पता था और कब पता चला? अगर पता चला तो इंसाफ़ दिलाने के लिए कितना कुछ किया गया?

इस मामले के बारे में मॉरिसन के कम से कम तीन मंत्रियों को पता था. मॉरिसन का कहना है कि उन्हें इसके बारे जब देश के बाक़ी लोगों को पता चला तभी उन्हें भी जानकारी मिली.

हालाँकि ब्रिटनी हिगिन्स ने कहा है कि प्रधानमंत्री की तरफ़ से पीड़िता पर ही आरोप लगाने की मानसिकता परेशान करती है.

वो कहती हैं," यह केवल मेरे लिए नहीं बल्कि अनगिनत दूसरे पीड़ितों के लिए भी है.''

और महिलाएं भी आईं सामने
ब्रिटनी हिगिन्स के बाद चार अन्य महिलाएं भी स्थानीय मीडिया के सामने आईं और उन्होंने यौन हमले और उत्पीड़न के आरोप लगाए.

एक महिला ने द ऑस्ट्रेलियन से कहा, ''2020 में एक पुरुष ने मेरा रेप किया. उसके साथ मैंने ड्रिंक और डिनर किया था. अगर सरकार ने 2019 में ब्रिटनी मामले को ठीक से हैंडल किया होता तो मेरे साथ 2020 में ये नहीं होता.''

एक और महिला ने कहा कि 2017 में एक नाउट आउट के बाद उसके साथ रेप हुआ था. एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार एक तीसरी महिला ने ब्रिटनी हिगिन्स के बोलने के बाद पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है. उस महिला का आरोप है कि 2017 में वो अपने सहकर्मियों के साथ डिनर पर गई थीं तभी एक आदमी ने उनकी जांघ पर हाथ फेरा था.

पिछले बुधवार को एक चौथी महिला ने news.com.au से कहा कि एक व्यक्ति ने सेक्स के लिए दबाव बनाया था. कहा जा रहा है कि ब्रिटनी हिगिन्स के मामले में ऑस्ट्रेलिया के कुछ सांसदों ने चुप्पी साध रखी थी.

शुक्रवार को दो विपक्षी सांसदों- लेबर पार्टी की सांसद पेनी वोंग और ग्रीन्स सीनेटर सारा हैन्सोन-यंग ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से मिले एक पत्र का उल्लेख किया है.

आरोप है कि एक व्यक्ति, जो अभी कैबिनेट मंत्री है, उन्होंने 1988 में 16 साल की एक लड़की के साथ बलात्कार किया था. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने उस मंत्री और कथित पीड़िता की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया है.

उस महिला ने 49 साल की उम्र में पिछले साल जून में अपनी जान ले ली थी. पिछले साल की शुरुआत में उस महिला ने न्यू साउथ वेल्स पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन मौत के बाद जाँच रोक दी गई.

पिछले हफ़्ते उस महिला के दोस्तों ने पीएम मॉरिसन और दूसरे सांसदों को पत्र लिख पूरे मामले में स्वतंत्र जाँच की माँग की है. मॉरिसन ने इस मांग को नकार दिया था और कहा कि यह मामला पुलिस के पास है. मॉरिसन ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि जिस व्यक्ति पर आरोप है, उसने सख़्ती से ख़ारिज किया है.

जिन्होंने पत्र लिखकर स्वतंत्र जाँच की माँग की है उनका कहना है कि दरअसल, कथित पीड़िता की मौत हो गई है, ऐसे में पुलिस शायद ही अपनी जाँच को आगे बढ़ा पाएगी क्योंकि ऐसे मामलों में शिकायकर्ता से पूछताछ की ज़रूरत पड़ती है. रविवार को एक सरकारी सांसद ने एक लेबर सांसद के ख़िलाफ़ पुलिस में रेप की शिकायत दर्ज कराई है.

आम जनता का दबाव
पिछले 15 दिनों में ऑस्ट्रेलिया की राजनीतिक संस्कृति और लैंगिक भेदभाव को लेकर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं. एक महिला जिसने, राजनीतिक सलाहकार पर रेप का आरोप लगाया है, उसने कहा कि वो भायावह राजनीति अंधेरे को कम करने के लिहाज से सामने आने का फ़ैसला किया था.

पिछले हफ़्ते मॉरिसन ने भी माना था कि व्यवस्था में कमियाँ हैं और वर्कप्लेस कल्चर को ठीक करने की ज़रूरत है. लेकिन लोगों का दबाव है कि सरकार कुछ ठोस करे. आलोचकों का कहना है कि एक कैबिनेट मंत्री पर गंभीर अपराध के आरोप हैं तो उनके ख़िलाफ़ ठीक से जाँच होनी चाहिए. हालाँकि सरकार ने ऐसी माँगों को नकार दिया है.

वहीं ब्रिटनी हिगिन्स ने कहा है कि उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और वे चाहती हैं कि व्यवस्था में ठोस सुधार हो ताकि संसद ऐसे मामलों को ठीक हैंडल कर सके. (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news