सामान्य ज्ञान
चकोतरा यानी ग्रेप फ्रूट नींबू प्रजाति का ही एक फल है, लेकिन आकार में यह नींबू से बड़ा होता है। यह विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें नींबू और संतरे के सभी गुण मिलते हैं। यह वजन घटाने में मददगार होता है। इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसे लंच में सलाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसे खाने से आप खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे। यह डायबिटीज पर नियंत्रण रखने में मददगार साबित होता है। हाल ही में हुए शोध के मुताबिक चकोतरे में नारिंगगेनिन नामक एंटीआक्सीडेंट होता है। यह मधुमेह टाइप-दो के उपचार में इस्तेमाल हो रही दवाओं के निर्माण में काम में लाया जा रहा है।
यह पाचन में मददगार होता है। इसे खाने से त्वचा में चमक आती है। लिवर के लिए यह रामबाण है। यह ट्यूमर और कैंसर जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है। चकोतरे का जूस वसारहित होता है। इस कारण वजन को नियंत्रित करने का कुदरती माध्यम है।
जजिया कर
मुगल काल में गैर मुस्लिमों पर जजिया कर लगाया जाता था। संयोगवश अकबर शिकार खेलने मथुरा गया था। वहां उसे ज्ञात हुआ कि मथुरा आने पर हिन्दुओं को कर देना पड़ता है। उसने यात्री कर उठा दिया। अकबर ने कहा- यह कहां का न्याय है कि ईश्वर की आराधना पर कर लिया जाए। अगले ही वर्ष, अपने राज्याभिषेक की नौवीं वर्षगांठ पर उसने मुस्लिम क़ानून के अनुसार गैर-मुस्लिमों पर लगने वाले कर जजिय़ा को भी उठा लिया। यह एक अनोखी घटना थी। फिर तो दो पीढिय़ों तक जजिय़ा कर नहीं लगा। औरंगजेब ने 1679 में जसवंतसिंह की मृत्यु के बाद जजिय़ा कर पुन: लगाया। जजिय़ा से प्रतिवर्ष साम्राज्य को लाखों की आय होती। फिर भी अकबर ने इसे अनुचित माना।