अंतरराष्ट्रीय

सीरिया: अब भी अंधकार में है लाखों लोगों का भविष्य
02-Mar-2021 2:04 PM
 सीरिया: अब भी अंधकार में है लाखों लोगों का भविष्य

सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र के जांच आयोग ने कहा है कि सीरिया में अब भी लाखों लोग मनमाने ढंग से हिरासत में रखे गए हैं. आयोग ने सोमवार को कहा है कि सीरिया संघर्ष के 10 साल बाद भी इन लोगों का भविष्य अनिश्चित है.

 (dw.com)

संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने सोमवार को कहा कि सीरिया में "जेलों या बंदीगृहों में कई लोगों की मृत्यु हो गई है या उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया है जबकि कुछ लोग अमानवीय स्थितियों में रखे गए हैं." 2,500 से ज्यादा इंटरव्यू के बाद यूएन जांच आयोग ने इस रिपोर्ट को जारी किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जेलों में हजारों अन्य लोगों को प्रताड़ित किया गया, उनके साथ यौन हिंसा की गई है या हिरासत में ही मौत के मुंह में धकेल दिया गया है.

आयोग ने कहा है कि सीरियाई सरकार युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ जुर्म की दोषी है. यही नहीं सीरियाई डेमोक्रैटिक फोर्सेज यानी एसडीएफ ने युद्ध अपराध को अंजाम दिया है. हालांकि, उसने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों से लड़ने में अहम भूमिका निभाई है. इसी रिपोर्ट में इस्लामिक स्टेट पर नरसंहार का भी आरोप लगाया गया है.

लाखों लोग अब भी विस्थापित

मार्च 2011 में सरकार के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शनों को क्रूरता से दबाने के साथ शुरू हुई जंग में अब तक लाखों लोगों की जान गई. दस लाख से ज्यादा लोग इस संकट के कारण विस्थापित हुए. सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद पर संकट को और बढ़ाने का भी आरोप लगता आया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरिया में किसी भी पक्ष ने हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्वों के अनुरूप अधिकार नहीं दिया.

आयुक्त कैरेन कोनिंग अबूजायद ने कहा, "पर्याप्त मात्रा में स्पष्ट सबूत होने के बावजूद, संघर्ष के तमाम पक्ष, अपने बलों पर लगे आरोपों की जांच कराने में नाकाम रहे हैं. बंदीगृहों में किए गए अपराधों की जांच कराने के बजाय, ज्यादा जोर उन्हें छिपान पर नजर आया है." ये जांच निष्कर्ष और रिपोर्ट अगले सप्ताह जेनेवा में यूएन मानवाधिकार परिषद को सौंपी जाएंगी. इस रिपोर्ट में 100 से भी ज्यादा बंदीगृहों की परिस्थितियों के जांच निष्कर्ष शामिल हैं.

सीरिया में असद को सत्ता से हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन ने कई तरह के संकट का रूप लिया और लाखों लोग इस संकट के कारण मारे गए और इतने ही लोग विस्थापित हो गए. असद को रूस, ईरान और लेबनान की सेना का समर्थन हासिल है.

एए/सीके (डीपीए, रॉयटर्स)
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news