ताजा खबर

म्यांमार में 'ख़ूनी बुधवार', 38 लोगों की जान गई, हिंसा जारी
04-Mar-2021 8:06 AM
म्यांमार में 'ख़ूनी बुधवार', 38 लोगों की जान गई, हिंसा जारी

photo credit Myanmar Now

म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट के एक महीने बाद भी बेतहाशा हिंसा जारी है. बुधवार को कम से कम 38 लोगों की मौत हुई है.

संयुक्त राष्ट्र ने इसे 'ख़ूनी बुधवार' कहा है. म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र की राजदूत क्रिस्टिन श्रेनर ने कहा है कि देश भर से दिल दहलाने वाले फुटेज सामने आ रहे हैं. क्रिस्टिन ने ये भी कहा, ''ऐसा लगता है कि सुरक्षा बल गोलीबारी में लाइव बुलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं.''

पूरे म्यांमार में एक फ़रवरी को हुए सैन्य तख़्तापलट के ख़िलाफ़ व्यापक विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. प्रदर्शनकारियों की मांग कर रहे हैं कि आंग सान सू ची समेत चुने हुए सरकारी नेताओं को रिहा किया जाए.

इन नेताओं को सेना ने सत्ता से बेदखल कर जेल में बंद कर दिया है. प्रदर्शनकारी सैन्य तख्तापलट को भी ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं. हालिया हिंसा तब सामने आई है जब पड़ोसी देश सेना से संयम बरतने का आग्रह कर रहे हैं.

photo credit Fronties Myanmar

आकर सीधे गोली मारने लगे
क्रिस्टिन श्रेनर का कहना है कि तख्तापलट के बाद से अब तक 50 लोगों की जान जा चुकी है और बड़ी संख्या में लोग ज़ख़्मी भी हुए हैं. क्रिस्टिन ने कहा, ''एक वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस मेडकल दल के निहत्थे लोगों को पीट रही है. एक फुटेज में दिख रहा है कि प्रदर्शनकारी को गोली मार दी गई और ऐसा लगता है कि यह सड़क पर हुआ है.''

क्रिस्टिन ने कहा, ''मैंने कुछ हथियार विशेषज्ञों से कहा है कि वे हथियारों की पहचान करें. स्पष्ट नहीं है लेकिन ऐसा लगा रहा है कि पुलिस के पास जो हथियार हैं वे 9एमएम सबमशीन गन्स हैं और ये लाइव बुलेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.''

सेव द चिल्ड्रेन का कहना है कि जिन लोगों को बुधवार को मारा गया है उनमें 14 और 17 साल के दो लड़के हैं. इनमें एक 19 साल की लड़की भी है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक स्थानीय पत्रकार ने कहा कि मध्य म्यांमार के मोन्यवा में प्रदर्शन के दौरान छह लोगों के मारे जाने की ख़बर है और 30 लोग ज़ख़्मी हुए हैं.

photo credit Myanmar Now  

समाचार एजेंसी एएफ़पी से एक मेडिकल स्वयंसेवी ने कहा कि मयींग्यान में कम से कम 10 लोगो ज़ख़्मी हुए हैं. इनका कहना है कि सेना आँसू गैस के गोले, रबर बुलेट और लाइव बुलेट का इस्तेमाल कर रही है. इसी शहर के एक प्रदर्शनकारी ने रॉटयर्स से कहा, ''ये हमें पानी की बौछारों से तितर-बितर नहीं कर रहे और न ही चेतावनी दे रहे. ये सीधे गोली दाग रहे हैं.''

मंडालय में एक प्रदर्शनकारी छात्र ने बीबीसी से कहा कि उसके के पास प्रशर्नकारियों को मारा गया है. उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि क़रीब 10 या 10.30 का वक़्त रहा होगा तभी सेना और पुलिस के जवान आए और हिंसक तरीक़े से लोगों पर गोलियाँ दागना शुरू कर दिया.'' इन मौत की रिपोर्ट पर सेना की तरफ़ से कोई बयान नहीं आया है.

photo credit Myanmar Now  

दबाव के बावजूद सेना का रुख़ स्पष्ट
क्रिस्टिन श्रेनर ने कहा है कि यूएन म्यांमार के सैन्य अधिकारियों के ख़िलाफ़ कोई कड़ा फ़ैसला ले. पोप फ्रांसीस ने उत्पीड़न के बदले संवाद करने की आग्रह किया है. म्यांमार को लेकर पड़ोसी दक्षिण-पूर्वी एशिया के देशों के विदेश मंत्रियों ने विशेष बैठक की है.

हालांकि सबने संयम बरतने की सलाह दी है. कुछ ही मंत्रियों ने सैन्य शासकों से कहा कि आंग सान सू ची को रिहा कर दो. 75 साल की सू ची नज़रबंदी के बाद से पहली बार इस हफ़्ते की शुरुआत में कोर्ट में वीडियो लिंक के ज़रिए हाज़िर हई थीं.

सेना का कहना है कि तख़्तापलट नवंबर के आम चुनाव में धोखाधड़ी हुई थी और सू ची की नेशनल लीग फोर डेमोक्रेसी यानी एनएलडी को भारी बहुमत मिला था. लेकिन सेना इसके समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दिया है.  (bbc.com)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news