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पाकिस्तान सीनेट चुनाव में झटके के बाद इमरान ख़ान करेंगे विश्वासमत का सामना
04-Mar-2021 9:00 AM
पाकिस्तान सीनेट चुनाव में झटके के बाद इमरान ख़ान करेंगे विश्वासमत का सामना

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान संसद में विश्वासमत हासिल करेंगे. पाकिस्तान की सत्ताधारी यानी इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) ने सीनेट की सबसे चर्चित इस्लामाबाद सीट हारने के बाद यह घोषणा की है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि संसद में यह स्पष्ट करने की ज़रूरत है कि कौन इमरान ख़ान के साथ है और किसे पाकिस्तान पीपल्स पार्टी या पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) पसंद है.

इस्लामाबाद सीट से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी ने इमरान ख़ान की सरकार में वित्त मंत्री अब्दुल हाफ़ीज़ शेख को हरा दिया है. यूसुफ़ रज़ा गिलानी संयुक्त विपक्ष पीडीएम यानी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के उम्मीदवार थे. वैसे गिलानी बिलावल भुट्टो ज़रदारी की पार्टी पीपीपी से हैं.

इस्लामाबाद सीट से इमरान ख़ान के वित्त मंत्री की हार को बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. इस चुनाव में इमरान ख़ान ने निजी तौर पर अपने कैबिनेट साथी के लिए कैंपेन किया था.

पीटीआई का कहना था कि उसके पास कुल 182 वोट हैं जबकि जीत के लिए 172 वोटों की ही ज़रूरत थी. यूसुफ़ रज़ा गिलानी को 169 वोट मिले हैं और अब्दुल हाफ़ीज़ शेख को 164 वोट. कुल 340 वोट डाले गए थे. पीडीएम में कुल 11 विपक्षी पार्टियाँ हैं, जिनमें नवाज़ शरीफ़ की पीएमएल (एन) और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपल्स पार्टी भी हैं.

बहुप्रतीक्षित सीनेट चुनाव संपन्न हो गया है और इमरान ख़ान की पार्टी को कुल 18 सीटों पर जीत मिली है. पीपीपी को आठ और पीएमएल (एन) के खाते में पाँच सीटें गई हैं.

इस्लामाबाद में अब्दुल हाफ़ीज़ शेख की हार और अपने उम्मीदवार की जीत पर बिलावल भुट्टो ने ट्वीट कर कहा है, ''प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस्लामाबाद सीनेट सीट अगर हार जाएंगे तो असेंबली भंग कर देंगे. इस्लामाबाद हार गए हैं. अब उन्हें कौन रोक रहा है? क्या कप्तान को चुनाव से डर है?''

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विश्वासमत का सामना

शाह महमूद क़रैशी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग पर भी सवाल खड़े किए. क़ुरैशी ने कहा कि मतदान में पारदर्शिता के लिए ही उनकी सरकार ने ओपन बैलेट से वोट कराने की बात कही थी लेकिन विपक्षी पार्टियों को यह रास नहीं आया.

इस हार के बाद विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान से इस्तीफ़ा मांगा है. पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि यह जीत पाकिस्तान की लोकतांत्रिक ताक़तों की है. बिलावल ने कहा कि प्रधानमंत्री को अब इस्तीफ़ा दे देना चाहिए क्योंकि यह माँग केवल विपक्ष की नहीं है बल्कि उसकी सरकार के सदस्यों की भी है.

दिलचस्प है कि अब्दुल हाफ़ीज़ शेख पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी के 2008 से 2012 के कार्यकाल में भी मंत्री थे. पाकिस्तान की सरकार के प्रवक्ता शहबाज़ गिल ने कहा कि विपक्ष को पाँच वोटों के अंतर से जीत मिली है जबकि सात वोट रद्द किए गए. उन्होंने कहा इस नतीजे को चुनौती देंगे.

लेकिन कुछ इसी तरह के नतीजे में पीटीआई की उम्मीदवार फ़ौज़िया अरशद को जीत मिली है. फ़ौज़िया अरशद को 174 वोट मिले और पीडीएम समर्थित फ़रज़ाना कौसर को 161 वोट मिले. पाँच वोट यहाँ भी रद्द किए गए. इस्लामाबाद में सीनेट की दो सीटों के लिए मतदान हुए और फ़ौज़िया अरशद यहाँ की दूसरी सीट से जीती हैं.

भारत की राज्यसभा की तरह पाकिस्तान की सीनेट
पाकिस्तान में सीनेट भारत के ऊपरी सदन राज्यसभा की तरह है. यहाँ सदस्य छह सालों के लिए चुने जाते हैं. 104 सदस्यों वाली सीनेट से कुल 52 सीनेटर्स 11 मार्च को अपना छह साल का कार्यकाल पूरा कर रिटायर हो रहे हैं.

इनमें से चार सदस्य संघीय प्रशासित क़बाइली इलाक़े से हैं. इन्हें फेडरली एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरिया यानी फाटा कहा जाता है. ख़ैबर पख़्तुनख़्वा प्रांत में फाटा के वियल के बाद से ये चार सदस्य फिर से नहीं चुने जा सकेंगे.

यानी सीनेट में सदस्यों की संख्या अभी 100 हो गई है. 23-23 सदस्य पाकिस्तान के चारों प्रांत से हैं जबकि चार सदस्य इस्लामाबाद से चुने जाते हैं. बाक़ी के चार सदस्य फाटा से हैं और ये 2024 में रिटायर होंगे. मतलब 2024 के बाद सीनेट में सदस्यों की कुल संख्या 96 रह जाएगी.

52 में से 37 सीटों पर मतदान हुए हैं और बाक़ी निर्विरोध चुन लिए गए हैं. पंजाब के सभी 11 सीनेटर्स निर्विरोध चुने गए हैं. पाकिस्तान में सीनेटर्स के चुनाव में भारत में राज्यसभा चुनाव की तरह राज्यों के विधानसभा के विधायक वोट करते है.

बुधवार को पाकिस्तान में बलूचिस्तान, ख़ैबर पख़्तुनख़्वा और सिंध असेंबली के विधायाकों ने वोट किया. चूँकि पंजाब में सभी निर्विरोध चुन लिए गए थे इसलिए वहाँ वोटिंग नहीं हुई. इस्लामाबाद से दो सीनेटर्स के लिए वोट डाले गए. इस्लामाबाद पाकिस्तान की फेडरल राजधानी है और यहाँ सीनेटर्स के चुनाव में नेशवन असेंबली के सांसद वोट करते हैं.

ऐसी उम्मीद की जाती है कि पार्टी लाइन का पालन करते हुए वोटिंग होगी लेकिन सत्ता और विपक्ष दोनों एक दूसरे पर वोट ख़रीदने के आरोप लगा रहे हैं.

मंगलवार को एक वीडियो सामने आया था जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ़ रज़ा गिलानी के बेटे अली हैदर गिलानी दो सांसदों दो बता रहे हैं मतदान के दौरान अपने वोट को कैसे अमान्य करा सकते हैं.

पीटीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया, ''यूसुफ़ रज़ा गिलानी के बेटे सीनेटे के लिए वोट ख़रीदते पकड़े गए हैं. पीडीएम के उम्मीदवारों का यही आचरण है.''

वोट को लेकर सिंध की असेंबली में भी विधायक आपस में भिड़ गए. इमरान ख़ान चाहते थे कि चुनाव ओपन बैलेट के ज़रिए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने संविधान का हवाला देते हुए गोपनीय बैलेट के ज़रिए ही चुनाव कराने का आदेश दिया था.  (bbc.com)

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