सामान्य ज्ञान
अजीमाबाद, आज के पटना शहर का ही प्राचीन नाम है। यह शहर बहुत पुराना है।
इतिहास पर नजर डालें तो हमें पता चलेगा कि इसकी स्थापना मगध के राजा अजातशत्रु ने 490 ईसा पूर्व की थी। वे अपने राजगृह से अपनी राजधानी एक ऐसे स्थान पर ले जाना चाहते थे, जहां से वैशाली के लिच्छवियों से मुकाबना करना आसान हो सके।
कहा जाता है कि गौतम बुद्ध पटना आए थे और यहीं गुप्त साम्राज्य की राजधानी थी। शेरशाह सूरी ने इसे अपना गढ़ बनाया। दो शताब्दी से अधिक के इतिहास में पटना के कई नाम रखे गए - जैसे पाटलीग्राम, पाटलिपुत्र, कुसुमपुर, पुष्पपुर और अजीमाबाद। अजीमाबाद नाम 1704 में औरंगजेब के पोते अजीमुश्शाह ने रखा था। उन्होंने कई मोहल्ले बनाए जैसे - मुगलपुर, शाहगंज और दीवान। वर्ष 1811 में अजीमाबाद में एक पूर्वी दरवाजा और एक पश्चिमी दरवाजा बनाया गया, लेकिन वर्ष 1857 में उन्हें गिरा दिया गया ताकि शहर का विस्तार किया जा सके। आज यह नगर पटना के नाम से ही जाना जाता है, जो बिहार राज्य की राजधानी है।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड
सन् 1963 में केंद्रीय आपूर्ति और सहकारिता मंत्रालय ने राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम का गठन किया था। दूध के क्षेत्र में खेड़ा सहकारी दु्ग्ध उत्पादन संघ अमूल की सफलता को देश के अन्य हिस्सों में दोहराने के लिए ही 1965 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का गठन किया गया।