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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ‘उनकी कैबिनेट ने दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन के गठन को मंज़ूरी दे दी है.’
उन्होंने बताया, “इस बोर्ड की एक गवर्निंग बॉडी होगी, जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के शिक्षा मंत्री करेंगे. रोज़मर्रा की कार्यवाही को देखने के लिए बोर्ड की एक एग्ज़ीक्यूटिव बॉडी भी होगी जिसके लिए एक सीईओ नियुक्त किये जायेंगे. इन दोनों में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा. मसलन, कुछ उद्यमी, शिक्षा विशेषज्ञ और कुछ स्कूलों के प्रिंसिपल इसमें रहेंगे.”
केजरीवाल ने कहा, “ये अंतरराष्ट्रीय स्तर का बोर्ड बनाया जा रहा है. इंटरनेशनल प्रैक्टिस को हम स्कूलों और बोर्ड में लेकर आयेंगे. सेशन 2021-22 में हम 20-25 सरकारी स्कूलों को इस बोर्ड में शामिल करने वाले हैं. हालांकि, दिल्ली में 1000 सरकारी और क़रीब 1700 निजी स्कूल हैं और हमें उम्मीद है कि 4-5 साल में स्वेच्छा से वो सभी इस बोर्ड में शामिल हो जायेंगे.”
केजरीवाल ने बताया कि जिन 20-25 सरकारी स्कूलों को दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एजुकेशन के अंतर्गत लाया जाने वाला है, उनकी सीबीएसई बोर्ड से मान्यता रद्द हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि इन चुनिंदा सरकारी स्कूलों का चयन स्कूल के प्रिंसिपलों से बात करके किया जायेगा. साथ ही बच्चों के अभिभावकों और अध्यापकों से भी इस बारे में बात की जायेगी.
उन्होंने कहा कि ‘यह बोर्ड तीन लक्ष्यों को पूरा करेगा. इसके ज़रिये हमें ऐसे बच्चे तैयार करने हैं जो कट्टर देशभक्त हों, जो आने वाले समय में हर क्षेत्र में देश की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर उठाने के लिए तैयार हों. हमारे बच्चे अच्छे इंसान बनें और ये बोर्ड बच्चों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए तैयार करेगा.’ (bbc.com)
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