ताजा खबर

भारत में हर वर्ष करीब 6.88 करोड़ टन भोजन कर दिया जाता है बर्बाद
06-Mar-2021 4:53 PM
भारत में हर वर्ष करीब 6.88 करोड़ टन भोजन कर दिया जाता है बर्बाद

-ललित मौर्य 

देश में हर व्यक्ति प्रतिवर्ष करीब 50 किलोग्राम भोजन बर्बाद कर देता है, जबकि 18.9 करोड़ लोगों को आज भी पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है</p

भारत में हर वर्ष करीब 6.88 करोड़ टन भोजन बर्बाद कर दिया जाता है। यदि इसे प्रति व्यक्ति के हिसाब से देखें तो प्रत्येक व्यक्ति हर वर्ष 50 किलोग्राम भोजन बर्बाद कर देता है। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी रिपोर्ट ‘फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2021’ में सामने आई है। वहीं विडम्बना देखिए की देश में अभी भी करीब 14 फीसदी आबादी कुपोषण का शिकार है, जिसका मतलब है कि 18.9 करोड़ लोगों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है। आज भी 5 वर्ष से कम आयु के 34.7 फीसदी बच्चे अपनी उम्र के लिहाज से काफी छोटे हैं, जिसका मतलब है कि पोषण की कमी के चलते उनका उतना विकास नहीं हो पाया है जितना होना चाहिए था। वहीं यदि ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 को देखें तो उसके अनुसार 107 देशों की लिस्ट में भारत को 94वें स्थान पर रखा गया है जो स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि देश में अभी भी सबको पर्याप्त भोजन नहीं मिल पता है।  

यदि वैश्विक स्तर पर देखें तो 2019 में करीब 93.1 करोड़ टन भोजन बर्बाद कर दिया गया था, जबकि उस वर्ष में 69 करोड़ लोगों को खाली पेट सोना पड़ा था। इसके वजन का अनुमान आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यदि इस कचरे को यदि 40 टन के ट्रकों में पूरी तरह भर दिया जाए तो यह यह इस तरह के 2.3 करोड़ ट्रकों के वजन के बराबर होगा। जिन्हें लाइन में खड़ा करने पर पृथ्वी का सात बार चक्कर लगाया जा सकता है। अनुमान है कि 17 फीसदी भोजन को हर वर्ष कचरे में फेंक दिया जाता है, जिससे करोड़ों लोगों की भूख मिटाई जा सकती है। इसमें से करीब 57 करोड़ टन अकेले घरों द्वारा कचरे में फेंका गया भोजन होता है।  

कौन सा देश कितना करता है फूड वेस्ट 

इस रिपोर्ट में सबसे हैरान करने वाली बात यह सामने आई की एक तरफ तो अफ्रीका के कई देश भुखमरी का सामना कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ नाइजीरिया जैसे देश भी हैं जहां हर व्यक्ति साल में करीब 189 किलोग्राम भोजन बर्बाद कर देता है। इसी तरह रवांडा में हर व्यक्ति द्वारा 164 किलोग्राम भोजन को कचरे में फेंक दिया जाता है। वहीं दक्षिण अफ्रीका जैसा देश भी है जिसमें प्रति व्यक्ति 40 किलोग्राम भोजन को कचरे में फेंक देता है, जोकि वैश्विक औसत (74 किलोग्राम प्रति व्यक्ति/ प्रति वर्ष) से काफी कम है। इस लिहाज से देखें तो रूस में सबसे कम भोजन बर्बाद किया जाता है, वहां प्रति व्यक्ति करीब 33 किलोग्राम भोजन को हर वर्ष कचरे में फेंका जाता है।

पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी यह बहुत मायने रखता है, एक तरफ तो इस भोजन को पैदा करने में जो संसाधन खर्च होते हैं वो पूरी तरह बर्बाद चले जाते हैं। दूसरी तरह इससे प्रदूषण और कचरे में इजाफा होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार यदि भोजन के नुकसान और बर्बादी को यदि एक देश मान लिया जाए तो यह ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के मामले में तीसरे स्थान पर होगा। अनुमान है कि जो भोजन बेकार चला जाता है, वो वैश्विक उत्सर्जन के करीब 8 से 10 फीसदी हिस्से के लिए जिम्मेवार होता है।

बर्बादी को रोकने से बचाए जा सकते हैं 68.4 लाख करोड़ रुपए

यदि इस बर्बादी को रोक दिया जाए तो न केवल करोड़ों लोगों को भोजन मिल पाएगा, साथ ही इसके चलते हर वर्ष होने वाले करीब 68,39,675 करोड़ रुपए (94,000 करोड़ डॉलर) के आर्थिक नुकसान को टाला जा सकता है, जोकि किसानों और लोगों की भलाई के लिए खर्च किया जा सकता है।

आज खाना बर्बाद करना हमारी एक आदत बनता जा रहा है। शादी और पार्टी में यदि खाना अच्छा न हो तो दावत पूरी नहीं होती। पर दावत के बाद न जाने कितनी प्लेटों में वो शानदार खाना बचा रहता है क्या कभी आपने उसका अनुमान लगाया है। क्या कभी सोचा है जो खाना आप और हम बर्बाद कर रहें है उससे किसी और का पेट भी भर सकता है।

इस बर्बादी को रोकना कोई मुश्किल काम नहीं है। बस इसके लिए हमें अपनी आदत बदलनी होगी। अपनी प्लेट में उतना ही भोजन लें जितना हम खा सकते हैं। उतना ही खरीदें जितना हमारे लिए पर्याप्त है। बेवजह खाद्य पदार्थों को जमा करना बंद कर दें। भोजन के महत्त्व को समझें। यह इंसान के लिए सबसे जरुरी चीजों में से एक है। अगली बार जब भी अपनी थाली में खाना बाकी छोड़ें तो इस बात का भी ध्यान रखें कि कहीं इसी खाने की वजह से कोई भूखा सोने को मजबूर है।  (downtoearth.org.in)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news