अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार ने भारत से कहा है कि 'वो उन पुलिसकर्मियों को वापिस उन्हें सौंप दे, जिन्होंने सेना का आदेश मानने से इनक़ार करने के बाद सीमा पार कर भारत से शरण माँगी है.'
भारत सरकार को लिखे एक पत्र में म्यांमार के अधिकारियों ने कहा कि 'दोनों देशों के बीच ‘मैत्रीपूर्ण रिश्ते‘ बनाये रखने के लिए इन पुलिसकर्मियों को वापस किया जाए.'
इस पत्र के अनुसार, अब तक म्यांमार के आठ पुलिस अधिकारी सीमा पार कर भारत आ चुके हैं.
पत्र में लिखा गया है कि “दोनों पड़ोसी मुल्कों के बीच दोस्ताना रिश्ते क़ायम रहें, इसलिए आपसे गुज़ारिश है कि जो आठ पुलिसकर्मी सीमा पर कर आपके देश में आए हैं, उन्हें हिरासत में लिया जाये और म्यांमार को सौंप दिया जाये.”
इधर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि म्यांमार के कुछ अधिकारियों और उनके परिवार ने हाल के दिनों में सीमा पार की थी.
भारतीय राज्य मिज़ोरम के चम्पई ज़िले के एक वरिष्ठ अधिकारी डिप्टी कमिश्नर मारिया सीटी जुआली ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि उन्हें म्यांमार के फ़ालाम ज़िले के अपने समकक्ष का एक पत्र मिला था, जिसमें पुलिसकर्मियों की वापसी के लिए अनुरोध किया गया है.
म्यांमार में पिछले महीने सैन्य तख्तापलट हुआ था जिसके बाद सेना ने देश की निर्वाचित नेता आंग सान सू ची समेत सैंकड़ों नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया था. इसके बाद से वहाँ लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई है. कई जगह पर सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियाँ चलाई हैं. सुरक्षाबलों पर असली गोलियाँ चलाने की भी आरोप है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, एडवोकेसी ग्रूप एसिस्टेन्स एसोसिएशन फ़ॉर पॉलिटिकल प्रिज़नर ने कहा है कि सैन्य शासन ने अब तक 1,500 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
शनिवार को भी देश में बड़े स्तर पर देश में विरोध प्रदर्शन हुए.
यंगून समेत कई बड़े शहरों में हज़ारों की संख्या में लोगों ने जमा होकर सैन्य शासन का विरोध किया. यंगून में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दाग़े.(bbc.com)