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राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूची (National Air Quality List) की गुणवत्ता समझने का सरल, समग्र और आसान तरीका है। यह सूची स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले आठ प्रमुख प्रदूषण कारकों को मापन करती है। इनमें मुख्य रूप से (पीएम 10 और पीएम 2.5) नाइट्रोजन डायऑक्साइड, सल्फर डायऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, अमोनिया शामिल हैं। इसमें स्वास्थ्य से जुड़े जोखिमों के बारे में जानकारी का प्रसार अलग-अलग रंगों में आसान पहचान वाले प्रारूप के माध्यम से किया जाता है। प्रत्येक रंग सूची के एक स्तर को दर्शाया जाता है। इसमें छह स्तर अच्छा, संतोषजनक, मामूली प्रदूषित, कम, बहुत कम और गंभीर शामिल किए जाते हैं।
19 मार्च 2015 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अप्रैल 2015 में राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूची जारी करने की घोषणा की है। इस सूची के जारी होने के बाद दस लाख से अधिक आबादी वाले 66 शहरों में प्रदूषण निगरानी स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में इस प्रकार के 46 स्टेशन हैं, जिनमें 16 शहरों में लगातार निगरानी करने की क्षमता है। लोगों को प्रकृति की हकीकत और शहरों की हवा की गुणवत्ता के बारे में जागरूक करने की दिशा में इस सूची का जारी होना एक महत्वपूर्ण पहल होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को सीमा से अधिक बताया गया है।