सामान्य ज्ञान
श्री यंत्र या श्री चक्र एक अद्भुत, रहस्यमय, सिद्धिप्रद, निश्चित प्रभाव उत्पन्न करने वाला यंत्र है। यह रेखागणित की एक जटिल आकृति है।
माना जाता है कि श्री यंत्र की स्थापना और पूजा से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। इस यंत्र की अधिष्ठात्री भगवती त्रिपुरा सुंदरी देवी हैं। यह सभी यंत्रो में शिरोमणि है और इसे यंत्रराज कहा जाता है। श्री विद्या के गूढ़ रहस्य को समझने के लिए शंकराचार्य विरचित सौंदर्य लहरी आदि ग्रंथ हैं। श्री यंत्र को सिद्ध करने के लिए वैशाख, जेठ, कार्तिक, और माघ, ये चार महीने उत्तम हैं। तिरुपति बाला जी, श्री नाथ जी, पशुपतिनाथ, रामेश्वर आदि मंदिरों की समृद्धि और वैभव के मूल में श्री यंत्र की प्रतिष्ठा है। नवरात्रि, धनतेरस के दिन श्रीयंत्र का पूजन करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।
चंद्रमा पर सबसे पहला अंतरिक्ष अभियान कब पहुंचा था
नौ दिसंबर 1959 को पहली बार सोवियत संघ का लूना द्वितीय अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर उतरा था। सोवियत संघ ने चंद्रमा की जानकारी जुटाने के उद्देश्य से लूना कार्यक्रम शुरू किया था जो 1959 से 1976 तक चला और इस दौरान 24 अंतरिक्ष मिशन भेजे गए, लेकिन चंद्रमा पर मानव ने पहला कदम रखा 20 जुलाई 1969 को जब अमेरिका ने नील आर्मस्ट्रांग, माइकिल कॉलिनस और ऐडविन ऑल्ड्रिन को अपोलो 11 अंतरिक्ष यान से चंद्रमा भेजा।