सामान्य ज्ञान
भारतीय नौसेना ने तीन फौरी सहायता जलपोतों (Immediate Support Vessels,, आईएसवी)-आईएसवी टी-38, आईएसवी टी-39, आईएसवी टी-40 की दूसरी खेप का आंध्र प्रदेश के विशाखपत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड पर 24 मार्च 2015 को जलावतरण किया। इसे मिलाकर अब विशाखपत्तनम में 84 फौरी सहायता जहाज हो गए हैं। तीनों फौरी सहायता पोत (आईएसवी) भारी मशीनगनों से लैस हैं और इनमें अत्याधुनिक राडार और नेवीगेशन उपकरण भी लगे हुए हैं।
तीन फौरी सहायता जलपोतों में से दो को रॉडमैन स्पेन ने बनाया है, जबकि एक का निर्माण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबुधाबी शिप बिल्डर्स (एडीएसबी) ने किया।
यह परियोजना तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग लिमिटेड, शिप बिल्डर्स और भारतीय नौसेना का संयुक्त प्रयास है। आईएसवी परियोजना के तहत भारतीय तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने नौसेना के लिए 23 आईएसवी की खरीद के लिए फंड प्रदान किया है। जिनमें से 14 का निर्माण मुंबई के एसएचएम शिपकेयर द्वारा किया गया है।
आईएसवी भारतीय नौसेना के हल्के निगरानी पोत हैं, जिसे विषम से विषम परिस्थितियों में कमांडो को लाने ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है। पोत दिन तथा रात दोनों समय में निगरानी करने में सक्षम हैं और सैन्य अभियान के लिए भारतीय नौसेना के कमांडो को लाने-ले जाने में सक्षम हैं। यह पोत तटीय युद्ध तथा रक्षा संचालन खासकर आतंकवादी प्रयासों के खिलाफ उपयुक्त हैं।