अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार में शनिवार को 'आर्म्ड फोर्सेज़ डे' के मौके पर सेना की चेतावनी के बावजूद सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों में 90 से अधिक लोग गोलियां लगने की वजह से मारे गए, लेकिन इसके बावजूद सैन्य प्रमुख मिन आंग लाइंग और उनके जनरलों ने रात में भव्य पार्टी की.
कुछ ख़बरों में कहा गया है कि रविवार सुबह जब मृतकों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, सेना ने उसमें दख़ल देने की कोशिश की.
शनिवार को सेना के दमन के बावजूद रविवार को विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला थमा नहीं है.
म्यांमार में इस साल फरवरी में सैन्य तख़्तापलट के बाद शनिवार 27 मार्च का दिन प्रदर्शनकारियों के लिए सबसे अधिक हिंसक साबित हुआ. फरवरी से अब तक प्रदर्शन के दौरान 400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
रविवार को कई देशों के रक्षा प्रमुखों ने एक संयुक्त बयान जारी करके म्यांमार की हिंसक सैन्य कार्रवाई की भर्त्सना की है.
इस बयान में कहा गया है कि "कोई भी पेशेवर फौज आचरण के मामले में अतंरराष्ट्रीय मानकों का पालन करती है और उसकी ज़िम्मेदारी अपने देश के लोगों को नुकसान पहुंचाने की नहीं बल्कि बचाने की होती है."
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेश ने कहा है कि म्यांमार में हुई हिंसा से उन्हें 'गहरा सदमा' लगा है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने इसे 'गिरावट का नया स्तर' बताया है.
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रूस ने इस सिलसिले में एक अंतराष्ट्रीय आपात सम्मेलन बुलाने की मांग की है.
म्यांमार की आलोचना करने वाले देशों में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं, लेकिन चीन और रूस म्यांमार की आलोचना में शामिल नहीं हुए हैं. (bbc.com)