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ढाका, 31 मार्च | बांग्लादेश में हिंदू धर्म मानने वाले दलित समुदाय ने रंगों के त्योहार होली को भारी उत्साह और उमंग के साथ मनाया। हालांकि यहां होली एक दिन बाद मंगलवार को मनाई गई क्योंकि देश में मुसलमानों ने सोमवार को 'शब-ए-बारात' मनाई थी।
बता दें कि बांग्लादेश में दलितों को आधिकारिक तौर पर 'हरिजन' कहा जाता है। होली सेलिब्रेशन के दौरान लोगों को 'रंग बरसे भीगे चुनरवाली' जैसे लोकप्रिय हिंदी गानों की धुनों पर नाचते-गाते हुए देखा गया। वहीं रंग-गुलाल लगाए महिलाओं ने इस उत्सव को दूर से ही देखा।
इस मौके पर हरिजन समुदाय की एक बुजुर्ग महिला वसंती रानी ने कहा कि होली के दौरान वे भी लोकप्रिय हिंदी गीतों की धुन पर नाचती थीं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा, "कोविड-19 महामारी के दौरान हमें सरकार द्वारा जारी किए गए सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए। ऐसे में मास्क लगाकर डांस का मजा कैसे लिया जा सकता है?"
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता नूरजहां खान ने आईएएनएस को बताया, "मुस्लिमों के लिए हरिजनों ने अपने उत्सव को मनाने में एक दिन की देरी की। मुझे उम्मीद है कि सांप्रदायिक सौहार्द के सुनहरे दिन जल्द ही आएंगे, जब बाकी लोग भी होली के मौके पर खुशी के इन पलों के साझीदार बनेंगे।"
उन्होंने कहा कि 2021 में भी हरिजनों के साथ होली मनाने के लिए कोई भी यहां नहीं है, क्योंकि 'अछूत' कहा जाता है। खान पिछले 46 सालों से हरिजनों के करीब ही रह रहे हैं। इस बीच, चटगांव में भी हरिजनों ने होली मनाई। (आईएएनएस)