सामान्य ज्ञान
चिकोरी एक प्रकार का फल है, जिसका आकार मूली जैसा होता है। एक नकदी फसल के रूप में इसका चलन भारत में तेजी के साथ बढ़ रहा है। कॉफी में सुगंध, रंग और गाढापन लाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। कुछ देशों में सलाद के रूप में भी प्रयोग होता है। दक्षिण भारत में तो लोग रोस्ट एंड ग्राउंड (भुनी-पिसी) कॉफी के रूप में इसकी क्यूब्स का प्रयोग करते हैं।
दिखने में मूली जैसी चिकोरी आम फसलों की तरह ही उगाई जाती है। इसकी जड़ सुखाकर, भूनकर पाउडर बनाते हैं। चिकोरी की खेती में लागत भी कम है। कोई रोग भी नहीं लगता। एक एकड़ में 250 कुंतल पैदावार। 270 रुपये कुंतल बिकती है। एक एकड़ में लागत 9 हजार रुपये आती है। चिकोरी का बीज हालैंड और फ्रांस से बंगलुरू की एजेंसी के जरिए मंगाया जाता है। एक एकड़ में 100 ग्राम बीज बोया जाता है। इसकी कीमत ढाई हजार रुपये प्रति किलोग्राम होती है।
चिकोरी का इतिहास करीब एक हजार साल पुराना है। मिस्त्र में नील नदी के किनारे इसका उत्पादन शुरू हुआ था। वहां इसका इस्तेमाल हृदय रोग के इलाज में किया जाता था।