सामान्य ज्ञान
ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय, भारत का एक प्राचीन विश्वविद्यालय था। यह बिहार शरीफ में स्थित है। इसकी स्थापना पाल वंश के प्रथम शासक गोपाल ने की थी। ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय तंत्र विद्या की शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। ओदन्तपुरी विश्वविद्यालय के प्रमुख विद्वान थे - महारक्षित और शील रक्षित।
ओदंतपुरी वर्तमान बिहार का प्राचीन नाम है। बिहार में स्थित ओदंतपुरी को उदंतपुरी या उद्दंडपुर भी कहते हैं। इसकी प्रसिद्धि का कारण था, यहां का बौद्ध विहार और तत्संबद्ध महाविद्यालय। आठवीं सदी के मध्य में बंगाल और बिहार में पाल वंश के संस्थापक गोपाल (730-740 ई.) ने यहां एक महाविहार की स्थापना की थी। अनुवर्ती पाल राजाओं ने इस विहार तथा महाविद्यालय को अनेक दान दिए थे। यह एक महत्वपूर्ण विद्या केन्द्र बन गया था।
ओदंतपुरी की समृद्धि काल में यहां एक हज़ार विद्यार्थी शिक्षा पाते थे। दूर-दूर से विद्यार्थीगण शिक्षा पाने के लिए यहां रहते थे। यहां का सर्वप्रथम विद्यार्थी दीपंकर था, जो बाद में विक्रमशिला महाविद्यालय का प्रधान आचार्य बना और जिसने तिब्बत जाकर वहां लामा संस्था की स्थापना की। 13वीं शती के प्रारंभ में मुस्लिमों के बिहार पर आक्रमण के समय यहां का विहार और विद्यालय नष्ट हो गए। बिहार-बंगाल में ओदंतपुरी के लगभग समकालीन अन्य महाविद्यालय नालंदा , विक्रमपुर, विक्रमशिला, जगद्दल और ताम्रलिप्ति में थे।