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रायपुर, 6 अप्रैल। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोषी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए पत्र में ई-कॉमर्स व्यापार एफडीआई नीति के प्रेस नोट नंबर 2 के प्रावधानों को बेहद साफ तरीके से स्पष्ट करते हुए नए प्रेस नोट के जल्द जारी करने की मांग की है जिससे विदेशी धन से पोषित ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी और व्यापारिक कुप्रथाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि श्री गोयल को भेजे पत्र में ई कॉमर्स पोर्टल की किसी भी कम्पनी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष इक्विटी भागीदारी या आर्थिक हित हो बाजार पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। सभी स्टेक होल्डर्स के लिए ई कॉमर्स को समान प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र, खाद्य पदार्थों में इन्वेंट्री आधारित ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा मल्टी ब्रांड रिटेल के जरिये खाद्य सामग्री बेचना आदि को प्रेस नोट 2 में स्पष्ट करने की मांग की है।
कैट सी.जी. चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने बताया कि ई-कॉमर्स का दायरा स्पष्ट रूप से सभी प्रकार की सेवाओं जैसे यात्रा, एयर बुकिंग, कैब सेवाओं, ऑनलाइन खाद्य वितरण या ऑनलाइन मोड के माध्यम से तथा किसी भी प्रकार से वस्तुओं या सेवाओं की ऑनलाइन आपूर्ति को ई कॉमर्स के दायरे में रखा जाना स्पस्ष्ट किया जाए । देश भर में सैकड़ों विदेशी वित्त पोषित कंपनियां सामान और सेवाएं ऑनलाइन के जरोये प्रदान कर रही हैं लेकिन क्योंकि उनका कोई लेखा जोखा सरकार के पास नहीं हैं इसलिए वो अब तक अब तक ई-कॉमर्स नीति के दायरे से बाहर हैंऔर ई कॉमर्स व्यापार को विषाक्त कर रही हैं।