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आईपीएल क्या कोरोना की दूसरी लहर में 'टाइम बम' है
08-Apr-2021 3:18 PM
आईपीएल क्या कोरोना की दूसरी लहर में 'टाइम बम' है

भारत में कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर है और इस बीच क्रिकेट की दुनिया का सबसे रंगारंग टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग यानि आईपीएल 2021 का शेड्यूल तैयार है.

शुक्रवार से आईपीएल का आगाज़ होगा जिसमें आठ टीमें देश भर के अलग-अलग स्टेडियम में 60 मैच खेलेंगी. टूर्नामेंट का फ़ाइनल 30 मई को खेला जाएगा.

ये मैच दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और कोलकाता में खेले जाएंगे. ये वो शहर हैं जहां कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं.

भारत में 1 लाख 65 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है और 1 करोड़ 2 लाख से ज़्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. अप्रैल में औसतन 90 हज़ार नए मामले रोज़ाना सामने आ रहे हैं. इस दूसरी लहर के इतना बढ़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह कड़े नियमों में दी जाने वाली ढील को माना जा रहा है.

आईपीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि उन्हें पूरा यक़ीन है कि आईपीएल का 14वां संस्करण 'बिना किसी परेशानी' के आयोजित होगा.

बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा है कि एक सुरक्षित बायो-बबल खिलाड़ियों और टूर्नामेंट से जुड़े सभी लोगों के लिए तैयार किया गया है. इन लोगों का कोरोना टेस्ट भी किया जा रहा है.

टूर्नामेंट से पहले ही खिलाड़ी हुए संक्रमित

लेकिन इस बात को लेकर सभी इतने आश्वस्त नहीं हैं.

इस टूर्नामेंट की शुरूआत से पहले ही चार खिलाड़ी और एक टीम के कंसल्टेंट कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है.

बेंगलुरु की टीम के ओपनिंग बल्लेबाज़ देवदत्त पडिक्कल इस वक़्त अपने दिल्ली स्थित घर पर क्वारंटीन हैं. दिल्ली कैपिटल के स्पिनर गेंदबाज़ अक्षर पटेल और कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाड़ी नीतिश राना भी कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.

इसके अलावा पूर्व विकेटकीपर और मुंबई टीम के कंसल्टेंट किरण मोरे भी कोरोना से संक्रमित हुए हैं. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक़ ' किरण बॉयो-बबल में संक्रमित हुए हैं और यह इस तरह का पहला मामला बताया जा रहा है. '

वहीं बुधवार को चेन्नई पहुंचे बेंगलुरु चैलेंजर्स के लिए खेलने वाले आस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर डेनियल सैम्स भी कोरोना पॉज़िटिव पाए गए, वह संक्रमित हुए पहले विदेशी खिलाड़ी हैं.

मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम इस टूर्नामेंट के 10 मैचों की मेज़बानी करेगा और यहां के दस ग्राउंड स्टाफ़ के लोग भी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं.

आईपीएल एक टाइम बम की तरह हो सकता है?

आठ टीमों में से पांच टीमें इस वक़्त मुंबई के अलग-अलग मैदानों में रह रही हैं और प्रशिक्षण ले रही हैं. लेकिन सबसे अहम बात ये कि मुंबई, भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से सबसे बुरी तरह प्रभावित शहर है.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने ''आईपीएल पर मंडराते कोविड के काले बादल '' शीर्षक के साथ एक रिपोर्ट छापी और कुछ बेहद गंभीर सवाल उठाए. मसलन -

जब स्टेडियम में दर्शकों को आने की मनाही है तो मैच छह शहरों में क्यों खेला जा रहा है?

क्यों बोर्ड ने इस बार भी बीते साल की तरह टूर्नामेंट का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात में नहीं किया?

क्या इस बार आईपीएल एक टाइम बम की तरह हो सकता है?

कहा जा रहा है कि टीम एक सुरक्षित माहौल में रह रही हैं. वह ख़ुद के लिए तैयार किए गए सुरक्षा कवच के बाहर के लोगों के संपर्क में नहीं हैं.

क्रिकेट बोर्ड ने 'बबल इंटिग्रिटी मैनेजर' यानी इस तरह के बबल बनाने वाले जानकार हर टीम के लिए नियुक्त किए हैं. मुंबई में हर 'स्टेडियम स्टाफ़ का हर दो दिन बाद कोविड-19 टेस्ट किया जा रहा है.'

हालांकि कई लोगों का मानना है कि ऐसे बबल की सुरक्षा को बनाए रख पाना आसान नहीं होगा.

बायो-बबल को सुरक्षित रखना कितना बड़ा चैलेंज

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट कहती हैं कि आठ टीम के 200 खिलाड़ी इस बबल में रह रहे हैं. इसके बाद सैकड़ों सपोर्टिंग स्टाफ़, टीम प्रबंधन स्टाफ़, कमेंटेटर, ब्रॉडकास्ट के लिए टीम, ग्राउंड पर सहायता के लिए स्टाफ़ , कैटरिंग स्टाफ़ इस बबल का हिस्सा हैं.

अकेले आईपीएल का प्रसारण करने वाले चैनल स्टार स्पोर्ट्स के ही 700 स्टाफ़ हैं. 100 कमेंटेटर हैं. ये सभी आठ अलग-अलग बबल में रह रहे हैं.

आईपीएल के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बीबीसी से कहा, ''अधिकारियों ने एक बड़ा रिस्क लिया है एक भी सुरक्षा बबल का कवच टूटता है जो इससे पूरे टूर्नामेंट को बड़ा नुकसान होगा. ''

पूर्व भारतीय कप्तान और वर्तमान क्रिकेट बोर्ड प्रमुख सौरव गांगुली ये कह चुके है कि ''बीते साल यूएई में हुए आईपीएल ने ये साबित कर दिया कि अगर बबल में सबकुछ ठीक रहे तो चीज़ें काबू में रहती हैं. ''

लेकिन भारत में ऐसे बबल की सुरक्षा, जहाँ खिलाड़ियों के साथ स्टार सेलिब्रिटी जैसा बर्ताव होता है, वहाँ ये इतना आसान नहीं होगा.

जब बीते गर्मियों में आईपीएल को यूएई में आयोजित किया गया था तो भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण मौजूदा हालात से काफ़ी कम था. वहीं मैच सिर्फ़ तीन शहरों दुबई, अबू धाबी, शारजाह में खेले गए थे. सबसे अहम बात कि उस वक़्त तरह किसी भी तरह का हवाई सफ़र नहीं किया गया था,जो इस बार होगा.

ये सच है कि अगर अब टूर्नामेंट को रद्दा किया जाता है तो इससे बोर्ड को बड़ा नुकसान होगा. एक अनुमान के मुताबिक़ बीते साल भी जब आईपीएल टाला गया था तो अकेले मीडिया अनुबंध के मामले में बोर्ड का 500 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.

जाने-माने खेल पत्रकार सुरेश मेनन ने बीबीसी से बातचीत में कहा, ''ये सही है कि इस टूर्नामेंट में बहुत पैसे लगते हैं और साथ ही आईपीएल काफ़ी पैसा घरेलू क्रिकेट के लिए भी लेकर आता है. लेकिन मैं व्यक्तिगत तौर पर ये मानता हूं कि इस बार टूर्नामेंट नहीं खेला जाना चाहिए. ''

वह कहते हैं कि 'अगर बबल में बड़े पैमाने पर संक्रमण का पता चलता है तो वैसे भी टूर्नामेंट रद्द करना पड़ेगा. वैसे भी भारतीय क्रिकेट टीम का कैलेंडर मैचों से भरा पड़ा है. अब से लेकर साल 2022 के आईपीएल के बीच भारतीय टीम को 14 टेस्ट, 12 वनडे और 22 टी-20 मैच खेलने हैं. जिन मैच की बात कर रहा हूं वो अक्टूबर में खेले जाने वाले विश्व ट्वेंटी20 के अलावा हैं'.

मेनन कहते हैं, ''सुनियोजित बबल, खिलाड़ियों के अनुशासन और किस्मत के तालमेल से भारत ने साल 2020 में बिना किसी नुक़सान के मैच खेला है. किसी के हताहत होने का या मानसिक तौर पर परेशान होने की कोई बात सामने नहीं आई लेकिन खिलाड़ियों पर ऐसे माहौल में खेलते रहने का दबाव और नहीं बढ़ाना चाहिए.''

वो कहते हैं - ''बीते साल हम भाग्यशाली रहे हैं. '' (bbc.com)

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