अंतरराष्ट्रीय
साल 2020 की शुरुआत में चीन के वुहान से कोरोना महामारी दुनियाभर में फैली, लेकिन अब एक बार फिर चीन में कोरोना महामारी ने रफ्तार पकड़ ली है. चाइना रजिस्ट्रेशन सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस महामारी के चलते मौत के डर से ज्यादातर चीनी नौजवान वसीयत लिखने लगे हैं. इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि अब पहले से ज्यादा चीनी लोग अपनी वसीयत तैयार कर रहे हैं.
खबर के मुताबिक, चीन में 1990 के बाद पैदा होने वालों के वसीयत लिखने की संख्या 2019 से 2020 के बीच काफी बढ़ी है, जो पिछले सालों के मुकाबले 60 प्रतिशत ज्यादा है. विदेशों में रहने वाले चीनी लोग भी ज्यादा तादाद में अपनी संपत्ति को लेकर रजिस्ट्रेशन सेंटर से सलाह कर रहे हैं . यहां पूछताछ करने वालों की संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ है. चीन के 80 प्रतिशत से ज्यादा नौजवान अपनी बचत को लेकर वसीयत तैयार करते हैं. जिनमें से तकरीबन 70 प्रतिशत अचल संपत्ति की वसीयत तैयार करते हैं.
2013 में शुरू हुआ रजिस्ट्रेशन सेंटर
चीन में वसीयत रजिस्ट्रेशन सेंटर साल 2013 में शुरू हुआ था. अलग अलग शहरों में इसकी 11 ब्रांच और 60 सर्विस पोस्ट हैं. 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को मुफ्त सेवाएं दी जाती हैं . वहीं शिन्हुआ की एक खबर है कि एक 18 साल की छात्रा शियाओहोंग फ्रेशमैन 20,000 युआन यानि 3,000 डॉलर के साथ एक वसीयत तैयार करने के लिए शंघाई ब्रांच में गई थी. छात्रा का कहना था कि वसीयत लिखना जीवन का अंत नहीं है, वो अभी से जीवन को ज्यादा गंभीरता से ले रही है. यह एक नई शुरुआत है.
कोरोना महामारी का खौफ बढ़ा
फ्रेशमैन ने बताया कि वो अपनी बचत एक दोस्त को देना चाहती है, जिसने मुश्किल वक्त में उसकी मदद की थी. यांग यिंगी, ग्वांगडोंग में चाइना विल ऑर्गनाइजेशन के निदेशक हैं, उनका कहना है कि ‘चीन के बहुत से नौजवानों में कोरोना महामारी का खौफ है . युवा सोच रहे हैं कि अगर वो मर जाते हैं और उनके माता-पिता और बच्चों की देखभाल कौन करेगा? उनकी प्रॉपर्टी का क्या होगा?’ चीन का कानून कहता है कि 18 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी शख्स अपनी वसीयत लिख सकता है. (tv9hindi.com)