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छह दिन में तीन गुना रफ्तार, कोरोना के 900 नये केस, नये बेड़, नये विद्युत शवदाह गृह की तैयारी
11-Apr-2021 11:11 AM
छह दिन में तीन गुना रफ्तार, कोरोना के 900 नये केस, नये बेड़, नये विद्युत शवदाह गृह की तैयारी

चार निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना से मुफ्त होगा कोविड का इलाज

बिलासपुर 11 अप्रैल। कोरोना संक्रमण की हालत बिलासपुर में भी बेकाबू होती जा रही है। बीते 24 घंटे में फिर 900 नये मरीज मिले हैं। यह संख्या 6 दिन पहले के मुकाबले तीन गुना से अधिक है। इस दौरान 8 मरीजों की मौत हो गई। इधर जिला अस्पताल में 120 बिस्तर और बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में पहली बार एक अस्पताल को सिर्फ कोरोना पीड़ित बच्चों के लिये तैयार कर दिया गया है। मुक्तिधाम में शव दाह में आ रही दिक्कत को देखते हुए दो विद्युत शव दाह यूनिट स्थापित किये जा रहे हैं।

जिले में संक्रमण के फैलाव के कारण लगातार इस स्थिति बिगड़ती जा रही है। शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस खतरा बढ़ता जा रहा है। शहर के गोंडपारा, वसंत विहार, विनोबा नगर, कश्यप कॉलोनी, जूनी लाइन, इमली पारा, गंगा नगर, सरकंडा, नेहरू नगर, सिंधी कॉलोनी, रोहणी विहार, देवनगर, पुराना बस स्टैंड. गीतांजली सिटी, निराला नगर, गुलाब नगर, मिशन अस्पताल, शांतिनगर, क्रांति नगर, साईं विहार, मुंगेली नाका, विजयापुरम, व्यापार विहार, महाराणा प्रताप चौक, सदर बाजार, रेलवे, इंदिरा विहार, प्रियदर्शिनी नगर सहित शहर से लगे बोदरी, मोपका, चिल्हाटी हाउसिंग बोर्ड,  तोरवा धान मंडी, हिर्री माइंस, बरतोरी, नेवारी, रामा लाइफ सिटी, देवरीखुर्द व चकरभाठा इलाकों में मरीजों का पता चला है। कई मोहल्ले ऐसे हैं जिनमें एक साथ दर्जनभर मामले सामने आये हैं। मस्तूरी तहसील के एरमसाही गांव में पिछले 3 दिन के भीतर 100 से अधिक कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मल्हार नगर पंचायत इलाके में भी 100 से ज्यादा मरीज पिछले चार-पांच दिनों के भीतर मिल चुके हैं। और हर दिन यहां पर 20-25 नये मरीज मिल रहे हैं। शनिवार को नेवारी और मस्तूरी तहसील के जैतपुर गांव में ही एक-एक दर्जन नए मरीज मिले।

शनिवार शाम जारी रिपोर्ट में 897 नए मरीज हैं। इसके पहले 9 अप्रैल को 689,  8 अप्रैल को 594,  7 अप्रैल को 592,  6 अप्रैल को 545,  5अप्रैल को 492, 4 अप्रैल को 283 तथा  3 अप्रैल को 337 मरीज मिले थे। इस महीने सिर्फ 2 दिन 300 से कम मरीज मिले और लगातार हर दिन आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। छह दिनों में रोजाना मिलने वाले संक्रमितों की संख्या तीन गुना बढ़ चुकी है। संक्रमण के इस गति से बढ़ने से लोगों में भय का माहौल है।

चार प्राइवेट अस्पतालों में होगा आयुष्मान से उपचार

सरकारी अस्पतालों में करुणा मरीजों की भारी भीड़ और निजी अस्पतालों में मनमानी फीस के चलते गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को इलाज में आ रही परेशानी है। इसे देखते हुए जिले के 4 अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज किया जाएगा। इनमें राजकिशोर नगर स्थिति स्काई हॉस्पिटल, रिंग रोड नंबर 2 स्थित आरबी हॉस्पिटल, बहतराई रोड स्थित प्रथम हॉस्पिटल और नेहरू नगर स्थित श्रीराम केयर सेंटर है।

यहां भर्ती होने वाले मरीजों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से इलाज किया जाएगा, जिसमें वेंटिलेटर के साथ 9000 रुपये प्रतिदिन आईसीयू के 7000 रुपये प्रतिदिन और जनरल वार्ड के 5000 रुपये प्रतिदिन अस्पताल को भुगतान किया जाएगा। जिन मरीजों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है उनका इलाज आधार कार्ड व राशन कार्ड से पंजीयन करके किया जायेगा।

नजदीकी मुंगेली जिले से भी कोरोना संक्रमण चिंताजनक है। यहां पर शनिवार को 198 में मरीज मिले, जिनमें मुंगेली शहर के विभिन्न वार्डों के 99 संक्रमित शामिल हैं। जिले के कराही दफाई ग्राम के एक ही परिवार के 16 लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं। जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा अभी तक शुरू नहीं हो सकी है इसलिए एंटिजन टेस्ट और ट्रू नॉट टेस्ट के जरिए ही मरीजों की पहचान की जा रही है।

गौरेला पेन्ड्रा मरवाही जिले के मरवाही में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले आने के बावजूद यहां एक भी कोविड केयर सेंटर नहीं बनाया गया है। लोगों को 50 किलोमीटर दूर टीकर कला कोविड सेंटर में भेजा जा रहा है। एसडीएम रवि सिंह और विधायक के के ध्रुव ने बताया कि यहां पर कोविड सेंटर स्थापित करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।

लॉकडाउन के आसार

अब तक प्रदेश के 11 जिलों में लॉकडाउन लगाया जा चुका है। बिलासपुर पांचवा सर्वाधिक कोरोना संक्रमित जिला है। लगातार मामले बढ़ने के कारण यहां पर भी लॉकडाउन लगाने की मांग उठने लगी है। विधायक शैलेष पांडे ने इस सम्बन्ध में पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा की। इस पर उन्होंने कहा कि परिस्थितियों को देखकर कलेक्टर इस पर फैसला लेंगे। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने पांडे से कहा है कि प्रशासन की परिस्थितियों पर नजर है। आवश्यक होते ही लॉकडाउन लगाया जायेगा।

बिस्तरों का संकट गहराया, वेंटिलेटर बेड फुल

जिले में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वेंटिलेटर बेड पूरी तरह फुल चल रहे हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर यहां 780 बेड हैं, जिनमें से सिर्फ 90 बेड खाली रह गये हैं। जिस तेजी से नये मरीज सामने आ रहे हैं, इनके भी एक दिन में भर जाने का अनुमान है। इसके चलते संभागीय कोविड अस्पताल में 120 नये बेड स्थापित करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस समय जिस तरह के मरीज आ रहे हैं उन्हें आक्सीजन बेड की ही आवश्यकता अधिक पड़ रही है। निजी अस्पतालों में एक दो ही ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं।  

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