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वेदांता के वेस्ट टू वेल्थ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ और ओडि़शा के स्थानीय एमएसएमई को प्रोत्साहन
11-Apr-2021 5:44 PM
 वेदांता के वेस्ट टू वेल्थ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ और ओडि़शा के स्थानीय एमएसएमई को प्रोत्साहन

रायपुर, 11 अप्रैल। वेदांता लिमिटेड एल्यूमिनियम बिजनेस के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल शर्मा ने बताया कि भारत में एल्यूमिनियम एवं मूल्य सवंर्धित उत्पादों की सबसे बड़ी उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम एंड पावर बिजनेस देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को अपने नवाचार ‘वेस्टटूवेल्थ’ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोत्साहित कर रही है। वेस्टटूवेल्थ परियोजना वेदांता के सस्टेनेबिलिटी एजेंडा का महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। यह एजेंडा ‘शून्य क्षति, शून्य अपशिष्ट एवं शून्य उत्सर्जन’नीति पर आधारित है।ओडीशा के लांजीगढ़ में विश्वस्तरीय एल्यूमिना रिफाइनरी, ओडीशा के हीझारसुगड़ा एवं छत्तीसगढ़ के कोरबा में स्टेट ऑफ द आर्ट एल्यूमिनियम स्मेल्टर के साथ कंपनी देश के कुछ आकांक्षी जिलों में सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में उत्कृष्ट योगदान दे रही है।

श्री शर्मा ने बताया कि स्थानीय सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देने की दिशा में वेदांता की ऐसी ही नई पहल है फ्लाई ऐश से ईंट बनाना।कंपनी अपने प्रचालन क्षेत्रों के आसपास व दूरस्थ अंचलों में स्थित ईंट बनाने वाली सैकड़ों एमएसएमई को सालाना करीब 5 लाख टन फ्लाई ऐश की नि:शुल्क आपूर्ति कर रही है।तकनीकी संस्थानों के साथ मिल कर कंपनी ऐसी ईंटें बनाने के लिए प्रशिक्षण दे रही है, जिससे रोजगार सृजित हो रहे हैं और एक-दूसरे पर आश्रित वृत्ताकार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है। परियोजना से गांव के ऐसे वंचित तब कोंको फायदा हो रहा है जो इस के नहीं होने पर पशुपालन, अल्प खेती या अन्य राज्यों में पलायन कर विभिन्न निर्माण कार्यों में मजदूरी करते हुए अपनी आजीविका प्राप्त करते। ओडिशा राज्य के कालाहांडी जिला स्थित लांजीगढ में कंपनी की एल्यूमिना रिफाइनरी में बनने वाली 90 प्रतिशत से ज्यादा फ्लाई ऐश का इस्तेमाल ईंट बनाने में हो रहा है।

श्री शर्मा ने बताया कि वेदांता में हम स्मार्टइनोवेशन, बेस्ट-इन क्लास टेक्नोलॉजी और वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाते हुए राष्ट्र के लिए मूल्य निर्माण करते हैं।हमारी सभी गतिविधियां और कारोबारी फैसले मजबूत तथा निरंतर जारी रहने वाले विकास के एजेंडे से संचालित होते हैं।हम अपने सभी प्रचालन क्षेत्रों में एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस बात को समझते हैं कि महामारी के कारण बहुत से श्रमिक शहरों से अपने गांव लौट आए हैं।इन दूर दराज के क्षेत्रों में उन्हें बेहतर आजीविका की तलाश है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हमारे सभी कारखानों में अपशिष्ट प्रबंधन की बेहतरीन व्यवस्था है। यहां ‘रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल’ के सिद्धांत को वैज्ञानिक तरीके से अपनाया जाता है जिससे स्थानीय उद्यमियों एवं लोगों के लिए अवसर बनते हैं।

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