खेल
संजू सैमसन, इमेज स्रोत,BCCI/IPL
दोनों ही टीमें टूर्नामेंट में अपना पहला मुक़ाबला खेल रही थीं. दोनों के कप्तान टीम के विकेटकीपर हैं, ओपनर भी हैं... और दोनों ने इस मुक़ाबले में कप्तानी पारी भी खेली.
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पहले अपनी टीम के 221 रन बनाने में केएल राहुल ने 91 रनों की शानदार पारी खेली और 20वें ओवर में आउट हुए. राहुल 182 के स्ट्राइक रेट से खेले.
जब बारी संजू सैमसन की आई तो उनके बल्ले से 188.88 के स्ट्राइक रेट से 119 रन निकले और वो भी 20वें ओवर में आउट हुए.
दोनों ने जीत के लिए वो सब कुछ किया जो एक कप्तान को करना चाहिए. लेकिन हार कर भी प्रशंसकों के दिल जीत गए मैन ऑफ़ द मैच, लेट्स क्रैक इट सिक्स, मोस्ट वैल्युएबल असेट ऑफ़ द मैच और ड्रीम इलेवन गेमचेंजर ऑफ़ द मैच बने संजू सैमसन.
संजू सैमसन न केवल इस सीज़न में शतक बनाने वाले पहले प्लेयर बने बल्कि बतौर कप्तान अपनी पहली ही पारी में सेंचुरी बनाने का रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम दर्ज़ किया.
केएल राहुल ने भी एक बेहतरीन कप्तानी पारी खेली और पंजाब की टीम मैच भी जीती लेकिन संजू सैमसन मैच में इस कदर छाए रहे कि जानकार उनकी तारीफ़ों के पुल बांधते नहीं थक रहे थे.
हर्षा भोगले ने ट्विटर पर लिखा, "संजू सैमसन के 25 रन एक राग की तरह होते हैं, जबकि उनका शतक एक संगीत है. प्रतिभाशाली क्रिकेटर्स में से एक को अपने लय में देखना संपूर्ण आनंद है."
टीम डायरेक्टर संगकारा ने किया संजू का बचाव
भले ही संजू की खेली गई शतकीय पारी की सभी तारीफ़ कर रहे हैं लेकिन कुछ लोगों ने अंतिम ओवर की पाँचवी गेंद पर सिंगल न लेने पर उनकी आलोचना भी की. हालाँकि उनके इस फ़ैसले के बारे में पूछे गए सवाल पर कोच कुमार संगकारा ने संजू का बचाव किया और कहा कि उन्हें ज़िम्मेदारी लेते देख कर अच्छा लगा.
मैच के बाद प्रेस ब्रीफिंग में पूछे गए इस सवाल पर संगकारा ने कहा कि, "संजू आखिरी गेंद पर छक्का लगाने से 5-6 गज़ से ही चूके. कभी कभी आप जब गेंद को अच्छी तरह हिट कर रहे होते हैं और खुद पर यह विश्वास हो कि आप ऐसा कर सकते हैं तो आपको यह ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए. संजू को ऐसा करते हुए देखना हौसला बढ़ाने वाला था. हम नहीं ले सके गए सिंग्लस के बारे हमेशा बात करते हैं लेकिन मेरे लिए यहाँ खिलाड़ी का विश्वास, उसका दृष्टिकोण और उसकी प्रतिबद्धता है."
रिकॉर्ड तोड़ पारी
यह संजू सैमसन के आईपीएल करियर का सबसे बड़ा स्कोर भी है.
यह संजू का आईपीएल में तीसरा शतक है. अपनी शतकीय पारी की बदौलत वे आईपीएल के उन क्रिकेटर्स के क्लब में शामिल हो गए हैं जिन्होंने तीन या उससे अधिक शतक बनाए हैं.
सर्वाधिक शतक बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में संजू दिग्गज एबी डिविलियर्स के साथ चौथे पायदान पर हैं. तीसरे स्थान पर चार शतकों के साथ शेन वाटसन और डेविड वार्नर हैं. तो विराट कोहली पाँच शतकों की बदौलत इस सूची में दूसरे जबकि छह शतकों के साथ क्रिस गेल इसमें शीर्ष पर मौजूद हैं.
नतीज़ा भले ही पंजाब के पक्ष में गया, यह 2020 के सीज़न में खेले गए उस 9वें मैच की यादें ताज़ा करा गया जिसमें सोमवार की तरह ही टॉस जीत कर संजू सैमसन ने केएल राहुल की पंजाब को बैटिंग के लिए बुलाया था.
पंजाब ने दो विकेट पर 223 रन बनाए थे. फिर जब राजस्थान बैटिंग करने उतरा तो संजू सैमसन और राहुल तेवतिया की तूफ़ानी पारी ने आईपीएल में सबसे बड़े रन चेज का रिकॉर्ड बना डाला था.
दोनों टीमें 2020 के आईपीएल में दो बार भिड़ी थीं, दोनों बार जीत का स्वाद राजस्थान ने चखा था.
संजू ने इस पारी में भी सात ही छक्के लगाए और तो और बतौर कप्तान शतक भी बनाया, लेकिन इस बार जीत से वे चूक गए.
सोमवार के मैच में जब वे अपने सबाब पर थे तब केएल राहुल के दिमाग में कहीं न कहीं उस मैच की यादें ज़रूर ताज़ा हुई होगी. वैसे पोस्ट मैच सेरेमनी में राहुल ने इससे इनकार किया. लेकिन बीते सीज़न में दो मैच हारने के बाद इस जीत से मिली राहत पर उनके चेहरे के भाव पढ़े जा सकते थे.
"दीपक हुड्डा की पारी टॉप क्लास"
इस मैच में संजू और राहुल के अलावा जो एक क्रिकेटर सबसे अधिक तारीफ़ बटोर रहे हैं वे दीपक हुड्डा हैं.
एक तरफ अन्य लोगों की तरह सहवाग ने भी जहाँ संजू सैमसन की तारीफ़ की वहीं उन्होंने दीपक हुड्डा की पारी को उन्होंने नायाब करार दिया.
दीपक हुड्डा की तारीफ़ में सहवाग ने लिखा, "संजू सैमसन की पारी निश्चित ही जबरदस्त थी लेकिन दीपक हुड्डा की टॉप क्लास थी."
228.57 के स्ट्राइक रेट से खेली अपनी इस तूफ़ानी पारी में दीपक हु़ड्डा ने चार चौके और छह छक्के लगाए और 28 गेंदों पर धुआंधार 64 रन बनाए. हुड्डा को अपनी नायाब पारी के लिए सफ़ारी सुपर स्ट्राइकर ऑफ़ द मैच चुना गया.
ये हुड्डा ही थे जिन्होंने मैच के अंतिम गेंद पर बाउंड्री पर संजू सैमसन का कैच लपका.
चेतन साकरिया पावर प्लेयर ऑफ़ द मैच
22 वर्षीय अर्शदीप सिंह ने पंजाब के लिए सर्वाधिक तीन विकेट लिए और मैच का आखिरी ओवर भी उन्होंने ही फेंका. ऐसे मुक़ाबले में जहाँ अपने शानदार फॉर्म में चल रहे संजू सैमसन बैटिंग की कमान संभाले हों और आखिरी ओवर में केवल 13 रन बनाने हों, आखिरी गेंद तक संयम दिखाने की वजह से अर्शदीप की बहुत तारीफ़ हुई.
तो वहीं राजस्थान की ओर से अपना पहला ही मैच खेल रहे चेतन सकारिया ने अपने प्रदर्शन से न केवल सभी का ध्यान खींचा बल्कि वे प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुने गए.
23 वर्षीय बाएं हाथ के मीडियम पेसर चेतन सकारिया ने भी पारी की पहली और आखिरी ओवर फेंकी. 20वें ओवर में उन्होंने महज़ पाँच रन ही बनने दिए.
सहवाग ने क्रिकेट को लेकर सकारिया और उनके परिवार की तारीफ़ की और बताया कि कैसे कुछ दिनों पहले जब सकारिया एसएमए ट्रॉफ़ी में खेल रहे थे और उनके भाई ने आत्महत्या की थी तो परिवार ने उनसे 10 दिनों तक ये बात छुपाए रखी ताकि उनके खेल पर इसका असर न पड़े.
महंगे रॉयल्स, किंग्स
ऐसा नहीं था कि इस मैच में सब कुछ अच्छा ही हुआ. इस मुक़ाबले की कुछ कड़वी यादें भी रहेंगी. सातवें ओवर की तीसरी गेंद पर पंजाब के कप्तान केएल राहुल का बेन स्टोक्स ने बाउंड्री पर उनका कैच गिरा दिया तो एक बार ऐसा लगा भी कि कहीं ये मैच गिराने वाला जीवनदान न साबित हो. आखिर में राहुल की पारी राजस्थान के लिए भारी पड़ी. यही स्टोक्स जब राजस्थान की पारी शुरू करने उतरे तो खाता भी नहीं खोल सके.
सैमसन ने बैटिंग के दौरान एक ऊंची स्ट्रेट ड्राइव खेली. उसे लपकने के लिए दो खिलाड़ी गेंद के नीचे आए लेकिन कैच ड्रॉप हो गई. इस पर कमेंटरी कर रहे टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा, "स्कूल के स्तर पर कोच का काम है उन्हें सिखाना कि जब गेंद हवा में ऊंची हो और उसे लपकने के लिए दो से अधिक खिलाड़ी दौड़ रहे हों तो उन्हें एक दूसरे को कॉल देनी चाहिए और भारतीय खिलाड़ियों में इसकी कमी हमेशा से दिखती रही है. ठीक ऐसा ही यहाँ भी हुआ."
यानी अपने पहले मुक़ाबले के बाद जिन दो चीज़ों पर टीमों को ध्यान देने की ज़रूरत है, उनमें से एक निश्चित तौर पर फ़ील्डिंग है और ये बात मैच के बाद ख़ुद पंजाब के कप्तान केएल राहुल ने भी माना.(bbc.com)