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दिल्ली, अप्रैल 13 : डॉक्टर एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सरकारी अस्पतालों में वीआईपी कल्चर के खिलाफ शिकायत की है। डॉक्टरों की शिकायत है कि, सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को टेस्ट और ट्रीटमेंट के लिए राजनेताओं के घरों में बुलाया जाता है। डॉक्टरों द्वारा पीएम मोदी को लिखे पत्र में कई बड़े आरोप लगाए हैं, साथ ही डॉक्टरों को हो रही असुविधाओं का भी जिक्र किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, डॉक्टरों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि राजनेताओं के घर पर फ्रंटलाइन डॉक्टरों के लिए किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है, जब वे टेस्ट पॉजिटिव हो जाते हैं, जबकि रैली में शामिल होने वाले राजनेताओं और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाती है, जिन्होंने सही मायने में रैलियां करके वायरस को फैलाने में अहम भूमिका निभाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार के अस्पतालों में टेस्ट के लिए वीआईपी काउंटर हैं, जिससे सभी पार्टी कार्यकर्ताओं और मंत्रियों को खुद का कोविड टेस्ट कराने की अनुमति मिलती है, लेकिन डॉक्टरों के पास परीक्षण के लिए कोई अलग काउंटर नहीं है। पत्र ने बताया कि अधिकांश राजनेताओं ने डॉक्टरों को अपने घरों पर बुलाया है, जबकि उन्हें चिकित्सा अधीक्षक की ओर से ऐसा करने का कोई कानूनी आदेश नहीं मिला था।
इस बीच, पिछले रविवार को पहली बार दिल्ली में एक दिन के दौरान महामारी शुरू होने के बाद कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा 10,000 के आंकड़े को पार कर गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्थिति को बहुत ही गंभीर बताया है और लोगों से अपील की है कि जब तक जरूरी नहीं हो, घर से न निकलें। आपके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आप वैक्सीन लगवा लें। सरकारी अस्पतालों में कोरोना का टीका फ्री में दिया जा रहा है। (hindi.oneindia.com)