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नए कोरोना संक्रमण में पहले अस्पतालों में बेड ढूंढो तो फिर शमशान और कब्रिस्तान में जगह
15-Apr-2021 9:01 PM
नए कोरोना संक्रमण में पहले अस्पतालों में बेड ढूंढो तो फिर शमशान और कब्रिस्तान में जगह

(Photo: Wasim Sarvar/IANS)

नई दिल्ली, 15 अप्रैल| दिल्ली और देश के तमाम राज्यों में कोरोना की लहर बेलगाम होती जा रही है। नए कोरोना मामलों के अलावा अब मौत के आंकड़ों में भी भारी उछाल देखने को मिल रहा है, जिससे कारण शमशान घाट और क्रबिस्तान में भारी संख्या में शवों को लाने का सिलसिला जारी है। एक तरफ दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना संक्रमण मरीजों के परिजनों को बेड ढूढने पड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर श्मशान घाट और कब्रिस्तान में जगह ढूंढनी पढ़ रही है।

हाल ये जो चुका है कि शमशान घाटों में परिजनों को पर्ची कटवाने के दौरान लाइन में लगना पड़ता है तो उसके बाद अंतिम संस्कार कराने के लिए इंतजार करना पड़ता है। शमशान घाटों पर भी एक के बाद एक दाह संस्कार किया जा रहा है।

वहीं कब्रिस्तान में अब करीब 150 शवों की ही जगह बची हुई है।

दिल्ली के निगमबोध शमशान घाट में 1 अप्रैल से अब तक 170 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है वहीं शवों के आने का सिलसिला जारी है।

दिल्ली के निगमबोध में कोविड शवों के लिए 3 सीएनजी और लकड़ी में 35 चिताओं की व्यवस्था कर रखी है।

दिल्ली के निगमबोध घाट के केयरटेकर अवदेश शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि, "पिछले 6 से 7 दिन से शवों की संख्या ज्यादा बढ़ गई है। बुधवार को 37 कोविड शवों का संस्कार किया गया है। हमारे यहां लोगों को इंतजार नहीं करना पड़ रहा, लेकिन हमारे यहां एक बड़ी परेशानी है कि अस्पतालों से एक साथ 8 शवों को एक ही बार मे भेज दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि, "एलएनजेपी अस्पताल से एक एम्बुलेंस में 8 कोविड शव आए हैं। 8 शवों के साथ उनके परिजन आएंगे, यदि आठों लोग पर्ची कटवाएंगे तो उनको तो समय लगेगा ही।"

निगमबोध घाट के पंडित विक्की शर्मा ने बताया कि, " सीएनजी में एक शव को कम से कम 2 घंटे लगते हैं, जिसके बाद अगले शव का नम्बर आता है। यदि लकड़ी में संस्कार करना है तो कोई इंतजार नहीं करना पड़ेगा।"

"लोग यही चाहते हैं कि वे लकड़ियों में ही संस्कार करें क्योंकि उनके पूर्वजों का लकड़ियों में ही संस्कार होता आया है।"

दूसरी ओर दिल्ली के आईटीओ स्थित सबसे बड़े कब्रिस्तान 'जदीद अहले कब्रिस्तान इस्लाम' की भी कुछ ऐसी ही दास्तां है। कब्रिस्तान में गुरुवार शाम तक कुल 14 शवों को दफनाया जा चुका है वहीं कुछ शव अभी भी दफनाने के लिए रखे हुए हैं।

कब्रिस्तान में खड़ी जेसीबी मशीन सुबह से ही बिना रुके दफनाने वाली जगहों को खोदने में लगी हुई है। इतना ही नहीं दिल्ली के सबसे बड़े कब्रिस्तान में शवों को दफन करने की जगह में अब कमी आ गई है।

कब्रिस्तान के केयरटेकर मोहम्मद शमीम के मुताबिक कोविड ब्लॉक में लाशों को दफनाने के लिए अधिक से अधिक 150 की ही जगह ही बची हुई है। वहीं बीते 4 अप्रैल से ही लाशों के आने का सिलसिला जारी जो की पिछले हफ्ते भर से बहुत बढ़ गया।"

"इस साल अप्रैल महीने में एक दिन में सबसे ज्यादा शव लाए गए थे, जिनकी संख्या 20 से अधिक थी। यदि इसी तरह शव आते रहे तो कुछ हफ्तों बाद ही कब्रिस्तान की जगह कम पड़ जाएगी।

दरअसल दिल्ली में पिछले 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना के 17,282 नए मरीजों की पुष्टि हुई और एक बार एक लाख से ज्यादा 1,08,534 सैंपल की जांच में 15.92 पॉजिटिव रेट दर्ज हुआ है।  (आईएएनएस)

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