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रायपुर, 16 अप्रैल। शासकीय नागार्जुना स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय की प्राचार्या तथा नैक-चैलेंज एंड एक्रीडिटेशन के 7 क्राइटेरिया पर वेबीनार की संयोजिका डॉ. राधा पांडे ने बताया कि नैक के मूल्यांकन तथा प्रत्यायन कराए जाने हेतु नैक की रायपुर डिवीजन समिति व शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय (अग्रणी महाविद्यालय) के संयुक्त तत्वधान में 9-13 अप्रैल को नैक चैलेंज एंड एक्रीडिटेशन के 7 क्राइटेरिया पर वेबीनार आयोजित किया गया।
डॉ. पांडे ने उद्घाटन सत्र में बताया कि किसी भी राष्ट्र के विकास में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है। सभी के लिए गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा कुछ मापदंड निर्धारित किए गए हैं। प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान को 2022 तक नैक मूल्यांकन कराना कराया जाना अनिवार्य है।
डॉ. पांडे ने बताया कि नैक का प्रत्यायन ढांचा 5 कोर वैल्यू पर आधारित है। पहला-व्यक्तित्व क्षमता निर्माण और विकास में योगदान से राष्ट्रीय विकास में योगदान, दूसरा-वैश्विक क्षमता- ज्ञान अर्जन व वैश्विक कौशल विकसित करना, तीसरा-मूल्य आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना, चौथा-प्रौद्योगिकी नवाचार सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का ज्ञानार्जन में सर्वोत्तम उपयोग तथा पांचवा-उत्कृष्ट की खोज।
डॉ. पांडे ने नैक मूलयांकन कराये जाने के लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस वेबीनार के प्रथम कीनोट स्पीकर, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, अधिष्ठाता छात्र कल्याण हेमचंद विश्वविद्यालय दुर्ग थे। उन्होंने नेट के क्राइटेरिया 7 इनोवेशन, वैल्यूस तथा बेस्ट प्रैक्टिसेज पर जुड़े सभी बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी दी। सबसे महत्वपूर्ण बात उन्होंने यह कही कि आप किसी भी महाविद्यालय की बेस्ट प्रैक्टिस को अपना बनाने की कोशिश न करें क्योंकि सभी महाविद्यालयों की अपनी खूबी होती है, उसे सिर्फ पहचानने की जरूरत है।
डॉ. अंजलि अवधिया ने नैक के क्राइटेरिया 01 क्यूरीकूलर एस्पेक्ट पर विस्तृत जानकारी दी। चार दिवसीय ऑनलाइन वेबीनार के दूसरे दिन 10 अप्रैल को क्राइटेरिया 2 टीचिंग, लर्निंग तथा इवैल्यूएशन पर डॉ. सविता सिंह ने व्याख्यान दिया तथा क्राइटेरिया 3 रिसर्च इनोवेशन कथा एक्सटेंशन पर डाटा कलेक्शन तथा डी वी वी तैयार करने की विस्तृत जानकारी डॉ. रेणु माहेश्वरी के द्वारा दी गई।
क्राइटेरिया 3 के लिए किस तरह साक्ष्य इक_ा करना है और उसमें क्या जरूरी है और किस चीज की जरूरत नहीं है इसकी विस्तृत जानकारी डॉ. सुनीता पात्रा के द्वारा दी गई। कार्यक्रम के तीसरे दिन 12 अप्रैल को डॉ. अंजलि अवधिया ने नैक के क्राइटेरिया 4 इंफ्रास्ट्रक्चर तथा लर्निंग रिसोर्सेस के विभिन्न बिंदुओं से अवगत कराते हुए कहा कि नैक में खरा उतरने के लिए हर महाविद्यालय को ई लर्निंग के लिए तैयार रहना होगा।
डॉ. कविता दास के द्वारा नैक के क्राइटेरिया 5 स्टूडेंट सपोर्ट तथा प्रोग्रेशन पर किस तरह तैयारी करनी होगी, जिससे हम हमारे महाविद्यालय से विगत 5 वर्षों में निकले विद्यार्थियों से जानकारी प्राप्त कर सकें तथा महाविद्यालय के एलुमनी के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
वेबीनार के अंतिम दिन 13 अप्रैल को प्रोफेसर जीए घनश्याम ओएसडी, क्वालिटी ऐश्योरेंस सेल, उच्च शिक्षा विभाग, रायपुर के द्वारा नैक के क्राइटेरिया 6 गवर्नेंस लीडरशिप तथा मैनेजमेंट पर व्याख्यान दिया गया। प्रोफ़ेसर घनश्याम ने बहुत ही प्रभावशाली शब्दों से यह समझाया की नैक मूल्यांकन के सात बिंदु इंद्रधनुष के सात रंगों के समान है। उन्होंने लीडरशिप की व्याख्या करते हुए कहा कि महाविद्यालय जहाज है और इस जहाज का लीडर उस महाविद्यालय का प्राचार्य होता है।
डॉ. पांडे ने बताया कि कुल 17 शासकीय तथा अशासकीय महाविद्यालय के लगभग 40 प्रतिभागी इस वेबिनार मे सम्मिलित हुए। नैक के सातों क्राइटेरिया पर प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का गेस्ट स्पीकर्स द्वारा समाधान किया गया। इस चार दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार का संचालन डॉ. रेणु माहेश्वरी द्वारा किया गया।