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रायपुर, 18 अप्रैल। एनएचएच नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ तुरकर ने बताया कि कई कैंसर के मरीज यह सोच रहे है कि उन्हें सरकार से मान्यता प्राप्त कोरोना वैक्सीन लेनी चाहिए या नहीं। आखिऱकार कैंसर एवं ह्रदय रोग जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को इस वायरस से और भी ज्यादा जोखिम है। जो कैंसर का इलाज करा रहे है या करा चुके है उन्हें मान्य निर्देशों का पालन कर एवं विशेषज्ञ सलाह के बाद कोरोना का वैक्सीन लगवाना चाहिए।
डॉ. तुरकर ने बताया कि कैंसर विशेषज्ञ आपको कौन सा कैंसर है एवं आप का क्या इलाज चल रहा है इस जानकारी के आधार पर आप को कोरोना वैक्सीन के जोखिम, लाभ, टाइमलाइन एवं आप को वैक्सीन के प्रथम डोस के पहले क्या ध्यान रखने की आवश्यकता है के बारे में अवगत कराएंगे। यदि आप के नजदीकी वैक्सीन केंद्र में वैक्सीन की उपलब्धतता है तो आप कैंसर से सम्बंधित ऐसे उपचार जो बहुत जरुरी नहीं है की शुरुआत वैक्सीन के दोनों डोस लगने तक न करे, तथापि अधिकांश कैंसर से सम्बंधित इलाज अपने समय पर ही दिए जाते है अत: इनमें वैक्सीन की वजह से देरी करना उचित नहीं है।
आम तौर पर कीमोथैरेपी के दौरान अन्य वैक्सीन लगायी जाती हैलेकिन वैक्सीन लगाने के 24 से 48 घंटों के भीतर बुखार होने की सम्भावना होती है। इसलिए बेहतर है की वैक्सीन तभी लगायी जाये जब श्वेत रक्त कोशिकाये की संख्या काम न हो। ऐसे अधिकांश मरीज जो कैंसर के लिए इम्मुनोथेरपी ले रहे है वो इसे (इम्मुनोथेरपी)जारी रखसकते है ले सकते है ,वैक्सीनेशनसेइम्मुनोथेरपी बाधित नहीं होती है। मरीज जिनकी कैंसर से सम्बंधित सर्जरी होने वाली है वे वैक्सीन लगवा सकते है क्योकि वैक्सीन लगाने के 24 से 48 घंटो के भीतर बुखार आने की सम्भावना होती है, श्रेष्ठ होगा की मरीज अपना वैक्सीन योजनाबध्य सर्जरी के कुछ दिन पहले न लें क्योकि इससे बुखार आने की संभावना होती है। जिससे मरीज की सर्जरी कैंसिल हो सकती है। रेडिएशन थेरेपी करा रहे अधिकांश मरीज वैक्सीन ले सकते है इससेरेडिएशन थेरेपीकेइलाज में कोई बाधा नहीं आती है।