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कोरोना वैक्सीन अब अठारह साल से ज़्यादा उम्र के हर व्यक्ति को दी जा सकेगी
19-Apr-2021 9:24 PM
कोरोना वैक्सीन अब अठारह साल से ज़्यादा उम्र के हर व्यक्ति को दी जा सकेगी

भारत सरकार ने एक अहम फ़ैसले में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने की घोषणा कर दी है. ये फ़ैसला एक मई से लागू होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुए एक अहम बैठक में सोमवार को ये फ़ैसला लिया गया कि एक मई से 18 साल से ज़्यादा उम्र के हरेक व्यक्ति को अब कोरोना वैक्सीन की ख़ुराक दी जा सकेगी.
एक मई से कोरोना टीकाकरण अभियान अपने तीसरे चरण में दाख़िल हो जाएगा जिसमें वैक्सीनेशन में तेज़ी लाई जाएगी और इसका दायरा बढ़ाया जा रहा है.
अभी तक 45 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को ही वैक्सीन लेने की इजाज़त दी गई थी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा भारतीयों को कम से कम समय में वैक्सीन मुहैया कराने के लिए पिछले एक साल से भी ज़्यादा समय से उनकी सरकार काम कर रही थी.
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत विश्व में दूसरे देशों की तुलना में रिकॉर्ड तेज़ी से लोगों को कोरोना का टीका लगा रहा है और इस अभियान को आगे भी तेज़ी से जारी रखा जाएगा.
भारत में कोविड टीकाकरण अभियान का पहला चरण इस साल 16 जनवरी को शुरू हुआ था जिसमें शुरुआत में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई थी.
वैक्सीनेशन के दूसरे चरण की शुरुआत एक मार्च, 2021 को हुई जिसमें 45 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए टीके का प्रावधान किया गया.
कोराना वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया की दो वैक्सीन को इजाज़त दी थी और इसके बाद विदेश में बने स्पुतनिक वैक्सीन को भी आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी दी गई. स्पुतनिक का निर्माण अब भारत में हो सकेगा.
तीसरे चरण में राष्ट्रीय वैक्सीन नीति के तहत टीके की क़ीमत को लेकर और इसका दायरा बढ़ाने के लिए छूट दी जाने की बात कही गई है.
भारत में कोरोना टीकाकरण का तीसरा चरण औपचारिक रूप से एक मई से शुरू हो जाएगा.
तीसरे चरण के लिए प्रमुख दिशा निर्देश
वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियां अपने कुल उत्पादन का आधा भारत सरकार को मुहैया कराएंगी और बाक़ी आधा उत्पादन राज्य सरकारों या खुले बाज़ार में आपूर्ति करने के लिए स्वतंत्र होंगी.
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां खुले बाज़ार और राज्य सरकारों को आपूर्ति के लिए रखे गए 50 फ़ीसद कोटे की क़ीमत एक मई से पहले सार्वजनिक करेंगी. इस क़ीमत के आधार पर राज्य सरकारें, निजी अस्पताल, औद्योगिक प्रतिष्ठान वग़ैरह दवा कंपनियों से वैक्सीन की ख़रीद का फ़ैसला कर सकेंगी. प्राइवेट अस्पतालों को अपनी ख़रीदारी इसी 50 फ़ीसद कोटे से करनी होगी. प्राइवेट हॉस्पिटल्स को पारदर्शी तरीक़े से वैक्सीन की क़ीमत बतानी होगी. 18 साल से ऊपर के उम्र के सभी वयस्क इस चैनल के ज़रिये वैक्सीन हासिल कर सकेंगे.
पहले की तरह भारत सरकार के वैक्सीन सेंटर्स पर हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स और 45 साल से ज़्यादा उम्र के सभी लोगों को निशुल्क वैक्सीन दिया जाता रहेगा.
वैक्सीन चाहे भारत सरकार या इससे इतर किसी भी माध्यम के ज़रिये दी जा रही हो, ये अभियान नेशनल वैक्सीनेशन प्रोग्राम का हिस्सा रहेगा और सभी लोगों को पूर्व निर्धारित प्रोटोकॉल और कोविन ऐप के प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करना होगा.
हालांकि अभी तक ये साफ़ नहीं हो पाया है कि 45 साल से अधिक उम्र के जिन लोगों ने सरकार के द्वारा तय की गई 250 रुपये की कीमत देकर निजी अस्पतालों या संस्थानों से वैक्सीन ली थी, उन्हें अपनी दूसरी खुराक के लिए क्या कीमत चुकानी होगी. क्योंकि एक मई से प्रभावी होने वाली नई नीति के मुताबिक निजी अस्पतालों को वैक्सीन की कीमत खुद तय करने का हक होगा. (bbc.com/hindi)

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