राष्ट्रीय
भोपाल, 22 अप्रैल | कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसीविर इंजेक्शन को जीवन रक्षक माना गया है, मगर मध्य प्रदेश में इन दिनों इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी जारी है। इस कालाबाजारी को रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त ऐलान किया है और कहा है कि इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कोरोना की स्थिति की वर्चुअली उच्च स्तरीय बैठक में गुरुवार को कहा है कि रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध रासुका के तहत कार्यवाही की जाए। ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में गलत अफवाह उड़ाने वालों और भ्रामक जानकारियां देने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही हो।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, "कोरोना कर्फ्यू के लिए जिस तरह से जनता आगे आई है और सभी ने सहयोग किया है, उससे संक्रमण फैलने की गति कम हुई है। जनता के साथ जनता के सहयोग से कोरोना कर्फ्यू को बनाए रखना जरूरी है। हमारा लक्ष्य प्रदेश की जनता को संक्रमण से बचाना है। अत: घर पर ही रहें अनावश्यक बाहर न निकलें और संक्रमण की चेन को तोड़ें। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के पॉजिटिव हुए लोगों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ मिले।"
मुख्यमंत्री चौहान ने जानकारी दी कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए डीआरडीओ सहित केंद्र सरकार स्तर पर लगातार बातचीत जारी है। ऑक्सीजन की आपूर्ति में हर संभव सहयोग मिल रहा है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और इलाज की व्यवस्था के संबंध में मंत्रियों को सौंपे गए दायित्व का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग से निरोग कार्यक्रम और काढ़ा वितरण जैसी गतिविधियां आरंभ की जा रही हैं। प्रदेश में टीकाकरण को गति दी जा रही है। वैक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रेरित करना आवश्यक है। एक मई से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का निरूशुल्क टीकाकरण होगा।(आईएएनएस)