सामान्य ज्ञान
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कोलकाता में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के शताब्दी अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष नीति-2013 प्रस्तुत की। इस नीति का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के सभी लाभों को राष्ट्रीय विकास तथा सतत और अधिक समावेशी विकास के लिए उपयोग में लाना है। इसमें अनुसंधान और विकास, प्रौद्योगिकी तथा नवीनीकरण की गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा और प्रोत्साहन देकर अनुसंधान और विकास पर होने वाले कुल खर्च का सही आकलन करने पर जोर दिया गया है।
इस नीति के समाज के सभी वर्गों में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना। युवाओं में विज्ञान के उपयोगों के लिए कौशलों को बढ़ावा देना और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष में उनके कॅरिअर को आकर्षक बनाना। वर्ष 2020 तक भारत को पांच बड़ी वैश्विक वैज्ञानिक शक्तियों में खड़ा करना (वैश्विक वैज्ञानिक प्रकाशनों में भारत के हिस्सेच को 3.5 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत करना और विश्व की एक प्रति शीर्ष पत्रिकाओं में आलेखों की संख्या मौजूदा स्तर से बढ़ाकर चार गुना करना), विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष प्रणाली के योगदानों को समावेशी आर्थिक विकास के एजेंडे के साथ जोडऩा और उत्कृ्ष्टता तथा संगतता की प्राथमिकताओं पर ध्यान देना इत्यादि।