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रायपुर 23 अप्रैल। आज प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जी ने एक ओर ट्वीट करके छत्तीसगढ़ में आई 15000 वाइल रेमडेसीविर की जानकारी दी वहीं दूसरी ओर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के प्रश्न पर वीडियो सन्देश के माध्यम से जवाब भी दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूर्व में ऐसा महसूस होता था कि सकारात्मक सुझाव मिल रहे हैं और साथ मिलकर कार्य हो रहे हैं लेकिन अब ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि दुष्प्रचार में संलग्न हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे सोची-समझी किसी रणनीति के तहत गलत तथ्यों को प्रस्तुत करके वे छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग के कार्यों को कमतर बताने का प्रयास कर रहे हैं।
इसके साथ ही अजय चंद्राकर के प्रश्न पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने बताया कि 22 मार्च को महाराष्ट्र सरकार ने 595 रू. में रेमडेसिविर खरीदी तो इसकी जगह पर 16 अप्रैल को छत्तीसगढ़ सरकार ने 1400 रू. में रेमडेसिविर इसलिए खरीदी है क्योंकि बाजार में सामान का दाम परिस्तिथि के अनुसार बदलते रहता है और दवाओं पर भी यह प्रभाव पड़ता है। यही हालात रेमडेसिविर दवा के साथ भी उत्पन्न हुए हैं छत्तीसगढ़ सरकार ने सिपला कंपनी के साथ अनुबंध किया हुआ था, जिसे पूरा करने में कम्पनी पीछे हट गई थी। उन्होंने आगे कहा कि इस दौरान छत्तीसगढ़ में रेमडेसिविर की अत्यंत आवश्यकता थी, इस जरूरत और जनभावना को देखकर हमारी सरकार ने एमरजेंसी टेंडर बुलवाया था।
रेमडेसिविर के भाव पर अन्य राज्यों की कीमत और केंद्र द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों को रखा सामने
श्री सिंहदेव ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के प्रश्न पर प्रतिक्रया देते हुए गुजरात, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के आंकड़े सामने रखे जिसमें राज्यों ने 1568 रू. में रेमडेसिविर का क्रय किया है। उन्होंने कहा कि जब दवा उपलब्ध नहीं हुई होगी तब राज्यों ने महँगे दाम पर भी इस दवा को खरीदने का निर्णय लिया होगा।
श्री सिंहदेव ने आगे कहा कि इन सभी दरों की समीक्षा करके विषम परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की ओर से आदेश दिया कि जब सारे देश में 1400 रू. में ही यह दवा उपलब्ध हो रही है तब छत्तीसगढ़वासियों के असंतोष को देखते हुए हमने इसी दर में कार्य करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार के पत्र दिखाकर कहा कि माईलेन फार्मास्यूटिकल कंपनी जिससे छत्तीसगढ़ सरकार ने यह दवाई खरीदी है, इस कंपनी के लिए भारत सरकार की ओर से 4800 रू. की दर को घटाकर 3400 रू. निर्धारित किया गया है लेकिन छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने इस दर से भी कम 1400 रू. में यह दवा खरीदी है। इसके उपरांत भी गलतबयानी या आरोप के जरिये भ्रम फैलाने की जो कोशिश की जा रही है वह कोरोना के विरुद्ध जंग में सकारात्मक प्रयास नहीं हो सकता है।