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बिलासपुर, 26 अप्रैल। पृथ्वी दिवस के अवसर पर डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान भूगोल विभाग एवं बिलासा शासकीय गल्र्स स्नातकोत्तर महाविद्यालय बिलासपुर के भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ऑनलाइन वेबीनार भारतीय चिंतन में सतत विकास की अवधारणा और कोरोना पर रखा गया।
मुख्य वक्ता बलिया उत्तर प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय से रिटायर प्राचार्य गणेश कुमार पाठक ने कहा कि मानव अपने विकास के लिये पर्यावरण का दुरुपयोग कर रहा है, और वर्तमान में इस विकट समस्या में यह क्रियाकलाप भागीदार है। भावी पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षित और संबंधित करने के लिए तैयार करना होगा। प्रो. पाठक ने भारतीय मान्यताओं और सांस्कृतिक विशेषताओं के वैज्ञानिक महत्व को भी समझाया।
कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. कावेरी दाभड़कर ने किया। वेबीनार में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेशों के प्राध्यापक एवं विधार्थी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के संयोजक बिलासा शासकीय गल्र्स महाविद्यालय के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डी.डी. कश्यप ने आभार व्यक्त किया।
सीवीआरयु के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने कहा कि कोरोना के कारण मनुष्य की जीवन शैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। एक अच्छे जीवन का निर्वाह पर्यावरण संतुलन के द्वारा ही संभव है। हमें प्रकृति के अनुसार ही अपने जीवन शैली को ढालना होगा नहीं तो ऐसे घातक बीमारियां मनुष्य प्रजाति के सामने काल के रूप में सामने होगी।