सामान्य ज्ञान
नीम
04-May-2021 12:13 PM
मेलियासिए परिवार का नीम (अजादिरक्ता इंडिका) भारत में पाई जाने वाली सर्वाधिक उपयोगी और मूल्यवान वृक्ष-प्रजातियों में से एक है। यह पीएच 10 तक की अनेक प्रकार की मिट्टियों में उग सकता है। इसकी खेती वैदिक काल से की गई है और अब यह भारतीय संस्कृति का अंग बन गया है।
ऐसा अनुमान है कि भारत के नीम प्रतिवर्ष लगभग 35 लाख टन मींगी उत्पन्न करते हैं। इससे लगभग 7 लाख टन तेल निकाला जा सकता है। 1980 के दशक के उत्तरार्द्ध में वार्षिक उत्पादन लगभग 1.5 लाख टन मात्र था। प्राप्त होने वाले तेल की मात्रा को बढ़ाने के लिए, खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने पिछले दो दशकों के दौरान नीम के फल और बीजों के प्रसंस्करण के विभिन्न्न पहलुओं का मार्ग प्रशस्त किया है।
भारत में और अफ्रीका के देशों में इसकी खेती व्यापक रूप से की गई है। भारत में,उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों के एक बड़े भाग में पाया जाता है। इसकी छाल खाकी अथवा गहरे ललाई लिए हुए भूरे रंग की होती है, जिस पर जगह-जगह पर बहुत से गूमड़ उभरे हुए होते हैं। छाल से गोंद निकलता है, जिसे ईस्ट इंडिया गम कहा जाता है। नीम से प्राप्त होने वाला निर्माण-काष्ठ थोड़ा भारी होता है और इसका आनुपातिक भार 0.56 से 0.85 के बीच (औसतन 0.68) होता है। ताजी कटी लकड़ी में तेज गंध होती है।
नीम सत्व कीटनाशक, नाशिकीटमार और फफूंदनाशकों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। नीम के तेल में जीवाणुरोधी, विषाणुरोधी गुण होते हैं और उसका प्रयोग त्वचा एवं दांतों से संबंधित समस्याओं में किया जाता है। नीम-उत्पादों का उपयोग मलेरिया, ज्वर, दर्द के लिए और गर्भनिरोधक के रूप में भी किया जा रहा है। नीम का प्रयोग सौन्दर्य-प्रसाधनों, लुब्रीकेन्ट्स और उर्वरकों में भी किया जा रहा है। गांवों में नीम की छाल का उपयोग रस्सी बनाने के लिए किया जाता है। नीम के तेल का उपयोग साबुन बनाने के लिए किया जाता है।
भारतीय नौ सेना मुख्यालय
भारतीय नौ सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है । मुख्यालय में नौ सेनाध्यक्ष तथा इनकी सहायता के लिए 4 मुख्य स्टाफ अधिकारी होते हैं।
नौ सेना को तीन कमांडो में बांटा गया है -
कमांड मुख्यालय
दक्षिणी कोचीन
पूर्वी विशाखापट्टनम
पश्चिमी मुंबई