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बीएमसी अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मां की सुरक्षित डिलीवरी
06-May-2021 3:29 PM
बीएमसी अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मां की सुरक्षित डिलीवरी

मुंबई, 6 मई | मुंबई के बीवायएल नायर चैरिटेबल अस्पताल में कोविड संक्रमित एक गर्भवती महिला की सुरक्षित डिलीवरी कराई गई है। इसके साथ ही इस अस्पताल में 1025 सुरक्षित डिलीवरी कराने का रिकार्ड बना लिया है। कोविड पॉजिटिव मां द्वारा एक शिशु की पहली ऐसी डिलीवरी 14 अप्रैल, 2020 को बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) द्वारा संचालित अस्पताल में हुई थी।

अस्पताल के डीन एंड डायरेक्टर डॉ रमेश भारमल ने आईएएनएस को बताया, "अब तक लगभग 1,025 सुरक्षित प्रसवों में एक ट्रपल चाइल्ड डिलीवरी , 19 जुड़वां और बाकी 984 वन चाइल्ड डिलीवरी हुई है। "

इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के साथ साथ कोविड स्थिति से निपटने के लिए बीएमसी की इस पहल को दिल्ली जैसे अन्य राज्यों में जिसे 'मुंबई मॉडल' कहा जा रहा है, उसका पालन करने के लिए कहा गया था।

डॉ भारमल ने कहा कि उन्होंने बिना पानी पिए लगातार 6 घंटे काम किया, क्योंकि उन्होंने पीपीई किट पहनी थी। 24 घंटे बिना घर जाए अस्पताल में दिन बिताए, और कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए खुद को समर्पित किया।

नव प्रसव और बाल रोग के विभागों के प्रमुख डॉ सुषमा मलिक ने समझाया कि कोविड संक्रमण जन्मजात नहीं है। भले ही माँ संक्रमित हो, नवजात शिशु संक्रमित नहीं होता है, लेकिन जन्म के बाद माँ के संपर्क में आने के बाद पॉजिटिव बन सकता है।

उन्होंने कहा कि ' प्रोटोकॉल के अनुसार, कोविड संक्रमित महिलाओं के सभी नवजात शिशुओं का परीक्षण भी किया जाता है और हालांकि वर्ष के दौरान यहां पैदा हुए कुछ शिशुओं को पॉजिटिव पाया गया, वे असिम्टोमैटिक थे । बाद में उनका टेस्ट निगेटिव पाए जाने के बाद उनको अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। '

डॉ भारमल ने कहा ' बहुसंख्यक, या 60 प्रतिशत से अधिक प्रसव सामान्य थे। बाकी सजेरियन सेक्शन के माध्यम से थे, और पहली कोविड लहर में माताओं या शिशुओं में से किसी की भी मृत्यु नहीं हुई। '

"हालांकि, इस बार, कोविड की दूसरी लहर गर्भवती महिलाओं, शिशुओं और बच्चों को प्रभावित कर रही है। पिछले लगभग 3 महीनों में, हमने लगभग एक दर्जन दुर्भाग्यपूर्ण मौतों को दर्ज किया है।"

डॉ भारमल ने कहा कि नायर अस्पताल गर्व के साथ उपलब्ध जानकारी के अनुसार देश की चिकित्सा के इतिहास में संभवत एकमात्र ऐसी सफलता की कहानी है । गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्डस में प्रवेश करने का दावा करने के लिए वर्तमान में अतिरिक्त शोध के साथ वैज्ञानिक प्रलेखन भी चल रहा है।

अस्पताल के नवजात शिशु और बाल रोग विभाग में टीम में डॉ सारिका पाटिल, डॉ सुषमा मलिक, डॉ गणेश शिंदे, डॉ सुरभि राठी, डॉ अलका गुप्ता, डॉ नीरज महाजन, डॉ सोना डेव और चारुलता देशपांडे, डॉ पूनम वाडे, डॉ संतोष कोंडेकर, डॉ विशाल सावंत, डॉ किरण राजपूत, डॉ अरुंधति तिलवे, डॉ चैतन्य गायकवाड़, डॉ अंकिता पांडे, नर्स सीमा चव्हाण, रोजलिन डिसूजा, अनन्या सतम, रूबी जेम्स, सुशीला लोके, रेशमा टंडेल, और छह दर्जन अन्य कर्मचारी शामिल है। (आईएएनएस)
 

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