राष्ट्रीय
पटना, 2 फरवरी । राजद ने गुरुवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए अंतरिम बजट को "खाली लिफाफा और कुछ नहीं" करार दिया।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे थे कि भाजपा बिहार में सत्ता में आई है तो उसकी केंद्र सरकार राज्य को कुछ पैकेज दे सकती है। दुर्भाग्य से, वित्तमंत्री ने (अपने बजट भाषण में) बिहार का नाम तक नहीं लिया।''
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री ने देश में महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के बारे में चर्चा की और उन्हें बजट में कुछ मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला।''
राजद नेता ने आयकर छूट नहीं बढ़ाने के कारण भी केंद्र की आलोचना की। (आईएएनएस)
जयपुर, 2 फरवरी । भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने इस बात पर जोर दिया कि सरकारों को युवाओं के लिए अधिक नौकरियां पैदा करने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, न कि केवल अल्पकालिक राजनीतिक लाभ के लिए मुफ्त सुविधाओं पर। उन्होंने कहा कि सुचारू विकास पथ सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर जोर देना सर्वोपरि है।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में बोलते हुए, राजन ने कहा कि सरकार को विकेंद्रीकरण के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि इसका लाभ दिल्ली, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा हाल के मामले "अलोकतांत्रिक" हैं, क्योंकि नेताओं (विपक्ष से) को चुनते समय नागरिकों के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं।
अर्थशास्त्री रोहित लांबा के साथ 'ब्रेकिंग द मोल्ड: रीइमेजिनिंग इंडियाज इकोनॉमिक फ्यूचर' (पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया) लिखने वाले राजन ने कहा, "लोकतंत्र और मुक्त भाषण उन क्षेत्रों के विकास के लिए सर्वोपरि हैं जिन्हें अनुसंधान, रचनात्मकता और नए विचारों की आवश्यकता है। "
इस बात पर जोर देते हुए कि पुस्तक को हर कोई आसानी से समझ सकता है, अर्थशास्त्री ने कहा, "हमें चीन की तरह अन्य देशों की विकास कहानी का अनुसरण नहीं करना है, बल्कि अपना रास्ता बनाना है, अपनी ताकत को पहचानना और उन पर निर्माण करना महत्वपूर्ण है।"
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में राजन ने कहा कि यह एक तकनीक है, हालांकि कुछ पैसा लगाना ठीक हो सकता है, जिससे अगर नुकसान हो, तो सहा जा सके, लेकिन अपनी जीवन भर की बचत को दांव पर लगाना एक बुरा विचार है।
"यह समझने की ज़रूरत है कि क्रिप्टो को विनियमित नहीं किया जा रहा है, और कई ऑपरेटरों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।"
पुस्तक का एक बड़ा हिस्सा रोजगार सृजन से संबंधित है और लेखकों का कहना है कि बेरोजगारी अशांति का कारण बन रही है।
राजन ने कहा, "युवा आरक्षण की तलाश कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि अच्छी नौकरियां केवल सरकार में ही मौजूद हैं। सरकार को यह महसूस करने की जरूरत है कि लोगों के उत्थान का सबसे अच्छा तरीका, रोजगार सृजन की सुविधा प्रदान करना है। हम एक आलसी प्रतिक्रिया सुनते हैं कि चीजें जल्द ही बेहतर होंगी। यह अभी लगभग जुनूनी अंदाज में करना महत्वपूर्ण है। हम भविष्य में बहुत ज्यादा कदम नहीं उठा सकते।'' (आईएएनएस)
पटना, 2 फरवरी । राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने गुरुवार को दावा किया कि नीतीश कुमार अतीत हैं, जबकि तेजस्वी यादव बिहार के भविष्य के नेता हैं।
दिग्गज राजद नेता ने कहा, “नीतीश कुमार ने हमेशा लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के शासन को निशाना बनाया। वह कहते थे कि 2005 से पहले महिलाएं अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकती थीं।”
“20 साल पहले बिहार में जो हुआ, उसके बारे में बात करने से आपको कुछ हासिल नहीं होगा। बिहार की जनता जानना चाहती है कि नीतीश के 17 साल के कार्यकाल में युवाओं को नौकरियां क्यों नहीं मिलीं।''
तिवारी ने कहा, ”17 महीने पहले महागठबंधन की सरकार बनी थी, जिसके बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के विजन को अपनाया और आम लोगों को नौकरी देने पर काम करना शुरू किया। ऐसा चमत्कार कैसे हो सकता है? यह तेजस्वी यादव के कारण था और बिहार के लोग यह जानते हैं।”
उन्होंने कहा, “आप तेजस्वी यादव को बच्चा कहकर उनका कद कम नहीं कर सकते। नीतीश कुमार अतीत के नेता हैं, जबकि तेजस्वी यादव भविष्य हैं।” (आईएएनएस)
एक रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर खाद्य उत्पादन और उपभोग से सालाना खरबों डॉलर बचाए जा सकते हैं.
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में खाद्य उत्पादन से होने वाली पर्यावरणीय क्षति और भोजन के दुरुपयोग से मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों की कुल मात्रा सालाना वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 12 प्रतिशत है.
वैज्ञानिकों और अर्थशास्त्रियों के एक संघ के मुताबिक खाद्य उत्पादन और आपूर्ति को अधिक कुशल बनाने से दुनिया भर में 17.4 करोड़ समय से पहले होने वाली मौतों को रोका जा सकता है. शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि यह जलवायु-संबंधित लक्ष्यों को हासिल करने में मदद कर सकता है और अतिरिक्त पांच से दस ट्रिलियन डॉलर आर्थिक लाभ पैदा कर सकता है.
हालांकि, दुनिया भर में व्यापक खाद्य उत्पादन ने वैश्विक आबादी की पोषण संबंधी जरूरतों को आंशिक रूप से पूरा करने में मदद की है, जो 1970 के दशक से दोगुनी हो गई है.
इस हफ्ते प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक खराब आहार खाने से मोटापा या कुपोषण और उससे संबंधित पुरानी बीमारी हो सकती है. जबकि प्रदूषित खेती के तरीके ग्लोबल वार्मिंग और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे संभावित रूप से विनाशकारी प्रभावों के साथ जलवायु को खतरा होता है. इसके नतीजे में भविष्य में खाद्य उत्पादकता में कमी आने की संभावना है.
अमेरिका में ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में अफ्रीका ग्रोथ इनिशिएटिव के अर्थशास्त्री और रिपोर्ट के प्रमुख लेखक वेरा सोंगवे ने कहा, "दुनिया में सबसे अच्छी खाद्य प्रणालियों में से एक है." लेकिन उन्होंने आगे कहा, "यह हमारी खाद्य उत्पादन प्रणाली, पर्यावरण प्रदूषण, लोगों के स्वास्थ्य और हमारी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव के साथ आया है."
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि मौजूदा प्रणाली में सुधार लाकर सालाना 15 ट्रिलियन डॉलर तक की बचत की जा सकती है. इसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी आहार संबंधी बीमारियों से होने वाली वार्षिक वित्तीय हानि लगभग 11 ट्रिलियन डॉलर शामिल है.
जबकि खाद्य उत्पादन विधियों से पर्यावरण प्रदूषण से जुड़ी लागत तीन ट्रिलियन डॉलर आंकी गई है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ग्रह को नुकसान पहुंचाने वाले ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लगभग एक तिहाई के लिए जिम्मेदार है.
एए/सीके (एपी)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के आखिरी अंतरिम बजट से महत्वाकांक्षी घोषणाओं को दूर ही रखा है. जानकारों का कहना है कि इस बजट से एनडीए ने आगामी लोकसभा चुनावों में अपनी जीत को लेकर आत्मविश्वास का संकेत दिया है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
"हम 2047 तक विकसित भारत बनाने की कोशिश कर रहे हैं" - इन्हीं शब्दों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट भाषण पढ़ना शुरू किया. यह एक अंतरिम बजट था क्योंकि मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल का समापन नजदीक है.
जल्द ही लोकसभा चुनावों की घोषणा की उम्मीद की जा रही है. सरकारें लोक सभा के आखिरी साल में अंतरिम बजट ही लेकर आती हैं. चुनाव बाद नई सरकार पूरे साल का बजट ले कर आती है.
लोकलुभावन घोषणाएं गायब
अपने बजट भाषण में सबसे पहले सीतारमण ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार के खर्च की योजना सामने रखी और बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इसे बढ़ा कर 11.11 लाख करोड़ कर दिया गया है. एनडीए सरकार ने किस तरह "समावेश" के हर पहलु को आगे बढ़ाने की कोशिश की है, यह बताने पर उनका विशेष ध्यान रहा.
फिस्कल डेफिसिट यानी वित्तीय घाटे के 2023-24 में 5.8 प्रतिशत और 2024-25 में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. कई समीक्षकों को 2023-24 के लिए वित्तीय घाटे के 5.9 रहने अनुमान था, लेकिन सरकार ने उनके आकलन से बेहतर तस्वीर पेश की है.
टैक्स दरों को जस का तस रखा गया है, मनरेगा पर खर्च से भी छेड़छाड़ नहीं की गई है और खाद्य, उर्वरक और ईंधन पर सब्सिडी में आठ प्रतिशत की कटौती की गई है. यानी कुल मिला कर लोकलुभावन घोषणाओं से बजट को दूर रखा गया है.
कुछ जानकारों का कहना है कि यह सभी बीजेपी के आत्मविश्वास के संकेत हैं. कैपिटल इकोनॉमिक्स के शीलन शाह ने बताया, "यह इस बात का संकेत है कि सत्ताधारी बीजेपी आगामी चुनावों में एक और बड़ी जीत हासिल करने को लेकर काफी आश्वस्त है."
कई घोषणाएं बिना रोडमैप के
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की अगले पांच सालों में सरकार दो करोड़ अफोर्डेबल मकान बनवाएगी. उनके मुताबिक ऐसे तीन करोड़ मकान पहले से बन चुके हैं. उन्होंने यह भी कहा कि मध्यम वर्ग के लिए भी एक आवासीय योजना शुरू की जाएगी, लेकिन इसके बारे में और कोई जानकारी उन्होंने नहीं दी.
सीतारमण ने रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए युवाओं के लिए कौशल विकास की योजना लाने का और छोटे और मझौले उद्योगों को प्रोत्साहन देने का भी वादा किया. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के विकास और सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी.
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इकोसिस्टम को भी और मजबूत करने के लिए उनके भारत में उत्पादन और चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण को समर्थन देगी. हालांकि इस योजना पर सरकार कितना खर्च करेगी और कब तक करेगी यह जानकारी उन्होंने नहीं दी.
(रॉयटर्स, एपी से इनपुट के साथ)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आखिरकार ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. अब चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है. करीब-करीब ऐसी ही परिस्थितियों में राबड़ी देवी अविभाजित बिहार की मुख्यमंत्री बनी थीं.
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट-
हेमंत सोरेन, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले देश के पहले मुख्यमंत्री हैं. कथित जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन से सीएम आवास में ही करीब सात घंटे तक पूछताछ की गई. इसके बाद ईडी की हिरासत में ही देर शाम राजभवन जाकर सोरेन ने राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया. यहीं उनके करीबी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा राज्यपाल के समक्ष पेश किया. वह राज्य के 12वें मुख्यमंत्री होंगे.
कुछ ऐसी ही परिस्थितियों में राबड़ी देवी अविभाजित बिहार की मुख्यमंत्री बनी थीं. राबड़ी, लालू प्रसाद यादव की पत्नी हैं. साल 1997 में चारा घोटाले में गिरफ्तारी की नौबत आने पर लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं को दरकिनार करते हुए राबड़ी देवी को सत्ता की कमान सौंप दी थी.
उस वक्त लालू प्रसाद का राजनीतिक करियर भी दांव पर लग गया था. ऐसे में जब लालू प्रसाद ने पत्नी को सीएम बनाया, तो कई जानकारों ने इसे मास्टर स्ट्रोक बताया. पांचवीं कक्षा तक पढ़ीं राबड़ी देवी उस समय एक ठेठ घरेलू महिला थीं, जो अचानक ही सीएम बन गईं. वह तीन बार बिहार की मुख्यमंत्री बनीं.
इस बार झारखंड में भी ऐसे ही घटनाक्रम के आसार थे. खबरों के मुताबिक, हेमंत अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाना चाहते थे. पार्टी ने आधिकारिक तौर पर ऐसी कोई घोषणा नहीं की, लेकिन राजनीतिक गलियारे में कल्पना को सीएम बनाए जाने की चर्चा तैरती रही. कहा जा रहा था कि हेमंत उसी तरह कल्पना को सत्ता सौंप देंगे, जिस तरह लालू प्रसाद ने राबड़ी देवी को सत्ता सौंपी थी. हालांकि, परिवार में बगावत के सुर और शायद तकनीकी पेच के चलते अंतत: यहां बिहार वाली कहानी दोहराई नहीं जा सकी.
कल्पना की जगह चंपई क्यों?
दरअसल ईडी, हेमंत सोरेन को लगातार समन जारी कर रही थी.इसी बीच 30 दिसंबर, 2023 को व्यक्तिगत कारण बताकर गांडेय विधानसभा सीट से झामुमो के विधायक डा. सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया. यह कयास लगाया जाने लगा कि कल्पना सोरेन के लिए ही गांडेय की सीट खाली करवाई गई है. विपरीत स्थिति आने पर हेमंत उन्हें मुख्यमंत्री बना सकते हैं.
बीते सोमवार को दिल्ली में ईडी की टीम के साथ लुकाछिपी का खेल खेलने के बाद हेमंत सोरेन अचानक ही रांची पहुंच गए और वहां उन्होंने अपने सरकारी आवास में पार्टी के विधायकों के साथ बैठक की. इस बैठक में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी उपस्थित थीं. किसी भी राजनीतिक बैठक में कल्पना सोरेन की यह पहली भागीदारी थी. इससे यह चर्चा जोर पकड़ने लगी कि अगर हेमंत सोरेन गिरफ्तार किए जाते हैं, तो कल्पना को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.
विधायक दल की इस बैठक में हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने भाग नहीं लिया. इसे उनकी बगावत के रूप में देखा गया. साथ ही यह बात भी उठने लगी कि झारखंड विधानसभा का चुनाव होने में अब साल भर से भी कम समय शेष रह गया है, इसलिए निर्वाचन आयोग गांडेय सीट पर उपचुनाव की सहमति नहीं दे सकता है.
तकनीकी दिक्कत यह थी कि अगर गांडेय सीट पर छह महीने के अंदर उपचुनाव नहीं होता, तो कल्पना उसके बाद मुख्यमंत्री नहीं रह पातीं. फिर इस पर भी संशय था कि विधायक नहीं होने के कारण कल्पना पर राज्यपाल का रुख क्या होगा. इन्हीं वजहों से किसी मौजूदा विधायक को सीएम बनाना तय हुआ.
चंपई सोरेन, दिशोम गुरु और हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के बेहद करीबी लोगों में से हैं. पार्टी के वफादार और वरिष्ठ नेताओं में वह काफी अनुभवी हैं. झारखंड राज्य के गठन में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही थी. इसे देखते हुए उनके नाम पर सहमति बनी. चंपई, सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से छह बार चुनाव जीत चुके हैं. हेमंत जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, तो चंपई उनकी सरकार में खाद्य आपूर्ति व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री थे.
सीता को कल्पना का नेतृत्व स्वीकार नहीं
सीता सोरेन, झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन की बड़ी बहू और हेमंत के बड़े भाई दिवंगत दुर्गा उरांव की पत्नी हैं. वह जामा विधानसभा क्षेत्र से झामुमो की विधायक हैं. खबरों के अनुसार, उन्होंने साफ कह दिया कि अगर हेमंत अपनी पत्नी को सीएम बनाने की कोशिश करते हैं, तो वह इसका विरोध करेंगी. कल्पना का नेतृत्व उन्हें स्वीकार नहीं है. यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी बेटी को सीएम बनाने की मांग की.
सीता सोरेन का कहना था कि 2019 में उन्होंने हेमंत को सीएम के तौर पर स्वीकार कर लिया था. उस समय उनकी उपेक्षा की गई थी, लेकिन इस बार वह चुप नहीं रहेंगी. सीता सोरेन ने कथित तौर पर यह भी कहा कि घर की बड़ी बहू होने के कारण पहले उनका हक है और वह तीन बार की विधायक हैं.
इसी तरह हेमंत के छोटे भाई बसंत सोरेन ने भी कल्पना का समर्थन नहीं किया. वह भी विरोध में उतर आए. वरिष्ठ पत्रकार एके चौधरी कहते हैं, ‘‘क्षेत्रीय पार्टियां परिवारवाद को काफी प्रश्रय देती हैं. इसलिए परिवार की अनदेखी करना इनके लिए मुश्किल होता है. कल्पना की राह भी परिवार में बगावत के सुर ने ही रोक दी.''
चंपई सोरेन गैर-विवादास्पद नेता हैं. लेकिन झामुमो के सहयोगी दलों को वह कितने स्वीकार्य होंगे, यह कहना थोड़ा मुश्किल है. हालांकि, इसमें कोई दो राय नहीं कि सोरेन परिवार में उनकी स्वीकार्यता पर कोई संदेह नहीं है.
कब सुर्खियों में आई कल्पना सोरेन
कल्पना सोरेन का नाम सबसे पहले तब चर्चा में आया, जब पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आरोप लगाया कि अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी को 11 एकड़ के एक भूखंड का आवंटन किया है. दास ने आरोप लगाया था कि रांची के एक इंडस्ट्रियल पार्क में सोहराई प्राइवेट लिमिटेड को मीट प्रोसेसिंग यूनिट के लिए प्लॉट आवंटित किया गया, जिसकी मालिक कल्पना सोरेन हैं.
उस समय हेमंत के पास उद्योग विभाग था. कल्पना से हेमंत की शादी 7 फरवरी, 2006 को हुई थी. वह ओडिशा के मयूरभंज जिले के तेंतला गांव की निवासी हैं. उनके पिता सेना के अवकाश प्राप्त अधिकारी हैं और फिलहाल मयूरभंज में रहते हैं. कल्पना ने बी.टेक करने के बाद एमबीए किया है. वह फिलहाल झारखंड की राजधानी रांची में एक प्ले स्कूल चलाती हैं और महिला सशक्तिकरण से संबंधित कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. उनकी पहचान एक समाजसेवी और कारोबारी महिला की है. (dw.com)
आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई करते हुए मार्च से दी जाने वाली सेवाओं पर रोक लगा दी है. आरबीआई की कार्रवाई के कारण कंपनी के शेयर का बुरा हाल है. जानिए आरबीआई ने क्यों की कार्रवाई.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए ग्राहक खाते, वॉलेट और फास्टैग आदि में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया है. आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 29 फरवरी से किसी भी तरह का जमा स्वीकार करने और लेनदेन पर रोक लगा दी है. आरबीआई ने यह कार्रवाई बैंक द्वारा लगातार नियमों की अनदेखी के चलते की है.
इस आदेश के बाद अब पेटीएम पेमेंट्स बैंक में ट्रांजेक्शन नहीं होगा. बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत आरबीआई ने ये कार्रवाई की है. पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर हुई कार्रवाई का सीधा असर पेटीएम के शेयरों में दिखने को मिल रहा है. 1 फरवरी को पेटीएम का शेयर 20 फीसदी टूट गया था और गुरुवार को शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 20 फीसदी की गिरावट के साथ 608.80 रुपये पर बंद हुए जबकि नेशनल स्टॉक एक्स्चेंज पर यह 19.99 प्रतिशत गिरकर 609 रुपये पर बंद हुए.
पेटीएम के शेयरों में गिरावट का सिलसिला सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन में भी देखने को मिला. शुक्रवार को पेटीएम का शेयर 20 फीसदी टूटकर लोअर सर्किट को छू गया था. लोअर सर्किट का मतलब है कि इसके शेयरों का मार्केट में कोई खरीदार ही नहीं है. बीते दो दिनों में कंपनी का शेयर 40 फीसदी टूट चुका है.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक क्या है
पेटीएम पेमेंट्स बैंक एक विशेष बैंकिंग इकाई है, जिसने 2015 में अपना लाइसेंस प्राप्त किया था, जिस वर्ष भारत में भुगतान बैंक पेश किए गए थे और नवंबर 2017 में उसने अपना ऑपरेशंस शुरू किया. भुगतान बैंक दो लाख रुपये तक की छोटी जमा स्वीकार कर सकता है लेकिन उसे उधार देने की अनुमति नहीं है. इस बैंक में हुए डिपॉजिट को सरकारी बॉन्ड्स में या अन्य बैंकों में रखा जाना चाहिए.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक का 49 प्रतिशत स्वामित्व पेटीएम के पास है, जिसे वन 97 कम्युनिकेशंस के नाम से भी जाना जाता है. बाकी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी पेटीएम के मुख्य कार्यकारी और संस्थापक विजय शेखर शर्मा के पास है.
पेटीएम पेमेंट्स बैंक पेटीएम के लिए एक प्रमुख बैंकिंग भागीदार के रूप में काम करता है. उदाहरण के लिए पेटीएम के लोकप्रिय डिजिटल वॉलेट में जमा धनराशि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास रखी जाती है.
मैक्वेरी कैपिटल के मुताबिक बैंक में 33 करोड़ वॉलेट खाते हैं, जिसका मतलब है कि उनमें रखा गया पैसा भुगतान बैंक में जमा किया जाता है. डिजिटल वॉलेट जो ग्राहकों को छोटे खुदरा भुगतान के लिए पैसे जमा करने की सुविधा देते हैं, भारत में रोजमर्रा के भुगतान के लिए लोकप्रिय हैं.
आरबीआई ने कार्रवाई क्यों की
आरबीआई ने बुधवार को कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक 29 फरवरी के बाद जमा नहीं ले सकता है, क्रेडिट सेवाएं नहीं दे सकता या फंड ट्रांसफर की सुविधा नहीं दे सकता. हालांकि पेमेंट्स बैंक सीधे उधार नहीं देता है. यह तीसरे पक्ष की संस्थाओं से क्रेडिट उत्पाद पेश करता है.
केंद्रीय बैंक का कहना है कि उसने यह कार्रवाई पेटीएम पेमेंट्स बैंक द्वारा लगातार नियमों का अनुपालन में चूक करने और पर्यवेक्षण से जुड़ी चिंता को देखते हुए की है. आरबीआई ने यह रोक केवल पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर ही लगाई है. इसी तरह की चिंताओं के कारण मार्च 2022 में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को ग्राहक जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन उसने मौजूदा ग्राहकों के साथ व्यापार करना जारी रखा.
पेटीएम ने क्या कहा
पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने आरबीआई की कार्रवाई के बाद कहा है कि कंपनी अपने सहयोगी बैंक-पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर निर्भरता कम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है. शर्मा ने कहा कि वह अन्य बैंकों के साथ साझेदारी लाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि पेटीएम करीब दो साल पहले से ही अन्य बैंकों के साथ साझेदारी की दिशा में प्रयास शुरू कर चुकी है.
हालांकि, जिन यूजर्स के वॉलेट में बैलेंस मौजूद है, वो मुफ्त में अपना पैसा बैंक अकाउंट में ट्रांफसर कर सकते हैं. इसके अलावा यूजर्स इन पैसों का इस्तेमाल बिजली, फोन और दूसरे बिलों के भुगतान में इस्तेमाल कर सकते हैं.
पेटीएम के शेयर आईपीओ निवेशकों को 2,150 रुपये के भाव पर जारी हुए थे लेकिन लिस्टिंग के बाद से इस भाव तक ही यह कभी पहुंच ही नहीं पाया मतलब आईपीओ के निवेशक कभी मुनाफे में नहीं आ पाए. पेटीएम का प्लेटफॉर्म 2010 में लॉन्च किया गया था और पारंपरिक रूप से नकद लेनदेन के प्रभुत्व वाले देश में जल्द ही यह डिजिटल भुगतान का पर्याय बन गया. (dw.com)
नयी दिल्ली, 1 फरवरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि उभरते हुए क्षेत्रों में निजी क्षेत्र के अनुसंधान एवं अभिनव प्रयासों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से एक लाख करोड़ रूपये का कोष बनाया जाएगा जिसमें 50 वर्ष का ब्याज रहित ऋण दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने 2024-25 के अंतरिम बजट को पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि भारत के प्रौद्योगिकी पसंद करने वाले युवाओं के लिए यह एक स्वर्णिम युग है।
उन्होंने कहा, ‘‘एक लाख करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया जाएगा जिसमें 50 वर्ष का ब्याज रहित ऋण होगा। इस कोष पूंजी के माध्यम से दीर्घकालिक वित्तपोषण अथवा लंबी अवधि के लिए फिर से वित्तपोषण किया जाएगा तथा इसमें कम या शून्य ब्याज दर होगी।’’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इससे निजी क्षेत्र को अनुसंधान एवं अभिनव पहल करने के लिए, विशेषकर उभरते हुए क्षेत्र में, प्रोत्साहन मिलेगा। हमें ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है जो हमारे युवाओं की शक्ति को प्रौद्योगिकी से मिला सके। ’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 1 फरवरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को विमानन क्षेत्र के पिछले 10 वर्षों में तेजी से आगे बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार और नए हवाई अड्डों का निर्माण तेजी से जारी रहेगा।
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश के भीतर हवाई अड्डों की संख्या दोगुनी होकर 149 हो गई है।
भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है और घरेलू हवाई यात्री यातायात लगातार बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा हवाई अड्डों का विस्तार और नए हवाई अड्डों का विकास तेजी से जारी रहेगा।’’
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘उड़ान योजना के तहत टियर-टू और टियर-थ्री शहरों के लिए हवाई संपर्क का व्यापक विस्तार हुआ है। देश में 517 नए हवाई मार्गों पर 1.3 करोड़ यात्रियों का आवागमन हो रहा है।’’
उन्होंने कहा कि भारतीय विमानन कंपनियों ने सक्रिय रूप से 1,000 से अधिक नए विमानों के लिए ऑर्डर दिए हैं।
तीन घरेलू विमानन कंपनियों- एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा एयर - ने मिलकर एक साल से भी कम समय में कुल 1,120 विमानों का ऑर्डर दिया है।
पिछले महीने अकासा एयर ने 150 बोइंग 737 मैक्स विमानों के ऑर्डर की घोषणा की थी। पिछले साल एयर इंडिया और इंडिगो ने मिलकर बोइंग और एयरबस को कुल 970 विमानों का ऑर्डर दिया था। (भाषा)
नयी दिल्ली, 1 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया अंतरिम आम बजट समावेशी और नवोन्मेषी होने के साथ ही देश के भविष्य के निर्माण का बजट है जो विकसित भारत के चार स्तंभों क्रमश: युवा, गरीब, महिला और किसान को सशक्त बनाएगा।
बजट पेश होने के बाद प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश के जरिए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह भी कहा कि यह बजट 2047 के विकसित भारत की नींव को मजबूत करने की गारंटी है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज का ये बजट समावेशी और नवोन्मेषी बजट है। इस बजट में निरंतरता का विश्वास है। ये बजट विकसित भारत के चार स्तंभ- युवा, गरीब, महिला और किसान... सभी को सशक्त करेगा। यह बजट देश के भविष्य के निर्माण का बजट है।
वित्त मंत्री और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए मोदी ने कहा कि इस बजट में 2047 के विकसित भारत की नींव को मजबूत करने की गारंटी है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में युवा भारत की युवा आकांक्षा का प्रतिबिंब भी है। (भाषा)
गुवाहाटी, 1 फरवरी सरकार द्वारा आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लागू करने की चेतावनी दिये जाने के बाद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के एलपीजी सिलेंडर ट्रांसपोर्टर ने बृहस्पतिवार को अपनी हड़ताल वापस ले ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
‘द नॉर्थ ईस्ट पैक्ड एलपीजी ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन’ (एनईपीएलटीए) ने लंबित बकाया और हाल ही में जारी निविदाओं में कम दरें निर्धारित करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था।
एनईपीएलटीए के मुख्य सलाहकार कुमुद नाथ ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने कल रात जिला प्रशासन के साथ बातचीत के बाद हड़ताल को वापस ले लिया। हम आने वाले दिनों में अपनी आगे की रणनीति के बारे फैसला करेंगे।’’
हालांकि, उन्होंने बैठक के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
संपर्क करने पर इंडियन ऑयल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरे असम में उनके सभी संयंत्रों में बृहस्पतिवार सुबह छह बजे से सिलेंडर का लदान शुरू हो गया।
उन्होंने कहा, ‘‘कामरूप, तिनसुकिया और बोंगईगांव के जिला आयुक्तों ने अपने जिलों में संयंत्रों के ट्रांसपोर्टर के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। उन्होंने ट्रांसपोर्टर से कहा कि एस्मा पहले ही घोषित कर दिया गया है और अगर हड़ताल वापस नहीं ली गई तो इसके तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।’’
अधिकारी ने बताया कि पूरा मामला गुवाहाटी उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और मामले का निपटारा होने तक कोई हड़ताल नहीं की जा सकती। (भाषा)
नयी दिल्ली, 1 फरवरी कांग्रेस के कई सांसदों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम बजट को निराशाजनक करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसमें देश की आम जनता के लिए कुछ भी नहीं है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को अगले वित्त वर्ष के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने वाला अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया है।
उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘बजट भाषण बहुत छोटा और निराशाजनक था। बहुत अधिक बयानबाजी थी। कई मुद्दों को छुआ नहीं गया। बेरोजगारी जैसे मुद्दे का उल्लेख ही नहीं किया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार अपनी विफलता को भी सफलता को रूप में पेश करेगी। आम भारतीय मतदता से पूछिए कि सरकार की नीतियों से उसकी जेब में क्या मिला तो इसका जवाब मिल जाएगा कि देश का आम आदमी क्या सोचता है।’’
लोकसभा में कांग्रेस सचेतक मणिकम टैगोर ने दावा किया, ‘‘यह बजट निराशाजनक है। यह कारपोरेट का हितैषी बजट है। इसमें गरीबों और आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है।’’
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने दावा किया, ‘‘चालू वित्त वर्ष में 18 लाख करोड़ रुपये का बजट घाटा है। आने वाले साल में यह और बढ़ेगा। इसका मतलब है कि सरकार कर्ज लेकर अपना खर्च चला रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वित्त मंत्री ने अपनी वाहवाही की है और 10 साल पहले की सरकार को कमतर दिखाने की कोशिश की है। सदन में चर्चा के दौरान इसका विस्तृत जवाब दिया जाएगा।’’ (भाषा)
गुना, 1 फरवरी मध्य प्रदेश के गुना जिले में बमोरी कस्बे में अज्ञात लोगों ने भगवान शिव के एक मंदिर को कथित रूप से अपवित्र कर दिया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि उपद्रवियों ने मंदिर से कथित रूप से शिवलिंग को हटा दिया। उन्होंने बताया कि घटना बुधवार-बृहस्पतिवार की दरमियानी रात को घटी।
घटना से नाराज कुछ लोगों ने गुना जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित कस्बे में सड़क मार्ग अवरुद्ध कर दिया और दोषियों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की।
बमोरी थाना प्रभारी अरविंद गौड़ ने बताया कि इलाके में शांति बनाए रखने के लिए भारी सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं।
मंदिर बमोरी कस्बे के बाहरी इलाके में स्थित है।
अधिकारी के अनुसार करीब पांच-छह लोगों ने कथित तौर पर रात में मंदिर में तोड़फोड़ की। स्थानीय लोगों को जब घटना के बारे में पता चला तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया।
उन्होंने कहा कि पांच-छह अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच चल रही है। (भाषा)
नयी दिल्ली,1 फरवरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में घरेलू पर्यटन के लिए पैदा होते उत्साह को देखते हुए ‘‘लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर’’ पोत संपर्क, पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
अंतरिम केंद्रीय बजट पेश करते हुए उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमारी आर्थिक ताकत ने देश को व्यापार और सम्मेलन पर्यटन के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना दिया है।’’ वित्त मंत्री द्वारा लक्षद्वीप का उल्लेख महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत चार जनवरी को लक्षद्वीप का दौरा किया था।
सोशल मीडिया पर उस समय विवाद खड़ा हो गया जब मालदीव के एक मंत्री और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
इसके बाद, कई भारतीय नागरिकों और टूर ऑपरेटरों ने मालदीव जाने की अपनी योजना रद्द कर दी।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि भारतीय मध्य वर्ग भी अब ‘‘यात्रा करने की इच्छा रखता है।’’
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन सहित पर्यटन में स्थानीय उद्यमिता के लिए जबरदस्त अवसर हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘राज्यों को प्रतिष्ठित पर्यटन केंद्रों का व्यापक विकास करने, वैश्विक स्तर पर उनकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर पर्यटन केंद्रों की रेटिंग के लिए एक रूपरेखा स्थापित की जाएगी।’’ उनका कहना था कि विकास के वित्तपोषण के लिए राज्यों को समान आधार पर दीर्घकालिक ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘घरेलू पर्यटन के लिए उभरते उत्साह को संबोधित करने के लिए, लक्षद्वीप सहित हमारे द्वीपों पर पोत संपर्क, पर्यटन बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। इससे रोजगार पैदा करने में भी मदद मिलेगी।’’ (भाषा)
मद्रास हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में तमिलनाडु सरकार से कहा है कि मंदिरों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश को रोकने के लिए बोर्ड लगाया जाए.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें यह मांग की गई थी कि अरुल्मिगु पलानी धनदायुतपानी स्वामी मंदिर और उसके उप मंदिरों में सिर्फ हिंदुओं को जाने की इजाजत दी जाए. हाई कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए मंदिरों में प्रवेश को लेकर मंगलवार को बड़ा आदेश दिया है.
हाई कोर्ट ने कहा कि मंदिर कोई "पर्यटन या पिकनिक स्थल" नहीं है, गैर-हिंदू तमिलनाडु के मंदिरों में प्रवेश नहीं कर सकते. हाईकोर्ट की मदुरै बेंच की जस्टिस एस श्रीमथी ने अपने आदेश में राज्य के हिंदू धार्मिक और धर्माथ बंदोबस्ती विभाग के अधिकारियों को सभी मंदिरों में बोर्ड लगाने का निर्देश दिया, जिसमें लिखा हो कि ध्वजस्तंभ से आगे गैर-हिंदुओं को मंदिर के अंदर जाने की इजाजत नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि ऐसे बोर्ड मंदिर के प्रवेश द्वार, ध्वजस्तंभ और मंदिर के प्रमुख स्थानों पर लगाए जाएं.
देना होगा शपथ पत्र
डी. सेंथिल कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एस श्रीमथी ने साथ ही कहा कि अगर कोई गैर-हिंदू मंदिर में प्रवेश करता है तो उसे शपथ पत्र देना होगा कि वह देवी-देवताओं में विश्वास करता है और हिंदू धर्म की परंपराओं का पालन करने के लिए तैयार है.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हिंदुओं को भी अपने धर्म को मानने और उसका पालन करने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि मंदिर को पर्यटक स्थल ना समझा जाए. मंदिर में पूजा अर्चना के अलावा और कुछ होना सही नहीं है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सेंथिल कुमार ने अपनी याचिका में हाई कोर्ट से अरुल्मिगु पलानी धनदायुतपानी स्वामी मंदिर और उसके उप मंदिरों में केवल हिंदुओं को जाने की अनुमति का निर्देश देने का अनुरोध किया था. उन्होंने मंदिरों के सभी प्रवेश द्वार पर इस संबंध में बोर्ड भी लगवाने का निर्देश का अनुरोध किया था. भगवान मुरुगन मंदिर दिंडीगुल जिले के पलानी में स्थित है.
याचिका में क्या था
जस्टिस एस श्रीमथी ने अपने आदेश में तमिलनाडु सरकार से कहा कि रीति-रिवाजों और प्रथाओं के मुताबिक मंदिरों का रखरखाव होना चाहिए. हाई कोर्ट ने कहा कि मंदिर संविधान के अनुच्छेद 15 के तहत नहीं आते, ऐसे में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को अनुचित नहीं माना जा सकता.
सेंथिल कुमार ने अपनी याचिका में मंदिर के नोटिस बोर्ड को हटाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी. बोर्ड पर लिखे संदेश में गैर-हिंदुओं के मंदिर में प्रवेश करने से प्रतिबंधित करने की बात कही गई थी.
उन्होंने याचिका दायर कर इस बोर्ड को बहाल करने की मांग की थी. जस्टिस एस श्रीमथी ने सुनवाई के बाद मंदिर परिसर के भीतर गैर-हिंदुओं और हिंदू मान्यताओं का पालन नहीं करने वाले लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध को मजबूत करते हुए बैनर दोबारा लगाने का आदेश दिया.
दरअसल, याचिकाकर्ता सेंथिल कुमार अरुल्मिगु पलानी धनदायुतपानी स्वामी मंदिर की तलहटी में एक दुकान चलाते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ गैर-हिंदुओं ने मंदिर में जबरन घुसने की कोशिश की.
उनका कहना था कि वे लोग वहां पिकनिक मनाने आए थे, जब अधिकारियों की उनसे बहस हुई तो उन्होंने कहा कि ये एक पर्यटक स्थल है और यहां कहीं भी नहीं लिखा है कि गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है. इसी के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की जिसके बाद हाई कोर्ट ने यह आदेश पारित किया. (dw.com)
राजस्थान में सरकारी स्कूलों में हिजाब को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. बीजेपी के विधायक और मंत्री हिजाब के विरोध में बयान दे रहे हैं. इससे पहले कर्नाटक में हिजाब के मुद्दे पर बहुत विवाद हुआ था.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
कर्नाटक के बाद सरकारी स्कूलों में हिजाब का मामला राजस्थान में गरमाता जा रहा है. राजस्थान के हवा महल से बीजेपी विधायक बालमुकुंद आचार्य ने 27 जनवरी को सरकारी स्कूलों में लड़कियों के हिजाब पहनने पर आपत्ति जताई थी.
विधायक जयपुर शहर के गंगापोल क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने स्कूल की प्रिंसिपल और अन्य कर्मचारियों से कहा था कि स्कूल में कुछ छात्राएं हिजाब पहन कर क्यों आई हैं. विधायक ने ऐतराज जताते हुए हिजाब पर रोक लगाने की बात कही थी.
इसके बाद कुछ मुस्लिम छात्राओं ने जयपुर में एक पुलिस थाने का घेराव किया था और विधायक के बयान का विरोध किया था. मुस्लिम छात्राओं ने विधायक को अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा था.
समाचार चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए गंगापोल क्षेत्र के स्कूल की एक मुस्लिम छात्रा ने कहा कि उनका मजहब उन्हें हिजाब पहनने के लिए कहता है और यह उनके लिए बहुत अच्छी चीज है.
उस छात्रा ने कहा, "हिजाब लगाने से हमें बहुत सुकून मिलता है. विधायक को हिजाब के बारे में ऐसा नहीं बोलना चाहिए था." एक और छात्रा ने कहा कि स्कूल की प्रिंसिपल की कोई गलती नहीं है और उन्होंने कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया है.
उस छात्रा ने कहा, "स्कूल के जो शिक्षक हैं उन्होंने भी कभी भी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया है. न ही प्रिंसिपल को सस्पेंड किया जाए और न ही किसी टीचर को सस्पेंड किया जाए."
मुस्लिम छात्राओं ने इस चैनल को बताया कि वे "भारत माता की जय" के नारे तो लगाती हैं लेकिन उनके धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ जो नारे है वह ना लगाती हैं और ना ही बोलना चाहती हैं.
दूसरे पक्ष की छात्राओं का कहना है कि जब मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहन कर आती हैं तो लड़कियां अलग-अलग नजर आती हैं और इससे उन्हें दिक्कत हैं. इन छात्राओं का कहना है कि अगर वे ऐसा करेंगी तो वे भी "भगवा" रंग पहनकर आएंगी.
क्या हिजाब पर बैन लगाएगी राजस्थान सरकार
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक राजस्थान सरकार अन्य राज्यों से हिजाब प्रतिबंध पर स्थिति रिपोर्ट मांगने पर विचार कर रही है. वहीं राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा पहले ही मदरसों समेत सरकारी और निजी स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध का समर्थन कर चुके हैं.
उनका कहना है कि इससे "अनुशासन आएगा, नहीं तो कोई भी कुछ भी पहनकर काम पर आ सकता है, यहां तक कि पुलिस थाने में भी."
मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शिक्षा विभाग में उच्च स्तर पर हिजाब प्रतिबंध पर रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को भेजी जाएगी. सूत्रों का कहना है कि दिलावर ने विभाग से अन्य राज्यों में हिजाब प्रतिबंध की स्थिति और राजस्थान में इसके असर को लेकर रिपोर्ट मांगी है.
मंगलवार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि जहां भी ड्रेस कोड का पालन नहीं किया जा रहा है, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने एक बयान में कहा, "स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों में सरकारी आदेशों (ड्रेस कोड के संबंध में) का पालन करना होगा और छात्रों को भी ड्रेस कोड का पालन करना होगा."
उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड का पालन सुनिश्चित करने के आदेश पहले से ही मौजूद हैं और जहां भी अनियमितताएं पाई जाएंगी, कार्रवाई होगी."
हिजाब के विरोध में बीजेपी नेताओं के बयान
बीजेपी के विधायक, मंत्री और यहां तक की विश्व हिंदू परिषद के नेता हिजाब के विरोध में बयान दे चुके हैं. विश्व हिंदू परिषद ने भी स्कूलों में ड्रेस कोड का समर्थन किया है. वहीं राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा है कि छात्रों को "उटपटांग" कपड़े पहन कर स्कूल जाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने एक ड्रेस कोड लागू कर रखा है तो सबको उस ड्रेस में ही आना चाहिए.
बेढम ने कहा, "ड्रेस कोड को लेकर समय-समय पर सरकार के आदेश आते रहे हैं, जो शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है. हम भी जब पढ़ते थे तो स्कूल ड्रेस में ही जाते थे. और छात्रों को उस ड्रेस में ही स्कूल आने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि सरकार के साथ-साथ एनजीओ भी स्कूल ड्रेस देते हैं."
कर्नाटक में उठा था हिजाब का विवाद
हिजाब का मामला इससे पहले कर्नाटक में उठ चुका है. 31 दिसंबर 2021 को कर्नाटक के उडुपी जिले के एक कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर विवाद हो गया था. जब यह विवाद बढ़ा तो फरवरी 2022 में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में सभी प्रकार के कपड़ों और धार्मिक पहचान वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया था.
आदेश में तर्क दिया गया कि कोई भी कपड़ा या वस्तु जो समानता, अखंडता और सार्वजनिक कानून व्यवस्था को परेशान करेगी, उसे स्कूलों में पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी. कर्नाटक हाई कोर्ट ने स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को बरकरार रखा था और कहा था कि स्कूलों और कॉलेजों में ड्रेस कोड सही है.
22 दिसंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक कार्यक्रम में कहा था कि उन्होंने अधिकारियों से हिजाब पर लगे बैन को हटाने को कहा है.
सिद्धारमैया ने कहा, "हम हिजाब सर्कुलर को वापस ले लेंगे. इस पर कोई प्रतिबंध नहीं है और लोग अपनी मर्जी के कपड़े पहन सकते हैं." लेकिन इसके बाद बीजेपी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आने के बाद कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि सरकार इस मामले को "गहराई" से देखने के बाद प्रतिबंध हटाने पर फैसला करेगी. (dw.com)
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसके बाद उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. जेएमएम के नेता चंपई सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया. और इसके साथ ही सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में जेएमएम के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया.
कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी द्वारा लगभग सात घंटे तक पूछताछ किए जाने के बाद सोरेन ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा और उसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
चंपई सोरेन होंगे नए मुख्यमंत्री
सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया. नेता का चुनाव होने के बाद चंपई सोरेन के नेतृत्व में सत्ताधारी दल के विधायकों ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. सत्ताधारी दल ने कुल 47 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा.
राज्य में सरकार बनाने के लिए 81 सदस्यों की विधानसभा में 41 विधायकों का समर्थन चाहिए. चंपई सोरेन ने कुल 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया जो कि बहुमत से अधिक है. हालांकि, राज्यपाल ने कहा है कि वह इस संबंध में पूरी जांच पड़ताल कर फैसला लेंगे. अभी तक राज्यपाल ने चंपई सोरेन को सरकार बनाने का निमंत्रण नहीं दिया है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मीडिया से कहा, "हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल गठबंधन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में वरिष्ठ जेएमएम नेता चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया है."
हेमंत सोरेन पर क्या हैं आरोप
600 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन ईडी के सात समन पहले टाल चुके थे. वह कुछ समय से गिरफ्तारी की आशंका जता रहे थे.
ईडी ने आरोप लगाया है कि भूमि घोटाले में सरकारी जमीन का स्वामित्व बदलने और उसे बिल्डरों को बेचने का एक "बड़ा रैकेट" शामिल है. इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें 2011 बैच के आईएएस अधिकारी छवि रंजन भी शामिल हैं, जो राज्य समाज कल्याण विभाग के निदेशक और रांची के डिप्टी कमिश्नर भी रह चुके हैं.
पिछले साल जांच एजेंसी ने इस मामले में झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिनमें झारखंड कैडर के आईएएस छवि रंजन के ठिकाने भी शामिल थे.
इस कथित घोटाले के संबंध में ईडी के समन के खिलाफ हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट भी जा चुके हैं लेकिन वहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही मिली. सोरेन को ईडी का पहला समन अगस्त 2023 में जारी हुआ था.
सोरेन की गिरफ्तारी के बाद बुधवार रात इंडिया गठबंधन की एक बैठक हुई जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और डीएमके नेता टीआर बालू समेत कई नेता मौजूद रहे. सोरेन की जेएमएम इंडिया गठबंधन का हिस्सा है.
खड़गे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में संघीय ढांचे की व्यवस्था को खत्म कर दिया है. उन्होंने ट्वीट में कहा कि मोदी सरकार विरोधियों को कमजोर करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर रही है.
उन्होंने लिखा, "जो मोदी जी के साथ नहीं गया, वह जेल जाएगा. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी लगाकर उनका त्याग पत्र लेने को मजबूर करना संघीय ढांचे की धज्जियां उड़ाना है. पीएमएलए के प्रावधानों को कठोर बना कर विपक्ष के नेताओं को डराना-धमकाना भाजपा की टूल किट का हिस्सा है."
वहीं बीजेपी ने सोरेन की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "झारखंड से विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए में भ्रष्टाचार की एक और महान उपलब्धि जुड़ गई है."
कौन हैं चंपई सोरेन
मीडिया में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन का मुख्यमंत्री पद के लिए चुनाव विकल्प के तौर पर नहीं बल्कि मजबूरी के रूप में किया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि पहले हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे.
पिछले दिनों जेएमएम विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया था, ताकि कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बने तो खाली सीट से चुनाव लड़कर विधायक बन सके.
लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जेएमएम विधायक और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने मुख्यमंत्री पद के लिए कल्पना का नाम आते ही विरोध शुरू कर दिया. इसके साथ ही जेएमएम के अंदर भी यह चर्चा होने लगी कि अगर कल्पना सोरेन पद संभालती हैं और परिवार के अंदर ही विरोध होता है तो लोकसभा चुनाव के पहले इसका गलत संदेश जाएगा.
चंपई सोरेन जेएमएम के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. चंपई झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी और अलग राज्य के आंदोलन में सक्रिय रह चुके हैं. साल 2010 में चंपई बीजेपी में शामिल हो गए थे और अर्जुन मुंडा की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. बाद में वह जेएमएम में वापस आ गए.
हेमंत सोरेन झारखंड के ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री हैं जो गिरफ्तार हुए हैं. इससे पहले हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन और मधु कोड़ा भी गिरफ्तार हो चुके हैं. मधु कोड़ा आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार हुए थे.
शिबू सोरेन को उनके निजी सचिव के अपहरण और हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. लेकिन सबूतों की कमी के कारण उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था. फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था. (dw.com)
नई दिल्ली, 1 फरवरी । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट संसद में पेश करेंगी। चुनावी साल होने के कारण यह अंतरिम बजट होगा। लेकिन माना जा रहा है कि इस अंतरिम बजट में भी निर्मला सीतारमण कई महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती हैं।
वित्त मंत्रालय में बजट तैयार करने वाली अपनी टीम के साथ फोटो सेशन करने के बाद निर्मला सीतारमण सुबह 9 बजे के लगभग राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हो जाएंगी। बजट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति हासिल करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने राज्य मंत्रियों के साथ सुबह 10 बजे के लगभग संसद भवन पहुंचेंगी।
संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी, इसमें इस अंतरिम बजट को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद वित्त मंत्री सुबह 11 बजे लोक सभा में यह अंतरिम बजट पेश करेंगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के बजट सत्र के पहले दिन बुधवार को ही पत्रकारों से बात करते हुए यह कह चुके हैं कि जब चुनाव का समय निकट होता है, तब आमतौर पर पूर्ण बजट नहीं रखा जाता है। उनकी सरकार भी उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए पूर्ण बजट नई सरकार बनने के बाद लेकर आएगी।
उन्होंने कहा था कि इस बार कुछ दिशानिर्देश की बातें लेकर देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट ( अंतरिम बजट) पेश करेंगी। उन्होंने देश में लगातार हो रहे विकास का दावा करते हुए यह भी कहा था कि देश नित्य प्रगति की नई-नई ऊंचाइयों को पार करता हुआ आगे बढ़ रहा है, सर्वस्पर्शी विकास हो रहा है, सर्वांगीण विकास हो रहा है, सर्वसमावेशी विकास हो रहा है। ये यात्रा जनता जनार्दन के आशीर्वाद से निरंतर बनी रहेगी।
--आईएएनएस
बिजनौर 1 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के थाना नांगल पुलिस और बदमाशों के बीच बीती रात को मुठभेड़ हो गई। इसमें दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि एक अन्य बदमाश को कांबिंग दौरान गिरफ्तार किया गया। यह जानकारी पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को दी।
शहर पुलिस अधीक्षक संजीव वाजपेयी ने बताया कि नांगल थाना प्रभारी अशोक कुमार ने एक मुखबिर की सूचना पर बुधवार रात सराय आलम गांव के पास गंगनहर की पुलिया पर चेकिंग के दौरान के एक कार, जिस पर तीन व्यक्ति सवार थे, रुकने का इशारा किया गया, मगर वे नहीं रुके और तेज गति से भागने लगे। तब शक होने पर पुलिस ने पीछा कर घेराबंदी करते हुए तीन बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन बदमाशों ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी।
एएसपी के मुताबिक, पुलिस दल ने भी जबावी कार्रवाई की, इसमें दो बदमाश घायल हो गया। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में एक सिपाही को भी गोली लगी है। एएसपी ने कहा कि, गिरफ्तार बदमाश की पहचान आशू , गुरूप्रीत उर्फ गोपी और सागर उर्फ अंकित के रूप में हुई है, जो हरियाणा और पंजाब का रहने वाले है।
पुलिस को उसके कब्जे से 2 अवैध तमंचा 315 बोर व 5 खोखा कारतूस व 1 जिंदा कारतूस, एक अवैध चाकू, एक लूटा हुआ मोबाइल फोन, 4 हजार रुपए लूट की रकम और घटना में प्रयुक्त शेवरेल बीट कार को बरामद किया गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि, बदमाशों की गोलीबारी में पुलिस आरक्षी प्रवीण देशवाल भी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि बदमाश आशू, गुरूप्रीत उर्फ गोपी और आरक्षी प्रवीण देशवाल को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
एएसपी ने कहा कि आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह अपने साथी के साथ मिलकर 28 जनवरी को नांगल थाना क्षेत्र के कामराजपुर गांव में रेडीमेड की कपड़े की दुकान से दुकानदार को तमंचेे से डराकर धमकाकर मोबाइल फोन और नकदी छीनकर घटनाओं को अंजाम दिया था।तीनों मिलकर बुधवार रात को किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 1 फरवरी । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से अंतरिम बजट पर मंजूरी लेने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट लेकर संसद भवन पहुंच गई हैं। उनके साथ वित्त मंत्रालय में उनके दोनों राज्य मंत्री पंकज चौधरी और भागवत कराड भी संसद भवन पहुंचे हैं।संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है, इसमें इस अंतरिम बजट को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद वित्त मंत्री सुबह 11 बजे लोक सभा में यह अंतरिम बजट पेश करेंगी।
गौरतलब है कि यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट होगा। चुनावी साल होने के कारण यह अंतरिम बजट होगा। लेकिन यह माना जा रहा है कि इस अंतरिम बजट में भी निर्मला सीतारमण कई महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती हैं।
बताया जा रहा है कि चुनावी वर्ष होने के कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने अंतरिम बजट में महिलाओं,युवाओं,किसानों और गरीबों के लिए कई महत्वपूर्ण ऐलान भी कर सकती हैं। आपको बता दें कि,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के बजट सत्र के पहले दिन बुधवार को ही पत्रकारों से बात करते हुए यह कह चुके हैं कि जब चुनाव का समय निकट होता है, तब आमतौर पर पूर्ण बजट नहीं रखा जाता है। उनकी सरकार भी उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए पूर्ण बजट नई सरकार बनने के बाद लेकर आएगी।
उन्होंने कहा था कि इस बार कुछ दिशानिर्देश की बातें लेकर देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट ( अंतरिम बजट) पेश करेंगी। उन्होंने देश में लगातार हो रहे विकास का दावा करते हुए यह भी कहा था कि देश नित्य प्रगति की नई-नई ऊंचाइयों को पार करता हुआ आगे बढ़ रहा है, सर्वस्पर्शी विकास हो रहा है, सर्वांगीण विकास हो रहा है, सर्वसमावेशी विकास हो रहा है।ये यात्रा जनता जनार्दन के आशीर्वाद से निरंतर बनी रहेगी। (आईएएनएस) ।
नई दिल्ली, 1 फरवरी । पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संसद भवन परिसर में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अंतरिम बजट को मंजूरी दे दी गई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब लोक सभा में अंतरिम बजट पेश करेंगी।
आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह सबसे पहले अपने मंत्रालय पहुंची जहां उन्होंने बजट तैयार करने वाली अपनी टीम के साथ फोटो सेशन किया।
उसके बाद निर्मला सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी एवं वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति भवन जाकर, अंतरिम बजट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी ली।
अंतरिम बजट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति हासिल करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने दोनों राज्य मंत्रियों - पंकज चौधरी और भागवत कराड के साथ संसद भवन पहुंची जहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अंतरिम बजट पर मुहर लगाई गई।
यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है। चुनावी साल होने के कारण यह अंतरिम बजट है लेकिन यह माना जा रहा है कि इस अंतरिम बजट में भी निर्मला सीतारमण कई महत्वपूर्ण ऐलान कर सकती हैं।
बताया जा रहा है कि चुनावी वर्ष होने के कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने अंतरिम बजट में महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के लिए कई महत्वपूर्ण ऐलान भी कर सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के बजट सत्र के पहले दिन बुधवार को ही पत्रकारों से बात करते हुए यह कह चुके हैं कि जब चुनाव का समय निकट होता है तब आमतौर पर पूर्ण बजट नहीं रखा जाता है। उनकी सरकार भी उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए पूर्ण बजट नई सरकार बनने के बाद लेकर आएगी।
उन्होंने कहा था कि इस बार कुछ दिशानिर्देश की बातें लेकर देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बजट (अंतरिम बजट) पेश करेंगी। (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 1 फरवरी । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अंतरिम बजट 2024 आज संसद में पेश किया जाएगा, जिसमें बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सरकार के बड़े खर्च को जारी रखने और गरीबों के लिए कृषि और दूसरी योजनाओं पर फोकस करने की उम्मीद है।
अर्थव्यवस्था में 7 प्रतिशत से अधिक के विकास के चलते टैक्स कलेक्शन में उछाल आया है जिससे वित्त मंत्री को राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने और स्थिरता के साथ आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है।
पिछले नौ वर्षों में, संरचनात्मक सुधारों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावशाली ढंग से बढ़ी है।
आईएमएफ के अनुसार, "भारत एक स्टार के रूप में उभरा है" और डिजिटलीकरण और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक सुधारों के कारण वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत से अधिक योगदान देने का अनुमान है।
भारत की वास्तविक जीडीपी ने वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2023) में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो प्रमुख देशों में सबसे अधिक है। देश का राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 2023-24 में भारत की वास्तविक जीडीपी दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 24 में भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अपना विकास अनुमान बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले के 6.3 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
इसके विपरीत, ओईसीडी का आर्थिक आउटलुक ने 2024 के लिए अधिकांश बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए वास्तविक जीडीपी 0.7-1.7 प्रतिशत की सीमा में और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए लगभग 4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है।
मुद्रास्फीति में गिरावट से आर्थिक स्थिरता बढ़ी है। दिसंबर 2023 में, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत दर्ज की गई, जो आरबीआई की ऊपरी सीमा से नीचे रही। इसके अलावा, मुद्रास्फीति का मुख्य घटक 48 महीनों में सबसे निचले स्तर 3.89 प्रतिशत पर पहुंच गया।
भारत का शेयर बाजार पहली बार वैश्विक स्तर पर चौथे सबसे बड़े इक्विटी बाजार के रूप में हांगकांग से आगे निकल गया है।
भारत के आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों की मजबूती के साथ-साथ मानव विकास में प्रगति हुई है।
नीति आयोग के अनुसार, पिछले 9 वर्षों में लगभग 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से ऊपर आए; और गरीबी अनुपात में भारी गिरावट आई है, जो 2013-14 में 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 11.28 प्रतिशत हो गई है।
दिसंबर 2023 में यूपीआई लेनदेन एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया, जिसका मूल्य 18.23 ट्रिलियन रुपए (42 प्रतिशत सालाना) और 12.02 बिलियन वॉल्यूम (54 प्रतिशत सालाना) था।
भारत का विनिर्माण पीएमआई दिसंबर 2023 में 54.9 था, जिसमें 30 महीनों से विस्तार हुआ है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने रुपए से अधिक का रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है। पिछले वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 2022-23) में 1 लाख करोड़।
बैंकों का एनपीए और शुद्ध एनपीए दशक के निचले स्तर पर है।
बैंक रिकॉर्ड डिविडेंड सरकार को दे रहे हैं और उन पैसों का उपयोग 'गरीब कल्याण' के लिए किया जा रहा है।
हाल ही में आए तिमाही नतीजों के मुताबिक, भारी परेशानी से उबरकर एसबीआई भारत में 'सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली' कंपनी बन गई है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में एसबीआई ने 18,537 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 1 फरवरी । अंतरिम बजट 2024 से पहले बाजार हरे निशान में हैं और सेंसेक्स 200 अंक से अधिक चढ़ गया।
सेंसेक्स 273.72 अंक बढ़कर 72,025.83 अंक पर कारोबार कर रहा है।
पावरग्रिड के शेयरों में 4 फीसदी, मारुति में 4 फीसदी, एनटीपीसी के शेयरों में 2 फीसदी की तेजी है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि फेड के फैसले और बजट दोनों आज बाजार को प्रभावित करेंगे, लेकिन फोकस बजट पर होगा।
भले ही अंतरिम बजट में "कोई सनसनीखेज घोषणा" नहीं होगी, लेकिन गुरुवार को प्रधानमंत्री का ये बयान कि यह सरकार का इरादा दिखाएगा, ने उम्मीदें जगाई हैं कि इसमें कुछ महत्वपूर्ण संकेत होंगे।
उन्होंने कहा, बुधवार को एसएंडपी 500 में 1.61 प्रतिशत की बिकवाली से निराशा हुई कि मार्च में दर में कटौती नहीं होगी। लेकिन फेड प्रमुख की यह टिप्पणी कि अर्थव्यवस्था 2023 में 3.1 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि के साथ अच्छा प्रदर्शन कर रही है, बेरोजगारी में कमी 3.7 प्रतिशत और उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति घटकर 2.6 प्रतिशत हो गई है, आगे चलकर बाजार के लिए अच्छा संकेत है।
बजट प्रस्तावों के जवाब में सेक्टोरल और स्टॉक-विशिष्ट कदम सुर्खियों में रहेंगे। उन्होंने कहा, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों को आज के नाटकीय कदमों से प्रभावित नहीं होना चाहिए और अच्छी दीर्घकालिक विकास संभावनाओं वाले उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों पर फोकस करना चाहिए। (आईएएनएस)।
रांची, 1 फरवरी । हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने से ठीक पहले जनता के नाम एक वीडियो रिकॉर्ड किया। गुरुवार सुबह से यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें उन्होंने खुद को निर्दोष और ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र बताया है।
उन्होंने कहा है कि वे शिबू सोरेन के बेटे हैं। किसी से डरने वाले नहीं हैं।
वीडियो में उन्होंने जनता के नाम अपनी अपील में जो कुछ कहा है, वह इस प्रकार है - साथियों, जोहार। आज मुझे ईडी गिरफ्तार करने आई है। दिन भर मुझसे पूछताछ करने के बाद, समय बिताने के बाद, सुनियोजित ढंग से मुझे गिरफ्तार करने का उन्होंने फैसला सुनाया है। फैसला ऐसे विषय पर सुनाया है जो चीज मुझसे जुड़ी हुई ही नहीं है। उनका दावा है कि में 8.50 एकड़ जमीन का मालिक हूं। जबकि यह जमीन भुईंहरी है। यह जमीन कभी बिकती ही नहीं है। उन्हें इस बाबत कहीं कोई सबूत नहीं मिला। इन्होंने दिल्ली में भी छापेमारी का काम किया। यह सिर्फ मेरी छवि खराब करने की कोशिश है। और आखिर में एक सुनियोजित तरीके से यह मुझे गिरफ्तार करने आए हैं। उन्हें पता है कि शाम के वक्त कोर्ट कचहरी बंद हो जाता है। अपनी योजना के अनुसार ईडी ने मुझे गिरफ्तार करने का फैसला सुनाया है। मैं कोर्ट के हर निर्णय का सम्मान करता हूं। इसलिए में भी कोर्ट की शरण में जा रहा हूं। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि मुझे इतना वक्त मिलेगा, क्योंकि आपतो पता है कि देश के अंदर व्यवस्थाएं किस तरीके से काम कर रही हैं। आज एक लोकप्रिय सरकार, एक आदिवासी नेता अपने बल पर जीतकर, सरकार बनाकर जनता की सेवा कर रहा था। आज लगता है, यह वक्त मेरे लिए खत्म हो रहा है। अब एक नई लड़ाई हमें लड़नी पड़ेगी। ऐसे सामंती विचारों के साथ और ऐसे तंत्रों के साथ, जो निर्दोष लोगों को, गरीब, निरीह, आदिवासी, दलित और पिछड़ों के ऊपर जो अत्याचार करते हैं। आज मुझे संभवतः ये लोग अपने कब्जे में ले लेंगे। मुझे इसकी चिंता नहीं। शिबू सोरेन का मैं बेटा हूं। संघर्ष हमारे खून में है। और संघर्ष करेंगे, लड़ेंगे, जीतेंगे।
हेमंत सोरेन ने आगे कहा -- आपको हम बता दें कि जिस जमीन को लेकर उन्होंने मुझपर आरोप लगाए, मुझे अरेस्ट कर रहे हैं, जहां मेरा दूर-दूर तक मेरा कोई भी नाम, कहीं से नहीं है। बल्कि जो लोग जाली कागज बनाकर, जिनकी फर्जी शिकायत के आधार पर मुझे आज गिरफ्तार करने का षड्यंत्र रचकर आज ये कामयाब हो रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आज नहीं तो कल सत्य की विजय होगी। अभी इनके जिस राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार बिहार हुआ है, दूसरे राजनीतिक षड्यंत्र का शिकार ये मुझे बना रहे हैं। मेरे पास समय बहुत कम है। बहुत कम समय में मैं यह वीडियो बना रहा हूं। आप आश्वस्त रहें कि सत्य की कभी हार नहीं होती। (आईएएनएस)।
जयपुर, 1 फरवरी । राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को कहा कि मुगल सम्राट महान नहीं थे, उन्होंने आरोप लगाया कि सम्राट ने मीना बाजार की अवधारणा दी थी, जो महिलाओं को लेने जाते थे।
मंत्री ने कहा,“उसने (अकबर) जो कुछ भी किया है, उसके बाद वह महान कैसे हो सकता है? अकबर बिल्कुल भी महान नहीं था।''
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ स्कूली पाठ्य पुस्तकों में चन्द्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह को "आतंकवादी" कहा जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा,“अगर देशभक्तों को आतंकवादी के रूप में पढ़ाया जाता है, तो इसका हमारे बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इन चीजों को ठीक करने के लिए बदलाव किये जायेंगे। सभी छात्रों को अब एक जैसी वर्दी पहननी होगी।”
उन्होंने कहा कि सरकार हिजाब के खिलाफ नहीं है।
शिक्षा मंत्री ने कहा,“मुझे हिजाब से कोई आपत्ति नहीं है। हमारे देश में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की पोशाक पहन सकता है, लेकिन छात्रों को निर्धारित स्कूल यूनिफॉर्म में ही स्कूलों में प्रवेश की अनुमति होगी। लेकिन अगर किसी छात्र को कोई आपत्ति है, तो वह किसी अन्य स्कूल में जा सकता है, जहां एक समान छूट दी गई है। ”
उन्होंने कहा कि फिलहाल राजस्थान में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू नहीं किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा, ''मैं पाठ्यक्रम में बदलाव के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन जहां भी हमारे पूर्वजों के बारे में कोई विवादास्पद हिस्सा या भ्रामक जानकारी है, तो उन हिस्सों को पाठ्यक्रम से हटा दिया जाना चाहिए।''
उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे पितृ पूजा दिवस के रूप में मनाया जायेगा।
“केवल 14 दिन बचे हैं। हमें जल्द से जल्द सभी तैयारियां करनी होंगी।'' (आईएएनएस)।