कारोबार
सी कास्ट के वैज्ञानिकों ने दी जानकारी
बिलासपुर, 19 अप्रैल। डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यायल में द रोल आफ इंटेलेक्चूअल प्रापर्टी इन रिन्यूएबल टेक्नालॉजी एंड इंडस्टीयल मैनेंजेमेंट विषय पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। जिसमें सी कास्ट के वैज्ञानिक-डी डॉ.अमित दुबे, राहुल शर्मा वैज्ञानिक-सी, सी कास्ट एवं 5 पेन युनिवर्सल के सीईओ आदित्य कुमार वक्ता के रूप में उपस्थित थे।
इस अवसर पर वैज्ञानिक-डी डॉ.अमित दुबे ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों में अब बहुत अधिक शोध हो रहे है। इसलिए इसके संपूर्ण विषयों की जानकारी बेहद जरूरी है। राहुल शर्मा वैज्ञानिक-सी, सी कास्ट ने कहा कि बैद्विक संपदा के क्षेत्र में बहुत अधिक जागरूकता की जरूरत है। इस क्षेत्र में लोगों का जानकारी कम है। वैज्ञानिक-डी डॉ.अमित दुबे ने पेटेंट की प्रारंभिकत प्रक्रिया से लेकर अंतिम तक की पूरी जानकारी दी। इस अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय की सम कुलपति डॉ.जयति चटर्जी मित्रा ने कहा कि शिक्षण संस्थान रिसर्च के क्षेत्र में सबसे अधिक कार्य करने वाले होते हैं।
विश्वविद्यालय में अब तक 59 पेटेंट रजिस्टर कराया जा चुका है, और जल्द ही बड़ी संख्या में पेटेंट रजिस्टर कराए जाएंगे। इसलिए बौद्धिक संपदा अधिकार के बारे में सबसे अधिक जानकारी हमें होनी चाहिए। इस अवसर पर डीन अकादमिक डा.अरविंद तिवारी ने कहा कि आज के समय में पेटेंट की जानकारी और इसके नियमों का पालन संबंधी समस्त ज्ञान हर किसी संस्थान एवं व्यक्ति के पास होना आवश्यक है। यह एक तरह से जरूरी अधिकार भी हैं । विश्वविद्यालय लगातार शोध पर कार्य कर रहा हैं। विश्वविद्यालय ने एक कैनिडियन कॉपीराईड भी किया है। कार्यक्रम में डीएसडब्लू डॉ.मनीष उपाध्याय ने कहा कि पेटेंट का ज्ञान इसलिए भी बहुत जरूरी है, कि हम किसी के विकास में बाधा न बने। लेकिन अपने शोध पर निरंतर कार्य करें और वैधानिक स्वरूप में आकर उसका उपयोग करें। इस संबंध में इसके समस्त अधिकारों और कर्तव्यों को जानना हर किसी के लिए बेहद जरूरी है। यह आयोजन सेंटर फॉर रिन्यूएबल ग्रीन एनर्जी, ट्रेनिंग प्लेसमेंट एंड इंडस्टीयल एकेडिमियां लिंकेज सेल एवं आईक्यूएसी द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर कार्यक्रम के समन्वयक डॉ रत्नेश तिवारी, डॉ. राजीव पीटर्स सहित बड़ी संख्या में शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
भारत में कारोबारी सप्ताह के पहले ही दिन शेयर बाज़ार में भारी गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स 1172 प्वांइट यानी लगभग दो फ़ीसदी गिर कर 57166 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 302 प्वाइंट नीचे गिर कर 17,173 पर बंद हुआ.
इस बड़ी गिरावट की वजह से निवेशकों के लगभग चार लाख करोड़ रुपए डूब गए. आईटी, बैंक, फाइनेंशियल, रियल्टी और टेलीकॉम सेक्टर के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि ऑटो, पावर, एफएमसीजी और मेटल शेयरों में ख़रीदारी देखने को मिली.
सेंसेक्स के मिड कैप और स्मॉल कैप दोनों में 200 अंक से ज़्यादा की गिरावट रही. सबसे अधिक गिरावट इन्फोसिस और एचडीएफसी में दर्ज की गई. जहाँ तक सेक्टोरल इंडेक्स का सवाल है तो आईटी सेक्टर का इंडेक्स लगभग 5 फ़ीसदी गिर गया वहीं बैंक, टेलीकॉम और फाइनेंशियल सेक्टर इंडेक्स दो-दो फीसदी गिर गए.
यूक्रेन संकट की वजह से कच्चे तेल के दाम में बढ़ोतरी और रूस पर प्रतिबंध और बढ़ाने की आशंका के अलावा फेड रिजर्व की ओर से ब्याज दर बढ़ाने की संभावना ने ग्लोबल मार्केट को प्रभावित किया है. इस गिरावट ने भारतीय बाजार को प्रभावित किया है. (bbc.com)
नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा)। ऑटो उद्योग के संगठन सिआम के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत से यात्री वाहनों का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 43 प्रतिशत बढ़ गया, जिसमें मारुति सुजुकी इंडिया 2.3 लाख से अधिक इकाइयों के साथ अग्रणी रही।
आंकड़ों के मुताबिक 2021-22 में कुल यात्री वाहनों (पीवी) का निर्यात 5,77,875 इकाई रहा, जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा 4,04,397 इकाई था।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) के आंकड़ों के मुताबिक यात्री कार खंड में 42 प्रतिशत वृद्धि के साथ 3,74,986 इकाइयों का निर्यात किया गया, जबकि उपयोगिता वाहन खंड में निर्यात 46 प्रतिशत बढ़कर 2,01,036 इकाइयों पर पहुंच गया।
वित्त वर्ष 2021-22 में वैन का निर्यात बढ़कर 1,853 इकाई हो गया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 1,648 इकाई था।
निर्यात के लिहाज से मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) अग्रणी रही, जबकि इसके बाद हुंडई मोटर इंडिया और किआ इंडिया रहे।
एमएसआई ने समीक्षाधीन अवधि में 2,35,670 यात्री वाहनों का निर्यात किया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले दोगुने से अधिक है।
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल। कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने शुक्रवार को अपने मॉडल अर्टिगा के नए संस्करण को बाजार में उतारा। इसकी कीमत 8.35 से 12.79 लाख रुपये के बीच रखी गई है।
अर्टिगा के नए संस्करण में 1.5 लीटर का पेट्रोल इंजन है और यह मैनुअल तथा ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से युक्त है। कंपनी ने इस वाहन के सीएनजी संस्करण को भी बाजार में उतारा है। नई अर्टिगा में हाइब्रिड टेक्नोलॉजी है।
मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिसाशी ताकेउची ने कहा, ‘‘भारतीय वाहन क्षेत्र में दस साल पहले जब अर्टिगा उतारी थी तो वह भी महत्वपूर्ण पल था। इसने एक नया खंड तैयार किया था जो 4.7 फीसदी की सालाना चक्रीय वृद्धि दर से बढ़ रहा है। नेक्स्ट जनरेशन अर्टिगा में आधुनिक प्रौद्योगिकी खूबियां, नया इंजन और पूरी तरह से नया ट्रांसमिशन है।’’
यह मॉडल पेट्रोल और सीएनजी विकल्पों में उपलब्ध है। कंपनी का दावा है कि इस गाड़ी का ‘एवरेज’ 20.51 किलोमीटर प्रति लीटर (पेट्रोल) और 26.11 किलोमीटर प्रति लीटर (सीएनजी) है। (भाषा)