खेल
मुंबई, 29 अप्रैल। दिल्ली कैपिटल्स की जीत में फिर से अहम भूमिका निभाने वाले बायें हाथ के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने कहा कि वह अब मानसिक रूप से मजबूत गेंदबाज बन गये हैं और असफलता से घबराते नहीं हैं।
कुलदीप की अपनी पूर्व टीम कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ शानदार गेंदबाजी से दिल्ली ने गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में चार विकेट से जीत दर्ज की। केकेआर ने पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर नौ विकेट पर 146 रन बनाये जिसके जवाब में दिल्ली ने 19 ओवर में छह विकेट पर 150 रन बनाये। कुलदीप ने तीन ओवर में 14 रन देकर चार विकेट लिये।
मैन ऑफ द मैच कुलदीप ने मैच के बाद कहा, ‘‘अब मैं बेहतर और मानसिक रूप से मजबूत गेंदबाज़ बन गया हूं। आप जिन चीजों का सामना कर लेते हो तो फिर उनसे डरते नहीं हो। मुझे अब असफल होने का कोई डर नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे आईपीएल करियर का सबसे अच्छा सत्र है। मैं अपनी क्षमता और कौशल पर विश्वास कर रहा हूं और अपने खेल का आनंद ले रहा हूं। ’
कुलदीप ने इसके साथ ही कहा कि वह चाहते हैं कि राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलने वाले उनके साथी युजवेंद्र चहल सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज को मिलने वाली ‘पर्पल कैप’ हासिल करें।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे और चहल के बीच में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। उसने मुझे लगातार प्रोत्साहित किया है। वह मेरे बड़े भाई जैसा है और जब मैं चोटिल भी था तब भी उसने मेरा साथ दिया। मैं दिल से चाहता हूं कि वह (चहल) पर्पल कैप जीते क्योंकि पिछले चार वर्षों में उसने बढ़िया गेंदबाज़ी की है।’’
दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत ने कहा के बीच में दो रन के अंदर तीन विकेट गंवाने से उनकी पेशानी पर बल आ गये थे।
पंत ने कहा, ‘‘लगातार विकेट गंवाने के बाद हम चिंता कर रहे थे लेकिन हमें लगा कि अगर हम मैच को आखिर तक लेकर जाएंगे तो हमें जीत मिलेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अभी अंक तालिका नहीं देख रहे हैं। हमारी नज़र अगले मैच पर हैं। मैं चाहता हूं कि हम अपनी रणनीति पर टिके रहें। ’’
केकेआर के कप्तान श्रेयस अय्यर ने स्वीकार किया कि उनकी टीम ने कम स्कोर बनाया था जिसका बचाव करना आसान नहीं था।
अय्यर ने कहा, ‘‘हमने शुरू में धीमी बल्लेबाज़ी की। गेंद रुककर आ रही थी लेकिन इस पिच पर यह स्कोर छोटा था। हमें देखना होगा कि हम कहां ग़लतियां कर रहे हैं। हमारी सलामी जोड़ी तय नहीं हो पा रही जो हमारे लिये चिंता का विषय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अब ज़्यादा बदलाव नहीं कर सकते। हम अपने खिलाड़ियों पर भरोसा जताएंगे। अगले पांच मैच में हमें बेहतर और आक्रामक क्रिकेट खेलना होगा। तैयारी अच्छी हो रही है लेकिन खिलाड़ियों को अपनी मानसिकता में बदलाव लाना होगा।’’ (भाषा)
मुंबई, 28 अप्रैल। मैच की अंतिम गेंद पर विजयी छक्के सहित चार गेंद में तीन छक्के जड़कर किसी भी बल्लेबाज को अपनी उपलब्धि पर गर्व होगा लेकिन गुजरात टाइटंस के अफगानिस्तान के स्टार क्रिकेटर राशिद खान ने कहा है कि उन्हें इस तरह का प्रदर्शन करने का भरोसा था क्योंकि वह पिछले दो साल से अपनी बल्लेबाजी पर काम कर रहे हैं।
अपनी शानदार लेग स्पिन के लिए पहचाने जाने वाले राशिद ने बुधवार रात 11 गेंद में नाबाद 31 रन की पारी खेली और इस दौरान तेज गेंदबाज मार्को जेनसन की चार गेंद पर तीन छक्के जड़कर सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ गुजरात टाइटंस को जीत दिलाई।
टाइटंस को 196 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए अंतिम ओवर में जीत के लिए 22 रन की दरकार थी। राहुल तेवतिया (21 गेंद में नाबाद 40) ने पहली गेंद पर छक्का जड़ने के बाद अगली गेंद पर एक रन लिया जिसके बाद राशिद ने टीम को जीत दिला दी।
राशिद ने अपनी बल्लेबाजी के संदर्भ में कहा, ‘‘यह काफी अच्छा अहसास है.. जब आप मैदान पर उतरते हो तो आपके अंदर आत्मविश्वास होना चाहिए, मजबूत रहिए और शॉट खेलिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनके खिलाफ (अपनी पूर्व टीम सनराइजर्स हैदराबाद) जीत हासिल करके खुशी हुई लेकिन मैं सिर्फ अपना खेल खेलने का प्रयास कर रहा था और मुझे अपनी बल्लेबाजी पर भरोसा था जिस पर मैं पिछले दो साल से काम कर रहा हूं।’’
अंतिम ओवर में उनके और तेवतिया के बीच बातचीत के बारे में पूछे जाने पर राशिद ने कहा, ‘‘जब 22 रन बनाने थे तो मैंने तेवतिया से सिर्फ इतना कहा कि हमने अंतिम ओवर में 25 रन दिए जबकि हमारा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज (लॉकी फर्ग्युसन) गेंदबाजी कर रहा था। हमें बस अपने ऊपर भरोसा होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर एक गेंद छूट जाए तो इसके बारे में नहीं सोचना और डरना नहीं है। मजबूत रहना है और हमें मैच को खत्म करना है या जितना संभव हो उतना करीब लेकर जाना है क्योंकि इससे हमें रन रेट में मदद मिल सकती है।’’
तेवतिया ने भी राशिद से सहमति जताते हुए कहा कि अतीत में ऐसी स्थिति में खेलने के अनुभव से मदद मिली।
तेवतिया ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हमें अंतिम ओवर में 22 रन की जरूरत थी। राशिद भाई ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। मैंने कहा कि अगर मैं पहली गेंद पर छक्का लगा दूं तो हम मैच को करीब ले जा सकते हैं। मैंने कहा कि मैं छक्का जड़ने का पूरा प्रयास करूंगा और फिर देखते हैं कि क्या होता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी घरेलू टीम (हरियाणा) के लिए भी इसी क्रम पर बल्लेबाजी करता हूं और मैंने ऐसी स्थिति का पहले भी सामना किया है। जब आईपीएल में दो साल पहले मुझे यह जिम्मेदारी मिली तो मैंने अपनी टीम हरियाणा और आईपीएल के लिए ऐसी स्थिति में होने का काफी अभ्यास किया, विशेषकर डेथ ओवरों में।’’
तेवतिया ने कहा, ‘‘अगर आपको अंतिम चार या पांच ओवर में 40 से 50 रन की जरूरत है तो आपको चुनना होगा कि गेंदबाज की किस गेंद पर शॉट खेलना है।’’
यह पूछने पर कि उन्होंने अंतिम ओवर की दूसरी गेंद पर एक रन क्यों लिया, तेवतिया ने कहा, ‘‘राशिद भाई काफी अच्छी बल्लेबाजी करते हैं और उन्होंने पहले भी हमें बल्ले से मैच जिताया है।’’(भाषा)
पद्मश्री कर्णम मल्लेश्वरी ने कोल इंडिया मुख्यालय में शीर्ष विजेताओं को किया सम्मानित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 28 अप्रैल। ओलिंपिक में भारत की पहली महिला पदक विजेता पद्मश्री कर्णम मल्लेश्वरी ने बुधवार को कोल इंडिया मुख्यालय, कोलकाता में अंतर-कंपनी पावरलिफ्टिंग, वेटलिफ्टिंग एवं बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप - 2022 के समापन समारोह में शीर्ष पदक विजेताओं को सम्मानित किया। समापन समारोह में कोल इंडिया के निदेशक (मार्केटिंग) एस.एन. तिवारी एवं निदेशक (तकनीकी) बी. वीरा रेड्डी उपस्थित थे।
इसमें कोल इंडिया की अनुषंगी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स की टीम उप-विजेता बनी। प्रतियोगिता में एसईसीएल के विशाल कश्यप को बेस्ट लिफ्टर ऑफ कोल इंडिया का खिताब मिला।
इस मौके पर मल्लेश्वरी ने अपने उद्बोधन में अपने कर्मियों के लिए इतने बड़े स्तर पर खेल प्रतियोगिता आयोजित कराने के लिए कोल इंडिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि खेल हमें शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और बड़ी संख्या में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं कोचिंग की उपलब्धता से भारतीय खेल प्रतिभाएं राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेलों में चमत्कार कर सकती हैं।
इस अवसर पर “द्रोणाचार्य लाइफटाइम अवॉर्ड” से नवाजे जा चुके कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी डब्ल्यूसीएल के सिविल इंजीनियर विजय मुनीश्वर को भारत में पैरा पावरलिफ्टिंग के खेल को नई ऊंचाई दिलाने में उनके अहम योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया।
गौरतलब है कि कोल इंडिया मुख्यालय में अंतर-कंपनी पावरलिफ्टिंग, वेटलिफ्टिंग एवं बॉडी बिल्डिं
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने पूर्व कप्तान विराट कोहली को आईपीएल से ब्रेक लेने की सलाह दी है. आईपीएल 2022 में विराट कोहली का सितारा लगातार गर्दिश में है. मंगलवार को उन्होंने अपनी टीम के लिए ओपनिंग भी की, लेकिन उसमें भी नाकाम रहे. ये सीज़न उनके लिए काफ़ी ख़राब रहा है. उन्होंने इस सीज़न के नौ मैचों में कुल 128 रन ही बनाए हैं. उन्होंने इस सत्र में सर्वाधिक 48 रन मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ बनाए थे.
जतिन सप्रू के यूट्यूब चैनल के साथ बातचीत में रवि शास्री ने कोहली को ब्रेक लेने की सलाह दी और कहा- मुझे लगता है कि उनके लिए यही सही होगा. उन्होंने हर फॉर्मेट में लगातार क्रिकेट खेली है. बुद्धिमानी वाला फ़ैसला यही होगा कि वे ब्रेक ले लें. कभी कभी आपको करियर में संतुलन बनाना होता है. रवि शास्त्री ने कहा कि अगर आप अपना अंतरराष्ट्रीय करियर और लंबा करना चाहते हैं और वहाँ अगले छह-सात साल तक अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं, तो आईपीएल से हट जाइए. लेकिन ये उन पर निर्भर करता है. (bbc.com)
मुंबई, 26 अप्रैल। दिल्ली कैपिटल्स के आक्रामक बल्लेबाज रोवमैन पॉवेल को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ आखिरी ओवर में जीत के लिए जरूरी 36 रन बनाने की उम्मीद थी लेकिन लगातार तीन छक्के के बाद विवादित नो बॉल के बाद उनकी लय टूट गई
वेस्टइंडीज का यह खिलाड़ी हालांकि अतीत के बारे में सोचने के बजाय आने वाले मैचों पर ध्यान देना चाहता है।
पॉवेल ने ओबेद मैकॉय की पहली तीन गेंदों पर छक्के जड़ दिये। लेकिन तीसरी गेंद को ‘नो-बॉल’ नहीं देने पर दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत अपने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बुलाने लगे। कोच प्रवीण आमरे इशारे से ‘नो-बॉल’ चेक करने को कह रहे थे, इससे कुछ देर तक मैच रूक गया।
पॉवेल ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ यह एक ऐसी चीज है जिसे हमें जल्दी ही पीछे छोड़ना होगा। हमें अभी बहुत सारे मैच खेलने है और अतीत में रहने का कोई मतलब नहीं है।’’
वेस्टइंडीज के इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ प्रतियोगिता के अगले दौर के लिए क्वालीफाई करने के लिए हमें हमेशा भविष्य की ओर देखना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सच कहूं तो मैं काफी आश्वस्त था (एक ओवर में छह छक्के मारने को लेकर)। मुझे पहली दो गेंद के बाद लगा कि मैं ऐसा कर सकता हूं। मैं बस उम्मीद कर रहा था कि यह नो बॉल होगी, लेकिन अंपायर का फैसला अंतिम होता है और क्रिकेटर के तौर पर हमें आगे बढ़ना होता है।’’ (भाषा)
मुंबई के ख़िलाफ़ मैच में अपने झन्नाटेदार शॉट से जीत दिलाने वाले महेंद्र सिंह धोनी पंजाब के ख़िलाफ़ मैच में कमाल नहीं कर पाए. चेन्नई की टीम पंजाब से मैच हार गई. जिस गेंदबाज़ ने धोनी को अपना करिश्मा दिखाने से रोका, वे थे पंजाब के गेंदबाज़ ऋषि धवन. इस मैच में ऋषि धवन का फ़ेस शील्ड भी ख़ूब चर्चा में रहा. ये उस फे़ेस शील्ड की तरह था जो एनबीए में खिलाड़ी अपनी नाक की चोट के बाद पहनते हैं. ऋषि धवन की कहानी भी कुछ मिलती-जुलती है.
दरअसल रणजी ट्रॉफ़ी के एक मैच के दौरान ऋषि धवन को सिर में चोट लग गई थी. उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और उनकी सर्जरी भी हुई. डॉक्टरों की सलाह के बाद ही ऋषि धवन विशेष मास्क पहनकर मैदान पर उतरे हैं. 32 वर्षीय ऋषि धवन चार साल बाद आईपीएल में खेल रहे हैं. आख़िरी बार वे पंजाब की ही टीम में थे और इस बार भी उन्हें पंजाब की टीम ने ही ख़रीदा है. हिमाचल प्रदेश से आने वाले ऋषि धवन का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन बेजोड़ रहा है. उन्होंने अपनी टीम को विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी भी जितवाई है. (bbc.com)
मुंबई, 26 अप्रैल। दबाव में चल रही चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम को अगले कुछ और मुकाबलों में सीनियर खिलाड़ी मोईन अली की सेवाएं नहीं मिलेंगी लेकिन मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग को उम्मीद है कि इंग्लैंड का यह आलराउंडर एक हफ्ते में चोट से उबर जाएगा।
मोईन को शनिवार को ट्रेनिंग सत्र के दौरान टखने में चोट लगी थी और वह सोमवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ मुकाबले में नहीं उतरे जिसमें सुपरकिंग्स को 11 रन से हार का सामना करना पड़ा।
मोईन सुपरकिंग्स की ओर से पिछला मुकाबला 17 अप्रैल को खेले थे और इस मैच में भी टीम को गुजरात टाइटंस के खिलाफ तीन विकेट से हार झेलनी पड़ी थी।
फ्लेमिंग ने सोमवार को मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘उसका टखना मुड़ गया था, एक्सरे में खुलासा हुआ है कि फ्रेक्चर नहीं है लेकिन इससे उबरने में समय लगता है, शायद सात दिन। उम्मीद करते हैं कि वह तेजी से उबरेगा क्योंकि फ्रेक्चर नहीं है।’’
पिछले सत्र में खिताब जीतने वाली चेन्नई की टीम के अहम सदस्य रहे मोईन मौजूदा सत्र में बल्ले और गेंद दोनों से जूझ रहे हैं।
मोईन ने अब तक 17.40 की औसत से 87 रन बनाए हैं जिसमें सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 48 रन की पारी भी शामिल है। वह अब तक आठ ओवर में एक भी विकेट हासिल नहीं कर पाए हैं।
सुपरकिंग्स की टीम मौजूदा सत्र में चोटों से जूझ रही है। तेज गेंदबाज दीपक चाहर और एडम मिल्ने पहले ही चोटों के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं।
सोमवार को क्षेत्ररक्षण करते हुए अंबाती रायुडू के हाथ में भी हल्की चोट लगी थी और उन्हें उपचार कराना पड़ा था।
शीर्ष क्रम के विफल रहने के बाद रायुडू ने 39 गेंद में सात चौकों और छह छक्कों से 78 रन की पारी खेलकर सुपरकिंग्स को मैच में बनाए रखा था लेकिन टीम को जीत नहीं दिला पाए।
फ्लेमिंग ने कहा, ‘‘ब्रेक के समय जब देखा तो उसके हाथ में खरोंच आई थी। उस पर बर्फ लगाई गई और शायद वह पट्टी बांधकर खेला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह वही हाथ है जिसमें कुछ समय पहले फ्रेक्चर हुआ था, यह चोट भी अभी ताजा है और इस तरह की पारी से बेशक कुछ नुकसान हो सकता है।’’
फ्लेमिंग ने खराब फॉर्म से जूझ रहे रविंद्र जडेजा को बल्लेबाजी क्रम में महेंद्र सिंह धोनी से ऊपर भेजने के फैसले का भी बचाव किया। धोनी ने पिछले मैच में मुंबई इंडियन्स के खिलाफ टीम को यादगार जीत दिलाई थी जब उन्होंने अंतिम ओवर में एक छक्का और दो चौके जड़े थे।
कोच ने कहा, ‘‘हमने 12वें ओवर (13वें ओवर) में विकेट गंवाया। हमने इस पर काफी चर्चा की है, धोनी के आने का सबसे अच्छा समय 15 ओवर के बाद है और जडेजा ने हमारे लिए बीच के ओवरों में आकर कुछ अच्छी पारियां खेली हैं और हम एक या दो मैच के आधार पर इसे नकार नहीं सकते।’’
सुपरकिंग्स के कमजोर गेंदबाजी आक्रमण को देखते हुए भारत के अंडर-19 विश्व कप स्टार राजवर्धन हांगरगेकर को मौका दिए जाने से जुड़े सवाल पर फ्लेमिंग ने कहा, ‘‘उसे मौका दिया जा सकता है लेकिन हमें सतर्क रहना होगा। मुझे पता है कि उसने अंडर-19 स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन इसका (आईपीएल का) स्तर अलग है।’ (भाषा)
तालिबान के शासन से बच निकलने के बाद पहली बार अफगानिस्तान की राष्ट्रीय महिला फुटबॉल टीम ने ऑस्ट्रेलिया में खेलना शुरू किया है. ऑस्ट्रेलिया ने दर्जनों महिला खिलाड़ियों और उनके परिवार को अफगानिस्तान से निकलने में मदद की थी.
रविवार 24 अप्रैल को इन अफगान महिला खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद पहली बार एक स्थानीय लीग मैच में हिस्सा लिया. ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी प्रांत विक्टोरिया में आयोजित यह मैच बेशक बेनतीजा रहा लेकिन अफगान महिलाओं के लिए मैदान में वापस लौट पाना ही एक शक्तिशाली, सांकेतिक जीत थी.
टीम की कप्तान नीलाब ने कहा कि इस मैच ने दिखा दिया कि तालिबान इन खिलाड़ियों को रोकने में सफल नहीं हो पाया. अफगानिस्तान में रह रहे अपने रिश्तेदारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपनी टीम के दूसरे सदस्यों की तरह की उन्होंने ने भी अपना उपनाम नहीं बताया.
दर्जनों अफगान पहुंचे थे ऑस्ट्रेलिया
नीलाब ने बताया, "हमने अफगान लोगों के लिए खेलने को लेकर अपनी लड़ाई अभी भी जारी रखी हुई है. हम अपने देश से भाग कर तो आ गए लेकिन हम अभी भी अपने देश के बारे में सोच रहे हैं और अभी भी अपने देश के लिए अपनी जीत के लिए काम कर रहे हैं."
ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान की राष्ट्रीय महिला टीम की दर्जनों खिलाड़ियों और उनके रिश्तेदारों को अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के स्थापित होने के बाद वहां से भाग निकलने में मदद की.
सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने महिलाओं की आजादी पर गंभीर रूप से अंकुश लगा दिए हैं. लड़कियों के लिए शिक्षा को प्रतिबंधित कर दिया गया है और महिलाओं को बिना किसी पुरुष रिश्तेदार को साथ लिए हवाई जहाज पर चढ़ने से मनाही जैसे नियम लागू कर दिए हैं.
राष्ट्रीय महिला टीम की खिलाड़ी देश से भाग निकलने के क्रम में अलग अलग देश पहुंच गए और टीम बंट गई. लेकिन उनमें से कई विक्टोरिया की राजधानी मेलबर्न में बस गईं और वहां महिलाओं की पेशेवर ए-लीग टीम मेलबर्न विक्टरी ने उन्हें फिर से खेल पाने में मदद की.
खेलने की ललक
गोलकीपर फातिमा कहती हैं कि जिन लोगों ने तालिबान की वापसी के बाद अफगानिस्तान की तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखी हैं वो समझ पाएंगे कि खिलाड़ियों को अपने घरों को छोड़ने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी.
उन्होंने बताया, "वो समझ सकते हैं कि हम सब के लिए उस स्थिति का सामना करना कितना मुश्किल और चुनौतीपूर्ण था. आज हम फिर से एक साथ हैं और एक टीम की तरह खेल रही हैं...यह काफी शक्तिशाली बात है. यह अविश्वसनीय है."
टीम के कोच जेफ हॉप्किंस ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन की सराहना की. उन्होंने कहा, "ये युवा महिलाएं, ये सिर्फ इतना चाहती हैं कि इन्हें बराबरी से व्यवहार किए जाने का मौका मिले और वो उस खेल को खेल सकें जिसे वो प्यार करती हैं. जाहिर है कि ये अफगानिस्तान में नहीं हो पा रहा था. वहां तो उन पर इसके लिए जुल्म किया जा रहा था."
मैच के कुछ ही दिन पहले मेलबर्न विक्टरी ने अफगान टीम को उनकी नई किट दी. किट मुख्य रूप से लाल रंग की है और उनमें अफगानिस्तान के राष्ट्रीय झंडे को दर्शाती शर्ट भी हैं. इन शर्टों पर नंबर तो हैं लेकिन कोई नाम नहीं हैं, ताकि अफगानिस्तान में इन खिलाड़ियों के परिवार के सदस्यों को लिए कोई खतरा न उत्पन्न हो जाए.
सीके/एए (एएफपी)
पेरिस, 25 अप्रैल। पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) ने फ्रांसीसी फुटबॉल लीग में अपना दबदबा बरकरार रखते हुए 10वीं बार ‘लीग-1’ का खिताब जीतकर रिकार्ड की बराबरी की।
पीएसजी ने लेन्स के खिलाफ अपना मैच 1-1 से ड्रा खेला जो कि खिताब जीतने के लिये पर्याप्त था। पीएसजी ने इस तरह से सेंट एटिने और मार्सेली के 10 खिताब के रिकार्ड की बराबरी की।
पीएसजी का 2011 के बाद यह पिछले 10 टूर्नामेंट में आठवां खिताब है। इस बीच केवल मोनाको (2017) और लिली (2021) ही पीएसजी के विजय अभियान पर रोक लगा पाये थे।
लेन्स के खिलाफ मैच में पीएसजी के लिये लियोनेल मेस्सी ने 68वें मिनट में गोल किया। लेन्स के लिये कोरेनटिन जीन ने 88वें मिनट में बराबरी का गोल दागा। (एपी)
मुंबई, 25 अप्रैल। लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान केएल राहुल पर मुंबई इंडियन्स के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच में धीमी ओवर गति के लिये 24 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
यह इस सत्र में दूसरा अवसर है जबकि राहुल पर धीमी ओवर गति के लिये जुर्माना लगाया गया है। पहली बार उन पर 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
आईपीएल ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘केएल राहुल पर 24 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया जबकि अंतिम एकादश में शामिल अन्य खिलाड़ियों पर छह लाख रुपये या उनके मैच शुल्क का 25 प्रतिशत (जो भी कम हो) जुर्माना लगाया गया है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘यह इस सत्र में दूसरा अवसर है जबकि टीम ने आईपीएल की आचार संहिता के तहत नियत समय में ओवर पूरे नहीं किये।’’
लखनऊ ने राहुल के शतक के दम पर इस मैच में मुंबई को 36 रन से हराया। (भाषा)
मुंबई, 23 अप्रैल। मार्को यानसेन और टी नटराजन के तीन-तीन विकेट के दम पर सनराइजर्स हैदराबाद ने इंडियन प्रीमियर लीग के मुकाबले में शनिवार को यहां रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की पारी को महज 68 रन पर समेट दिया।
यानसेन ने चार ओवर में 25 रन देकर जबकि नटराजन ने तीन ओवर में 10 रन देकर तीन-तीन विकेट झटके।
जगदीश सुचित को दो जबकि भुवनेश्वर कुमार और उमरान मलिक को एक-एक सफलता मिली।
आरसीबी के सिर्फ दो बल्लेबाज दहाई के अंकड़े में रन बना सके। सुयस प्रभुदेसाई ने 15 और ग्लेन मैक्सवेल ने 12 रन का योगदान दिया।
हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन ने लगातार सातवीं बार टॉस जीता और पहले गेंदबाजी का फैसला किया।
यानसेन ने मैच के दूसरे ओवर में लगातार गेंदों पर कप्तान फाफ डुप्लेसी (पांच) और विराट (शून्य) को पवेलियन की राह दिखाने के बाद अनुज रावत (शून्य) को चलता किया। आरसीबी की टीम आठ रन पर तीन विकेट गिरने के झटके से उबर नहीं पायी।
डुप्लेसी बाहर निकलती गेंद पर बोल्ड हुए तो वहीं कोहली स्लिप में एडेन मार्कराम को कैच देकर लगातार दूसरे मैच में गोल्डन डक (पहली गेंद पर खाता खोले बगैर आउट) हुये। रावत का कैच भी मार्कराम ने स्लिप में पकड़ा।
शानदार लय में चल रहे ग्लेन मैक्सवेल ने पारी के चौथे ओवर में यानसेन के खिलाफ दो चौके जड़े लेकिन पांचवें ओवर में गेंदबाजी के लिए आये टी नटराजन ने विलियमसन के हाथों कैच कराकर 11 गेंद की पारी को खत्म किया।
इसके बाद प्रभुदेसाई और शाहबाज अहमद संभल कर बल्लेबाजी कर रहे थे लेकिन सुचित ने विकेटकीपर निकोलल्स पूरन की मदद प्रभुदेसाई और फिर शानदार लय में चल रहे दिनेश कार्तिक को खाता खोले बगैर पवेलियन भेजा।
अगले ओवर में उमरान मलिक ने पूरन के हाथों कैच कराकर शाहबाज की सात रन की पारी को खत्म किया।
इसके बाद नटराजन ने हर्षल पटेल (चार) और वानिंदु हसरंगा (आठ) को बोल्ड किया।
भुवनेश्वर ने 17वें ओवर में मोहम्मद सिराज को विलियमसन के हाथों कैच कराकर आरसीबी की पारी को खत्म किया। (भाषा)
विंबल्डन ने घोषणा की है कि रूस और बेलारूस के खिलाड़ी इस साल ग्रैंडस्लैम में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. डीडब्ल्यू के डेविड फोरहोल्ट कहते हैं कि यूक्रेन युद्ध के खिलाफ पक्ष लेना सही है लेकिन बैन का यह तरीका गलत है.
डॉयचे वैले पर डेविड फोरहोल्ट की रिपोर्ट-
देखिए, दो बातों पर बिल्कुल स्पष्ट हो जाते हैं. पहला, खेल और राजनीति- बिना अपवाद, एक दूसरे से जुड़े हैं.
दूसरा, यूक्रेन पर इस भयानक रूसी हमले की निंदा जरूर करनी चाहिए. उनकी भी, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं. और सबसे पहले राष्ट्रपति पुतिन की.
लेकिन रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों को बाहर रखने से बहुत गलत संकेत जाता है. क्योंकि यहां ऐसे लोगों को सजा देने की बात हो रही है, जो ना किसी संस्था से जुड़े हैं और ना ही एक्टिविस्ट पृष्ठभूमि वाले हैं. किसी देश के राजनेताओं के कामों के लिए उन खिलाड़ियों को सजा देना ठीक नहीं है, जिनका राजनेताओं से कोई सीधा संपर्क नहीं है, ना बतौर खिलाड़ी और ना ही बतौर नागरिक. हो सकता है विंबल्डन की नीयत सही हो, लेकिन इससे प्रभावित होने वाले लोगों का कोई दोष नहीं है.
साझा सजा गलत है
रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों की कही बातें और उनके कामों का असर दिखता है, क्योंकि वे बड़ा नाम हैं. इसलिए दोनों देशों के खिलाड़ियों से अपेक्षा की जाती है कि वे राजनेताओं के कामों से दूरी बनाए रखें. लेकिन यह अनिवार्य शर्त नहीं होनी चाहिए.
विंबल्डन का फैसला बताता है कि एक व्यक्ति के बोलने से कोई फर्क नहीं दिखता है. 24 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तब टॉप टेनिस खिलाड़ी डानिएल मेदवेदेव ने कहा कि ‘घर से मिली जानकारी' के साथ सुबह उठना कितना मुश्किल था. उन्होंने बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा कि "मैं पूरी तरह शांति के साथ हूं.” उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर "दुनिया के हर बच्चे” की तरफ से "मुल्कों के बीच शांति” की बात कही.
बिल्कुल, यह रूसी हमले के जिम्मेदार लोगों की कड़ी आलोचना नहीं थी, लेकिन कम से कम उन्होंने युद्ध की निंदा तो की. हो सकता है मेदवेदेव ने यहां निजी हित देखे हों, लेकिन इससे कुछ फर्क भी नहीं पड़ा. अगर कोई खिलाड़ी खुद को हो रही घटनाओं से अलग नहीं भी कर पाता है, तो भी वो खिलाड़ी हो रही घटनाओं के लिए किसी भी तरह से दोषी नहीं है. इसीलिए सजा का हकदार भी नहीं है. यह एक तरह से खिलाड़ियों को साझा सजा है और ऐसा नहीं होने देना चाहिए.
खेल संघ बनाम अकेला खिलाड़ी?
युद्ध से सदमे में गई दुनिया में जरूरी है कि आप स्टैंड लें और यह बात खेल की दुनिया पर भी लागू होती है. यूरोपीय फुटबॉल को चलाने वाली यूएफा (UEFA) ने रूसी फुटबॉल संघ और सेंट पीटर्सबर्ग जैसी टीमों को अगले नोटिस तक अलग करने का सही फैसला किया है.
रूस और बेलारूसी खिलाड़ियों को पैरालंपिक्स में अपने देश के झंडे के तहत ना खेलने देने का फैसला भी सही था. लेकिन टेनिस में ऐसा नहीं है, क्योंकि यहां खिलाड़ी व्यक्तिगत रूप में खेलते हैं.
रूस के खिलाफ बाकी खेलों में भी पाबंदियां लगाई गई हैं. लेकिन यही सोच व्यक्तिगत खेलों में लागू नहीं की जा सकती क्योंकि राष्ट्रीय और राज्य खेल संघ की एक जिम्मेदारी होती है, सरकारी तंत्र से सीधा रिश्ता होता है. जबकि व्यक्तिगत खेल में किसी टेनिस खिलाड़ी के साथ ऐसा नहीं होता.
प्रतीकों की राजनीति
रूसी टीम को डेविस कप से निकालना सही होगा, लेकिन अकेले डानिएल मेदवेदेव को सिंगल मुकाबलों के किसी टूर्नामेंट से निकाल देना गलत है. टेनिस के दो अलग मामले, दो अलग नतीजे. कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि डेविस कप में लोग अपने देश या राष्ट्रीय संघ के लिए खेलते हैं, भले ही सिंगल मैच भी खेल रहे हों, जैसा कि पैरालंपिक्स में हुआ.
लेकिन विंबल्डन, बाकी ग्रैंड स्लैम, एटीपी या डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट में कोई खिलाड़ी व्यक्तिगत तौर पर खेलता है. वहां जीता इनाम और रैंकिंग पॉइंट किसी राष्ट्रीय टीम या फेडरेशन की बजाए उस खिलाड़ी को मिलते हैं.
इसी तर्क के आधार पर पुरुषों के टेनिस संगठन- ATP और महिलाओं के टेनिस संगठन- WTA ने तुरंत विंबल्डन आयोजकों के फैसले पर प्रतिक्रिया दी. ATP ने रूस के किए की भर्त्सना की, लेकिन स्पष्ट कहा कि विंबल्डन का फैसला भेदभाव भरा है. WTA ने कहा कि वे इस फैसले से बहुत ही निराश हैं.
देश के झंडे के बिना खेलना संभव?
पांबदी के पीछे का इरादा सही हो सकता है. लेकिन आयोजक दूसरा तरीका भी अपना सकते थे. वे स्पॉन्सरों, रूसी उद्योगपतियों, राजनीति और पुतिन के करीबी लोगों से किसी खिलाड़ी के संबंधों की जांच करवा सकते थे. उस आधार पर फैसला कर सकते थे. इतना ही नहीं, विंबल्डन का आयोजक- ऑल इंग्लैंड क्लब, रूसी और बेलारूसी खिलाड़ों को एक न्यूट्रल झंडे तले खेलने का मौका दे सकता था, जैसे कि ATP और WTA टूर्नामेंटों में होता है.
यह खिलाड़ियों के साथ भेदभाव का एक मामला है, जो पूरी तरह से उनकी राष्ट्रीयता के साथ जुड़ा है. साझा सजा और प्रतीकों की राजनीति की एक बड़ी और भद्दी नुमाइश. जरा सोचिए, अगर विंबल्डन के आयोजक चर्च रोड की शुरुआत में पासपोर्ट चेक करने लगें और रूसी-बेलारूसी लोगों को आगे ना जाने दें तो? सोच से परे है ना? (dw.com)
बेलग्रेड, 23 अप्रैल। आंद्रे रूबलेव और फैबियो फोगनिनी ने सीधे सेटों में जीत दर्ज करके सर्बिया ओपन टेनिस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश किया जहां वे एक दूसरे के आमने सामने होंगे।
रूबलेव ने टारो डेनियल को 6-2, 6-3 से हराया जो 2022 में उनकी 21वीं जीत है। इस वर्ष उनसे अधिक जीत केवल स्टेफानोस सिटसिपास (23 जीत) ने दर्ज की हैं।
फोगनिनी को ऑस्कर ओटे के खिलाफ शुरू में जूझना पड़ा और पहले सेट में एक समय वह 2-5 से पीछे थे। इसके बाद उन्होंने लगातार सात गेम जीते और आखिर में 7-5, 6-4 से मैच अपने नाम किया।
शीर्ष रैंकिंग के नोवाक जोकोविच दूसरे सेमीफाइनल में कारेन खाचनोव से भिड़ेंगे। (एपी)
रियाद, 23 अप्रैल। इंडियन सुपर लीग की टीम मुंबई सिटी एफसी सऊदी अरब के अल शबाब क्लब के हाथों 0-6 से करारी हार झेलने के कारण एएफसी चैंपियन्स लीग फुटबॉल प्रतियोगिता से बाहर हो गयी।
शुक्रवार की रात को खेले गये ग्रुप बी के इस मैच में अल शबाब की तरफ से हट्टन बाहेब्री ने हैट्रिक जमायी।
बाहेब्री ने 19वें मिनट में ही अल शबाब को बढ़त दिला दी थी। इसके बाद उन्होंने 64वें और 66वें मिनट में गोल करके हैट्रिक पूरी की।
इस बीच पहले हॉफ में मध्यांतर से 10 मिनट पहले मुंबई सिटी के कप्तान मुर्तदा फाल ने आत्मघाती गोल कर दिया। इससे सऊदी अरब की टीम मध्यांतर तक 2-0 से आगे थी।
अल शबाब ने दूसरे हॉफ में अधिक हमलावर तेवर अपनाये। बाहेब्री के अलावा इस बीच अब्दुल्ला अल जोइ (52वें मिनट) और कार्लोस (81वें मिनट) ने गोल करके अपनी टीम की बड़ी जीत सुनिश्चित की।
अल शबाब ने 13 अंकों के साथ अगले दौर में जगह बनायी जबकि मुंबई सिटी को बाहर का रास्ता देखना पड़ा। मुंबई अपना आखिरी मैच एयरफोर्स क्लब से खेलेगा जिसमें वह तालिका में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश करेगा। (भाषा)
-अभिजीत श्रीवास्तव
राजस्थान के साथ आईपीएल-2022 में इस मुक़ाबले के अंतिम ओवर में दिल्ली को जीत के लिए 36 रन बनाने थे, यानी सभी छह गेंदों पर छक्के की दरकार थी. पहली तीन गेंदों पर रोवमैन पॉवेल ने लगातार तीन छक्के भी लगा दिए, रोमांच अपने चरम पर था लेकिन दिल्ली जीत न सकी.
शुक्रवार को हुए इस हाई स्कोरिंग मुक़ाबले में दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत के दो फ़ैसले ग़लत साबित हुए और वो महज़ 15 रन के अंतर से मैच गंवा बैठे.
उनका एक फ़ैसला अपनी बैटिंग के दौरान ग़लत शॉट लगा कर आउट होने का था क्योंकि वे तब आउट हुए जब जीतने के लिए उनका पिच पर डटे रहना सबसे अहम था.
पंत का दूसरा फ़ैसला तब ग़लत साबित हुआ जब उन्होंने टॉस जीतकर राजस्थान को पहले बल्लेबाज़ी के लिए उतारा और जॉस बटलर ने केवल 57 गेंदों पर शतक बना दिया.
ये बटलर का आईपीएल है. उन्होंने आईपीएल 2021 की समाप्ति शतक के साथ की थी और इस बार शतकों की झड़ी लगा दी है.
दिल्ली के ख़िलाफ़ बटलर ने सेंचुरी जमाई जो इस आईपीएल में उनका तीसरा शतक है.
बटलर गेंदबाज़ों पर किस कदर हावी थे इसका अंदाज़ा इससे ही लग जाता है कि उन्होंने अपनी शतकीय पारी में नौ चौके और नौ छक्के यानी 90 रन तो बाउंड्री से ही बना दिए.
बटलर की 116 रनों की पारी इस आईपीएल में सबसे बड़ा स्कोर भी है. साथ ही अब उनके कुल रनों की संख्या भी 491 पर पहुंच गई है.
अप्रैल 2016 में आईपीएल की पारी शून्य से शुरू करने वाले जॉस बटलर के लिए 2022 का यह सीज़न अब तक बहुत शानदार रहा है. उन्होंने तीन शतक बनाए हैं. उनके अलावा केएल राहुल इस सीज़न के एकमात्र शतकवीर हैं.
किसी एक आईपीएल में सबसे अधिक शतक के मामले में अब बटलर केवल विराट कोहली से पीछे हैं.
कोहली ने आईपीएल-2016 में चार शतक बनाए थे.
बात अगर आईपीएल में सबसे अधिक शतक के रिकॉर्ड की करें तो यह क्रिस गेल के नाम है.
गेल ने कुल छह शतक बनाए हैं. गेल के बाद दूसरे नंबर पर अपने पांच शतकों के साथ विराट कोहली हैं.
जॉस बटलर इन दो क्रिकेटरों के बाद चार शतक के साथ तीसरे स्थान पर हैं. बटलर ने आईपीएल 2021 के अपने आखिरी मैच में भी शतक जमाया था.
मैच के बाद बटलर ने बताया कि ये स्टेडियम उन्हें पसंद हैं क्योंकि उनका पहला आईपीएल मुंबई इंडियंस के साथ यहीं खेला गया था.
वो बोले, "मैं अपनी ज़िंदगी के सबसे अच्छे फॉर्म से गुज़र रहा हूं, मुझे इस फॉर्म को पूरे टूर्नामेंट के दौरान बरकरार रखने की ज़रूरत है."
रिकॉर्डतोड़ साझेदारी
बटलर के साथ ही राजस्थान के दूसरे ओपनर देवदत्त पड्डिकल ने भी अर्धशतकीय पारी खेली. पड्डिकल ने 35 गेंदों पर 7 चौके, दो छक्कों की मदद से 54 रन बनाए.
दोनों ने पहले विकेट के लिए 155 रनों की साझेदारी निभाई जो राजस्थान रॉयल्स के लिए एक नया रिकॉर्ड है.
बटलर ने पड्डिकल के बारे में कहा, "हम इतनी अच्छी साझेदारी बनाने में कामयाब रहे, देवदत्त दूसरे छोर से खेले. हमने आक्रामक क्रिकेट खेली और दिल्ली पर दबाव बनाने का फ़ैसला लिया."
सबसे बड़ा स्कोर
राजस्थान रॉयल्स ने 222 रन बनाए जो इस सीज़न में अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है. उन्होंने अपने ही 217 के स्कोर को बेहतर किया है. राजस्थान ने कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ इसी हफ़्ते सोमवार (18 अप्रैल) को 217 रन बनाए थे.
बेशक 222 का स्कोर आईपीएल 2022 का सबसे बड़ा स्कोर है लेकिन यह ऑल टाइम बेस्ट स्कोर नहीं है. यह रिकॉर्ड बैंगलोर के नाम है जिसने 2013 में पुणे वैरियर्स के ख़िलाफ़ 263 का स्कोर खड़ा किया था.
जिस तरह से बटलर छक्के, चौके लगा रहे हैं, वो वही तरीक़े अपना रहे हैं जो क्रिस गेल अपनाया करते थे.
अब तक बनाए 491 रनों में से उन्होंने 356 रन तो केवल बाउंड्री से बनाए हैं. वो गेंद के साथ अपने बल्ले का तालमेल करना बखूबी जानते हैं और पिच पर दौड़ने में अपनी ऊर्जा बर्बाद नहीं करना चाहते.
आईपीएल में 500 छक्के
ऑरेंज कैप की रेस में बटलर जहां नंबर एक पर विराजमान हैं. वहां सबसे अधिक व्यक्तिगत छक्कों के मामले में भी बटलर ही टॉप पर हैं. उन्होंने अब तक टूर्नामेंट में सर्वाधिक 32 छक्के लगाए हैं.
राजस्थान-दिल्ली के मुक़ाबले में छक्कों की बरसात भी होते दिखी. बटलर ने जहां अपनी शतकीय पारी में 9 छक्के लगाए वहीं पॉवेल ने महज 36 रनों की अपनी पारी में पांच छक्के जड़े. दिल्ली की पारी में कुल 12 छक्के लगे तो राजस्थान की ओर से कुल 14 छक्के लगे.
बटलर ने 9 छक्कों के साथ इस टूर्नामेंट में किसी एक पारी में सबसे अधिक छक्के लगाने के रिकॉर्ड की बराबरी की है. चेन्नई के रॉबिन उथप्पा ने बैंगलोर के ख़िलाफ़ अपनी 88 रनों की पारी में भी इतने ही (9) छक्के लगाए थे.
राजस्थान की पारी के दौरान ही इस आईपीएल में कुल लगाए गए छक्कों की संख्या 500 के आंकड़े को पार कर गई.
अब आज (यानी शनिवार को) आईपीएल में दो मुक़ाबले हैं. पहला मुक़ाबला कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात टाइटन्स के बीच तो दूसरा रॉयल चैलेंज़र्स बैंगलोर और सनराइज़र्स हैदराबाद के बीच होना है. (bbc.com)
-अभिजीत श्रीवास्तव
जीत के बाद कप्तान रवींद्र जडेजा पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से गले मिलते हुए. 9 नंबर की पीली जर्सी में रायडू और आईपीएल में डेब्यू कर रहे मुंबई के ऋतिक शौकीन ब्लू जर्सी में साथ खड़े हैं.
चेन्नई और मुंबई के बीच आईपीएल मुक़ाबला अपने जिस हाई वोल्टेज रोमांच के लिए जाना जाता है गुरुवार को ठीक वैसा ही मैच हुआ. आईपीएल के मैच आते और जाते रहते हैं लेकिन कुछ मैच ऐसे हो जाते हैं जिसकी तस्वीर लंबे वक़्त तक लोगों के जेहन में ताज़ा रहती है. चेन्नई और मुंबई के बीच गुरुवार को ठीक ऐसा ही मुक़ाबला हुआ.
वैसे तो मुंबई मैच के पहले ओवर में ही पिछड़ गई थी लेकिन बाद में उसने दमदार वापसी भी की. एक वक़्त तो ऐसा भी लगने लगा था कि मैच चेन्नई के हाथ से खिसक गया है लेकिन क्रिकेट के सबसे बड़े फिनिशर कहे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी का इरादा एक यादगार फिनिश करने का था.
अंबाति रायडू के आउट होने के बाद धोनी जब 15वें ओवर की आखिरी गेंद पर मैदान में आए तो उनकी बैटिंग में तूफान से पहले वाली खामोशी थी. अंतिम 18 गेंदों पर जीत के लिए 42 रन चाहिए थे. धोनी ने पहले छह गेंदों पर केवल छह रन बनाए. सातवीं गेंद पर चौका जड़ा. फिर दो सिंगल्स लिए.
अब 12 गेंदों पर 28 रन चाहिए थे. इस ओवर में प्रिटोरियस ने दो चौके जड़े और 11 रन बने.
मैच आखिरी ओवर में पहुंचा. गेंदबाज़ी जयदेव उनदकट कर रहे थे और चेन्नई को जीत के लिए 6 गेंदों पर 17 रन बनाने थे. पहली गेंद पर प्रिटोरियस एलबीडब्ल्यू आउट हो गए. ब्रैवो आए, दूसरी गेंद पर एक रन बनाए और स्ट्राइक धोनी को मिला. अब चार गेदों पर 16 रन बनाने थे.
धोनी ने पहली गेंद पर लॉन्ग ऑफ़ पर छक्का लगाया. उनदकट ने अगली गेंद बाउंसर दी जिसे धोनी ने पुल करते हुए फाइन लेग पर बाउंड्री से बाहर चार रन के लिए भेजा. अगली गेंद पर धोनी ने दो रन लिए.
इसके बाद आखिरी गेंद पर जीत के लिए चार रन बनाने थे. उनदकट ने लेग स्टंप्स पर यार्कर डाली. धोनी ने इसे फाइन लेग पर बाउंड्री से बाहर चार रन के लिए भेज दिया और इस तरह चेन्नई ने एक यादगार जीत हासिल कर ली.
20वें ओवर में धोनी
अंतिम चार गेंदों पर 16 रन बनाने का कारनामा धोनी ने पहली बार नहीं किया है. उन्होंने 2016 में पंजाब के ख़िलाफ़ भी अंतिम चार गेंदों पर 16 रन बनाए थे.
आईपीएल के 20वें ओवर में धोनी का स्ट्राइक रेट 244 का रहा है. वे 20वें ओवर में अब तक 51 छक्के लगा चुके हैं. उनका ओवरऑल रिकॉर्ड 227 मैचों में 223 छक्कों का है. सर्वाधिक छक्कों के मामले में क्रिस गेल (355 छक्के), एबी डिविलियर्स (250 छक्के) और रोहित शर्मा (233 छक्के) धोनी से आगे हैं.
जीत के बाद कप्तान रवींद्र जडेजा ने झुक कर धोनी का अभिवादन किया.
धोनी के इस शानदार प्रदर्शन पर पूर्व क्रिकेटरों समेत सोशल मीडिया पर लोगों ने तारीफ़ों के पुल बांधे.
वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, "ओम फिनिशाय नम:."
पूर्व क्रिकेटर के. श्रीकांत ने चेन्नई की टूर्नामेंट में वापसी की उम्मीद जताते हुए लिखा, "धोनी आप केवल एक फिनिशर नहीं हैं. आप अब तक के सबसे बेहतरीन फिनिशर हैं!"
निश्चित तौर पर जब चेन्नई की पारी में रॉबिन उथप्पा और अंबाति रायडू अपनी अपनी पारियों से जीत का मज़मून लिखा लेकिन जीत दिलाने में सबसे बड़ा किरदार महेंद्र सिंह धोनी का रहा. टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने सच ही लिखा, "धोनी एपिक."
धोनी ट्रैप में फंसे पोलार्ड
जब चेन्नई फील्डिंग कर रही थी और पोलार्ड पिच पर आठ गेंदों में 14 रन बना चुके थे, तब धोनी को एक अनियमित फील्डिंग सेट करते देखा गया.
धोनी ने दो खिलाड़ियों को लॉन्ग ऑन पर फील्डिंग करने भेजा. एक को नियमित लॉन्ग ऑन पर जबकि दूसरे को विकेट से क़रीब छह इंच हटाते हुए लगभग इसके सामने ही रखा.
और पोलार्ड अगली गेंद पर ठीक इस अनिमयित फील्डिंग पोजिशन पर ही अपना कैच थमा बैठते हैं. धोनी ने वहां अपने लंबे खिलाड़ियों में से एक शिवम दुबे को खड़ा किया था.
मुकेश ने पहले ओवर में ही जीत का ट्यून सेट किया
चेन्नई ने जीत की इबारत तो मैच के पहले ही ओवर में लिख दी थी. मैच की दूसरी गेंद पर मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा शून्य पर आउट हो गए.
चेन्नई के मुकेश चौधरी ने रोहित शर्मा को मिड विकेट पर कैच आउट कराया. इसी ओवर पांचवी गेंद पर मुकेश ने अपनी फुल लेंथ आउटस्वींग गेंद पर इशान किशन (शून्य) को बोल्ड कर दिया.
पहली बार चेन्नई सुपरकिंग्स ने किसी आईपीएल मैच के पहले ओवर में दो विकेट लेने का रिकॉर्ड बना डाला. और चेन्नई के लिए ये रिकॉर्ड बनाया मुकेश चौधरी ने.
मैच के बाद मुकेश ने बताया कि, "स्विंग गेंदबाज़ी के लिए कलाई की स्थिति को लेकर वो एक महीने से काम कर रहे हैं. आखिरकार इस मैच में वो दिखा."
मुकेश ने ब्रेविस का विकेट लेकर तीन ओवरों में तीन विकेट लिए लेकिन इस मुक़ाबले में जडेजा ने उन्हें चौथा ओवर नहीं दिया. आखिर इसके पीछे वजह क्या थी, ये वो सलाव है जिसका जवाब हम भी जानना चाहते हैं.
चेन्नई ये मैच भले ही जीत गई हो लेकिन उसके फील्डरों का प्रदर्शन ऐसा रहा कि इस पर टीम को मंथन की ज़रूरत है.
पहले ओवर में मुंबई के दो विकेट गिर चुके थे. सेंटनर दूसरा ओवर डाल रहे थे. इस ओवर में सूर्यकुमार यादव को स्टंप आउट करने का मौका था लेकिन धोनी चूक गए.
इसी ओवर में डेवाल्ड ब्रेविस के आसान कैच को कप्तान जडेजा नहीं पकड़ सके. अगर चेन्नई ये दो मौके न गंवाती तो मुंबई का दूसरे ओवर में 13 रन पर चार विकेट का स्कोर होता.
हालांकि जडेजा का कैच नहीं पकड़ना और धोनी का स्टंप्ड आउट न करना चेन्नई के लिए भारी नहीं पड़ा. ब्रेविस अगले ही ओवर में मुकेश चौधरी की गेंद पर आउट हो गए. तो सूर्यकुमार यादव भी (21 गेंदों पर 32 रन बनाकर) जल्द ही पवेलियन लौट गए.
लेकिन इसी दौरान पिच पर 19 वर्षीय तिलक वर्मा आए और मुकेश चौधरी की गेंद पर ड्वेन ब्रावो ने स्लिप में उनका कैच टपका दिया.
तिलक वर्मा का कैच गिराना चेन्नई के लिए बहुत महंगा साबित हुआ. तिलक न केवल एक छोर पर टिक गए बल्कि धीरे धीरे रन गति को भी बढ़ाते रहे. एक समय रन बनाने के लिए जूझ रही मुंबई की टीम के लिए तिलक वर्मा के न केवल अर्धशतक जमाया बल्कि स्कोर को डेढ़ सौ के पार पहुंचाया जिसकी बदौलत मुंबई इस मैच में अंत तक मुक़ाबला कर सकी.
मैच के बाद जडेजा ने कहा कि, "फील्डिंग पर काम करने और कैच पकड़ने की ज़रूरत है, हम हर मैच में कैच नहीं गिराते रह सकते."
19 साल के तिलक का मिज़ाज़
क्रिकेट में कहा जाता है कि किसी बल्लेबाज़ के मिज़ाज़ की परख करनी हो तो ये देखा जाना चाहिए कि कठिन परिस्थितियों में वो कैसा प्रदर्शन कर रहा है.
तिलक वर्मा ने चेन्नई के ख़िलाफ़ ठीक वैसा ही प्रदर्शन किया.
तिलक केवल 19 साल के हैं और दबाव की परिस्थितियों में इस टूर्नामेंट में अपनी टीम के लिए पिच पर उतरते रहे हैं.
चेन्नई के ख़िलाफ़ उन्होंने नाबाद 51 रनों की पारी खेली तो इससे पहले टूर्नामेंट के छह मैचों में उनका स्कोर 22, 61, नाबाद 38, 0, 36, 26 का रहा है.
अपनी अर्धशतकीय पारी के बाद 19 वर्षीय तिलक वर्मा बोले, "हमारी योजना पूरे 20 ओवरों तक खेलने की थी. अगर हम अच्छी गेंदबाज़ी करते हैं, तो ये स्कोर बचाने में कामयाब हो सकते हैं. वैसे मैदान पर ओस है तो हमें कुछ और रन बनाने चाहिए थे."
डेब्यू मैच में ऋतिक ने जीता दिल
मुंबई की ओर से 21 वर्षीय ऋतिक शौकीन का यह पहला आईपीएल मैच था. उन्होंने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया.
जब मैच में मुंबई का स्कोर 47 रन पर चार विकेट था तब शौकीन पिच पर आए और तिलक के साथ 38 रनों की साझेदारी निभा कर आउट हुए, इनमें से 25 रन ऋतिक के बल्ले से निकले.
अपने पहले ही मैच में ऋतिक शौकीन ने न केवल बल्ले से बल्कि अपनी घूमती गेंद से सब का दिल जीत लिया.
पहली ही ओवर में रॉबिन उथप्पा को अपनी गेंद से छकाया तो पूरे मैच में इकोनॉमी के मामले में सबसे किफायती रहे. ऋतिक मैच में कोई विकेट तो नहीं ले सके लेकिन उन्होंने अपने चार ओवरों में केवल 23 रन ही दिए.
कमेंट्री बॉक्स से जहां उनकी तारीफ़ में शब्द निकले वहीं मैच के बाद ड्वेन ब्रावो भी उनकी पीठ थपथपाते देखे गए.
साथ ही सोशल मीडिया पर भी उनकी तारीफ़ की गई और ये लिखा गया- "ऋतिक शौकीन आपने आज बल्ले और गेंद दोनों से बहुत ही प्रभावशाली प्रदर्शन किया... यह उभरता हुआ युवा क्रिकेटर जल्द ही चमकने वाला है."
पांच बार की चैंपियन मुंबई का अनचाहा रिकॉर्ड
मुंबई इंडियंस ने आईपीएल में चेन्नई के ख़िलाफ़ हार के साथ ही एक अनचाहा रिकॉर्ड भी बना दिया है. ये इस सीज़न में मुंबई इंडियंस की लगातार सातवीं हार है. यह पहला मौका है जब आईपीएल में कोई टीम लगातार सात मैच हार गई हो.
हालांकि लगातार छह हार का रिकॉर्ड आईपीएल में पहले भी देखा जा चुका है.
दिल्ली की टीम (तब डेयरडेविल्स थी) वो पहली टीम थी जो 2013 में लगातार छह मैच हारी थी. तब दिल्ली ने पूरे सीजन में कुल तीन मैच ही जीते थे. उस टूर्नामेंट में सभी टीमें प्लेऑफ़ से पहले 16 मैच खेली थीं.
लगातार छह हार का आंकड़ा 2019 में रॉयल चैलेंज़र्स बैंगलोर ने भी छुआ. तब आठ टीमों के टूर्नामेंट में बैंगलोर की टीम 14 में से सिर्फ़ पांच मैच जीत कर आखिरी पायदान पर रही थी.
रोहित शर्मा भूलना चाहेंगे ये रिकॉर्ड
मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने शून्य पर आउट हो कर आईपीएल में एक नया रिकॉर्ड बनाया है.
वे आईपीएल में सबसे अधिक शून्य पार आउट होने वाले क्रिकेटर बन गए हैं. अब तक रोहित शर्मा आईपीएल में 14 बार शून्य पर आउट हुए हैं.
उन्होंने एक साथ पीयूष चावला, हरभजन सिंह, पार्थिव पटेल, मनदीप सिंह, अजिंक्य रहाणे अंबाति रायडू के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा.
ये सभी क्रिकेटर आईपीएल में 13 बार शून्य पर आउट हो चुके हैं.
200 का संयोग
चेन्नई की पारी में जयदेव उनदकट ने रॉबिन उथप्पा (30 रन) को आउट किया जो अपना 200वां आईपीएल मैच खेल रहे थे.
महज संयोग था कि टी20 क्रिकेट में यह जयदेव उनदकट का 200वां विकेट भी था.
आज (यानी 22 अप्रैल को) आईपीएल-15 में दिल्ली और राजस्थान के बीच मुक़ाबला होगा. (bbc.com)
गुरुग्राम, 20 अप्रैल। गुरुग्राम में 42 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक फर्जी कॉल सेंटर ने इंजीनियर से कथित रूप से नौ लाख रुपये ठग लिये। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
गुरुग्राम पुलिस की साइबर सेल ने 15 अप्रैल को नौ महिलाओं सहित 22 लोगों को गिरफ्तार किया, जो उद्योग विहार फेज 5 से कथित तौर पर ‘कॉल सेंटर’ चला रहे थे। पुलिस ने कहा कि यह लोग पिछले छह महीनों में नौकरी चाहने वाले सैकड़ों लोगों से कम से कम 1.25 करोड़ रुपये ठगने में लिप्त हैं।
हैदराबाद निवासी और आईआईटी से एम-टेक की पढ़ाई करने वाले सतपति भी पैसे गंवाने वाले पीड़ितों की फेहरिस्त में शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि सतपति को पिछले साल गिरोह द्वारा कथित रूप से धोखा दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने अपने गृह नगर में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
पुलिस के अनुसार, गुरुग्राम की साइबर प्रकोष्ठ पुलिस ने ‘कॉल सेंटर’ चलाने वाले आरोपियों के बैंक खाते के लेन-देन की जांच करने के बाद सतपति से संपर्क किया।
सतपति ने कहा, ‘‘मैंने प्लेसमेंट डॉट कॉम वेबसाइट पर नौकरी के लिए आवेदन किया था। इसके बाद कॉल करके मुझसे कुछ जानकारी ली गई और अच्छी नौकरी देने का आश्वासन दिया गया।’’
उन्होंने बताया कि एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में 42 लाख रुपये सालाना के पैकेज की नौकरी दिलाने के बहाने पंजीकरण, साक्षात्कार और दस्तावेजों के सत्यापन के लिए उनसे कुल नौ लाख रुपये लिए गए।
सतपति ने जब खुद को ठगा हुआ पाया, तो उन्होंने जालसाजों के खिलाफ हैदराबाद में मामला दर्ज कराया। गुरुग्राम पुलिस द्वारा फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किए जाने के बाद सतपति साइबर अपराध पुलिस के पास अपना बयान दर्ज कराने के लिए गुरुग्राम आये हैं।
साइबर पुलिस आरोपियों के सभी खातों की जांच कर रही है।
पुलिस ने बताया कि अन्य पीड़ितों से संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। (भाषा)
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलौर ने आईपीएल में लखनऊ सुपर जाएंट्स को 18 रन से हरा दिया है.बेंगलौर की इस जीत में टीम के कप्तान फ़ैफ़ डू प्लेसि के 96 रन की पारी का अहम योगदान रहा.
लखनऊ के कप्तान लोकेश राहुल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फ़ैसला लिया. बेंगलौर की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पहले ही ओवर में दो विकेट गिर गए. विराट कोहली अपना खाता तक नहीं खोल पाए.
लेकिन फ़ैफ़ डू प्लेसि ने एक छोर को संभाले रखा. उन्होने 64 गेंदों पर 96 रन बनाए. उन्होंने इस पारी में 11 चौके और दो छक्के जमाए. ग्लेन मैक्सवेल ने 23 और शहबाज़ अहमद ने 26 रनों का योगदान दिया. दिनेश कार्तिक 8 गेंदों पर 13 रन बनाकर नाबाद रहे. बेंगलौर ने 20 ओवरों में छह विकेट पर 181 रन बनाए.
इसके जवाब में लखनऊ की शुरुआत भी बहुत अच्छी नहीं रही. लेकिन लोकेश राहुल और क्रुणाल पांडेय ने रन बटोरने का सिलसिला जारी रखा. लेकिन लखनऊ के विकेट लगतार गिरते रहे. राहुल ने 30 और क्रुणाल ने 42 रन बनाए.
मार्कस स्टोइनिस 24 और जैसन होल्डर ने 16 रन बनाए. लेकिन टीम 20 ओवरों में आठ विकेट पर 163 रन बना सकी. बैंगलोर की इस जीत में तेज़ गेंदबाज़ जोश हैज़लवुड का अहम योगदान रहा. उन्होंने 25 रन देकर चार विकेट लिए. (bbc.com)
राजस्थान रॉयल्स ने एक रोमांचक मुक़ाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स को सात रन से हरा दिया. राजस्थान की इस जीत में जोस बटलर के शतक और यजुवेंद्र चहल की हैट्रिक की अहम भूमिका रही.
राजस्थान रॉयल्स ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 20 ओवरों में पांच विकेट पर 217 रन बनाए. जोस बटलर ने आईपीएल के मौजूदा सीज़न में दूसरा शतक जमाते हुए 61 गेंदों पर 103 रन बनाए. उन्होंने अपनी पारी में नौ चौके और पांच छक्के जमाए.
कप्तान संजू सैमसन ने 19 गेंदों पर 38 रन की पारी खेली.
इसके जवाब में एरॉन फ़िंच और श्रेयस अय्यर ने दूसरे विकेट के लिए तूफ़ानी अंदाज़ में 107 रन जोड़ दिए थे. एरॉन फिंच ने महज 28 गेंद पर 58 रन ठोके. जबकि श्रेयस अय्यर ने 51 गेंद पर 85 रन बनाए.
मैच के 17वें ओवर तक कोलकाता की स्थिति मज़बूत लग रही थी. उन्होंने अपनी पारी में सात चौके और चार छक्के जमाए. लेकिन 17ओवर की अंतिम तीन गेंदों पर यजुवेंद्र चहल ने हैट्रिक लेकर मैच का रुख़ बदल दिया.
उमेश यादव ने नौ गेंदों पर 21 रन बनाकर मैच का रोमांच बढ़ा दिया लेकिन ओबेद मैककॉय ने आख़िरी ओवर में दो विकेट लेकर टीम को जीत दिला दी. (bbc.com)
कास्टिला ला मंचा (स्पेन), 18 अप्रैल। भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने 48वां ला रोडा इंटरनेशनल ओपन शतरंज टूर्नामेंट जीत लिया है जिन्होंने नौ दौर में आठ अंक बनाये ।
चेन्नई के 15 वर्ष के गुकेश पूरे नौ दौर में अपराजेय रहे । उन्होंने आखिरी दौर में इस्राइल के विक्टर मिखालेवस्की को हराकर जीत दर्ज की । आर्मेनिया के हाइक एम मार्तिरोसियान 7.5 अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहे ।
भारत के आर प्रज्ञानानंदा तीसरे स्थान पर रहे जिन्होंने सात अंक बनाये । भारत के ही रौनक साधवानी समेत चार अन्य के भी सात अंक थे लेकिन बेहतर टाइब्रेकर स्कोर के आधार पर प्रज्ञानानंदा को तीसरा स्थान मिला । साधवानी चौथे स्थान पर रहे ।
गुकेश ने सात बाजियां जीती और दो ड्रॉ रही । इनमें से एक ड्रॉ प्रज्ञानानंदा के खिलाफ खेला ।
गुकेश ने भारत के भगत कुशिन, स्पेन के अलबर्टो हर्नांडिज रामोस, डेनियल रोमेरो पालारेस और जेवियर बर्नाबू लोपेज , कोलंबिया के जॉर्ज रेंटेरिया और होंडुरास के नाहुल जी को हराया । (भाषा)
मुंबई, 17 अप्रैल। विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने शनिवार को यहां कहा कि वह देश के लिये कुछ खास करना चाहते हैं और इसलिए भारतीय टीम में वापसी के लिये अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर (आरसीबी) की इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली कैपिटल्स पर 16 रन से जीत के नायक रहे कार्तिक ने मैच के बाद कहा, ‘‘मैंने बड़े लक्ष्य तय किये हैं। मैं उन्हें हासिल करने के लिये वास्तव में कड़ी मेहनत कर रहा हूं।’’
मैन ऑफ द मैच कार्तिक ने कहा, ‘‘मेरा लक्ष्य देश के लिये कुछ विशिष्ट करना है। यह मेरी यात्रा का हिस्सा है। मैं भारतीय टीम का हिस्सा बनने के लिये हर संभव प्रयास कर रहा हूं। यह जानकर अच्छा लगता है कि लोग मुझे शांतचित मानते हैं।’’
आरसीबी के कप्तान फाफ डुप्लेसी ने भी जीत का श्रेय कार्तिक और शाहबाज अहमद को दिया जिन्होंने आखिर में 97 रन की अटूट साझेदारी की थी।
कार्तिक ने नाबाद 66 और शाहबाज ने नाबाद 32 रन बनाये। इनके अलावा ग्लेन मैक्सवेल ने 55 रन की पारी खेली जिससे आरसीबी ने शीर्ष क्रम लड़खड़ाने के बावजूद पांच विकेट पर 189 रन बनाये।
डुप्लेसी ने मैच के बाद कहा, ‘‘शीर्ष क्रम के लिये यह महत्वपूर्ण है कि हम रन बनाकर योगदान दें। हमारा शीर्ष क्रम नहीं चल पाया लेकिन अन्य बल्लेबाजों ने योगदान दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में बल्लेबाजी करना मुश्किल था लेकिन मैक्सवेल ने जिस तरह से उन पर वापस दबाव बनाया वह महत्वपूर्ण था। लेकिन 190 रन तक पहुंचने के लिये विशेष पारी की आवश्यकता थी और श्रेय दो खिलाड़ियों शाहबाज और दिनेश कार्तिक को जाता है।’’
दिल्ली कैपिटल्स डेविड वार्नर के 66 रन के बावजूद 190 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सात विकेट पर 173 रन ही बना पाया।
दिल्ली के कप्तान ऋषभ पंत ने कहा कि टीम को बीच के ओवरों में अपनी बल्लेबाजी में सुधार करना होगा, लेकिन उन्होंने मिशेल मार्श को दोषी नहीं माना जो रन बनाने के लिये जूझ रहे थे।
पंत ने कहा, ‘‘वार्नर ने बहुत अच्छी बल्लेबाजी की और हमें जीत के पूरे मौके दिये। हम बीच के ओवरों में बेहतर बल्लेबाजी कर सकते थे। मार्श को दोष नहीं दे सकता क्योंकि यह उसका पहला मैच था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गेंदबाजों ने रणनीति के अनुसार गेंदबाजी की लेकिन दिनेश कार्तिक ने आखिरी ओवरों में समीकरण बिगाड़ दिये। हमें अपनी गलतियों से सीख लेनी होगी।’’ (भाषा)
-रेहान फ़ज़ल
गुंडप्पा विश्वनाथ के बारे में कहा जाता था कि उनकी कलाइयां फ़ौलाद की बनी हैं. जब वो स्क्वायर कट खेला करते थे तो बल्ले से गेंद के मिलने की आवाज़ पूरे स्टेडियम में गूंजा करती थी.
लेकिन एक ज़माना ऐसा भी था कि विश्वनाथ के लगाए शॉट बाउंड्री तक नहीं पहुंच पाते थे. तब टाइगर पटौदी ने उन्हें एक ज़बरदस्त सलाह दी थी.
विश्वनाथ अपनी आत्मकथा 'रिस्ट अश्योर्ड' में लिखते हैं, "हैदराबाद के ख़िलाफ़ रणजी मैच के बाद पटौदी मेरे पास आए और पूछा क्या तुम जिम में कुछ वक्त बिताते हो? मैंने कहा- जिम और मैं? कभी नहीं. पटौदी बोले- क्या तुम्हारे घर में बाल्टियाँ हैं? जब मैंने कहा हां, तो पटौदी ने कहा- दो बाल्टियों को पूरी तरह पानी से भर लो और उनको दोनों हाथों से पकड़कर दिन में तीन-चार बार लगातार बीस बार उठाओ. मैंने सोचा टाइगर मज़ाक कर रहे हैं लेकिन पटौदी ने कहा वो पूरी गंभीरता से ये सलाह मुझे दे रहे हैं. मैंने पटौदी की सलाह का पालन करना शुरू कर दिया. एक महीने के अंदर मुझे इसका असर दिखना शुरू हो गया और मेरी कलाइयां मज़बूत होती चली गईं."
तभी 1972 में इंग्लैंड भारत सीरीज़ कवर करने आए गार्डियन अख़बार के संवाददाता फ़्रैंक कीटिंग ने टिप्पणी की थीं कि "विश्वनाथ की बांह में लोहार जैसी ताकत है."
पटौदी ने चयनकर्ताओं से साफ़-साफ़ कह दिया कि विश्वनाथ को टीम में उसी हालत में चुना जाए जब उन्हें अंतिम एकादश में खिलाया जाए.
विश्वनाथ की ख़ास बात थी कि चाहे रणजी मैच हो या टेस्ट मैच वो मैच के दौरान नेट्स पर अभ्यास नहीं करते थे. दूसरे शब्दों में वो मैच के दौरान अभ्यास से अपनी ऊर्जा ज़ाया नहीं करना चाहते थे.
उस दिन भी ऐसा ही हुआ. अपनी पहली पारी में आस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ एलन कोनोली की पहली दो गेंदों को तो विश्वनाथ ने रक्षात्मक रूप से खेला लेकिन उनकी तीसरी गेंद एक धीमी ऑफ़ ब्रेक थी.
गेंद पहले विश्वनाथ के ग्लव में लगी और फिर पैड्स को चूमती हुई शॉर्ट लेग की तरफ़ उछल गई जहां इयान रेडपाथ ने बहुत आसान कैच लपक लिया. विश्वनाथ बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौटे.
विश्वनाथ लिखते हैं, "अगले चार दिन मेरे जीवन के सबसे तकलीफ़देह दिन थे. लेकिन पटौदी ने मेरे पास आकर कहा था- रिलैक्स, परेशान मत हो. तुम शतक मारोगे. जब मैं दूसरी पारी में बैटिंग करने उतरा तो मेरे पैर कांप रहे थे लेकिन मैं बहादुर दिखने की कोशिश कर रहा था. दस मिनट बाद जब मैंने मेकेंज़ी की गेंद को फ़ाइन लेग की तरफ़ ग्लांस कर अपना पहला रन लिया तो मेरी जान में जान आई. मुझे सबसे बड़ा दुख है कि इस पारी की कोई वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं है."
"इस शतक को मैं अपने जीवन के बेहतरीन शतकों में से एक मानता हूं. मेरे सारे शॉट्स उन्हीं जगहों पर गए जहां मैं उन्हें मारना चाहता था. 137 रनों की पारी में मैंने 25 चौके लगाए. शायद इसी पारी की वजह से सुनील गावस्कर मुझे बाद में 'बाउंड्री मैन' कह कर पुकारने लगे थे.' "
इस पारी के साथ ही विश्वनाथ की भारतीय टीम में जगह अगले दस सालों तक के लिए पक्की हो गई.
शानदार बैटिंग से कलकत्ता टेस्ट जिताया
1971 के वेस्ट इंडीज़ दौरे में घायल होने की वजह से विश्वनाथ को बहुत अधिक खेलने का मौक़ा नहीं मिला.
जब 1972 में इंग्लैंड की टीम भारत आई तो विश्वनाथ ने पहले कानपुर में 75 नाबाद रन बनाए और फिर बंबई के आख़िरी टेस्ट में उन्होंने शतक लगाकर उस मिथक को तोड़ा कि अपने पहले टेस्ट में शतक लगाने वाला कोई भी भारतीय खिलाड़ी बाद में शतक नहीं लगा पाता. शतक लगाते ही सिली प्वाएंट पर खड़े साढ़े 6 फ़िट लंबे टोनी ग्रेग ने उन्हें अपनी गोद में उठा लिया.
1975 में क्लाइव लॉयड के नेतृत्व में आई वेस्ट इंडीज़ की टीम ने बेंगलुरू और दिल्ली के पहले दो टेस्ट जीतकर ये आभास दिया कि वो भारतीय टीम को 5-0 से हरा कर ही दम लेंगे.
लेकिन कलकत्ता टेस्ट में विश्वनाथ ने शानदार 139 रन बनाकर वेस्टइंडीज़ को चौथी पारी में 310 रन बनाने की चुनौती दी. चंद्रशेखर और बेदी ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए वेस्ट इंडीज़ को 224 रनों पर आउट कर भारत को ऐतिहासिक विजय दिलाई.
उस टेस्ट को याद करते हुए पूर्व भारतीय विकेटकीपर सैयद किरमानी कहते हैं, "उस ज़माने में न तो हेलमेट होते थे और न ही ढंग के थाई पैड. विश्वनाथ ने वो पारी सिर्फ़ अपने कौशल और हौसले के बल पर खेली थी. ऑफ़ साइड की गेंद को लेग की तरफ़ ग्लांस करने की कला सिर्फ़ विश्वनाथ में थी."
मद्रास टेस्ट में खेली 97 रनों की नाबाद पारी
लेकिन विश्वनाथ ने अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ पारी मद्रास के अगले टेस्ट में खेली. चेपॉक की वो पिच बहुत तेज़ थी और उसमें उछाल भी बहुत था.
रॉबर्ट्स की घातक गेंदबाज़ी के सामने भारत ने 76 रनों पर 6 विकेट खो दिए थे. जब आठवें नंबर पर करसन घावरी बैटिंग करने आए तो विश्वनाथ ने चार्ज संभाल लिया.
विश्वनाथ याद करते हैं, "मैंने कुछ फ़ैंसी शॉट्स लगाने के बजाए अपने खेल के मज़बूत पक्ष पर ध्यान देने का फ़ैसला किया. आज भी जब मैं अपनी आंखे बंद करता हूं तो मेरी आंखों के सामने वो कुछ शॉट्स आ जाते हैं जैसे मैं कोई हाई डेफिनेशन रिकार्डिंग देख रहा हूं. रॉबर्ट्स की एक गेंद मुझे अभी भी याद है जब मैंने उनकी ऑफ़ स्टंप पर पिच की हुई गेंद को कलाई के बल पर मिड ऑन पर चौके के लिए मारा था."
"उसी तरह बायस की गेंद पर भी स्ट्रेट ड्राइव लगाकर मैंने चार रन बटोरे थे. मैंने इन शॉट्स में कोई ताकत नहीं लगाई थी लेकिन टाइमिंग इतनी ज़बरदस्त थी कि गेंद मेरे बल्ले से गोली की तरह निकली. ये शायद उन पानी से भरी बाल्टियों का असर था जिन्हें उठाने की सलाह टाइगर पटौदी ने मुझे दी थी. लॉयड, विव रिचर्ड्स और कालीचरण मेरी तरफ़ इस तरह देख रहे रहे थे मानो कह रहे हों, 'मैन डिड यू रिअली हिट दैट ?"
दसवें विकेट के लिए चंद्रशेखर के साथ 21 रनों की साझेदारी
जुलाई, 2001 में विज़डेन ने इस पारी को 38वीं सर्वकालिक महान पारी और दूसरी ग़ैर-शतकीय महान पारी घोषित किया. इस पारी के 47 साल बाद भी लोग विश्वनाथ की इस पारी को भूल नहीं पाए हैं.
विश्वनाथ लिखते हैं, "मैंने बेदी के साथ मिलकर नौवें विकेट के लिए 52 रन जोड़े. जब चंद्रशेखर बल्लेबाज़ी करने उतरे तो मेरे चेहरे पर मुस्कान थी. उस दोपहर उन्होंने अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण एक रन लिया. उन्होंने कुल एक रन ही बनाए लेकिन 38 मिनटों तक क्रीज़ पर जमे रहे और हमारे बीच 21 रनों की साझेदारी हुई."
"इस बीच हम क़रीब एक दर्जन बार रन आउट होते-होते बचे. हमने हमेशा ओवर की चौथी और पांचवी गेंद पर सिंगल लेने की कोशिश की ताकि अगले ओवर की पहली गेंद मैं ही खेलूं. उस दिन चंद्रा इस तरह दौड़ रहे थे कि यूसेन बोल्ट भी उनके सामने शर्मा जाते."
मद्रास टेस्ट जीत भारत ने सीरीज़ 2-2 से बराबर की
विश्वनाथ आगे लिखते हैं, "जब मैं 96 पर था तो मैंने रॉबर्ट्स की गेंद पर बेहतरीन स्क्वायर कट किया. मैं तेज़ी से नहीं दौड़ा क्योंकि मुझे यकीन था कि गेंद चौके के लिए जाएगी. मैंने तीन चौथाई पिच पार की थी कि मैं क्या देखता हूं कि बॉयस ने गेंद उठाकर तेज़ी से विकेटकीपर की तरफ़ फेंक दी."
"तब तक चंद्रशेखर एक रन ले चुके थे और दूसरा रन लेने के लिए अपनी जान तक देने के लिए तैयार थे लेकिन मैं किसी भी हालत में अपनी क्रीज़ तक नहीं पहुंच सकता था. चंद्रशेखर गहरी-गहरी सांसे ले रहे थे. मैंने उन्हें शांत किया और कन्नड़ में उनसे कहा- अगली गेंद शॉर्ट गेंद होगी लेकिन आप उसे खेल जाएंगे. लेकिन रॉबर्ट्स की वो गेंद लेग कटर थी. चंद्रशेखर के बल्ले से निकले एज को क्लाइव लॉयड ने स्लिप में लपक लिया. पवेलियन लौटते हुए चंद्रशेखर ने मुझसे कहा- क्योंकि तुमने कहा था कि वो शॉर्ट गेंद फेंकेगा, मैं बाउंसर की उम्मीद कर रहा था. तुम्हारी वजह से मैं आउट हुआ. मुझे शतक न मार पाने का दुख था लेकिन मेरे शतक न मार पाने पर मुझसे ज़्यादा दुखी थे चंद्रशेखर. मैंने उन्हें दिलासा दिया मैं 97 नाबाद रन बनाकर भी खुश हूं. अब आप हमें अपनी गेंदबाज़ी से मैच जितवाइए."
"भारत ने 190 रन बनाए. प्रसन्ना ने 5 विकेट लिए. दूसरी पारी में अंशुमान गायकवाड़ के 80 रनों की बदौलत भारत ने वेस्ट इंडीज़ के सामने दूसरी पारी में 256 रन बनाने का लक्ष्य रखा. लेकिन वेस्ट इंडीज़ की टीम सिर्फ़ 154 रन ही बना सकी और भारत ने 2-2 से सीरीज़ बराबर कर ली."
दुनिया के हर देश के ख़िलाफ़ शतक लगाने वाले पहले भारतीय
1977 के आस्ट्रेलिया दौरे में उन्होंने तेज़ पिचों पर उस समय के सबसे तेज़ गेंदबाज़ जेफ़ टॉमसन को पूरी महारत के साथ खेला.
1978 के पाकिस्तान दौरे में जब फ़ैसलाबाद टेस्ट में विश्वनाथ ने शतक लगाया तो वो टेस्ट खेलने वाले सभी देशों के ख़िलाफ़ शतक मारने वाले पहले भारतीय बन गए.
रवि शास्त्री अपनी किताब 'प्लेयर्स इन माई लाइफ़ स्टार गेज़िंग' में लिखते हैं, "हेलमेट के पहले के समय में विश्वनाथ शायद तेज़ गेदबाज़ी को खेलने वाले दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज़ थे. उनमें तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ जवाबी हमला करने की गज़ब की क्षमता थी."
"1974-75 और 1978-79 के वेस्ट इंडीज़ दौरे के दौरान उन्होंने मद्रास की तेज़ उछालदार पिच पर रन बनाए थे जहां सारे भारतीय बल्लेबाज़ असफल साबित हुए थे. विश्वनाथ न सिर्फ़ अपने समय के सबसे स्टाइलिश बल्लेबाज़ थे बल्कि ख़राब विकेट पर उस समय उनसे बेहतर भारत में कोई भी नहीं खेलता था."
सुनील गावस्कर का भी मानना था कि विश्वनाथ उनसे बेहतर बल्लेबाज़ थे क्योंकि उनके पास हर गेंद को खेलने के लिए कम से कम तीन स्ट्रोक हुआ करते थे.
गावस्कर अपनी किताब 'आइडल्स' में लिखते हैं, "हममें से अधिकतर लोग अपने शॉट लगाने के लिए ख़राब गेंदों को इंतज़ार किया करते थे लेकिन विश्वनाथ अकेले शख़्स थे जो अच्छी गेंदों पर भी स्ट्रोक लगाने के लिए जाने जाते थे. विश्वनाथ को पटौदी और बेदी के नेतृत्व में मुझसे पहले भारत का उप कप्तान बनाया जाना चाहिए था. इसकी वजह ये थी कि वो मुझसे सीनियर थे और लोकप्रियता और क्रिकेट की जानकारी में उनका सानी कोई नहीं था."
जुबिली टेस्ट में टेलर को वापस बुलाया
विश्वनाथ को जब बाद में भारत का कप्तान बनने का मौक़ा मिला तो उन्होंने खेल भावना की ऐसी मिसाल कायम की जिसे आज तक याद रखा जाता है.
बंबई में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ जुबिली टेस्ट में भारत की टीम 242 रन बना कर आउट हो गई. जवाब में इंग्लैंड ने 85 रन पर 5 विकेट खो दिए. तभी कपिल की एक गेंद ने टेलर के बल्ले का किनारा लिया और किरमानी ने गेंद को कैच कर लिया. सभी भारतीय खिलाड़ियों ने अपील की और अंपायर हनुमंत राव ने अपनी उंगली भी उठा दी.
विश्वनाथ लिखते हैं, "मैं पहली स्लिप पर फ़ील्ड कर रहा था. मैंने अपनी बाईं तरफ़ विकेटकीपर किरमानी की तरफ़ देखा. उन्होंने न में सिर हिलाया. दाहिनी तरफ़ खड़े गावस्कर ने भी अपने कंधे उचका दिए. हम तीन खिलाड़ी खड़े होकर मंत्रणा करने लगे कि हमें क्या करना चाहिए. गावस्कर ने कहा आप कप्तान हैं, आप जो भी फ़ैसला लेंगे हम उसका समर्थन करेंगे."
"टेलर धीमे-धीमे पवेलियन की तरफ़ बढ़ रहे थे. मैं अंपायर राव के पास गया और बोला- सर हम अपनी अपील वापस लेना चाहेंगे. नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर खड़े इयान बॉथम ये सब नज़ारा देख रहे थे. जैसे ही उन्होंने मुझे अंपायर की तरफ़ जाते देखा उन्होंने चिल्लाकर टेलर से रुक जाने के लिए कहा. मैंने टेलर से वापस आने और बैटिंग जारी रखने के लिए कहा. पिच पर आते ही टेलर और बॉथम दोनों ने मुझसे कहा, 'वेल डन विश गुड शो'."
ये अलग बात है कि विश्वनाथ की ईमानदारी से भारत को नुक़सान हुआ. टेलर और बॉथम ने छठे विकेट के लिए 171 रन जोड़े और भारत वो मैच दस विकेट से हार गया.
स्क्वायर कट और लेट कट के ख़ुदा
विश्वनाथ ने भारत के लिए 91 टेस्ट खेलकर 41.93 के औसत से 6080 रन बनाए. क्रिकेट में 41.93 रन प्रति पारी के औसत को महान खिलाड़ी का औसत नहीं माना जाता.
रिकॉर्ड तो बनते और टूटते रहते हैं लेकिन जो याद रह जाता है कि वो रन आपने कहां बनाए थे, किन परिस्थतियों में और किसके ख़िलाफ़ बनाए थे.
जब क्रिकेट पंडित विश्वनाथ के क्रिकेट करियर पर नज़र दौड़ाते हैं तो वो उनके रिकॉर्ड्स के बार में बात कर अपना वक्त ज़ाया नहीं करते, क्योंकि उन्हें मालूम है कि रिकॉर्ड किसी खिलाड़ी की महानता की असली कहानी बयान नहीं करते.
विश्वनाथ स्क्वायर कट और लेट कट के खुदा थे. वो दृश्य देखने लायक होता था जब वो घुटनों के बल बैठ कर तेज़ गेंदबाज़ को स्क्वायर ड्राइव किया करते थे. मिड विकेट की तरफ़ किए गए उनके फ़्लिक भी उनको बहुत रन दिलवाते थे.
उनके साथ कई टेस्ट खेल चुके और कई दौरों पर उनके रूम मेट रह चुके मदनलाल बताते हैं कि "विश्वनाथ बहुत लेट खेलते थे. कट तो उनसे अच्छा दुनिया में कोई मारता ही नहीं था."
डेनिस लिली ने अपनी आत्मकथा 'मिनेस' में लिखा था कि "गावस्कर ज़रूर एक महान बल्लेबाज़ थे लेकिन मैं विश्वनाथ को उनसे ऊपर रेट करता हूं. वो आस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेलने वाले सर्वश्रेष्ठ भारतीय बल्लेबाज़ थे जिन्होंने हमारे ख़िलाफ़ एक के बाद कई बेहतरीन पारियां खेलीं."
विश्वनाथ के करियर की ख़ास बात रही कि जब-जब उन्होंने शतक लगाया भारत वो टेस्ट नहीं हारा, या तो उस टेस्ट में भारत की जीत हुई या उसके खेल की बहुत तारीफ़ की गई.
चेन्नई सुपर किंग्स के तेज़ गेंदबाज़ दीपक चाहर आईपीएल 2022 से बाहर हो गए हैं. सीएसके ने एक बयान जारी करके ये जानकारी दी है. टीम का कहना है कि दीपक चाहर को पीठ में चोट लगी है. सीएसके के सीईओ केएस विश्वनाथन ने कहा- हम निशान हैं, क्योंकि हमारा प्रमुख गेंदबाज़ हमारे पास नहीं है. लेकिन चोट लगाना खेल का हिस्सा है. हम दीपक चाहर के जल्द ठीक होने की दुआ करते हैं. दीपक चाहर वर्ष 2018 से चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा हैं. उन्होंने चार सीज़न में कुल 58 विकेट लिए हैं. 2022 के ऑक्शन में सीएसके ने उन्हें अपनी टीम में फिर से शामिल कर लिया था.
इस सीज़न में चेन्नई सुपर किंग्स का प्रदर्शन अभी तक काफ़ी ख़राब रहा है. अभी तक टीम ने सिर्फ़ एक मैच जीता है. अंक तालिका में चेन्नई सुपर किंग्स 10 में से नौवें नंबर पर है. मुंबई इंडियंस 10वें नंबर पर है. आईपीएल शुरू होने से ठीक पहले महेंद्र सिंह धोनी ने टीम की कप्तानी छोड़ दी थी. हालाँकि वे टीम में बने हुए हैं. टीम की कप्तानी रवींद्र जडेजा के पास है. सीएसके ने चार बार आईपीएल का ख़िताब जीता है. टीम को वर्ष 2010, 2011, 2018 और 2021 में ख़िताबी जीत मिली थी. (bbc.com)
चंडीगढ़, 15 अप्रैल। स्थानीय गोल्फर युवराज सिंह संधू ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शुक्रवार को यहां 50 लाख रूपये पुरस्कार राशि की टाटा स्टील पीजीटीआई प्लेयर्स चैमपियनशिप ट्राफी जीती। यह पिछले पांच महीनों में तीसरी जीत है।
संधू (70-67-65-69) ने अंतिम दौर में तीन अंडर 69 का कार्ड खेला जिससे उनका कुल स्कोर 17 अंडर 271 का रहा।
पच्चीस साल के इस गोल्फर ने 2022 सत्र का दूसरा खिताब अपने नाम किया और 8,08,250 रूपये की पुरस्कार राशि से पीजीटीआई आर्डर ऑफ मेरिट में उन्होंने अपना स्थान भी मजबूत किया।
बांग्लादेश के मोहम्मद जमाल हुसैन मुल्लाह (67-66-69-70) दूसरे स्थान पर रहे। (भाषा)
ताल्लिन (एस्तोनिया), 15 अप्रैल। अमेरिकी फिगर स्केटर इलिया मालिनिन ने जूनियर फिगर स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप के ‘शॉर्ट प्रोग्राम’ में 88.99 अंक हासिल करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।
सत्रह वर्षीय मालिनिन ने 84.87 अंकों के पिछले रिकॉर्ड को आसानी से पार किया, जिसे वर्तमान विश्व चैंपियन शोमा ऊनो ने 2015 में जूनियर चैंपियनशिप में बनाया था।
मालिनिन पिछले महीने सीनियर विश्व चैंपियनशिप में नौवें स्थान पर रही थी जबकि जनवरी में अमेरिकी चैंपियनशिप में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया था।
कनाडा की वेस्ली चिउ 81.59 अंकों के साथ दूसरे और एस्तोनिया की मिहैल सेलेव्को 81.26 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रही। (एपी)