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नई दिल्ली, 8 जनवरी । दिल्ली पुलिस के नार्कोटिक्स सेल की टीम जब पांच नाइजीरियाई नागरिकों को हिरासत में लेने दिल्ली के नेब सराय इलाक़े में पहुंची तो वहां हंगामा हो गया.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वहां रहने वाले अन्य अफ़्रीकी नागरिक इकट्ठा हो गए और पुलिस को रोकने की कोशिश की.
इन पांचों नाइजीरियाई नागरिकों के वीज़ा की सीमा कथित तौर पर ख़त्म होने के कारण इन्हें हिरासत में लिया गया था.
पुलिस का कहना है कि उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
नार्कोटिक्स सेल की एक टीम वापस भेजने की कार्रवाई के लिए दिल्ली के राजू पार्क पहुंची थी.
पुलिस ने बताया कि शनिवार शाम करीब 2:30 बजे उन्होंने वीज़ा ख़त्म होने के चलते तीन नाइजीरियाई नागरिकों को पकड़ा था.
पुलिस ने कहा, ''टीम उन्हें पुलिस थाने लाना चाहती थी लेकिन तभी करीब 100 अफ़्रीकी नागरिक वहां इकट्ठा हो गए और पुलिस को रोकने लगे. इस बीच दो नाइजीरियाई नागरिक भाग गए और एक को पकड़ने में पुलिस सफ़ल हो गई.''
''नार्कोटिक्स सेल की संयुक्त टीम दुबारा रविवार सुबह 6:30 बजे उसी इलाक़े में पहुंची और चार अन्य नाइजीरियाई नागरिकों को वीज़ा ख़त्म होने के आरोप में हिरासत में लिया. इनमें एक महिला भी थीं. इस दौरान भी पुलिस को रोकने की कोशिशें हुईं.''
हिरासत में लिए गए सभी विदेशी नागरिक नाइजीरिया के रहने वाले हैं. (bbc.com/hindi)
पीडीएस में भी शामिल करे, सीएम का मोदी को पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 जनवरी। सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे मिलेट फसलों के उत्पादन एवं उपभोग को बढ़ावा देने तथा इसे जन आंदोलन बनाने के लिए पहल करने का आग्रह किया है। सीएम ने पत्र में ’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले अनाजों, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महिला बाल विकास विभाग द्वारा दिये जा रहे पोषण आहार तथा आश्रम-छात्रावासों के छात्रों को दिये जा रहे रियायती अनाज में 20 से 25 प्रतिशत मात्रा मिलेट फसलों की शामिल करने, केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को मिलेट फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहण करने के संबंध में निर्णय लेने और राज्य सरकारों को रियायती दर पर अनाज वितरण तथा पोषण आहार से संबंधित योजनाओं में उपयोग हेतु रियायती दर पर मिलेट प्रदाय करने का निर्णय लेने का आग्रह किया है।
सीएम ने पत्र में लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा भारत सरकार की पहल पर वर्ष 2023 को ’अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष’ घोषित किया गया है। एनीमिया एवं कुपोषण के नियन्त्रण में मिलेट फसलों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। दुर्भाग्य से विगत वर्षों में विपणन व्यवस्था के अभाव के कारण देश में मिलेट फसलों के उत्पादन में कमी आयी है।
सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़ में मिलेट फसलों को बढ़ावा देने के उपायों की जानकारी देते हुए पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ’मिलेट मिशन’ की स्थापना के साथ ही राज्य में पैदा होने वाले कोदो, कुटकी एवं रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर इनके संग्रहण एवं विपणन की पुख्ता व्यवस्था की गयी है। राज्य में इन मिलेट उत्पादकों को 9,000 रूपए प्रति एकड़ ’इनपुट सब्सिडी’ भी दी जा रही है। देश के किसी भी राज्य में मिलेट फसलों के उत्पादकों को इतनी अधिक सहायता नहीं दी जा रही। इन कारणों से विगत 02 वर्षो में राज्य में मिलेट फसलों के रकबे एवं उत्पादन में दो गुना से अधिक वृद्धि हुई है।
सीएम ने पत्र में लिखा है कि मिलेट फसलों के उत्पादन एवं उपभोग को बढ़ावा देने तथा इसे ’जन आन्दोलन’ बनाये जाने हेतु यह निर्णय लिया जाना उचित होगा कि ’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले अनाजों, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महिला बाल विकास विभाग द्वारा दिये जा रहे पोषण आहार तथा आश्रम-छात्रावासों के छात्रों को दिये जा रहे रियायती अनाज में 20 से 25 प्रतिशत मात्रा मिलेट फसलों की हो।
केन्द्र सरकार द्वारा यदि राज्य सरकारों को मिलेट फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहण करने एवं उक्त योजनाओं में उपयोग हेतु रियायती दर पर प्रदाय करने का निर्णय लिया जाये तो इससे मिलेट फसलों के उत्पादन एवं उपभोग में अभूतपूर्व वृद्धि हो सकेगी। सीएम ने प्रधानमंत्री से संबंधित विभागों को उपरोक्तानुसार निर्णय शीघ्र करने के निर्देश प्रसारित करने का आग्रह किया है।
उद्यानिकी प्रदर्शनी के मौके पर किया भेंट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 जनवरी। सीएम भूपेश बघेल ने उद्यानिकी प्रदर्शनी के शुभारंभ मौके पर रविवार को कहा कि आज हमें प्रकृति से जुडऩे की सबसे ज्यादा जरूरत है। वैश्विक महामारी कोरोना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस से लोग ज्यादा प्रभावित हुए, वहीं प्रकृति से जुड़े हुए लोगों पर कोरोना का प्रभाव कम पड़ा। कोरोना से उबरने के पश्चात अब लोग स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग हुए हैं। इस मौके पर कलाकार सुश्री साधना ढांड ने सीएम को उनका स्केच भेंट भी किया।
ख्याति प्राप्त दिव्यांग सुश्री साधना ढांड ने कला साधना संस्थान चलाती हैं। कई तरह की शारीरिक व्याधियों से पीडि़त होने के बाद भी साधना ढांड ने कला की साधना में अपना पूरा जीवन समर्पित कर रखा है। दिव्यांग साधना ढांड एक बेहतरीन पेंटर, लाजवाब फोटोग्राफर और अकल्पनीय स्क्ल्पचर आर्टिस्ट हैं।
उनके संस्थान में बड़ी संख्या में युवा पेंटिंग का प्रशिक्षण लेते हैं। शनिवार को उन्होंने सीएम को उनका स्केच भेंटकर सौजन्य चर्चा की। प्रदर्शनी में औषधीय पादप बोर्ड द्वारा भी औषधियों पौधों का प्रदर्शन भी किया गया है।
सीएम ने गांधी-नेहरू उद्यान में आयोजित तीन दिवसीय पुष्प, फल, सब्जी प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। प्रदर्शनी के विभिन्न स्टालों में रंग-बिरंगे पुष्प, फल, सब्जी एवं औषधीय पौधों की मनोहारी प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी का आयोजन ‘प्रकृति की ओर सोसाइटी रायपुर‘ द्वारा किया गया है। उद्यनिकी विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, रायपुर नगर निगम के सहयोग से किया गया है।
इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा भी उपस्थित थे। स्वागत भाषण प्रकृति की ओर सोसायटी के अध्यक्ष दलजीत बग्गा ने दिया। मुख्यमंत्री ने इस प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता के आयोजकों तथा निर्णायकों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार की विफलताओं पर चर्चा भी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 जनवरी। प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक के पहले दिन भाजपा नेताओं ने शक्ति केंद्रों का रूख करते जमीनी स्तर पर संगठन की मौजूदा स्थिति को परखा। इसी के साथ दो दिनी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक की शुरूआत हुई। राजनांदगांव के सोमनी स्थित एक आलीशान होटल में आला नेताओं की उपस्थिति में औपचारिक बैठक शुरू हुई। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप, संगठन महामंत्री पवन साय समेत अन्य नेता पहुंचे।
बैठक के एजेंडे के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 8 साल के उपलब्धियों पर चर्चा होगी। साथ ही प्रदेश कांग्रेस सरकार की विफलताओं को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। पूर्व सीएम ने कहा कि भूपेश सरकार नरवा-घुरवा-बाड़ी योजना तक ही उलझकर रह गई। ईडी और सीडी की चर्चा हो रही है। पूरी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। छत्तीसगढ़ में मौजूदा सरकार विकास को लेकर कोरी बातें ही कही है। पूर्व सीएम सिंह ने कहा कि राज्य में विकास ठप पड़ा हुआ है।
कोरबा में गृहमंत्री अमित शाह के सभा को लेकर डॉ. सिंह ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में चावल योजना की गृहमंत्री शाह ने तारीफ की। शाह ने छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए भाजपा को श्रेय दिया। पूर्व सीएम ने कहा कि 2023 विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार के विकास एक अहम मुद्दा होगा।
इस बीच आला नेताओं ने होटल में सुबह नाश्ता के बाद शक्ति केंद्रों का रूख किया। राष्ट्रीय नेतृत्व से शक्ति केंद्रों में जाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि शक्ति केंद्रों में आला नेताओं की मौजूदगी से कार्यकर्ताओं में उत्साह बढऩे की उम्मीद है। इस दौरान जिलाध्यक्ष रमेश पटेल, पूर्व सांसद मधुसूदन यादव समेत वरिष्ठ भाजपा नेता लीलाराम भोजवानी, खूबचंद पारख, सचिन बघेल, नीलू शर्मा, विक्रांत सिंह, सुरेश एच. लाल, रामजी भारती समेत अन्य नेता शामिल थे।
उत्तराखंड, 8 जनवरी । उत्तराखंड के जोशीमठ में ज़मीन धंसने के ख़तरे के बीच शंकराचार्य मठ में भी दरारें आ गई हैं.
पिछले 15 दिनों में धार्मिक संस्था शंकराचार्य मठ में कई जगहों पर गहरी दरारें देखी गई हैं.
जोशीमठ प्रशासन के मुताबिक 15 दिनों में दरारें बढ़ गई हैं.
मठ प्रमुख स्वामी विश्वप्रियनंदा ने इसके पीछे जलवायु को वजह बताते हैं.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''इस इलाक़े में विकास तबाही की वजह बन गया है. यहां बन रहे हाइड्रोइलैक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट्स और सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है. पहले कोई दरारें नहीं थीं पर अब मठ में दरारें बढ़ रही हैं.''
जोशीमठ को हिंदुओं का पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है.
यहां सर्दियों में भगवान बद्रीनाथ को मुख्य बद्रीनाथ मंदिर से जोशीमठ में वासुदेव मंदिर में लाया जाता है.
लेकिन, इस इलाक़े में घरों में दरारें आने के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
लोग घरों के बाहर सो रहे थे और कई दिनों से प्रशासन से गुहार लगा रहे थे.
फिलहाल प्रभावित लोगों के लिए प्रशासन रिहैब सेंटर पहुंचा रहा है और इलाक़े में पावर प्रोजेक्ट्स रोक दिए गए हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले पर आज दोपहर उच्च-स्तरीय बैठक करने वाला है.
ये बैठक पीएम के प्रधान सचिव डॉक्टर पीके मिश्रा लेंगे.
इस बैठक में कैबिनेट सचिव, वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य शामिल होंगे. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 8 जनवरी । केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कट्टरपंथी विचारों के ज़रिए कश्मीरी युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने वाले आसिफ़ मक़बूल डार को शनिवार को 'आतंकवादी' घोषित कर दिया. डार फिलहाल सऊदी अरब में रह रहे हैं.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के अनुसार, शनिवार को गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफ़िकेशन में बताया गया है कि डार को अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट, 1967 (यूएपीए) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है.
मंत्रालय ने कहा, "डॉक्टर आसिफ़ मक़बूल डार सोशल मीडिया की कट्टरपंथी आवाज़ों में से एक हैं और भारत सरकार, सुरक्षाबलों के ख़िलाफ़ कश्मीर के युवाओं को हथियार उठाने के लिए उकसाने में संलिप्त रहे हैं. केंद्र सरकार का मानना है कि डार "आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त हैं" और उन्हें इस कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए."
अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य अरबाज़ अहमद मीर को भी यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया था. मीर पर जम्मू-कश्मीर में महिला शिक्षक रजनी बाला सहित हुई अन्य टारगेट किलिंग में शामिल होने का आरोप है. मीर को शुक्रवार देर रात आतंकवादी घोषित किया गया था. जम्मू-कश्मीर निवासी मीर फिलहाल पाकिस्तान में रह रहे हैं.
जम्मू की रजनी बाला की कुलगाम ज़िले के सरकारी हाई स्कूल के बाहर 31 मई, 2022 को हत्या की गई थी. (bbc.com/hindi)
कर्नाटक, 8 जनवरी । शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक सरकार के आदेश के बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम छात्रों ने सरकारी की जगह अब प्राइवेट कॉलेजों का रुख़ कर लिया है. अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस ने आंकड़ों के हवाले से ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट प्रकाशित की है. आज के प्रेस रिव्यू की शुरुआत इसी ख़बर से.
इसके अनुसार, बीते साल हिजाब विवाद का केंद्र रहे कर्नाटक के उडुपी ज़िले में एक साल के अंदर सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले मुस्लिम छात्रों की संख्या घटकर आधी से भी कम हो गई है.
ये आंकड़े ग्यारहवीं कक्षा (कर्नाटक में इसे प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज पीयूसी भी कहा जाता है) में साल 2021-22 के बीच कुल 1,296 बच्चों ने दाखिला लिया. 2022-23 में भी ये संख्या 1,320 रही. हालांकि, सरकारी कॉलेजों में ग्यारहवीं कक्षा में साल 2021-22 में 388 मुस्लिम छात्रों ने दाखिला लिया था जो 2022-23 के सत्र में घटकर 186 ही रह गए.
रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा सत्र में केवल 91 मुस्लिम लड़कियों ने सरकारी कॉलेजों का रुख किया जबकि 2021-22 वाले सत्र में ये संख्या 178 थी. वहीं सरकारी कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले मुस्लिम लड़कों की संख्या भी 210 से घटकर 95 पर आ गई.
इसके उलट उडुपी ज़िले के निजी या गैर-सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले मुस्लिम छात्रों की संख्या बढ़ी है. 2022-23 में मुस्लिम समुदाय के 927 छात्रों ने पीयूसी में दाखिला लिया, जबकि इससे एक साल पहले ये संख्या 662 थी. इसके साथ ही दाखिला लेने वाले मुस्लिम लड़कों की संख्या भी 334 से बढ़कर 440 और लड़कियों की संख्या 328 से 487 हो गई है.
उडुपी के सलीहथ ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन के प्रशासक असलम हेकदी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, "हमारे पीयू कॉलेज में पहली बार मुस्लिम लड़कियों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. ये दिखाता है कि कैसे हिजाब मामले ने उनपर निजी और शैक्षिक तौर पर असर डाला है."
एक अन्य निजी संस्थान अलीहसन पीयू कॉलेज के प्रिंसिपल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "लड़कों में ये चलन शायद इसलिए बढ़ा क्योंकि उनके माता-पिता बच्चों को हिजाब पर किसी भी तरह के विरोध से दूर रखना चाहते हैं. उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेजों में हिजाब मुद्दे पर हो रही राजनीति और इसको सांप्रदायिक रंग देने की वजह से शायद माता-पिता ने ये तय किया है कि उनके बच्चे इस शैक्षणिक वर्ष में प्राइवेट कॉलेजों में रहकर शिक्षा और अनुशासन पर ध्यान दें."
कर्नाटक सरकार ने क्या कहा?
राज्य के स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री बीसी नागेश ने इस ट्रेंड को लेकर किए गए सवाल पर कहा, "जब छात्रों के दाखिले की बात आती है तो हम उनकी समग्र प्रवृत्ति के तौर पर देखते हैं, चाहे उनका धर्म, जाति या पंथ कुछ भी हो. हम किसी विशेष समुदाय या छात्रों के वर्ग के छात्रों के दाखिला लेने वालों का अलग से आंकलन नहीं करते हैं."
"आखिरकार, हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें, भले ही उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो. हमें लगता है कि पिछले सालों की तुलना में सरकारी पीयू कॉलेजों में दाखिला लेने वाले सभी छात्रों की संख्या में काफ़ी वृद्धि हुई है. हालांकि, अगर उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेजों में मुसलमान छात्रों की संख्या में कोई कमी आती है, तो हम इस पर गौर करेंगे."
बीते साल उडुपी के एक सरकारी पीयू कॉलेज की छह छात्राओं ने ये दावा किया था कि उन्हें हिजाब पहनकर क्लास में जाने से रोका गया है. इसके बाद लगभग पूरे राज्य में इस मुद्दे पर विवाद शुरू हो गया था और कई जगह हिंसा भी हुई. बढ़ते विवाद के बीच छात्रों से ग्यारहवीं, बारहवीं कक्षा और डिग्री कॉलेजों में तय यूनिफॉर्म का पालन करने का आदेश जारी किया गया. सरकारी कॉलेजों में हिजाब यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है. वहीं कई निजी कॉलेजों में हिजाब को यूनिफॉर्म के तौर पर मंज़ूरी दी गई है.
बीते साल कर्नाटक हाई कोर्ट की तीन जजों वाली पीठ ने राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखते हुए ये कहा था कि स्कूल यूनिफॉर्म तय करना मौलिक अधिकारों का हनन नहीं करता है. हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जहां दो जजों वाली पीठ ने खंडित फ़ैसला दिया. याचिका को बड़ी बेंच के पास सुनवाई के लिए रेफ़र किया गया, जो अभी गठित होनी बाकी है. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 8 जनवरी । चुनावी रणनीतिकार से एक्टिविस्ट बने प्रशांत किशोर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' पर तंज भरे लहजे में कहा कि वो बड़े लोग हैं, मेरी उनसे कोई तुलना नहीं है.
प्रशांत किशोर भी बिहार में इन दिनों पदयात्रा कर रहे हैं. मोतिहारी में पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' और अपनी 'जन सुराज यात्रा' में कोई समानता देखते हैं?
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा, "वे बड़े लोग हैं. उनकी तुलना में मैं तो कुछ भी नहीं हूं."
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाकाम बातचीत के बाद ही प्रशांत किशोर ने बिहार में 'जन सुराज यात्रा' की शुरुआत की है.
प्रशांत किशोर ने 'भारत जोड़ो यात्रा' पर तंज भरे लहजे में कहा, "राहुल गांधी 3500 किलोमीटर की यात्रा पर हैं. मेरे लिए किलोमीटर मायने नहीं रखता है. मैं अक्टूबर से लगातार चल रहा हूं. लेकिन मैं अपने फिजिकल फिटनेस के सबूत के तौर पर इसका दिखावा नहीं करना चाहता हूं." (bbc.com/hindi)
-सुनील कटारिया
नई दिल्ली, 8 जनवरी । भारत सरकार मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में 8 से 10 जनवरी, 2023 के बीच 17वां प्रवासी भारतीय दिवस मना रही है.
इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान, चुनिंदा प्रवासियों को भारत और विदेशों में विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए भारत सरकार की ओर से प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.
इस बार अधिवेशन के तीसरे दिन 10 जनवरी को 27 हस्तियों को प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
इनमें से एक नाम मूल रूप से पटियाला के डॉ. दर्शन सिंह धालीवाल का है. मूल रूप से पटियाला के रखरा गांव के धालीवाल अमेरिका में कारोबार कर रहे हैं और अपने समुदाय के कल्याण के लिए सक्रिय हैं.
ये वही दर्शन सिंह धालीवाल हैं जिन्हें अक्टूबर 2021 में दिल्ली एयरपोर्ट से वापस अमेरिका भेजा गया था.
कौन हैं दर्शन सिंह धालीवाल?
दर्शन सिंह धालीवाल तब चर्चा में आए थे, जब किसानों के आंदोलन के दौरान उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था और भारत में प्रवेश पर रोक लगाने के बाद उन्हें वापस अमेरिका लौटना पड़ा था.
डॉ. दर्शन सिंह धालीवाल के छोटे भाई और वरिष्ठ अकाली नेता सुरजीत सिंह राखड़ा ने बीबीसी पंजाबी से अपने भाई के अमेरिका जाने और उनके काम के बारे में फोन पर बात की.
सुरजीत सिंह राखड़ा कहते हैं, ''मेरा भाई (दर्शन सिंह धालीवाल) 1972 में अमेरिका गया था और वहां तीन साल तक मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. वह शुरू से ही मेहनती थे."
सुरजीत सिंह राखड़ा अपने भाई के बिज़नेस के बारे में भी बताते हैं.
वह कहते हैं, "मेरे भाई अमेरिका के शिकागो में गैस स्टेशन (पेट्रोल पंप) चलाते हैं. इसके साथ ही हमारा प्रॉपर्टी का बिज़नेस भी है.
'लंगर बंद करो, किसानों के साथ सौदा करो या अमेरिका वापस जाओ'
अक्टूबर 2021 में किसान आंदोलन के दौरान दर्शन सिंह धालीवाल को एयरपोर्ट से वापस भेजे जाने वाला समय याद करते हुए उनके भाई सुरजीत कहते हैं, "जब दर्शन सिंह को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस अमेरिका जाने के लिए कहा गया तो अधिकारियों ने कहा, 'लंगर बंद करो, किसानों से समझौता करो या अमेरिका वापस जाओ.''
तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों के किसानों ने एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर धरना दिया था.
सुरजीत सिंह राखड़ा के मुताबिक साल 1997 में विश्व पंजाबी सम्मेलन की शुरुआत भी उनके भाई दर्शन सिंह धालीवाल ने की थी. सम्मेलन में विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने भाग लिया.
सुरजीत सिंह राखड़ा का कहना है कि भारत सरकार की ओर से उनके भाई को दिए जाने वाले प्रवासी भारतीय पुरस्कार के बारे में घोषणा सुनकर वो हैरान रह गए.
वो कहते हैं, ''लोग इस अवॉर्ड के लिए आवेदन करते हैं लेकिन हमने इसके लिए अप्लाई नहीं किया. सरकार की ओर से जब इस संबंध में जानकारी हमारे पास आई तो हम हैरान रह गए."
समाज सेवा गतिविधियों में परिवार
डॉ. दर्शन सिंह धालीवाल का परिवार लंबे समय से सामाजिक कार्यों से जुड़ा हुआ है. उनके भाई सुरजीत सिंह राखड़ा इस बारे में बताते हैं.
उनका कहना है कि उनके पिता सूबेदार करतार सिंह धालीवाल फौज में थे.
वो कहते हैं, ''बापू जी ज़रूरतमंदों की सेवा करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे, कपड़े बांटने से लेकर लंगर लगाने तक हर सेवा उन्होंने लगन से की.''
"अमेरिका के विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय में बापू जी के नाम से एक चेयर भी स्थापित की गई है जिसके तहत हर साल वहां पढ़ने जाने वाले सैकड़ों छात्रों को चार हजार डॉलर का स्टाइपेंड दिया जाता है."
उनका कहना है कि आनंदपुर साहिब स्थित दशमेश अकादमी जब बंद होने लगी तो परिवार ने एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद भी की.
इसके अलावा तमिलनाडु में आई सुनामी के दौरान भी उनके परिवार ने लंगर लगाए थे.
इसी सिलसिले में भारत सरकार के लाए तीन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली की सीमाओं पर लंगर लगाए गए थे.
"हम बापू से डरते थे"
संयुक्त परिवार में रहने वाले इस परिवार के बेटे सुरजीत सिंह राखड़ा अपने पिता के स्वभाव के बारे में बताते हुए कहते हैं कि उनके पिता का व्यवहार बहुत सख्त था.
वो कहते हैं, ''बापू जी सेना में थे, इसलिए उनका स्वभाव बहुत सख्त था. हम बापू से डरते थे."
"हमने बापू जी से कभी कोई सवाल नहीं किया, उन्होंने जो कहा वह हमारे लिए कानून था."
अपने पिता के बारे में वे आगे बताते हैं कि 1985 में उनके निधन के बाद "बापू जी के नाम पर पंजाबी साहिब अकादमी अवार्ड भी शुरू किया गया."
प्रवासी भारतीय दिवस क्या है?
आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार , यह दिन हर दो साल में एक बार मनाया जाता है. इसका उद्देश्य भारत से बाहर रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों के साथ भारत सरकार के बंधन को मज़बूत करना और उन्हें उनकी जड़ों से फिर से जोड़ना है.
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 9 जनवरी 2003 को हुई थी.
2015 से ये हर दो साल में एक बार मनाया जाता है.
2021 में, कोरोना महामारी के दौरान, 16वां प्रवासी भारतीय दिवस ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसका विषय था "आत्मनिर्भर भारत में योगदान".
इस वर्ष के 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का विषय है... "प्रवासी: अमृत के युग में भारत की प्रगति के लिए एक विश्वसनीय भागीदार".
प्रवासियों को सम्मानित करेंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
मध्य प्रदेश के इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने काम से प्रसिद्धि हासिल करने वाले प्रवासियों को सम्मानित करेंगी.
इन प्रवासियों को प्रवासी भारतीय पुरस्कार दिए जाएंगे.
किन देशों के भारतीयों को मिलेगा अवॉर्ड
प्रवासी भारती पुरस्कार से सम्मानित होने वाली हस्तियों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपने काम और योगदान के लिए प्रसिद्धि हासिल की है.
17वें प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर भारतीय मूल की 27 हस्तियों को प्रवासी भारतीय पुरस्कार दिया जाएगा.
ये 27 हस्तियां दुनिया के अलग-अलग देशों में रहती हैं.
सम्मान के लिए चुने गए ये लोग अलग-अलग क्षेत्रों के हैं. इनमें कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, संस्कृति, व्यवसाय, सामाजिक सरोकार, मीडिया और अन्य क्षेत्र शामिल हैं. (bbc.com/hindi)
नई दिल्ली, 8 जनवरी । पश्चिम बंगाल, बिहार और अन्य दो राज्यों के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व स्पीकर केसरी नाथ त्रिपाठी का 88 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित अपने घर में अंतिम सांसें लीं.
उनकी बहू कविता यादव त्रिपाठी ने बताया, "केसरी नाथ त्रिपाठी हाल ही में घर में गिर गए थे जिससे उनका कॉलरबोन टूट गया था. तीन दिन पहले ही वे अस्पताल से घर लौटे थे. रविवार को सुबह पांच बजे उनका देहांत हो गया."
10 नवंबर, 1934 को इलाहाबाद में पैदा हुए केसरी नाथ त्रिपाठी जुलाई, 2014 से जुलाई 2019 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे.
इस बीच उनके पास बिहार, मेघालय और मिज़ोरम का भी कुछ समय के लिए प्रभार रहा.
वे उत्तर प्रदेश विधानसभा के छह बार सदस्य रहे और साल 1977 से 1979 के बीच उत्तर प्रदेश की जनता सरकार में मंत्री भी रहे.
कवि और लेखक त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में प्रैक्टिस भी की और वे कुछ समय के लिए बीजेपी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केसरी नाथ त्रिपाठी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को स्थापित करने वाले प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी केसरीनाथ त्रिपाठी के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
नयी दिल्ली, आठ जनवरी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विभिन्न सांगठनिक कार्यक्रमों के जरिए अपनी कमजोर कड़ियों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है तो वहीं कांग्रेस अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए खुद को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है। देश की राजनीति का यह दौर आगे जाकर क्या रुख लेगा, इसके बारे में लखनऊ विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग के प्रमुख और ‘इंडियन पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज दीक्षित से भाषा के पांच सवाल और उनके जवाब:
सवाल: अगले साल कुल नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं और फिर लोकसभा चुनाव। आप क्या परिदृश्य देखते हैं?
जवाब: जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, वहां अलग-अलग मुद्दे और परिस्थितियां हैं। इन पर चुनावी नतीजे तय होंगे। उदाहरण के तौर पर कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वॉकओवर जैसा नहीं है। कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) इस बार कड़ी टक्कर देने की स्थिति में हैं। राजस्थान में भाजपा अवश्य आएगी, ऐसा लग रहा है। एक तो राजस्थान की अपनी परंपरा हर चुनाव में सरकार बदलने की है और दूसरा कांग्रेस की अदरूनी लड़ाई। तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं। भाजपा को वहां की सत्ता में आने में समय लगेगा। पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा अच्छी स्थिति में रहेगी। वैसे भी उसने वहां काफी ताकत झोंक रखी है। रही बात राष्ट्रीय राजनीति की तो आज की तारीख में तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने कोई चुनौती दिखाई नहीं पड़ती है। आगे चलकर कोई उभर जाए तो कह नहीं सकता।
सवाल: राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रही है। आप इसका क्या असर देखते हैं?
जवाब: यात्रा करने के अपने अनुभव और लाभ होते हैं। इस यात्रा से राहुल गांधी को कुछ लाभ जरूर होगा। आप देश को अपनी आंखों से पैदल चलकर दख रहे हैं तो एक अनुभव होता है। इसमें एक आध्यात्मिक भाव भी आता है। लेकिन यह निजी फायदा है। कांग्रेस को इसका कोई राजनीतिक फायदा होगा या वह अगले चुनाव में जीतने की स्थिति में आ जाएगी, ऐसा कुछ नहीं दिख रहा। यात्रा के दौरान राहुल गांधी के विरोधाभासी बयान भी आए हैं। जैसे, उन्होंने कहा कि उन्हें कहीं कोई नफरत नहीं दिखी। जब नफरत है ही नहीं तो फिर इस यात्रा का उद्देश्य क्या है, यह समझ से परे हो जाता है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में यात्रा को अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। इन राज्यों से निकलने के बाद कांग्रेस को राजनीतिक कार्यक्रम करने थे लेकिन ऐसी कोई योजना नहीं है उनके पास। कुछ महीने बाद क्या होगा कि लोग भूल जाएंगे इस यात्रा को। धीरे-धीरे उसका असर कम होता जाएगा। एक मजबूत विकल्प देने के लिए कांग्रेस को एक धारणा (नैरेटिव) बनानी थी अपनी इस यात्रा के जरिए। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ दिखा नहीं है।
सवाल: देश की राजनीति में जब भी यात्रा निकली है, इसका लाभ उस राजनीतिक दल को मिला है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तारीफ की है?
जवाब: आडवाणी जी (लालकृष्ण आडवाणी) की यात्रा राम मंदिर के लिए थी, वह बन रहा है। इसके बाद भाजपा ने एकता यात्रा निकाली और लाल चौक पर तिरंगा फहराया। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने 'भारत यात्रा' निकाली और बिखरती जनता पार्टी में नया जोश भरा था। कर्नाटक में उमा भारती ने तिरंगा यात्रा निकाली थी। यात्राओं का एक उद्देश्य होना चाहिए लेकिन राहुल गांधी की यात्रा उद्देश्यविहीन दिख रही है। रही बात संघ द्वारा यात्रा की तारीफ किए जाने की तो यह अच्छी बात है।
सवाल: अगर सभी प्रमुख विपक्षी दल किसी न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत एकजुट होते हैं तो अगली लोकसभा का क्या परिदृश्य हो सकता है?
जवाब: यह काल्पनिक है। सभी मिलकर चुनाव पूर्व गठबंधन बना लें तो यही बहुत बड़ा चमत्कार होगा। कांग्रेस के साथ मिलकर कोई एक व्यापक गठबंधन बने, ऐसा होता दिख नहीं रहा है। अगर ऐसा कुछ होता भी है तो वह कितना जल्दी होता है, इस पर निर्भर करता है। यह काम अभी कर लें और उस बैनर के अंतर्गत काम करें तो कुछ मामला बनता है। लेकिन चुनाव से पहले बने तो मतदाता और भ्रमित होगा। दूसरी बड़ी बात है कि ऊपरी स्तर पर भले गठबंधन हो जाए लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं होता है। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा उदाहरण है।
सवाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 से पहले राम मंदिर बन जाने की बात कही है। क्या यह उत्तर प्रदेश की राजनीति को ध्यान में रखकर दिया गया वक्तव्य है?
जवाब: चुनावी वैतरणी पार करने के लिए राम मंदिर तो महत्वपूर्ण है ही। कम से कम उत्तर प्रदेश की राजनीति में राम मंदिर बहुत महत्वपूर्ण है। राम मंदिर बन रहा है तो निश्चित तौर पर इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा अभी मजबूत इसलिए है क्योंकि उसके सामने दूसरी कोई मजबूत ताकत नहीं दिख रही है। विपक्ष में विभाजन साफ तौर पर यहां पर दिखता है। समाजवादी पार्टी में ताकत है, बहुजन समाज पार्टी खत्म है और कांग्रेस कांग्रेस कुल मिलाकर लोकसभा की दो ही सीट पर लड़ाई में दिखती है। सभी ने गठबंधन करके भी देख लिया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 जनवरी। स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति, औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों से तय होगी। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की कंपनियों के तिमाही नतीजे भी बाजार को दिशा देंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक रुझान, रुपये का उतार-चढ़ाव, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम और विदेशी कोषों का रुख भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह कई महत्वपूर्ण वृहद आर्थिक आंकड़े आने हैं। 12 जनवरी को आईआईपी और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई के आंकड़े आएंगे। उसी दिन चीन और अमेरिका भी अपने मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करेंगे।’’
मीणा ने कहा कि तिमाही नतीजों के सीजन की शुरुआत आईटी कंपनियों के साथ होगी। सप्ताह के दौरान टीसीएस, इन्फोसिस और एचसीएल टेक अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी।
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 940.37 या 1.55 प्रतिशत के नुकसान में रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 245.85 अंक या 1.36 प्रतिशत टूटा।
जूलियर बेयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक मिलिंद एम ने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों की नए साल में शुरुआत सतर्क रुख के साथ हुई। बाजारों में वहीं रुख दिखा, जो पिछले साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में था।
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति तथा विदेशी कोषों की सतत निकासी ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होने के बाद निवेशकों की जोखिम लेने की धारणा पर असर पड़ा है। इस ब्योरे से 2023 में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी का संकेत मिला है।
नायर ने कहा कि इस सप्ताह आईटी क्षेत्र की कंपनियां टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएल टेक और विप्रो अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी। वहीं 12 जनवरी को आईआईपी और सीपीआई के आंकड़े आएंगे।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि घरेलू कारकों के अलावा वैश्विक बाजार के रुख पर सभी की निगाह रहेगी।
सैमको सिक्योरिटीज में बाजार परिदृश्य प्रमुख अपूर्व सेठ ने कहा कि इस सप्ताह बाजार भागीदारों की निगाह अमेरिका और चीन के मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर रहेगी। ‘‘घरेलू मोर्चे पर तीसरी तिमाही के नतीजों के सीजन की शुरुआत आईटी कंपनियों के साथ होगी।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 जनवरी। दिल्ली में रविवार सुबह भीषण शीतलहर का प्रकोप रहा। शहर के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले दो साल में राष्ट्रीय राजधानी में जनवरी के महीने में दर्ज सबसे कम तापमान है।
उत्तर-पश्चिम भारत और देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में कोहरे की मोटी परत छाई रही, जिससे सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हुआ। घने कोहरे के कारण सुबह साढ़े पांच बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पालम वेधशाला में दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई।
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने ट्वीट किया कि कैट-III श्रेणी के अनुरूप न होने वाली उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं।
यात्रियों को उड़ानों के संबंध में अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित विमानन कंपनी से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोहरे के कारण 42 ट्रेन एक घंटे से पांच घंटे की देरी से चल रही हैं।
मौसम कार्यालय के मुताबिक, दृश्यता जब शून्य से 50 मीटर के बीच रह जाती है तो उस समय ‘बहुत घना’ कोहरा होता है। वहीं, 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता की स्थिति में ‘घना’, 201 से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता की स्थिति में ‘हल्का’ कोहरा होता है।
दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में बर्फ से ढंके पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाओं के चलते लोधी रोड, आयानगर, रिज और जाफरपुर के मौसम केंद्रों में न्यूनतम तापमान क्रमशः 2.8 डिग्री सेल्सियस, 2.6 डिग्री सेल्सियस, 2.2 डिग्री सेल्सियस और 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
शनिवार को सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकांश स्थानों और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिल स्टेशनों की तुलना में कम था। वहीं, भीषण शीतलहर के कारण मध्य दिल्ली के रिज मौसम केंद्र में न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था।
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को कई स्थानों पर अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम सात डिग्री सेल्सियस कम दर्ज किया गया, जिससे यह कड़ाके की ठंड वाला दिन बन गया। बढ़ती ठंड से बिजली आपूर्ति ग्रिड पर दबाव बढ़ रहा है और इससे बेघरों और पशुओं के सामने चुनौती भी पैदा हो रही है। दिल्ली में सर्दियों में बिजली की मांग शुक्रवार को बढ़कर रिकॉर्ड 5,526 मेगावाट पर पहुंच गई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कुछ स्थानों पर कृषि, पशुधन, जल आपूर्ति, परिवहन और बिजली क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने की चेतावनी दी है। मौसम कार्यालय ने यह भी कहा कि लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से ठंड लग सकती है और किसी को कंपकंपी को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जो इस बात का पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है और घर के अंदर रहना चाहिए।
परामर्श में कहा गया है, ‘‘विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने के लिए पर्याप्त गर्म तरल पदार्थ पिएं। बाहरी गतिविधियों में शामिल होने से बचें या उन्हें सीमित करें।’’
मौसम विभाग ने रविवार को दिल्ली सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों के लिए ‘‘ऑरेंज’’ अलर्ट जारी किया है, जिसमें घने कोहरे, दिन में ठंड और शीत लहर की स्थिति बनी रहने की चेतावनी दी गई है।
आईएमडी ने कहा कि राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के कुछ इलाकों में आठ जनवरी को शीत लहर से भीषण शीत लहर की स्थिति जारी रहने का अनुमान है। हालांकि, एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से कुछ दिनों के बाद सर्दी से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।
मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस या 10 डिग्री सेल्सियस और सामान्य से 4.5 डिग्री कम रहने पर मौसम कार्यालय शीत लहर की घोषणा करता है। गंभीर शीत लहर की स्थिति तब होती है, जब न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है।
वहीं, ठंडा दिन तब माना जाता है, जब न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री कम होता है। अत्यधिक ठंडा दिन तब होता है, जब अधिकतम तापमान सामान्य से कम से कम 6.5 डिग्री सेल्सियस घट जाता है। (भाषा)
हिमाचल प्रदेश में आज हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार के मंत्रियों ने शपथ ली.
दिसंबर में आए हिमाचल चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को बहुमत हासिल हुआ था. सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाया गया था.
अब एक महीने बाद मंत्रिमंडल के लिए मंत्रियों का चुनाव किया गया है.
शपथ ग्रहण समारोह में कुल सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक इनमें धानी राम शांडिल, चंदर कुमार, हर्षवर्धन चौहान, जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह शामिल हैं.
मंत्रिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विधायक विक्रमादित्य सिंह को भी जगह दी गई है.
वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री पद के लिए इच्छा ज़ाहिर की थी. लेकिन, ना चुने जाने से उनमें नाराज़गी भी थी.
शिमला में हुए इस समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अरलेकर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी मौजूद थे. राज्यपाल ने विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई (bbc.com/hindi)
भिलाई नगर, 8 जनवरी। दुर्ग में शिवनाथ नदी ओवरब्रिज पर कल देर रात हुए भीषण सड़क हादसे में दुपहिया सवार पति-पत्नी की मौत हो गई। मृतक दुर्ग के पोलसायपारा के रहने वाले थे। राजनांदगांव से दुर्ग लौटते समय देर एक कार ने उनके स्कूटर को टक्कर मार दी।
मिली जानकारी के मुताबिक पोलसायपारा निवासी ज्ञानचंद लेखवानी (56 वर्ष) अपनी पत्नी वंदना लेखवानी (45 वर्ष) के साथ स्कूटर से राजनांदगांव गए थे। वहां उनके परिचित के यहां संगीत कार्यक्रम था। पति-पत्नी राजनांदगांव से दुर्ग की ओर स्कूटर में आ रहे थे। रात लगभग साढे़ 12 बजे के जैसे ही वो लोग शिवनाथ ब्रिज के ऊपर पहुंचे, कार क्रमांक सीजी 07 बीएफ 5195 ने उन्हें सामने से टक्कर मार दी। कार की टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों पति पत्नी 300 मीटर तक घिसटते हुए ब्रिज के साइड वॉल से टकरा गए। वहां से जा रहे लोग जब तक पहुंचे तब तक कार सवार वहां से कार छोड़कर भाग निकला। सूचना मिलते ही पुलगांव पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शव को पीएम के लिए भेजा गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि कार का एयर बैग नहीं खुलता तो इस सड़क दुर्घटना में मौत का आंकड़ा और बढ़ जाता। एयर बैग खुल जाने से उसमें सवार लोग सुरक्षित बच गए। टक्कर इतनी तेज थी कि कार के सामने का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।
नयी दिल्ली, 8 जनवरी। हिमालय पर्वत की काराकोरम श्रृंखला में तकरीबन 20 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन पर अब राजस्थान की शिवा चौहान भी देश की हिफाजत में तैनात हैं।
यह पहला मौका है, जब किसी महिला को इतनी सख्त परिस्थितियों वाले सियाचिन इलाके में तैनात किया गया है। वहां हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का आलम यह है कि तापमान शून्य से 40 से 60 डिग्री तक नीचे चला जाता है। वहां कभी बर्फीले तूफान आते हैं तो कभी पहाड़ों पर जमी बर्फ की परतें भरभराकर नीचे आने लगती हैं और ऊंचाई के कारण होने वाली बीमारियां जान जोखिम में डाल देती हैं, लेकिन इन सबसे ऊपर देश की हिफाजत का जज्बा जैसे बाकी हर मुश्किल को आसान कर देता है।
सियाचिन में कुमार पोस्ट पर तैनात शिवा चौहान का जन्म 18 जुलाई 1997 को राजस्थान के उदयपुर में राजेन्द्र सिंह चौहान और अंजलि चौहान के यहां हुआ। उन्होंने उदयपुर के सेंट एंथोनी सीनियर सेकंडरी स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उदयपुर के ही एनजेआर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक स्तर की शिक्षा पूरी की।
शिवा ने बहुत छोटी उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था और उनकी मां ने ही उनकी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखा। शिवा के परिवार में उनकी एक बड़ी बहन शुभम चौहान हैं, जो भारतीय न्यायिक सेवा में जाने की तैयारी कर रही हैं।
शिवा को बचपन से ही भारतीय सेना में जाने की ललक थी और इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने सेना में शामिल होने के अपने सपने को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ा दिया। 2020 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें मई 2021 में इंजीनियर रेजीमेंट में शामिल किया गया।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि शिवा को एक महीने सियाचिन बैटल स्कूल में कठिन प्रशिक्षण के बाद तीन महीने के लिए 15,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित कुमार पोस्ट पर तैनात किया गया है। इससे पहले तक महिलाओं को सियाचिन आधार शिविर में ही तैनात किया जाता था जो 9,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
सेना ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘यह भारतीय सेना के लिए गौरवपूर्ण क्षण है, जब कैप्टन शिवा चौहान को दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्र सियाचिन में तैनात किया गया है। उन्हें अन्य अधिकारियों के साथ एक महीने की ट्रेनिंग के सफल समापन के बाद यह मौका मिला।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिवा चौहान को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने जहां इसे नारी शक्ति की एक और विजय बताया, वहीं रक्षा मंत्री ने कहा कि वह सशस्त्र सेनाओं में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं के आने से बहुत खुश हैं।
उम्मीद है कि सियाचिन की उजली बर्फ पर चमकते शिवा के कदमों के निशान देश की बहुत सी लड़कियों को इस रास्ते पर चलने की प्रेरणा देंगे। (भाषा)
रायपुर, 8 जनवरी। बीते 24 घंटे में प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप बना रहा। इस दौरान कवर्धा 2.7और कोरिया 3.2 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे ठंडे रहे।इसी तरह से सरगुजा में तापमान 4.9 डिग्री रहा।प्रदेश में उत्तर से आ रही ठंडी और शुष्क हवाओं की वजह से न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी है ।
इसके कारण प्रदेश में रविवार को मौसम शुष्क रहने की संभावना है। प्रदेश में न्यूनतम तापमान ने गिरावट की अपनी चरम स्थिति पर पहुंच चुका है, अतः न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। 10 जनवरी तक यह स्थिति संभावित है।
प्रदेश में कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा, जसपुर, पेंड्रा रोड, कवर्धा, दुर्ग तथा इससे लगे जिलों में एक दो पैकेट में शीतलहर चलने की संभावना है।
प्रदेश के कुछ पैकेट में विरल से मध्यम घना कोहरा प्रातःकाल में बन सकता है ।
नयी दिल्ली, 8 जनवरी। उत्तराखंड में जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर एक साधु ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है और उत्तराखंड के लोगों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया, ‘‘मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की आवश्यकता नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी हो रहा है तो यह राज्य और केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि इसे तुरंत रोका जाए।’’
जोशीमठ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली का प्रवेश द्वार, भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।
जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है और घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं और स्थानीय लोगों का कहना है कि इसमें कई घर धंस गए हैं। (भाषा)
लातूर, 8 जनवरी। महाराष्ट्र के लातूर में एक महिला को अपनी तीन दिन की बेटी की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
गोटेगांव थाने के अधिकारी ने कहा कि 25 वर्षीय महिला ने 29 दिसंबर को नवजात का गला घोंट दिया। उन्होंने बताया कि जांच में सामने आया कि आरोपी दूसरी बच्ची को जन्म देने के चलते उदास थी।
उप निरीक्षक किशोर कांबले ने कहा कि बच्ची की मौत की जांच के बाद महिला को शुक्रवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया। (भाषा)
नयी दिल्ली, 8 जनवरी। उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद इलाके में कथित तौर पर दोस्त की हत्या करने और उसका शव जलाने के आरोप में 27 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान वजीराबाद के रहने वाले मुनीशद्दीन के रूप में हुई है। पुलिस ने कहा कि मुनीशद्दीन का मृतक की पत्नी के साथ कथित तौर पर संबंध था।
उन्होंने बताया कि वजीराबाद के राम घाट के सामने एक व्यक्ति का जला हुआ शव पड़ा होने की सूचना पुलिस को मिली। उन्होंने कहा कि शरीर करीब 90 फीसदी जल चुका था।
उन्हें घटनास्थल के पास झाड़ियों में खून भी मिला है और मौके से एक माचिस बरामद हुई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मृतक की पहचान वजीराबाद निवासी राशिद के रूप में हुई है।
उन्होंने बताया कि आगे की कार्रवाई की जा रही है। (भाषा)
जम्मू, 8 जनवरी। जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर के धंगरी गांव में हुए आतंकवादी हमले में घायल एक और व्यक्ति ने रविवार को यहां एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। इससे इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर सात हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रिंस शर्मा आंतकवादियों द्वारा एक जनवरी को धंगरी गांव में की गई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे बेहतर इलाज के लिए अन्य घायलों के साथ जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में स्थानांतरित किया गया था, जहां रविवार तड़के उसकी मौत हो गई।
धंगरी में हुए आतंकवादी हमले में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जिनमें प्रिंस शर्मा का बड़ा भाई दीपक कुमार भी शामिल था। आतंकवादियों की ओर से एक जनवरी को की गई गोलीबारी में जहां चार लोग मारे गए थे और छह अन्य घायल हुए थे। वहीं, अगली सुबह गांव में हुए एक शक्तिशाली आईईडी विस्फोट में दो लोगों की जान चली गई थी, जबकि नौ अन्य जख्मी हुए थे।
आतंकवादियों ने गोलीबारी के बाद धंगरी से भागने से पहले वहां आईईडी लगाई थी। हमले में शामिल आतंकवादियों की गिरफ्तारी के लिए बड़े पैमाने पर तलाश अभियान चलाया जा रहा है। (भाषा)
वन विभाग के अफसर पंचनामें में लगे हुए हैं
रायपुर से वन्य जीवों के चिकित्सकों को बुलाया गया है
'छत्तीसगढ़' संवावददाता
महासमुंद, 8 जनवरी। आज सुबह वनमंडल महासमुंद अंर्तगत कोडार बांध नहर नाली मार्ग में एक हाथी मृत हालत में मिला। लोगों में चर्चा है कि हाथी की मौत करंट की वजह से हुई है। जिस स्थान पर हाथी की मौत हुई वहां पर बिजली करंट का हूंकिंग तार लगा हुआ मिला लेकिन वन मंडल के अफसरों के घटनास्थल पहुंचते ही बिजली के तार हटा लिए गए। जानकारी मिलते ही फ ारेस्ट विभाग के अफसर और टीम घटना स्थल पर पहुंचे हैं। समाचार तैयार करते तक वन विभाग के अफसर पंचनामें में लगे हुए हैं और रायपुर से वन्य जीवों के चिकित्सकों को बुलाया गया है।
गौरतलब है कि शुक्रवार की रात 2 दंतैल हाथी जीवतरा कोना पहाड़ी से निकल कर ग्राम बकमा, बोरियाझार, सिरगिड़ी, उमरदा होते हुए दलदली शिव मंदिर के पास से आगे कक्ष क्रमांक 438 पहाड़ी में गए थे। कल दलदली मंदिर में मेले का आयोजन था। लिहाजा वन विभाग ने लोगों से अपील की थी कि दलदली मंदिर में पूजा करने या मेले में न जावें। यदि जावें भी तो जंगल के रास्ते सावधानी से आवागमन करें और जंगल के भीतर न जावें। साथ ही हाथी दिखे तो वन विभाग को सूचित करेंं। कल शनिवार को दोपहर इन हाथियों को दलदली के जंगल में देखा भी गया था।
आज रविवार की सुबह कोडार उलट के पास ग्रामीणों ने खेत में हाथी को मृत हालत में देखा और तत्काल इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम भी बगैर देरी किए घटनास्थल पहुंचे हैं और उन्होंने वन्य जीव चिकित्सकों को रायपुर से बुलाया है। कहा जा रहा है कि पोस्टमार्टम के बाद हाथी के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हालांकि वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही बिजली के तार हटा लिए गए थे।
ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक कल शनिवार की रात 8 बजे कोडार उलट के पास हाथी को देखा गया था। वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट भी किया था। बताया जा रहा है यह हाथी गांव के एक ग्रामीण के बाड़ी में घुसा था। जहां पर केला और सब्जी को तहस-नहस किया। इसके बाद हाथी वहां से निकलकर कोडार बांध के पास गया। ग्रामीणों को अंदाज है कि इसी स्थान पर हाथी 33 केव्ही बिजली के करंट में फंस गया होगा।
जहां हाथी की मौत हुई है वह स्थान महासमुंद जिला मुख्यालय से महज 22 किमी दूर कोडार एलबीसी नहर में स्थित है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कल 7 जनवरी की रात 9-10 बजे हाथी का लोकेशन घटनास्थल ही था। हाथी की मौत के बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
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जम्मू, 8 जनवरी। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दोनों आतंकवादी शनिवार देर रात जिले के बालाकोट सेक्टर में मारे गए।
अधिकारियों ने कहा कि सेना के जवानों ने एक सीमावर्ती गांव में संदिग्ध गतिविधि देखी और गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें दोनों आतंकवादी ढेर हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि मारे गए आतंकवादियों के शव रविवार सुबह तब मिले, जब सेना ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया। (भाषा)