अंतरराष्ट्रीय
तपिश से भरी दुनिया घात लगातर इंसान का इंतजार कर रही है. यूएन की ताजा रिपोर्ट जलवायु हाहाकार की चेतावनियों से भरी पड़ी है.
सैकड़ों वैज्ञानिकों और कई संस्थाओं की मदद से तैयार जलवायु रिपोर्ट, आईपीसीसी ने पेश की है. यूएन के क्लाइमेट एडवाइजरी पैनल ने यह रिपोर्ट 20 मार्च को पेश की. रिपोर्ट के मुताबिक इस सदी के अंत की बजाए अगले 17 साल में ही वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री की वृद्धि हो सकती है. 36 पन्नों की रिपोर्ट को "समरी फॉर पॉलिसीमेकर्स" नाम दिया गया है. आईपीसीसी की इस छठी रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते वर्षों में जो भी गर्मी देखी गई, वह आने वाले वर्षों के मुकाबले ठंडी महसूस होगी. यानी तपिश इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी बीते वर्षों की गर्मियां उनके आगे ठंडी लगेंगी.
कुछ वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मौजूदा हालात बने रहे तो सन 2100 तक पृथ्वी का औसत तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाएगा. इसका असर आधी इंसानी आबादी पर पड़ेगा. रिसर्च के मुताबिक बहुत ज्यादा गर्मी और अत्यधिक नमी जानलेवा साबित होगी. रिपोर्ट में इस्तेमाल किये गए वर्ल्ड मैप में दिखाया गया है कि दक्षिणपूर्वी एशिया और ब्राजील और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ इलाकों को भीषण गर्मी झेलनी पड़ेगी.
टाइम बम को नाकाम करें
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेष ने धनी देशों से अपील करते हुए कहा है कि वे इस "क्लाइमेट टाइम बम को नाकाम" कर सकते हैं.धनी देश 2050 के बजाए अगर 2040 तक कार्बन न्यू्ट्रैलिटी का लक्ष्य हिसाल कर लें तो हालात संभाले जा सकते हैं. रिपोर्ट का जिक्र करते हुए गुटेरेष ने कहा कि "मानवता बहुत ही पतली बर्फ पर खड़ी है और ये बर्फ भी तेजी से पिघल रही है."
वीडियो संदेश में यूएन महासचिव ने कहा, "बीते 50 साल में तापमान वृद्धि की रफ्तार पिछले 2000 साल में सबसे ऊंची थी. कम से कम 20 लाख साल बाद कार्बन डाइ ऑक्साइड (सीओ2) का घनत्व इतने ऊंचे स्तर पर पहुंचा है. क्लाइमेट टाइम बम टिकटिक कर रहा है."
आईपीसीसी की रिपोर्ट में साफ चेतावनी दी गई है कि दुश्वार होती जलवायु, दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी भारी पड़ेगी. ये सामाजिक ताने बाने पर भी वार करेगी. स्विट्जरलैंड के पहाड़ी शहर इंटरलाकन में हफ्ते भर की लंबी बहस के बाद रिपोर्ट जारी की गई. रिपोर्ट जारी करने से पहले दो दिन तक जीवाश्म ईंधन को लेकर इस्तेमाल की गई भाषा पर बहस होती रही.
यूक्रेन युद्ध की वजह से पैदा हुए ऊर्जा संकट के कारण कई देशों में बिजली बनाने के लिए कोयले का इस्तेमाल फिर से बढ़ा है. इससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन फिर से बढ़ने की आशंका है.
ताकतवर देशों हाथ मिलाओ
यूएन महासचिव, इस साल सितंबर में होने वाले क्लाइमेट एक्शन समिट की अगुवाई करेंगे. गुटेरेष का कहना है कि सम्मेलन में दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका पर बहस होगी. जी-20 देश, ग्रीनहाउस गैसों के 80 फीसदी उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं.
गुटेरेष ने कहा, "समय आ चुका है कि जी-20 के सभी सदस्य एक साझा कोशिश के लिए साथ आए, अपने संसाधन और अपनी वैज्ञानिक क्षमता के साथ पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की किफायती तकनीक को साथ मिलाएं, ताकि 2050 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी को हकीकत बनाया जा सके."
दुनिया में इस वक्त ग्रीनहाउस गैसों का सबसे बड़ा उत्सर्जक चीन है. अमेरिका के मुकाबले ग्रीनहाउस गैसों का दोगुना उत्सर्जन करने वाले बीजिंग ने 2060 तक कार्बन न्यूट्रल होने का वादा किया है. दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जिसने कार्बन न्यूट्रैलिटी के लिए 2050 का लक्ष्य रखा है. तीसरे नंबर पर खड़े भारत ने यह लक्ष्य 2070 तक हासिल करने का वादा किया है. ये तीनों देश ग्रीनहाउस गैसों के 42.6 फीसदी हिस्से के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं.
ओएसजे/एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)
20 साल पहले 20 मार्च को इराक पर अमेरिकी नेतृत्व में हमला हुआ था. इसके नतीजे में देश पर से सद्दाम हुसैन का शासन खत्म हो गया. इसके साथ ही अशांति और अनिश्चितता का एक ऐसा दौर शुरू हुआ जिसका कोई अंत दिखाई नहीं देता.
20 मार्च 2003 को शुरू हुए अमेरिकी हमले के बाद से ही तेल का धनी देश सालों की लड़ाई, कब्जा और खूनी सांप्रदायिक झगड़ों से सहमा हुआ है. युद्ध की 20वीं बरसी पर कोई आधिकारिक जलसा नहीं हुआ. दिखावे के लिए युद्ध तो खत्म हो गया लेकिन इराक के सामने चुनौतियों का अंबार है. राजनीतिक अस्थिरता, गरीबी और भ्रष्टाचार इन चुनौतियों का सबसे बड़ा चेहरा हैं. पड़ोसी ईरान जो शिया बहुल ताकत और अमेरिका का चिर शत्रु है उसकी अब इराक में सबसे ज्यादा चलती है. इराक के शियाओं को अमेरिकी युद्ध ने सुन्नी नेता सद्दाम हुसैन के दमन से मुक्ति दिलाई.
ईरान समर्थित गठबंधन के समर्थन से इराक के प्रधानमंत्री बने शिया अल सुदानी ने रविवार को एक कार्यक्रम में अमेरिकी हमले का नाम तो नहीं लिया लेकिन सद्दाम हुसैन के "तानाशाही शासन के खत्म" होने की बात की. सद्दाम हुसैन को गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाया गया और फिर उन्हें फांसी दे दी गयी. हमले की बरसी की पू्र्वसंध्या पर बगदाद कांफ्रेंस में सुदानी ने कहा, "हमें हमारे लोगों की दर्द और तकलीफें याद हैं जो उन सालों में बेकार की लड़ाइयों और तोड़ फोड़ के दौरान उन्होंने झेलीं."
सरकार ने इस मौके पर किसी कार्यक्रम की योजना नहीं बनाई. बगदाद की सड़कों पर सोमवार को रोजमर्रा जैसी ही भीड़ थी. ज्यादातर लोगों का ध्यान रमजान पर है जो इसी हफ्ते शुरू होने वाला है.
23 साल के फादेल हसन पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे हैं. समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में हसन ने कहा, "वह एक दर्दभरी याद है. बहुत सारी तबाही हुई और बहुत सारे लोग उसके शिकार बने जिसमें बेकसूर लोग, इराकी और अमेरिकी सैनिक थे."
ऑपरेशन इराक फ्रीडम
अमेरिकी नेतृत्व में यह युद्ध राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के दौर में हुआ था. अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद से ही इसकी आहट सुनाई देने लगी थी. अफगानिस्तान पर हमले के बाद जॉर्ज बुश और ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने दलील दी कि सद्दाम हुसैन दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा हैं. सद्दाम हुसैन पर महाविनाश के हथियार विकसित करने के आरोप लगाये गये, हालांकि ऐसा कोई हथियार इराक में बरामद नहीं हुआ.
ऑपरेशन इराकी फ्रीडम में जमीन पर अमेरिका के करीब 1.5 लाख और ब्रिटेन के 40,000 सैनिक थे. इसके अलावा अहम ठिकानों पर लड़ाकू विमानों से बम बरसाये गये. तीन हफ्तों के भीतर सद्दाम हुसैन का शासन खत्म हो गया और हमलावर सेना ने 9 अप्रैल को राजधानी बगदाद पर कब्जा कर लिया. उस दौरान दुनिया भर के टीवी चैनलों पर सद्दाम हुसैन की बड़ी मूर्तियों को गिराते अमेरिकी मरींस की तस्वीरें दिखाई गईं. बुश ने एक अमेरिकी जंगी जहाज से "मिशन पूरा हुआ" का उद्घोष किया.
जंग का नतीजा
हालांकि उसके बाद इराक में जो बड़े पैमाने पर लूटपाट और अव्यवस्था फैली उसका कोई पारावार नहीं. अमेरिका ने इराकी राष्ट्र, सत्ताधारी दल और सैन्य संगठनों को बर्खास्त करने का फैसला किया. इसका नतीजा देश में और लंबी अव्यवस्था के रूप में सामने आई. इराक में उदार लोकतंत्र बहाल करने की अमेरिकी कोशिश जल्दी ही हिंसा और शिया-सुन्नी गुटों के टकराव में बदल गई. 2011 में जब अमेरिकी फौज इराक से वापस गई इस जंग में एक लाख इराकी नागरिकों की जान ले ली थी. इस जंग में अमेरिका के करीब 4500 सैनिकों ने भी जान गंवाई.
इस हिंसा का एक नतीजा सुन्नी चरमपंथियों के संगठन इस्लामिक स्टेट के उभार के रूप में भी सामने आया. इन चरपंथियों की "खिलाफत" इराक और सीरिया में अलग आतंक फैलाया. आखिरकार अमेरिकी नेतृत्व में गठबंधन सेना को उन्हें हराने के लिए वापस आना पड़ा.
आज का इराक
आज के इराक में चुनाव होते हैं, राजनीतिक बहुलवाद को बढ़ावा दिया जाता है और अभिव्यक्ति की आजादी की गारंटी आधिकारिक रूप से दी जाती है. हालांकि व्यवहार में इराकी राजनीति अराजक स्थिति में है और देश में जातीय और सांप्रदायिक हिंसा का बोलबाला है. 2019 में यहां सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए जिसके बाद इराक की सड़कों पर और खून बहा. अक्टूबर 2021 में हुए आम चुनाव में लोगों की भागीदारी काफी कम थी इसके बाद एक बार फिर हिंसा भड़की और साल भर तक सरकार नहीं बन सकी. एक साल के बाद आखिर किसी तरह सरकार का गठन हुआ.
इराक की एक तिहाई आबादी गरीबी में जीने को मजबूर है, सार्वजनिक सेवाएं मोटे तौर पर ठप हैं और ऊर्जा से लबालब भरे होने के बाद भी अकसर बिजली चली जाती है. खासतौर से अत्यधिक गर्मी वाले दिनों में. भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार इराक में हर तरफ हावी है. युवा बेरोजगारी से परेशान हैं.
बगदाद में रहने वाले इंजीनियर अब्बास मोहम्मद कहते हैं कि एक के बाद एक आई सरकारें, "भ्रष्टाचार से लड़ने में नाकाम रही हैं, हम बुरे से और बुरे दौर में जा रहे हैं. किसी सरकार ने लोगों के लिए कुछ नहीं किया." रविवार को सुदानी ने एक बार फिर "भ्रष्टाचार की महामारी से लड़ने" की शपथ ली. हालांकि बगदाद में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले मोहम्मद अल असकरी दूसरे इराकियों की तरह कोई उम्मीद रख पाने में नाकाम हैं. असकरी कहते हैं, "सत्ता जाने के बाद हम खुश हुए थे, हमने सोचा कि इराक बेहतर होगा लेकिन अब तक तो केवल तकलीफें ही मिली हैं."
एनआर/ओएसजे (एएफपी)
यूक्रेन, 21 मार्च । यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रूस के क़ब्ज़े वाले क्राइमिया के उत्तरी हिस्से में धमाके से ट्रेन के ज़रिए लाई जा रही रूसी मिसाइलें नष्ट हो गई हैं.
रूस की ओर से नियुक्त ज़ानकोई शहर के प्रमुख आइहोर आइविन ने कहा कि इलाके में ड्रोन से हमला किया गया है.
यूक्रेन ने धमाकों की जानकारी दी, लेकिन उसने साफ़-साफ़ ये नहीं बताया कि इन हमलों के पीछे उसका हाथ है.
अगर इसकी पुष्टि होती है तो साल 2014 में क्राइमिया पर रूस के नियंत्रण के बाद ये यूक्रेन की सेना का इस तरह का पहला आक्रमण होगा.
यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि ''धमाकों के ज़रिए रूस का विसैन्यीकरण (डीमिलिटराइज़ेशन) जारी है और इससे यूक्रेन के क्राइमिया प्रायद्वीप को मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू हो रही है.''
यूक्रेन ने कहा कि ये मिसाइलें काला सागर में रूस के बेड़े में इस्तेमाल की जानी थी.
रूस के अधिकारी आइविन ने कहा कि एक 33 वर्षीय व्यक्ति को गिराए गए ड्रोन से लगी चोट के बाद अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, उन्होंने ये जानकारी नहीं दी कि किसी सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया गया है या नहीं.
आइविन ने स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि कई इमारतों में आग लगी है और पावर ग्रिड क्षतिग्रस्त हुए हैं.
इससे पहले रूस ने बीते साल अक्टूबर में यूक्रेन पर ड्रोन हमले करने का आरोप लगाया था. उस समय रूस ने कहा था कि पोर्ट सिटी सेवस्तोपोल में यूक्रेन के 9 ड्रोन हमलों से युद्धपोत क्षतिग्रस्त हुआ. हालांकि, यूक्रेन ने उस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली थी. (bbc.com/hindi)
वाशिंगटन, 21 मार्च। अमेरिका ने कुछ खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर किए गए हमले की सोमवार को कड़ी निंदा करते हुए इसे पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया।
खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने रविवार को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर वहां तोड़फोड़ की थी। खालिस्तान समर्थक नारे लगाते हुए, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए अस्थायी सुरक्षा अवरोधकों को तोड़ दिया और वाणिज्य दूतावास परिसर के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए। हालांकि, वाणिज्य दूतावास के दो कर्मियों ने जल्द ही उन झंडों को हटा दिया। (भाषा)
लाहौर (पाकिस्तान), 21 मार्च। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के मुख्य न्यायाधीश से उनके खिलाफ दर्ज मामलों में उन्हें वीडियो लिंक के जरिए अदालती कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि अगर वह अदालत में पेश होते हैं तो उनकी हत्या की जा सकती है।
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल को सोमवार को लिखे पत्र में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को जोड़ने की भी गुजारिश की।
खान ने सोमवार को देश के नाम दिए संबोधन में कहा, ‘‘गत शनिवार को इस्लामाबाद में संघीय न्यायिक परिसर में हत्या का एक जाल बिछाया गया था जहां मुझे तोशाखाना उपहार मामले में सुनवाई में भाग लेना था। कुछ 20 नामालूम अफराद (अज्ञात लोग) मुझे मारने के लिए परिसर में मौजूद थे।’’
इन अज्ञात लोगों के संदर्भ में उनका इशारा खुफिया एजेंसियों के लोगों से था।
उन्होंने एक वीडियो भी दिखायी जिसमें न्यायिक परिसर में सादे कपड़े में मौजूद कथित संदिग्ध प्लास्टिक की हथकड़ियां लिए हुए दिखायी दिए।
खान की पार्टी पीटीआई ने आरोप लगाया कि इन लोगों की अपने हाथ में पकड़ी हुई रस्सी से खान का गला घोटने की योजना थी।
पीटीआई प्रमुख ने मुख्य न्यायाधीश से इसकी जांच कराने का आग्रह किया कि कैसे ये 20 या इतने ‘‘अज्ञात लोग’’ उच्च सुरक्षा वाले न्यायिक परिसर में घुसे।
पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व के खिलाफ सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा का हवाला देते हुए खान ने कहा, ‘‘मेरी पार्टी को सेना के खिलाफ दिखाने की कोशिश की जा रही है और साथ ही पीएमएलएन नीत गठबंधन सरकार सेना को मेरे तथा पीटीआई के खिलाफ करने का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही है।’’ (भाषा)
जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमियो किशिदा अचानक यूक्रेन दौरे पर जा रहे हैं. यहां वो यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मुलाक़ात करेंगे.
इससे पहले किशिदा भारत दौरे पर थे.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, दुनिया की सात सबसे विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के समूह जी-7 की अध्यक्षता इस साल जापान के पास है.
इन देशों में ब्रिटेन, कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं.
माना जा रहा है कि इन देशों की ओर से बढ़ते दबाव की वजह से किशिदा ने अचानक यूक्रेन जाने का निर्णय लिया है.
जापान के सरकारी प्रसारक एनएचके ने एक सरकारी सूत्र के हवाले से जानकारी दी है कि किशिदा भारत दौरे के समापन के बाद मंगलवार को यूक्रेन पहुंचेंगे.
एनएचके ने कहा है कि पोलेंड में उसके रिपोर्टरों ने किशिदा का शैमिशल शहर में गाड़ी में घूमते हुए एक वीडियो बनाया है.
ये ऐसा शहर है जहाँ से विदेशी नेता अक्सर यूक्रेन के लिए ट्रेन लेते हैं.
एनएचके के अनुसार, "काफ़िले को शैमिशल स्टेशन के उस प्लेटफॉर्म के सामने पार्क किया गया जिसका इस्तेमाल यूक्रेन जाने वाली अंतरराष्ट्रीय ट्रेनों के लिए होता है. पीएम किशिदा काफ़िले की पहली गाड़ी से निकले और वो ट्रेन के आख़िरी डिब्बे में चढ़े."
ख़बर के अनुसार ये ट्रेन यूक्रेन के समयानुसार देर रात डेढ़ बजे रवाना हो गई थी.
हालांकि, जापान सरकार के अधिकारियों की ओर से अभी तक इस यात्रा की पुष्टि नहीं की गई है.
किशिदा जी-7 देशों के अकेले ऐसे शीर्ष नेता हैं जो यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अब तक कीएफ़ नहीं गए थे.
इसी साल फ़रवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी अचानक कीएफ़ पहुंचकर वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मिले थे.
किशिदा का यूक्रेन दौरा ऐसे समय में भी हो रहा है जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस जाकर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात की है.
जापान यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद रूस पर प्रतिबंध लगाने वाले पश्चिमी देशों के साथ है और उसने यूक्रेन को मदद की पेशकश भी की थी. (bbc.com/hindi)
अमेरिका ने सैन फ़्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर सिख अलगाववादियों की ओर से किए हमले की निंदा करते हुए कहा है कि ये एकदम बर्दाश्त करने योग्य नहीं है.
ख़ालिस्तान के समर्थन में नारेबाज़ी करते हुए रविवार को प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने पुलिस के अस्थायी सुरक्षा घेरे को तोड़ा और वाणिज्य दूतावास के परिसर के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए. हालांकि, दूतावास के दो कर्मचारियों ने कुछ ही देर में ये झंडे हटा दिए.
थोड़ी ही देर में कुछ गुस्साए प्रदर्शनकारी परिसर के अंदर घुसे और दरवाज़ों और खिड़कियों पर लोहे के सरिये मारने लगे.
रोज़ाना होने वाली प्रेस वार्ता के दौरान व्हाइट हाउस के अधिकारी जॉन किर्बी ने इस मामले से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, "ये तोड़फोड़, ये बिल्कुल अस्वीकार्य है."
उन्होंने कहा, "विदेश मंत्रालय की डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी सर्विस स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है. मैं सैन फ़्रांसिस्को पुलिस के लिए कुछ नहीं बोल सकता, लेकिन मैं ये कह सकता हूं कि सही तरीके से जाँच के लिए डिप्लोमैटिक सिक्योरिटी सर्विस स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रही है और विदेश विभाग परिसर में हुए नुक़सान की मरम्मत के लिए भी काम करेगा, लेकिन ये अस्वीकार्य है."
इससे पहले भारत ने भी नई दिल्ली में मौजूद अमेरिकी अधिकारी से मिलकर इस हमले पर विरोध दर्ज कराया था.
विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि अमेरिका को भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी करके ये संकेत दिए हैं कि इस हमले के दोषियों को सज़ा दी जाएगी.
इस बयान में कहा गया है, "रविवार को सैन फ़्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले की अमेरिका निंदा करता है. अमेरिका में किसी देश के दूतावास में इस तरह की हिंसा दंडनीय अपराध की श्रेणी में आती है."
विदेश मंत्रालय के साउथ और सेंट्रल एशिया ब्यूरो ने कहा, "अमेरिका में अन्य देशों के दूतावासों और वहां काम कर रहे राजनयिकों की सुरक्षा का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है."(bbc.com/hindi)
आज़ादी के बाद से सबसे भयानक आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ़) ने 3 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज देने की मंज़ूरी दे दी है.
इस सौदे पर बीते क़रीब एक साल से विचार-विमर्श जारी थी और अरबों डॉलर के क़र्ज़ में डूबे श्रीलंका के लिए ये किसी लाइफ़लाइन से कम नहीं है.
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बेलआउट पैकेज को मंज़ूरी देने पर आईएमफ़ को शुक्रिया कहा है.
उन्होंने ट्वीट में कहा कि देश के क़र्ज़ को कम करने और सुधारवादी एजेंडे को हासिल करने में आईएमएफ़ का ये पैकेज बहुत ही अहम है.
श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने बीबीसी को बताया कि सरकारी कंपनियों के पुनर्गठन और राष्ट्रीय एयरलाइन के निजीकरण से और फ़ंड जुटाया जाएगा.
हालांकि, विशेषज्ञों ने चेताया है कि श्रीलंका के सामने अभी भी मुश्किलों भरा रास्ता है.
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी, बढ़ती ऊर्जा क़ीमतों, लोकलुभावन टैक्स कटौती और 50 फ़ीसदी से अधिक की महंगाई दर से बुरी तरह प्रभावित हुई है.
दवाओं, ईंधन और अन्य ज़रूरी सामानों की किल्लत ने देश में लोगों के जीवनयापन के ख़र्च को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचाने में मदद की है. इसकी वजह से देशव्यापी प्रदर्शन शुरू हुए और साल 2022 में सत्ताधारी सरकार को हटना पड़ा.
परिणामस्वरूप बीते साल मई में ऐसा पहली बार हुआ जब श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं को क़र्ज़ का भुगतान नहीं कर सका.
साल की शुरुआत में ही श्रीलंका ने नौकरीपेशा लोगों के लिए टैक्स दर को बढ़ाकर 12.5 फ़ीसदी से 36 फ़ीसदी के बीच किया. इसके साथ ही ईंधन और भोजन जैसी ज़रूरी ख़रीदारी पर भी टैक्स बढ़ाया गया.
मीडिया टाइकून रूपर्ट मर्डोक ने अपनी पार्टनर ऐन लेसली स्मिथ के साथ अपनी सगाई का एलान किया है. लेसली स्मिथ पुलिस अधिकारियों की काउंसलिंग का काम किया करती थीं.
92 वर्षीय मर्डोक बीते साल सितंबर महीने में कैलिफ़ोर्निया में एक इवेंट के दौरान 66 साल की स्मिथ से मिले थे.
मर्डोक ने अपने प्रकाशनों में से एक न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया, "मैं प्यार में पड़ने से डरता था, लेकिन मैं जानता था कि ये मेरा आख़िरी प्यार होगा. ये बेहतर होगा. मैं ख़ुश हूं."
मर्डोक बीते साल अपनी चौथी पत्नी जेरी हॉल से अलग हुए थे.
रूपर्ट मर्डोक ने ये भी बताया कि कैसे ऐन लेसली स्मिथ को प्रपोज़ करते समय वो बेहद घबराए हुए थे.
स्मिथ के पति चेस्टर स्मिथ अब इस दुनिया में नहीं हैं. वो पेशे से गायक और रेडियो-टीवी एक्ज़ीक्यूटिव थे.
स्मिथ ने न्यूयॉर्क पोस्ट से मर्डोक से रिश्ते पर कहा, "हम दोनों के लिए ये ईश्वर का दिया तोहफ़ा है. हम बीते सितंबर में मिले थे."
"मैं पिछले 14 सालों से विडो हूं. रूपर्ट की तरह, मेरे पति भी कारोबारी थे...इसलिए मैं रूपर्ट की भाषा बोलती हूं. हम दोनों की सोच एक सी है."
पहली तीन शादियों से मर्डोक के छह बच्चे हैं. मर्डोक ने कहा, "हम दोनों अपने जीवन का दूसरा हिस्सा एक साथ बिताने को उत्सुक हैं."
दोनों इसी साल गर्मियों में शादी करेंगे और उसके बाद कैलिफ़ोर्निया, मोंटाना, न्यूयॉर्क और ब्रिटेन जैसी अलग-अलग जगहों पर अपना जीवन बिताएंगे.
मर्डोक इससे पहले ऑस्ट्रेलियाई फ्लाइट अटेंडेंट पैट्रिशिया बुकर, स्कॉटिश मूल की पत्रकार ऐना मान और चीनी मूल की व्यवसायी वेंडी डेंग के साथ शादी के बंधन में बंध चुके हैं.(bbc.com/hindi)
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो दिन के दौरे पर रूस की राजधानी मॉस्को पहुंच गए हैं.
वो विमान की सीढ़ियों पर बिछाए गए रेड कार्पेट से होते हुए हवाई अड्डे पर आगवानी के लिए मौजूद अधिकारियों और पत्रकारों के करीब पहुंचे.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक शी जिनपिंग ने कहा, “मुझे भरोसा है कि ये दौरा सार्थक रहेगा. इससे चीन-रूस बीच के तंदरुस्त और स्थिर संबंधों को नई गति मिलेगी.”
उन्होंने दोनों देशों को एक दूसरे का ‘भरोसेमंद साझेदार’ बताया.
शी जिनपिंग की आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक मुलाकात होगी. दोनों नेता एक दूसरे से आमने सामने की मुलाकात करेंगे और साथ भोजन करेंगे.
दोनों नेताओं की आधिकारिक बातचीत कल (मंगलवार को) होनी है.
रूस के साल 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद शी जिनपिंग का ये पहला दौरा है. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) प्रमुख इमरान ख़ान ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि कुछ लोग अदालत परिसर में उनकी हत्या करना चाहते थे. हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
सोमवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस को नाम दिया गया था 'अदालत परिसर में बिछाया गया मौत का जाल'
इमरान ख़ान ने कहा, "शनिवार को घर से निकलते समय, मैंने अपनी पत्नी बुशरा बीबी को फ़ोन किया क्योंकि मुझे डर लग रहा था कि या तो मुझे गिरफ़्तार किया जाएगा या फिर मार दिया जाएगा."
उन्होंने आरोप लगाया जब वो अदालत पहुंचे, तो परिसर में सुरक्षाबलों के अलावा सलवार कमीज़ पहने कई लोग मौजूद थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके वकील के साथ मारपीट की.
उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के सीएम मोशीन नकवी उन्हें मारना चाहते थे.
उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल से चुनाव होने वाले हैं लेकिन देश में चुनाव का माहौल नहीं बनने दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा, "तहरीक-ए-इंसाफ़ चुनाव चाहता है, देश में हंगामा नहीं."
इससे पहले पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटिब्लिटी ब्यूरो ने इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना मामले में समन भेजा.
उनसे 15 सवालों से जवाब मांगे गए हैं. (bbc.com/hindi)
सारा फॉउलर और जेम्स लैंडले
लंदन, 20 मार्च । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन से युद्ध के दौरान तबाह हुए यूक्रेनी शहर मारियुपोल को देखने के लिए पहली बार शनिवार की रात शहर पहुंचे.
मारियुपोल फ़िलहाल, बीते मई महीने से रूसी सेना के नियंत्रण में है. रूसी सैनिकों के हमले में तबाह हो चुके शहर को देखने के लिए पुतिन रात में सड़क के रास्ते पहुंचे. वे उन कई जगहों पर भी गए जहां उनके सेना ने बमबारी की थी.
रूसी मीडिया के जारी किए गए वीडियो में पुतिन शहर के कंसर्ट हॉल की ओर अपने एक साथी से बात करते हुए आगे बढ़ रहे हैं.
रूसी प्रशासन की ओर से कहा गया है कि पुतिन शनिवार को मारियुपोल आए थे और उन्होंने तुरंत शहर को देखने की इच्छा जताई थी.
मारियुपोल के निर्वासित यूक्रेनी मेयर वादयम बॉयचेंको ने बीबीसी को बताया कि मारियुपोल में जो कुछ हुआ है, उससे पता चलता है कि पुतिन की शहर में निजी दिलचस्पी रही होगी.
उन्होंने कहा, "हमें यह समझना होगा कि मारियुपोल का पुतिन के लिए सांकेतिक महत्व रहा होगा क्योंकि उन्होंने इस शहर पर अपना आक्रोश ज़ाहिर किया है. जिस तरह से शहर तबाह किया गया है."
"वैसी स्थिति किसी दूसरे शहर की नहीं है. किसी दूसरे शहर को इतने लंबे समय तक कब्जे़ में नहीं रखा गया है. किसी दूसरे शहर पर इतनी बमबारी नहीं की गई."
बॉयचेंको के मुताबिक, 'उन्होंने जो किया है, उसे वे खुद से देखने आए थे.'
पुतिन की इस यात्रा के रूट के कुछ हिस्सों का पता बीबीसी ने लगाया है. ऐसा लगता है कि पुतिन शहर में कुप्रिना सेंट के रास्ते से मायरू एवेन्यू जाते दिखते हैं, इसके बाद वे मेटॉलर हिव एवेन्यू पहुंचते हैं, जहां शहर का फिल्हार्मोनिक कंसर्ट हॉल स्थित है, ये फुटेज रूसी प्रशासन ने जारी किए हैं.
पुतिन एक काली टोपी वाले आदमी की बगल में नज़र आते हैं. काली टोपी वाले शख़्स की पहचान रूसी मीडिया ने देश के उप प्रधानमंत्री मारात खुसनुलीन के तौर पर की है.
मायरू एवेन्यू से नीचे जाते वक्त उनकी बायीं ओर चिड़ियों की बनी मूर्तियां नज़र आती हैं, जिन्हें मारियुपोल फ्रीडम स्क्वायर भी कहा जाता है.
इसके दायीं ओर मारियुपोल का मैटरनिटी हॉस्पिटल नंबर 3 है जिस पर मार्च महीने में बमबारी की गई थी. हालांकि रूसी प्रशासन की ओर से जारी फुटेज में यह अस्पताल नज़र नहीं आता है.
थिएटर स्क्वायर पहुंचे पुतिन
जब मार्च महीने में इस अस्पताल पर बमबारी की गई थी तो उसके प्रति आक्रोश जताते हुए, खून से लथपथ चेहरे वाली एक गर्भवती महिला मारियाना विशेमिरस्काया की तस्वीरों को काफी शेयर किया गया था.
हमले में वह महिला बच गईं और अगले दिन उन्होंने बच्चे को जन्म दिया था. हालांकि एक अन्य गर्भवती महिला की हमले में मौत हो गई थी.
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इसे एक युद्ध अपराध कहा था, लेकिन लंदन स्थित रूसी दूतावास ने दावा किया था कि यह अस्पताल इस्तेमाल में नहीं था.
रूसी दूतावास के मुताबिक इसका उपयोग आज़ोव रेजिमेंट के सदस्य कर रहे थे, जिसकी शुरुआत स्वयंसेवी सैनिकों के तौर पर हुई थी लेकिन 2014 से ही इसे यूक्रेनी सेना में शामिल कर लिया गया था.
मायरू एवेन्यू के दौरान थिएटर स्क्वायर से ठीक पहले पुतिन का काफिल दायीं ओर मुड़ गया. थिएटर स्क्वायर पर भी रूसी सैनिकों ने घातक बमबारी की थी. यह माना जाता है कि इस हमले में कम से कम 300 से लेकर 600 मारे गए थे.
यूक्रेन के नागरिक इस इमारत का इस्तेमाल शरणार्थी कैंप के तौर पर कर रहे थे और थिएटर के ठीक सामने रूसी भाषा में चिल्ड्रन (बच्चे) लिखकर बड़ा चिन्ह अंकित किया गया था, ताकि हमला करते वक्त रूसी सैनिकों को यहां बच्चों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिल सके, लेकिन हमले में इमारत को निशाना बनाया गया और थिएटर स्क्वायर की इमारत नष्ट हो गई.
हालांकि रूस ने इस इमारत पर हमले से इनकार किया और इसके लिए अज़ोव बटालियन को दोषी ठहराया. दिसंबर के महीने में यूक्रेन के निवार्सित अधिकारियों ने कहा कि रूस अब थिएटर के खंडहरों को ध्वस्त कर रहा है.
बॉयचेंको ने कहा, "रूस समझ गया था कि लोगों की भीड़ कहां है और उसने जानबूझकर इन जगहों को नष्ट कर दिया, लोगों को मार डाला. उन्होंने व्यवस्थित रूप से इन हमलों को अंजाम दिया था."
बाहरी मारियुपोल में रूस निर्मित आवासीय परिसर का दौरा
फ़ुटेज में नज़र आता है कि पुतिन एक नए आवासीय परिसर में पैदल चल रहे हैं. इसे मारियुपोल का नेवस्की ज़िला कहा जाता है. फुटेज के मुताबिक खुशनुलिन उन्हें पुनर्निर्माण के कामों के बारे में जानकारी देते नज़र आते हैं.
रूसी मीडिया के मुताबिक पुतिन ने वहां के रहने वाले लोगों से भी बातचीत की. वे एक अपार्टमेंट में भी गए, जिसके बारे में उन्हें बताया कि ये तीन कमरे का अपार्टमेंट है.
नेवस्की एक नया ज़िला है जिसमें शहर के पश्चिम में क़रीब एक दर्जन अपार्टमेंट ब्लॉक बनाए गए हैं. इसका नाम उस नेवा नदी के नाम पर रखा गया है, जिसके किनारे राष्ट्रपति पुतिन का घरेलू शहर सेंट पीटर्सबर्ग स्थित है.
मारियुपोल के निर्वासित मेयर बॉयचेंको ने बताया कि रूस निर्मित कई इमारतें शहर के बाहरी इलाके में स्थित हैं. उन्होंने बताया, "वे ऐसा निर्माण इसलिए करा रहे हैं ताकि वे अपनी बातों को सच साबित कर सकें, लेकिन वे झूठ बोल रहे हैं. वे झूठ बोलते हैं कि वे शहर को आज़ाद कराने आए थे, लेकिन उन्होंने इसे नष्ट कर दिया. यह शहर अब मौजूद नहीं है और इसे फिर से बनाने में 20 साल लगेंगे."
वहीं मारियुपोल के निवासियों ने बीबीसी को बताया कि नई इमारतें बन रही हैं और रूसी सेना क्षतिग्रस्त इमारतों को हटा रही है. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक रूसी हमले में शहर की 90 प्रतिशत आवासीय इमारतें नष्ट हुई थीं. शहर बना सकते हैं, लेकिन लोगों को वापस नहीं ला सकते
नार्वे के पत्रकार मोर्टन रिसबर्ग ने दिसंबर में मारियुपोल का दौरा किया था. उन्होंने बताया कि बड़े पैमाने पर निर्माण का काम चल रहा था क्योंकि हर तरफ़ तबाही का आलम दिखता था.
उन्होंने बीबीसी को बताया, "वे सड़कों के नाम बदल रहे हैं और यूक्रेन के राष्ट्रीय रंग को रूसी रंगों से रंग रहे हैं और हर जगह रूसी झंडे लगा रहे हैं."
रिसबर्ग के मुताबिक शहर में अधिकांश नागरिकों की कोशिश किसी तरह जिंदा रहने की है.
मारियुपोल का फिल्हार्मोनिक कंसर्ट हॉल
फुटेज के एक अन्य हिस्से में रूसी राष्ट्रपति पुतिन मारियुपोल में एक कंसर्ट हॉल के अंदरूनी हिस्से से गुज़रते हुए दिखाई दे रहे हैं. रूस की सरकारी मीडिया ने कहा कि यह फिल्हार्मोनिक कंसर्ट हॉल है. बीबीसी ने सत्यापित किया है कि फुटेज कंसर्ट हॉल के आंतरिक हिस्से से मेल खाता है.
यह वही इमारत है जिसके बारे में संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी थी कि यहां यूक्रेनी सैनिकों का ट्रायल किया जा रहा है. यहां उन सैनिकों का ट्रायल किया जाना था जिन्होंने अज़ोव सागर स्थित सबसे बड़े बंदरगाह मारियुपोल को बचाने के लिए रूसी सैनिकों से संघर्ष किया था.
यह बंदरगाह यूक्रेन की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम माना जाता रहा है, लेकिन इन सैनिकों ने मई महीने में आत्मसमर्पण कर दिया और इसके बाद पूरे शहर पर रूस का नियंत्रण हो गया.
अगस्त में सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरें और यूक्रेनी अधिकारियों की ओर से जारी तस्वीरों में कंसर्ट हॉल के मंच पर धातु के बने कैदखाने दिखाई दे रहे थे. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, युद्ध बंदी सैनिकों पर मुकदमा चलाना एक युद्ध अपराध है.
लेकिन यूक्रेन के सैनिकों का कोई ट्रायल नहीं हुआ. बाद में रूस और यूक्रेन के बीच सैनिकों की अदला बदली की गई थी. जिसमें यूक्रेन की ओर से क्रेमलिन समर्थक पूर्व सांसद विक्टर मेदवेदचुक सहित 55 सैनिकों को रिहा किया गया था. कंसर्ट हॉल के अंदर के इस ताज़ा फुटेज से पता चलता है कि इमारत के आंतरिक हिस्से को फिर से सजाया गया है और कैदखाने अब दिखाई नहीं दे रहे हैं.
युद्ध के दौरान इस कंसर्ट हॉल का इस्तेमाल भी थिएटर वाली इमारत की तरह ही शरणार्थियों के लिए किया जा रहा था. बॉयचेंको ने कहा, "सांस्कृतिक संस्थानों के तहखानों में लोग छिप जाते थे और रूसी आतंक के खत्म होने का इंतजार करते थे."
आक्रमण से पहले कंसर्ट हॉल का इस्तेमाल शास्त्रीय संगीत के उत्सवों के लिए किया जाता था. बॉयचेंकों के मुताबिक यहां होने वाले उत्सव, मारियुपोल के लोगों के लिए बड़े उत्सव थे और इसमें यूक्रेन के दूसरे हिस्सों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कलाकार हिस्सा लेते थे.
उन्होंने बताया, "इस उत्सव में बहुत से लोग हिस्सा लेते थे, ये लोग मारियुपोल के मूड को महसूस करने के लिए आते थे."
फुटेज में इसके बाद वाले हिस्से में राष्ट्रपति पुतिन द्वितीय विश्व युद्ध के उन सोवियत सैनिकों की याद में बने स्मारक का दौरा करते हुए दिखाई दे रहे हैं जिन्होंने नाजी जर्मन सैनिकों के कब्ज़े से शहर को मुक्त कराया था. (bbc.com/hindi)
पाकिस्तान, 20 मार्च । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने कहा है कि इमरान ख़ान की पार्टी सेना प्रमुख आसिम मुनीर के ख़िलाफ़ अभियान चला रही है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.
इमरान ख़ान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ़ ने प्रधानमंत्री की ओर से लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया और कहा कि इसका मक़सद जनता और सेना के बीच खाई को चौड़ा करना है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने ट्विटर पर लिखा, “इमरान नियाज़ी के इशारे पर पीटीआई की ओर से सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को बदनाम करने के लिए चलाया जा रहे अभियान की कड़ी निंदा की जानी चाहिए.”
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने एक और ट्वीट में लिखा, “ये शख्स नियाज़ी सत्तापाने की हताशा में अभूतपूर्व तरीके से नीचे गिरता जा रहा है. ये देश का नुक़सान और हमारी सेना और उसके नेतृत्व को कमतर कर रहा है.”
पीटीआई ने क्या कहा?
इमरान ख़ान की पार्टी ने प्रधानमंत्री शरीफ़ के आरोपों पर पलटवार किया है.
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ (पीटीआई) के नेता चौधरी फवाद हुसैन ने ‘प्राइम मिनिस्टर’ को ‘क्राइम मिनिस्टर’ संबोधित करते हुए ट्वीट किया है.
हुसैन ने ट्विटर पर लिखा, “क्राइम मिनिस्टर एक बार फिर बूट पॉलिश अभियान की अगुवाई करने की कोशिश कर रहे हैं. इस तरह के विचार के जरिए उनकी इकलौती ख्वाहिश जनता और सेना के बीच की खाई को चौड़ा करना है ताकि वो पीडीएम (सत्ताधारी गठबंधन) लूट जारी रख सके. ” (bbc.com/hindi)
मॉस्को में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को कूटनीति की तनी हुई रस्सी पर चलना है. दुनिया को शांति का संदेश देने के साथ ही उन्हें यूक्रेन युद्ध में आपराधिक आरोप झेल रहे रूसी राष्ट्रपति के साथ संबंधों को मजबूत भी करना है.
राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल शुरू करने के बाद पहली विदेश यात्रा पर मॉस्को जा रहे शी जिनपिंग ने पिछले हफ्ते ही ईरान और सऊदी अरब के बीच समझौता कराने में सफलता पाई है. अब उन्हें दुनिया में अलग थलग पड़ रहे पुतिन के साथ "सीमा-रहित" दोस्ती को आगे ले जाना है.
डेंग शियाओपिंग के बाद चीन में सबसे ताकतवर नेता के रूप में उभरे शी जिनपिंग ने घरेलू मोर्चे पर आपनी बादशाहत दिखा दी है. विश्लेषकों का कहना है कि अब उन्हें पश्चिमी देशों की नाराजगी की चिंता करनी होगी. अमेरिका और यूरोपीय संघ चीन के सबसे बड़े कारोबारी सहयोगी हैं. ये दोनों यूक्रेन में रूसी जंग के सबसे बड़े आलोचक हैं जिसे रूस "विशेष सैन्य अभियान" कहता है.
पिछले महीनेचीन ने युद्ध खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव दिया था. यूक्रेन और मॉस्को ने उसे लेकर ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंसकी ने यह जरूर कहा कि वह शी जिनपिंग के साथ बात करने को तैयार हैं. कुछ मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि यह बातचीत शी जिनपिंग के रूस दौरे के बाद हो सकती है.
अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगी चीन के कदमों को लेकर गहरी आशंकाओं में घिरे हैं. चीन ने रूस की निंदा नहीं की है और जब दूसरे देश रूस पर भारी प्रतिबंध लगा रहे हैं तो वह उसे आर्थिक जीवनरेखा चलाये रखने में मदद दे रहा है.
जर्मन मार्शल फंड के सीनियर फेलो एंड्रयू स्मॉल का कहना है, "इस जंग के साथ चीन के हिस्से में घोषित रूप से कूटनीतिक कवायद बढ़ती जा रही है." स्मॉल के मुताबिक चीन, "कुछ चीजों से दूरी बनाने के संकेत दे रहा है बना रहा है लेकिन बिना ऐसी किसी गतिविधि के जो इसमें मदद कर सके," मसलन रूस पर दबाव डालना.
"सीमा रहित" दोस्ती
चीन और रूस ने फरवरी 2022 में "सीमा-रहित" साझेदारी की घोषणा की थी. तब विंटर ओलिंपिक के मौके पर पुतिन बीजिंग आये थे. यह यूक्रेन पर हमला करने से कुछ ही दिन पहले की बात है. चीन ने शांत रहने की बात कही लेकिन इसने मोटे तौर पर रूस नाटो को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी कि नाटो रूस के पूर्वी हिस्से में विस्तार कर उसे चुनौती दे रहा है. यूक्रेन को उसके पश्चिमी सहयोगी टैंक और मिसाइलें दे कर युद्ध की आग को हवा दे रहे हैं.
चीन रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन कर उसे राजस्व मुहैया करा रहा है. हाल के महीनों में दोनों के बीच आपसी कारोबार काफी ज्यादा बढ़ गया है. अमेरिकी और यूरोपीय नेताओं ने खुफिया सूत्रों के हवाले से यह भी कहा है कि चीन रूस को हथियार भेजने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इससे इनकार करता है. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सैमुअल रामानी रूसी मामलों के विशेषज्ञ हैं. उनका कहना है, "निश्चित रूप से चीन एक निष्पक्ष और न्यायिक कूटनीतिक हिस्सेदार दिखना चाहता है लेकिन वास्तविकता ऐसी बिल्कुल नहीं है."
शुक्रवार को शी जिनपिंग के दौरे का ऐलान होने के कुछ ही घंटों बाद अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत आईसीसी ने रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ गिरफ्तारी का वॉरंट जारी कर दिया. पुतिन पर यूक्रेनी बच्चों को जबरन प्रत्यर्पित करने के लिए युद्ध अपराध का आरोप लगा है. रूस ने इस पर तुरंत कड़ी प्रतिक्रिया जताई. रूस का कहना है कि वह हजारों यूक्रेनी बच्चों को मानवीय अभियान के तहत रूस ले कर आया है ताकि युद्धक्षेत्र में अनाथ और अकेले रह गये बच्चों की रक्षा की जा सके. रूस और चीन आईसीसी के सदस्य नहीं है. चीन ने गिरफ्तारी के वॉरंट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सहयोग और शांति का सफर
शी जिनपिंग बीते लगभग चार सालों में पहली बार मॉस्को जा रहे हैं. यात्रा के कार्यक्रम का ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया गया है. दोनों पक्षों ने कहा है कि यात्रा का मकसद आपसी रिश्तों को मजबूत करना और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाना है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को कहा कि यह दौरा दोस्ती, सहयोग और शांति का सफर है. वेनबिन ने यूक्रेन का जिक्र नहीं किया.
अब तक रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर क्रेमलिन से जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक सोमवार को दोनों नेता अकेले में मुलाकात करेंगे और फिर साथ में भोजन भी होगा. इसके बाद कई मुद्दों पर चर्चा करने के बाद मंगलवार को संयुक्त बयान जारी किया जाएगा. बुधवार को शी जिनपिंग वापस लौट जाएंगे.
इससे पहले की मुलाकातों में शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन हल्के फुल्के पल भी रहे हैं. 2019 में मॉस्को के चिड़ियाघर में पांडा की तारीफ करते हुए शी जिनपिंग ने पुतिन को अपना "बेस्ट फ्रेंड" कहा था. 2018 में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के दौरान व्लादिवोस्तोक में शी जिनपिंग और पुतिन ने ब्लू एप्रन पहन कर खाना भी पकाया था.
अभी तक यह साफ नहीं है कि इस दौरे में भी ऐसी कुछ तस्वीरों के मौके आएंगे या नहीं क्योंकि यह दौरा युद्ध के दौर में हो रहा है. हालांकि पुतिन अपने कदमों से दुनिया को चौंकाने का कोई मौका नहीं छोड़ते. शुक्रवार को आईसीसी से गिरफ्तारी का वॉरंट जारी होने के बाद वो सप्ताहांत में अचानक ना सिर्फ क्रीमिया बल्कि मारियोपोल भी गये और खुद ड्राइव कर वहां के इलाकों को देखा.
कुछ राजनयिकों का मानना है कि और कुछ हो ना हो इतना तो तय है कि इन दो मजबूत नेताओं की इस दोस्ती में शी जिनपिंग फिलहाल ज्यादा मजबूत स्थिति में हैं. नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक यूरोपीय राजनयिक ने कहा, "बीते कुछ समय से यह साफ था कि रूस अब चीन का जूनियर पार्टनर है लेकिन यूक्रेन युद्ध ने इस प्रभुत्व को और ज्यादा गहरा कर दिया है."
एक और राजनयिक ने कहा, "रूस को शी जो भी मदद देंगे वह चीन की शर्तों पर होगा."
एनआर/वीके (रॉयटर्स)
इस्लामाबाद, 20 मार्च । पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान ख़ान को पंजाब प्रांत की सरकार ने मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली करने की इजाज़त दे दी है.
ये रैली 22 मार्च यानी बुधवार को होनी है. रैली को मंज़ूरी ऐसे समय मिली है जब इमरान ख़ान पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक रही है.
इमरान ख़ान पर आरोप है कि प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने तोशाख़ाना के मंहगे तोहफे अपने फ़ायदे के लिए बेचे थे. इमरान ख़ान इन आरोपों को 'ग़लत और राजनीति से प्रेरित' बताते हैं.
तहरीक-ए-इंसाफ़ चीफ़ इमरान ख़ान ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि प्रशासन ने उनसे वादा किया था कि सोमवार को मीनार-ए-पाकिस्तान में रैली की अनुमति देंगे. लेकिन अब ये रैली बुधवार को होगी.
इमरान ख़ान ने ये भी कहा कि ये रैली ये जानने के लिए जनमत संग्रह साबित होगी कि देश के लोग किस तरफ़ खड़े हैं.
इससे पहले शनिवार को इमरान ख़ान के लाहौर के ज़मान पार्क स्थित घर पर पंजाब पुलिस के ऑपरेशन और राजधानी इस्लामाबाद में तोशाख़ाना केस में पेशी के दौरान पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़) के कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हुई.
इस्लामाबाद की सेशन्स कोर्ट ने शनिवार को पुलिस और इमरान ख़ान समर्थकों के बीच हुई झड़पों के बाद सुनवाई स्थगित कर दी. कोर्ट ने कहा, "इस स्थिति में सुनवाई नहीं हो सकती."
कोर्ट ने इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ जारी गिरफ़्तारी वारंट रद्द कर दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी और इमरान ख़ान को कोर्ट में हाज़िर होना होगा.
बीते सप्ताह ही लाहौर में हुई इमरान ख़ान की बड़ी चुनावी रैली के दौरान इस्लामाबाद पुलिस दो ग़ैर-ज़मानती वारंट लेकर लाहौर पहुंची थी. लाहौर में सरकार ने रैली पर पाबंदी लगाई थी इसके बावजूद इमरान ख़ान की पार्टी के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
इमरान ख़ान और उनके समर्थक चाहते हैं कि पाकिस्तान में तुरंत चुनाव करवाए जाएं. (bbc.com/hindi)
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड ने रविवार को भरोसा जताया कि सोमवार को प्रतिनिधि सभा में होने जा रहे विश्वास मत में वह आसानी से जीत जाएंगे.
राष्ट्रपति चुनाव में प्रचंड द्वारा नेपाली कांग्रेस के नेता रामचंद्र पौडेल को समर्थन देने के बाद सात पार्टियों वाले गठबंधन में से दो राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और सीपीएन-यूएमएल ने समर्थन वापस ले लिया. इसके बाद पीएम प्रचंड को संसद में विश्वास मत का सामना करना पड़ रहा है.
इससे पहले 10 जनवरी प्रचंड ने 275 सदस्यों वाली संसद में 268 वोट पाकर आसानी से बहुमत हासिल कर लिया था. उस समय नेपाल वर्कर्स एंड पीज़ेंट्स पार्टी और राष्ट्रीय जनमोर्चा के अलावा सभी पार्टियों ने सरकार के समर्थन में मतदान किया था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, रविवार को संसद से बाहर आते समय पीएम प्रचंड ने मीडिया से कहा कि उन्हें सोमवार को होने वाली वोटिंग में बहुमत पाने की उम्मीद है.
मीडिया से बातचीत में प्रचंड ने कहा, "पिछली बार, मुझे संसद के 99 फ़ीसदी सदस्यों का साथ मिला था और मुझे उम्मीद है कि इस बार मुझे 100 फ़ीसदी वोट मिलेंगे."
नेपाल की गठबंधन सरकार में 10 पार्टियां शामिल हैं. इनमें सीपीएन माओवादी सेंटर, नेपाली कांग्रेस, सीपीएन (यूनिफ़ाइड सोशलिस्ट), जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल, जनमत पार्टी, राष्ट्रीय जन मोर्चा, नागरिक उनमुक्ति पार्टी, जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी-नेपाल, नेपाल समाजवादी पार्टी और आम जनता पार्टी शामिल हैं.
संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार के समर्थन में वोट डालने का फ़ैसला किया है. अभी तक नेपाली कांग्रेस, राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी और सीपीएन-यूनिफ़ाइड सोशलिस्ट ने प्रचंड के समर्थन में मतदान करने का एलान किया है. इन पार्टियों की संसद में कुल संख्या 151 होती है जो कि 275 सदस्यों वाले सदन में बहुमत पाने के 138 के आंकड़े से अधिक है. (bbc.com/hindi)
(अदिति खन्ना)
लंदन, 19 मार्च। ब्रिटिश सरकार ने घोषणा की है कि गंभीर मौसमी परिस्थितियों सहित प्राणघातक परिस्थितियों के लिए नयी सार्वजनिक चेतावनी प्रणाली का परीक्षण करने के लिए ब्रिटेन में अगले महीने से प्रत्येक मोबाइल फोन पर सायरन जैसी चेतावनी भेजी जाएगी।
इस प्रणाली का परीक्षण करने के लिए पूरे ब्रिटेन में रविवार, 23 अप्रैल की शाम को चेतावनी जारी की जाएगी, जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को उनके मोबाइल फोन पर संदेश प्राप्त होगा।
सरकार ने बताया कि नयी आपात चेतावनी का उपयोग बिरले ही किया जाएगा और यह तभी भेजा जाएगा जब लोगों के जीवन को तत्काल कोई खतरा हो, ऐसे में संभव है कि लोगों को महीनों या वर्षों तक कोई चेतावनी प्राप्त ना हो।
हालांकि, अभी तक आतंकवादी खतरों की चेतावनी को इस प्रणाली में शामिल नहीं किया गया है लेकिन इसे भविष्य में प्राणघातक घटनाओं की सूची में शामिल किया जा सकता है।
कैबिनेट अधिकारी मंत्री ओलिवर डावडेन ने कहा, ‘‘हम नयी आपात चेतावनी प्रणाली के माध्यम से अपनी राष्ट्रीय क्षमता को बेहतर बना रहे हैं, ताकि बाढ़ से लेकर जंगल में आग लगने सहित तमाम खतरों से निपटा जा सके।’’ (भाषा)
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 19 मार्च। पाकिस्तान की पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के करीब एक दर्जन नेताओं पर तोड़फोड़, सुरक्षाकर्मियों पर हमला, पदच्युत प्रधानमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई के दौरान अदालत परिसर के बाहर हंगामा करने में शामिल होने के आरोप में आतंकवाद निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत रविवार को प्राथमिकी दर्ज की।
खान तोशाखाना मामले की बहुप्रतिक्षित सुनवाई में पेश होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद आए थे और उस दौरान इस्लामाबाद न्यायिक परिसर के बाहर उनके समर्थकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई थी।
पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच शनिवार को हुई झड़प के दौरान 25 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे जिसके बाद अवर जिला व सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने सुनवाई 30 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
जियो न्यूज ने खबर दी कि पीटीआई कार्यकर्ताओं और वांछित नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। समाचार चैनल ने बताया कि इस्लामाबाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी में 17 पीटीआई नेताओं को नामजद किया गया है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं ने पुलिस जांच चौकी और न्यायिक परिसर के मुख्य गेट को ध्वस्त कर दिया।
पुलिस के मुताबिक आगजनी, पत्थरबाजी और न्यायिक परिसर की इमारत को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 18 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
प्राथमिकी के मुताबिक, ‘‘झड़प के दौरान पुलिस के दो वाहन और सात मोटरसाइकिल को जला दिया गया और पुलिस थाना प्रभारी के आधिकारिक वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।’’
खान (70) अदालत में पेश होने के लिए लाहौर से इस्लामाबाद आए थे। उनके साथ काफिले में उनके समर्थक भी थे।
पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने रविवार को कहा कि पार्टी उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगी जो खान के आवास में ‘अवैध कार्रवाई’ और हिंसा में संलिप्त थे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज, पार्टी की विधि टीम की बैठक बुलाई गई है। पुलिस ने जिस तरह से लाहौर उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की और इमरान खान के आवास में दाखिल हुई, उसने मकान की सुचिता को बनाए रखने के सभी नियमों को तोड़ दिया। आवास से सामान की चोरी की गई और वे जूस के डिब्बे तक ले गए। निर्दोष लोगों को यातना दी गई।’’
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के 70-वर्षीय प्रमुख इमरान खान को कथित रूप से अपनी संपत्ति से जुड़ी घोषणाओं में उपहारों का विवरण छिपाने को लेकर पाकिस्तान चुनाव आयोग की ओर से दायर शिकायत पर कार्यवाही में भाग लेने के लिए अवर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) जफर इकबाल की अदालत में पेश होना था।
वर्ष 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है। तोशाखाना में पाकिस्तानी शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को अन्य देशों की सरकारों, राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से मिले कीमती उपहारों को संग्रहीत किया जाता है।
बिक्री का विवरण साझा नहीं करने के कारण पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान को अयोग्य घोषित कर दिया था। (भाषा)
कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया), 19 मार्च। दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में लाखों मछलियों की मौत हो गई। अधिकारियों और वैज्ञानिकों का कहना है कि बाढ़ और गर्म मौसम के कारण ये मौतें हुईं।
न्यू साउथ वेल्स राज्य में प्राथमिक उद्योग विभाग ने कहा कि मछलियों की मौत गर्म लहर के कारण हुई।
विभाग ने कहा कि मौतों की संभावना कम ऑक्सीजन के स्तर के कारण लगती है क्योंकि बाढ़ के कारण ऑक्सीजन कम हो जाती है और गर्म मौसम के कारण मछलियों को अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
‘मेनिन्डी के आउटबैक’ शहर के निवासियों ने मरी हुई मछलियों से भयानक गंध की शिकायत की। (एपी)
इस्लामाबाद, 19 मार्च पाकिस्तान के गृहमंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को ‘‘प्रतिबंधित’’ संगठन घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में सरकार की विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करने की योजना है।
सनाउल्लाह का यह बयान ऐसे समय आया है जब पुलिस ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान के लाहौर स्थित आवास से हथियार और पेट्रोल बम जब्त करने का दावा किया है।
यहां एक जिला अदालत में पेशी के लिए शनिवार को लाहौर से इस्लामाबाद आए खान पर देश के सत्तारूढ़ गठबंधन ने निशाना साधा।
खान जब इस्लामाबाद में थे, तब पंजाब पुलिस के 10,000 सशस्त्र कर्मियों ने लाहौर में उनके जमान पार्क आवास पर बड़ा अभियान चलाया और उनके कई समर्थकों को गिरफ्तार किया तथा हथियार और पेट्रोल बम बरामद करने का दावा किया।
‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान के गृहमंत्री सनाउल्लाह ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार यह आकलन करने के लिए अपने कानूनी दल के साथ विचार-विमर्श करेगी कि क्या पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को प्रतिबंधित समूह घोषित करने की कार्यवाही शुरू की जा सकती है।
सनाउल्लाह ने कहा, ‘‘जमान पार्क में आतंकवादी छिपे थे। इमरान खान के आवास से हथियार, पेट्रोल बम आदि बरामद किए गए हैं जो एक आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए पीटीआई के खिलाफ मामला दर्ज करने के वास्ते पर्याप्त सबूत है।’’
खान की पार्टी को प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू करने की सरकार की योजना पर मंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी पार्टी को प्रतिबंधित घोषित करना मुख्यत: एक न्यायिक प्रक्रिया है। हालांकि, हम इस मुद्दे पर अपने कानूनी दल से विचार विमर्श करेंगे।’’
वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपनी भतीजी एवं पीएमएन-एल की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम नवाज के इस दावे से सहमत दिखायी दिए कि खान की पार्टी एक ‘‘आतंकवादी संगठन’’ है।
गौरतलब है कि खान को यहां की एक स्थानीय अदालत ने शनिवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत परिसर के बाहर हाजिरी लगाने के बाद अभ्यारोपण के बिना ही वापस जाने की अनुमति दे दी।
मरियम ने तोशाखाना मामले में पेशी के बिना ही खान की हाजिरी लगाने के लिए अदालत पर तंज कसा और कहा, ‘‘मुझे हैरानी होती है कि वह अपने आप को नेता कहते हैं। नेता जेल जाने और जवाबदेही से नहीं घबराते। केवल चोर और आतंकवादी घबराते हैं। गिरफ्तारी से डर दिखाता है कि उनके (इमरान) खिलाफ मामले सही हैं।’’
कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने पत्रकारों से कहा कि एक वकील के तौर पर अपने 30 साल के पेशेवर करियर में उन्होंने कभी नहीं देखा कि अदालत ने एक संदिग्ध की हाजिरी लगाने के लिए एक गाड़ी में ही उसके हस्ताक्षर लिए हो जैसा कि इमरान खान के मामले में हुआ।
तरार ने कहा, ‘‘अपनी न्यायिक व्यवस्था का मजाक न बनाएं।’’ (भाषा)
पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने लाहौर के ज़मान पार्क में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के घर पर शुक्रवार को चलाए गए अभियान का बचाव किया है.
उन्होंने शुक्रवार रात को प्रेस वार्ता करते हुए कहा, ''आज सुबह लाहौर में पुलिस ने दूसरी क़ानूनी एजेंसियों की मदद से लाहौर जैसे शहर में क़रीब एक महीने से बने हुए एक नो-गो एरिया को हटा दिया है.''
उन्होंने बताया, ''तलाशी अभियान के दौरान इमरान ख़ान के घर के बाहर से अवैध हथियार, गुलेल, पेट्रोल बम बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं. इन सभी का इस्तेमाल क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों के ख़िलाफ़ किया गया है.''
राणा सनाउल्लाह ने कहा कि ज़मान पार्क से जो मिला है उसके बाद कुछ और कहने की ज़रूरत नहीं है. सर्च वारंट पर इमरान ख़ान के घर के बाहरी हिस्से की तलाशी ली गई थी. वारंट होने के बावजूद भी पुलिस उस रिहायशी हिस्से में नहीं गई जहां उनकी पत्नी मौजूद थी.
उन्होंने बताया कि इमरान ख़ान के घर के अंदर की भी तलाशी ली जाएगी क्योंकि हमें संदेह है कि अवैध हथियारों का एक बड़ा जखीरा हो सकता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि इमरान ख़ान के आसपास जो लोग जमा हैं उन्हें नहीं पता कि कौन हैं और वो कहां से आया है. वो खुद चरमपंथियों को अपने घर में रखते हैं.
राणा सनाउल्लाह ने इमरान ख़ान को असाधारण राहत मिलने का भी आरोप लगाया. उनका इशारा कोर्ट से मिलने वाली जमानत की राहत की तरफ था. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें असाधारण राहत ना मिले तो वो कुछ दिनों में ठीक हो जाएंगे.
पीटीआई प्रमुख इमरान ख़ान के घर पर शुक्रवार को पुलिस कार्रवाई के दौरान जमकर हंगामा हुआ था. पुलिस दरवाज़ा तोड़कर अंदर पहुंच गई थी और इमरान ख़ान के समर्थक इसका विरोध कर रहे थे.
पुलिस ने उन पर घर के अंदर से गोलियां चलने का भी आरोप लगाया था. हालांकि, उस दौरान इमरान ख़ान घर में नहीं थे. वो कोर्ट में पेश होने के लिए घर से निकल चुके थे. (bbc.com/hindi)
संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन के बीच हुए अहम अनाज समझौते को एक बार फिर रीन्यू कर दिया गया है. हालांकि इसे कितने वक्त के लिए रीन्यू किया गया है इसे लेकर भी कोई जानकारी नहीं है.
यूक्रेन का कहना है कि समझौता कम से कम 120 दिनों तक यानी चार महीनों के लिए लागू किया जाना चाहिए, वहीं रूस इसे 60 दिनों यानी दो महीनों के लिए लागू करना चाहता है.
रूस ने चेतावनी दी है कि अगर पश्चिमी देश अनाज समझौते की मियाद बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें रूस पर लगे प्रतिबंध हटाने होंगे.
शनिवार को तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैयप अर्दोआन ने अनाज समझौता ख़त्म होने से घंटों पहले इसके आगे बढ़ाए जाने की ख़बर का ऐलान किया.
उन्होंने कहा, "वैश्विक खाद्य आपूर्ति के लिए ये समझौते बेहद अहम है. मुझे लगता है कि संयुक्त राष्ट्र तो इसके लिए कोशिश कर ही रहा था, रूस और यूक्रेन ने भी इस समझौते को आगे बढ़ाने के लिए कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ी."
हालांकि अर्दोआन और संयुक्त राष्ट्र दोनों ने ही अब तक ये नहीं बताया है कि अनाज समझौते की नई मियाद क्या होगी.
बीते साल जुलाई में संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में तुर्की की मदद से रूस और यूक्रेन के बीच अनाज समझौता हुआ था. इसके तहत तहत यूक्रेन में फंसा हज़ारों मैट्रिक टन गेंहू, खाद और अन्य सामान को काले सागर के रास्ते निकाल कर दूसरे मुल्कों तक पहुंचाया जा रहा था.
कोविड महामारी से उबर रही अर्थव्यवस्था में अभी ग्लोबल सप्लाई चेन दुरुस्त हो भी नहीं पाए थे कि रूस ने यूक्रेन के ख़िलाफ़ 'विशेष सैन्य अभियान' छेड़ दिया. इसके बाद अनाज संकट को लेकर चिंता गहराने लगी क्योंकि दुनिया में अनाज का एक बड़ा हिस्सा यूक्रेन में उगाया जाता है.
युद्ध के कारण काले सागर से जहाज़ बाहर निकालना यूक्रेन के लिए मुश्किल हो गया था क्योंकि वहां रूस ने अपने युद्धपोत तैनात कर दिए थे. (bbc.com/hindi)
रूसी राष्ट्रपति के दफ़्तर का कहना है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेनी शहर मारियुपोल का दौरा किया है. बीते साल मई में रूस ने इस शहर पर कब्ज़ा कर लिया था.
रूसी समाचार एजेंसी तास ने क्रेमलिन के हवाले से कहा है कि पुतिन हेलिकॉप्टर से डोनबास इलाक़े के इस शहर पहुंचे और उन्होंने वहां रह रहे लोगों से बात की.
क्रेमलिन ने कहा है कि पुतिन ने वहां नेव्स्की ज़िले का दौरा किया और एक परिवार के आमंत्रण पर उनसे मुलाक़ात करने उनके घर भी गए.
कहा जा रहा है कि बीते साल फरवरी में यूक्रेन के ख़िलाफ़ 'विशेष सैन्य अभियान' छेड़ने के बाद ये मारियुपोल का पुतिन का पहला दौरा है.
मारियुपोल पहुंचने से पहले पुतिन ने क्राइमिया का दौरा किया था, जिस पर कुछ साल पहले रूस ने कब्ज़ा कर लिया था. (bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 19 मार्च। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महिलाओं को भुगतान करने से जुड़े एक मामले में शनिवार को दावा किया कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है और उन्होंने अपने समर्थकों से प्रदर्शन करने का आह्वान किया।
आरोप है कि पूर्व राष्ट्रपति के इन महिलाओं से यौन संबंध थे और उन्होंने उन्हें धन देकर मामले को सार्वजनिक नहीं करने को कहा था।
बहरहाल, ट्रंप की वकील और प्रवक्ता ने कहा कि अभियोजकों की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है लेकिन ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें मंगलवार को गिरफ्तार किया जा सकता है।
उन्होंने बाद में एक पोस्ट में अपने समर्थकों से प्रदर्शन करने का आह्वान किया और राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अब इसे और नहीं होने दे सकते। वे हमारे देश की हत्या कर रहे हैं और हम बैठकर बस देख रहे हैं। हमें अमेरिका को बचाना होगा। प्रदर्शन, प्रदर्शन, प्रदर्शन करिए।’’
ट्रंप ने इसी तरह की अपील पिछले राष्ट्रपति चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद भी की थी जिससे छह जनवरी 2021 को अमेरिकी संसद भवन परिसर में हिंसा हुई थी।
ट्रंप की वकील सुजैन नेचेल्स ने कहा कि ट्रंप की पोस्ट ‘‘मीडिया में आयी खबरों पर आधारित’’ है और एक प्रवक्ता ने कहा कि अभी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी आल्विन ब्रैग के कार्यालय से कोई ‘‘अधिसूचना नहीं मिली है।’’
डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के कार्यालय ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
ट्रंप के इस पोस्ट के बाद 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल उनके संभावित प्रतिद्वंद्वियों समेत शीर्ष रिपब्लिकन नेता उनके समर्थन में आए।
ट्रंप के संभावित प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा, ‘‘अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पर अभियोग चलाने का विचार लाखों अमेरिकियों के साथ ही मेरे लिए भी बहुत परेशान करने वाला है।’’
उनके समर्थन में आने वाले नेताओं में सदन के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी भी शामिल हैं।
प्रौद्योगिकी निवेशक विवेक रामास्वामी ने कहा कि वह ऐसे देश में रहना नहीं चाहते जहां ‘‘सत्ता में बैठी पार्टी अपने राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर सके।’’ (एपी)
सियोल, 19 मार्च। जापान ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने समुद्र में एक संदिग्ध मिसाइल दागी है।
जापान के तट रक्षक बल ने पुष्टि की कि उत्तर कोरिया ने मिसाइल प्रतीत होने वाली वस्तु रविवार सुबह दागी।
उसने कहा कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी तत्काल उपलब्ध नहीं हो पाई है।
दक्षिण कोरिया की ‘योनहाप’ समाचार एजेंसी ने देश की सेना के हवाले से बताया कि कि उत्तर कोरिया ने उसके पूर्वी जलक्षेत्र की ओर एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी।
यदि इस मिसाइल प्रक्षेपण की पुष्टि हो जाती है तो दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच पिछले सप्ताह संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू होने के बाद से यह चौथी बार उत्तर कोरिया द्वारा हथियार प्रक्षेपित किए जाने की घटना होगी।
एपी सिम्मी गोला गोला 1903 0854 सियोल (एपी)