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दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 तरह के पारम्पिक खेल शामिल
रायपुर, 23 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर बीते 6 सितम्बर को कैबिनेट में लिए गए निर्णय के बाद छत्तीगढ़िया ओलम्पिक का खाका तैयार कर लिया गया है। इस संबंध में खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने पूरी कार्ययोजना बना ली गई है, जिसे आज जारी कर दिया गया है। छह स्तरों में होने वाले छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक के आयोजन का दायित्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को सौंपा गया है। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक की शुरुआत आगामी 6 अक्टूबर से शुरू होगी, जिसका समापन राज्य स्तर पर 6 जनवरी को होगा। दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 तरह के पारम्परिक खेलों में फिलहाल शामिल किया गया है।
दो श्रेणी में 14 तरह के खेल होंगे :
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक 2022-23 में 14 प्रकार के पारम्परिक खेलों को शामिल किया गया है। इसमें दलीय श्रेणी गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं शामिल की गई हैं। वहीं एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लम्बी कूद शामिल है।
गांव के क्लब से लेकर राज्य तक छह स्तरों पर होंगे आयोजन :
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में छह स्तर निर्धारित किए गए हैं। इन स्तरों के अनुसार ही खेल प्रतियोगिता के चरण होंगे। इसमें गांव में सबसे पहला स्तर राजीव युवा मितान क्लब का होगा। वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब होगा। फिर विकासखंड/नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।
इन तिथियों में होंगे विभिन्न स्तरों के आयोजन :
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर के आयोजन 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक होंगे। वहीं जोन स्तर के आयोजन 15 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक खेले जाएंगे। विकासखंड स्तर पर खेल 27 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक आयोजित किए जाएंगे। जिला स्तर पर 17 नवम्बर से 26 नवम्बर तक प्रतियोगिताएं होंगी। संभाग स्तर पर आयोजन 5 दिसम्बर से 14 दिसम्बर के बीच होगा। वहीं राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का अंतिम चरण 28 दिसम्बर से 6 जनवरी 2023 तक खेला जाएगा।
बच्चों से बुजुर्ग तक ले सकेंगे हिस्सा :
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में आयु वर्ग को तीन वर्गों में बांटा गया है। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, फिर 18-40 वर्ष आयु सीमा तक, वहीं तीसरा वर्ग 40 वर्ष से अधिक उम्र के लिए है। इस प्रतियोगिता में महिला एवं पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागी होंगे।
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बीजापुर, 23 सितंबर। नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, महामंत्री केदार कश्यप के बीजापुर प्रवास पर युवक राहुल गांधी सहित 126 युवाओं ने भाजपा की रीति नीति से प्रभावित होकर भाजपा प्रवेश किया।
प्रदेश की कमान मिलने के बाद पहली बार बीजापुर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा। बीजापुर आगमन से पहले नेलसनार व भैरमगढ़ में भव्य स्वागत किया गया। वहीं नैमेड़ से युवा मोर्चा की विशाल बाइक रैली के साथ बीजापुर नगर आगमन हुआ। जिनका जगह-जगह स्वागत होता रहा, बाबा चीकट राज का दर्शन कर भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष,नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश महामंत्री के समक्ष बीजापुर और उसूर मंडल से कुल 126 नए कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रवेश किया, जिनका फूल माला से स्वागत कर प्रवेश करवाया गया।
ये हुए शामिल हरीश बेलसरिया, विष्णु साहू, बाबू स्वामी, सलमान, अमित राव, अशोक काका, रोहित यालम, रोहित साहू, संतोष बारसे, सागर, विशाल, मनोज कुमार, सुनील साहनी, संतु नक्का, शेखर, श्रीकांत, रामेश्वर, ऋतिक चालकी, सुनील तोड़ेम विजय तोडेम, दीवान तोडेम, सुरेश पूनम, संतोष कोड़े, महेश कुडमुल, विजय दूब्बा, मोहन दूब्बा, लोकेश गोटे, सुनील भोगांव मुकेश पाटिल शंकर भोगाम, लचिंदर, महेश डारा, सुखराम कश्यप, विशाल साहू, ठाकुर, मनीष साहू, अंकित, साहिल वासम, रवि साहू, सोनू साहू, बंशीदार, उमेश सेन, अंकित जयसवाल, विशाल साहू, विक्की कुमार, कवरलाल, संतु तेलम, सूरज पाल, बंसी, जगदीश सेन, राहुल सोनी, राहुल गांधी, मोहित जयसवाल, राकेश ठाकुर, मनीष जयसवाल, पवन यादव, संदीप माड़वी, राम गुप्ता, फूल कुमार, विनीत यालम, सी सी राना, लक्की, वासु, नवनीत नायडू, साई प्रकाश, यसवंत दुर्गम, प्रिंस, रोशन, चीकू, रोहित मोडियम, सदा रवि, ईश्वरचंद पुनेम, आकाश फूलमद्री, लव मोडियाम, सोयम नरसिमा, पुजारी बसंती, प्रदीप काका, दुलाराम कटम, कबीर दास जव्वा, भास्कर जव्व, महेश गटपल्ली, कुसान सिंह, संजीव हेमला, राममूर्ति काटम, नंद कुमार, नारायण कटम, देव तेलम, सुकलू राम वासम, सत्यम दूब्बा रहे।राजू कुरसम, कमलेश ओयम, विजय कोरसा, रमेश मेटा, लक्ष्मण ठाकुर,दर्शन सिंह, पुरुषोत्तम, अरुण, जितेंद्र कुमार, दीनदयाल सोरी, संजय कुमार चिट्टी, अंकित अंबेडकर,राहुल राव, राकेश कुमार, दीपेश रवि यादव, राहुल यादव, सागर यादव, अविनाश साहू, राकेश साहनी, अनिल ककेम,योगेश, लक्ष्मण, अजीत कोड़े, अदीप पटेल, सौरव सरकार, सतीश मोरला, संजय कश्यप,अल्ताफ खान, विजय ध्रुव, रामप्रसाद आदि शामिल हुए।
विशेष सचिव ने लिखा कड़ा पत्र, एक माह बाद भी नहीं भेजा विवरण
रायपुर, 23 सितंबर। राज्य शासन ने सभी विभागाध्यक्षों को कड़ा पत्र लिखकर निगम -मंडल-आयोग और अन्य प्राधिकरण, फेडरेशन के बैंक खातों और उसमें जमा राशि की जानकारी नहीं भेजने पर नाराजगी है।
विशेष सचिव शारदा वर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों से कहा है कि 24 अगस्त को पत्र भेजकर मांगी गई जानकारी एक माह बाद भी अप्राप्त है। यह जानकारी अगले पांच दिनों के भीतर अनिवार्यतः भेजी जाए। वित्त विभाग ने शासकीय संस्थान,अभि करण, प्राधिकरण, सहकारी संघ मर्यादित, निगम,मंडल आयोग, बोर्ड, कल्याण मंडल,परिषद, फेडरेशन काउंसिल और अकादमी के बैंक खातों और उनमें जमा रकम की 31-7-22 की स्थिति में, जानकारी मांगी है। यह जानकारी वित्त विभाग के निर्धारित फार्म में देना होगा।
डीपीआई ने जारी किया आदेश
रायपुर, 23 सितंबर। प्रदेश में स्कूली शिक्षकों को शिक्षा सत्र के अंत तक पात्रतानुसार पुनर्नियुक्ति दी जाएगी। संचालक लोक शिक्षण संचालनालय, सभी संभागीय संयुक्त संचालक और डीईओ को शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय एवं शत प्रतिशत अनुदान प्राप्त शालाओं के शिक्षकों (सहायक शिक्षक से प्राचार्य तक) को पुनर्नियुक्ति प्रदान किए जाने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संबंधितों जारी पत्र में कहा गया है कि विभाग द्वारा 15 जून 2012 के माध्यम से शिक्षकों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिवर्ष शिक्षा सत्र के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय एवं शत प्रतिशत अनुदान प्राप्त शालाओं के शिक्षकों (सहायक शिक्षक से लेकर प्राचार्य तक) को उस शैक्षणिक सत्र के अवसान 30 अप्रैल तक पुनर्नियुक्ति किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए गए थे। उसके बाद समय-समय पर शासन द्वारा इन निर्देशों में संशोधन किए गए।
बिलासपुर, 23 सितंबर। शहर के चर्चित विराट सराफ अपहरण कांड में शामिल सभी पांच आरोपियों को जिला कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपियों में विराट की बड़ी मां भी शामिल है। अगवा बालक की रिहाई के लिए 6 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी।
ज्ञात हो कि करबला रोड में भाजपा कार्यालय के पास स्थित सत्यनारायण सराफ के घर के बाहर से उसके 6 साल के बेटे विराट सराफ का 21 अप्रैल 2019 को अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने काफी घेराबंदी के बाद 6 दिन बाद पन्ना नगर, जरहाभाठा में दबिश देकर राजकिशोर सिंह के बंद मकान से विराट को सुरक्षित छुड़ा लिया। इसके साथ ही पुलिस ने अपहरण में शामिल हरे कृष्ण राय, अनिल सिंह, सतीश शर्मा और राजकिशोर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि अपहरण की साजिश विराट सराफ की बड़ी मां नीता सराफ ने रची थी। अपहरण के आरोपी अनिल सिंह से नीता सराफ को 30 लाख रुपये लेने थे। योजना यह बनाई गई थी कि अपहरण के बाद विराट के पिता से फिरौती की मांग की जाएगी और उस रकम को दोनों आपस में बांट लेंगे। अनिल सिंह ने इस घटना को अंजाम देने के लिए बाकी तीन आरोपियों को रुपये देने के लालच में शामिल किया था। पुलिस के मुताबिक उन्होंने अपहरण के बाद विराट के पिता से 6 करोड़ रुपये की फिरौती भी मांगी थी। पुलिस लगातार विराट के अपहरण के बाद उसके परिवार में हो रही गतिविधियों पर नजर रख रही थी। इससे पता चला कि नीता सराफ का उसके पुराने जान पहचान वाले अनिल सिंह से लगातार बातचीत हो रही है। यह भी पता चल गया कि नीता ने अनिल सिंह को किसी व्यवसाय में लगाने के लिए 35 लाख रुपये दिए थे। उसमें से 5 लाख रुपये वापस हुए हैं, 30 लाख रुपये लेना बाकी है। रुपये वापस करने के लिए अनिल सिंह ने किसी बच्चे का अपहरण कर फिरौती हासिल करने की मंशा जताई तब नीता सराफ ने अपने ही भतीजे का नाम सुझा दिया।
अभियोजन पक्ष और अभियुक्तों की दलील सुनने के बाद शुक्रवार को प्रथम श्रेणी अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार जायसवाल ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनते ही विराट की बड़ी मां गश खाकर कोर्ट में गिर पड़ी थी, जिसे आवश्यक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
सहकारी समितियों से कृषक खरीद सकेंगे बीज
रायपुर, 23 सितंबर। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा रबी सीजन 2022-23 की फसलों के प्रमाणित बीज की दरों का निर्धारण किया गया है। कृषक रबी सीजन के लिए किसान अनाज, दलहन, तिलहन फसलों के प्रमाणित बीज सहकारी समितियों से निर्धारित दर पर क्रय कर सकेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा गेहूं के उच्च किस्म के प्रमाणित बीज की दर 3425 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जबकि गेहूं की बौनी किस्म के प्रमाणित बीज की कीमत 3400 रूपए प्रति क्विंटल है। इसी तरह प्रति क्विंटल समस्त किस्मों के चना बीज का मूल्य 7500 रूपए, मटर का 8300 रूपए, मसूर का 8000 रूपए, तिवड़ा का 5000 रूपए, सरसो का 7000 रूपए, अलसी का 6000 रूपए, कुसुम का 6500 रूपए तथा मूंगफली की समस्त किस्मों के प्रमाणित बीज का मूल्य 8200 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
बिलासपुर, 23 सितंबर। राजधानी में ध्वनि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए दिए गए आदेश का पालन नहीं करने पर हाईकोर्ट ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे व पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल को अवमानना नोटिस जारी किया है।
पूर्व में उच्च न्यायालय में नितिन सिंघवी की याचिका पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि रायपुर कलेक्टर व एसपी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी व्यावसायिक वाहन पर साउंड बॉक्स या डीजे रखकर न बजाया जाए। पहली बार ऐसे वाहनों साउंड सिस्टम को जब्त किया जाएगा। दूसरी बार पकड़े जाने पर वाहन जब्त होगा व परमिट जब्त करना होगा। ऐसे वाहनों को न्यायालय की अनुमति के बिना फिर से परमिट जारी नहीं किया जाए। तथा ध्वनि विस्तार यंत्र बजाने वाले आयोजकों के विरुद्ध हाईकोर्ट की अवमानना याचिका दायर की जाए। इन नियमों का कलेक्टर व एसपी क्रियान्वयन कराएंगे ऐसा नहीं होने पर वे जिम्मेदार माने जाएंगे।
इस आदेश का पालन नहीं होने पर छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट में कलेक्टर, एसपी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। याचिका में बताया गया है कि पुलिस ध्वनि विस्तारक यंत्रों को तो जब्त कर लेती है किंतु आयोजकों के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना की याचिका दायर नहीं की जाती। गत वर्ष राखी थाना व बस्ती थाना इलाके में पुलिस के मना करने के बावजूद डीजेजाया गया। इस गणेश उत्सव के दौरान 3 सितंबर की रात को शंकर नगर चौक पर डीजे को ज्त किया गया लेकिन उनके खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर नहीं की गई। कोर्ट से अनेक बार आदेश जारी होने के बावूजूद सड़कों पर धुमाल व डीजे बजाए जाते हैं।
ज्ञात हो कि इसके पहले भी आदेश का पालन नहीं होने पर अधिवक्ता व्यास मुनि द्विवेदी ने अवमानना याचिका दायर की थी तब कलेक्टर एसपी ने वचन दिया था कि कोर्ट के आदेश का अक्षरशः पालन किया जाएगा।
रायपुर, 23 सितम्बर। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण अंतर्गत मध्यान्ह भोजन योजना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा 322 करोड़ 75 लाख 59 हजार रूपए की राशि जारी कर दी है। इसमें केन्द्रांश 225 करोड़ 24 लाख 11 हजार रूपए और राज्यांश 131 करोड़ 83 लाख 76 हजार रूपए शामिल है। आबंटित राशि में से कुकिंग कास्ट के लिए 234 करोड़ 4 लाख 35 हजार रूपए, रसोईया मानदेय के लिए 64 करोड़ 41 लाख 39 हजार रूपए, खाद्यान्न मूल्य 14 करोड़ 99 लाख 14 हजार रूपए, परिवहन व्यय 6 करोड़ 57 लाख 13 हजार रूपए और एम.एम.ई. के लिए 2 करोड़ 73 लाख 58 हजार रूपए आबंटित किए गए हैं।
रायपुर, 23 सितम्बर। अंतर्राष्ट्रिय क्रिकेट स्टेडियम नवा रायपुर में 27 सितम्बर से 01 अक्टूबर तक रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरिज क्रिकेट टूर्नामेंट मैच का आयोजन किया जा रहा है। मैच देखने के लिए दर्शकों के आवागमन की सुविधा के लिए बीआरटीएस बस का संचालन मैच के दिनों में किया जाएगा।
नवा रायपुर अटल विकास प्राधिकरण के प्रबंधक (यातायात) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह बस सुविधा रेलवे स्टेशन डीकेएस भवन तेलीबांधा से होते हुए नवा रायपुर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम तक निर्धारित टिकट दर उपलब्ध होगी। 27 सितम्बर को दोपहर 3.30 बजे आयोजित मैच के लिए रायपुर से दोपहर 1.50 बजे से दोपहर 2.10 बजे तक तथा 27 सितम्बर को ही रात्रि 7.30 बजे आयोजित मैच के लिए शाम 5.30 बजे, 6.10 बजे तक 10 मिनट के अंतराल में बस सुविधा उपलब्ध रहेगी। 28, 29 सितम्बर और 01 अक्टूबर को रात्रि 7.30 बजे आयोजित मैच के लिए शाम 5.25 बजे से 6.10 बजे तक 5 मिनट के अंतराल में क्रिकेट स्टेडियम जाने के लिए बस की सुविधा रहेगी।
प्रत्येक मैच समाप्ति के बाद बीआरटीएस बस में यात्रियों की क्षमता पूर्ण होने के बाद क्रिकेट स्टेडियम से रायपुर शहर के लिए प्रस्थान होगा तथा अंतिम बीआरटीएस बस रात 12.30 बजे प्रस्थान करेगी। यात्रियों को निर्धारित टिकट क्रय करने पर ही बीआरटीएस बस का संचालन में यात्रा की पात्रता होगी। मैच के दिनों में यात्री की मांग अनुसार बीआरटीएस बसों के संचालन संख्या में कमी या वृद्धि की जाएगी।
रायपुर, 23 सितंबर। पोषक अनाज अवार्ड 2022 से सम्मानित हुआ छत्तीसगढ़। राज्य के लिए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रयास का ही नतीजा है कि यह अवार्ड
मिलेट को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसढ़ को सर्वश्रेष्ठ उदीयमान राज्य के रूप में मिला यह पुरस्कार।
पुरस्कार से राज्य में मिलेट की खेती, उत्पादन, विपणन तथा स्टार्टअप को मिलेगी नई ऊर्जा। कोदो, कुटकी एवं रागी की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हो रही खरीदी।
दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन के साथ 29 को होगा समापन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 सितंबर। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम नवरात्र के पहले दिन 26 तारीख से कोंडागांव से दंतेवाड़ा पदयात्रा पर निकल रहे हैं। करीब डेढ़ सौ किलोमीटर से अधिक की यात्रा में वो कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी रूबरू होंगे। पदयात्रा का समापन मां दंतेश्वरी के दर्शन के साथ होगा।
मरकाम पिछले दस साल से नवरात्र पर अपने विधानसभा क्षेत्र कोंडागांव से दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए जाते हैं। इस बार यात्रा की शुरूआत 26 तारीख सोमवार से होगी। नवरात्र के पहले दिन वो कोंडागांव के शीतला माता मंदिर के दर्शन के साथ यात्रा प्रारंभ करेंगे। पहले दिन 51 किलोमीटर की यात्रा तय करेंगे।
मरकाम इस दौरान कुल 6 विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरेंगे, और कार्यकर्ताओं से रूबरू भी होंगे। 29 तारीख को दंतेवाड़ा पहुंचेंगे, और मां दंतेश्वरी के दर्शन के साथ ही यात्रा का समापन करेंगे। उनकी इस धार्मिक यात्रा में बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों के जुटने की भी संभावना है। मरकाम की यात्रा से परे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरूण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल भी बस्तर प्रवास पर निकले हैं। ऐसे में दोनों दलों के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी के चलते बस्तर में राजनीतिक हलचल तेज रहने की संभावना है।
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने दोबारा लगाई अवमानना याचिका
रायपुर, 23 सितंबर। शहर में प्रतिबंध के बावजूद गाड़ियों में बड़े-बड़े स्पीकर लगाकर बज रहे धुमाल- डीजे के मामले में छत्तीसगढ़ नागरिक समिति ने रायपुर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे तथा पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के विरुद्ध छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई। याचिका की सुनवाई में न्यायमूर्ति पी. सेम कोशी और न्यायमूर्ति पी.पी.साहू की पीठ ने अधिकारियों के विरुद्ध नोटिस जारी किया है। समिति की तरफ से अधिवक्ता श्रीमती सूर्या डांगी ने पक्ष रखा।
क्या अवमानना हुई
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने पूर्व में नितिन सिंघवी द्वारा दायर याचिका में कोर्ट ने आदेशित किया था कि था कलेक्टर और एसपी यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी वाहन पर साउंड बॉक्स रख कर ना बजे. गाड़ियों पर साउंडबॉक्स रखकर डीजे बजाने पर साउंड बॉक्स जप्त करना है और बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के उन्हें नहीं छोड़ा जाना है. साउंड बॉक्स मिलने पर वाहन का रिकॉर्ड रखा जाए. दूसरी बार उसी गाड़ी पर साउंड बॉक्स बजाये जाने पर उस वाहन का परमिट निरस्त किया जावे और बिना उच्च न्यायलय के आदेश के कोई नया परमिट जारी नहीं किया जाये.
नहीं करते आयोजकों के खिलाफ कार्यवाही
पूर्व में दायर की गई जनहित याचिका में कोर्ट ने आदेशित किया था कि अगर कोई आयोजक पुलिस द्वारा मना करने के बावजूद भी डीजे बजाना बंद नहीं करता तो ध्वनि विस्तारक यंत्र जप्त करना है तथा उस आयोजक के विरुद्ध हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करना है। याचिका में बताया गया कि पुलिस ध्वनि विस्तारक यंत्र जप्त कर लेती है परंतु आयोजकों के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर नहीं करती। गत वर्ष राखी थाना और पुरानी बस्ती थाना में पुलिस द्वारा मना करने के बावजूद भी डीजे बजाया गया। इस साल भी कई प्रकरण हुए, गणेश उत्सव के दौरान 3 सितंबर की रात को शंकर नगर चौक पर गणेश उत्सव समिति द्वारा बजाए जा रहे डीजे को जप्त किया गया परंतु आयोजकों के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका नहीं दायर की गई।
पूर्व में दायर की गई जन हित याचिका में कोर्ट द्वारा कई निर्देश दिए गए थे पर आदेश के बावजूद सडकों पर धुमाल डी.जी बजते है। गणेश उत्सव के दौरान पांच दिन सडकों पर रात दिन धुमाल-डी.जी बजते रहे।
पहले भी की गई है अवमानना याचिका द्दायर
समिति ने सडकों पर बज रहे डी जी धुमाल और कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने के कारण पहले भी अवमानना याचिका द्दायर की थी। इससे पहले अधिवक्ता व्यास मुनि द्विवेदी ने भी अवमानना याचिका द्दायर की थी। कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने अंडरटेकिंग दी थी की वो कोर्ट के आदेश का अक्षरतः पालन करवाएंगे, परन्तु कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई। गणेश उत्सव के दौरान पुलिस की मनाही के बावजूद, पुलिस की मौजूदगी में ही सैकड़ों की संख्या में धुमाल डीजे बजे।
पूर्व कलेक्टर और एसपी द्वारा दिए गए वचन पत्र को नए कलेक्टर और एसपी को समिति सोपे
कोर्ट ने नोटिस जारी करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति को आदेशित किया है कि वह पूर्व में दायर की गई अवमानना याचिका में रायपुर कलेक्टर और एसपी द्वारा दी गई अंडरटेकिंग की प्रति कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक सौपे जिसमे अधिकारियों ने कोर्ट के आदेश का शबत: पालन करवाने की अंडरटेकिंग दी गई थी।
गणेश विसर्जन के दौरान महिलाएं फोन कर सहयोग मांगती रहे
समिति के डॉ राकेश गुप्ता ने चर्चा में बताया की गणेश विसर्जन के दोनों दिन उन्हें कई गर्भवती महिलायें फ़ोन कर डीजे की ध्वनि से छुटकारा पाने के लिए सहयोग मांगती रहीं। महिलाएं कहती रही की पुलिस खड़ी है पर कुछ नहीं कर रही। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने समिति के सदस्यों से चर्चा की तथा शीघ्र ही अवमानना याचिका दायर की।
पुलिस कर देती है 112 में फोन करने वाले का नाम उजागर
डॉ गुप्ता ने बताया कि डीजे के लिए जारी किए गए नंबर और 112 में फोन करने पर आयोजकों को पुलिस शिकायतकर्ता का नाम बता देती है। जिससे बाद में आयोजकों द्वारा शिकायतकर्ता को परेशान किया जाता है। शहर में कई शिकायतकर्ता इसी कारण से परेशान किए गए। इस कारण से आम जनता ने 112 में शिकायत करना बंद कर दिया है। दीनदयाल नगर के ऐसे ही एक प्रकरण में एक महिला द्वारा पुलिस को फोन करने पर पुलिस ने डीजे बजवाने वाले आयोजकों को महिला का नाम बता दिया, जिसके बाद महिला को परेशान किया गया तथा उसके घर के सामने दूसरे दिन थाली बजाई गई। याचिका में यह तथ्य भी कोर्ट को बताया गया।
पुलिस द्वारा ज्यादा स्तर पर ध्वनि प्रदूषण की अनुमति दी गई
याचिका में बताया गया की साइलेंस जोन में अर्थात अस्पताल स्कूल के आसपास दिन के समय 50 डेसिबल से अधिक ध्वनि नहीं निकलनी चाहिए परंतु पुलिस द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी करके साइलेंट जोन में 60 डेसीबल तक डीजे बजाने की अनुमति दी गई जो कि नाइस रूल्स के विरुद्ध है।
कैमरे के डाटा सुरक्षित रखे
समिति की तरफ से याचिका में बताया गया है कि उन्होंने कलेक्टर व एसपी को लिखित में निवेदन किया है कि गणेश विसर्जन के दौरान गाड़ियों में बजाए गए धुमाल-डीजे की सड़कों में लगे कैमरा से ली गई फोटो के डाटा को सुरक्षित रखवाएं ताकि उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सके।
रायपुर, 23 सितंबर। काली माता मंदिर से लगे सिंचाई विभाग के वर्कशॉप स्थित स्टेट मोटर गैराज में खड़ी कारों में आग लग गई। इस घटना में तीन कारें जल गईं। ये सभी आफ रोड गाड़ियां हैं जिन्हें नीलामी के लिए महीनों से खड़ा किया गया। घटना शाम करीब साढ़े चार बजे की बताई गई है। लोगों की सूचना पर पहुंची दमकल अमले ने आग पर काबू पाया।
मोटर गैराज के कर्मियों ने बताया कि पूरे गैराज परिसर में असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है। इनमें गंजेड़ी, भंगेड़ी और शराबी दोपहर से इन गाड़ियों की ओट लेकर नशा करते हैं। इन्ही में से किसी ने जलती हुई चिलम किसी एक कार पर फैंक दिया होगा जिससे आग लग गई।
छह माह से कर रहा था सेवा सुश्रुषा, 20 की रात गला दबा दिया
रायपुर, 22 सितंबर। छह महीने से बिस्तर पर रह रही माँ की सेवा करने वाले बेटे ने ही एक रात गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने भतीजे की शिकायत और पीएम रिपोर्ट के आधार पर बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। घटना तीन दिन पहले 20 तारीख की है।
टिकरापारा पुलिस के अनुसार चेतन चावड़ा ने रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसकी बुआ श्रीमती शकुंतला जाधव की मौत हो गई है। शकुन्तला बाथरूम में गिरने से विगत छः माह से घर में बिस्तर पर ही थी। भोजनादि बिस्तर पर ही होता था। उनका एक लड़का जयेश जाधव तथा 04 लड़कियां हैं। जयेश जाधव ही मां श्रीमती शकुंतला जाधव की देख-रेख एवं साफ-सफाई करता रहा है। 20 सितंबर को जयेश जाधव ने चेतन को बताया कि माँ श्रीमती शकुंतला यादव की मृत्यु हो गई है। इस पर शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेजा। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में डॉ ने गला दबाकर हत्या करना बताया गया। इस पर पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
घटना के संबंध में चेतन सहित परिवार के अन्य सदस्यों से विस्तृत पूछताछ करते हुए घटना में संलिप्त आरोपी जयेश जाधव को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी जयेश जाधव ने बताया कि वह प्रतिदिन अपनी माता मृतिका श्रीमती शकुंतला जाधव की देख-रेख एवं साफ-सफाई करता था जिससे बहुत पेरशान था। 20 तारीख की रात मां साफ-सफाई के लिए परेशान करने पर कपड़े से गला दबाकर हत्या करना स्वीकार किया । जिस पर आरोपी जयेश जाधव को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त कपड़ा जप्त कर लिया है।।
गिरफ्तार - गोलू उर्फ जयेश जाधव पिता स्व. भगवान जाधव उम्र 35 साल निवासी मठपारा राधाबाई काॅलेज के सामने थाना टिकरापारा रायपुर।
नई दिल्ली, 23 सितंबर । टाटा ग्रुप ने अपनी कंपनियों के कंसॉलिडेशन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है।
टाटा ग्रुप की मेटल्स से जुड़ी सभी कंपनियों का विलय टाटा स्टील में होगा। इसका मतलब कि समूह के मेटल्स से जुड़े सभी कारोबार की एक कंपनी टाटा स्टील हो जाएगी। टाटा स्टील ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि गुरुवार को कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई।
टाटा स्टील की ओर से शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ग्रुप की जिन कंपनियों का टाटा स्टील में विलय होगा, उनमें टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स, द टिनप्लेट कंपनी ऑफ लिमिटेड, टाटा मेटालिक्स लिमिटेड, टीआरएफ लिमिटेड, इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड और एसएंडटी माइनिंग कंपनी लिमिटेड शामिल हैं।
इस विलय पर आखिरी मंज़ूरी के लिए अब सभी कंपनियों को अपने शेयरधारकों, सेबी और अन्य संबंधित विभागों से मंज़ूरी लेनी होगी। (bbc.com/hindi)
जम्मू-कश्मीर, 23 सितंबर । जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले की सुनवाई दशहरे के बाद होगी।
जम्मू-कश्मीर को स्पेशल दर्जा दिए जाने संबंधी अनुच्छेद को समाप्त किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं।
इन याचिकाओं में कहा गया है कि ये मामला बेहद अहम है और मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच को इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तैयार है और 9 अक्टूबर के बाद कोई भी तारीख इसके लिए मुकर्रर हो सकती है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, हां, इस पर दशहरा के बाद सुनवाई होगी।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की घोषणा की थी।
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा भी दिया गया था।
(bbc.com/hindi)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 सितंबर। देश की आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को रक्तदान शिविर का आयोजन किया। बैंक की रजबंधा मैदान शाखा में हुए शिविर में बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर-चांपा, 23 सितम्बर । इस आंगनबाड़ी में कितने बच्चे हैं ? दर्ज संख्या के आधार पर बच्चे आते क्यों नहीं ? अंडा मिला है की नहीं ? खाने में क्या बना है, दिखाइए ? अस्पताल में ओपीडी कम क्यों है ? समय पर अस्पताल खुलता है न ? राशनकार्डधारी समय पर राशन के साथ शक्कर लेते है की नहीं ? कुछ ऐसी ही सवालों के साथ कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज बलौदा ब्लॉक के दूरस्थ गांवों में पहुंचकर न सिर्फ शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति जानी, बल्कि उन्होंने स्कूल, आंगनबाड़ी, शासकीय उचित मूल्य की दुकानों और अस्पतालों में जाकर मैदानी कर्मचारियों की उपस्थिति का भी पता लगाया। कलेक्टर ने कार्यालयों में निरीक्षण के दौरान एक ओर सवाल किये वही दूसरी ओर उन्होंने राशन दुकानों में दिए जाने वाले चावल को हाथों में लेकर, रेड़ी टू ईट जैसे पोषण आहार को स्वयं चखकर उसकी गुण्वत्ता को भी परखा।
राज्य शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेकर आम नागरिकों की समस्याओं को दूर करने का लगातार प्रयास कलेक्टर श्री सिन्हा द्वारा किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज उन्होंने बलौदा ब्लॉक के अनेक ग्रामों का दौरा किया। वे सबसे पहले मिनी आंगनबाड़ी केंद्र महुदा पहुचे। महुदा एवं जूनाडीह के आंगनबाड़ी केंद्र में उन्होंने पहले तो बनाए गए भोजन की जानकारी ली और सप्ताह में दिए जाने वाले अण्डे, पोषण आहार की जानकारी लेते हुए कहा कि बच्चों को समय पर भोजन दिया जाना चाहिए।
गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों को विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए क्षेत्र की गर्भवती व एनीमिक महिलाओं को समय पर पोषण आहार देनेे और बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास के लिए खेल गतिविधियां संचालित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बारिश में हो रही सीपेज को देखते हुए यहां के सरपंच को मरम्मत कराने के कहा। कलेक्टर श्री सिन्हा ने रेडी टू ईट के संबंध में जानकारी लेते हुए एक पैकेट मंगाए और इसे चखकर भी देखा।
उन्होंने ऐसे सभी आंगनबाड़ी केंद्र जहां रसोई गैस नहीं है, वहां रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश एसडीएम को दिए हैं। कलेक्टर ने नवीन पंचायत भवन जूनाडीह का अवलोकन के पश्चात आयुष्मान हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में उन्होंने स्टाफ की उपस्थिति की जांच की और समय पर सभी को उपचार के लिए उपस्थित रहने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने यहां प्रसव और ओपीडी की संख्या कम होने पर संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
चावल की क्वालिटी जांचने के बाद बोले, राशनकार्डधारी को न हो परेशानी कलेक्टर श्री सिन्हा ने ग्राम जूनाडीह में शासकीय उचित मूल्य के दुकान का भी आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने यहां रखे चावल की बोरियों से चावल हाथों में लेकर गुणवत्ता की जांच की और कहा कि गरीबी रेखा से नीचे तथा कार्डधारियों को राशन लेने में कोई परेशानी न हो, यह सुनिश्चित की जाए। राशन दुकान में उपलब्ध सामग्रियों की स्टाक सूची मात्रा अनुसार रखी जाए। चावल के साथ शक्कर सहित अन्य उपलब्ध सामग्री समय पर वितरित की जानी चाहिए। कलेक्टर ने एपीएल, बीपीएल कार्डधारियों की संख्या, यहा प्रदान की जाने वाली सामग्रियों चावल, शक्कर, नमक के उपलब्धता व विक्रय मूल्य की जानकारी लेते हुए ग्रामीणों से दुकान के संबंध में जानकारी ली।
9 और 19 का पहाड़ा सुनाने पर कलेक्टर ने दी बच्चों को शाबासी
कलेक्टर श्री सिन्हा ने ग्राम जूनाडीह के शासकीय प्राथामिक शाला में शिक्षकों की उपस्थिति की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कक्षा 3री की बालिका प्रीति से 9 का और कक्षा 5वीं के छात्र मोहित और अमन से 19 के पहाड़ा पूछा। विद्यार्थियों द्वारा बिना रूके पहाड़ा सुनाये जाने पर कलेक्टर ने प्रशंसा जताते हुए उन्होंने न सिर्फ शाबासी दी और होशियार हैं बच्चें, यह कहते हुए पेन भी उपहार स्वरूप दिया। कलेक्टर ने यहां के ग्रामीणों से शिक्षकों की समय पर उपस्थिति की जानकारी भी ली।
स्वच्छ हो आत्मानंद स्कूल का परिसर
कलेक्टर ने स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बलौदा का निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर ने कार्यालयों एवं भवन परिसर में अव्यवस्था, गंदगी को लेकर नाराजगी जतायी और कहा कि स्कूल में स्वच्छता होनी चाहिए ताकि यहां स्वस्थ वातावरण में शैक्षणिक माहौल बना रहे। उन्होंने यहां विद्यार्थियों के लिए बनाये जाने वाले अतिरिक्त भवन के ले-आऊट की जानकारी लेते हुए भवन को गुणवत्तापूर्ण बनाने के निर्देश दिए।
गौठानों के विकास के लिए गावों में हो उत्साह का माहौल
कलेक्टर ने ग्राम जर्वे में संचालित गौठान का अवलोकन किया। यहां उन्होंने स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बताया कि इस गौठान को एक आदर्श गौठान के रूप में विकसित किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि गौठान के विकास के लिए पूरे उत्साह के साथ कार्य करें। उन्होंने गौठान में विभिन्न मल्टी एक्टिविटी कार्य करते हुए इसे एक मॉडल प्रदर्शन केन्द्र के रूप में विकसित करने कहा। ग्राम जर्वे का यह गौठान शहर के बहुत नजदीक है, आप सभी यहां आजिविका संबंधी गतिविधियों को संचालित कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। आने वाले दिनों में मशरूम उत्पादन, मुर्गी पालन, मछली पालन करके आत्मनिर्भर बन सकते हैं। कलेक्टर ने इस गौठान में कृषि विज्ञान केन्द्र का सहयोग लेने, गढक़लेवा संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने मौके पर उपस्थित मत्स्य विभाग के अधिकारी को तालाब में मछली पालन, उद्यानिकी विभाग के अधिकारी को फलदार पौधे लगाने के संबंध में निर्देश दिए। कलेक्टर ने गौठान में गाय पालन तथा वर्किंग एरिया को अलग-अलग व्यवस्थित करने के भी निर्देश दिए हैं।
सीटू के आह्वान पर सडक़ पर उतरे कर्मी, प्रबंधन के अडिय़ल रवैया से आक्रोश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 23 सितंबर। सम्मानजनक बोनस की मांग को लेकर सीटू के आव्हान पर आज बोरिया गेट पर प्रदर्शन किया गया।
ज्ञात हो कि 19 सितंबर को बोनस को लेकर बुलाई गई एनजेसीएस उप समिति की बैठक में सेल कर्मचारियों के बोनस को लेकर कोई समझौता नहीं हो पाया था। सेल प्रबंधन ने अडिग रहते हुए केवल 22 हजार रुपये बोनस दिए जाने का प्रस्ताव रखा था जिसे न मानते हुए विरोध स्वरूप आज प्रदर्शन किया गया।
विदित हो कि 19 सितंबर की एनजेसीएस बैठक को लेकर कर्मियों में काफी आक्रोश है। कर्मियों का मानना है कि बोनस तय करने के लिए बुलाई गई एनजेसीएस उपसमिति की बैठक में प्रबंधन का रवैया पूरी तरह अपमानजनक एवं अडिय़ल था। सभी कर्मियों को यह उम्मीद थी कि सेल को हुए अभूतपूर्व लाभ के एवज में कर्मियों के वार्षिक बोनस में अनुपातिक वृद्धि होगी, किंतु सेल द्वारा वित्त वर्ष 20-21 की तुलना में वित्त वर्ष 21-22 में 3 गुना से अधिक कर पश्चात लाभ अर्जित करने के बावजूद प्रबंधन की ओर से पिछले वर्ष के बराबर बोनस का प्रस्ताव देना कर्मियों के लिए अपमानजनक है।
गौरतलब हो कि वित्त वर्ष 20-21 में सेल को 3 हजार 850 करोड़ लाभ हुआ था जबकि वित्त वर्ष 21-22 में यह लाभ बढक़र 12 हजार 15 करोड़ रुपए हुआ है। सीटू नेताओं ने कहा कि 19 सितंबर की बैठक में प्रबंधन ने स्वयं प्रस्तुतिकरण देते हुए सेल की उपलब्धियों का विस्तृत विवरण दिया। प्रस्तुतिकरण में प्रबंधन की ओर से जानकारी दी गई कि सेल ने वार्षिक उत्पादन योजनाका 92 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया। इसी तरह 22 हजार 364 करोड़ रुपए का ग्रॉस मार्जिन अर्जित किया जो लक्ष्य का 198 फीसदी है। कर पश्चात लाभ 12 हजार 15 करोड़ रुपए अर्जित किया गया जो सेल के लिए एक कीर्तिमान है। प्रस्तुतिकरण में प्रबंधन द्वारा सेल की इस उपलब्धि के लिए महामारी संकटकाल में अपनी जान की परवाह किए बिना कर्मियों द्वारा दिए गए सहयोग एवं योगदान की सराहना की गई, किंतु प्रबंधन की यह कोरी सराहना बोनस के लिए प्रबंधन द्वारा दिए गए प्रस्ताव में नहीं दिखाई दी।
सीटू नेताओं ने स्पष्ट किया जिस तरह प्रबंधन पिछले कुछ समय से एक तरफा निर्णय लेने की नई परिपाटी शुरू की है, बोनस मामले में इस तरह का कोई निर्णय ना ले अन्यथा कर्मियों का गुस्सा फूट सकता है। नेताओं ने सरकार से बोनस की तीनों सीलिंग हटाने की भी मांग की। ज्ञात हो कि बोनस भुगतान अधिनियम में अधिकतम बोनस प्राप्त करने की सीमा 20 प्रतिशत है, बोनस पात्रता हेतु अधिकतम मूल वेतन 21 हजार है तथा अधिकतम मूल वेतन जिस पर बोनस की गणना की जानी है वह 7 हजार है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 सितंबर। स्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अंतिम तिथि एक बार फिर बढ़ा दी है। अब 30 सितंबर तक कुलपतियों की अनुमति/ अनुशंसा पर प्रवेश लिया जा सकेगा।
प्रदेश के 238 से अधिक शासकीय और 110 से अधिक निजी/अनुदान प्राप्त कालेजों में अभी भी करीब 50 हजार सीटें रिक्त हैं। ये सभी स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों की सीटें हैं। अपर संचालक उच्च शिक्षा ने राज्य शासन की अनुमति से प्रवेश तिथि में वृद्धि का आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक 30 सितंबर तक कुलपतियों की अनुमति से प्रवेश लिया जा सकता है। शनिवार, रविवार की छुट्टी के कारण छात्रों को अगले सप्ताह के पांच दिनों का ही अवसर मिलेगा। विभाग ने इससे पहले भी दो बार अंतिम तिथि में वृद्धि की थी।
महिला पुलिस अफसर स्कूल-कॉलेजों में जाकर बताएंगे गुड टच-बैड टच
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 23 सितंबर। सरकार ने लड़कियों की सुरक्षा के लिए अभियान शुरू किया है। इसे हमर बेटी-हमर मान नाम दिया गया है। इसमें पुलिस के महिला अफसर स्कूल-कॉलेजों में जाकर बेटियों को कानूनी अधिकार समझाएंगे, और मार्गदर्शन भी देंगे।
सीएम ने इस अभियान पर ट्वीट किया कि जिस समाज में बेटियाँ सुरक्षित और सशक्त हों, वह समाज निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है।
उन्होंने बताया कि बेटियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार हमर बेटी- हमर मान अभियान प्रारंभ करने जा रही है। राज्य की पुलिस की महिला अधिकारी एवं कर्मचारी प्रदेश के सभी जिलों में स्कूल-कॉलेजों में जाकर बेटियों को उनके कानूनी अधिकार, गुड टच, बैड टच, छेडख़ानी, यौन शोषण, साइबर क्राइम, सोशल मीडिया क्राइम से बचाव और अधिकार जैसी बातों पर मार्गदर्शन और संवाद करेंगी।
गल्र्स स्कूल, कॉलेजों तथा महिलाओं, युवतियों की उपस्थिति वाली प्रमुख जगहों पर पुलिस की स्पेशल महिला पेट्रोलिंग लगाई जायेगी। हमर बेटी हमर मान हेल्पलाइन के लिये एक मोबाइल नंबर भी जारी किया जायेगा, जिस पर शिकायत करने से प्राथमिकता पर कार्रवाई होगी। महिला संबंधी अपराधों की विवेचना प्राथमिकता के आधार पर महिला विवेचकों से ही करवायी जायेगी। ऐसे अपराधों की विवेचना निर्धारित समय में पूरी होकर चालान पेश हो जाये, ये सुनिश्चित करने का दायित्व आईजी रेंज का होगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की कई घटनाएं प्रकाश में आई है। डुमतराई स्कूल के प्राचार्य के खिलाफ छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसी तरह तिल्दा, और अन्य जिलों में भी स्कूलों में छेड़छाड़ के प्रकरण सामने आए हैं। यही नहीं, कॉलेजों में भी छेडख़ानी के प्रकरण आए हैं। इन घटनाओं की रोकथाम और प्रभावी कार्रवाई के लिए सीएम के निर्देश पर अभियान शुरू किया गया है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 23 सितंबर। भिलाई इस्पात संयंत्र के कोक ओवन बैटरी क्रमांक 8 के पास ही एक खंडहर नुमा भवन है, जिसका उपयोग कर्मचारी कपड़ा बदलने के लिए करते हैं।
जानकारी के मुताबिक ठेका एजेंसी विनय इंडिया कंपनी का कर्मचारी मोहनलाल (37 वर्ष) निवासी जोरातराई आज सामान्य पाली में सुबह 8 बजे के करीब ड्यूटी पर पहुंचा। वह सीधे कार्यस्थल जाने की बजाय इस खंडहर भवन में पहुंच गया।
बताया जाता है कि करीब 9 बजे इस खंडहर में उक्त ठेका श्रमिक का शव फंदे पर लटकता मिला है। युवक ने खंडहर में लगे एक हुक में ही अपने कपड़े से फांसी लगा ली थी। इसकी जानकारी लगने के बाद विभाग में हडक़ंप मच गया। आनन-फानन में इसकी सूचना आला अधिकारियों को तथा ठेका एजेंसी के अधिकारियों को भी दी गई। मौके पर मौजूद लोगों ने भट्टी थाने में भी फोन कर इसकी सूचना दी।
सूचना के बावजूद भट्टी थाने से 1 बजे तक पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाई थी। इसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश की स्थिति बन गई। कर्मचारियों का कहना था कि सूचना के बावजूद अब तक पुलिस नहीं पहुंची है जबकि शव सुबह से ही फंदे पर लटका है। कर्मचारियों के आक्रोश को देखते हुए मौके पर सीआइएसएफ के जवानों ने घेराबंदी कर दी और किसी को भी घटनास्थल पर जाने नहीं दिया जा रहा था। दोपहर 1.30 बजे के करीब भट्टी थाना से पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और इसके बाद आवश्यक जांच कार्यवाही करते हुए शव को नीचे उतारा गया। आत्महत्या का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। मृत ठेका श्रमिक के परिजनों को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। भट्टी पुलिस का कहना है कि मामले में जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
एनआईए और ईडी ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े कई ठिकानों पर छापे मारे हैं और संगठन से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है. यह पहली बार नहीं है जब केंद्र सरकार ने पीएफआई के खिलाफ कदम उठाए हैं. जानिए क्या है पीएफआई.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि एनआईए और ईडी ने कथित रूप से आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच के संबंध में कम से कम 10 राज्यों में कई स्थानों पर छापे मारे. दोनों संस्थाओं ने अभी तक इन छापों के बारे में आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी है, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े कम से कम 100 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
जिन राज्यों में यह कार्रवाई की गई उनमें केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और असम शामिल हैं. 18 सितंबर को एनआईए ने पीएफआई के ही कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में करीब 40 स्थानों पर छापे मारे थे. एजेंसी का कहना था कि जिन्हें गिरफ्तार किया गया उनके खिलाफ आतंकवादियों गतिविधियों का प्रशिक्षण देने के लिए शिविर लगाने के आरोप थे.
क्या है पीएफआई
पीएफआई एक इस्लामी संगठन है जिसे सरकार एक उग्रवादी संगठन बताती है. इसका गठन 2006-07 के बीच केरल के नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु के मनिता नीति पसरई नाम के तीन इस्लामी संगठनों का विलय कर किया गया था.
संगठन की अधिकांश गतिविधियों के अल्पसंख्यकों, दलितों और हाशिए पर पहुंच चुके समुदायों के अधिकारों की रक्षा पर केंद्रित होती हैं. यह सबसे ज्यादा केरल में सक्रिय रहा है, लेकिन वहां कई बार संगठन पर हत्या, दंगे, हिंसा और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध रखने के आरोप लगते आए हैं.
2012 में ऐसे ही एक मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि पीएफआई "प्रतिबंधित गंगथन सिमी का दूसरा रूप है". सरकार ने पीएफआई के कार्यकर्ताओं पर हत्या के 27 मामलों में शामिल होने का आरोप लगाया था, जिनमें से अधिकांश सीपीएम और आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले थे. हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने पीएफआई को प्रतिबंधित संगठन घोषित नहीं किया है.
राजनीति में सक्रिय
2020 में केंद्रीय एजेंसियों ने पीएफआई पर नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को वित्त पोषित करने का भी आरोप लगाया था. संगठन का नाम अक्टूबर 2020 में उत्तर प्रदेश में पत्रकार सिद्दीक कप्पन की गिरफ्तारी के मामले में भी सामने आया था.
कप्पन केरल के एक मीडिया संगठन के लिए उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए सामूहिक बलात्कार मामले पर रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली से हाथरस जा रहे थे. उन्हें रास्ते में ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस और ईडी का आरोप है कि कप्पन के पीएफआई से संबंध हैं. वो लगभग दो साल से बिना जमानत के जेल में बंद हैं.
2009 में पीएफआई के कुछ सदस्यों ने ही सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) नाम से एक राजनीतिक पार्टी शुरू की जो धीरे धीरे चुनाव लड़ने लगी. एसडीपीआई अब केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में स्थानीय चुनावों, विधान सभा चुनावों और लोक सभा चुनावों में भी लड़ती है. केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में स्थानीय चुनावों में पार्टी ने कई सीटें जीती भी हैं. (dw.com)
पूर्वोत्तर राज्य मेघालय की एक गुफा में मौजूद खनिज स्तंभों के अध्ययन से भारत में बीते एक हजार वर्षों के सूखे के इतिहास और बारिश की जानकारी मिली है. यह गुफा गुजरे जमाने के मौसम से जुड़े कई रहस्यों पर से पर्दा उठा सकती है.
डॉयचे वैले पर प्रभाकर मणि तिवारी की रिपोर्ट-
यह अध्ययन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के ताजा अंक में छपा है. इस अध्ययन रिपोर्ट से देश में सूखे और अकाल के बारे में कई नई जानकारियां सामने आई हैं वहीं इसने कई पुराने मिथकों को भी तोड़ दिया है. इन गुफाओं में सदियों से टपकने वाले पानी के कारण जमा खनिज और चूने पत्थर के ढेर से देश में मौसम के बदलते मिजाज, सूखे और बाढ़ के बारे में बेहतर भविष्यवाणी करने में भी सहायता मिल सकती है. करीब तीन साल पहले अमेरिका के वंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों की एक टीम ने दावा किया था कि यह गुफा जलवायु परिवर्तन के अनसुलझे रहस्यों को उजागर करने में मदद कर सकती है.
मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 57 किलोमीटर दूर चेरापूंजी की मावम्लूह गुफा किसी भूगर्भीय खजाने से कम नहीं है. इस गुफा के भीतर एक हजार साल से भी लंबे समय से एक ही स्थान पर छत से वर्षा का पानी धीरे-धीरे टपक रहा है. प्रत्येक बूंद के साथ पानी में मिले खनिज तलछटी में जमा होकर कैल्शियम कार्बोनेट टावरों की शक्ल में बढ़ते हैं. इनको स्टैलेग्माइट्स कहा जाता है.
चूना पत्थर की परतों में इतिहास
ये स्टैलेग्माइट भूगर्भीय चमत्कारों से ज्यादा चमत्कारी हैं. इसकी परतों में बारिश का इतिहास दर्ज है. यह भविष्य में मौसम में बड़े पैमाने पर होने वाले उलटफेर या लंबे समय तक चलने वाले विनाशकारी सूखे का संकेत देने में भी सक्षम हैं.
ताजा अध्ययन के दौरान मिली जानकारियां अतीत में देश में भयावह सूखे और अकाल की पुष्टि करती हैं. शोधकर्ताओं की टीम की सदस्य रहीं गायत्री कथायत बताती हैं कि चूना –पत्थर के स्तंभों से मिली जानकारियां इस बात की पुष्टि करती हैं कि लंबे समय तक चलने वाले भयावह सूखे के कारण ही मुगलों ने फतेहपुर सीकरी से अपनी राजधानी हटा ली थी. वैज्ञानिकों को 1595 और 1620 के बीच मुगल काल में 25 साल लंबे सूखे के रासायनिक प्रमाण मिले हैं. उसी दौरान मुगलों ने अपनी तत्कालीन राजधानी फतेहपुर सीकरी से हटा ली थी.
इनसे पता चलता है कि 1780 और 1790 के दशक में तीस साल तक भयावह सूखे के दौरान किस तरह मुगल साम्राज्य का पतन हुआ और भारत का कपड़ा उद्योग बर्बादी की कगार पर पहुंच गया था. इस अध्ययन से वर्ष 1630-1632 के दौरान दक्कन में भयावह अकाल की भी पुष्टि होती है. फसलें बर्बाद होने के कारण तब लाखों लोग की असमय मौत हो गई थी.
मानसून के इतिहास की जरूरत
भारत में वैज्ञानिकों ने वर्ष 1870 में उपकरणों की सहायता से मानसून के दौरान होने वाली बारिश का आंकड़ा मापना शुरू किया था. उसके बाद अब तक 27 बार अलग-अलग इलाके भयावह सूखे का सामना कर चुके हैं. इनमें वर्ष 1985 से 1987 के दौरान लगातार तीन साल तक चलने वाला सूखा भी शामिल है. इन आंकड़ों से यह नहीं पता चला कि अतीत में कई बार लंबे समय तक चलने वाला सूखा या अकाल पड़ चुका है. हालांकि गुफा के चूना-पत्थर स्तंभों से मिली एक हजार साल के मौसम की जानकारी को ध्यान में रखे तो पूरी तस्वीर बदल जाती है. ताजा आंकड़ों से जल प्रबंधन में काफी सहायता मिलेगी.
इससे पहले अमेरिका के वंदेरबिल्ट यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने बीते 50 वर्षों में मेघालय में मावम्लूह गुफा के भीतर टपकने वाले चूना-पत्थर (स्टैलेग्माइट) के बढ़ते ढेर का अध्ययन किया है.
पर्यावरण में बदलाव का ब्यौरा
मेघालय को दुनिया में सबसे ज्यादा वर्षा वाला क्षेत्र कहा जाता है ‘साइंटिफिक रिपोर्ट' में प्रकाशित इस अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया था कि पूर्वोत्तर भारत में जाड़े के मौसम में होने वाली बारिश और प्रशांत महासागर में जलवायु की स्थिति में असामान्य संबंध देखने को मिला है. भारत समेत मानसूनी क्षेत्रों में चूना-पत्थर का यह स्तंभ वैश्विक पर्यावरण तंत्र को समझने में मददगार हो सकता है और यह पर्यावरण में होने वाले बदलाव को भी बताता है.
रिसर्चरों की टीम के सदस्य रहे डॉक्टर के छात्र एली रॉने ने बताया था कि गुफा के भीतर हवा और जल के प्रवाह से शुष्क मौसम में टपकने वाले चूने के ढेर को बढ़ने में मदद मिलती है. इससे अंदर की पारिस्थितिकी पर गहरा असर पड़ता है.
वैज्ञानिकों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि मेघालय की यह गुफा जलवायु परिवर्तन के अनसुलझे रहस्यों को उजागर करने में मदद कर सकती है. उनका कहना था कि इस गुफा के भीतर से स्टैलेग्माइट का अध्ययन कर उससे मिलने वाले आंकड़ों की सहायता से भारत में मानसून पैटर्न, सूखे और बाढ़ की बेहतर भविष्यवाणी करने में मदद मिल सकती है.
मेघालय की नार्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी के डा. तिलक ठाकुरिया कहते हैं, "यह अध्ययन पुरानी जानकारियों को पूरी तरह बदलते हुए भविष्य में मौसम में होने वाले गंभीर बदलावों से निपटने में कारगार साबित हो सकता है.” एक और मौसम विज्ञानी प्रोफेसर दीनबंधु सान्याल कहते हैं, "इस अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर सरकार को इस दिशा में और गहन शोध पर ध्यान देना चाहिए. पूर्वोत्तर भारत में जलवायु परिवर्तन का असर नजर आने लगा है. शोध से मिले नतीजे भावी खतरों से निपटने और सूखे आदि की भविष्यवाणी करने में मददगार हो सकते हैं.” (dw.com)