खेल
पेरिस, 1 जून| विश्व की दूसरे नंबर की महिला टेनिस खिलाड़ी जापान की नाओमी ओसाका ने सोमवार को मानसिक स्वास्थ्य के कारण मीडिया से बात नहीं करने के अपने रुख को लेकर फ्रेंच ओपन से अपना नाम वापस ले लिया। 23 साल की ओसाका ने रविवार को दूसरे दौर में प्रवेश किया था। ओसाका ने रोमानिया की पेट्रीका मारिया को हराया था लेकिन इसके बाद वह संवाददाता सम्मेलन के लिए नहीं गई थीं। इस पर आयोजकों ने उन पर 15 हजार डॉलर का जुर्माना लगाया था और साथ ही यह भी कहा था कि अगर वह ऐसा करती रहीं तो उन्हें ग्रैंड स्लैम इवेंट्स में नहीं खेलने दिया जाएगा।
ओसाका ने बयान में कहा, मुझे लगता है कि अब टूर्नामेंट, अन्य खिलाड़ियों और मेरी भलाई के लिए सबसे अच्छी बात यह है कि मैं पीछे हट जाती हूं ताकि हर कोई पेरिस में चल रहे टेनिस पर ध्यान केंद्रित कर सके। मैं कभी भी विचलित नहीं होनी चाहती थी और मैं इसे स्वीकार करती हूं। मेरा समय आदर्श नहीं था और मेरा संदेश स्पष्ट हो सकता था। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं मानसिक स्वास्थ्य को कभी भी तुच्छ नहीं मानूंगी या हल्के ढंग से शब्द का प्रयोग नहीं करूंगी।
ओसाका ने हालांकि संवाददाता सम्मेलन में नहीं जाने को लेकर पत्रकारों से माफी मांगी लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह पूरी तरह उनका व्यक्तिगत निर्णय था लेकिन चूंकी वह स्वाभाविक वक्ता नहीं हैं, लिहाजा वह मीडिया से सामने सहज नहीं हो पातीं। कई बार तो वह मीडिया के सामने नर्वस हो जाती हैं और किसी सवाल का सबसे अच्छा जवाब खोजने को लेकर तनाव में जाती हैं।
ओसाका ने कहा कि वह अभी टेनिस से ब्रेक ले रही हैं लेकिन यह नहीं कहा कि यह ब्रेक कितना लम्बा होगा।
ओसाका ने कहा, मैं अब कोर्ट से कुछ समय तक दूर रहूंगी। लेकिन जब समय सही होगा तो मैं वास्तव में टूर के साथ काम करना चाहती हूं ताकि हम खिलाड़ियों, प्रेस और प्रशंसकों के लिए चीजों को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा कर सकें। आशा है कि आप सभी स्वस्थ और सुरक्षित रहें क्योंकि मैं आप सबसे प्यार करती हूं और आपसे फिर जल्द ही मिलूंगी। (आईएएनएस)
मुंबई, 31 मई | भारत को 18 जून से शुरू हो रही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में केन विलियमसन की अगुवाई वाले न्यूजीलैंड को कम करके नहीं आंकना चाहिए। यह कहना है भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर का। अगरकर ने स्टार स्पोर्ट्स पर सोमवार को कहा, मुझे उम्मीद है भारत आने वाले मैच में न्यूजीलैंड को कम करके नहीं आंकेगा। मुझे नहीं लगता कि भारतीय टीम उन्हें कम आंकने की गली करेगी। मुझे लगता है कि अंडरडॉग टैग न्यूजीलैंड से दूर हो गया है।
डब्ल्यूटीसी फाइनल 18-22 जून के बीच साउथेम्प्टन के एजेस बाउल में खेला जाएगा।
अगरकर ने कहा, हर आईसीसी टूर्नामेंट जिसे आप देखते हैं - ठीक है, यह अपनी तरह का पहला टेस्ट चैंपियनशिप है - चाहे वह टी 20 विश्व कप हो, चैंपियंस ट्रॉफी, विश्व कप हो कीवी टीम हमेशा क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल या फाइनल में रही है। उनमें निरंतरता है। इसलिए, अंडरडॉग टैग हट जाना चाहिए। हां, शायद, कुछ अन्य टीमों में बड़े नाम हैं और इसलिए आप उन्हें पसंदीदा के रूप में गिनते हैं।
अगरकर को लगा कि भारत न्यूजीलैंड को कम नहीं आंकेगा। बकौल अगरकर इसलिए, मुझे नहीं लगता कि भारत उन्हें कम करके आंकेगा। भारत को अच्छा खेलना होगा क्योकि इस टीम को हराने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 31 मई | भारत के अमित पंघल दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के अंतिम दिन सोमवार को रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन से हार गए। इस तरह, अमित ने 2019 में जो खिताब जीता था, उसकी रक्षा वह नहीं कर सके। एशियाई खेलों के चैम्पियन टाप सीड पंघल को 52 किग्रा में शाखोबिदीन ने 3-2 से हराया। विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य जीत चुके पंघल को अब रजत पदक से संतोष करना होगा। एशियाई चैम्पियनशिप में यह कुल तीसरा और पहला रजत पदक है। इससे पहले पंघल ने 2019 में सोना और 2017 में ताशकंद में कांस्य पदक जीता था।
पंघल के अलावा शिव थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) आज ही फाइनल में हिस्सा लेंगे। असम के मुक्केबाज थापा, जो लगातार पांच पदक के साथ चैंपियनशिप में संयुक्त रूप से सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज रहे हैं, को एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग की चुनौती स्वीकार करनी है। दूसरी वरीयता प्राप्त संजीत का सामना रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता वासिली लेविट से होगा, जो एशियाई चैंपियनशिप के अपने चौथे स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर रिंग में उतरेंगे।
इससे पहले, बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारतीय महिलाओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 10 पदक हासिल किए। इसमें पूजा रानी (75 किग्रा) का स्वर्ण शामिल है जबकि 51 किग्रा वर्ग में एमसी मैरी कोम, 64 किग्रा वर्ग में लालबुतसाही और प्लस 81 किग्रा वर्ग में अनुपमा ने रजत पदक जीता।
इसके अलावा सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा) और स्वीटी (81 किग्रा) ने कांस्य रदक जीते। पुरुष वर्ग में विकास कृष्ण (69 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) ने भी कांस्य जीता।
इनकी शानदार सफलता के बूते भारत कुल 15 पदक जीत सका। खास बात यह है भारतीय महिलाओं ने हर भार वर्ग में पदक जीता और भारत को 2019 से बेहतर सफलता दिलाई, जब भारत ने बैंकाक में 13 पदक जीते थे।
इसमें हरियाणा की भिवानी की पूजा की उपलब्धि खास है क्योंकि वह अपना खिताब बचाने में सफल रहीं। मैरी कोम हालांकि अपना रिकार्ड छठा स्वर्ण नहीं जीत सकीं। इसी तरह लालबुतसाही ने अपने निडर खेल से सबको प्रभावित किया।
इस साल की खास बात यह है कि चैम्पियनशिप की पुरस्कार राशि में भारी इजाफा किया गया है। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने इस चैंपियनशिप के लिए 4,00,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि आवंटित की है।
पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जा रहा है जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जा रहा है।
उल्लखनीय है कि भारत, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी राष्ट्रों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाजों ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया।(आईएएनएस)
पेरिस, 31 मई| नंबर 11 सीड पेट्रा क्वितोवा ने अपना सर्वश्रेष्ठ टेनिस और बेल्जियम की क्वालीफायर ग्रीट मिनन के खिलाफ पहले दौर के फ्रेंच ओपन मैच में जीत हासिल की। इस मैच को जीतने के लिए हालांकि उन्हें मशक्कत करनी पड़ी लेकिन वह अंतत: 6-7(3), 7-6(5), 6-1 से जीत हासिल करने में सफल रहीं। अगर चेक खिलाड़ी हार जाती तो 11 साल में पहली बार वह पहले दौर में हारती। आखिरी बार वह 2010 में ओपनर मैच में हार गई थी, जब वह 20 साल की एक गैर-वरीयता प्राप्त थी और ऑस्ट्रेलियाई क्वालीफायर सोफी फग्र्यूसन के खिलाफ खेल रही थईं।
इससे पहले रविवार को दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी और चार बार की ग्रैंड स्लैम खिताब विजेता ओसाका ने 63वीं रैंकिंग की रोमानिया की पेट्रीसिया मारिया टिग को 6-4, 7-6(4) से हराकर अपने अभियान की मजबूत शुरूआत की।
पहले दौर के अन्य मैचों में, स्पेन की 33वीं वरीयता प्राप्त पाउला बडोसा ने संयुक्त राज्य अमेरिका की लॉरेन डेविस पर 6-2, 7-6 (3) की जीत के साथ अपना बढ़िया क्ले कोर्ट सीजन जारी रखा।
इसी तरह, यूक्रेन की क्वालीफायर एनहेलिना कलिनिना ने दुनिया की पूर्व नंबर-1 जर्मनी की एंजेलिक कर्बर को डेढ़ घंटे तक चले मुकाबले में 6-2, 6-4 से मात दी।
139वीं रैंकिंग वाली एनहेलीना ने असाधारण रूप में फ्रेंच ओपन क्वालीफायर में प्रवेश किया, जिसने पुर्तगाल और क्रोएशिया में लगातार आईटीएफ चैलेंजर इवेंट जीते। उसने दुनिया की 27वें नंबर की सर्विस को एंजेलिक को छह बार तोड़ा और शीर्ष- 30 में शामिल किसी खिलाड़ी पर अपनी पहली जीत दर्ज की।
अमेरिकी डेनियल कॉलिन्स, जिन्होंने मार्च में मियामी ओपन के बाद से नहीं खेला था और हाल ही में एंडोमेट्रियोसिस के इलाज के लिए सर्जरी करवाई थी, ने चीनी क्वालीफायर वांग शियू को दो घंटे 15 मिनट, 6-2, 4-6, 6-4 से मात दी। (आईएएनएस)
कोलकाता, 30 मई| भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर के अनुसार ऐसी चर्चा चल रही है कि न्यूजीलैंड को भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल मुकाबले से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने से फायदा मिलेगा। हालांकि, गावस्कर का कहना है कि वह इस बात से सहमत नहीं है। केन विलियम्सन की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड टीम का सामना इंग्लैंड के साथ दो जून से होना है। दोनों टीमों के बीच टेस्ट सीरीज 14 जून को खत्म होगी जिसके बाद कीवी टीम 18 जून से भारत के साथ डब्ल्यूटीसी का फाइनल मुकाबला खेलेगी।
गावस्कर ने कहा, "कुछ लोगों का मानना है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल मुकाबले से पहले इंग्लैंड के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने से न्यूजीलैंड को फायदा होगा क्योंकि वह यहां के वातावरण को समझ लेंगे।"
उन्होंने कहा, "लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। अगर न्यूजीलैंड को इस सीरीज में हार का सामना करना पड़ा तो उनका मनोबल टूटेगा और हो सकता है कि उनके कुछ खिलाड़ियों को चोट से जूझना पड़े क्योंकि जून की शुरूआत में इंग्लैंड में अक्सर ऐसा होता है।"
गावस्कर ने कहा, "भारतीय टीम के लिए एक फायदा रहेगा कि जब वह फाइनल मुकाबले में उतरेगी तो एक दम तरोताजा और ऊर्जा से भरी हुई रहेगी। इतने दिनों के अंतराल के बाद मैच खेलने से इनका उत्साह चरम पर रहेगा।"
पूर्व कप्तान ने कहा, "यह टीम ऐसी है जिसने विपरीत परिस्थितियों में सफलता का स्वाद चखा है, इसलिए किसी भी तरह की विषम स्थिति इनके लिए इससे पार पाने का एक अवसर होगी।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 30 मई | भारतीय महिला मुक्केबाजों ने दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रविवार को चार भार वर्ग के फाइनल में हिस्सा लिया, जिसमें से सिर्फ 75 किग्रा में पूजा रानी अपना खिताब बचाते हुए भारत को टूर्नामेंट का पहला स्वर्ण दिलाने में सफल रहीं। शेष भार वर्ग में पांच बार की चैम्पियन एमसी मैरी कोम, लालबुतसाही और अनुपमा को हार मिली। भारत ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जा रही इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में कुल 15 पदक जीते हैं, जिनमें एक स्वर्ण, तीन रजत और 8 कांस्य हैं। पुरुष वर्ग में तीन खिलाड़ी फाइनल में पहुंच चुके हैं और उनका कम से कम रजत पदक जीतना तय है। पुरुष वर्ग में मौजूदा चैम्पियन अमित पंघल, अब तक इस टूनार्मेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके शिवा थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) सोमवार को अंतिम बार एक्शन में दिखेंगे।
.भारत को दिन की पहली बड़ी सफलता पूजा रानी ने दिलाया। वह एशियाई चैम्पियनशिप में अपना खिताब बचाने में सफल रही हैं। पूजा ने 75 किग्रा के फाइनल मुकाबले में उजबेकिस्तान की मावलुदा मोल्दोनोवा को एकतरफा अंदाज में हराते हुए भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। साल 2019 में खिताब जीतने वाली ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं पूजा रानी ने मोल्दोनोवा को 5-0 से हराया।
हरियाणा के भिवानी की पूजा का एशियाई चैम्पियनशिप में यह चौथा और लगातार दूसरा स्वर्ण पदक है। इंचियोन एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीत चुकीं पूजा ने बैंकाक में 2019 में स्वर्ण जीता था जबकि उससे पहले 2015 में कांस्य और 2012 में रजत पदक जीता था।
इससे पहले, छह बार की विश्व चैम्पियन मैरी कोम को अपना आइडल मानने वाली लालबुतसाही को फाइनल में हार मिली। पहली बार एशियाई चैम्पियनशिप में खेल रहीं पुलिस में काम करने वाली और 2019 विश्व पुलिस खेलों में स्वर्ण पदक जीतन वाली लालबुतसाही का 64 किग्रा के फाइनल में सामना कजाकिस्तान की मिलाना साफरोनोवा से हुआ। वह अनुभवी साफरोनोवा से बिल्कुल नहीं डरीं और जमकर मुक्के बरसाए लेकिन वह 2-3 से यह मुकाबला हार गईं।
लालबुतसाही से पहले मैरी कोम अपने रिकार्ड छठे स्वर्ण से महरूम रह गईं थी। मैरी को 51 किग्रा वर्ग के फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन नाजि़म काजैबे ने 3-2 से हराया। मैरी ने एशियाई चैम्पियनशिप में सातवीं बार हिस्सा लेते हुए दूसरी बार रजत पदक जीता है। उनके नाम पांच स्वर्ण और दो रजत हैं। मैरी कोम और लैशराम सरिता देवी ने एशियाई चैम्पियनशिप में पांच-पांच स्वर्ण पदक जीते हैं। इस महान मुक्केबाज ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 संस्करणों में स्वर्ण जीता था जबकि 2008 औ? इस साल उनके हिस्से में रजत पदक आया था।
रविवार का अंतिम फाइनल मुकाबला प्लस 81 किग्रा कटेगरी में हुआ, जिसमें भारत की अनुपमा को कजाकिस्तान की लाज्जत कुंगाबेयेवा ने 3-2 से हराया।
इस साल की खास बात यह है कि चैम्पियनशिप की पुरस्कार राशि में भारी इजाफा किया गया है। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने इस चैंपियनशिप के लिए 4,00,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जा रहा है जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जा रहा है।
आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इन सबने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है।
उल्लखनीय है कि भारत, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी राष्ट्रों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाजों ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया।(आईएएनएस)
मोहाली, 31 मई| यहां के एक स्थानीय अस्पताल में कोविड-19 का इलाज करा रहे दिग्गज भारतीय धावक मिल्खा सिंह को रविवार को अनुरोध पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। हालांकि उनकी हालत स्थिर है। सिंह की पत्नी निर्मल हालांकि, जो भारत की पूर्व वॉलीबॉल कप्तान थीं, को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में स्थानांतरित कर दिया गया है।
फोर्टिस अस्पताल के मेडिकल बुलेटिन में रविवार को कहा गया, परिवार के अनुरोध पर मिल्खा सिंह को स्थिर स्थिति में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्हें ऑक्सीजन और पोषण संबंधी सहायता दी गई है।
बयान में कहा गया, मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल को आईसीयू में स्थानांतरित करना पड़ा और उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।
पिछले हफ्ते, सिंह को कोविड -19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में, उनकी पत्नी को भी भर्ती कराया गया, क्योंकि वह भी कोविड -19 पॉजिटिव पाई गई थीं। (आईएएनएस)
पेरिस, 31 मई| स्पेन के टेनिस खिलाड़ी पाब्लो अंडुजर ने अपने करियर में पहली बार दो सेट से पिछड़ने के बाद उल्लेखनीय सुधार करते हुए किसी ग्रैंड स्लैम में शीर्ष -5 खिलाड़ी को हराया। अंडुजार ने यहां जारी फ्रेंच ओपन के पहले दौर में चौथी वरीयता प्राप्त ऑस्ट्रियाई खिलाड़ी डोमिनिक थीम को 4-6, 5-7 , 6-3, 6-4, 6-4 से हराया।
वल्र्ड नंबर- 68 अंडुजर ने फिलिप-चैटियर कोर्ट पर 2018 और 2019 के फाइनलिस्ट को हराने के लिए चार घंटे और 28 मिनट में लगे।
दो हफ्ते पहले गोनेट जिनेवा ओपन में रोजर फेडरर को हराने वाले अंडुजार का अब शीर्ष 10 विरोधियों के खिलाफ करियर का 6-23 रिकॉर्ड है।
अंडुजार अब दूसरे दौर में या तो मोल्दोवन राडू अल्बोट या अर्जेंटीना के फेडेरिको डेलबोनिस के खिलाफ खेलेंगे।
वल्र्ड नंबर-4 थीम, जो 2018 और 2019 के फाइनल में राफेल नडाल हारे थे की रोलां गैरो में आठ मैचों में यह पहली ओपनिंग-राउंड हार थी।
अन्य मुकाबले में इटली के 27वें वरीय फैबियो फोगनिनी ने फ्रांस के वाइल्ड कार्ड ग्रीगोइरे बैरेरे को दो घंटे आठ मिनट में 6-4, 6-1, 6-4 से हराया।
फोगनिनी अब हंगरी के मार्टन फुस्कोविक्स से खेलेंगे, जिन्होंने फ्रांस के गाइल्स साइमन को तीन घंटे और 13 मिनट में 6-4, 6-1, 7-6 (5) से हराया। (आईएएनएस)
ट्यूनिस, 30 मई | भारत की महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी दिव्या चिताले और स्वास्तिका घोष ने यहां चल रहे डब्ल्यूटीटी यूथ स्टार कंटेंडर में अंडर-19 युगल वर्ग के नॉकआउट में जगह बनाई और भारत के लिए पदक पक्का किया।
दिव्या और स्वास्तिका ने स्थानीय जोड़ी फादवा गार्सी और मारम जोघलामी को क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 11-5, 6-11, 11-9, 11-8 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई और कम से कम कांस्य पदक पक्का किया।
दिव्या और स्वास्तिका का अब सेमीफाइनल में मुकाबला चेक गणराज्य की लिंडा जादेरोवा और क्रोएशिया की हाना अरापोविच की जोड़ी से होगा।
दिव्या और स्वास्तिका ने अंडर-19 एकल वर्ग में अपने-अपने ग्रुप में शीर्ष स्थान पर रहने के साथ ही अंतिम-16 में जगह बनाई।
इससे पहले लड़कों के अंडर-15 एकल वर्ग में प्रेयेश राज सुरेश क्वार्टर फाइनल में हार के साथ बाहर हो गए थे। (आईएएनएस)
बर्लिन, 29 मई | यूईएफए की समिति ने फुटबाल में यूरोपीय क्लब प्रतियोगिता से अवे गोल नियम को समाप्त करने की सिफारिश की है। डीपीए की रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर चर्चा करने वाले करीबी सूत्रों का कहना है कि क्लब प्रतियोगिता समिति ने यह सुझाव दिया है, लेकिन अब इस पर अंतिम फैसला यूईएफए की कार्यकारी समिति को लेना है।
फुटबाल में अवे गोल की शुरूआत 1965 में की गई थी और इसे चैंपियंस लीग तथा यूरोपा लीग में लागू किया गया था। इन टूर्नामेंटों के नॉकआउट मैचों में अगर दोनों टीमें पहले और दूसरे चरण के बाद अगर एकसमान गोल करती है तो विजेता का फैसला अवे गोल के आधार पर किया जाता है।
मौजूदा नियम के अनुसार, जो टीम अधिक अवे गोल करती है तो वह अगले राउंड में जाती है और अगर दोनों टीमों के अवे गोल की संख्या एकसमान है तो मुकाबला इंजुरी टाइम में जाता है। अगर नियम में बदलाव होता है, तो ड्रॉ के मुकाबले इंजुरी टाइम में जाने की उम्मीद है, जिसका अर्थ है कि कई और मुकाबले अंतत: पेनल्टी शूट-आउट में जाएंगे।(आईएएनएस)
पेरिस, 29 मई| लाल बजरी के बादशाह स्पेन के राफेल नडाल रविवार से यहां शुरू होने जा रहे फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट में रिकॉर्ड 14वीं बार चैंपियन बनने का लक्ष्य लेकर अपने अभियान की शुरूआत करेंगे। नडाल अगर इस बार फ्रेंच ओपन खिताब जीतते हैं तो उनके करियर का यह 21वां ग्रैंड स्लैम खिताब होगा। कोविड-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट की शुरूआत एक सप्ताह देरी से हो रहा है।
मौजूदा चैंपियन नडाल ने पुरुष एकल वर्ग में अब तक सबसे ज्यादा 13 बार फ्रेंच ओपन का खिताब जीता है। उनके बाद ओपन ऐरा में बीजोन बॉर्न ने छह बार यह खिताब अपने नाम किया है। नडाल को इस बार टूर्नामेंट में तीसरी सीड मिली है।
34 साल के नडाल वल्र्ड नंबर 62 आस्ट्रेलिया के पोपरीन के खिलाफ मुकाबले से अपने खिताब बचाओ अभियान की शुरूआत करेंगे।
उन्होंने पिछले साल के फाइनल में सर्बिया के नोवाक जोकोविच को हराकर लगातार चौथी बार फ्रेंच ओपन का खिताब और अपने करियर का 20वां ग्रैंड स्लैम खिताब जीता था और साथ ही उन्होंने रोजर फेडरर के 20 ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी की थी।
नडाल के दुनिया के मात्र तीसरे ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 2008, 2010, 2017 और 2020 में बिना कोई सेट गंवाए खिताब जीता है। उनके अलावा इली नास्तासे 1973 में और बॉर्ग 1978 तथा 1980 में यह कारनामा कर चुके हैं। स्पेनिश खिलाड़ी पेरिस में 102 में से केवल दो मुकाबला हारे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली,30 मई| अंतरराष्ट्रीय कुश्ती रेफरी अशोक कुमार जुलाई-अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलंपिक खेलों के दौरान अंपायरिंग के लिए नामित होने वाले अकेले भारतीय हैं। खेल की शासी निकाय यूनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग (वहह) ने कुमार को नामित किया है।
कुमार ने आईएएनएस से कहा, यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा चुना गया मैं अकेला भारतीय रेफरी हूं। मैं ओलंपिक के दौरान अंपायरिंग करूंगा। ओलंपिक के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए एक चयन प्रक्रिया थी और मैंने उन मानदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया।
50 वर्षीय कुमार ने कहा कि रेफरी के लिए चयन प्रक्रिया 2019 सीनियर वल्र्ड रेसलिंग चैंपियनशिप कजाकिस्तान में शुरू हुई थी, इसके बाद पिछले महीने अल्माटी में एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर हुए थे।
भारतीय वायु सेना के कर्मचारी कुमार को 2016 के रियो ओलंपिक खेलों के दौरान भी मुकाबलों में भाग लेने के लिए नामित किया गया था।
कुमार को 2005 में अपना अंतरराष्ट्रीय रेफरी लाइसेंस मिला। तब से उन्होंने 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में अंपायरिंग की है, जिसमें 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और उसी वर्ष हुए जकार्ता एशियाई खेल शामिल हैं।
वह भारतीय वायु सेना कुश्ती टीम के कोच भी हैं। (आईएएनएस)
मुंबई, 29 मई| भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने शनिवार को पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ अपने रिश्ते को 'विश्वास' और 'सम्मान' पर आधारित बताया। कप्तान कूल धोनी के साथ अपने संबंध को दो शब्दों में परिभाषित करने को लेकर इंस्टाग्राम पर किए गए एक सवाल पर कोहली ने कहा: विश्वास, सम्मान।
पिछले साल आर. अश्विन के साथ एक इंस्टाग्राम चैट के दौरान, कोहली ने धोनी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि धोनी ने उन्हें राष्ट्रीय टीम का कप्तान बनने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
शनिवार को जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें आलोचना या तारीफ पसंद है, तो कप्तान ने कहा कि वह रचनात्मक आलोचना और वास्तविक प्रशंसा के लिए तैयार हैं। लेकिन उन्हें कुछ भी नकली स्लीकार नहीं है।
जीवन के बुरे दौर में उन्होंने खुद को कैसे प्रेरित रखा, इस सवाल पर कोहली ने कहा: दिनचर्या को सही करो और परिणाम की परवाह किए बिना इसे जारी रखो। (आईएएनएस)
नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज माइकल हसी ने कहा था कि टी20 वर्ल्ड कप के लिए भारत की यात्रा करना अब सुरक्षित नहीं है. चेन्नई सुपर किंग्स के बल्लेबाजी कोच हसी आईपीएल-2021 के दौरान कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे. अब भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने उन्हें जवाब दिया है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इस साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के भाग्य का फैसला करने के लिए आईसीसी से बात कर रहा है.
ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण देते हुए कि कैसे कुछ शहरों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बावजूद बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के साथ देश आगे बढ़ा, गावस्कर ने भारत के इस टूर्नामेंट की मेजबानी की संभावना पर 'समय से पहले' नहीं बोलने का अनुरोध किया. गावस्कर ने 'द स्पोर्टस्टार' के लिए अपने कॉलम में लिखा, 'ऑस्ट्रेलियाई लोगों को उन शहरों में भी भारत के दौरे को लेकर कोई दिक्कत नहीं थी, जहां सक्रिय कोविड-19 मामले थे. फिर चाहे वह कई हजार मामलों की तुलना में कुछ सौ ही हो, तथ्य यह है कि ऑस्ट्रेलिया में किसी ने भी सुझाव नहीं दिया कि भारत के साथ सीरीज कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के दौरान नहीं की जानी थी. मेलबर्न में सक्रिय कोविड मामलों के बावजूद ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट भी आयोजित किया गया.'
उन्होंने लिखा, 'तो उन लोगों से समान सहानुभूति की जरूरत पर पूछना चाहिए, जो इसे (टी20 वर्ल्ड कप) को भारत से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर अगस्त के अंत तक स्थिति में सुधार नहीं होता है तो हर तरह से इसे संयुक्त अरब अमीरात में ले जाएं, जो इसके लिए स्टैंडबाय स्थान है, लेकिन कृपया अभी इस मामले में कुछ ना कहें. यूएई ने हाल के दिनों में दिखाया है कि वह बड़ी घटनाओं को संभाल सकता है और निश्चित रूप से इसकी मेजबानी करने का एक अच्छा काम करेगा.'
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नई दिल्ली, 29 मई | छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम और मौजूदा चैंपियन अमित पंघल उन सात भारतीय मुक्केबाजों में शामिल हैं, जो दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में खेलेंगे। पूजा रानी (75 किग्रा), अनुपमा (81 किग्रा) और लालबुतसाही (64 किग्रा) के साथ ओलंपिक पदक विजेता अनुभवी मैरी कॉम रविवार को अपने-अपने अंतिम मुकाबले खेलेंगी जबकि पुरुष वर्ग में पंघल, अब तक इस टूर्नामेंट में पांच पदक अपने नाम कर चुके शिवा थापा (64 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) सोमवार को एक्शन में होंगे।
इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारतीय दल ने पहले ही अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए 15 पदक अपने नाम कर लिए हैं। यह इस चैम्पियनशिप में उसका अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन है। बैंकाक में 2019 में भारत ने 13 पदक (2 स्वर्ण, 4 रजत और 7 कांस्य) जीते थे और तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था।
इस साल की खास बात यह है कि चैम्पियनशिप की पुरस्कार राशि में भारी इजाफा किया गया है। इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (एआईबीए) ने इस चैंपियनशिप के लिए 4,00,000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि आवंटित की है।
पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा।
मैरी कॉम सातवीं बार एशियाई चैम्पियनशिप में खेल रही हैं और वह अपने छठे स्वर्ण पदक के लक्ष्य के साथ 51 किग्रा फाइनल में दो बार की विश्व चैंपियन कजाख मुक्केबाज नाजि़म क्याजैबे की कड़ी चुनौती का सामना करेंगी।
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं एक अन्य भारतीय पूजा रानी, जिन्हें सेमीफाइनल में वॉक-ओवर मिला था, का सामना उज्बेकिस्तान की मावलुदा मोवलोनोवा से होगा। मावलुदा ने अंतिम -4 में लंदन ओलंपिक में पदक जीतने वाली मरीना वोल्नोवा की चुनौती को समाप्त किया था। दूसरी ओर, लालबुत्साई और अनुपमा को भी अपने-अपने भार वर्ग के फाइनल में मजबूत कजाख मुक्केबाजों का सामना करना होगा।
पुरुषों के वर्ग में एशियाई खेलों के चैम्पियन पंघल सोमवार को स्वर्ण पदक के मैच में रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन के खिलाफ खेलते हुए अपने खिताब की रक्षा करने की कोशिश करेंगे।
असम के मुक्केबाज थापा, जो लगातार पांच पदक के साथ चैंपियनशिप में संयुक्त रूप से सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज रहे हैं, को एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के बातरसुख चिनजोरिग की चुनौती स्वीकार करनी होगी।
दूसरी वरीयता प्राप्त संजीत का सामना रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता वासिली लेविट से होगा, जो एशियाई चैंपियनशिप के अपने चौथे स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर रिंग में उतरेंगे।
आठ भारतीय मुक्केबाज सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा), साक्षी चौधरी (64 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इन सबने देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है।
उल्लखनीय है कि भारत, उज्बेकिस्तान, मंगोलिया, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी राष्ट्रों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाजों ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया है।(आईएएनएस)
दुबई, 29 मई | श्रीलंका ने तीन मैचों की वनडे सीरीज के अंतिम मैच में बांग्लादेश को 97 रन से हराने के बाद आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप सुपर लीग में अपना खाता खोल लिया है और वह 12वें स्थान पर है। मेहमान टीम को हालांकि बांग्लादेश दौरे पर 1-2 से सीरीज गंवानी पड़ी। श्रीलंका ने सुपर लीग में अब तक छह मैच खेले हैं और उसमें से उसे अब तक केवल एक ही जीत मिली है। टीम को अब जुलाई में सीमित ओवरों की सीरीज के लिए भारत की मेजबानी करनी है।
हालांकि सुपर लीग में अपना खाता खोलने के बाद भी श्रीलंका अभी तालिका में 12वें नंबर पर है। उसके 11वें स्थान पर काबिज दक्षिण अफ्रीका से एक अंक कम है। जिम्बाब्वे नौवें और आयरलैंड 10वें नंबर पर है।
बांग्लादेश की टीम नौ मैचों से पांच जीत के साथ 50 अंक लेकर तालिका में टॉप पर है। उसके बाद इंग्लैंड की टीम है, जोकि नौ मैचों में चार जीत और 40 अंकों के साथ दूसरे नंबर पर है। पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया 40-40 अंकों के साथ क्रमश: तीसरे और चौथे नंबर पर है।
वहीं, न्यूजीलैंड, अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज 30-30 अंकों के साथ क्रमश : पांचवें, छठे और सातवें नंबर पर है। भारत 29 अंकों के साथ आठवें नंबर पर है। तालिका की टॉप सात टीम को 2023 में भारत में होने वाले विश्व कप के लिए सीधे प्रवेश मिलेगा, जबकि मेजबान होने के नाते भारत भी सीधे इस टूर्नामेंट में प्रवेश करेगा।(आईएएनएस)
पेरिस, 28 मई| स्पेन के टे्निस खिलाड़ी राफेल नडाल का मानना है कि किसी एथलीट के करियर को बढ़ाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। नडाल का बयान ऐसे समय आया है जब पिछले दिन ही विश्व की नंबर-2 महिला टेनिस खिलाड़ी जापान की नाओमी ओसाका ने फ्रेंच ओपन के दौरान मीडिया से दूरी बनाने की बात कही थी। हालांकि, नडाल ने ओसाका के इस फैसले की सराहना की है।
13 बार के फ्रेंच ओपन चैंपियन नडाल ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में कहा, "मैं ओसाका को समझ सकता हूं लेकिन मेरे अनुसार, मीडिया वो है जो हमारी उपलब्धियों के बारे में लिखते हैं। अगर यह नहीं होते तो हम लोग भी इस तरह के एथलीट नहीं होते जैसे अभी हैं।"
उन्होंने कहा, "इनके बिना हमें वो पहचान नहीं मिलती जो दुनिया में अभी है और शायद हम इतने लोकप्रिय भी नहीं होते।"
जापान की ओसाका ने हाल ही में कहा था कि वह फ्रेंच ओपन के दौरान मीडिया से दूर रहेंगे क्योंकि प्रेस वार्ता के दौरान लोग एथलीटों की मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रखते हैं।
महिला टेनिस संघ (डब्ल्यूटीए) ने इस पर कहा था कि चार बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन ओसाका की जिम्मेदारी बनती है कि वह मीडिया से बात करें।
डब्ल्यूटीए ने कहा, "हमारे लिए हर एक व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य जरूरी है। हमारे पास प्रोफेशनल टीम है जो खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखती है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 29 मई| एशियाई चैम्पियशिप के मौजूदा विजेता भारत के अमित पंघल और पूर्व एशियाई चैम्पियन शिवा थापा के बाद अब संजीत ने भी शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के अपने-अपने भार वर्ग के फाइनल में जगह बना ली है। पंघल लगातार दूसरी बार इस चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचे हैं जबकि थापा टाप सीड को हराते हुए 2017 के बाद पहली बार फाइनल का टिकट कटाने में सफल रहे हैं। सेमीफाइनल में भारत के वरिंदर और विकास कृष्ण को हार मिली। भारत अब तक इस चैम्पियनशिप में 15 पदक सुरक्षित कर चुका है, जिसमें कम से कम सात रजत हैं।
मौजूदा एशियाई खेल चैम्पियन और टाप सीड पंघल का सेमीफाइनल में सामना तीसरे सीड कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव से हुआ। पंघल ने 5-0 के अंतर से जीत हासिल की। पंघल ने 2019 विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में भी साकेन को हराया था।
पंघल का फाइनल में सामना मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से सोमवार को होगा। साल 2019 के फाइनल में भी दोनों के बीच खिताबी भिड़ंत हुई थी।
इस जीत के साथ पंघल ने अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया है। मजेदार बात यह है कि एशियाई चैम्पियनशिप में पंघल तीनों रंगों के पदकों पर कब्जा कर चुके हैं। 2017 में ताशकंद में पंघल ने लाइट फ्लाइवेट कटेगरी में हिस्सा लेते हुए कांस्य जीता था। 2019 में बैंकाक में हालांकि पंघल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।
पंघल के बाद भारत के वरिंदर का सामना 60 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में ईरान के डानियाल शाहबख्श से हुआ। वरिंदर यह मैच 2-3 से हार गए। इस तरह उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
इसके बाद 64 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में एशियाई चैम्पियनशिप में पांचवें पदक पर कब्जा जमा चुके शिवा थापा का सामना टाप सीड ताजिकिस्तान के बखोदुर उस्मोनोव से हुआ से हुआ। थापा ने टाप सीड को चौंकाते हुए यह मुकाबला 4-0 से अपने नाम किया और अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया।
2013 में अम्मान में स्वर्ण और 2017 में ताशकंद में रजत जीत चुके थापा तीसरी बार फाइनल में पहुंचे हैं, जहां उनका दूसरे सीड और 2018 के एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाले मंगोलिया के बारतासुख चिनजोरिग से होगा। यह मुकाबला सोमवार को खेला जाएगा।
दिन के चौथे मुकाबले में एशियाई चैम्पियनशिप में अपना तीसरा पदक सुरक्षित कर चुके विकास कृष्ण ने 69 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में टाप सीड उजबेकिस्तान के बातुरोव बोबो-उस्मोन का सामना किया।
मुकाबले के दौरान विकास की आंख के ऊपर कट लग गई। यह घटना पहले राउंड में ही हुई। उस समय तक ढाई मिनट का खेल हुआ था। इसी के आधार पर बारुतोव को विजेता घोषित किया गया। विकास को यह चोट पिछले मैच में लगी थी लेकिन आज के मैच में उसी घाव पर पंच लगने के कारण खून रिसने लगा, जिसके बाद मेडिकल टीम ने विकास को आगे खेलने की अनुमति नहीं दी।
इसके बाद भारतीयों के लिहाज से दिन के अंतिम मुकाबले में दूसरे सीड संजीत ने 91 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में उजबेकिस्तान के तुर्सुनोव सांजार को 5-0 से हराया।
इससे पहले, छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम (51 किग्रा) ने गुरुवार को भारत की तीन और भारतीय महिला मुक्केबाजों- पूजा रानी (75 किग्रा), अनुपमा (प्लस 81 किग्रा) और लालबुतसाही (64 किग्रा) के साथ टूनार्मेंट फाइनल में प्रवेश किया।
गत चैंपियन पूजा को मंगोलिया की मुंखबत के खिलाफ वॉक-ओवर मिला। जबकि गुरुवार की देर रात खेले गए अन्य अंतिम -4 मुकाबलों में, उनकी विरोधी कुवैत की नूरा अलमुतारी द्वारा भारतीय के लगातार हमलों के कारण दूसरे राउंड में ही बाउट को छोड़ने के बाद लालबुत्साईही को विजेता घोषित किया गया था। अनुपमा (+81 किग्रा) ने भी उज्बेकिस्तान की मोखिरा अब्दुल्लाएवा के खिलाफ जीत हासिल की।
इस बीच, 54 किग्रा में एक काफी दुखद: घटना हुई। दो बार की युवा विश्व चैंपियन साक्षी चौधरी, जिन्हें शुरू में विजेता घोषित किया गया था, को फाइनल से हटना पड़ा। उनकी प्रतिद्वंद्वी दीना जोलामन द्वारा अंतिम राउंड के फाइट की समीक्षा करने की अपील के बाद साक्षी को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा क्योंकि जूरी ने कजाख मुक्केबाज के दावे को बरकरार रखा और उसके पक्ष में परिणाम दिया।
सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा) मोनिका (48 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) अन्य महिला मुक्केबाज हैं, जिन्हें अपने-अपने वर्ग में संघर्ष के बाद सेमीफाइनल में हार मिली और इस तरह इन चारों को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में भारत अब 15 पदक सुरक्षित कर चुका है। यह इस चैम्पियनशिप में भारतीय दल का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। बैंकॉक में 2019 मे आयोजित संस्करण से भारत ने कुल 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारत तीसरे स्थान पर रहा था।
इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ( एआईबीए) ने एशिया के इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए 4,00,000 अमेरीकी डालर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा। महिला और पुरुष वर्ग के फाइनल मैच क्रमश: शनिवार और रविवार को होंगे।
इस आयोजन में अब भारत, उज्बेकिस्तान, फिलीपींस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत मुक्केबाजी देशों सहित 17 देशों के 150 मुक्केबाज अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। शुरूआत में इस टूनार्मेंट में 27 से अधिक देशों की भागीदारी की उम्मीद थी। हाल ही में लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों के कारण, हालांकि कुछ देश इसमें भाग नहीं ले सके। (आईएएनएस)
टोक्यो, 28 मई | टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति की प्रमुख सेइको हाशिमोतो ने शुक्रवार को कहा कि ओलंपिक में कितने स्थानीय दर्शकों को शामिल होने दिया जाएगा इस पर फैसला स्टेट ऑफ इमरजेंसी हटने के बाद लिया जाएगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने टोक्यो सहित अन्य आठ प्रायद्वीप में कोरोना के कारण स्टेट ऑफ इमरजेंसी को 20 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है।
सुगा की घोषणा के कुछ देर बाद हाशिमोतो ने कहा कि दर्शकों को शामिल करने पर फैसला जल्द से जल्द लिया जाना था लेकिन अब इसे स्टेट ऑफ इमरजेंसी हटने के बाद लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, "अभी खेलों को सुरक्षि वातावरण में कराने के लिए मेडिकल उपकरण मुहैया कराना महत्वपूर्ण है।"
ओलंपिक में विदेशी दर्शकों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा हुआ है और कितने स्थानीय दर्शकों को शामिल होने की इजाजत देना है इस पर फैसला अप्रैल के अंत तक लिया जाना था लेकिन स्टेट ऑफ इमरजेंसी के कारण आयोजकों को इस फैसले को जून तक टालना पड़ा है।
जापान की सरकार और आयोजकों पर कोरोना के बढ़ते मामले के कारण मेडिकल विशेषज्ञ और जापान के लोगों का ओलंपिक को स्थगित या रद्द करने का दबाव है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 मई | एशियाई चैम्पियशिप के मौजूदा विजेता भारत के अमित पंघल ने शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन करते हुए दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है। पंघल लगातार दूसरी बार इस चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंचे हैं। मौजूदा एशियाई खेल चैम्पियन और टाप सीड पंघल का सेमीफाइनल में सामना तीसरे सीड कजाकिस्तान के साकेन बिबोसिनोव से हुआ। पंघल ने 5-0 के अंतर से जीत हासिल की। पंघल ने 2019 विश्व चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में भी साकेन को हराया था। अमित पंघल का फाइनल में सामना मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन जोइरोव से सोमवार को होगा।
साल 2019 के फाइनल में भी दोनों के बीच खिताबी भिड़ंत हुई थी।
इस जीत के साथ पंघल ने अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया है। मजेदार बात यह है कि एशियाई चैम्पियनशिप में पंघल तीनों रंगों के पदकों पर कब्जा कर चुके हैं। 2017 में ताशकंद में पंघल ने लाइट फ्लाइवेट कटेगरी में हिस्सा लेते हुए कांस्य जीता था। 2019 में बैंकाक में हालांकि पंघल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।
इससे पहले, छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम (51 किग्रा) ने गुरुवार को भारत की तीन और भारतीय महिला मुक्केबाजों- पूजा रानी (75 किग्रा), अनुपमा (+81 किग्रा) और लालबुतसाही (64 किग्रा) के साथ टूनार्मेंट फाइनल में प्रवेश किया।
गत चैंपियन पूजा को मंगोलिया की मुंखबत के खिलाफ वॉक-ओवर मिला। जबकि गुरुवार की देर रात खेले गए अन्य अंतिम -4 मुकाबलों में, उनकी विरोधी कुवैत की नूरा अलमुतारी द्वारा भारतीय के लगातार हमलों के कारण दूसरे राउंड में ही बाउट को छोड़ने के बाद लालबुत्साईही को विजेता घोषित किया गया था। अनुपमा (+81 किग्रा) ने भी उज्बेकिस्तान की मोखिरा अब्दुल्लाएवा के खिलाफ जीत हासिल की।
इस बीच, 54 किग्रा में एक काफी दुखद: घटना हुई। दो बार की युवा विश्व चैंपियन साक्षी चौधरी, जिन्हें शुरू में विजेता घोषित किया गया था, को फाइनल से हटना पड़ा। उनकी प्रतिद्वंद्वी दीना जोलामन द्वारा अंतिम राउंड के फाइट की समीक्षा करने की अपील के बाद साक्षी को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा क्योंकि जूरी ने कजाख मुक्केबाज के दावे को बरकरार रखा और उसके पक्ष में परिणाम दिया।
सिमरनजीत कौर (60 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा) मोनिका (48 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) अन्य महिला मुक्केबाज हैं, जिन्हें अपने-अपने वर्ग में संघर्ष के बाद सेमीफाइनल में हार मिली और इस तरह इन चारों को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में भारत अब 15 पदक सुरक्षित कर चुका है। यह इस चैम्पियनशिप में भारतीय दल का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। बैंकॉक में 2019 मे आयोजित संस्करण से भारत ने कुल 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारत तीसरे स्थान पर रहा था।
इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन ( एआईबीए) ने एशिया के इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए 4,00,000 अमेरीकी डालर की पुरस्कार राशि आवंटित की है। पुरुषों और महिलाओं की श्रेणियों के स्वर्ण पदक विजेताओं को 10,000 अमेरीकी डालर से सम्मानित किया जाएगा, जबकि रजत और कांस्य पदक विजेताओं को क्रमश: 5,000 अमेरीकी डालर और 2,500 अमेरीकी डालर का पुरस्कार दिया जाएगा। महिला और पुरुष वर्ग के फाइनल मैच क्रमश: शनिवार और रविवार को होंगे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 28 मई | बैडमिंटन की विश्व संस्था ने शुक्रवार को बताया कि कोरोना महामारी के कारण अब कोई ओलंपिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट नहीं होंगे, जिसके बाद ओलंपिक में पदक जीत चुकीं भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत की इस साल टोक्यो ओलंपिक में शामिल होने की उम्मीदें धूमिल हो गई। विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने कहा, "बैडमिंटन की विश्व संस्था इस बात की पुष्टि करती है कि टोक्यो ओलंपिक के लिए अब कोई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट नहीं होंगे। टोक्यो 2020 क्वालीफिकेशन प्रणाली के अनुसार क्वालीफिकेशन पीरियड आधिकारिक रूप से 15 जून को खत्म होगा, लेकिन टोक्यो की रेस के लिए रैंकिंग लिस्ट में बदलाव नहीं किया जाएगा।"
भारत की ओर से पीवी सिंद्धू, बी. साई प्रणीत, सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने इस साल जुलाई- अगस्त में होने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है।
ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंद्धू और 2019 विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता प्रणीत क्रमश: महिला और पुरुष के एकल वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे जबकि रैंकीरेड्डी और शेट्टी पुरुष युगल इवेंट में चुनौती पेश करेंगे।
श्रीकांत और सायना भारतीयों में क्वालीफाई करने के करीब थे जबकि अश्विनी पोनप्पा और एन. सिक्की रेड्डी के पास भी महिला युगल वर्ग में क्वालीफाई करने का मौका था।
एकल वर्ग में शीर्ष-16 रैंक तक रहने वाले खिलाड़ी टोक्यो में हिस्सा लेंगे और शीर्ष आठ रैंकिंग के खिलाड़ियों को युगल वर्ग में क्वालीफिकेशन हासिल होगा। सायना 22वें जबकि श्रीकांत 20वें नंबर पर हैं। अश्विनी और सिक्की 26वें स्थान पर हैं। 2019 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सिंद्धू रैंकिंग में सातवें और प्रणीत 13वें स्थान पर हैं।
सायना और श्रीकांत की उम्र को देखते हुए इनका पेरिस में 2024 में होने वाले ओलंपिक में खेलना कठिन है। सायना 31 और श्रीकांत 28 वर्ष के हैं। उम्मीद है कि श्रीकांत 2024 ओलंपिक के लिए चुनौती पेश कर सकते हैं क्योंकि उस वक्त वह 31 साल के होंगे।
इस बीच, सायना के लिए ओलंपिक में दूसरी बार पदक जीतने का आखिरी मौका टोक्यो होता, क्योंकि 2024 पेरिस ओलंपिक के समय वह 35 वर्ष की होंगी।
कोरोना के कारण इंडिया ओपन, मलेशिया ओपन और सिंगापुर ओपन को स्थगित किया गया था जिसके कारण ये खिलाड़ी ओलंपिक क्वालीफाइंग इवेंट में हिस्सा नहीं ले सके थे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 मई| छह बार की विश्व चैम्पियन भारत की एमसी मैरीकॉम और साक्षी ने दुबई में जारी 2021 एएसबीसी एशियाई महिला एवं पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना ली, जबकि मोनिका, जैस्मीन और सिमरनजीत कौर बाथ को हालांकि सेमीफाइनल में हार मिली।
टूर्नामेंट में भारत ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन करते हुए 13 कांस्य और दो रजत पक्का किया है। गुरुवार को मैरीकॉम, मोनिका, साक्षी, जैस्मीन और सिमरनजीत के अलावा लालबुतसाई (64 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), पूजा रानी (75 किग्रा), स्वीटी (81 किग्रा) और अनुपमा (प्लस 81 किग्रा) अपने-अपने वर्ग का सेमीफाइनल मुकाबला खेलेंगी।
ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं टॉप सीड मैरीकॉम ने 51 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में मंगोलिया की लुटसैखान अल्टानसेतसेग को 4-1 से हराया। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं मैरीकॉम अब अपने लिए कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया है।
फाइनल में मैरीकॉम का सामना कजाकिस्तान की नज्म जैबे से होगा। जैबे ने दूसरे सेमीफाइनल में श्रीलंका की नदीका पुष्पकुमारा को अपने मुक्कों से पहले ही राउंड में धराशायी कर दिया।
मैरीकॉम का एशियाई चैम्पियनशिप में यह सातवां पदक है। 2008 में गुवाहाटी में रजत पदक जीतने के अलावा मैरी कोम ने 2003, 2005, 2010, 2012 और 2017 में इस इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
54 किग्रा के सेमीफाइनल में साक्षी का सामना कजाकिस्तान की टॉप सीड दिना झोलामान से हुआ। दो बार युवा विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीत चुकीं साक्षी अपने मुक्कों का जलवा दिखाते हुए झोलामान को चौंकाया और 3-2 से हराते हुए अपने लिए कम से कम रजत पदक सुरक्षित कर लिया।
इस तरह फाइनल में पहुंचने वाली वह मैरीकॉम के बाद दूसरी महिला मुक्केबाज बनीं। फाइनल में साक्षी का सामना उजबेकिस्तान की सिरोता शोहदारोवा से होगा। सिरोता ने दूसरे सेमीफाइनल में मंगोलिया की इरदेनेदलाई मिचिदमा को हराया।
57 किग्रा के सेमीफाइनल में भारत की जैस्मीन का सामना कजाकिस्तान की ब्लादिस्लावा कुकता से हुआ। जैस्मीन इस मुकाबले में कहीं नहीं टिक सकीं और 0-5 से हारते हुए कांस्य से संतोष करने पर मजबूर हुईं।
लाइटवेट केटेगरी के सेमीफाइनल में टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकीं भारत की सिमरनजीत का सामना कजाकिस्तान की रिम्मा वोलोसेन्को से हुआ। बैंकॉक में रजत पदक जीत चुकीं सिमरनजीत इस बार फाइनल तक का सफर नहीं तय कर सकीं और यह मुकाबला 0-5 से हार गईं। फाइनल में वोलोसेन्को का सामना इंडोनेशिया की हुसवातुन हासाना से होगा, जिन्होने टॉप सीड ताजिकिस्तान की शोइरा जुल्केनारोवा को चौंकाया।
इससे पहले, 48 किग्रा वर्ग में भारत की मोनिका को सेमीफाइनल में हार मिली। मोनिका को दूसरी सीड कजाकिस्तान की अलुआ बाल्कीबेकोवा ने 5-0 से हराया। मोनिका को कांस्य से संतोष करना पड़ा। फाइनल में बाल्कीबेकोवा का सामना उज्बेकिस्तान की गुलासाल सुल्तोनालिएवा से होगा। गुलासाल ने पहले सेमीफाइनल में टॉप सीड फिलपींस की जोसी गाबुको को 4-2 से हराया।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और यूएई बॉक्सिंग फेडरेशन द्वारा संयुक्त रूप से होस्ट किए जा रहे इस आयोजन में एक रजत सहित कुल 15 पदक सुरक्षित करने के साथ, भारतीय दल ने अपना अब तक का सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। भारतीय दल ने बैंकॉक में 2019 में आयोजित बीते संस्करण में 13 पदक हासिल किए थे, जिनमें दो स्वर्ण, चार रजत और सात कांस्य पदक थे। भारतीय टीम पदक तालिका में तीसरे स्थान पर रही थी।
इसके अलावा गत चैंपियन अमित पंघल (52 किग्रा), शिव थापा (64 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा), वरिंदर सिंह (60 किग्रा) और संजीत (91 किग्रा) के रूप में पांच पुरुष मुक्केबाज शुक्रवार को अंतिम-4 चरण में प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे।
एशियाई चैंपियनशिप में लगातार पांचवां पदक हासिल करने वाले शिव थापा ताजिकिस्तान के शीर्ष वरीयता प्राप्त बखोदुर उसमोनोव से भिड़ेंगे। पंघल का सामना कजाख मुक्केबाज साकेन बिबोसिनोव से होगा, जिन्हें उन्होंने 2019 विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में हराया था, जबकि विकास का सामना उज्बेकिस्तान के बोबो उस्मोन बटुरोव से होगा, जो अपने वर्ग में बीते संस्करण के विजेता रहे हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 27 मई | भारतीय पुरुष फुटबाल टीम फीफा की ओर से गुरुवार को जारी ताजा विश्व रैंकिंग में 105वें स्थान पर कायम है। वहीं, महिलाओं की टीम को पिछले महीने जारी रैंकिंग में चार स्थान का नुकसान हुआ था और वे 57वें स्थान पर खिसक गई थी।
फीफा ने एक बयान में कहा, " पिछले संस्करण के बाद से अब तक केवल एक ही मैच खेला गया है, जोकि बहरीन और यूक्रेन के बीच खेला गया था और जिसमें दोनों टीमें 1-1 से ड्रॉ रही थी। टॉप-50 में कोई बदलाव नहीं हुआ है और बेल्जियम टॉप पर कायम है। उसके बाद फ्रांस और फिर ब्राजील है।"
इंग्लैड चौथे और पुर्तगाल पांचवें नंबर पर बने हुए हैं।
महिलाओं की रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर विराजमान है जबकि जर्मनी दूसरे और नीदरलैंडस तीसरे स्थान पर है।(आईएएनएस)
बेंगलुरु, 27 मई | भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड खिलाड़ी नवनीत कौर को इस साल टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम के अच्छे प्रदर्शन का भरोसा है।
नवनीत फिलहाल भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के राष्ट्रीय शिविर में ट्रेनिंग कर रही है।
नवनीत ने कहा, "मुझे ओलंपिक के लिए 16 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम में जगह बनाने की पूरी उम्मीद है और मैं इसके लिए उत्साहित हूं।"
उन्होंने कहा, "2016 रियो ओलंपिक में भारतीय महिला टीम पहली बार खेलने उतरी थी। हमने अपनी फिटनेस के स्तर को सुधारने के लिए काफी मेहनत की है। मेरा ध्यान ओलंपिक टीम में जगह बनाने और अपने बचपन के सपने को पूरा करने पर केंद्रित है।"
नवनीत ने कहा, "टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ियों पर गोल करने की जिम्मेदारी होती है। इस साल के शुरूआत में हमे अच्छे अभ्यास मैच खेलने मिले। इन दौरों से हमने काफी कुछ सीखा। गोल करना एक बड़ी जिम्मेदारी है और टीम लगातार ऐसा करने की कोशिश में लगी है। मुझे यकीन है कि टीम बड़े टूर्नामेंट में बेहतर करेगी।"
हरियाणा की हॉकी खिलाड़ी हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थी। इनके अलावा कप्तान रानी, नवजौत कौर, सविता और सुशील भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। हालांकि ये सभी खिलाड़ी स्वस्थ होकर ट्रेनिंग में लौटे थे।
नवनीत ने कहा, "रानी और सविता जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने मुझे बेहतर खिलाड़ी बनाया। टीम का वातावरण परिवार की तरह है जहां सीनियर और जूनियर खिलाड़ी एक दूसरे के साथ खेल को लेकर अपने विचार साझा करते हैं। सीनियर खिलाड़ी टॉप इवेंट में बेहतर करने के लिए हमें प्रेरित करते हैं। मुझे उम्मीद है कि हम टोक्यो ओलंपिक में भी ऐसा करेंगे और पदक के साथ लौटेंगे।" (आईएएनएस)
पेरिस, 27 मई| भारत की शीर्ष रैंकिंग की एकल महिला टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना की लाल बजरी पर खेले जाने वाले एकमात्र ग्रैंड स्लैम के मुख्य ड्रॉ के लिए क्वालीफाई करने का अभियान निराशा में समाप्त हुआ क्योंकि वह फ्रेंच ओपन क्वालीफायर में दूसरे दौर की हार के साथ बाहर हो गईं। 125वीं रैंकिंग की अंकिता उच्च रैंकिंग वाली जर्मन ग्रीट मिन्नेन से एक घंटे 21 मिनट में 2-6, 0-6 से हार गईं।
रामकुमार रामनाथन भी क्वालीफायर के दूसरे दौर में एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता उज्बेकिस्तान के डेनिस इस्तोमिन से 1-6, 2-6 से हारकर बाहर हो गए।
फ्रेंच ओपन का आयोजन 30 मई से 13 जून तक पेरिस में होना है। (आईएएनएस)