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हैदराबाद, 30 नवंबर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और उनकी पत्नी शोभा ने बृहस्पतिवार को सिद्दीपेट जिले के चिनरामाडाका गांव में मतदान किया।
मुख्यमंत्री ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर तक चले प्रचार अभियान के दौरान भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के लिए 96 जनसभाओं को संबोधित किया।
इससे पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामाराव, उनकी बहन और विधान परिषद सदस्य के. कविता, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान में सबसे पहले अपने मताधिकार का उपयोग करने वाले नेताओं में शामिल रहे।
राज्य की 106 विधानसभाओं में मतदान शाम पांच बजे तक चलेगा, वहीं वामपंथी उग्रवाद प्रभावित 13 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शाम चार बजे समाप्त हो जाएगा। (भाषा)
हैदराबाद, 30 नवंबर तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए हो रहे चुनाव में बृहस्पतिवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक लगभग 20.64 प्रतिशत मतदान हुआ। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं को कतारों में खड़े देखा गया।
चुनाव में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, उनके मंत्री पुत्र केटी रामाराव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी और भाजपा के लोकसभा सदस्यों बंडी संजय कुमार तथा डी अरविंद समेत करीब 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं।
मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और उनकी पत्नी के. शोभा ने सिद्दीपेट में चिनरामाडाका गांव में मतदान किया।
केंद्रीय मंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जी किशन रेड्डी, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव, उनकी बहन और विधान पार्षद के. कविता, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने सुबह सात बजे मतदान आरंभ होने के बाद शुरुआती घंटों में अपने मताधिकार का उपयोग किया।
चिरंजीवी, वेंकटेश और अल्लू अर्जुन सहित कई फिल्मी हस्तियों ने भी सुबह मतदान किया।
सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने राज्य की सभी 119 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा और उसकी सहयोगी जनसेना क्रमश: 111 और आठ सीटों पर किस्मत आजमा रही हैं, वहीं कांग्रेस ने 118 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं और एक सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को दी है।
ओवैसी की पार्टी ने हैदराबाद की नौ विधानसभाओं में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
भारत के लोकतंत्र की सराहना करते हुए, तेलंगाना में भाजपा के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने कहा कि मतदान की जिम्मेदारी पूरी किए बिना किसी को राजनीतिक व्यवस्था की आलोचना करने का अधिकार नहीं है।
मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसे और शराब के वितरण को गलत बताते हुए रेड्डी ने मतदाताओं से निडर होकर और किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना मतदान करने का आग्रह किया।
रामा राव ने तेलंगाना के लोगों से बाहर निकलने और बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मतदान कर एक नागरिक के रूप में उन्होंने अपना कर्तव्य पूरा किया है।
राज्य के शहरी इलाकों में पूर्व में देखी गई उदासीनता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘केवल जो लोग सामने आते हैं उनकी गिनती होती है और बाकी लोगों की लोकतंत्र में कोई गिनती नहीं होती है।’’’
बीआरएस सुप्रीमो और मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने यहां बंजारा हिल्स में अपना वोट डाला। उन्होंने कहा, ‘‘मैं तेलंगाना के सभी लोगों से अनुरोध करती हूं कि वे बाहर आएं और अपने अधिकार का उपयोग करें। क्योंकि जब आप मतदान करते हैं तो आपको हमसे सवाल करने का अधिकार होता है। जब आप मतदान करते हैं, तो आप राजनेताओं को जवाबदेह ठहरा सकते हैं।’’
राजेंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के एक स्कूल में मतदान करने वाले ओवैसी ने भी मतदाताओं से बाहर आकर वोट डालने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा ‘‘हमें उम्मीद है कि हम (एआईएमआईएम) अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अब यह लोगों पर निर्भर है कि वे हजारों और लाखों की संख्या में वोट देने आएं और अपने मताधिकार का उपयोग करें ताकि आप उन उम्मीदवारों और पार्टियों को पुरस्कृत करें जो आपके लिए काम कर रहे हैं, जो आपकी परवाह करते हैं।’’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद ए रेवंत रेड्डी ने कोडंगल विधानसभा क्षेत्र में मतदान किया जहां वह पार्टी के उम्मीदवार हैं।
कांग्रेस ने कहा कि उसने मुख्य निर्वाचन अधिकारी विकास राज के संज्ञान में बीआरएस नेता कविता द्वारा लोगों से बीआरएस को वोट देने की अपील कर चुनाव आचार संहिता का कथित उल्लंघन किए जाने की बात लाई है। (भाषा)
जयपुर, 30 नवंबर राजस्थान के अलवर जिले में 21 वर्षीय एक युवती ने अपनी शादी के दिन कोई विषाक्त पदार्थ खाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, घटना बुधवार रात अलवर के पायल गार्डन में हुई जब सलोनी जैन (21) अपनी शादी की तैयारी कर रही थी।
अलवर कोतवाली के सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) अरुण कुमार ने कहा कि चार अज्ञात लोग दुल्हन के कमरे में घुस गए, जहां उन्होंने उससे, उसकी मां और ब्यूटीशियन के साथ मारपीट की। हंगामा मचने पर वे भाग गए।
घटना के तुरंत बाद दुल्हन ने कोई विषाक्त पदार्थ खा लिया। उन्होंने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया और जयपुर के एक अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की अभी पहचान नहीं हो पाई है। (भाषा)
नई दिल्ली, 30 नवंबर । सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के सुरजागढ़ लौह अयस्क खदान में आग लगने के मामले में बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को वकील सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ गाडलिंग द्वारा एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अधिनियम की धारा 21(4) के तहत जमानत की मांग को लेकर दायर उनकी अपील को खारिज करने के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने आदेश दिया, "अनुमति दी गई। यदि प्रतिवादी हलफनामा दाखिल करना चाहता है, तो वह एक सप्ताह की अवधि के भीतर ऐसा कर सकता है। दो सप्ताह के बाद नियमित सुनवाई के दिन सूचीबद्ध करें।"
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार, मामले की आगे की सुनवाई तीन जनवरी को होने की संभावना है।
अक्टूबर में शीर्ष अदालत गाडलिंग की याचिका की जांच करने के लिए सहमत हुई थी और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा था।
आतंकवाद रोधी एजेंसी ने गाडलिंग पर महाराष्ट्र के सूरजगढ़ खदानों से लौह अयस्क ले जा रहे 76 ट्रकों को आग लगाने के लिए माओवादी विद्रोहियों के साथ कथित तौर पर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया। उन पर भीमा कोरेगांव-एल्गार परिषद हिंसा में भी शामिल होने का आरोप है - जहां 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए "भड़काऊ" भाषणों के बाद विभिन्न जाति समूहों के बीच झड़पें हुईं।
गाडलिंग ने दावा किया था कि वह एक आपराधिक कानून व्यवसायी हैं और उन्होंने 25 साल से अधिक की प्रैक्टिस की है और उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है, उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं है और अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड पर लाए गए सबूत न तो विश्वसनीय हैं और न ही स्वीकार्य हैं। (आईएएनएस)।
पणजी, 30 नवंबर । गोवा में प्रसिद्ध महिला अभिनेताओं ने यह आरोप लगाते हुए कि कला और संस्कृति मंत्री गोविंद गौडे ने राज्य पुरस्कार प्रदान करने के मुद्दे पर कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र की महिलाओं का अपमान किया है, उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है।
गौडे ने प्रतिष्ठित गोवा राज्य सांस्कृतिक पुरस्कार के 12 प्राप्तकर्ताओं के नामों की घोषणा की, जिनमें से सभी पुरुष हैं, एक भी महिला नहीं।
फिल्म निर्माता-अभिनेत्री ज्योति कुनकोलिएनकर ने प्रशंसित अभिनेत्री सुचिता नार्वेकर और कार्यकर्ता औडा वीगास के साथ बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और महिलाओं का 'अपमान' करने के लिए गौडे को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की।
ज्योति ने कहा, "हमने इस मुद्दे पर जो महसूस किया, वहीं बात कही। इसके बाद मंत्री ने (हमारा विरोध करते हुए) कहा कि कोई भी 'सक्षम' महिला नहीं थी, जो पुरस्कार के लायक हो। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या कोई नियम है कि पुरस्कार महिलाओं को भी दिए जाने चाहिए?'' उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या ऐसा कोई नियम है कि पुरस्कार केवल पुरुषों को दिया जाना चाहिए?
उन्होंने मंत्री के उस कथित बयान को भी खारिज कर दिया कि पुरस्कारों के लिए हजारों आवेदन प्राप्त हुए थे।
ज्योति ने कहा, “अधिकतम 120 आवेदन प्राप्त किए जा सकते हैं। इससे ज्यादा नहीं।'' ।
उन्होंने कहा, "मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण के साथ सामने आने और पुरस्कारों के लिए आवेदन करने वालों के नामों की घोषणा करने का अनुरोध करती हूं।"
सुचिता नार्वेकर के अनुसार, गौडे ने यह भी कहा कि जब पुरस्कारों पर निर्णय लेने की बात आती है तो यह महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण वाला पंचायत चुनाव नहीं है।
उन्होंने कहा, “हम राज्य पुरस्कारों के लिए महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग नहीं कर रहे हैं। हम इस मुद्दे पर इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि महिलाएं भी इन पुरस्कारों की हकदार हैं।''
उन्होंने कहा यह भी सवाल किया कि क्या उन हजारों आवेदनों में एक भी महिला नहीं थी, जो पुरस्कार की हकदार हो सकती थी।
सुचिता ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से ऐसे मंत्री को हटाने का अनुरोध करती हूं, जो महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानता। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि अतीत में महिलाओं के आंदोलन के कारण एक मंत्री को पद छोड़ना पड़ा था।''
इस बीच, गौडे ने स्पष्ट किया था कि पुरस्कार प्रदान करने के लिए एक चयन समिति नियुक्त की गई थी और निर्णय पैनल द्वारा लिए गए थे।
उन्होंने कहा, पुरस्कार योग्यता के आधार पर दिए जाते हैं। (आईएएनएस)।
अमेरिका ने अमेरिकी ज़मीन पर एक सिख अलगाववादी नेता और अमेरिकी नागरिक की हत्या की साज़िश के पर्दाफ़ाश का दावा किया है.
निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय नागरिक पर आरोप हैं कि उन्होंने एक भाड़े के हत्यारे को एक लाख डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) कैश के बदले अलगाववादी नेता की हत्या का ठेका दिया.
अभियोग के मुताबिक़, जिस हिटमैन को हत्या का काम दिया गया था, वह वास्तव में अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी का अंडरकवर एजेंट था.
निखिल गुप्ता इस समय चेक गणराज्य की जेल में हैं. जो आरोप उन पर लगे हैं, उनके तहत 20 साल तक की सज़ा हो सकती है.
आरोप हैं कि निखिल गुप्ता को एक भारतीय अधिकारी निर्देशित कर रहे थे. अभियोग में भारतीय अधिकारी का नाम नहीं है.
अभियोग में पीड़ित का नाम नहीं है लेकिन भारतीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़ निशाने पर अधिवक्ता और सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू थे. गुरपतवंत सिंह पन्नू भारत में घोषित ‘आतंकवादी’ हैं.
व्हाइट हाउस का कहना है कि अमेरिका ने हत्या की इस साज़िश के मामले को शीर्ष स्तर पर भारत के सामने उठाया है.
इससे पहले कनाडा ने सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने के आरोप लगाये थे. कनाडा के इन आरोपों के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी.
पैसे देकर हत्या करवाने की इस साज़िश के आरोप ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भी चिंतित कर दिया था.
एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने बीबीसी को बताया है कि बाइडन ने अमेरिका के शीर्ष ख़ुफ़िया अधिकारियों- सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स और नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक एवरिल हेंस को भारतीय अधिकारियों से बात करने के लिए भारत भेजा था.
इन आरोपों के बीच भारत सरकार ने कहा है कि वह इनकी जांच कर रही है.
पैसे देकर हत्या करवाने की इस साज़िश के आरोप पर फ़ाइनैंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जून में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को चेतावनी भी दी थी, वहीं भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि अमेरिका ने सिर्फ़ कुछ इनपुट भारत के साथ साझा किए थे, जिनकी जांच ‘संबंधित विभाग कर रहे हैं.’
सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून को कनाडा में हत्या कर दी गई थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाये थे, हालांकि भारत ने इन आरोपों को ख़ारिज किया था. दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव भी पैदा हुआ है.
भारत ने कनाडा के आरोपों को ख़ारिज करते हुए सख़्त रुख़ अख़्तियार किया था, लेकिन सवाल ये है कि क्या भारत अमेरिका के सामने भी इसी तरह का रवैया अपना सकता है, वो भी तब जब अमेरिकी ने हत्या की इस साज़िश को लेकर भारत को चेताया हो?
क्या हैं ख़तरे?
अमेरिका के इस आरोप के बाद दुनिया भर के मीडिया में भारत के रुख़ को प्रमुखता से जगह दी गई है.
द डिप्लोमैट ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है, “ये स्पष्ट है कि दोनों में से एक पक्ष इस मामले को तूल नहीं दे रहा है, लेकिन पन्नू की हत्या की साज़िश पर फ़ाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट पर भारत की प्रतिक्रिया नरम रही है और उसका लहज़ा सहयोग वाला है. ये ट्रूडो के आरोपों पर उसके आक्रामक रवैये से बिल्कुल अलग है.”
डिप्लोमैट ने लिखा है, 'भारत ने जिस तरह से कनाडा को फटकार लगाई थी, उस तरह से वह अमेरिका को नहीं लताड़ सकता है. इसका एक साधारण कारण यह है कि भारत के भू-राजनीतिक हितों के लिए अमेरिका कनाडा के मुक़ाबले अधिक महत्वपूर्ण है. यही नहीं अमेरिका को भी चीन को रोकने के लिए भारत की ज़रूरत है और इस बात को भी भारत बहुत अच्छे से समझता है.''
भारत और अमेरिका पारस्परिक रूप से एक दूसरे पर निर्भर हैं. द डिप्लोमैट लिखता है कि इसी पारस्परिक निर्भरता की वजह से निज्जर की हत्या के बाद जिस तरह भारत और कनाडा के संबंध ख़राब हुए, शायद उस तरह पन्नू की हत्या की साज़िश से अमेरिका और भारत के संबंध ख़राब ना हों.
गुरपतवंत सिंह पन्नू सक्रिय खालिस्तानी अलगाववादी हैं और कई बार उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ हिंसा की खुली चुनौती दी है. हाल ही में पन्नू ने एयर इंडिया की फ्लाइट को निशाना बनाने की चेतावनी दी थी.
भारत चाहता है कि अमेरिका खालिस्तान के ख़तरे को गंभीरता से ले.
हत्या की साज़िश के इस मुक़दमे की ख़बर के बाद भारत और अमेरिका के बीच प्रतिक्रियाओं का दौर तो शुरू हो सकता है लेकिन क्या इससे भारत को चिंतित होना चाहिए?
रिश्ते क्या पटरी से उतर जाएंगे?
थिंक टैंक रैंड कार्पोरेशन से जुड़े और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ डेरेक जे ग्रॉसमैन लिखते हैं, “आज की इस सनसनीखेज ख़बर के बाद भारत को चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है. वास्तव में अमेरिका को भारत की ज़रूरत अधिक है. बाइडन प्रशासन की चीन को रोकने की रणनीति के लिए भारत अहम है. लेकिन अमेरिकी छूट असीमित नहीं रहेगी और अगर आगे भी ऐसा ही बुरा व्यवहार हुआ तो जो लाभ हाल में हासिल हुए हैं, वो दूर भी हो सकते हैं.”
थिंक टैंक द विल्सन सेंटर से जुड़े विदेश नीति मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन ने लिखा है, “भले ही हमारे पास अब इस हत्या की साज़िश के बारे में और अधिक जानकारी हो, मुझे अब भी ये लगता है कि इससे अमेरिका और भारत के रिश्तों को कोई ख़ास नुक़सान नहीं होगा.''
''व्हाइट हाउस को इस साज़िश का जुलाई में ही पता चल गया था, लेकिन इसके बाद भी दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय बैठकों को रद्द नहीं किया गया. जी20 में बाइडन और मोदी की मुलाक़ात हुई. अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई नहीं की, सिर्फ़ इतना कहा कि दोबारा ऐसा नहीं होना चाहिए. भारत और अमेरिका का रिश्ता इतना अहम है कि ये नाकाम नहीं हो सकता है.”
वहीं कुछ विश्लेषक मानते हैं कि ताज़ा घटनाक्रम पर अगर ध्यान नहीं दिया गया तो ये भारत और अमेरिका के रिश्तों को नुक़सान भी पहुँचा सकता है.
सेंटर फॉर न्यू अमेरिकन स्टडी में भारत-प्रशांत कार्यक्रम की निदेशक लीसा कर्टिस ने लिखा है, “इस हैरान करने वाले घटनाक्रम के समाधान के लिए भारत को तुरंत पूरी तरह अमेरिका के साथ सहयोग करना चाहिए, अन्यथा भारत और अमेरिका के रिश्तों में जो प्रगति बहुत मुश्किल से हासिल की गई है वो ख़तरे में आ जाएगी.”
अमेरिका पर सवाल
पश्चिमी देशों में सिख अलगाववाद भारत के लिए अहम मुद्दा रहा है. हाल के महीनों में भारत ने शीर्ष स्तर पर सिख अलगाववाद के मुद्दे को उठाया है.
हाल ही में जब नई दिल्ली में अमेरिका और भारत के मंत्रियों के स्तर की बैठक हुई तो उसके बाद भी भारत की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया था कि भारत ने अमेरिका के समक्ष सिख अलगाववाद का मुद्दा भी रखा है. नवंबर में ही ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान भी भारत ने बढ़ते सिख चरमपंथ का मुद्दा उठाया था.
वहीं पश्चिमी देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत करते हैं और उनके लिए सिख अलगाववाद अहम मुद्दा नहीं है क्योंकि यह सीधे तौर पर उन्हें प्रभावित नहीं करता है.
वैश्विक मामलों के विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर जोरावर दौलत सिंह ने एक्स पर लिखा है, “ये अभियोग किसी कॉमिक के प्लॉट जैसा है, जिसमें एक कथित भारतीय ख़ुफिया अधिकारी ने एक दलाल के ज़रिए एक हत्यारे को ठेका दिया. ये हत्यारा अमेरिका का ख़ुफ़िया एजेंट निकला.”
ज़ोरावर सिंह ने लिखा, “अमेरिका को सभी आतंकवादियों और अलगाववादियों को भारत को सौंपने की ज़रूरत है ताकि उन पर भारतीय क़ानूनों के तहत मुक़दमा चलाया जा सके. लेकिन अमेरिका भारत विरोधी आतंकवादियों को अपनी ज़मीन पर जगह क्यों देता है?”
पश्चिम का दोहरा मानदंड?
वहीं इंडियन एक्सप्रेस अख़बार में भारत के पूर्व राजनयिक विवेक काटजू ने लिखा है, ये अस्वीकार्य है कि कोई भी देश अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर खालिस्तानी आतंकवाद को ढंके या आतंकवादियों पर क़ानूनी कार्रवाई का समर्थन ना करे. तमाम बयानबाज़ियों के बावजूद, पश्चिमी देश सिर्फ़ उन लोगों पर ध्यान देते हैं जो उनके हितों के ख़िलाफ़ हिंसा करते हैं. उनके दोहरे मानदंड जगजाहिर हैं.
काटजू लिखते हैं, “दुनिया ऐसे ही दोहरे मानदंडों से भरी पड़ी है. सिद्धांतों और न्याय की तमाम पवित्र बातों के बावजूद ऐसा हो रहा है. कूटनीति का उद्देश्य राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए इस कठिन दोहरे और अनैतिक भूभाग में रास्ता तलाशना है.”
पूरे विवाद पर भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने एक्स पर लिखते हैं, “चीन के साथ क़रीबी रिश्तों वाले संदिग्ध पत्रकार ने यह स्टोरी प्लांट की (गढ़ी) है. निज्जर प्रकरण, जिसे लेकर भारत पर अमेरिका की नाराज़गी का असर अभी तक कम नहीं हुआ है, उसके बाद क्या भारत एक अमेरिकी नागरिक को मारने की साज़िश रचकर हालात को बिगाड़ना चाहेगा? क्या इस बात का कोई मतलब है? कहीं पर भारत विरोधी साज़िश रची जा रही है.” (bbc.com)
नई दिल्ली, 30 नवंबर । तेलंगाना में मतदान जारी है, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोगों से एक पारदर्शी, लोगों के अनुकूल सरकार चुनने और प्रजा तेलंगाना सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
एक्स पर एक पोस्ट में खड़गे ने कहा, "तेलंगाना के लोगों ने फैसला किया है कि वे एक पारदर्शी, लोगों के अनुकूल सरकार चुनेंगे, इसमें वंचितों के लिए सुरक्षा जाल होगा। 'पृथ्वी पर कोई भी ताकत उस विचार को नहीं रोक सकती जिसका समय आ गया है' ... आइए अब प्रजा तेलंगाना सुनिश्चित करें!
उन्होंने कहा, "यह बाहर आने और इसे साकार करने के लिए बड़ी संख्या में मतदान करने का समय है। यह तेलंगाना के लोगों के अनगिनत सपनों और आकांक्षाओं को साकार करने का समय है, जिसके लिए आपने वर्षों तक अपना पसीना और खून बहाया है।"
कांग्रेस नेता ने कहा, उन्होंने पहली बार मतदाताओं का भी स्वागत किया और कहा, "हम परिवर्तन और सामाजिक न्याय के लिए इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए राज्य के पहली बार मतदाताओं का स्वागत करते हैं। भारत में सबसे कम उम्र में बने राज्य - तेलंगाना को रास्ता दिखाना चाहिए।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "आज प्रजला दोराला को हरा देगी! तेलंगाना के भाइयों और बहनों, बाहर निकलें और बड़ी संख्या में वोट करें! 'बंगारू' तेलंगाना बनाने के लिए वोट करें, कांग्रेस को वोट दें।"
प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी वोटरों से अपील करते हुए कहा, ''तेलंगाना की मेरी बहनों और भाइयों. मेरे भाइयों, मैं अपील करती हूं कि सोच-समझकर, पूरे जोश और ऊर्जा के साथ वोट करें। वोट करना आपका अधिकार भी है और सबसे बड़ी जिम्मेदारी भी। तेलंगाना के लोगों के साथ मिलकर वोट करने का सपना पूरा करें'' वोट की ताकत।"
तेलंगाना में 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान जारी है और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 30 नवंबर । संसद के शीतकालीन सत्र से पहले केंद्र ने 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। केंद्र सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने यह जानकारी दी।
चार दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के आगामी शीतकालीन सत्र को मौजूदा लोकसभा का आखिरी सत्र बताते हुए जोशी ने बुधवार को सभी विपक्षी दलों से सहयोग करने और सदन में चर्चा में भाग लेने की अपील की।
उन्होंने कहा कि फिलहाल केंद्र सरकार ने मौजूदा शीतकालीन सत्र के लिए 24 विधेयक तय किए हैं, आने वाले एक-दो दिनों में इसकी सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा और सरकार सर्वदलीय बैठक में सभी विपक्षी दलों को इसके बारे में सूचित करेगी।
सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में सात नए विधेयक पेश कर सकती है, इसमें तेलंगाना में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी की विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण देना शामिल है।
सरकार ने भारतीय न्याय संहिता विधेयक - 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक - 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 पेश किया है, जो आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के साथ-साथ चुनाव आयोग के प्रमुख की नियुक्ति के बिल समेत 18 बिल सत्र के लिए सूचीबद्ध हो गए हैं।
संसद का शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर को समाप्त होगा। संसद सत्र के 19 दिनों के दौरान 15 बैठकें होंगी।
पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के अगले दिन से संसद का यह शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है और ऐसे में चुनाव नतीजों का असर संसद सत्र की कार्यवाही पर पड़ना तय है।
पांच राज्यों - मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होनी है और संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है।
अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने की एथिक्स कमेटी की सिफारिश मान लेते हैं, तो संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उनकी सदस्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी लोकसभा में रखा जा सकता है. (आईएएनएस)।
भोपाल, 30 नवंबर । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक होटल में युवक%युवती के शव मिले हैं। उनके आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है। दोनों ही कटनी जिले के निवासी हैं। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हनुमानगंज थाना क्षेत्र के हमीदिया रोड स्थित होटल बंजारा में बुधवार की देर शाम को होटल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना दी की एक युवक और युवती उसके यहां ठहरे हैं, मगर कमरे से बाहर नहीं निकले। अनहोनी की आशंका भी जताई गई।
बताया गया है की सूचना के आधार पर पुलिस पहुंची और उसने दरवाजा तोडकर देखा, तो युवती का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ था, तो वहीं युवक का शव पलंग पर पड़ा हुआ था, उसके गले में भी फंदा कसा हुआ था। पुलिस ने मौके से आत्महत्या के कारणों को जानने तलाशी की मगर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
मृतकों के पास से मिले पहचान पत्र से दोनों ही कटनी निवासी पाए गए । युवक का नाम मनीष चक्रवर्ती और युवती का नाम किरण केवट है । दोनों की आयु 19 से 22 साल के बीच है। दोनों ने आत्महत्या क्यों की, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। (आईएएनएस)
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तराखंड के सिल्कयारा में धंसी सुरंग से मज़दूरों को निकालने वाले रैट माइनर्स का कहना है, ‘मज़दूरों को उनके मज़दूर भाइयों ने ही निकाला.’
17 दिन तक सुरंग में फँसे इन मज़दूरों को निकालने के लिए जब मशीनी प्रयास नाकाम हुए तो आख़िर में रैट माइनर्स को लगाया गया, जिन्होंने हाथ से खुदाई करते हुए फँसे हुए मज़दूरों को निकाला.
द हिंदू से बात करते हुए 7वीं क्लास तक पढ़े पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बाग़पत के रहने वाले 35 वर्षीय मोहम्मद राशिद ने कहा, “मज़दूरों को मज़दूर भाइयों ने ही निकाला.”
12 रैट माइनर्स की टीम ने 26 घंटों तक बेहद मुश्किल हालात में हाथ से खुदाई की.
अधिकतर रैट माइनर दलित और मुसलमान समुदाय से हैं. इस टीम ने 18 मीटर के मलबे को हाथ से निकाला. ये टीम 800 मिलीमीटर चौड़े पाइप में हथौड़ी और छैनी से खुदाई कर रही थी.
इस टीम ने एक छोटी ट्रॉली से मलबे को पाइप के ज़रिए निकाला. जो काम इन खदान कर्मियों ने किया उसे करने में हाई टेक मशीनें नाकाम हो गईं थीं.
रैट माइनर्स का ये समूह जान बचाने के लिए की गई अपनी इस मेहनत के बदले कोई पैसा नहीं चाहता था, हालांकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रत्येक रैट माइनर को 50 हज़ार रुपये इनाम देने की घोषणा की है.
45 वर्षीय मोहम्मद इरशाद ने कहा, “मैं सिर्फ़ इतना चाहता हूं कि हर इंसान को इंसान समझा जाये और देश में प्यार बना रहे.”
मूल रूप से मेरठ के रहने वाले इरशाद 2001 से रैट माइनर हैं. कुछ साल पहले वो दिल्ली में रहने आ गए और अब निजी कंपनियों के साथ काम करते हैं. इरशाद अभी तक अपना घर नहीं बना पाये हैं.
बेटे फ़ैज़ की बात याद रही
इरशाद कहते हैं कि वो चाहते हैं कि उनके बच्चों अच्छी शिक्षा हासिल करें ताकि उन्हें कोई अच्छी नौकरी मिल सके और ये उन जैसा ख़तरनाक काम न करना पड़े.
भारत में रैट होल माइनिंग को ख़तरनाक और अवैज्ञानिक तकनीक मानते हुए प्रतिबंधित किया गया है लेकिन कोयला खदान वाले इलाक़ों में ये अब भी प्रचलित है और बहुत से लोगों के लिए रोज़गार का एकमात्र ज़रिया है. अब सिल्कयारा सुरंग के बचाव अभियान में रैट माइनर्स की दक्षता है जो सबसे अहम साबित हुई है.
33 वर्षीय रैट माइनर मुन्ना क़ुरैशी ने द हिंदू से कहा, “मुझे जब भी थकान महसूस हुई, अपने दस वर्षीय बेटे फ़ैज़ के शब्द याद आए. उसने कहा था कि उन लोगों को बाहर निकालकर ही वापस लौटना है.”
रिपोर्ट के मुताबिक़, ये बात करते हुए मुन्ना क़ुरैशी की आंखों में आंसू थे.
24 वर्षीय जतिन कश्यप और उनके भाई 21 वर्षीय सौरभ इस टीम के सबसे युवा सदस्य हैं. इन्होंने 13-14 साल की उम्र से ही रैट माइनिंग शुरू कर दी थी.
बुलंदशहर के एक गांव से आने वाले इन युवाओं ने भी बचाव अभियान में हिस्सा लिया. छोटे भाई सौरभ ने अख़बार से कहा, “क्या हमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मिल सकता है?”
वो अपनी बात पूरी कर ही रहे थे कि बड़े भाई ने सरकार से मदद मांगने के लिए उनकी पीठ पर थप्पड़ मारा.
बुलंदशहर के ही रहने वाले 25 वर्षीय अंकुर सिल्कयारा से यादगार के रूप में वो चॉकलेट और ड्राइ फ्रूट लाये हैं जो फंसे हुए मज़दूरों को खाने के लिए भेजे गए थे. वो सरकार से मांग करते हैं कि मज़दूरों को अच्छा वेतन और जीवन बीमा मिले.
वहीं 29 वर्षीय मोनू कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करते हुए कहा, “मेरे गांव में हालात ख़राब हैं. अगर सरकार यहां सड़क बना दे तो अच्छा होगा.”
सुरंग में फँसे बेटे से मिलने से पहले ही चल बसे पिता
द टेलीग्राफ़ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तराखंड की सुरंग में फँसे एक मज़दूर के पिता का बेटे को बचाये जाने से पहले ही देहांत हो गया.
मूल रूप से झारखंड के ईस्ट सिंहभूम ज़िले के डुमरिया ब्लॉक के बाहडा गांव के रहने वाले बरसा की मौत की मंगलवार सुबह 8.30 बजे हुई. वो अपनी चारपाई से गिर गए थे.
बरसा के सबसे छोटे बेटे भक्तु मुर्मु सुरंग में फंसे हुए थे, जिन्हें मंगलवार को बचा लिया.
अपनी मौत से कुछ देर पहले ही बरसा ने अपने बेटे के बारे में जानकारी ली थी.
मंगलवार शाम को ही भक्तु को बाक़ी मज़दूरों के साथ बचा लिया गया था. भक्तु झारखंड के उन 15 मज़दूरों में शामिल थे जो उत्तराखंड के सिल्कयारा में सुरंग धंसने के बाद फंसे हुए थे.
अख़बार ने डुमरिया पुलिस थाने के प्रभारी संजीवन ओरांव के हवाले से लिखा है, “रिश्तेदारों का कहना है कि बरसा अपने सबसे छोटे भक्तु के बेहद क़रीब थे और लगातार उनके बारे में जानकारी मांग रहे थे. मंगलवार सुबह नाश्ता करने के बाद वो आंगन में चारपाई पर बैठे हुए थे और अचानक गिर गए. रिश्तेदारों का दावा है कि सदमे की वजह से उनकी मौत हुई.”
पुलिस के मुताबिक बुधवार को बरसा का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
रिटायर्ड आईपीएस की डीपफ़ेक वीडियो से बुज़ुर्ग को ब्लैकमेल किया
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के डीपफ़ेक वीडियो का इस्तेमाल करते हुए साइबर अपराधियों ने एक बुज़ुर्ग को ब्लैकमेल किया.
76 वर्षीय पीड़ित ने कई बार अपराधियों की धमकी का शिकार होकर उन्हें पैसे भेजे.
अपराधियों ने यूपी पुलिस के एक रिटायर्ड अधिकारी के डीपफ़ेक वीडियो के ज़रिये बुज़ुर्ग को डराया धमकाया था.
ब्लैकमेल करने वाले अपराधी एक तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे थे जिससे बुज़ुर्ग सेक्स की मांग करते हुए प्रतीत हो रहे थे.
पुलिस ने इस मामले में एफ़आईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
ये ऐसे पहले मामलों में से है जहां साइबर अपराध करने के लिए डीपफ़ेक वीडियो का इस्तेमाल किया गया हो. पुलिस इसे साइबर अपराध में नये तरीक़े के रूप में भी देख रही है.
गोविंदपुरम के रहने वाले पीड़ित ने हाल ही स्मार्टफ़ोन ख़रीदा था और फ़ेसबुक इस्तेमाल करना शुरू किया था. वो अकेले रहते हैं और एक कंपनी में क्लर्क की नौकरी करते हैं.
अपराधियों ने फ़ेसबुक पर उन्हें संपर्क किया और वीडियो कॉल की. दूसरी तरफ़ नग्न महिला को देखते ही शर्मा ने वीडियो कॉल काट दिया. इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल किया गया और फ़र्ज़ी पुलिस अधिकारी बनकर उनसे पैसे वसूले गए.
अपराधियों ने पीड़ित की बेटी को संपर्क किया था और उनके पिता का वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी थी. (bbc.com)
नई दिल्ली, 30 नवंबर । तीन में से लगभग एक (30 प्रतिशत) भारतीयों का कहना है कि वे बहुत सारे वीडियो देख रहे हैं और बाद में पता चलता है कि वे नकली हैं। दो में से एक से अधिक लोगों की मांग है कि 24 घंटे के भीतर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से डीपफेक वीडियो को हटाया जाए। गुरुवार को एक नए सर्वेक्षण से यह जानकारी सामने आई।
हाल के सप्ताहों में, कई भारतीय अभिनेताओं ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित होने वाले डीपफेक लघु वीडियो में अभिनय किया है।
सोशल कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकलसर्कल्स के सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 43 प्रतिशत भारतीय हर दिन औसतन तीन या अधिक लघु वीडियो देखते हैं।
उनमें से तीस प्रतिशत का कहना है कि बाद में उन्हें पता चला कि उनके द्वारा देखे गए 25 प्रतिशत या अधिक वीडियो नकली थे।
निष्कर्षों से पता चला कि लगभग 56 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित डीपफेक वीडियो को शिकायत के 24 घंटे के भीतर हटा दिया जाना चाहिए।
चुनाव वाले राज्यों में भी कई डीपफेक वीडियो प्रचलन में पाए गए हैं। सरकार को डीपफेक की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार डीपफेक जैसी आपत्तिजनक सामग्री से पीड़ित होने पर आईटी नियमों के उल्लंघन के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में नागरिकों की सहायता करेगी।
मंत्री ने कहा कि सरकार डीपफेक से निपटने के लिए जल्द ही नए नियम लाएगी। इस बीच, सरकार ने आदेश दिया है कि सोशल मीडिया कंपनियों को भ्रामक और डीपफेक वीडियो की पहचान करनी होगी।
सर्वेक्षण के अनुसार, बहुत कम लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखे गए वीडियो की प्रामाणिकता के बारे में जानते हैं या इसकी जांच करने की जहमत उठाते हैं।
सामुदायिक चर्चाओं के हिस्से के रूप में, लोगों ने बेहद खराब प्रतिक्रिया व्यक्त की है कि जब उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाता है, तो प्लेटफ़ॉर्म को उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के प्रति प्रतिक्रिया देनी पड़ती है।
लोगों ने लिखा है कि औपचारिक पुलिस शिकायत के बाद भी, इसे निष्क्रिय करने में 7-10 दिन लग रहे हैं।
सर्वेक्षण में कहा गया है, "सिर्फ अभिनेता, राजनेता, मशहूर हस्तियां आदि ही नहीं, बल्कि कोई भी डीपफेक वीडियो का निशाना बन सकता है क्योंकि हर महीने वैश्विक स्तर पर नए उपकरण सामने आते हैं, जो उपयोगकर्ताओं को डीपफेक वीडियो बनाने में सक्षम बनाते हैं।" (आईएएनएस) ।
कोलकाता, 30 नवंबर । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को स्कूल और नगर पालिकाओं में नौकरी के लिए नकद मामलों में अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया।
सूत्रों के मुताबिक, कोलकाता, उत्तरी 24 परगना के साल्ट लेक, कूच बिहार और मुर्शिदाबाद में तलाशी अभियान चल रहा है। जांच एजेंसी की सुरक्षा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के सशस्त्र जवान कर रहे हैं।
स्कूल में नौकरी मामले को लेकर शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके पटुली में कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के तृणमूल कांग्रेस पार्षद बप्पादित्य दासगुप्ता के आवास पर गुरुवार सुबह छापेमारी शुरू हुई।
दासगुप्ता को पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी का बेहद करीबी माना जाता है, जो वर्तमान में उसी मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।
इस बीच, सीबीआई की एक और टीम साल्ट लेक स्थित बिधाननगर नगर निगम (बीएमसी) में तृणमूल कांग्रेस के पार्षद देबराज चक्रवर्ती के आवास पर पहुंची।
सूत्रों के मुताबिक, चक्रवर्ती के आवास पर छापेमारी नगर पालिकाओं की नौकरी के मामले में हुई है। चक्रवर्ती बीएमसी के सदस्य (मेयर-इन-काउंसिल) भी हैं।
लोकप्रिय भक्ति गायक और राजारहाट-गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस विधायक अदिति मुंशी के पति चक्रवर्ती को पिछले साल अक्टूबर में पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा के मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई अधिकारियों ने बुलाया था। (आईएएनएस)।
मुंबई, 30 नवंबर । बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा और लिन लैशराम शादी के बंधन में बंध गए हैं। जोडे़े़ ने सोशल मीडिया पर अपनी शादी की तस्वीरें पोस्ट की। वहीं उनके फैंस उनके पारंपरिक विवाह समारोह को देखकर आश्चर्यचकित हो गए।
ये लवबर्ड्स बुधवार को इम्फाल में शादी के बंधन में बंधे। उन्होंने परिवार के सदस्यों और कुछ दोस्तों की मौजूदगी में पारंपरिक मैतेई समारोह में शादी की।
इस जोड़े ने शन्नापुंग रिसॉर्ट में अपनी शादी की रस्में पूरी की। रणदीप ने सोशल मीडिया पर लिन के साथ शादी की तस्वीरें साझा कीं।
'सरबजीत' अभिनेता ने सादा सफेद कुर्ता, धोती और मैचिंग शॉल लिया हुआ था। उन्होंने सिर पर सफेद और सुनहरे रंग की पगड़ी भी पहनी हुई थी।
दूसरी ओर, लिन पारंपरिक मणिपुरी पोटलोई पोशाक में एक राजकुमारी की तरह लग रही थी, जो मोटे कपड़े और बांस से बनी एक बेलनाकार स्कर्ट है। उस पर भारी सजावटी काम के साथ लाल साटन का कपड़ा सजा हुआ था।
उन्होंने काले और सुनहरे रंग का सजावटी ब्लाउज को चुना और पारंपरिक सोने के आभूषणों के साथ शादी का लुक पूरा किया।
तस्वीरों के कैप्शन में रणदीप ने लिखा, "आज से, हम एक हैं , जस्ट मैरिड।''
विजय वर्मा ने पोस्ट पर टिप्पणी की और लिखा: "यू गाइज।"
गौतम गुलाटी ने कहा, "बधाई हो बिग बी... गॉड ब्लेस।"
कनिका मान ने लिखा: "वाह सुंदर।"
शादी से पहले, रणदीप ने लैशराम की मैतेई परंपराओं में शादी करने पर अपना उत्साह व्यक्त किया था।
रणदीप और लिन काफी समय से रिलेशनशिप में थे। लिन 'मैरी कॉम', 'रंगून' और हाल ही में 'जाने जान' जैसी फिल्मों का हिस्सा रह चुकी हैं।
शादी का रिसेप्शन बाद में मुंबई में होगा। (आईएएनएस)।
रांची, 30 नवंबर । झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने का रास्ता साफ हो गया है। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विधानसभा से बीते अगस्त महीने में पारित विधेयक को मंजूरी दे दी है।
राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होते ही यह कानून का रूप ले लेगा।
इस कानून में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने पर कम से कम 10 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा से लेकर 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाने जैसे सख्त प्रावधान हैं।
इस कानून का नाम झारखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 होगा। इसमें प्रावधान किया गया है कि प्रतियोगी परीक्षा में कोई अभ्यर्थी पहली बार नकल करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे एक वर्ष की जेल होगी और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगेगा।
दूसरी बार पकड़े जाने पर तीन साल की सजा एवं 10 लाख जुर्माना का प्रावधान है। न्यायालय द्वारा सजा होने पर संबंधित अभ्यर्थी 10 वर्षों तक किसी प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे।
पेपर लीक और नकल से जुड़े मामलों में बगैर प्रारंभिक जांच के एफआईआर और गिरफ्तारी का भी प्रावधान किया गया है। पेपर लीक और किसी प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में भ्रामक जानकारी प्रचारित-प्रसारित करने वाले भी इस कानून के दायरे में आएंगे। यह कानून राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य कर्मचारी चयन आयोग, भर्ती एजेंसियों, निगमों और निकायों द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं में लागू होगा।
पेपर लीक से जुड़े मामलों को लेकर इस कानून में सबसे सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसमें परीक्षाओं के संचालन से जुड़े व्यक्ति, एजेंसियां, प्रिंटिंग प्रेस एवं षड्यंत्र में शामिल लोग दायरे में आएंगे। अगर कोई प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा आयोजित करने वाला प्रबंधन तंत्र, परिवहन से जुड़ा व्यक्ति या कोई कोचिंग संस्थान साजिशकर्ता की भूमिका निभाता है तो 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसमें 2 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। जुर्माना न देने पर तीन साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
बता दें कि इस विधेयक को लेकर विधानसभा में जबर्दस्त हंगामा हुआ था। विपक्ष के विधायकों ने इसकी प्रतियां फाड़ दी थीं और भाजपा ने इसे काला कानून की संज्ञा दी थी। विपक्ष के विधायकों के बहिष्कार के बीच यह विधेयक पारित किया गया था। (आईएएनएस)।
मैसूर, 30 नवंबर । कर्नाटक के मैसूर जिले में एक व्यक्ति ने अपने बेटे की मोबाइल की लत के कारण हत्या कर दी। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
यह घटना मैसूरु शहर के बन्नीमंतप इलाके में हुई।
मृतक की पहचान उमैज़ के रूप में हुई है और पुलिस ने उसके पिता असलम पाशा को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक, मृतक मोबाइल फोन का आदी था और विरोध करने पर अक्सर पिता से झगड़ा करता था।
बुधवार को पिता-पुत्र के बीच तीखी बहस के बीच आरोपी ने चाकू उठाकर अपने बेटे पर वार कर दिया।
हालांकि बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। (आईएएनएस)।
तेलंगाना विधानसभा चुनावों के त्रिकोणीय संघर्ष में कांग्रेस और भाजपा का बीआरएस से मुकाबला है. के चंद्रशेखर राव राज्य की स्थापना के बाद से ही मुख्यमंत्री पद पर कायम हैं और अब लगातार तीसरा कार्यकाल हासिल करना चाह रहे हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
तेलंगाना विधानसभा की सभी 119 सीटों के लिए एक साथ चुनाव हो रहे हैं. इन सीटों के लिए कुल मिलाकर 2,000 से भी ज्यादा उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. माना जा रहा है कि राज्य में मुख्य रूप से टक्कर बीआरएस (जो पहले टीआरएस थी), कांग्रेस और भाजपा के बीच है.
2014 में तेलंगाना की स्थापना के बाद से ही तेलंगाना आंदोलन का नेतृत्व करने वाली पार्टी बीआरएस राज्य में लगातार सत्ता में है और पार्टी के मुखिया के चंद्रशेखर राव तब से राज्य के मुख्यमंत्री हैं.
सत्ता में कायम बीआरएस
2018 में राव ने अपना कार्यकाल पूरा होने से करीब छह महीनों पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. चूंकि कोई और पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी, इसलिए विधानसभा को भंग करना पड़ा और समय से पहले दिसंबर 2018 में ही चुनाव करवा दिए गए.
इन चुनावों में टीआरएस को 119 में से 88 सीटें हासिल हुई, यानी 47.4 प्रतिशत वोट शेयर. महज 19 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही. बीजेपी को सिर्फ एक सीट हासिल हुई थी. इस समय विधानसभा में बीआरएस के पास 101 सीटें हैं, यानी किसी भी दूसरी पार्टी के लिए बीआरएस को टक्कर देना एक बड़ी चुनौती है.
बीआरएस का चुनावी अभियान महिलाओं और किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के इर्द गिर्द केंद्रित रहा है. राव ने मतदाताओं को तेलंगाना की स्थापना के लिए उनके द्वारा किए गए संघर्ष की याद दिलाने की भी कोशिश की है.
कांग्रेस ने महिलाओं और किसानों की मदद करने का वादा किया है. बीजेपी ने बीआरएस और कांग्रेस दोनों पर भ्रष्टाचार और वंशवाद को लेकर हमला किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर राज्य के मतदाताओं से वोट मांगे हैं.
अर्थव्यवस्था का हाल
लेकिन प्रतनधित्व के सवाल पर महिलाओं के लिए सभी पार्टियों की प्रतिबढ़ता नदारद है. निजी थिंक टैंक सीएसडीएस के लोकनीति कार्यक्रम के सह निदेशक संजय कुमार के मुताबिक इन चुनावों में 119 सीटों पर बीआरएस ने सिर्फ सात, कांग्रेस ने 12 और बीजेपी ने 13 महिलाओं को टिकट दिए हैं.
जानकारों का मानना है कि राज्य में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में बेरोजगारी दर 15.1 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत (10 प्रतिशत) से काफी ज्यादा है.
हालांकि राज्य में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है, जो एक बेहतर अर्थव्यवस्था का संकेत हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में प्रति व्यक्ति आय 3.17 लाख रुपये प्रति वर्ष है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.71 लाख रुपये है.
राज्य में गरीबी भी बीते कुछ सालों में कम हुई है. निति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक के मुताबिक तेलंगाना में 2015-16 में 13.18 प्रतिशत लोग गरीब थे, लेकिन 2018-19 आते आते उनकी संख्या गिर कर 5.88 प्रतिशत पर आ गई. (dw.com)
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत को 2030 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन क्षमता को तीन गुना करने के लिए 24,440 अरब रुपये चाहिए. नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य हासिल करने के लिए इससे भी ज्यादा धनराशि की आवश्यकता होगी.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
भारत में बिजली के उत्पादन के लिए कोयले का इस्तेमाल पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. कोयले पर निर्भरता को घटाने के लिए अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली बनाने की जरूरत है, लेकिन भारत जैसे ऊर्जा के भूखे देशों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है.
दुबई में होने वाले संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन कॉप 28 में भारत की स्थिति पर चर्चा होगी. कुछ रिपोर्टों के मुताबिक भारत से उम्मीद की जा रही है कि वह अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बिजली बनाने की अपनी क्षमता को 2030 तक तीन गुना बढ़ाने की घोषणा करे.
भारत की स्थिति
लेकिन ब्रिटेन स्थित एक निजी संस्था 'एम्बर' की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए सिर्फ इतना कर पाना भी बहुत बड़ी चुनौती है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने के लिए भारत को करीब 24,440 रुपयों के निवेश की जरूरत होगी. लेकिन सिर्फ इतना करना भी शायद काफी ना हो.
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने अक्टूबर, 2023 में अपनी नेट जीरो रोडमैप रिपोर्ट जारी की थी जिसमें नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने के तरीके की बात की गई थी. इस रिपोर्ट ने सुझाव दिया था कि तीन गुना के लक्ष्य में भारत का सही योगदान तब ही होगा जब उसकी करीब 32 प्रतिशत बिजली सौर ऊर्जा से बनेगी और 10 प्रतिशत पवन ऊर्जा से.
इस लक्ष्य को 2030 तक हासिल करना होगा. लेकिन 'एम्बर' की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में भारत में बनी कुल बिजली में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी सिर्फ छह प्रतिशत थी. पवन ऊर्जा की हिस्सेदारी करीब चार प्रतिशत थी. यानी मौजूदा स्थिति और लक्ष्य में काफी फासला है.
निवेश की चुनौती
भारत की राष्ट्रीय बिजली नीति 2014 (एनईपी14) में भी अक्षय ऊर्जा के कुछ लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, लेकिन ये आईए के नेट जीरो लक्ष्यों के मुकाबले कम हैं. 'एम्बर' की रिपोर्ट के मुताबिक आईईए के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भारत को सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के उत्पादन को पांच गुना बढ़ाना होगा.
इतना ही नहीं, उसे यह काम 2027 तक कर लेना होगा. इसमें मुख्य चुनौती निवेश की है. 'एम्बर' के मुताबिक सिर्फ एनईपी14 के ही लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को 2023 से 2030 के बीच 24,440 अरब रुपयों के निवेश की जरूरत होगी.
लेकिन आईईए के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 8,413 अरब रुपयों की अतिरिक्त फंडिंग की जरूरत होगी. इसमें उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ साथ भंडारण क्षमता और वितरण को भी बढ़ाने का खर्च शामिल है.
अब ऐसे में भारत के सामने चुनौती यह होगी कि वह इस निवेश को कहां से लाएगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय फंडिंग की जरूरत पड़ेगी. देखना होगा कि कॉप 28 में इस तरह के किसी निवेश की घोषणा होती है या नहीं. (dw.com)
कोझिकोड (केरल), 29 नवंबर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केरल की वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के संकेतों के बीच, बुधवार को कहा कि यह राज्य और उनका संसदीय क्षेत्र उनके लिए घर की तरह हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव में छह महीने से भी कम समय बचा है।
राहुल ने कहा कि केरल और वायनाड आना उनके लिए कोई काम नहीं है।
वायनाड से कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘मैं इसे मेरे परिवार के पास वापस आने और मेरे दोस्तों से मुलाकात की तरह देखता हूं। जितना मैं केरल और वायनाड आता हूं, उतना ही मुझे लगता है कि यह मेरा घर है।’’
उन्होंने यहां मुस्लिम लीग के दिवंगत नेता पी सीथी हाजी पर एक पुस्तक का विमोचन करने के बाद यह बात कही। (भाषा)
बरेली (उप्र), 29 नवम्बर बरेली के जिला महिला अस्पताल में स्थित विशेष नवजात देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग के चलते सेवा ठप होने से बदायूं के अस्पताल में स्थानांतरित किये जा रहे एक बच्चे की मौत हो गई। तीन अन्य बच्चों को सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर त्रिभुवन प्रसाद ने एसएनसीयू के कर्मचारियों के हवाले से बुधवार को बताया कि मंगलवार को अस्पताल के बरामदे में लगी फाल्स सीलिंग में शॉर्ट सर्किट होने से चिंगारी निकलने लगी। उसके बाद बल्ब एक के बाद एक धमाके के साथ टूटने लगे और एसएनसीयू में रखी कुछ चीजों में आग लग गयी। वार्ड में मौजूद स्टाफ और परिजन घबरा गए। बचाव के लिए मेन स्विच बोर्ड से एसएनसीयू और ऑपरेशन थियेटर की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई जिसके बाद स्थिति नियंत्रित की जा सकी।
प्रसाद ने बताया कि आग लगने के कारण सेवा ठप होने के चलते एसएनसीयू वार्ड में भर्ती 11 नवजात बच्चों में से पांच को बदायूं मेडिकल कॉलेज रेफर कर एंबुलेन्स से वहां भेजा गया। इनमें से एक बच्चे ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। तीन बच्चों को बदायूं मेडिकल कालेज से इटावा के सैफई मेडिकल कालेज रेफर किया गया है, जबकि एक बच्चे को बदायूं में ही रखा गया है।
उन्होंने बताया कि अफरातफरी के बीच पांच बच्चों को उनके परिजन निजी अस्पतालों में ले गए, जबकि एक को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।
बरेली के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बुधवार को जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू का दौरा किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विश्राम सिंह को पूरे प्रकरण की जाँच के आदेश दिये हैं।
राजकीय मेडिकल कॉलेज बदायूं के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सी.पी. सिंह ने बताया कि बरेली से पांच बच्चे रेफर किए गए थे। लेकिन इनमें से, शबाना नामक महिला के बच्चे की रास्ते में ही मौत हो गयी। चार बच्चों में से तीन बच्चों की हालत बिगड़ने पर उन्हें सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। एक बच्चे का इलाज बदायूं मेडिकल कॉलेज में हो रहा है।
इस बीच, सैफई मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश यादव ने बताया कि बदायूं मेडिकल कॉलेज रेफर होकर आए तीनों बच्चों की हालत गंभीर है। उनको आईसीयू में भर्ती किया गया है। तीनों बच्चे गंभीर संक्रमण की चपेट में हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 नवंबर गुजरात स्थित गोल्डी सोलर ने उत्तराखंड में सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए 41 मजदूरों के घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने की पेशकश की है।
सिलक्यारा सुरंग में करीब 17 दिन तक फंसे रहे सभी 41 मजदूरों को विभिन्न एजेंसियों के संयुक्त बचाव अभियान के तहत मंगलवार को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। 12 नवंबर को भूस्खलन के कारण सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद मजदूर उसमें फंस गए थे। सिलक्यारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजना का हिस्सा है।
गोल्डी सोलर की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘ देश उत्तरकाशी में फंसे हमारे बहादुर श्रमिकों की सुरक्षित वापसी का जश्न मना रहा है। हम भी प्रभावित परिवारों और लोगों का साथ देंगे। गोल्डी सोलर सभी 41 मजदूरों के घरों की छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करेगा।’’
गोल्डी सोलर के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक ईश्वर ढोलकिया ने कहा कि यह पहल इन परिवारों को स्थायी ऊर्जा तक पहुंच तथा उज्जवल भविष्य की आशा के साथ सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। गोल्डी सोलर वंचित समुदायों की मदद करने और उनकी भलाई में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि कंपनी इस पहल का पूरा खर्चा उठाएगी। (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने आतंकवाद रोधी कानून यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में बुधवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई 10 जनवरी तक स्थगित कर दी। फरवरी 2020 में उत्तर पूर्व दिल्ली में हुए दंगे की साजिश में संलिप्तता के आरोप में खालिद के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया है।
खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू के उपस्थिति नहीं रहने के कारण न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने मामला स्थगित कर दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘मामले में दलील देने वाले वरिष्ठ वकीलों की अनुपस्थिति के कारण याचिकाकर्ता और भारत संघ की ओर से संयुक्त अनुरोध किया गया है। मामले को 10 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें। इस बीच मामले में पैरवी पूरी की जाए।’’
इस मामले को यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध किया गया था।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा ने नौ अगस्त को खालिद की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
मामले में खालिद की जमानत याचिका खारिज करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के 18 अक्टूबर, 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली खालिद की याचिका न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई थी।
उच्च न्यायालय ने खालिद की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वह अन्य सह-अभियुक्तों के साथ लगातार संपर्क में थे और उनके खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही थे।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा था कि आरोपियों की हरकतें प्रथम दृष्टया गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत ‘‘आतंकवादी कृत्य’’ वाली हैं।
फरवरी 2020 के दंगों का ‘‘मुख्य साजिशकर्ता’’ होने के आरोप में खालिद, शरजिल इमाम और कई अन्य के खिलाफ आतंकवादी रोधी यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। (भाषा)
मलप्पुरम (केरल), 29 नवंबर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कोल्लम में अज्ञात अपहर्ताओं द्वारा अगवा की गई छह साल की बच्ची की सुरक्षित वापसी में भूमिका के लिए मीडिया और पुलिस की बुधवार को प्रशंसा की।
हालांकि, उन्होंने पत्रकारों से इस तरह की घटनाओं की रिपोर्टिंग करते समय आत्मावलोकन करने को भी कहा।
विजयन ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए घटना के संबंध में लोगों को समय पर जानकारी देने में मीडिया की भूमिका की सराहना की।
उन्होंने इस तरह की घटनाओं की रिपोर्टिंग में सावधानी की भी जरूरत बताई।
नव केरल यात्रा कार्यक्रम के तहत इस उत्तरी जिले का दौरा कर रहे मुख्यमंत्री ने मीडिया से यह अनुरोध भी किया कि इस तरह की घटनाओं से प्रभावित लोगों से अनुचित प्रश्न नहीं पूछे जाएं।
कुछ मीडियाकर्मियों पर बच्ची के परिवार की निजता का सम्मान नहीं करते हुए उनके बारे में सूचना जुटाने के आरोपों के संदर्भ में विजयन ने यह बात कही।
अपहृत बच्ची को मंगलवार को अपहर्ताओं ने कोल्लम के एक सार्वजनिक मैदान पर छोड़ दिया था। उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। पास के एक कॉलेज की छात्राओं ने बच्ची को देखा और बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पुलिस ने कहा कि उसने अपहर्ताओं का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 29 नवंबर भारत में इस साल के शुरुआती नौ महीनों में लगभग हर दिन मौसम की स्थिति चरम पर पहुंचने के घटनाएं देखी गईं जिनमें करीब 3,000 लोगों की मौत हो गई। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।
स्वतंत्र संस्थान ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट’ (सीएसई) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जलवायु के लिहाज से संवेदनशील देश में जनवरी से सितंबर 2023 तक लगभग 86 प्रतिशत दिनों में मौसम की स्थिति चरम पर पहुंचने यानी अत्यधिक सर्दी, अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक वर्षा जैसे हालात बने।
सीएसई ने कहा कि इस अवधि में करीब 2,923 लोगों की मृत्यु हो गई, करीब 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खड़ी फसल बर्बाद हो गई, 80 हजार घर तबाह हो गए और 92,000 से अधिक मवेशी मारे गए।
सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा, ‘‘ ‘इंडिया 2023: एन असेसमेंट ऑफ एक्स्ट्रीम वेदर इवेंट्स’ में देश में विकट मौसमी परिस्थितियों की आवृत्ति और उनके विस्तार लेते भौगोलिक क्षेत्र पर साक्ष्य आधार तैयार करने का प्रयास किया गया है। यह आकलन स्पष्ट दर्शाता है कि देश में 2023 में अब तक जो देखा गया है वह तापमान वृद्धि वाली इस दुनिया में नया ‘असामान्य’ घटनाक्रम है।’’
मध्य प्रदेश में इस तरह के सर्वाधिक घटनाक्रम देखे गए जिनकी संख्या 138 थी। हालांकि ऐसी घटनाओं के कारण मृत्यु के सर्वाधिक मामले बिहार (642), हिमाचल प्रदेश (365) और उत्तर प्रदेश (341) में आए।
पंजाब में मौसम के चरम पर पहुंचने के मामलों में मवेशियों की मौत के सबसे ज्यादा मामले आए, वहीं हिमाचल प्रदेश में मकानों को सर्वाधिक नुकसान हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी क्षेत्र में केरल में सर्वाधिक दिन (67) तक मौसम के चरम स्थिति पर पहुंचने संबंधी घटनाक्रम देखा गया, वहीं उत्तर पश्चिम भारत में उत्तर प्रदेश में 113 दिन के साथ यह स्थिति सर्वाधिक दिन रही।
सीएसई ने कहा कि इस साल जनवरी का महीना औसत से थोड़ा गर्म रहा, वहीं फरवरी ने सबसे गर्म रहने के मामले में 122 साल का रिकॉर्ड तोड़ा। (भाषा)
उत्तरकाशी, 29 नवंबर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चिन्यालीसौड़ अस्पताल में भर्ती श्रमिकों से मिलकर उनका हालचाल जाना और उन्हें एक—एक लाख रू की प्रोत्साहन राशि का चेक सौंपा ।
केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के 17 वें दिन मंगलवार रात सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था।
श्रमिकों को बाहर निकाले जाने के बाद उन्हें सिलक्यारा से 30 किलोमीटर दूर चिन्यालीसौड़ अस्पताल में बनाए गए 41 बिस्तरों के विशेष वार्ड में ले जाया गया जहां उन्हें चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है ।
सभी श्रमिक स्वस्थ हैं और उन्हें आगे की जांच के लिए एम्स ऋषिकेश ले जाया जा रहा है।
वार्ड के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने एक—एक करके सभी श्रमिकों से उनका हाल—चाल जाना और पीठ थपथपाकर उनका हौसला बढ़ाया । इस दौरान कई श्रमिकों ने बिस्तर से उठकर उनके चरण स्पर्श किए तथा उनका आभार जताया ।
एक श्रमिक ने अपने मोबाइल फोन से मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली ।
इस दौरान एक श्रमिक ने मुख्यमंत्री की अपने परिजन से बात भी कराई जिसमें उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि उनका प्रियजन सुरक्षित है और एक—दो दिन में वह उनके पास पहुंच जाएगा ।
केंद्र के बाहर आकर उन्होंने श्रमिकों के परिजनों से भी बात की और पूछा कि उन्हें भोजन आदि की कहीं कोई समस्या तो नहीं है।
बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को डॉक्टरों की सलाह पर 24 घंटे की चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है ।
उन्होंने कहा कि सभी लोग स्वस्थ और प्रसन्न हैं लेकिन डॉक्टरों के परामर्श पर उन्हें जांच के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा जाएगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी श्रमिक उन्हें बाहर निकालने में प्रयास करने वाले लोगों और एजेंसियों का धन्यवाद कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लगातार बचाव अभियान पर विशेष ध्यान बना रहा और वह माता—पिता की तरह श्रमिकों की चिंता करते रहे, इसके लिए श्रमिकों ने उनका भी आभार व्यक्त किया ।
उन्होंने कहा कि इस बचाव अभियान में दुनिया के सबसे अच्छे प्रयास किए गए ।
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों से मुलाकात के दौरान उन्हें एक—एक लाख रू की प्रोत्साहन राशि के चेक भी सौंपे । इस संबंध में उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे रहने के दौरान 16 दिनों तक उन्होंने हिम्मत बनाए रखी और साथ ही उन्हें बाहर निकालने का प्रयास कर रहे लोगों का भी हौसला बढ़ाया और इसी लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि दी गयी है । बाहर खड़े श्रमिकों के परिजनों ने भी राज्य सरकार द्वारा बचाव अभियान के साथ ही उनके लिए की गयी व्यवस्थाओं पर खुशी जताई ।
बारह नवंबर को चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से मलबे के दूसरी ओर 41 श्रमिक फंस गए थे जो युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को सकुशल बाहर निकाले गए । (भाषा)
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों को मंगलवार शाम सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. जब मशीन और तमाम एक्सपर्ट फेल हो गए तो रैट माइनर्स ने मिशन को अंजाम तक पहुंचाया.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
रैट माइनर्स ने इस मिशन में अहम भूमिका निभाई. हाथ से आखिरी 12 मीटर की खुदाई 21 घंटे में करने वाले रैट माइनर्स ने सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचने में मदद की.
किसी पतले छेद के अंदर घुसकर खुदाई करना रैट माइनगिंग कहलाता है. इन रैट माइनर्स ने 800 मिलीमीटर की पाइप में घुसकर हाथ से खुदाई पूरी की. एस्केप टनल को दो और पाइप जोड़कर फंसे मजदूरों तक पहुंचाया गया.
इन पाइपों के जरिए एनडीआरएफ की टीमें अंदर पहुंची और मजदूरों को पहियों वाली ट्रॉली के जरिए एक-एककर बाहर भेजना शुरू किया, जहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने इनका स्वागत किया.
रैट माइनिंग टीम के सदस्य शंभू सिंह ने मीडिया को बताया, "जैसे ही सुरंग के अंदर पहला मजदूर दिखा, उसने हमारी टीम की ओर हाथ हिलाया. अंदर फंसे मजदूरों ने जयकारे लगाए."
चट्टानी हौसलों की जीत
पिछले 17 दिनों से 41 मजदूर इस सुरंग में फंसे हुए थे और इन्हें निकालने के लिए कई तरह की मशीनों का इस्तेमाल हो रहा था. 400 घंटों से ज्यादा बचाव अभियान चला. इन मजदूरों तक पहुंचने के लिए कभी सरिया तो कभी मशीन बाधा बनी.
मंगलवार शाम तक इन मजदूरों तक पहुंच बनाई गई और शाम 7.28 बजे पहले मजदूर विजय होरो को सुरंग से बाहर निकाला गया. इसके बाद एक-एक कर बाकी फंसे मजदूरों को निकाला गया.
मजदूरों को बाहर निकालने के बाद इन्हें उत्तरकाशी के चिन्यालिसौड़ शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रख गया है. यहां डॉक्टरों की टीम इनकी मेडिकल जांच कर रही है और ठीक पाए जाने के बाद इन मजदूरों को उनके घर भेज दिया जाएगा. फंसे हुए मजदूरों में से अधिकांश बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और ओडिशा के थे.
मोदी: ये सफलता भावुक करने वाली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों के सकुशल बाहर आने और रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता को हर किसी को भावुक कर देने वाला पल बताया है.
मोदी ने बचाव अभियान से जुड़े लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है. इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है.
मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है. टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है."
मोदी ने कहा, "मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं. यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे. इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है."
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सुरंग से निकाले जाने के बाद सभी 41 मजदूरों को एक-एक लाख रुपये देने का एलान किया है. साथ ही इन मजदूरों को 15 से 20 दिन के लिए छुट्टी पर जाने की अनुमति दी है. ये मजदूर सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर को फंस गए थे. उन्हें निकालने के लिए कई एजेंसियां एक साथ काम कर रहीं थीं. (dw.com)