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जयपुर, 26 नवंबर : राजस्थान में शनिवार को विधानसभा चुनाव में लगभग 74.96 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने रविवार को मतदान के आंकड़ों की घोषणा करते हुए यह जानकारी दी।
इस आंकड़े में मतदान केंद्रों पर 74.13 प्रतिशत मतदान और डाक मतपत्र और घरेलू मतदान के माध्यम से डाले गए 0.83 प्रतिशत वोट शामिल हैं।
चुनाव अधिकारियों ने कहा, "सबसे ज्यादा 87.79 फीसदी मतदान पोकरण में दर्ज किया गया, जबकि दूसरा सबसे ज्यादा मतदान तिजारा में 85.15 फीसदी मतदान हुआ। सबसे कम मतदान प्रतिशत वाले दो स्थान मारवाड़ जंक्शन में 61.10 फीसदी और आहोर में 61.19 फीसदी मतदान हुआ।"
राज्य में शनिवार को 199 सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ। राज्य भर में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।
श्री करणपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए शनिवार को मतदान नहीं हो सका, क्योंकि कांग्रेस के उम्मीदवार गुरमीत सिंह कूनर (75) की मृत्यु के कारण चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई थी। (आईएएनएस)
लखनऊ, 26 नवंबर । लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, इंडिया गठबंधन अपनी योजना बनाने की जगह आपसी विवादों और उलझनों का शिकार होकर कमजोर पड़ता दिख रहा है। हालिया विधानसभा चुनाव में जहां सहयोगी दल आमने-सामने खड़े दिखे, वहीं सहयोगी दलों के बीच अपने नेताओं को पीएम पद का प्रत्याशी बनाने की होड़ भी दिखाई दे रही है। यह स्पष्ट तौर पर गठबंधन के दलों के बीच पैदा हो रही असहमतियों को दिखाता है।
सवाल उठता है कि अलग अलग चेहरों के साथ चुनाव में गए तो कैसे एकजुटता का संदेश दे पाएंगे और सामने खड़े चेहरे का मुकाबला कर पाएंगे।
गठबंधन में पीएम पद के चेहरों को देखें तो जेडीयू की तरफ से नीतीश को उनके समर्थक पहले से ही उन्हें प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताते रहे हैं। अब इस सूची में सपा प्रमुख अखिलेश यादव का भी नाम आ गया है। अभी हाल में मुलायम सिंह यादव के जन्म तिथि पर सैफई में आयोजित समारोह में पार्टी के बड़े नेताओं ने जिस तरह से अखिलेश को प्रधानमंत्री बनवाने की बात को सामने रखा, उससे तय है कि आने वाले समय में इंडिया गठबंधन की चुनौती एक अनार सौ बीमार वाली होने वाली है।
प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा जाहिर कर अखिलेश समर्थकों ने उन्हे कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के मुकाबले खड़ा कर दिया। जबकि कांग्रेस की तरफ से भी गाहे ब गाहे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बताने की बात सामने आती रही है।
हालिया घटनाक्रम को देखें तो सैफई में मुलायम सिंह की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने कहा कि हम लोग बहुत खुश होते अगर नेताजी प्रधानमंत्री बन जाते। नंदा ने कहा अभी हम लोगों के पास मौका है, वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव बहुत नजदीक है। हम लोग चाहते हैं कि हम लोगों का जो सपना अधूरा रह गया है, उसे पूरा करते हुए 2024 में इसी उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव को भेजकर देश का प्रधानमंत्री बनाएंगे।
सपा के प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में अगर सपा 40 सीटें जीत लेती है तो पार्टी अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री बनवाने की हैसियत में होगी।
कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि इंडिया गठबंधन कांग्रेस के नेतृत्व में बन चुका है, जितने भी राजनैतिक दल इसमें शामिल हैं, या आगे और भी जो विस्तार में जुड़ रहे हैं, उनके बीच सीट बंटवारा और आगे चुनाव में या उसके बाद किस नेता या पार्टी की क्या भूमिका या पद होगा, वह सभी निर्णय इंडिया गठबंधन की बैठक में ही तय होंगे। इससे पहले भी जो निर्णय हुए वह गठबंधन की बैठक में ही तय हुए, चाहे वह नाम हो या अन्य कोई एजेंडा।
कौन प्रधानमंत्री बनेगा या किसको कितनी सीट लड़नी है, यह सभी निर्णय किसी व्यक्तिगत पार्टी के नेता के बयान से तय नही होंगें। हमें किसी पार्टी के नेता के बयान से कोई सरोकार नहीं है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह ने कहा कि अखिलेश की दावेदारी पेश करना मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखने जैसा है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में जितने में भी दल शामिल हैं, उनमें सभी पीएम पद के उम्मीदवार हैं। जो अपने राज्य में चुनाव जीत नहीं सकते लेकिन पीएम बनना चाहते हैं। ऐसी बातों को जनता ध्यान नहीं देती है। सभी को पता है कि मोदी जी के हाथों में देश सुरक्षित है और तेजी से आगे बढ़ रहा है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि स्मारक के शिलान्यास समारोह के बहाने सपा के बड़े नेताओं ने जिस प्रकार से अखिलेश यादव को पीएम पद का उम्मीदवार बनाने का प्रयास किया है। इससे गठबंधन के सामने बड़ी चुनौती बढ़ेगी। इससे पहले भी सपा, जदयू, कांग्रेस, आप और शिवसेना की तरफ से ऐसी मांग उठ चुकी है। अभी गठबंधन का पूरा प्रारूप तय नहीं है तो ऐसी बाते क्यों कर रहे हैं। पीएम मोदी के सामने विपक्ष को ऐसा चेहरा लाना होगा जो सर्वमान्य हो। ऐसे में अपने अपने दलों से घोषित यह चेहरे कितने कारगर होंगे यह तो समय बताएगा। अभी फिलहाल गठबंधन की एकता को कायम रखने की चुनौती बहुत बड़ी दिख रही है।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह कांग्रेस की वजह से पीएम न बन पाने की सपा के लोगों में टीस बरकरार है। सपा के नेताओं ने बातों में कहा होगा अगर यही ढर्रा चला तो अखिलेश को भी मौका नहीं मिलेगा। यही देखते हुए समय समय पर पीएम की मांग जोर पकड़ती है।
सपा के वरिष्ठ लोगों का मानना है कि राहुल अखिलेश के समक्ष है। अखिलेश का परिवार इनसे ज्यादा राजनीतिक जमीन में मजबूत है। राहुल अगर यूपी से एक सीट लाकर पीएम की दावेदारी कर हैं तो अखिलेश यादव क्यों नहीं कर सकते।
सपा के लोगों को लगता है कि जिस प्रकार सपा ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में कहीं एक दो सीट मिल जाएं तो वह अपने को गैर कांग्रेसी पार्टियों के बीच दावेदारी को मजबूती से उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश के साथ नीतीश व अन्य दल भी दावेदारी करेंगे। इससे गठबंधन का नुकसान होगा। (आईएएनएस)
लखनऊ, 26 नवंबर । वर्तमान समय में नौकरशाह राजनीतिक व्यवस्था का इस हद तक अभिन्न अंग बन गए हैं कि कार्यपालिका और विधायिका के बीच विभाजन रेखा धुंधली होने लगी है।
लोकतंत्र के दोनों स्तंभों के बीच बढ़ती घनिष्ठता इस बात से स्पष्ट है कि अधिक से अधिक नौकरशाह सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में शामिल हो रहे हैं, कुछ तो अपना राजनीतिक दल भी बना रहे हैं।
इस सूची में शामिल होने वाले नवीनतम उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुलखान सिंह हैं, जिन्होंने हाल ही में बुंदेलखण्ड क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए बुन्देलखण्ड लोकतांत्रिक पार्टी (बीएलपी) के गठन के साथ राजनीति में पदार्पण की घोषणा की है।
अपनी नई पार्टी की घोषणा करते हुए सिंह ने कहा कि राजनीतिक दलों ने लंबे समय से बुंदेलखण्ड की समस्याओं की उपेक्षा की है। सिंह सेवानिवृत्ति के बाद अपना राजनीतिक दल बनाने वाले दूसरे आईपीएस अधिकारी हैं।
दो साल पहले, एक अन्य आईपीएस अधिकारी, अमिताभ ठाकुर ने सेवा से 'जबरन सेवानिवृत्त' होने के बाद अपनी अधिकार सेना का गठन किया था।
1992 बैच के अधिकारी, ठाकुर अपनी राजनीतिक सक्रियता के लिए जाने जाते थे। उनकी पार्टी अपंजीकृत है लेकिन वह आगामी लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।
पूर्व आईएएस अधिकारी एस.आर. दारापुरी सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गए और 2004 में चुनाव लड़ने के लिए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल हो गए। उन्होंने अपनी जमानत जब्त कर ली लेकिन अब दलित राजनीति में सक्रिय हैं और एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।
2007 से 2012 तक मायावती शासन में काफी दबदबा रखने वाले आईएएस अधिकारी विजय शंकर पांडे ने भी सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में कदम रखने का विकल्प चुना और लोक गठबंधन पार्टी का गठन किया। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव फैजाबाद से लड़ा और 2000 से कुछ अधिक वोटों से जीत हासिल की।
आईएएस अधिकारी चंद्रपाल ने सेवानिवृत्ति के बाद अपनी आदर्श समाज पार्टी भी बनाई और 2009 में आगरा से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन असफल रहे। वह अब सक्रिय नहीं हैं और उनकी पार्टी की राज्य की राजनीति में कोई मौजूदगी नहीं है।
पीपीएस अधिकारी शैलेन्द्र सिंह, जिन्होंने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी से मुकाबला कर तहलका मचा दिया था, 2002 में जब उनका अपने राजनीतिक आकाओं से टकराव हुआ तो उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने एक चुनाव निर्दलीय और दो चुनाव कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा लेकिन सभी हार गए। वह अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
पीसीएस अधिकारी बाबा हरदेव सिंह सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आये और उन्हें राष्ट्रीय लोकदल का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और एकमात्र चुनाव हार गए जो उन्होंने लड़ा था।
दिलचस्प बात यह है कि जो नौकरशाह अपना संगठन बनाने के बजाय प्रमुख राजनीतिक दलों में शामिल हो गए, वे अधिक सफल साबित हुए हैं।
पी.एल. पुनिया सबसे शक्तिशाली नौकरशाहों में से एक थे जिन्होंने मुलायम सिंह और फिर मायावती के प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया।
सेवानिवृत्ति के बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण पद संभाले और यहां तक कि उन्हें राज्यसभा भी भेजा गया।
आईपीएस अधिकारी बृजलाल अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद भाजपा में शामिल हो गए और अब राज्यसभा सांसद हैं।
आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पिछले साल सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी और आज वह योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं।
ईडी के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने भी सेवा से इस्तीफा दे दिया और राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़ा। उन्होंने सरोजिनी नगर सीट से जीत हासिल की। (आईएएनएस)
सहारनपुर, 26 नवंबर । उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के सदर बाजार थाना अंतर्गत एक होटल में शनिवार को 27 वर्षीय एक युवक ने छत के पंखे में फंदा डालकर फांसी लगा ली।
एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी रविवार को दी।
मृतक की पहचान बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मोहल्ला कुरहनी निवासी दीपक कुमार के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक, शनिवार दोपहर करीब 2:30 बजे सदर बाजार इलाके के एक होटल में युवक की आत्महत्या के संबंध में सदर बाजार पुलिस स्टेशन में एक पीसीआर कॉल आई। घटनास्थल पर पहुंचने पर पुलिस ने मृतक को होटल के एक कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "होटल के स्टाफ का फोन आया था कि उनके मेहमान दीपक ने डोरबेल बजाने पर जब दरवाजा नहीं खोला तो शक हुआ।"
पुलिस ने कहा कि पूछताछ के दौरान यह पता चला कि दीपक ने शुक्रवार रात 2 बजे होटल में चेक इन किया था। उसने एक दिवसीय प्रवास के लिए रूम बुक किया था। इसके बाद जब वह बाहर नहीं आया, तो होटल के कर्मचारियों ने दरवाजा खटखटाया।कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, तो शनिवार करीब 2:30 बजे होटल के कर्मचारियों ने जब दरवाजा तोड़ा तो दीपक को छत के पंखे से लटका हुआ पाया।
इस दौरान क्राइम टीम और एफएसएल टीम ने मौके से सबूतों इकट्ठा किया। रिसेप्शन और सीढ़ी के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा, शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया है। अधिकारी ने कहा कि दीपक (मृतक) के परिवार के सदस्यों से संपर्क करने के प्रयास किए जा रहे हैं। आगे की जांच जारी है। (आईएएनएस)
भोपाल, 26 नवंबर । मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही सियासी दलों ने कमजोर कड़ी की तलाश शुरू कर दी है। इसके पीछे बड़ी वजह किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत न मिलने का अनुमान है।
राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान हो चुका है और नतीजा तीन दिसंबर को आने हैं। किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 116 विधायकों की जरूरत होगी। बहुमत का आंकड़ा यही है।
अब तक यही अनुमान लगाया जा रहा है कि दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर है और चुनावी नतीजे एक तरफ नहीं रहने वाले। दोनों दलों में पांच से 10 सीटों का ही अंतर रहेगा।
सट्टा बाजार भी लगभग यही कहानी कह रहा है और इसी का नतीजा है कि दोनों दल आगामी स्थितियों को लेकर चिंतित है।
बात अगर पिछले विधानसभा चुनाव की करें तो किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस 114 सीट लेने के साथ बढ़त में थी, जबकि भाजपा को 109 स्थान पर ही जीत मिली थी। सात स्थानों पर सपा, बसपा और निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। अन्य का कांग्रेस को साथ मिला था और उसकी सरकार भी बनी।
कांग्रेस की सरकार कमलनाथ के नेतृत्व में 15 महीने ही चल पाई और ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी के चलते 22 विधायकों ने बगावत की और कमलनाथ की सरकार गिर गई । यह घटनाक्रम दोनों ही राजनीतिक दलों को बेहतर तरीके से याद है लिहाजा किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में उन्होंने दूसरे दल के अलावा अन्य में कमजोर कड़ी की तलाश तेज कर दी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बहुमत न मिलने या बहुमत से कुछ अंक ज्यादा निकलने के बाद भी राजनीतिक दलों की कमजोर कड़ी या यूं कहें विभीषण की तलाश में कोई पीछे नहीं रहने वाला। यह बात अलग है कि कमलनाथ लगातार दावा करते रहे हैं कि अगर वह चाहते तो अपनी सरकार बचा लेते। उनके पास भी सौदेबाजी के अवसर थे, परंतु इस बार लगता है कि वे कोई भी मौका अपने हाथ से जाने नहीं देंगे।
इसके बावजूद आने वाले दिन राज्य की सियासत में बड़े घटनाक्रम का गवाह बनेंगे, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। (आईएएनएस)
पटना, 26 नवंबर । अगले साल संभावित लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार की सभी राजनीतिक पार्टियां अब चुनावी मोड में आ चुकी हैं। हालांकि शुरुआती दौर में करीब सभी पार्टियां सोशल इंजीनियरिंग को दुरुस्त कर सामाजिक गोलबंदी में जुटी नजर आ रही हैं।
भाजपा ने हालांकि इसकी शुरुआत काफी पहले कर दी, लेकिन अब जदयू और राजद भी इसकी शुरुआत कर अन्य पार्टियों के वोट बैंक में सेंध लगाने में जुटी है।
भाजपा जहां स्वामी सहजानंद सरस्वती की जयंती पर बड़ा कार्यक्रम कर अपने भूमिहार समाज के वोटबैंक को एकजुट रखने की कोशिश में है, वहीं यदुवंशी समाज मिलन समारोह के जरिए बड़ी संख्या में इस समाज के लोगों को पार्टी में शामिल कर राजद के वोटबैंक में सेंध लगाने का प्रयास किया है। भाजपा ने 25 नवंबर को वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर पटना के बापू सभागार में पान-तांती रैली आयोजित कर अनुसूचित जातियों को साधने की जुगत शुरू कर दी है।
इधर, राजद भी खुद के यादव, मुस्लिमों के वोटबैंक की पार्टी कहलाने के 'स्टांप' को अब ए टू जेड के रूप में बदलना चाहती है। कहा जा रहा है कि राजद की नजर धुर विरोधी भूमिहार वोट बैंक पर है। राजद लीक से हटकर भूमिहार मतदाताओं को रिझाने की हरसंभव कोशिश कर रही है।
पिछले दिनों इसी क्रम में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर राजद प्रदेश मुख्यालय में भव्य कार्यक्रम आयोजन किया गया, जिसमे पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और प्रदेश के मंत्री शामिल हुए। इस कार्यक्रम मे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भूमिहार समाज को रिझाने के लिए यहां तक कह दिया कि भूमिहार समाज अपने दिल और दिमाग से यह बात निकाल दे कि हम उनके विराेधी हैं।
तेजस्वी ने कहा कि राजद ए टू जेड की पार्टी है। हम दिल से चाहते हैं कि भूमिहार समाज हमारे साथ रहे।
इस बीच, जदयू ने भी 'भीम संसद ' के जरिए दलित और महादलित को साधने की कोशिश की है। कहा जा रहा है कि भाजपा के जाति आधारित आयोजनों के जवाब में जदयू भीम संसद का आयोजन की है। पटना में आयोजित भीम संसद को लेकर जदयू ने अपनी पूरी ताकत लगा दी।
बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि आज संविधान और आरक्षण खतरे में है। संविधान बदलने की कोशिश की जा रही है तो सांप्रदायिक ताकतें समाज में वैमनस्यता फैला रही हैं।
भाजपा के उपाध्यक्ष संतोष पाठक कहते हैं कि भाजपा कभी भी जाति और समाज की राजनीति नहीं करती है। भाजपा एक राष्ट्रीय पार्टी है और सबका साथ, सबके विकास की बात करती है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के प्रति समाज के सभी वर्गों का आकर्षण बढ़ा है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हाल ही में पार्टी द्वारा कई मिलन समारोह का आयोजन किया गया, जो इस बात के प्रमाण हैं कि भाजपा बिहार में मजबूत हुई है, लोगों का आकर्षण बढ़ा है।
गौर से देखें तो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में पिछले लोकसभा चुनाव से परिस्थितियां अलग होंगी। जदयू इस चुनाव में एनडीए से अलग महागठबंधन के साथ होगी, तो महादलित नेता के रूप में पहचान बना चुके पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों गुटों के भाजपा के साथ रहने की संभावना है।
पिछले चुनाव में प्रदेश की 40 सीटों में से 39 पर एनडीए के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में राजद का खाता भी नहीं खुला था, जबकि कांग्रेस के हिस्से एक सीट आई थी।
ऐसे में तय माना जा रहा है कि जदयू के कई सांसदों के टिकट कटेंगे। भाजपा के भी कई सांसदों के टिकट कटने की संभावना है। ऐसे में नेता और सांसद जोड़ घटाव में अभी से ही जुट गए हैं। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 नवंबर । कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि राजस्थान में लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झूठ योजनाओं को खारिज कर देंगे और उनकी सरकार को यह एहसास भी कराएंगे कि केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की एक सीमा है।
कांग्रेस संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “राजस्थान में मतदान चल रहा है। आज, राजस्थान के लोग प्रधानमंत्री की झूठ योजनाओं को खारिज कर देंगे और मोदी सरकार को समझा देंगे कि ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग की एक सीमा है।”
उन्होंने कहा कि इस बार राजस्थान में परंपरा बदलने जा रही है।
राज्यसभा सांसद ने कहा, “लोग ध्रुवीकरण की राजनीति को खारिज कर रहे हैं और कांग्रेस की उपलब्धियों और गारंटी पर वोट कर रहे हैं। भरोसा बरकरार है।”
कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने भी कहा, "राजस्थान के मतदाताओं से मेरी अपील - रिकॉर्ड संख्या में आएं और प्रगतिशील, समृद्ध और समावेशी राजस्थान के लिए वोट करें।"
उन्होंने लोगों को कांग्रेस सरकार के पांच साल के अनुकरणीय शासन की याद दिलाई, जिसमें कल्याणकारी कार्यक्रमों ने राजस्थान का चेहरा बदल दिया है और सभी के लिए एक सुरक्षित वातावरण दिया है।
उन्होंने कहा, “चिरंजीवी योजना, महिलाओं को मोबाइल फोन, इंदिरा रसोई और ऐसी कई गरीब-समर्थक योजनाओं ने सार्थक प्रभाव डाला है। आपको भाजपा के कुशासन और भ्रष्टाचार का काला दौर भी याद है, जहां रोजमर्रा का जीवन कठिन था और उनके नेता एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और राज्य के खजाने को लूटने में व्यस्त थे।”
राजस्थान से राज्यसभा सांसद ने कहा, “जब हम सत्ता में लौटेंगे, तो हम अभियान के दौरान की गई सभी सात गारंटी को पूरा करेंगे। हमने कर्नाटक में ऐसा किया, हम राजस्थान में भी ऐसा करेंगे! अब समय आ गया है कि जन-केंद्रित सरकार को बाधित करने के भाजपा के इस चक्र को तोड़ा जाए - कांग्रेस के 5 और वर्षों के लिए वोट करें।''
राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान आज सुबह सात बजे शुरू हुआ। कांग्रेस राज्य में लगातार दूसरे कार्यकाल पर नजर गड़ाए हुए है और राज्य के लोगों से की गई अपनी सात गारंटियों पर भरोसा कर रही है। भाजपा की भी राज्य में सत्ता में वापसी पर नजर है।
राजस्थान में पिछले तीन दशकों से वैकल्पिक पार्टी सरकार की परंपरा रही है और कांग्रेस को उम्मीद है कि इस विधानसभा चुनाव में वह इस परंपरा को बदल देगी।
(आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 नवंबर । दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि 43 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसने अपने कर्जदाताओं को फंसाने के लिए अपने ही भतीजे से खुद पर गोली चलवाई थी।
अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह 6:13 बजे, उत्तरपूर्वी दिल्ली के नंद नगरी इलाके के ताहिरपुर में गोलीबारी की घटना के संबंध में पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) कॉल प्राप्त हुई थी।
मौके पर पहुंचने पर पता चला कि न्यू सीमापुरी के रहने वाले सुंदर को दाहिनी बांह पर ऊपर बंदूक की गोली लगी थी।
अधिकारी ने कहा, "घटनास्थल पर .315 बोर का एक खाली खोखा मिला। उनके साथ उनका भतीजा हिमांशु (19) भी मौजूद था।"
पीड़ित और उसके भतीजे के अनुसार, वे ताहिरपुर स्थित कृषि भूमि पर मछली के तालाब में मछली का खाना खिला रहे थे, तभी एक व्यक्ति आया और गाली-गलौज करने के बाद सुंदर को पीछे से गोली मार दी।
पुलिस उपायुक्त (उत्तरपूर्व) जॉय टिर्की ने कहा, "सुंदर को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर है।"
जांच के दौरान पता चला कि सुंदर पर कुछ लोगों का पैसा बकाया था और वह उन्हें गोलीबारी की घटना में फंसाने की कोशिश कर रहा था।
"पूछने पर उसका भतीजा टूट गया और उसने स्वीकार किया कि उसने साजिश के तहत अपने चाचा पर गोली चलाई थी। उसने घटना को पुख्ता करने के लिए घटनास्थल पर एक खाली खोखा रख दिया था। गोली चलाने के बाद उसने कट्टा तालाब में फेंक दिया था। उसके खुलासे पर डीसीपी ने कहा, ''तालाब से एक कट्टा बरामद किया गया जिसके अंदर एक खाली खोल था।''
डीसीपी ने कहा, "मामले में सुंदर और हिमांशु दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरों को झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की कोशिश के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 25 नवंबर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को तीसरे पक्ष के कुछ लेनदेन के संबंध में डीएलएफ के गुरुग्राम स्थित मुख्यालय में उससे जुड़े परिसरों की तलाशी ली। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार, वित्तीय जांच एजेंसी ने तीसरे पक्ष के मुद्दे के सिलसिले में गुरुवार और शुक्रवार को डीएलएफ के परिसर की तलाशी ली।
डीएलएफ को ऐसे कुछ लेनदेन की पुष्टि करने के लिए कहा गया था जो डीएलएफ से संबंधित नहीं हैं।
सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी डीएलएफ द्वारा सुपरटेक से की गई जमीन खरीद और हरियाणा के एक स्थानीय राजनेता की संलिप्तता से संबंधित विशिष्ट दस्तावेजों को क्रॉस-वेरिफाइ कर रही थी।
तलाशी के दौरान डीएलएफ ने एजेंसी के अधिकारियों को पूरा सहयोग दिया और उन्हें मांगे गए दस्तावेज भी मुहैया कराए।
इस साल 27 जून को ईडी ने सुपरटेक लिमिटेड के प्रमोटर निदेशक राम किशोर अरोड़ा को गिरफ्तार करने के बाद आरोप लगाया कि उन्होंने घर खरीदारों और निवेशकों से एकत्र किए गए सैकड़ों करोड़ रुपये को अपनी परियोजनाओं को पूरा करने की बजाय शेल कंपनियों में भेज दिया।
ईडी की जांच से पता चला है कि एक लेन-देन में, सुपरटेक समूह ने 2013-14 में गुरुग्राम में जमीन खरीदने के लिए ग्राहकों, घर खरीदारों से प्राप्त 440 करोड़ रुपये को अत्यधिक बढ़ी हुई कीमतों पर निकाल लिया, जबकि नोएडा में उनकी पहले से वादा की गई परियोजनाएं अभी तक पूरी नहीं हुई थीं।
इसमें दावा किया गया कि इस नई अधिग्रहीत भूमि पर नई परियोजना शुरू की गई थी और सैकड़ों घर खरीदारों से अग्रिम राशि एकत्र की गई थी और बैंकों या एनबीएफसी से ऋण लिया गया था जो एनपीए भी बन गया और बैंकों द्वारा धोखाधड़ी घोषित कर दिया गया।
जांच में कहा गया, "इसी तरह, सुपरटेक द्वारा उसी समयावधि में एक अन्य शेल कंपनी में जमीन हासिल करने के लिए 154 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया।"
साथ ही, 40 करोड़ रुपये दूसरी शेल कंपनी को दिए गए और उसके नाम पर दिल्ली में जमीन खरीदी गई। इस तरह, इसकी परियोजनाओं को पूरा करने की बजाय फर्जी कंपनियों को धन हस्तांतरित कर दिया गया, जो वास्तव में आज तक भी पूरी नहीं हुई हैं।
इस अवधि के दौरान, अरोड़ा सुपरटेक समूह के लिए मुख्य नियंत्रक और निर्णय लेने वाले प्राधिकारी थे और उन्होंने निवेशकों के पैसे को विभिन्न शेल कंपनियों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। (आईएएनएस)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी उसका निर्माण भारत में ही किया गया है. तेजस का निर्माण भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित उपक्रम हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किया है.
चलिए जानते हैं कि तेजस की ख़ासियत क्या है?
क्या है तेजस की ख़ासियत?
- तेजस फ़ाइटर प्लेन लंबी दूरी की मार करने वाली मिसाइलों से लैस हैं.
- तेजस अपने लक्ष्य को लॉक कर उस पर निशाना दागने की क्षमता रखता है.
- तेजस को बहुत सारी नई तकनीक के उपकरणों से लैस किया गया है.
- इसमें इसराइल में विकसित रडार के साथ ही स्वदेश में विकसित किया हुआ रडार भी है.
- तेजस लड़ाकू विमान ध्वनि की गति (साउंड की स्पीड) यानी मैक 1.6 से लेकर मेक 1.8 तक की तेज़ी से उड़ सकते हैं वो भी 52 हज़ार फ़ीट तक की ऊंचाई पर.
- तेजस लड़ाकू विमान आठ से नौ टन तक बोझ उठा सकते हैं.
- तेजस में इलेक्ट्रानिक वारफ़ेयर सुइट और एयर टू एयर रिफ़्यूलिंग की व्यवस्था भी की गई है.
भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बीबीसी संवाददाता सलमान रावी को बताया था कि स्वदेशी लड़ाकू विमान- तेजस आतंकी ठिकानों पर बालाकोट जैसी सर्जिकल स्ट्राइक को बारीकी से अंज़ाम देने में मददगार होगा.
उनका ये भी कहना था कि पाकिस्तान में चीनी तकनीक की मदद से वहीं पर बनाए गए जेएफ़-17 लड़ाकू विमान, गुणवत्ता, क्षमता और सूक्ष्मता में तेजस के सामने कहीं नहीं टिक सकते हैं.
भदौरिया ने बताया कि 'फ़ोर एंड हाफ़ जेनरेशन' के हल्के तेजस लड़ाकू विमान यानी 'लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ़्ट' बहुत ही आधुनिक तकनीक से बने हुए हैं और इस विमान में तैनात हथियार भी स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं. (bbc.com)
बेंगलुरु, 25 नवंबर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि किसी व्यक्ति की पहचान और सरकार द्वारा इसे दी गई मान्यता उसे मिलने वाले संसाधनों और शिकायतें करने एवं अपने अधिकारों की मांग करने की उसकी क्षमताओं में अहम भूमिका निभाती है।
उन्होंने साथ ही कहा कि कृत्रिम मेधा के युग में ‘‘हमारे सामने इन प्रौद्योगिकियों के नैतिक इस्तेमाल को लेकर मौलिक प्रश्न हैं।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 36वें ‘द लॉ एसोसिएशन फॉर एशिया एंड द पैसिफिक’ (एलएडब्ल्यूएएसआईए) सम्मेलन के पूर्ण सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए ‘‘पहचान, व्यक्ति और सरकार - स्वतंत्रता के नए रास्ते’’ विषय पर बात की।
एलएडब्ल्यूएएसआईए वकीलों, न्यायाधीशों, न्यायविदों और कानूनी संगठनों का एक क्षेत्रीय संघ है, जो एशिया प्रशांत कानूनी प्रगति के हितों और चिंताओं की वकालत करता है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आजादी स्वयं के लिए निर्णय लेने और अपने जीवन की दिशा बदलने की क्षमता देती है।
उन्होंने कहा, ‘‘जबकि सरकार और स्वतंत्रता के बीच संबंध को व्यापक रूप से समझा गया है, लेकिन पहचान और स्वतंत्रता के बीच संबंध स्थापित करने और समझाने का कार्य अभी अधूरा है।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि स्वतंत्रता को परंपरागत रूप से किसी व्यक्ति के चयन करने के अधिकार में सरकार का हस्तक्षेप नहीं करने के तौर पर समझा जाता है, लेकिन समकालीन विद्वान इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि सामाजिक पूर्वाग्रहों और पदानुक्रमों को बनाए रखने में सरकार की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में, चाहे सरकार हस्तक्षेप न करे, लेकिन वह सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत समुदायों को उन समुदायों पर प्रभुत्व स्थापित करने की स्वत: अनुमति दे देती है जो ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहे हैं।’’
प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि जो लोग अपनी जाति, नस्ल, धर्म या लिंग के कारण हाशिए पर हैं, उन्हें पारंपरिक, उदारवादी व्यवस्था में हमेशा उत्पीड़न का सामना करना पड़ेगा और यह सामाजिक रूप से प्रभुत्वशाली लोगों को सशक्त बनाता है।
उन्होंने इस बारे में भी बात की कि कैसे डिजिटल युग में "हम कृत्रिम मेधा (एआई) से जुड़े कई आकर्षक पहलुओं का सामना कर रहे हैं।’’
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘हमारे सामने इन प्रौद्योगिकियों के नैतिक इस्तेमाल को लेकर मौलिक प्रश्न हैं।’’ (भाषा)
नयी दिल्ली, 25 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल गांधी पर शनिवार को राजस्थान विधानसभा चुनाव के दिन अपने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर टिप्पणी के जरिए चुनाव संबंधी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से कांग्रेस नेता के सोशल मीडिया अकाउंट को निलंबित करने एवं उनके खिलाफ अन्य कार्रवाई करने का आग्रह किया।
गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के जरिए लोगों से कांग्रेस को चुनने की अपील की। उन्होंने लिखा, ‘‘राजस्थान चुनेगा मुफ्त इलाज,राजस्थान चुनेगा सस्ता गैस सिलेंडर,राजस्थान चुनेगा ब्याज मुक्त कृषि कर्ज,राजस्थान चुनेगा अंग्रेजी शिक्षा,राजस्थान चुनेगा ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना), राजस्थान चुनेगा जाति आधारित जनगणना।’’
भाजपा ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कहा कि गांधी की टिप्पणी 48 घंटे की उस अवधि का उल्लंघन करती है, जिसमें किसी भी प्रकार का प्रचार अभियान वर्जित है। उसने पूर्व कांग्रेस प्रमुख पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की।
उसने कहा, ‘‘सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ एवं उसके पदाधिकारियों को अकाउंट तत्काल निलंबित करने और उक्त आपत्तिजनक सामग्री को तत्काल हटाने का निर्देश दिया जा सकता है, अन्यथा यह 48 घंटे तक की ‘मौन अवधि’ का और उल्लंघन करके स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत को अपूरणीय क्षति पहुंचाएगा।’’
भाजपा ने कहा कि निर्वाचन आयोग को राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को आपराधिक शिकायत दर्ज करने और गांधी के खिलाफ आपराधिक मामला शुरू करने का भी निर्देश देना चाहिए। (भाषा)
जोधपुर, 25 नवंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि राज्य में कांग्रेस के खिलाफ कोई 'सत्ता विरोधी' लहर नहीं है और कांग्रेस की फिर से सरकार बनेगी।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को मतदान जारी है। गहलोत ने जोधपुर में मतदान किया। मतदान के बाद उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान में जो माहौल है उसके अनुसार हम कह सकते हैं कि सरकार हमारी बनेगी। राजस्थान में ‘अंडरकरंट’ (समर्थन की शांत लहर) है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में ‘अंडरकरंट’ होने का पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का दावा खोखला है। गहलोत ने कहा, ‘‘उनके दावे खोखले हैं...हमारा दावा ठोस है।’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान में चुनाव प्रचार के लिए बाहर से आए भाजपा नेता पांच साल तक यहां नजर नहीं आएंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के चुनाव अभियान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ यह चुनाव मोदी का नहीं... विधानसभा चुनाव है। आज के बाद ये सब लोग गायब हो जाएंगे, पांच साल बाद आएंगे। हम लोग यहीं रहेंगे। जनता के बीच जाएंगे उनके सुख दुख में भागीदार रहेंगे। विकास की बात करेंगे। वे नहीं आने वाले।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी गारंटियों की साख बहुत अधिक है। हमारी गारंटी काम करेगी। मोदी की गारंटी फेल हो गई है... सरकार इस बार फिर बनेगी।’’
इससे पहले मुख्यमंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कांग्रेस ने अपना अभियान विकास के मुद्दों पर केंद्रित किया जबकि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित भाजपा नेताओं ने ‘भड़काऊ भाषा’ का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री समेत बाहर से आये भाजपा नेताओं ने लोगों को भड़काने की कोशिश की। उन्होंने कहा, 'जनता समझ गई है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरकार दोबारा आएगी।'
भाजपा द्वारा 'लाल डायरी' और अन्य मुद्दों पर केवल अशोक गहलोत को ही निशाना बनाए जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘ भाजपा नेताओं के दिल में टीस है कि वे खरीद-फरोख्त के तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य की चुनी हुई सरकार नहीं गिरा सके।’’
बर्खास्त किए गए एक मंत्री ने दावा किया था कि "लाल डायरी" में मुख्यमंत्री और कई नेताओं के अवैध वित्तीय लेनदेन का ब्योरा है।
राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों के लिए शनिवार सुबह मतदान शुरू हुआ। गंगानगर जिले के करणपुर में कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर की मृत्यु के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया है। (भाषा)
हैदराबाद, 25 नवंबर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘‘पनौती’’ संबंधी टिप्पणी को ‘शर्मनाक’ करार देते हुए शनिवार को कहा कि लोग आगामी विधानसभा चुनावों में इसका करारा जवाब देंगे।
शाह ने कहा, ‘‘देश के किसी भी राज्य में प्रधानमंत्री के बारे में जब भी अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया गया, लोगों ने उसका करारा जवाब दिया है। मुझे भरोसा है कि तेलंगाना के मतदाता इस तरह की शर्मनाक भाषा के इस्तेमाल का मतदान के जरिए उचित जवाब देंगे।’’
उन्होंने चुनाव अभियानों के दौरान की गई ‘पनौती’ संबंधी टिप्पणी को लेकर संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह कहा।
राहुल गांधी ने क्रिकेट विश्व कप में भारत की हार के बाद राजस्थान में अपने चुनावी भाषण के दौरान मोदी के लिए ‘‘पनौती’’ शब्द का इस्तेमाल किया था। भारतीय टीम क्रिकेट विश्वकप में लगातार 10 मैच में जीत हासिल करने के बाद फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार गई थी। इस मैच को देखने प्रधानमंत्री भी गए थे।
हाल में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गांधी की टिप्पणियों को ‘‘बेहद घटिया’’ करार दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी प्रधानमंत्री को अपमानजनक नामों से पुकारने की कांग्रेस की परंपरा को जारी रख रहे हैं। (भाषा)
तिरुवनंतपुरम, 25 नवंबर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि सूर्य का अध्ययन करने से जुड़े भारत के पहले अंतरिक्ष मिशन के तहत प्रक्षेपित ‘आदित्य एल1’ अंतरिक्ष यान अपने अंतिम चरण के करीब है और एल1 बिंदु में प्रवेश करने की प्रक्रिया सात जनवरी, 2024 तक पूरी होने की उम्मीद है।
इसरो प्रमुख ने पहले ध्वनि रॉकेट प्रक्षेपण के 60वें वर्ष के उपलक्ष्य में विक्रम साराबाई अंतरिक्ष केंद्र में आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आदित्य रास्ते में है। मुझे लगता है कि यह अपने अंतिम चरण में लगभग पहुंच गया है।’’
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान के एल1 बिंदु में प्रवेश की अंतिम तैयारियां लगातार आगे बढ़ रही हैं।
सोमनाथ ने कहा, ‘‘एल1 बिंदु में प्रवेश करने की अंतिम प्रक्रिया संभवत: सात जनवरी, 2024 तक पूरी हो जाएगी।’’
‘आदित्य एल1’ का दो सितंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया था।
इसरो के अनुसार, ‘आदित्य-एल1’ सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला है। अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु ‘एल1’ के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा। ‘एल1’ बिंदु को सूर्य के सबसे निकट माना जाता है।
‘आदित्य एल1’ सूर्य के रहस्य जानने के लिए विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक अध्ययन करने के साथ ही विश्लेषण के वास्ते इसकी तस्वीरें भी धरती पर भेजेगा। (भाषा)
बलरामपुर (उप्र) 25 नवंबर उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पांच वर्षीय एक बच्चे को कथित तौर पर उठाकर ले गया था, जिसका क्षत-विक्षत शव जंगल के पास के पास बरामद किया गया है। वन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी के मुताबिक, घटना सोहेलवा वन क्षेत्र के बनकटवा गांव में उस वक्त की है, जब बच्चा अपने नाना के साथ शौच के लिए पास में ही जंगल के किनारे गया था।
क्षेत्रीय वनाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि पचपेड़वा विकास खंड के बनकटवा गांव में जोगिहवा गांव निवासी रमेश का पांच वर्षीय पुत्र रितेश अपनी मां के साथ नाना के घर आया हुआ था।
उन्होंने बताया कि बच्चा अपने नाना खुशहाल के साथ शुक्रवार शाम को जंगल किनारे शौच के लिए गया था कि तभी झाड़ियों में छिपकर बैठा तेंदुआ उसे उठा कर ले गया।
अधिकारी ने बताया कि बच्चे की चीख सुनकर खुशहाल और गांव वाले दौड़े तब तक तेंदुआ बच्चे को लेकर गायब हो चुका था। कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के साथ मिलकर बच्चे की तलाश शुरू की तो उसका क्षत-विक्षत शव जंगल के करीब पड़ा मिला।
उन्होंने बताया की शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
जिलाधिकारी अरविंद सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम तुलसीपुर के साथ वन विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने एवं अन्य उपाय करने के निर्देश दिए गए है।
अधिकारी ने बताया की शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पीड़ित परिवार को मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। (भाषा)
लंदन, 25 नवंबर दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में रहने वाले भारतीय मूल के 13 वर्षीय ईश्वर शर्मा ने स्वीडन में आयोजित ‘यूरोपियन योग स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप’ में स्वर्ण पदक जीतकर एक और खिताब अपने नाम किया है। योग प्रतिभा के धनी ईश्वर इससे पहले कई पुरस्कार हासिल कर चुके हैं।
केन्ट के सेवनओक्स में रहने वाले ईश्वर ने तीन साल की उम्र से योग करना शुरू किया था। ईश्वर ने अपने पिता को रोजाना योग करते हुए देखा, जिसके बाद उन्होंने इसका अभ्यास करना शुरू किया और अब तक वह कई पुरस्कार जीत चुके हैं।
पिछले सप्ताहांत ईश्वर ने 12-14 वर्ष की श्रेणी में ‘यूरोप कप 2023’ जीता था। यूरोप कप, माल्मो में ‘स्वीडिश योग स्पोर्ट्स फेडरेशन’ के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय योग स्पोर्ट्स फेडरेशन द्वारा आयोजित किया गया था।
ईश्वर के परिवार ने एक बयान में कहा, 'ईश्वर में विशेष रूप से खास जरूरत वाले बच्चों के बीच योग का संदेश फैलाने का बहुत जुनून है।' ईश्वर ‘ऑटिज्म’ और ‘अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर’ से पीड़ित है।
ईश्वर ने कोरोनोवायरस महामारी के वक्त लॉकडाउन के दौरान 14 देशों के 40 बच्चों को रोजाना योग की कक्षाएं दीं, जिसकी वजह से तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने उन्हें 'पॉइंट्स ऑफ लाइट' पुरस्कार से सम्मानित किया था।
जॉनसन ने जून 2021 में शर्मा को लिखे एक पत्र में कहा था, ' आपने लॉकडाउन के दौरान विश्व स्तर पर सैकड़ों बच्चों को योग करना सिखाया। मैं विशेष रूप से यह सुनकर काफी प्रेरित हुआ कि आपने खास जरूरत वाले बच्चों को योग का आनंद लेने और उत्कृष्टता हासिल करने में कैसे उनकी मदद की।' (भाषा)
नई दिल्ली, 24 नवंबर । भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में याचिकाकर्ताओं द्वारा अडाणी समूह और भारत की नियामक प्रणाली के खिलाफ आरोप लगाने के लिए कुछ मीडिया रिपोर्टों पर निर्भरता पर चिंता व्यक्त की है।
अदालत ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह अपने निष्कर्ष निकालने के लिए अखबारों की रिपोर्ट में कही गई बातों पर जायेगा।
मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं द्वाराऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) और हिंडनबर्ग रिसर्च जैसे संगठनों की रिपोर्टों की जानकारी के उपयोग पर भी नाराजगी व्यक्त की।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा चल रहे मामले में लगभग तीन महीने के अंतराल के बाद सुनवाई फिर से शुरू करने के बाद ये टिप्पणियां आईं।
भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ओसीसीआरपी रिपोर्ट के संबंध में नए तथ्य सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाए।
मेहता के अनुसार, जब सेबी ने ओसीसीआरपी को पत्र लिखकर 31 अगस्त की रिपोर्ट में अदानी समूह के खिलाफ आरोप लगाते समय संगठन द्वारा भरोसा किए गए विवरण और दस्तावेजों की मांग की, तो ओसीसीआरपी ने आरोपों का विवरण साझा नहीं किया, और कहा कि इसकी बजाय वे भारत में एक गैर-सरकारी संगठन से विवरण प्राप्त कर सकते हैं जिसने उसे जानकारी प्रदान की थी।
सॉलिसिटर जनरल के मुताबिक, एनजीओ को प्रशांत भूषण चलाते हैं।
सुनवाई के दौरान मेहता ने कोर्ट को बताया कि अडाणी समूह के खिलाफ आरोपों से जुड़े 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है।
उसने कहा, "शेष दो के लिए, हमें कुछ अन्य सूचनाओं के साथ विदेशी नियामकों आदि से जानकारी की आवश्यकता है। हम उनके साथ परामर्श कर रहे हैं। कुछ जानकारी आई है लेकिन स्पष्ट कारणों से समय सीमा पर हमारा नियंत्रण नहीं है।"
याद दिला दें कि ओसीसीआरपी के आरोपों को खारिज करते हुए, अडाणी समूह ने रिपोर्ट को "योग्यताहीन हिंडनबर्ग रिपोर्ट" को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा समर्थित सोरोस-वित्त पोषित हितों द्वारा एक और ठोस प्रयास करार दिया था।
अडाणी समूह ने कहा था, “ये दावे एक दशक पहले के बंद मामलों पर आधारित हैं जब राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने ओवर इनवॉयसिंग, विदेश में फंड ट्रांसफर, संबंधित पार्टी लेनदेन और एफपीआई के माध्यम से निवेश के आरोपों की जांच की थी।
"एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण दोनों ने पुष्टि की थी कि कोई ओवरवैल्यूएशन नहीं था और लेनदेन लागू कानून के अनुसार थे। मार्च 2023 में मामले को अंतिम रूप दिया गया जब सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया।
"स्पष्ट रूप से, चूंकि कोई ओवरवैल्यूएशन नहीं था, इसलिए धन के हस्तांतरण पर इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 24 नवंबर । भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रहे अपशब्दों और आरोप-प्रत्यारोपों के बाणों के बीच भाजपा ने एक बार फिर से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्हें फ्यूज ट्यूबलाइट 'मेड इन चाइना' करार दिया है।
भाजपा ने अपने आधिकारिक एक्स (पहले ट्विटर ) अकाउंट पर फिल्म ट्यूबलाइट की तर्ज पर शुक्रवार को राहुल गांधी का पोस्टर शेयर करते हुए कहा, " फ्यूज ट्यूबलाइट" पोस्टर में भाजपा ने कहा है, " कांग्रेस प्रजेंट्स, मेड इन चाइना, राहुल गांधी इन एंड एज ट्यूबलाइट।"
आपको याद दिला दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा निशाना साधते हुए उन्हें पनौती कहा था और उनकी तुलना जेबकतरे तक से की थी। भाजपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को अपने इन अपशब्दों के लिए नोटिस जारी कर उनसे जवाब भी मांगा हुआ है। (आईएएनएस)।
तेल अवीव, 24 नवंबर । हमास की कैद में 49 दिन बिताने के बाद इजरायल से अगवा किए गए 13 बंधक सुरक्षित घर लौट आए हैं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 13 बंधक इजरायली क्षेत्र में वापस आ गए हैं।
उनकी रिहाई के बाद, उन्हें आईडीएफ के साथ-साथ इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट के अधिकारी अपने साथ ले गये।
आईडीएफ ने कहा कि उसके अधिकारी रिहा किए गए बंधकों उनके परिवारों त्दो बारा पहुँचाने तक उनके साथ रहेंगे।
रिहा किए गए बंधकों में चन्ना कैटज़िर (77), मार्गालिट मोज़ेस (77), याफ़ा अदिर (85), हन्ना पेरी (79), अदीना मोशे (74), डेनिले अमोनी (42) और एमिलिया अलोनी (9), रूथी मोंडेर (79), केरेन मोंडर (59) और ओहद मोंडर (9), अवीव अशर (2) रज़ अशर (5) और डोरोन काट्ज़- अशर (34) शामिल हैं। उन्होंने करेम शालोम क्रॉसिंग के माध्यम से इज़राइल में प्रवेश किया।
इस बीच, कतर ने 39 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने की घोषणा की है, जिसमें इजरायली जेलों में कैद महिलाएं और नाबालिग भी शामिल हैं।
क़तर के अधिकारियों के अनुसार, इज़रायल द्वारा यह रिहाई, कैदी अदला-बदली सौदे का हिस्सा है, जिस पर क़तर के माध्यम से इज़रायल और हमास के बीच सहमति हुई थी। अन्य बंधकों के परिवार जो अभी भी हमास की हिरासत में हैं, उन्हें लेकर चिंतित हैं और इदान बारूक, जिनके छोटे भाई उरीएल बारूक को सुपरनोवा उत्सव से अपहरण कर लिया गया था, ने कहा कि उन्हें हमास की हिरासत में सभी कैदियों की रिहाई की उम्मीद है।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, इदान बारूक ने कहा: "हमें एक सामान्य समझौते की उम्मीद थी जो सभी बंधकों को बाहर लाएगा, लेकिन सरकार ने जोर देकर कहा है कि किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा, और हमें उस पर भरोसा करना होगा। इसलिए कम से कम ऐसे लोग होंगे जो अब रिहा हो जाएंगे और हमें उनके लिए खुशी होगी।" (आईएएनएस)।
नई दिल्ली, 24 नवंबर । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली भाजपा के नेता एवं एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत सिंह चहल को नमो ऐप का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया है।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने संगठनात्मक नियुक्ति को लेकर बयान जारी कर बताया, "भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कुलजीत सिंह चहल को नमो ऐप का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।" (आईएएनएस)।
नोएडा, 25 नवंबर । नोएडा में एक कार के अंदर आग लगने से कार सवार दो लोगों की मौत हो गई है। मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी ने आग बुझाने के बाद अंदर मौजूद दोनों शवों को बाहर निकाला और पोस्टमाॅर्टम के लिए उन्हें भेज दिया है। यह शव किसके हैं फिलहाल अभी इसकी पहचान नहीं हो पाई है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक थाना सेक्टर-113 नोएडा क्षेत्रांतर्गत आम्रपाली प्लेटिनम सोसायटी सेक्टर-119 में कार में आग लगने की सूचना पर पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर फायर बिग्रेड की मदद से आग को बुझा दिया गया है। कार से दो व्यक्तियों के शव को निकाला गया है, फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया है। गाड़ी की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं।
एडीसीपी शक्ति अवस्थी ने बताया कि आज सुबह थाना 113 में सूचना मिली कि आम्रपाली प्लैटिनम सोसाइटी के अंदर एक स्विफ्ट कर में आग लग गई है। सूचना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम और लोकल पुलिस ने कर में लगी आग को काबू किया और उसमें मौजूद दो पुरुषों के शवों को बाहर निकाल। सीसीटीवी देखने के बाद पुलिस को यह पता लगा कि 6:08 मिनट पर गाड़ी सोसाइटी के अंदर पहुंची थी और 6:11 मिनट पर ही गाड़ी में आग लग गई। इसके अंदर मौजूद दोनों सवारों की जलकर मौत हो गई। पुलिस जांच कर रही है। (आईएएनएस) ।
नई दिल्ली, 25 नवंबर । राष्ट्रीय राजधानी में समग्र वायु गुणवत्ता शनिवार को भी 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी रही।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, सुबह 9 बजे आनंद विहार में, वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 473 पर पीएम 2.5 और 464 पर पीएम 10 के साथ 'गंभीर' श्रेणी में प्रवेश कर गया, जबकि सीओ 119 पर, एनओ2 69 पर 'संतोषजनक' स्तर के साथ 'मध्यम' श्रेणी में था।
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा' माना जाता है, 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है।
बवाना स्टेशन ने पीएम 2.5 को 481 और पीएम 10 को 432 पर 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया, जबकि कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) 'मध्यम' स्तर पर गिरकर 101 पर पहुंच गया।
आया नगर में पीएम 2.5 341 और पीएम 10 321 पर पहुंच गया, दोनों 'बहुत खराब' श्रेणी में हैं।
मौसम केंद्र पर 'मध्यम' श्रेणी के तहत सीओ 104 दर्ज किया गया। द्वारका सेक्टर 8 में एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशन ने पीएम 2.5 को 446 और पीएम 10 को 401 पर दर्ज किया, दोनों 'गंभीर' श्रेणी में थे, जबकि सीओ 90 पर और एनओ2 65 पर पहुंच गया, दोनों 'संतोषजनक' स्तर पर थे।
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाईअड्डे टी3 क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में थी, जिसमें पीएम 2.5 430 और पीएम 10 341 'खराब' स्तर पर था, जबकि सीओ 76, 'संतोषजनक' स्तर पर था।
आईटीओ स्टेशन पर पीएम 2.5 413 पर, 'बहुत खराब' श्रेणी में और पीएम 10 296 पर, 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। सीओ 'संतोषजनक' स्तर पर 60 पर था जबकि एनओ2 'मध्यम' स्तर पर गिरकर 103 पर आ गया।
ओखला फेज-2 में पीएम 2.5 433 दर्ज किया गया और पीएम 10 407 तक पहुंच गया, जो दोनों को 'गंभीर' श्रेणी में रखता है। एनओ2 'मध्यम' श्रेणी में 117 पर पहुंच गया। (आईएएनएस)।
भारत में अफगानिस्तान के दूतावास ने भारत सरकार की ओर से आ रहीं चुनौतियों का हवाला देते हुए अपना काम-काज स्थायी रूप से बंद करने का एलान किया है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
भारत में अफगानिस्तान के दूतावास ने 30 सितंबर को घोषणा की थी कि वह 1 अक्टूबर से अपना काम-काज बंद रहा है. उस समय मिशन ने भारत सरकार से समर्थन न मिलने, अफगानिस्तान के हितों को पूरा करने में अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने और कर्मियों व संसाधनों की कमी के कारण यह कदम उठाने की बात कही थी.
नई दिल्ली में अपने राजनयिक मिशन को बंद करने पर एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए अफगान दूतावास ने कहा, "भारत सरकार की ओर से लगातार आ रही चुनौतियों के कारण 23 नवंबर, 2023 से दूतावास और राजनयिक मिशन तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है."
बयान में कहा गया, "यह फैसला दूतावास द्वारा 30 सितंबर को ऑपरेशन बंद करने के बाद लिया गया है. यह कदम इस उम्मीद में उठाया गया है कि मिशन को सामान्य रूप से ऑपरेट करने के लिए भारत सरकार का रुख अनुकूल रूप से बदल जाएगा."
गौरतलब है कि सितंबर महीने में सूत्रों के हवाले से खबरें आई थीं कि दूतावास का ऑपरेशन जल्द ही बंद कर दिया जाएगा और ताजा बयान में इसकी पुष्टि की गई है.
अफगान अधिकारियों ने और क्या कहा?
शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया, "30 सितंबर को दूतावास में परिचालन पहले ही निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया. यह कदम इस उम्मीद में लिया गया है कि भारतीय सरकार के रुख में सकारात्मक बदलाव आएगा, जिससे मिशन को सामान्य रूप से काम करने की अनुमति मिल सके."
दूतावास ने कहा कि यह 'संज्ञानात्मक' है कि कुछ लोग इस कदम को आंतरिक संघर्ष के रूप में देखने की कोशिश कर सकते हैं, जिसमें कथित तौर पर राजनयिक शामिल हैं, जिन्होंने तालिबान के प्रति निष्ठा बदल ली है और कहा कि "यह फैसला नीति और हितों में व्यापक बदलाव का नतीजा है".
फरीद मामुन्दजई नई दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास में राजदूत थे. मामुन्दजई को अफगानिस्तान की पिछली अशरफ गनी सरकार ने नियुक्त किया था और अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद भी वह बतौर राजदूत काम कर रहे थे.
दूतावास ने कहा भारत के आभारी
दूतावास ने पिछले 22 सालों में अफगानिस्तान को समर्थन और सहायता के लिए भारत के लोगों का आभार व्यक्त किया है. दूतावास ने कहा कि भारत में हमारे मिशन के कार्यकाल के दौरान अफगान नागरिकों की समझ और समर्थन के लिए हम अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. सीमित संसाधनों और शक्तियों के बावजूद हमने काबुल में वैध सरकार की गैर-मौजूदगी में भारत में मौजूद हमारे नागरिकों की बेहतरी के लिए अथक प्रयास किए.
दूतावास ने बयान में कहा कि अफगान शरणार्थियों, छात्रों और व्यापारियों के पलायन के कारण पिछले दो साल और तीन महीनों में भारत में अफगान समुदाय में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
अगस्त 2021 में अशरफ गनी सरकार को उखाड़ फेंकने और तालिबान द्वारा देश पर नियंत्रण करने के बाद भारत ने भी अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद कर दिया. हालांकि, बाद में भारत ने मानवीय प्रयासों के समन्वय के लिए अफगानिस्तान में एक तकनीकी टीम तैनात की. (dw.com)
नई दिल्ली, 25 नवंबर । एक्स पर गलत सूचना फैलाने वाले कुछ सुपर-स्प्रेडर्स, जो ब्लूआई बैज वाले वेरिफाइड प्रीमियम यूजर्स हैं, इजरायल-हमास युद्ध के बारे में षड्यंत्रकारी दावे करने के बाद भी एलन मस्क के विज्ञापन राजस्व को हासिल कर रहे हैं।
लाभ के लिए गलत सूचना पर नजर रखने वाले संगठन न्यूजगार्ड ने पाया कि गलत सूचना वाले ऐसे पोस्ट सामूहिक रूप से 92 मिलियन बार देखे गए।
एक नए विज्ञापन राजस्व साझाकरण कार्यक्रम की शर्तों के तहत, जिसे एक्स ने अपने क्रिएटर्स के लिए पेश किया था, इन संगठनों द्वारा उत्पन्न विज्ञापन आय का एक हिस्सा स्पष्ट रूप से गलत सूचना फैलाने वालों के साथ साझा किया जाएगा।
13-22 नवंबर तक, न्यूजगार्ड विश्लेषकों ने 30 वायरल ट्वीट्स के नीचे फीड में दिखाई देने वाले प्रोग्रामेटिक विज्ञापनों की समीक्षा की, जिनमें युद्ध के बारे में झूठी या बेहद भ्रामक जानकारी थी।
ये 30 वायरल ट्वीट्स इजरायल-हमास युद्ध-संबंधी गलत सूचना फैलाने वाले एक्स के 10 सबसे खराब पैरोकारों द्वारा पोस्ट किए गए थे, इन अकाउंट को पहले न्यूजगार्ड द्वारा संघर्ष के बारे में बार-बार गलत सूचना फैलाने वालों के रूप में पहचाना गया था।
एक्स डेटा के अनुसार, ''ये 30 ट्वीट कुल मिलाकर 92 मिलियन से अधिक दर्शकों तक पहुंच गए हैं। औसतन, प्रत्येक ट्वीट को 3 मिलियन लोगों ने देखा।''
विश्लेषकों ने कुल मिलाकर 86 प्रमुख ब्रांडों, गैर-लाभकारी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारों के 200 विज्ञापनों की पहचान की, जो 30 में से 24 ट्वीट्स के नीचे फीड में दिखाई दिए, जिनमें इजरायल-हमास युद्ध के बारे में झूठे या बेहद भ्रामक दावे थे।
अन्य छह ट्वीट्स में विज्ञापन नहीं थे।
न्यूजगार्ड को जो विज्ञापन मिले, वे पांच देशों: अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ़्रांस और इटली में अपने खुद के एक्स अकाउंट का इस्तेमाल कर इंटरनेट ब्राउज करने वाले विश्लेषकों को दिए गए थे।
न्यूज़गार्ड की रिपोर्ट तब आई है जब मालिक मस्क द्वारा प्लेटफॉर्म पर एक यहूदी विरोधी पोस्ट के बारे में अनुमोदन देने के बाद एप्पल, डिज्नी और आईबीएम ने एक्स से अपने विज्ञापन हटा लिए।
न्यूजगार्ड द्वारा इस रिपोर्ट के बारे में एक्स तक पहुंचने के बाद, मस्क ने ट्वीट किया, "एक्स कॉर्प गाजा में युद्ध से जुड़े विज्ञापन और सदस्यता से प्राप्त सारा राजस्व इजरायल के अस्पतालों और गाजा में रेड क्रॉस/क्रिसेंट को दान करेगा।'' (आईएएनएस)।