खेल
बांग्लादेश- 430 रन (मेहदी हसन-103, वारिकन- 133/4), एवं 223-8 पारी समाप्त घोषित (मोमिनुल 115, वारिकन- 57/3)
वेस्ट इंडीज़- 259 (ब्रेथवेट 76, मेहदी हसन -58/4) एवं 395-7 (मेयर्स- 210 नॉट आउट, बोन्नर 86)
टेस्ट मैचों में डेब्यू कर रहे कायले मेयर्स की धमाकेदार नॉटआउट 210 रनों की पारी के चलते वेस्ट इंडीज़ ने एक रोमांचक मुक़ाबले में बांग्लादेश को तीन विकेट से हरा दिया.
वेस्ट इंडीज़ ने सात विकेट के नुक़सान पर 395 रन बनाकर जब ये मैच जीता तब मैच ख़त्म होने में महज़ 15 गेंद फेंकी जानी बाक़ी थी.
ये जीत टेस्ट इतिहास की चौथी पारी में सबसे ज़्यादा रनों का पीछा करने के हिसाब से पांचवीं सबसे बड़ी जीत है.
ख़ास बात ये रही कि वेस्ट इंडीज़ की जीत में आधे से ज़्यादा रन मेयर्स के बल्ले से आए.
मेयर्स ने इस दौरान चौथे विकेट के लिए टीम के लिए डेब्यू कर रहे नकरुमाह बोन्नर के साथ 216 रन जोड़े.
बोन्नर 86 रनों पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए लेकिन मेयर्स ने आक्रामक अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को ज़ोरदार जीत दिलाई.
कायले मेयर्स टेस्ट क्रिकेट की नयी सनसनी, पहले टेस्ट की चौथी पारी में नॉटआउट 210 रन ठोक कर टीम को दिलाई हैरतअंगेज़ जीत
मेयर्स ने अपनी पारी में 310 गेंदों का सामना किया और 20 चौके और सात छक्कों की मदद नॉट आउट 210 रन बटोरे.
उनकी इस पारी को आधुनिक क्रिकेट की सबसे बेहतरीन पारी में गिना जा रहा है.
28 साल के मेयर्स बारबेडास के बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने इस टेस्ट मैच से पहले अब तक महज़ 32 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं. इन 32 मैचों में भी उनका औसत सामान्य ही रहा है. उन्होंने 2018 में खेल से दो साल का ब्रेक ले लिया था और पिछले ही साल उन्होंने वापसी की थी.
लेकिन अपनी क्षमता पर उन्हें कभी संदेह नहीं रहा. मैच के बाद उन्होंने कहा, "मैं हमेशा पॉज़िटिव था, मुझे अपनी क्षमता पर भरोसा भी था. मुझे भरोसा था कि हम यहां तक पहुंच सकते हैं. हमने कभी हार नहीं मानी, संघर्ष जारी रखा."
उनकी पारी को करिश्माई पारी माना जा रहा है. वेस्ट इंडीज़ के कमेंटेटर फ़ज़ीर मोहम्मद ने इसे जादुई कहानियों वाली पारी बताया. उन्होंने तब ये पारी खेली है जब टीम के अधिकांश सीनियर खिलाड़ी कोविड संक्रमण की चिंताओं के चलते इस दौरे से अनुपस्थित हैं.
यही वजह है कि इस मैच में मेयर्स, बोनर और बल्लेबाज़ शायने मोसले ने अपना अपना टेस्ट डेब्यू किया है.
फ़ज़ीर मोहम्मद ने बीबीसी क्रिकेट सोशल से कहा, "अगर दौर के बहुत सारे खिलाड़ी उपलब्ध होते तो इन खिलाड़ियों को डेब्यू करने का मौका ही नहीं मिलता. मेयर्स ने पहली पारी में 40 रन बनाए थे, उनकी पहली पारी में भी साफ़ ज़ाहिर हो रहा था कि कोई पॉज़िटिव खिलाड़ी टीम को मिला है. ऐसा बल्लेबाज़ जो ख़राब गेंद को छोड़ता नहीं."
वैसे अपनी इस तूफ़ानी पारी के साथ ही मेयर्स टेस्ट क्रिकेट की चौथी पारी में दोहरा शतक बनाने वाले क्रिकेट इतिहास के महज़ छठे खिलाड़ी बने हैं. वहीं डेब्यू टेस्ट में दोहरा शतक बनाने का कारनामा भी उनसे पहले महज़ पांच बल्लेबाज़ों के नाम रहा है.
डेब्यू टेस्ट की दूसरी पारी में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड
इतना ही नहीं डेब्यू टेस्ट की दूसरी पारी में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अब मेयर्स के नाम है, वहीं चौथी पारी में जीत के लिए सबसे ज़्यादा व्यक्तिगत रन बनाने के हिसाब से वे दूसरे पायदान पर हैं. उनसे पहले वेस्ट इंडीज़ के ही गॉर्डेन ग्रीनीज ने लॉर्ड्स में 1984 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ नाबाद 214 रन ठोके थे.
चौथी पारी में जीत के लिए 395 रन का स्कोर 2008 के बाद लक्ष्य का पीछा करते हुए सबसे बड़ी जीत है, वहीं एशियाई पिचों पर रनों का पीछा करने के लिहाज़ से ये सबसे बड़े लक्ष्य पर हासिल की गई जीत है.
वेस्ट इंडीज़ ने मैच के अंतिम दिन तीन विकेट पर 110 रनों से पारी को आगे बढ़ाया, तब शायद ही किसी को टीम की जीत की उम्मीद थी.
लेकिन मेयर्स ने गेंद को मैदान के प्रत्येक कोने में पहुंचाने का सिलसिला जारी रखा. बोन्नर ने उनका बखूबी साथ दिया. दिन के पहले दो सत्रों में बांग्लादेशी गेंदबाज़ों को कोई कामयाबी नहीं मिली.
मैच की दूसरी पारी में जांघ में इंजरी के चलते साकिब अल हसन स्पिन गेंदबाज़ी के लिए उपलब्ध नहीं थे. वे दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी भी नहीं कर पाए थे, लेकिन टीम को उनकी गेंदबाज़ी की कमी खली. ताइजुल इस्लाम ने चाय के बाद पहले ओवर में बोन्नर का विकेट झटक टीम को कामयाबी दिलाई. इसके बाद नईम हसन ने जर्मेन ब्लैकवुड को नौ रनों पर पवेलियन भेज दिया. इस विकेट के बाद मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया था.
लेकिन इसके बाद विकेटकीपर जोसुआ डि सिल्वा ने मेयर्स का साथ दिया. मेयर्स ने दूसरे छोर पर तूफ़ानी बल्लेबाज़ी का सिलसिला जारी रखा.
उन्होंने बाएं हाथ के स्पिनर ताइजुल की गेंद पर छक्के साथ अपना दोहरा शतक पूरा किया.
इसके बाद ताइजुल ने डि सिल्वा को बोल्ड कर दिया. डि सिल्वा ने 59 गेंदों पर 20 रन बनाए. इसके केमार रोच खाता खोले बिना आउट हो गए.
लेकिन मेयर्स ने दूसरी छोर पर टीम को एतिहासिक जीत दिलाकर ही दम लिया.
वेस्ट इंडीज़ के शानदार प्रदर्शन के बावजूद बांग्लादेश की टीम इस मुक़ाबले में डिसिजन रिव्यू सिस्टम का बेहतर इस्तेमाल नहीं कर सकी, मेयर्स और बोन्नर की साझेदारी के दौरान भी टीम ने भी कई मौके गंवाए.
मेयर्स जब 47 रन पर खेल रहे थे तब ताइजुल की गेंद उनके पैड पर टकरायी थी, बोन्नर के ख़िलाफ़ भी इसके तुरंत बाद नईम की गेंद पर एलबीडब्ल्यू की अपील हुई थी. बांग्लादेशी कप्तानी मोमिनुल हक ने दोनों बार डीआरएस नहीं लिया, बाद में रिप्ले से ज़ाहिर हुआ कि दोनों बार बल्लेबाज़ आउट थे. इसके अलावा जब मेयर्स 49 रन पर थे तब मेहदी हसन की गेंद पर नजमुल होसेन शंटो ने पहली स्लिप में उनका कैच टपका दिया था. मेयर्स ने बाद उनके हाथों से टेस्ट छीन लिया.
सिरीज़ का दूसरा और निर्णायक मुक़ाबला गुरुवार से मीरपुर में शुरू होगा. (bbc.com)
बोम्बोलिम (गोवा), 8 फरवरी (आईएएनएस)| हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन में आंकड़ों के लिहाज से सबसे आगे चल रहीं दो टीमों-एफसी गोवा और मुम्बई सिटी एफसी आज बोम्लोलिम के जीएमसी स्टेडियम में इस सीजन में दूसरी बार आमने-सामने होंगी। आंकड़ों की बात की जाए तो मुम्बई और गोवा हर लिहाज से पहले और दूसरे स्थान पर हैं। हालांकि अंक तालिका में अंतर है। मुम्बई जहां 33 अंकों के साथ पहले स्थान पर है वहीं गोवा की टीम पूरे 11 अंक पीछे रहते हुए तीसरे स्थान पर है।
आंकडों की बात की जाए तो सर्जियो लोबेरा की मुम्बई सिटी एफसी 56 फीसदी पजेशन और 486 पासों के साथ हालांकि गोवा (59 फीसदी पजेशन और 489 पास) से पीछे है। लीग में हालांकि अब तक मुम्बई का पास एकुरेसी 75.71 फीसदी है जो एफसी गोवा (74,04) से बेहतर है।
इससे पहले जब इस सीजन में दोनों टीमें भिड़ी थीं तो मुम्बई ने वह मुकाबला 1-0 से जीता था। मुम्बई के लिए एडम लेफोंड्रे ने इंजुरी टाइम में गोल करते हुए जीत पक्की की थी।
यह गोल पेनाल्टी पर हुआ था। इस मैच में गोवा के रिडीम थ्लांग को 40वें मैच में रेड कार्ड मिला था। अब गोवा की टीम यह साबित करना चाहेगी कि पहले मैच में मुम्बई को इत्तेफाकन जीत मिली थी।
जहां तक मुम्बई की बात है तो उसे इस मैच में हर हाल में जीत चाहिए क्योंकि उसे अपना टॉप स्पॉट बनाए रखना है। एटीके मोहन बागान 30 अंकों के साथ उसके पीछे लगा हुआ है। गोवा की टीम आठ मैचों अजेय है और इस लिहाज से मुम्बई के लिए उसे हराना आसान नहीं होगा।
गोवा के कोच जुआन फेरांडो को अच्छी तरह पता है कि कई टीमें प्लेआफ के लिए दावा पेश कर रही हैं और ऐसे में अगर उनकी टीम से छोटी भी भूल हुई तो वह महंगी पड़ सकती है। फेरांडो ने हालांकि यह मानने से इंकार किया कि इन तमाम समीकरणों के बावजूद उनकी टीम किसी तरह के दबाव में है।
मुंबई बेशक इस सीजन में सबसे ज्यादा गोल करने वाली टीम है, लेकिन पिछले हफ्ते गोवा के इगोर एंगुलो ने इस सीजन में अपने गोलों की संख्या 10 कर दी। उनके सामने अमरिंदर सिंह होंगे, जो गोल्डन ग्लोव अवार्ड के लिए मौजूदा दावेदार हैं। मुम्बई के लिए अच्छी बात यह है कि उसके सभी खिलाड़ी फिट हैं लेकिन यह वही टीम है जिसने इस सीजन में सबसे अधिक पीले कार्ड पाए हैं।
चेन्नई, 8 फरवरी | उत्तराखंड के चमोली में जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने के चलते आई भीषण बाढ़ में जानमाल के नुकसान से आहत भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने राहत, बचाव के लिए एक मैच की फीस देने की घोषणा की है। वो भारत और इंग्लैंड के बीच चेन्नई में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम के सदस्य हैं। रविवार सुबह हुई दुखद घटना के बाद लगभग 150 लोगों के लापता होने और उनके मारे जाने की आशंका है। 10 से अधिक लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
पंत ने लोगों से अपील की कि वे भी मदद करें।
पंत ने एक ट्वीट में कहा, उत्तराखंड में हुए हादसे से बहुत दुख हुआ। राहत, बचाव के लिए अपनी मैच फीस देना चाहूंगा और अधिक लोगों से मदद करने की अपील करूंगा।
हरभजन सिंह ने ट्वीट किया, उत्तराखंड के लोग धीरज से काम लें। हर किसी की सलामती की प्रार्थना करता हूं।
बचाव अभियान अभी भी जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये अनुग्रह राशि की घोषणा की है। आपदा में गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50,000 रुपये का मुआवजा दिया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सभी मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। (आईएएनएस)
फातोर्दा (गोवा), 7 फरवरी | जर्मन मिडफील्डर मैटी स्टीमन (एक गोल और एक असिस्ट) के शानदार प्रदर्शन के दम पर एससी ईस्ट बंगाल ने रविवार को फतोर्दा के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन के अपने 16वें मुकाबले में जमशेदपुर एफसी को 2-1 से हरा दिया। स्टीमन ने छठे मिनट में, जबकि एंथोनी पिल्किंगटन ने 68वें मिनट में गोल किया। ईस्ट बंगाल के दूसरे गोल में स्टीमन का भी असिस्ट रहा। जमशेदपुर के लिए पीटर हार्टले ने 83वें मिनट में एकमात्र गोल किया।
ईस्ट बंगाल की 16 मैचों में यह तीसरी जीत है और टीम अब 16 अंकों के साथ नौवें नंबर पहुंच गई है। टीम को पांच मैचों के बाद पहली जीत मिली है। जमशेदपुर को 16 मैचों में छठी हार का मुंह देखना पड़ा है। टीम 18 अंकों के साथ सातवें नंबर पर है।
एससी ईस्ट बंगाल के लिए तीन खिलाड़ी इस मैच में अपना पदार्पण करने उतरे, जबकि गोलकीपर सुब्रत पॉल आईएसएल में अपना 92वां मैच खेलने उतरे। टीम ने आक्रामक शुरुआत की और छठे मिनट में ही 1-0 की बढ़त बना ली।
ईस्ट बंगाल के लिए यह गोल स्टीमन ने कॉर्नर पर नारायण दास के असिस्ट पर हेडर के जरिए किया। स्टीमन का सीजन का यह चौथा गोल है। इस गोल के साथ ही स्टीमन इस सीजन में ईस्ट बंगाल के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बन गए हैं।
गोल खाने के पांच मिनट बाद ही जमशेदपुर के पास बराबरी करने का मौका था, लेकिन डोंगल इस मौके को भुना नहीं बनाए। उधर, ईस्ट बंगाल ने अपना अटैकिंग खेल जारी रखा। 31वें मिनट एंथोनी पिल्किंगटन टीम की बढ़त को दोगुना नहीं कर पाए।
इसके बाद स्टीमन के पास भी 45वें मिनट में ईस्ट बंगाल के स्कोर को 2-0 करने का अवसर था, लेकिन स्टीमन का हेडर इस बार बॉल को नेट में नहीं पहुंचा पाया और टीम को पहले हाफ में 1-0 की बढ़त के साथ संतोष करना पड़ा।
दूसरे हाफ में भी ईस्ट बंगाल पहले 10 मिनट तक अपने प्रतिद्वंद्वी से 10 फीसदी ज्यादा बॉल पजेशन के साथ खेल रही थी। 58वें मिनट में नारायण दास के एक बेहतरीन शॉट को मैन आफ स्टील के गोलकीपर ने शानदार सेव कर लिया।
हालांकि 68वें मिनट में मिडफील्डर पिल्किंगटन ने शानदार गोल करते हुए ईस्ट गाल को 2-0 से आगे कर दिया। इस गोल में भी स्टीमन का असिस्ट के तौर पर योगदान रहा। स्टीमन का सीजन का यह चौथा असिस्ट है, जबकि पिल्किंगटन का यह दूसरा गोल है।
पिल्किंगटन के पास 80वें मिनट में भी मैच का अपना दूसरा गोल दागने का मौका था। पिल्किंगटन को ब्राइट से पास मिला और उन्होंने इसे गोलकीपर रेहेनेश को छकाते हुए बॉल को नेट की तरफ भेज दिया था, लेकिन इस बार किस्मत उनके साथ नहीं थी और बॉल पोस्ट से टकराकर डिफलेक्ट हो गया।
जमशेदपुर ने हालांकि 83वें मिनट में जाकर अपना खाता खोल लिया। टीम के लिए यह गोल पीटर हार्टले ने इसाक के असिस्ट पर दागा। कप्तान पीटर के गोल ने मैन आफ स्टील के लिए उम्मीदें जगाई जरूर, मगर टीम इंजुरी टाइम तक बराबरी हासिल नहीं कर पाई।
इंजुरी टाइम में मैच का पहला येलो कार्ड जमशेदपुर के नेरिजुस व्लास्किस को दिखाया गया। इसके अगले ही मिनट व्लास्किस ने एक बेहतरीन हेडर लगाया, लेकिन सुब्रत पॉल ने इसे बेहतरीन तरीके से सेव करते हुए अपनी टीम की बढ़त को बनाए रखा।
ईस्ट बंगाल ने इंजुरी टाइम में भी 2-1 की बढ़त को कायम रखत हुए सीजन की अपनी तीसरी जीत हासिल कर ली। (आईएएनएस)
चटगांव, 7 फरवरी | अपना पहला टेस्ट खेल रहे केल मायर्स (नाबाद 210) ने चौथी पारी में दोहरा शतक लगाने का असम्भव सा कारनामा करते हुए रविवार को यहां जोहुर अहमद चौधरी स्टेडियम में खेले गए पहले टेस्ट मैच में वेस्टइंडीज को बांग्लादेश के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दिला दी। मेजबान टीम ने मेहमानों के सामने 395 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे मैच के अंतिम दिन 310 गेंदों पर 20 चौके सात छक्के लगाने वाले मायर्स की ऐतिहासिक पारी की बदौलत मेहमानों ने सात विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। यह एशिया में हासिल किया गया अब तक का सबसे बड़ा लक्षय है।
कैरेबियाई टीम ने चौथे दिन की समाप्ति तीन विकेट पर 110 रनों पर की थी। निकरूमा बोनर 20 ओर मायर्स 60 रनों पर नाबाद लौटे थे। लक्ष्य मुश्किल था लेकिन बोनर और मायर्स ने उसे आसान बना दिया। दोनों ने 216 रनों की साझेदारी की। बोन तो 226 गेंदों पर 82 रन बनाकर आउट हो गए लेकिन मायर्स ने टीम को जीत दिलाकर ही दम लिया।
वह एशिया मेंचौथी पारी में दोहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। मायर्स की बदौलत विंडीज ने ठीक उसी तरह की जीत हासिल की है जैसी कि बीते महीने भारत ने गाबा में आस्ट्रेलिया के खिलाफ हासिल की थी। मायर्स को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
बांग्लादेश ने पहले खेलते हुए 430 रन बनाए और फिर वेस्टइंडीज को पहली पारी में 259 रनों पर आउट कर दिया। इसके बाद मेजबान टीम ने 8 विकेट पर 223 रनों पर घोषित कर दी और मेहमानों को बड़ा लक्ष्य दिया। मेहमानों ने इसे मायर्स की बहादुर पारी की बदौलत 127.3 ओवर मे हासिल कर लिया।
संक्षिप्त स्कोर: बांग्लादेश 430 और 223/8 घोषित (मोमिनुल हक 115, लिटन दास 69; जोमेल वारिकान 3/57) वेस्टइंडीज 259 और 395/7 (काएल मायेर्स 210 नाबाद, नखना बोनर 86; मेहदी हसन 4/113) (आईएएनएस)
चेन्नई, 7 फरवरी | भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने अपने टीम साथी बल्लेबाज ऋषभ पंत की तारीफ करते हुए कहा है कि पंत अपने शॉट्स के साथ अधिक चयनात्मक और समझदार थे। पंत ने इंग्लैंड के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को 91 रनों की पारी खेली। पुजारा ने तीसरे दिन की खेल समाप्ति के बाद कहा, " पंत जिस तरह से खेल रहे हैं, उससे मैं बहुत खुश हूं। उन्हें अभी कुछ और चीजें सीखनी हैं। उन्हें अभी भी टीम को कमांडिंग पोजिशन में ले जाना है, क्योंकि वह ऐसा करने में सक्षम है और वह शतक से चूक गए। इसलिए मुझे यकीन है कि वह इससे सीखेंगे।"
इंग्लैंड ने पहली पारी में 578 रनों का स्कोर बनाया। इसके जवाब में भारत 73 रन तक अपने चार विकेट गंवा चुका था। लेकिन पंत ने पुजारा के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 119 रनों की साझेदारी की। पुजारा ने 73 रन बनाए।
पंत अपने शतक से नौ रन से चूक गए। पंत का विकेट 225 के कुल योग पर गिरा इसके बाद वॉशिंगटन सुंदर और रविचंद्रन अश्विन ने टीम को कोई और नुकसान नहीं होने दिया। भारत ने दिन का खेल समाप्त होने तक छह विकेट पर 257 रन बनाए हैं और वह अभी इंग्लैंड के स्कोर से 321 रन पीछे है।
पुजारा ने कहा, " कुछ शॉट्स हैं, जिनसे उन्हें बचने की आवश्यकता है। कुछ शॉट ऐसे हैं, जिन्हें वह खेलना जारी रख सकते हैं, यदि वे उसकी सीमा में हों। फिर ऐसे समय होते हैं, जब उसे समझना होता है और यहां तक कि कोचिंग स्टाफ भी हमेशा उनके साथ बात करते है कि उन्हें टीम को पहले रखना होगा और कई बार थोड़ा समझदार होना चाहिए। उन्होंने ज्यादातर ऐसा किया है। लेकिन वह सीख जाएंगे।" (आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 7 फरवरी। जिला पंचायत क्षेत्र 09 के ग्राम केडार में क्रिकेट का फायनल मैच पिपरडीह और कटेली के मध्य खेला गया जहां पिपरडीह ने मैच अपने नाम किया।
पहले बल्लेबाजी करते हुए पिपरडीह ने निर्धारित 10 ओवर में 97 रन बनाकर 98 रन का लक्ष्य कटेली को दिया कटेली ने 10 ओवर में मात्र 67 रन ही बना पाई और पिपरडीह ने जीत दर्ज किया। मुख्य अतिथि विधायक उत्तरी गनपत जांगड़े, सभापति जिला पंचायत अनिका बिनोद भारद्वाज, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पुरुषोत्तम साहू, पुलिस प्रभारी झमलाल, डॉ.डीडी साहू, सरपंच हितेश कुशल साहू, उपसरपंच लोचन साहू, रामगोपाल साहू, बिनोद भारद्वाज,रमेश खूंटे, जनक साहू, महेश साहू, दिलीप साहू, रोहित, डमरू आदि सैकड़ों ग्रामवासियों ने मैच का आनंद लिए।
चेन्नई, 7 फरवरी | इंग्लैंड के साथ एमए चिदम्बरम स्टेडियम में जारी पहले टेस्ट मैच में भारत पर फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा है। इंग्लैंड की पहली पारी के 578 रनों के जवाब में तीसरे दिन रविवार का खेल खत्म होने तक अपनी पहली पारी में 257 रनों पर छह विकेट गंवा दिए हैं। दिन का खेल खत्म होने तक वॉशिंगटन सुंदर 33 और रविचंद्रन अश्विन 8 रनों पर नाबाद लौटे। 225 के कुल योग पर ऋषभ पंत (91) का विकेट गिरने के बाद से इन दोनों ने सातवें विकेट के लिए 32 रनों की साझेदारी निभाई है।
सुंदर ने 68 गेंदों का सामना कर पांच चौके लगाए हैं जबकि अश्विन ने 54 गेंदों का सामना किया है। पहली पारी की तुलना में भारत अभी भी 321 रन पीछे है।
पहले सत्र में इंग्लैंड की पहली पारी 578 रनों पर समेटने के बाद भारत ने अब तक रोहित शर्मा (6), शुभमन गिल (29), चेतेश्वर पुजारा (73), कप्तान विराट कोहली (11), अजिंक्य रहाणे (1) और पंत के विकेट गंवाए हैं।
एक समय भारत ने महज 74 रनों पर चार विकेट गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद पंत और पुजारा ने पांच विकेट के लिए 119 रनों की साझेदारी कर टीम को मुश्किल से निकालने का प्रयास किया। पुजारा का विकेट 192 के कुल योग पर गिरा।
पुजारा ने 143 गेंदों का सामना कर 11 चौके लगाए। पंत का विकेट 225 के कुल योग पर गिरा। पंत ने 88 गेंदों पर नौ चौके और पांच छक्के लगाए।
इंग्लैंड की ओर से डोमिनिक बेस ने चार विकेट लिए हैं जबकि जोफ्रा आर्चर को दो सफलता मिली है।
सुबह से ही मैदान पुर डटे पुजारा ने टेस्ट करियर का 29वां अर्धशतक लगाया वहीं पंत ने अपने टेस्ट करियर का अब तक का पांचवां और लगातार तीसरा अर्धशतक जमाया।
भारत ने लंच से पहले रोहित शर्मा (6) और शुभमन गिल (29) का विकेट गंवाया था। मेजबान टीम ने लंच के बाद दो विकेट पर 59 रन से आगे खेलना शुरू किया। पुजारा ने 20 रन और कप्तान विराट कोहली ने अपनी पारी को चार रन से आगे बढ़ाया।
लंच के बाद कोहली कुछ खास नहीं कर सके और अपने स्कोर में सात रन का और इजाफा करने के बाद 11 के निजी स्कोर पर आउट हो गए। उन्होंने 48 गेंदों का सामना किया। कोहली को डॉम बैस ने ओली पोप के हाथों कैच कराया।
कोहली और पुजारा के बीच तीसरे विकेट के लिए 27 रनों की ही साझेदारी हो पाई। कोहली के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए रहाणे भी मात्र एक रन बनाकर चलते बने। बैस ने रहाणे को भी अपना शिकार बनाया और उन्हें कप्तान जोए रूट हाथों शानदार कैच कराके पवेलियन भेजा।
इससे पहले, इंग्लैंड ने अपने शनिवार के स्कोर आठ विकेट पर 555 रन से आगे खेलना शुरू किया और उसकी पूरी टीम 190.1 ओवर में 578 रनों पर ऑलआउट हो गई।
बैस ने 28 और जैक लीच ने अपनी पारी को छह रन से आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने नौवें विकेट के लिए 42 रनों की साझेदारी की। बैस टीम के 567 के स्कोर पर आउट हुए। उन्हें बुराराह ने पगबाधा आउट किया। बैस ने 105 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 34 रन बनाए।
इंग्लैंड का अंतिम विकेट जेम्स एंडरसन के रूप में 578 के स्कोर पर गिरा। एंडरसन को अश्विन को बोल्ड किया। एंडरसन ने 12 गेंदों पर एक रन बनाया। जैक लीच 57 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 रन बनाकर नाबाद रहे।
रूट ने 377 गेंदों पर 19 चौके और दो छक्का लगाया। सिब्ले ने 286 गेंदों पर 12 चौके लगाए। स्टोक्स ने 118 गेंदों पर 10 चौके और तीन छक्के लगाए।
उनके अलावा रोरी बर्न्स ने 33, डैनियल लॉरेंस ने 0, ओली पोप ने 34, जोस बटलर ने 30, डॉमिनीक बैस ने 34 और जोफरा आर्चर ने 0 रन बनाए।
भारत की ओर से इशांत शर्मा ने 52 रन पर दो विकेट, जसप्रीत बुमराह ने 84 रन पर तीन विकेट, रविचंद्रन अश्विन ने 146 रन पर तीन विकेट और अपना पदार्पण टेस्ट खेल रहे शाहबाज नदीम ने 167 रन पर दो विकेट लिए। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 7 फरवरी | भारतीय टीम के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने आज ही के दिन (सात फरवरी) 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ एक पारी में सभी 10 विकेट चटकाए थे। कुंबले ऐसा करने वाले विश्व क्रिकेट के मात्र दूसरे गेंदबाज बने थे। उनसे पहले इंग्लैंड ने जिम लेकर ने एक पारी में सभी 10 विकेट लिए थे। पाकिस्तान की टीम 1999 में भारत दौरे पर आई थी और दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान (अब अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम) में दो मैचों की टेस्ट सीरीज का अपना दूसरा और अंतिम टेस्ट खेल रही थी। कुंबले ने उस मैच में पहली पारी में सभी 10 विकेट चटकाए थे।
भारत को उस सीरीज में चेन्नई में पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में 12 रन से हार का सामना करना पड़ा था और दूसरा टेस्ट जीतना उसके लिए बहुत जरूरी हो गया था।
दूसरे टेस्ट में भारत ने टॉस जीतकर पहली पारी में 252 रनों का स्कोर बनाया था और पाकिस्तान को उसकी पहली पारी में 172 रनों पर आलआउट कर दिया था। दूसरी पारी में भारत ने एस रमेश (96) सौरव गांगुली (नाबाद 62) रनों की बदौलत पाकिस्तान के सामने जीत के लिए 420 रनों का लक्ष्य रखा।
पाकिस्तान के लिए शाहीद अफरीदी और सईद अनवर ने पहले विकेट लिए 101 रनों की साझेदारी की। इसके बाद अफरीदी 25वें ओवर में 41 रनों पर आउट हो गए। पाकिस्तान की टीम 128 रन तक अपने छह विकेट गंवा चुकी थी और अब तक सभी विकेट कुंबले के खाते में गए थे।
कुंबले ने इसके बाद आगे भी विकेट लेना जारी रखा और उन्होंने पाकिस्तान के अंतिम विकेट वसीम अकरम को आउट करके एक पारी में सभी 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। कुंबले ने 26.3 ओवर में 74 रन देकर पाकिस्तान के सभी 10 विकेट अपने नाम किए और भारत को 212 रनों से शानदार जीत दिला दी।
बीसीसीआई ने टिवटर पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, " आज ही के दिन सात फरवरी 1999 को टीम इंडिया के दिग्गज अनिल कुंबले टेस्ट की एक पारी में सभी 10 विकेट लेने वाले भारत के पहले और दुनिया के दूसरे गेंदबाज बने।"
कुंबले ने भारत के लिए 132 टेस्ट मैचों में 619 विकेट लिए हैं। उन्होंने 2008 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। (आईएएनएस)
कैसर मोहम्मद अली
चेन्नई, 7 फरवरी | भारतीय फील्डरों ने यहां एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के पहले दो दिन चार कैच छोड़े हैं और एक टेस्ट में सर्वाधिक कैच लेने का रिकॉर्ड रखने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर यजुरविंद्र सिंह का कहना है कि भारतीय खिलाड़ी शायद फील्डिंग को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
इंग्लैंड की पारी के दौरान विकेटकीपर ऋषभ पंत, चेतेश्व पुजारा, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन ने कैच छोड़े। पंत ने रोरी बर्न्स का, अश्विन ने बेन स्टोक्स का 31 पर, पुजारा ने स्टोक्स का और रोहित ने डॉमिनीक बैस का कैच छोड़ा।
1977 में बेंगलुरु में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट में सात कैच लेने का रिकॉर्ड रखने वाले यजुरविंद्र ने दूसरे दिन की खेल समाप्ति के बाद आईएएनएस से कहा, " आप इन छोड़े गए कैचों को कैसे समझाते हैं? शायद खिलाड़ी अभ्यास में पर्याप्त कैच नहीं ले रहे हैं। भारतीय टीम को पहले टेस्ट से पहले तीन दिन का अभ्यास करने को मिला। और जो समय उन्हें अभ्यास के लिए मिला, शायद उनका ध्यान बल्लेबाजी और गेंदबाजी पर था, न कि क्षेत्ररक्षण या कैच लेने पर।"
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ फील्डरों को ही नजदीक में क्षेत्ररक्षण करना चाहिए।
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, " पास में फील्डिंग के लिए बहुत अभ्यास की आवश्यकता होती है। जब रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे गैर-विशेषज्ञ पास में फील्ड करेंगे, तो कैसे? क्या आप उनसे कैच लेने की उम्मीद करते हैं? यह मजेदार था कि रहाणे, जो क्षेत्ररक्षण में माहिर हैं, बल्लेबाजों के करीब नहीं थे। खिलाड़ी फील्डिंग को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।" (आईएएनएस)
चेन्नई, 7 फरवरी | भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने रविवार को कहा कि वह चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव के लिए '' दुखी '' महसूस करते हैं, जिन्हें एमए चिदंबरम स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ यहां खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के लिए अंतिम एकादश में शामिल नहीं किया गया। कुलदीप ने जनवरी 2019 के बाद से भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला है। वास्तव में, वह भारतीय टीम में एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने हाल ही में संपन्न बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में एक भी मैच नहीं खेला है। उनकी आखिरी टेस्ट उपस्थिति 2018-19 सीजन में भारत के दौरे के दौरान सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में थी जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट में पांच विकेट लिए थे।
जाफर ने रविवार को ट्वीट किया, कुलदीप यादव की मदद नहीं कर सकता, लेकिन उनके लिए दुखी हूं। अगस्त के बाद से वह एक जैव-बुलबुले से दूसरे में यात्रा कर रहे हैं, पर अब तक उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिला है।
उन्होंने कहा, लेकिन कुलदीप आपको उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। आपने पहले भी ऐसा किया है और मुझे यकीन है कि आपको एक मौका मिलेगा जो आप इसे फिर से करेंगे।
कानपुर के 26 वर्षीय खिलाड़ी ने अब तक खेले छह टेस्ट मैचों में 24 विकेट लिए हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की शुरूआत से पहले, कुलदीप ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो को बताया था कि वह आत्मविश्वास हासिल के लिए एक मैच खेलने को उत्सुक हैं।
कुलदीप ने कहा था, जब आप नियमित क्रिकेट खेलते हैं, तो आत्मविश्वास अपने आप आ जाता है। अगर मैं पहला मैच खेलता हूं, तो मैं अगला मैच खेलने के लिए बेहतर स्थिति में रहूंगा। मानसिक रूप से मैंने खुद को बहुत आराम दिया है। तदनुसार, मेरे आत्मविश्वास का स्तर चरम पर रहेगा। (आईएएनएस)
चेन्नई, 7 फरवरी इंग्लैंड के 578 रनों के विशाल स्कोर के जवाब में मेजबान भारत ने चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत के अर्धशतकों की मदद से यहां एमए चिदम्बरम स्टेडियम में जारी पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को चायकाल तक अपनी पहली पारी में चार विकेट पर 154 रन बना लिए हैं। भारत अभी इंग्लैंड के स्कोर से 424 रन पीछे है जबकि उसके छह विकेट शेष है। चायकाल के समय पुजारा 111 गेंदों पर सात चौकों की मदद से 53 रन और पंत 44 गेंदों पर चार चौकों और चार छक्कों की मदद से 54 रन बनाकर नाबाद हैं।
पुजारा के टेस्ट करियर का यह 29वां अर्धशतक है। वहीं, पंत ने अपने टेस्ट करियर का अब तक का यह पांचवां और लगातार तीसरा अर्धशतक जमाया। दोनों बल्लेबाजों के बीच पांचवें विकेट के लिए अब तक 81 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई है।
भारत ने लंच से पहले रोहित शर्मा (6) और शुभमन गिल (29) का विकेट गंवाया। मेजबान टीम ने लंच के बाद दो विकेट पर 59 रन से आगे खेलना शुरू किया। पुजारा ने 20 रन और कप्तान विराट कोहली ने अपनी पारी को चार रन से आगे बढ़ाया।
लंच के बाद कोहली कुछ खास नहीं कर सके और अपने स्कोर में सात रन का और इजाफा करने के बाद 11 के निजी स्कोर पर आउट हो गए। उन्होंने 48 गेंदों का सामना किया। कोहली को डॉम बैस ने ओली पोप के हाथों कैच कराया।
कोहली और पुजारा के बीच तीसरे विकेट के लिए 27 रनों की ही साझेदारी हो पाई। कोहली के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए अजिंक्य रहाणे भी मात्र एक रन बनाकर चलते बने। बैस ने रहाणे को भी अपना शिकार बनाया और उन्हें कप्तान जोए रूट हाथों शानदार कैच कराके पवेलियन भेजा।
इसके बाद हालांकि पंत और पुजारा ने टी तक मेजबान टीम को और कोई नुकसान नहीं होने दिया।
इंग्लैंड की ओर से जोफरा आर्चर और डॉम बैस को अब तक दो-दो सफलता मिली है।
इससे पहले, इंग्लैंड ने अपने शनिवार के स्कोर आठ विकेट पर 555 रन से आगे खेलना शुरू किया और उसकी पूरी टीम 190.1 ओवर में 578 रनों पर ऑलआउट हो गई।
डोमिनिक बैस ने 28 और जैक लीच ने अपनी पारी को छह रन से आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने नौवें विकेट के लिए 42 रनों की साझेदारी की। बैस टीम के 567 के स्कोर पर आउट हुए। उन्हें बुराराह ने पगबाधा आउट किया। बैस ने 105 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 34 रन बनाए।
इंग्लैंड का अंतिम विकेट जेम्स एंडरसन के रूप में 578 के स्कोर पर गिरा। एंडरसन को अश्विन को बोल्ड किया। एंडरसन ने 12 गेंदों पर एक रन बनाया। जैक लीच 57 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 रन बनाकर नाबाद रहे।
रूट ने 377 गेंदों पर 19 चौके और दो छक्का लगाया। सिब्ले ने 286 गेंदों पर 12 चौके लगाए। स्टोक्स ने 118 गेंदों पर 10 चौके और तीन छक्के लगाए।
उनके अलावा रोरी बर्न्स ने 33, डैनियल लॉरेंस ने 0, ओली पोप ने 34, जोस बटलर ने 30, डॉमिनीक बैस ने 34 और जोफरा आर्चर ने 0 रन बनाए।
भारत की ओर से इशांत शर्मा ने 52 रन पर दो विकेट, जसप्रीत बुमराह ने 84 रन पर तीन विकेट, रविचंद्रन अश्विन ने 146 रन पर तीन विकेट और अपना पदार्पण टेस्ट खेल रहे शाहबाज नदीम ने 167 रन पर दो विकेट लिए। (आईएएनएस)|
चेन्नई, 7 फरवरी | इंग्लैंड ने यहां एमए चिदम्बरम स्टेडियम में मेजबान भारत के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को अपनी पहली पारी में 578 रनों का विशाल स्कोर बना लिया। भारत ने इसके जवाब में अपनी पहली पारी में लंच तक दो विकेट पर 59 रन बना लिए हैं और वह अभी इंग्लैंड के स्कोर से 519 रन पीछे है जबकि उसके आठ विकेट शेष हैं। लंच के समय चेतेश्वर पुजारा 35 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 20 रन और कप्तान विराट कोहली 12 गेंदों पर चार रन बनाकर नाबाद हैं। दोनों बल्लेबाजों के बीच तीसरे विकेट के लिए अब तक 15 रनों की साझेदारी हुई है।
इंग्लैंड को 578 रनों पर आलआउट करने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारत की शुरूआत अच्छी नहीं रही और सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा टीम के 19 रनों के कुल स्कोर पर आउट हो गए। उन्होंने नौ गेंदों पर एक चौके के सहारे मात्र छह रनों का योगदान दिया।
रोहित को जोफरा आर्चर ने विकेटकीपर जोस बटलर के हाथों कैच कराया। रोहित के आउट होने के बाद गिल लंच से पहले ही आर्चर का दूसरा शिकार बन बैठे। वह भारतीय टीम के 44 के स्कोर पर दूसरे विकेट के रूप में आउट हुए। आर्चर ने गिल को जेम्स एंडरसन के हाथों शानदार कैच करवाया। गिल ने 28 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 29 रन बनाए।
गिल के आउट होने के बाद बल्लेबाजी के लिए कोहली और पुजारा ने लंच तक मेजबान टीम का और कोई विकेट नहीं गिरने दिया। इंग्लैंड के लिए अब तक दोनों सफलता आर्चर के हाथ लगी है।
इससे पहले, इंग्लैंड ने अपने शनिवार के स्कोर आठ विकेट पर 555 रन से आगे खेलना शुरू किया और उसकी पूरी टीम 190.1 ओवर में 578 रनों पर ऑलआउट हो गई।
डोमिनिक बैस ने 28 और जैक लीच ने अपनी पारी को छह रन से आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने नौवें विकेट के लिए 42 रनों की साझेदारी की। बैस टीम के 567 के स्कोर पर आउट हुए। उन्हें बुराराह ने पगबाधा आउट किया। बैस ने 105 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 34 रन बनाए।
इंग्लैंड का अंतिम विकेट जेम्स एंडरसन के रूप में 578 के स्कोर पर गिरा। एंडरसन को अश्विन को बोल्ड किया। एंडरसन ने 12 गेंदों पर एक रन बनाया। जैक लीच 57 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 रन बनाकर नाबाद रहे।
रूट ने 377 गेंदों पर 19 चौके और दो छक्का लगाया। सिब्ले ने 286 गेंदों पर 12 चौके लगाए। स्टोक्स ने 118 गेंदों पर 10 चौके और तीन छक्के लगाए।
उनके अलावा रोरी बर्न्स ने 33, डैनियल लॉरेंस ने 0, ओली पोप ने 34, जोस बटलर ने 30, डॉमिनीक बैस ने 34 और जोफरा आर्चर ने 0 रन बनाए।
भारत की ओर से इशांत शर्मा ने 52 रन पर दो विकेट, जसप्रीत बुमराह ने 84 रन पर तीन विकेट, रविचंद्रन अश्विन ने 146 रन पर तीन विकेट और अपना पदार्पण टेस्ट खेल रहे शाहबाज नदीम ने 167 रन पर दो विकेट लिए। (आईएएनएस)
मेलबर्न, 7 फरवरी (आईएएनएस)| डेनिल मेदवेदेव और एंद्रे रूबलेव के शानदार प्रदर्शन के दम पर रूस ने रविवार को इटली को 2-0 से हराकर पहली बार एटीपी कप का खिताब अपने नाम कर लिया। मेदवेदेव ने एकल वर्ग के पहले मैच में इटली के माटिओ बेरेटिनो को एक घंटे 17 मिनट तक चले मुकाबले में 6-4, 6-2 से मात दी और रूस को इटली के खिलाफ 1-0 की बढ़त दिला दी।
इसके बाद रूबलेव ने एकल वर्ग के दूसरे मैच में फेबियो फोगनिनी को 61 मिनट में 6-1, 6-2 हराकर रूस को 2-0 से जीत दिला दी।
मेदवेदेव और रूबेल ने पूरे सप्ताह के दौरान शानदार प्रदर्शन किया और अपने सभी एकल आठ मैच जीते। उन्होंने केवल दो सेट गंवाए।
मेदवेदेव ने जीत के बाद कहा, "मैं अपनी टीम को धन्यवाद देना चाहता हूं। एंद्रे ने अपने सभी मैच जीते हैं। यहां मेरे साथ रहने और ट्रॉफी जीतने के लिए आप सभी का धन्यवाद।"
नई दिल्ली, 7 फरवरी | भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड शर्मिला देवी का मानना है कि आगामी टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों के लिए टीम का हाल का अर्जेंटीना दौरा अच्छा साबित होगा। शर्मिला ने हाल में अर्जेंटीना दौरे पर दो गोल किए थे। शर्मिला ने कहा, "भारतीय टीम करीब चार साल बाद अर्जेंटीना के खिलाफ खेल रही थी। सीनियर खिलाड़ी, जो पहले 2017 में अर्जेंटीना के खिलाफ खेले थे, ने याद किया कि वो कितनी मजबूत टीम है और वहां का दौरा हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने कहा, "हालांकि हम उनके खिलाफ काफी प्रभावी थे और जीतने के बहुत करीब थे। मैंने महसूस किया कि हमें सर्कल में मौकों को गोल में तब्दील करने पर बहुत अधिक काम करना चाहिए। हम सर्कल में अधिक मौके बना रहे थे, लेकिन उन्हें गोल में तब्दील करने में असमर्थ थे।"
उन्होंने कहा कि टीम 14 फरवरी से राष्ट्रीय शिविर में लौटने के बाद उन क्षेत्रों पर ध्यान देगी, जिसपर टीम को काम करने की जरूरत है।
शर्मिला ने कोविड-19 महामारी के कारण इन कोशिशों के बावजूद अर्जेंटीना दौरे को सुनिश्चित करने के लिए हॉकी इंडिया के प्रयासों की सराहना की। (आईएएनएस)
चेन्नई टेस्ट में जो रूट ने शानदार दोहरा शतक बनाया. उनकी इस पारी को किसी भी इंग्लिश बल्लेबाज़ की भारत में बेहतरीन पारियों में गिना जाएगा.
लोग इसकी तुलना इंग्लैंड की ओर से भारत में खेली गई एक पारी से ज़रूर करेंगे जिसे अब तक भारत में किसी भी इंग्लिश बल्लेबाज़ी की सबसे बेहतरीन पारी कहा जाता है.
ये पारी केविन पीटरसन ने 2012 के मुंबई टेस्ट में खेली थी. उनकी 186 रनों की शानदार पारी के चलते ही इंग्लैंड इस सिरीज़ में पिछड़ने के बाद ना केवल वापसी करने में कामयाब रहा था बल्कि 27 सालों में पहली बार भारतीय ज़मीन पर टेस्ट सिरीज़ जीतने में भी कामयाब हुआ था. ये सिरीज़ इसलिए भी लोगों को याद रहती है क्योंकि इसके बाद भारत अपनी ज़मीन पर टेस्ट सिरीज़ नहीं हारा है.
केविन पीटरसन के लिए यह पारी इसलिए भी ख़ास थी क्योंकि टीम के तत्कालीन कप्तान एंड्रूय स्ट्रॉस के ख़िलाफ़ दक्षिण अफ्रीकी टीम के खिलाड़ियों के साथ टेक्स्ट संदेशों वाले विवाद के बाद उन्होंने टीम के लिए बेहतरीन योगदान दिया था.
उस पारी की कहानी
बीबीसी के टेस्ट मैच स्पेशल पॉडकास्ट में पीटरसन ने बताया कि किस तरह से मुंबई में उन्होंने वह शानदार पारी खेली थी.
दक्षिण अफ्ऱीका में अंतिम टेस्ट से पहले पीटरसन को बाहर कर दिया गया था और वे श्रीलंका में खेले गए वर्ल्ड टी-20 में भी हिस्सा नहीं ले पाए थे. लेकिन भारत के ख़िलाफ़ सिरीज़ से एक महीने पहले उन्हें टीम में शामिल किया गया और टीम की कमान एलिस्टर कुक को थमाई गई थी.
इस सिरीज़ के बारे में पीटरसन ने बताया, "वह एक बड़ा दौरा था, जिसमें सभी बड़े खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की ज़रूरत थी. हमारी टीम काफ़ी मज़बूत थी और हमारा मनोबल काफ़ी बढ़ा हुआ था. हर कोई अपनी भूमिका को समझ रहा था. हमारी टीम ने अपना स्तर ऊंचा कर लिया था. हम ऑस्ट्रेलिया को घर और बाहर दोनों जगहों पर हरा चुके थे लेकिन भारत को भारत में हराना बेहद मुश्किल चुनौती साबित होने वाला था."
इंग्लैंड ने अभ्यास मैचों में अच्छा खेल दिखाया. पीटरसन सहित पांच बल्लेबाज़ों ने शतक जमाया. इसके बाद सिरीज़ का पहला टेस्ट मैच अहमदाबाद में खेला गया.
वीरेंद्र सहवाग ने 117 रन बनाए जबकि चेतेश्वर पुजारा ने दोहरा शतक बनाया. इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 191 रनों पर सिमट गई थी. पीटरसन ने पहली पारी में 17 रन और दूसरी पारी में दो रन बनाए थे और दोनों पारी में बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने उन्हें अपना शिकार बनाया था. इस बारे में पीटरसन ने बताया, "मेरी आलोचना होने लगी थी. लेकिन यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं थी. जब भी मैं रन बनाता तब मैं अच्छा हो जाता, जब भी रन नहीं बनते मैं ख़राब. यह ऐसा कुछ नहीं था जिस पर मैं हैरान होता."
"मैं अपनी तकनीक को लेकर चिंतित था. छोटी छोटी ग़लतियां करने पर खुद पर अचरज हो रहा था. मैं ये सोच रहा था कि क्या मेरा पांव उस तरह नहीं चल रहा है, जैसे चलना चाहिए? क्या मैं गेंद को उन क्षेत्रों में हिट नहीं कर पा रहा था, जिनमें अभ्यास के दौरान कर पाता था?"
"जब मैं दूसरी पारी में आउट हो गया तो मैं कोच एंडी फ्लावर और स्पिन गेंदबाज़ी कोच मुश्ताक अहमद के साथ नेट्स पर गया और एक घंटे तक प्रैक्टिस करता रहा, हालांकि तब मैच चल रहा था. लेकिन मैं एक घंटे तक नेट्स पर प्रैक्टिस करता रहा क्योंकि मैं अपने दिमाग़ को सही दिशा में रखना चाहता था. मैं केवल यह सोच रहा था कि यहां जो ग़लती पांच मिनट पहले की है वो अगले मैच में नहीं करूंगा."
"कई बार जब आप बड़े मुक़ाबले के लिए उतरते हैं तो अत्यधिक उत्साहित हो जाते हैं. ऐसा मेरे साथ कई बार हुआ. अत्यधिक उत्साह में मैं आउट भी हो जाता था. मैंने इस प्रक्रिया को धीमा करना चाहता था. मूमेंटम को बनाए रखना चाहता था."
"मैंने अपने डिफेंस पर ध्यान दिया और यह सुनिश्चित किया कि स्पिनरों के ख़िलाफ़ यह ठोस रहे. मैंने इसके बाद अपने डिफेंस पर ही अभ्यास किया. पांव के मूवमेंट पर ध्यान दिया. शाट्स खेलने के लिए कहां तक पांव पहुंचता है, इस पर काम किया. मुंबई टेस्ट से तीन दिन पहले तक मैं यही करता रहा."
इंग्लैंड ने पहले टेस्ट की दूसरी पारी में थोड़ा बेहतर खेल दिखाया. एलिस्टर कुक ने 176 रन बनाकर कुछ संघर्ष ज़रूर दिखाया लेकिन इंग्लैंड ये टेस्ट नौ विकेट से हार गया था. मुंबई में खेले दूसरे टेस्ट में भारत की पहली पारी 327 रनों पर समाप्त हुई. इसके बाद पीटरसन जब क्रीज पर कुक का साथ देने उतरे तब इंग्लैंड का स्कोर दो विकेट पर 68 रन था.
पीटरसन ने बताया, "टेस्ट से पहले कुछ दिनों तक मैं लगातार अभ्यास कर रहा था. इंग्लिश बल्लेबाज़ के तौर पर वह अभ्यास के सबसे बेहतरीन दिन थे. मैं अपने पांव के मूवमेंट को बेहतर करना चाहता था, मैं अपने डिफेंस को बेहतर करना चाहता था, मैं यह जान गया था कि मैं यहां रन बना सकता हूं."
"कुछ दिन ऐसे होते हैं जब क्रीज पर उतरते ही मुझे मालूम चल जाता था कि मैं रन बनाऊंगा. बल्ले के साथ क्रीज़ पर उतरने और गार्ड लेने के साथ मैं शुरू हो जाता था. कई दिन ऐसे में होते थे जब गार्ड लेने के बाद मुझे लगता था कि दस रन तक पहुंचने के लिए भी मुझे संघर्ष करना पड़ेगा."
"मुंबई में क्रीज़ पर उतरते ही मुझे नेट्स जैसा महसूस होने लगा था, मुझे लग गया कि मैं यहां रन बनाऊंगा. हालांकि कितने रन बनाऊंगा, इसका अंदाज़ा नहीं था."
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में उस गर्मी और उमस में केविन पीटरसन अपनी लय में थे और उन्होंने तीसरे विकेट के लिए कुक के साथ 206 रन जोड़ दिए.
इस पार्टनरशिप के बारे में पीटरसन ने बताया, "कुक के साथ हुई बातचीत मुझे याद नहीं है. लेकिन हमलोग एक दूसरे को वेलडन और कीप गोइंग कह रहे थे. लेंथ वाली गेंदों पर शाट्स खेलना है, इसे बारे में भी बात हुई थी. कुक अपने हिसाब से गेंदबाज़ों और फील्डरों को परेशान कर रहे थे. दूसरी तरफ मैं भी अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रहा था. हमारी साझेदारी इसलिए भी लंबी चली क्योंकि गेंदबाज़ों को दोनों बल्लेबाज़ों के लिए अलग अलग रणनीति अपनानी पड़ रही थी."
शानदार फुटवर्क का प्रदर्शन
पीटरसन ने अपनी पारी में शानदार फुटवर्क दिखाया. क्रीज के आगे पीछे होकर उन्होंने लगातार रन बटोरे. रिवर्स स्वीप के जरिए उन्होंने अपना शतक पूरा किया. ये टेस्ट करियर में पीटरसन का 22वां टेस्ट शतक था. उस वक्त उन्होंने कुक, कोलिन काउड्रे, वाली हैमंड और जेफ्री बॉयकॉट की बराबरी की थी.
पीटरसन याद करते हुए कहते हैं, "जब लोग इतने बड़े खिलाड़ियों के साथ नाम जोड़ते हैं तो अजीब लगता है. आप मेरे आँकड़े देखें, रिकॉर्ड्स देखें तो मुझे यह वास्तविक नहीं लगता. लेकिन इस तरह की बातें सुनकर खुशी होती है. अब तो ऐसे दौर में हूं जहां टेस्ट शतक बनाने की बात एकदम अलग दुनिया लगती है, ऐसा लगता है कि वे उपलब्धियां किसी और की हैं."
पीटरसन ने मुंबई टेस्ट में बल्ला उठाकर शतक पूरा होने का जश्न मनाया था, कुक ने उन्हें गले से लगाया. इसके बाद उन्हें कुछ बेहतरीन शाट्स खेले. जब पीटरसन ने 150 रन पूरे किए तो उन्होंने बल्ला उठाया तो टेस्ट मैच स्पेशल कमेंटेटर हेनरी ब्लोफेल्ड ने उनकी तुलना स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी से की थी.
पीटरसन उन पलों के बारे में याद करते हैं, "मुझे नहीं मालूम कि उस वक्त क्या लग रहा था. टीम में वापसी का भाव था या नहीं, लेकिन वह भावनात्मक पल था. मुझे लग रहा था कि टीम के साथ जो दूरी बन गई थी, वह भी भर चुकी थी."
"मैं तो केवल बल्लेबाज़ी करना चाहता था, रन बनाना चाहता था, इंग्लैंड के लिए मैच जीतना चाहता था. मुझे लगता है कि और मैं सही भी हूं कि अब तक इंग्लैंड के लिए सबसे ज़्यादा मैन ऑफ़ द मैच अवार्ड्स मैंने ही जीते हैं. इससे जो आनंद मिलता है, वह मैं बता नहीं सकता. जब आप पीछे मुड़कर देखते और मैच विनिंग प्रदर्शन को याद करते हैं तो बहुत आनंद महसूस होता है."
"मैं बहुत बार भारत जाता रहा हूं. ढेरों ब्रॉडकास्टर मेरी उस पारी को भारतीय पिचों पर किसी विदेशी बल्लेबाज़ी की सबसे बेहतरीन पारी बताते हैं. यह मुझे सही नहीं लगता. मैं ने ऐसा सोच कर वो पारी खेली भी नहीं थी. मैं चीजों को लुत्फ उठाने में कामयाब रहा था."
जब प्रज्ञान ओझा ने पीटरसन को अपना शिकार बनाया तब तक वे इंग्लैंड को उस स्थिति में पहुंचा चुके थे जहां से इंग्लैंड ने वह टेस्ट 10 विकेट से जीत लिया था. इसके बाद इंग्लैंड ने भारत को कोलकाता टेस्ट में सात विकेट से हराया और नागपुर का टेस्ट ड्रॉ रखकर सिरीज़ जीत ली.
पीटरसन की पारी से सिरीज़ की दिशा बदली थी लेकिन वे खुद इस पारी को अपनी सबसे बेहतरीन पारी नहीं मानते. उनके मुताबिक 2012 में श्रीलंका के कोलंबो में 151 रनों की पारी उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी है.
करियर के तीन सबसे अहम पलों में
पीटरसन अपनी सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी के बारे में बताते हैं, "मानसिक तौर पर श्रीलंका में मैं 40-50 से ज़्यादा रन बनाने की स्थिति में नहीं था. जाड़े के मौसम में भी मेरे घर में एयरकंडीशनर चलता है क्योंकि मुझे पसीने बहुत आते हैं. डरबन से आने के बाद यह कहना थोड़ा अलग होगा कि मुझे गर्मी बर्दाश्त नहीं होती. लेकिन मैं बर्दाश्त नहीं कर पाता हूं और नमी से और भी मुश्किल होती है."
"इसलिए श्रीलंका में बनाए गए रन मेरे लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर भी असंभव थे लेकिन मैं केवल खेलता गया. मैंने श्रीलंका में यही अप्रोच अपनाई. भारत में रन बनाना मेरे लिए कभी मुश्किल नहीं रहा. मैंने भारत में हमेशा रन बनाए हैं."
भारत के ख़िलाफ़ सिरीज़ के करीब एक साल बाद ही ऐशेज सिरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मिली हार के बाद पीटरसन को टीम से बाहर कर दिया गया था. उन्होंने सात साल पहले अंतिम बार इंटरनेशनल क्रिकेट में हिस्सा लिया था. लेकिन भारत के ख़िलाफ़ वह टेस्ट सिरीज़ उनके करियर के तीन सबसे अहम पलों में शामिल है.
पीटरसन ने कहा, "2005 की ऐशेज़ की जीत सबसे ख़ास है. इसके बाद इंग्लैंड के लिए 2010 की वर्ल्ड टी20 जीतना ख़ास है. इसके बाद 2012 में भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज की जीत, ये तीनों मेरे करियर के लिए टॉप थ्री अचीवमेंट हैं."
केविन पीटरसन ने मुंबई टेस्ट की पहली पारी में 186 रनों की धमाकेदार पारी नहीं खेली होती तो पहले टेस्ट में ज़ोरदार जीत हासिल कर चुकी टीम इंडिया पर शायद ही ब्रेक लग पाता. (bbc.com/hindi)
चेन्नई, 7 फरवरी| कप्तान जोए रूट (218) के पांचवें दोहरे शतक और डॉमिनीक सिब्ले (87) तथा बेन स्टोक्स (82) के अर्धशतकों की मदद से इंग्लैंड ने यहां एमए चिदम्बरम स्टेडियम में मेजबान भारत के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन रविवार को अपनी पहली पारी में 578 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर लिया। इंग्लैंड ने अपने शनिवार के स्कोर आठ विकेट पर 555 रन से आगे खेलना शुरू किया और उसकी पूरी टीम 190.1 ओवर में 578 रनों पर ऑलआउट हो गई।
डोमिनिक बैस ने 28 और जैक लीच ने अपनी पारी को छह रन से आगे बढ़ाया। दोनों बल्लेबाजों ने नौवें विकेट के लिए 42 रनों की साझेदारी की। बैस 567 के स्कोर पर आउट हुए। उन्हें बुराराह ने पगबाधा आउट किया। बैस ने 105 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 34 रन बनाए।
इंग्लैंड का अंतिम विकेट जेम्स एंडरसन के रूप में 578 के स्कोर पर गिरा। एंडरसन को अश्विन को बोल्ड किया। एंडरसन ने 12 गेंदों पर एक रन बनाया। जैक लीग 57 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 14 रन बनाकर नाबाद रहे।
रूट ने 377 गेंदों पर 19 चौके और दो छक्का लगाया। सिब्ले ने 286 गेंदों पर 12 चौके लगाए। स्टोक्स ने 118 गेंदों पर 10 चौके और तीन छक्के लगाए।
उनके अलावा रोरी बर्न्स ने 33, डैनियल लॉरेंस ने 0, ओली पोप ने 34, जोस बटलर ने 30, डॉमिनीक बैस ने 34 और जोफरा आर्चर ने 0 रन बनाए।
भारत की ओर से इशांत शर्मा ने 52 रन पर दो विकेट, जसप्रीत बुमराह ने 84 रन पर तीन विकेट, रविचंद्रन अश्विन ने 146 रन पर तीन विकेट और अपना पदार्पण टेस्ट खेल रहे शाहबाज नदीम ने 167 रन पर दो विकेट लिए। (आईएएनएस)
अपूर्वी चंदेला ने साल 2019 में दस मीटर एयर राइफल श्रेणी में आईएसएसफ वर्ल्ड चैंपियन जीता था. लेकिन ओलंपिक में उनकी शुरुआत यादगार नहीं रही थी.
साल 2016 में अपूर्वी ने रियो ओलंपिक में शुरुआत की थी. लेकिन वह अपनी अपेक्षाओं के मुताबिक़, प्रदर्शन नहीं कर सकीं. अपूर्वी कहती हैं कि ओलंपिक का अनुभव उनके लिए एक अच्छी सीख रहा.
ओलंपिक से सबक़ लेकर अपूर्वी ने एक नई शुरुआत की और साल 2018 में ऑस्ट्रिया में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसके बाद अगला साल अपूर्वी के लिए और भी ख़ास रहा.
क्योंकि अपूर्वी ने दिल्ली में आयोजित हुए आईएसएसएफ़ विश्व कप फ़ाइनल में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हुए जीत हासिल की. इस जीत ने साल 2021 में आयोजित होने जा रहे टोक्यो ओलंपिक में भी उनकी जगह पक्की कर दी.
साल 2016 में अर्जुन अवॉर्ड जीतने वालीं अपूर्वी ओलंपिक में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहती हैं. वह कहती हैं कि वह अपने अनुभव के साथ टोक्यो में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं.
परिवार के सहयोग की अहम भूमिका
शूटिंग एक खर्चीला खेल हैं लेकिन जयपुर में रहने वाले चंदेला परिवार ने अपने संसाधनों का इस्तेमाल करके बेटी के लिए खेलना मुमकिन बनाया.
अपूर्वी की माँ बिंदू एक बास्केटबॉल खिलाड़ी थीं और उनके कज़िन्स भी शूटिंग से जुड़े थे.
बचपन से ही खेल के मुद्दे पर बात करने वाली अपूर्वी बचपन में स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट बनना चाहती थीं. लेकिन 2008 में बीजिंग ओलंपिक के दौरान अभिनव बिंद्रा के गोल्ड मेडल जीतने के बाद वह स्वयं खेल की दुनिया में उतरने के लिए तैयार हुईं.
बिंद्रा की जीत ने पूरे भारत को ख़ुश होने का मौक़ा दिया और इससे अपूर्वी भी बंदूक उठाने के लिए तैयार हुईं.
चंदेला परिवार शुरुआत से ही बच्ची के साथ था. शूटिंग में बच्ची का रुझान देखकर उनके पिता कुलदीप सिंह चंदेला ने अपूर्वी को एक राइफल तोहफे में दी. और इस तरह अपूर्वी का शूटिंग की दुनिया में सफर शुरू हुआ.
माँ का साथ
अपनी ट्रेनिंग के शुरुआती दिनों में, अपूर्वी चंदेला को नज़दीकी शूटिंग रेंज तक पहुंचने में 45 मिनट का समय लगा करता था. जब उनके घर वालों को पता चला कि शूटिंग रेंज तक जाने आने में काफ़ी समय लगता है तो उन्होंने अपने घर पर ही शूटिंग रेंज बना ली.
अपूर्वी के पिता उनके खेल से जुड़े आर्थिक मसलों का ध्यान रखते हैं, वहीं उनकी माँ अपूर्वी के ट्रेनिंग सेशन और टूर्नामेंट में लगातार साथ रहती हैं. अपूर्वी कहती हैं कि उनकी माँ की मौजूदगी उन्हें ताक़त देती है.
अपूर्वी ने साल 2009 में इंडिया स्कूल शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी. इसके बाद दस मीटर एयर राइफल शूटिंग श्रेणी में सीनियर नेशनल चैंपियनशिप जीतने में उन्हें सिर्फ़ तीन साल लगे.
साल 2012 से 2019 के बीच अपूर्वी ने छह बार नेशनल चैंपियनशिप जीती. इसके साथ ही वह लगातार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी छाप छोड़ती रहीं.
अपूर्वी की सबसे शानदार मेडलों में से ग्लास्गो में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेलों में जीता गोल्ड मेडल है. वह कहती हैं कि वह जीत उनके लिए हमेशा अहम रहेगी क्योंकि उस मौके पर उनके घर के 14 लोग वहां मौजूद थे. (bbc.com)
चेन्नई, 6 फरवरी | भारतीय टीम के लेफ्ट आर्म स्पिनर शागबाज नदीम ने कहा कि एमए चिदंबरम स्टेडियम की फ्लैट विकेट ने शनिवार को भारतीय गेंदबाजों के लिए विकेट लेना मुश्किल बना दिया और इसीलिए भारतीय बॉलर्स ने रक्षात्मक गेंदबाजी करते हुए बल्लेबाजों को गलतियां करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। अपना पहला टेस्ट खेल रहे नदीम ने शानदार दोहरा शतक लगाने वाले कप्तान जो रूट और बेन स्टोक्स के विकेट लिए। दोनों के बीच 124 रनों की साझेदारी हुई, जिसमें स्टोक्स ने 82 रनों का योगदान दिया। मेहमान टीम ने दूसरे दिन के अंत तक आठ विकेट पर 555 रन बनाए।
नदीम ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, सही एरिया में गेंदबाजी करने की योजना थी । यदि आप विकेट के लिए प्रयास करते हैं, तो आप रन देते हैं। योजना अच्छे एरिया में गेंदबाजी करने की थी और अगर बल्लेबाज कुछ बुरे शॉट खेलते हैं तो आपके पास विकेट लेने का मौका होता है।
31 वर्षीय स्पिनर ने कहा कि वह अच्छी गेंदबाजी नहीं करा पा रहे थे क्योंकि वह थोड़ा देरी से कूद रहे थे।
नदीम ने कहा, मुझे लगता है कि मैं थोड़ी देरी से कूद रहा हूं। मुझे क्रीज से पहले अच्छी तरह से कूदना चाहिए। लेकिन मुझे लगता है कि मैं थोड़ी देरी से कूद रहा हूं। इस कारण समस्या आ रही है। कल यह गलती अधिक हो रही थी लेकिन आज कम हुई। इस पर काम करने की योजना बना रहा हूं। (आईएएनएस)
वॉस्को (गोवा), 6 फरवरी | बीते सीजन में हैदराबाद एफसी और नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की अंक तालिका में सबसे नीचे रहे थेष लेकिन इस सीजन में दोनों टीमों ने अपनी मेहनत के दम पर किस्मत बदली है और अब वे प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने की दौड़ में हैं। इन दोनों टीमों ने अब तक 15 मैचों से 22-22 अंक जुटाए हैं। बेहतर गोल अंतर के कारण हैदराबाद चौथे स्थान पर है जबकि हाईलैंडर्स पांचवें स्थान पर हैं। अब जबकि दोनों को रविवार को यहां के तिलक मैदान पर भिड़ना है तो यह साफ है कि जीतने वाली टीम तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी।
निजाम्स नाम से मशहूर हैदराबाद एफसी बीते सात मैचों से अजेय है। इसी तरह हाईलैंडर्स भी पांच मैचों से अजेय हैं।
अंतरिम कोच खालिद जमील की देखरेख में हाईलैंडर्स ने काफी सुधार किया है। जनवरी में कोच बनने वाले खालिद की देखरेख में यह टीम अब तक हारी नहीं है। पांच मैच उसने इसके बाद खेले हैं और इनमें से तीन जीते हैं जबकि बाकी ड्रॉ रहे हैं। यह टीम नौ मैचों में क्लीन शीट हासिल करने में सफल रही है। इस टीम का अटैक शानदार रहा है। अग्रिम पंक्ति ने कुल 21 गोल किए हैं जो एफसी गोवा के बाद दूसरा श्रेष्ठ आंकड़ा है।
ऐसा नहीं है कि हैदराबाद के कोच मैनुएल मारक्वेज को खालिद और उनकी के हालिया प्रदर्शन का ज्ञान नहीं है। वह कहते हैं, "खालिद का काम अच्छा है क्योंकि एटीके मोहन बागान, जमशेदपुर औ्र मुम्बई सिटी के खिलाफ जीतना आसान नहीं है। साथ ही अगर आप गोवा के खिलाफ 0-2 से पीछे हैं और फिर आप 2-2 से ड्रा खेलते हैं तो यह शानदार उपलब्धि है। मेरी नजर में खालिद ने खिलाड़ियों के अंदर आत्मविश्वास का संचार किया है। यह टीम डिफेंस में काफी सुनियोजित तौर पर खेलती है और अटैक में भी उसके पास कई अच्छे खिलाड़ी हैं। हम अगर अपने स्टाइल पर कायम रहे तो हमारे जीतने के पूरे-पूरे आसार हैं।"
हाईलैंडर्स के खिलाफ अपनी जीत की सम्भावना को बल देने के लिए हैदराबाद को फेडरिको गालेघो पर नजर रखना होगा क्योंकि वह इस टीम के अटैक की धुरी हैं। गालेघो ने अब तक चार गोल किए हैं और इससे भी अधिक एसिस्ट उनके नाम है।
खालिद हालांकि मानते हैं कि टीम की हालिया सफलता किसी एक खिलाड़ी के कारण नहीं बल्कि सबकी मेहनत का नतीजा है। खालिद ने कहा, ""
यह जीत किसी एक की मेहनत का नतीजा नही है। हर कोई कड़ी मेहनत कर रहा है, खिलाड़ी अपना काम कर रहे हैं और आनंद ले रहे हैं। यहां तक कि कर्मचारी भी, हर कोई एक साथ काम कर रहा है। यह मुख्य रहस्य है (हमारी सफलता का)।
लेकिन एक पहलू को लेकर खालिद चिंतित होंगे और वह यह है कि इस टीम ने दूसरे हाफ में कई गोल खाए हैं। दूसरे हाफ में इस टीम ने 60 फीसदी गोल खाए हैं।अवधि के दौरान अपने लक्ष्यों का 60 प्रतिशत भेज दिया है। दूसरी ओर, हैदराबाद ने ब्रेक के बाद अपने 20 में से 15 गोल किए हैं।
खालिद ने कहा, हैदराबाद एक अच्छी टीम है और वे बहुत अच्छी तैयारी करते हैं। हमारी तैयारी हमेशा समान होगी लेकिन कल का मैच अहम होगा। (आईएएनएस)
वॉस्को (गोवा), 6 फरवरी | बीते सीजन में हैदराबाद एफसी और नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की अंक तालिका में सबसे नीचे रहे थेष लेकिन इस सीजन में दोनों टीमों ने अपनी मेहनत के दम पर किस्मत बदली है और अब वे प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने की दौड़ में हैं। इन दोनों टीमों ने अब तक 15 मैचों से 22-22 अंक जुटाए हैं। बेहतर गोल अंतर के कारण हैदराबाद चौथे स्थान पर है जबकि हाईलैंडर्स पांचवें स्थान पर हैं। अब जबकि दोनों को रविवार को यहां के तिलक मैदान पर भिड़ना है तो यह साफ है कि जीतने वाली टीम तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी।
निजाम्स नाम से मशहूर हैदराबाद एफसी बीते सात मैचों से अजेय है। इसी तरह हाईलैंडर्स भी पांच मैचों से अजेय हैं।
अंतरिम कोच खालिद जमील की देखरेख में हाईलैंडर्स ने काफी सुधार किया है। जनवरी में कोच बनने वाले खालिद की देखरेख में यह टीम अब तक हारी नहीं है। पांच मैच उसने इसके बाद खेले हैं और इनमें से तीन जीते हैं जबकि बाकी ड्रॉ रहे हैं। यह टीम नौ मैचों में क्लीन शीट हासिल करने में सफल रही है। इस टीम का अटैक शानदार रहा है। अग्रिम पंक्ति ने कुल 21 गोल किए हैं जो एफसी गोवा के बाद दूसरा श्रेष्ठ आंकड़ा है।
ऐसा नहीं है कि हैदराबाद के कोच मैनुएल मारक्वेज को खालिद और उनकी के हालिया प्रदर्शन का ज्ञान नहीं है। वह कहते हैं, "खालिद का काम अच्छा है क्योंकि एटीके मोहन बागान, जमशेदपुर औ्र मुम्बई सिटी के खिलाफ जीतना आसान नहीं है। साथ ही अगर आप गोवा के खिलाफ 0-2 से पीछे हैं और फिर आप 2-2 से ड्रा खेलते हैं तो यह शानदार उपलब्धि है। मेरी नजर में खालिद ने खिलाड़ियों के अंदर आत्मविश्वास का संचार किया है। यह टीम डिफेंस में काफी सुनियोजित तौर पर खेलती है और अटैक में भी उसके पास कई अच्छे खिलाड़ी हैं। हम अगर अपने स्टाइल पर कायम रहे तो हमारे जीतने के पूरे-पूरे आसार हैं।"
हाईलैंडर्स के खिलाफ अपनी जीत की सम्भावना को बल देने के लिए हैदराबाद को फेडरिको गालेघो पर नजर रखना होगा क्योंकि वह इस टीम के अटैक की धुरी हैं। गालेघो ने अब तक चार गोल किए हैं और इससे भी अधिक एसिस्ट उनके नाम है।
खालिद हालांकि मानते हैं कि टीम की हालिया सफलता किसी एक खिलाड़ी के कारण नहीं बल्कि सबकी मेहनत का नतीजा है। खालिद ने कहा, ""
यह जीत किसी एक की मेहनत का नतीजा नही है। हर कोई कड़ी मेहनत कर रहा है, खिलाड़ी अपना काम कर रहे हैं और आनंद ले रहे हैं। यहां तक कि कर्मचारी भी, हर कोई एक साथ काम कर रहा है। यह मुख्य रहस्य है (हमारी सफलता का)।
लेकिन एक पहलू को लेकर खालिद चिंतित होंगे और वह यह है कि इस टीम ने दूसरे हाफ में कई गोल खाए हैं। दूसरे हाफ में इस टीम ने 60 फीसदी गोल खाए हैं।अवधि के दौरान अपने लक्ष्यों का 60 प्रतिशत भेज दिया है। दूसरी ओर, हैदराबाद ने ब्रेक के बाद अपने 20 में से 15 गोल किए हैं।
खालिद ने कहा, हैदराबाद एक अच्छी टीम है और वे बहुत अच्छी तैयारी करते हैं। हमारी तैयारी हमेशा समान होगी लेकिन कल का मैच अहम होगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 6 फरवरी | केरला ब्लास्टर्स के स्ट्राइकर राहुल केपी, जो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। राहुल भारत में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनने की इच्छा रखते हैं और मौजूदा समय के सबसे बड़े स्टार सुनील छेत्री द्वारा स्थापित किए गए रिकॉर्ड को तोड़ना चाहते हैं। राहुल ने एआईएफएफ टीवी को बताया, मैं देश में सर्वश्रेष्ठ बनना चाहता हूं और मैं इसके लिए कड़ी मेहनत करना चाहता हूं, चाहे जो भी हो। जिन खिलाड़ियों ने इतिहास रचा है, वे भी मानव हैं। उदाहरण के लिए, अगर सुनील छेत्री ने देश के लिए इतने सारे गोल किए हैं तो मैं उनके रिकॉर्ड को तोड़ना चाहता हूं। मैं इसे अपने लिए एक चुनौती के रूप में रखना चाहता हूं। अगर मैं अपनी उम्मीदों को कम रखता हूं, तो मैं कहीं भी पहुंचने वाला नहीं हूं।
राहुल ने आगे कहा, अगर मैं अपनी उम्मीदों को ऊंचा रखता हूं और इसके लिए कड़ी मेहनत करता हूं, तो ही मुझे इससे कुछ हासिल होगा। कड़ी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती। मैं भारत का सबसे अच्छा खिलाड़ी बनना चाहता हूं और इसके लिए जो भी जरूरी है वह करने जा रहा हूं।
यह पूछे जाने पर कि वह अपनी ताकत और कमजोरियों के बारे में क्या सोचते हैं, 20 वर्षीय राहुल ने कहा कि यह उनके लिए शीर्ष खिलाड़ियों के स्तर तक पहुंचने और आने वाले वर्षों में एक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उनके नक्शेकदम पर चलने को वह एक चुनौती मानते हैं।
राहुल ने कहा, मैं अभी भी एक युवा खिलाड़ी हूं और मुझे वही होना चाहिए जो मैं चाहता हूं। अगर मैं छेत्री की तरह शीर्ष स्तर पर खिलाड़ियों को देखता हूं, तो मैं देख सकता हूं कि उन्होंने अपने इतिहास से परे कुछ बनाया है और उनके पास बहुत सारे रिकॉर्ड हैं। मैं जहां हूं वही मेरी कमजोरी है और मेरी ताकत इस बात में है कि आने वाले सालों में मैं कहां जाना चाहता हूं।" (आईएएनएस)
चेन्नई, 6 फरवरी | इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने कहा है कि भारत के खिलाफ चेन्नई टेस्ट के तीसरे दिन सुबह के सत्र में उनकी टीम एक और घंटे बल्लेबाजी करने का मन बना चुकी है। उसका पारी घोषित करने का कोई इरादा नहीं है। स्टोक्स ने शनिवार को दूसरे दिन के खेल के बाद बताया, आज रात घोषणा के बारे में कोई विचार नहीं हैं। आप भारत में जितने रन बना सकते हैं उतने बनाने चाहिए। अगर हम कल एक और घंटे के लिए बल्लेबाजी कर सकते हैं तो हमें बहुत खुशी होगी।
ऑलराउंडर ने इंग्लैंड के कप्तान जो रूट के साथ 124 रनों की साझेदारी की, जिन्होंने शनिवार को तीन टेस्ट मैचों में अपना दूसरा दोहरा शतक बनाया।
स्टोक्स ने कहा कि विकेट में कुछ ऐसा है जिसका इंग्लैंड फायदा उठाने के बारे में सोच सकता है।
मुझे लगता है कि स्पिन, उछाल और रिवर्स स्विंग रहा है। मुझे लगता है कि हम अभी बहुत अच्छा खेले हैं। हमें खुद को इसका श्रेय देना होगा। यहां इस तरह की बैटिंग बिल्कुल आसान नहीं है। यह पिच बल्लेबाजों की मददगार है और हमने अब तक इसका भरपूर फायदा उठाया है।"
स्टोक्स ने हालांकि कहा कि इंग्लैंड के लिए टेस्ट जीतने के लिए लंबा रास्ता तय करना है और उसे बहुत मेहनत करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि अपने करियर के सबसे अच्छे दौर से गुजर रहे कप्तान जोए रूट (218) के पांचवें दोहरे शतक की बदौलत इंग्लैंड ने यहां एमए चिदम्बरम स्टेडियम में मेजबान भारत के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन शनिवार को दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी पहली पारी में आठ विकेट पर 555 रन का विशाल स्कोर बना लिया।
स्टंप्स के डोमिनिक बैस 84 गेंदों पर पांच चौकों की मदद से 28 और जैक लीच 28 गेंदों पर एक चौके के सहारे छह रन बनाकर नाबाद लौटे। दोनों बल्लेबाजों के बीच नौवें विकेट लिए अब तक 30 रनों की साझेदारी हुई है।
भारत की ओर से इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन और अपना पदार्पण टेस्ट खेल रहे शाहबाज नदीम को दो-दो विकेट मिले हैं। (आईएएनएस)
कोरबा, 6 फरवरी। वरिष्ठ पत्रकार केशवलाल मेहता स्मृति क्रिकेट प्रतियोगिता के 16वें वर्ष की स्पर्धा 16 फरवरी से घंटाघर मैदान कोरबा में आयोजित की जा रही है। स्पर्धा में प्रशासन, पुलिस, सार्वजनिक व निजी उपक्रमों की टीमों के अलावा जिले के चुनिंदा टीमों को आमंत्रित किया गया है।
कोरबा प्रेस क्लब के द्वारा विगत 15 वर्षों से केएल मेहता स्मृति क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में स्पर्धा का शुभारंभ 16 फरवरी को शाम 7 बजे डॉ. भीमराव अंबेडकर ओपन ऑडिटोरियम घंटाघर खेल मैदान में आयोजित किया गया है। स्पर्धा में कलेक्टर, एसपी, महापौर/निगम, एनटीपीसी, बालको, एसईसीएल, सीएसईबी, रेलवे, एसीबी, अधिवक्ता, प्रेस इलेवन सहित जिले के प्रमुख टीमों को आमंत्रित किया गया है। क्रिकेट स्पर्धा रात्रि कालीन व टेनिस बाल पर आधारित होगी। आयोजन को सफल बनाने प्रेस क्लब के पदाधिकारियों के अलावा सदस्यों ने तैयारियां प्रारंभ कर दी है।
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 6 फरवरी। छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ के द्वारा महिला रणजी की संभावित टीम की घोषणा की गई है जिसमें रायगढ़ की ममता भगत का भी चयन हुआ है।
जिला क्रिकेट संघ सचिव रामचंद्र शर्मा ने बताया कि क्रिकेट में लगातार सफलता मिलती जा रही है दो दिन पूर्व ही रवि सिंह का चयन रणजी टीम में किया गया है, और आज छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ द्वारा महिला क्रिकेट की रणजी की संभावित टीम की सूची जारी की गई है जिसमें जि़ले की ममता भगत भी शामिल है। ज्ञात हो कि ममता भगत पूर्व में भी अंडर 16,19 में छत्तीसगढ़ स्टेट की टीम से खेल चुकी है।
ममता भगत लैलूंगा ब्लाक की निवासी हैं जहां उनको आगे बढ़ाने में उनकी शिक्षिका नीरावती मिंज का बहुत योगदान है। जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सन्तोष पांडेय ने ममता भगत के चयन पर बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी और कहा कि इससे महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। ममता की सफ़लता पर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष संतोष पाण्डेय सचिव रामचंद्र शर्मा और जिला के वरिष्ठ खिलाडी सन्तोष मिश्रा, महेश्वर मिश्रा, राजेश नामदेव, अंपायर विशाल सिंघानिया, महेश वर्मा, प्रवीण शराफ, प्रभात साहू, जफर उल्लाह सिद्दीकी, पंकज बोहिदार, सन्तोष गुप्ता, किशोर पटनायक, महेंद्र साव, आशीष शर्मा, मनोज विश्वाल, उमंग बोदलकर, संजय सिकदर, सानू भयानी, अमित कुंवर, सचिन चौहान, सूरज आचार्या, करण महेश, अनुराग पटेल, राजा गोरख, अजय दुबे, लैलूंगा के रवि भगत, महिला क्रिकेट खिलाड़ी लालिमा पटेल, दिव्या अग्रवाल, संध्या साहू, निरावती मिंज, मनसा साव आदि ने बधाई देते हुए शुभकामनाएं दी हैं।
भिलाई में लगेगा रणजी कैंप
सचिव रामचंद्र शर्मा ने बताया कि महिला क्रिकेट का संभावित रणजी टीम का कैंप भिलाई में लगाया जा रहा है जिसमें उच्च स्तर के कोच ट्रेनिंग देंगे साथ ही अभ्यास मैच भी करवाए जाएंगे जिसमें प्रदर्शन के आधार पर अंतिम रूप में रणजी की महिला क्रिकेट टीम का चयन किया जाएगा।