खेल
सिडनी, 11 जनवरी | सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के आखिरी दिन सोमवार को जब आस्ट्रेलियाई टीम मैदान पर उतरी थी तो भारत के खिलाफ उसकी जीत उसके करीब दिख रही थी। लेकिन मेहमान टीम के बल्लेबाज ऋषभ पंत (97), चेतेश्वर पुजारा (77), टिकाऊ हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन ने अद्भुत बल्लेबाजी करते हुए आस्ट्रेलिया की जीत के अरमानों पर पानी फेरते हुए मैच ड्रॉ करा दिया। भारत को आस्ट्रेलिया ने 407 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था जिसके जवाब में चौथे दिन भारत ने अपने दो विकेट 98 रनों पर गंवा दिए थे। पांचवें दिन आस्ट्रेलिया को भारत के सिर्फ आठ विकेट लेने थे। विकेट पर थे भारत के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे और पुजारा।
पांचवें दिन भारतीय टीम के स्कोर में चार रनों का इजाफा ही हुआ था कि नाथन लॉयन ने रहाणे (4) को मैथ्यू वेड के हाथों कैच करा दिया। भारत के लिए यह बड़ा विकेट था जिसके खोने से आस्ट्रेलिया की जीत की उम्मीदें और मजबूत हो गई थी।
पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए चोटिल हुए पंत ने कप्तान के बाद मैदान पर कदम रखा और यहां से आस्ट्रेलियाई जीत के सपने की इमारत ढहनी शुरू हो गई। एक छोर पर पंत ने तेजी से रन बनाने शुरू किए और दूसरे छोर पर पुजारा पैर जमाकर खड़े रहे।
दिन के पहले सत्र में यह जोड़ी नहीं टूटी और दोनों अपने-अपने अंदाज में बल्लेबाजी करते रहे। पहले सत्र की समाप्ति तक पुजारा 41 और पंत 73 रन बनाकर नाबाद थे और भारत का स्कोर तीन विकेट तक 206 रन था।
पुजारा ने दूसरे सत्र में टेस्ट में अपने छह हजार रन पूरे किए। पुजारा ने अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया। दूसरे छोर पर खड़े पंत शतक की ओर बढ़ रहे थे। उनकी पारी पर लॉयन ने ब्रेक लगा दिया। पंत ने लॉयन की गेंद पर बड़ा शॉट मारना चाहा लेकिन गेंद उनके बल्ले का ऊपरी किनारा ले कर पैट कमिंस के हाथों में गई। पंत तीन रनों से शतक से चूक गए। उन्होंने अपनी मैच बचाऊ पारी में 118 गेंदों का सामना कर 12 चौके और तीन छक्के लगाए। पंत का विकेट 250 के कुल स्कोर पर गिरा। पुजारा और पंत ने 148 रनों बड़ी साझेदारी कर आस्ट्रेलिया के लिए मुश्किलात पैदा कर दिए थे।
कुछ देर बाद पुजारा भी 272 के कुल स्कोर पर जोश हेजलवुड की गेंद पर बोल्ड हो गए। उन्होंने 205 गेंदें खेली और 12 चौके मारे।
पुजारा और पंत के जाने के बाद आस्ट्रेलिया ने मैच में वापसी कर ली थी। दूसरे सत्र का खेल खत्म होने तक भारत ने पांच विकेट खोकर 280 रन बना लिए थे। एक समय जीत की ओर जाती दिख रही भारत के लिए अब मैच ड्रॉ कराना प्राथमिकता था।
विहारी ने फिर वो किया जो शायद सबसे अहम साबित हुआ। विहारी ने अंगद की तरह विकेट पर पैर जमाए और आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया। वह रन नहीं बना रहे थे, यह यूं कहें रन बनाना नहीं चाहते थे। उनका लक्ष्य सिर्फ गेंद खाली खेलते हुए समय निकाला मैच को ड्रॉ कराना था। दूसरे छोर से अश्विन ने उनका बखूबी साथ दिया। विहारी जो कर रहे थे वही अश्विन भी कर रहे थे, लेकिन अश्विन का स्ट्राइक रेट विहारी से ज्यादा था।
अंतत: यह दोनों खिलाड़ी अपने मंसूबों में कामयाब रहे और मैच ड्रॉ कराकर नाबाद लौटे।
विहारी ने 161 गेंदों का सामना कर सिर्फ 23 रन बनाए। उन्होंने 14.29 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए। अश्विन ने 128 गेंदों का सामना करते हुए 39 रनों की पारी खेली। अश्विन का स्ट्राइक रेट 30.47 का रहा। विहारी ने चार चौके लगाए और अश्विन ने सात चौके मारे। इन दोनों बल्लेबाजों ने छठे विकेट के लिए 62 रनों की साझेदारी की।
दिन का खेल खत्म होने में एक ओवर बचा था लेकिन दोनों टीमों ने सहमति से उसे न खेलना का फैसला किया।
भारत ने चौथी पारी में कुल 131 ओवरों का खेल खेला। 1980 के बाद से भारत ने चौथी पारी में पहली बार इतने ओवर खेले हैं।
आस्ट्रेलिया के लिए हेजलवुड, लॉयन ने दो-दो विकेट लिए। पैट कमिंस को एक विकेट मिला।
आस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 338 रन बनाए थे। उसने भारत को पहली पारी में 244 रनों पर ढेर कर दिया था। वह दूसरी पारी में 94 रनों की बढ़त के साथ उतरी थी। मेजबान टीम ने अपनी दूसरी पारी छह विकेट के नुकसान पर 312 रनों पर घोषित कर भारत को 407 रनों का मजबूत लक्ष्य दिया था।
आस्ट्रेलिया के लिए पहली पारी में 131 और दूसरी पारी में 81 रन बनाने वाले स्टीव स्मिथ को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
इस मैच के बाद चार मैचों की सीरीज 1-1 की बराबरी पर है। चौथा टेस्ट मैच ब्रिस्बेन में खेला जाएगा।
हमने अंत तक खेलने के बारे में सोचा था : रहाणे
चोटों से परेशान भारतीय टीम के लिए तीसरा टेस्ट मैच जीतना मुश्किल दिख रहा था। कुछ खिलाड़ी मैच से पहले ही चोटिल हो गए थे तो दो खिलाड़ी मैच के दौरान। फिर भी भारत ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर आस्ट्रेलिया के खिलाफ जिस योद्धा वाली शैली का परिचय दिया उसका परिणाम यह रहा कि भारत हार से बचने में ही नहीं, बल्कि तीसरा टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में भी सफल रही। टीम के कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे ने मैच के बाद कहा कि टीम में बात अपनी क्षमता दिखाने और अंत तक लड़ने की हुई थी और टीम इसे करने में सफल रही।
रहाणे ने कहा, "सुबह हमारी बात अपनी दृढ़ता दिखाने और अंत तक लड़ने की हुई थी। हमने पहली पारी से ही मैच में वापसी की है। आस्ट्रेलिया का स्कोर दो विकेट पर 200 रन था और फिर हमने उसे 338 रनों पर ढेर कर दिया। यह बेहद खास था।"
मैच के पांचवें और आखिरी दिन रविवार को भी भारत ने वापसी करते हुए मैच ड्रॉ कराया जिसमें हनुमा विहारी और रविचंद्रन अश्विन का अहम रोल रहा। विहारी ने 161 गेंदों पर 23 रन बनाए और अश्विन ने 128 गेंदों पर 39 रन बनाए। दोनों नाबाद रहे और मैच ड्रॉ कराते हुए वापस लौटे। चोटिल ऋषभ पंत ने भी बेहतरीन योगदान दिया और तेजी से 97 रन बनाए। चेतेश्वर पुजारा के साथ उनकी 148 रनों की साझेदारी ने भारत को मैच में वापस ला दिया था।
रहाणे ने कहा, "विहारी और अश्विन ने विशेष पारी खेली। हमारी कोशिश दाएं-बाएं हाथ का संयोजन बनाने की थी। पंत को भी श्रेय देना होगा। चोट के लिहाज से पंत शानदार खेल रहे थे।" (आईएएनएस)
सिडनी, 11 जनवरी | भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने टेस्ट मैचों में 6000 रन पूरे कर लिए हैं। ऐसा करने वाले वह भारत के 11वें बल्लेबाज हैं। पुजारा ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर तीसरे टेस्ट के पांचवें दिन नेथन लॉयन की गेंद पर एक रन चुराने के साथ यह मुकाम हासिल किया।
पुजारा अपने करियर का 80वां टेस्ट खेल रहे हैं। उन्होंने 134वीं पारी में 6000 रन पूरे किए हैं। अपने करियर में पुजारा ने 48 के औसत से 18 शतक और 27 अर्धशतक लगाए हैं। उनका व्यक्तिगत सर्वोच्च स्कोर 206 नाबाद रहा है।
10 साल पहले बेंगलुरू में आस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू करने वाले भारत के विशेषज्ञ टेस्ट बल्लेबाज पुजारा ने करियर की 18वीं पारी में ही 1000 रन पूरे कर लिए थे। इसी तरह 2000 रन 46 पारियों 3000 रन 67 पारियों, 4000 रन 84 पारियों, 5000 रन 108 और 6000 रन 134 पारियों में पूरे किए।
पुजारा के अलावा भारत के लिए सचिन तेंदुलकर (15921), राहुल द्रविड़ (13265), सुनी गावस्कर (10122), वीवीएस लक्ष्मण (8781), वीरेंद्र सहवाग (8503), विराट कोहली (7318), सौरव गांगुली (7212), दिलीप वेंगसरकर (6868), मोहम्मद अजहरुद्दीन (6215) और गुंडप्पा विश्वनाथ (6080) टेस्ट मैचों में 6 हजार या उससे अधिक रन बना चुके हैं।
--आईएएनएस
कोलंबो, 11 जनवरी| इंग्लैंड क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर मोइन अली कोविड-19 पॉजिटिव के कारण श्रीलंका दौरे पर गुरुवार से होने वाले पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल पाएंगे। मुख्य कोच क्रिस सिल्वरवुड ने इसकी पुष्टि की है। 33 वर्षीय मोइन श्रीलंका दौरे पर पहुंचने के बाद चार जनवरी को हंबनटोटा हवाई अड्डा पहुंचने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे और वह 10 दिनों के लिए खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रखे हुए हैं।
क्रिस वोक्स भी मोइन के संपर्क में आए थे और वह भी खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रहे हुए थे। लेकिन अब वह आइसोलेशन से बाहर आ गए हैं। लेकिन सिल्वरवुड का कहना है कि वोक्स के लिए पहले टेस्ट तक तैयार होना मुश्किल है।
सिल्वरवुड ने कहा, "मोइन पहले टेस्ट के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे, क्योंकि वह अभी भी आइसोलेशन में हैं और अच्छी स्थिति में नहीं हैं। वह शारीरिक रूप से अच्छे हैं, लेकिन मेडिकल टीम उनकी जांच कर रही है।"
वोक्स ने अपना सेल्फ आइसोलेशन शनिवार को पूरा कर लिया था और वह टीम के साथ भी जुड़ गए थे और अब वह सोमवार को टीम के साथ ट्रेनिंग में भाग लेंगे।
मोइन इंग्लैंड के पहले क्रिकेटर हैं, कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने इंग्लैंड के लिए अपना पिछला टेस्ट मैच 2019 में एशेज सीरीज में खेला था।
दो मैचों की टेस्ट सीरीज गॉल में खेली जाएगी। पहला टेस्ट 14 जनवरी से होगा। श्रीलंका दौरा खत्म करने के बाद इंग्लिश टीम 26 जनवरी को भारत पहुंचेगी और चार टेस्ट, तीन वनडे और पांच टी-20 मैचों की सीरीज खेलेगी।
--आईएएनएस
सिडनी, 11 जनवरी | अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारत के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर जारी तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल के दौरान अंपायर के फैसले पर नाराजगी जताने के लिए आस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन पर मैच फीस का 15 फीसदी जुर्माना लगाया है। आईसीसी ने रविवार को एक बयान में कहा कि पेन को आईसीसी की आचार संहिता के खिलाड़ियों और खिलाड़ियों के सहयोगी स्टाफ से जुड़े अनुच्छेद 2.8 के उल्लंघन का दोषी पाया गया। इसके अलावा उनके खाते में एक डिमेरिट अंक भी जोड़ दिया गया है। पेन की पिछले 24 महीनों में यह पहली गलती है।
आईसीसी ने आगे कहा कि पेन ने जुर्माना स्वीकार कर लिया है और अब इस मामले में उनके खिलाफ कोई औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पेन ने भारत की पहली पारी के 56वें ओवर में चेतेश्वर पुजारा के खिलाफ डीआरएस की असफलता के बाद अंपायर के फैसले पर असहमति जताई थी।
--आईएएनएस
टोक्यो, 11 जनवरी | जापान में करीब 80 फीसदी लोगों का कहना है कि इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों को या तो रद्द कर देना चाहिए या फिर से स्थगित कर देना चाहिए। हाल में हुए एक ताजा ओपिनियन पोल में इसका खुलासा हुआ है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जापान के प्रसारणकर्ता एनएचके ने इस सप्ताह एक टेलीफोन सर्वे किया, जिसमें उसने पाया कि 35.3 फीसदी लोग चाहते हैं कि इन खेलों को रद्द कर देना चाहिए, जबकि 44.8 फीसदी लोगों का कहना है कि इसे स्थगित कर देना चाहिए।
ऐसी ही एक सर्वे पिछले महीने दिसंबर में की गई थी, जिसमें जबकि 32 फीसदी लोगों का कहना था कि इसे रद्द कर देना चाहिए। वहीं, 31 फीसदी लोगों का मानना था कि इसे भविष्य के लिए स्थगित कर देना चाहिए।
इसका मतलब है कि पिछले चार सप्ताह के दौरान कोविड-19 स्थिति को देखने के बाद 17 प्रतिशत और अधिक लोगों का मानना है कि या तो टोक्यो ओलंपिक को स्थगित कर देना चाहिए या फिर इसे रद्द कर देना चाहिए।
इससे पहले, अक्टूबर में भी एक सर्वे किया था, जिसमें 40 फीसदी लोगों ने कहा था कि इन खेलों का आयोजन होना चाहिए जबकि 23 फीसदी लोगों ने कहा था कि इसे रद्द कर देना चाहिए। वहीं, 25 फीसदी लोगों ने कहा था कि इसे स्थगित कर देना चाहिए।
जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा पहले ही यह वादा कर चुके हैं कि उनकी सरकार अगले साल सुरक्षित ओलंपिक आयोजित कराने को लेकर प्रतिबद्ध है।
टोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन इस साल जुलाई-अगस्त में होना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे इस साल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था
--आईएएनएस
सिडनी, 11 जनवरी | भारतीय क्रिकेट टीम ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर जारी तीसरे टेस्ट मैच में आस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 407 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए पांचवें दिन सोमवार को लंच टाइम तक तीन विकेट के नुकसान पर 3 विकेट पर 206 रन बना लिए हैं। भारत को जीत के लिए अभी भी 201 रनों की दरकार है जबकि उसके पास 60 ओवर और सात या यू कहें कि छह विकेट शेष हैं। भारतीय बल्लेबाजों को अपना विकेट बचाए रखते हुए तीन रन प्रति ओवर के दर से रन बनाने हैं। अब यह भारतीय खिलाड़ियों पर है कि वे मैच जीतते हैं या फिर ड्रॉ करा लेते हैं। दोनों स्थितियों में हालांकि यह एक ऐतिहासिक स्थिति होगी।
लंच तक भारत के नम्बर-3 चेतेश्वर पुजारा 41 तथा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत 73 रनों पर नाबाद हैं। पुजारा ने अपने स्वाभाव और शैली के अनुरूप खेलते हुए 147 गेंदों का सामना करते हुए पांच चौके लगाए हैं जबकि पंत ने अपने फ्लेमबॉएंट स्वाभाव के अनुरूप खेलते हुए 97 गेंदों पर 8 चौके और 3 छक्के लगाए हैं। दोनों के बीच अब तक चौथे विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी हो चुकी है।
पांचवें दिन भारत ने कप्तान अजिंक्य रहाणे (4) का विकेट गंवाया। रहाणे अपने कल के निजी योग में एक भी रन नहीं जोड़ सके और 102 के कुल योग पर नेथन लॉयन की गेंद पर विकेट के पीछे कप्तान टिम पेन के हाथों लपके गए। रहाणे ने 18 गेंदों का सामना किया।
भारत ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक दो विकेट के नुकसान पर दो विकेट पर 98 रन बनाए थे। चेतेश्वर पुजारा 9 और कप्तान अजिंक्य रहाणे चार रनों पर नाबाद लौटे थे।
भारत ने अंतिम सत्र में अपने दोनों ओपनरों-रोहित शर्मा (52) और शुभमन गिल (31) के विकेट गंवाए थे। रोहित को पैट कमिंस ने और गिल को जोस हेजलवुड ने चलता किया था। दोनों ने इस सीरीज में भारत के लिए पहले विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी करते हुए 71 रन जोड़े थए।
चार मैचों की सीरीज में दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। आस्ट्रेलिया ने जहां एडिलेड में खेला गया डे-नाइट टेस्ट 8 विकेट से जीता था वहीं भारत ने मेलबर्न में इसी अंतर से जीत हासिल करते हुए बराबरी की थी।
--आईएएनएस
सिडनी, 11 जनवरी | भारत और आस्ट्रेलिया के बीच होने वाले चौथे टेस्ट पर से संदेह के बादल हट गए हैं। अब यह साफ हो गया है कि भारतीय टीम सीरीज के अंतिम टेस्ट के लिए ब्रिस्बेन की यात्रा करेगी। वेबसाइट क्रिकबज के मुताबिक भारतीय टीम ब्रिस्बेन में कठिन क्वारंटीन नियमों को लेकर नाराज थी और ऐसा कहा जा रहा था कि वह अंतिम टेस्ट के लिए ब्रिस्बेन नहीं जाना चाहती। सिडनी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए क्वींसलैंड राज्य ने साफ कर दिया था कि सिडनी से ब्रिस्बेन आने वालों को कठिन कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन करना होगा।
एहतियात के तौर पर क्वींसलैंड राज्य ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया था लेकिन वह कठिन कोरोना प्रोटोकॉल्स के बीच भारतीय टीम के स्वागत के लिए तैयार थी।
ब्रिस्बेन में कोरोना के नए स्ट्रेन पाए गए थे और इसी को देखते हुए वहां पूरी तरह लॉकडाउन लगा दिया गया था। तीन दिन का यह लॉकडाउन सोमवार रात को समाप्त हो रहा है। साथ ही वहां कोरोना के मामले भी कम हुए हैं।
यह सुनने में आया है कि भारतीय टीम ने कुछ गारंटी लिखित में मांगी हैं और अब वह पूरी प्रक्रिया से संतुष्ट है। इसके बाद यह तय हुआ है कि भारत और आस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन में चौथा टेस्ट पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के तहत 15 से 19 जनवरी के बीच खेला जाएगा।
--आईएएनएस
सिडनी, 10 जनवरी | आस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर जारी भारत और आस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन रविवार को भारतीय खिलाड़ियों पर हुई नस्लीय टिप्पणी को बेहद शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने साथ ही कहा कि आस्ट्रेलिया में ऐसा होते हुए देखना बहुत दुखद है। लैंगर ने साथ ही अपने कप्तान टिम पेन की भी सराहना की, जिन्होंने चायकाल के समय भारतीय ड्रेसिंग रूम में जाकर भारतीय टीम से बातचीत की और उनका समर्थन किया।
भारतीय टीम ने मैच रेफरी डेविड बून से तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद नस्लीय टिप्पणियों को लेकर शिकायत की थी। चौथे दिन मैच अधिकारी और स्टेडियम के अधिकारी चौकन्ने थे।
चौथे दिन जब मोहम्मद सिराज ने इस मामले को लेकर एक बार फिर शिकायत दर्ज कराई तो खेल रोक दिया गया और सुरक्षा अधिकारियों ने छह लोगों को मैदान से बाहर भेज दिया।
क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने इस घटना के लिए आधिकारिक रूप से मांफी मांगी और उसने मामले की जांच शुरू कर दी है।
लैंगर ने चौथे दिन की खेल समाप्ति के बाद कहा, "चायकाल के समय हमने उनसे बातचीत की। मेजबान होने के नाते हम अपने मेहमान के साथ बुरा व्यव्हार होते नहीं देखना चाहते। इसके विभिन्न स्तर है। जब हम पिछले साल इंग्लैंड गए थे, तो हमारे कुछ खिलाड़ियों को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। अब भी कुछ नहीं बदला है।"
उन्होंने कहा, "यह देखकर अच्छा लगा कि आज जब यह घटना घटी तो टिम उनके (भारतीयों) पास पहुंचे। यह बहुत अच्छा व्यवहार था। क्रिकेट का खेल हमेशा बहुत प्रतिस्पर्धा के साथ खेला जाएगा लेकिन दोनों टीमों की एक दूसरे के प्रति अच्छी भावनाएं हैं।"
लैंगर ने आगे कहा, "यह हताशा भरा और निराशाजनक है। जो लोग मुझे जानते हैं, उन्हें पता है कि मैंने पहले भी कहा था कि मुझे इससे नफरत है कि लोग पैसे देकर क्रिकेट या किसी अन्य खेल को देखने आते हैं और सोचते हैं कि वे अपशब्दों का इस्तेमाल या इस तरह की चीजें कर सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "एक खिलाड़ी के रूप में मैं इससे नफरत करता था। एक कोच के रूप में इससे नफरता करता हूं, हमने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ऐसा देखा है और आस्ट्रेलिया में ऐसा होते हुए देखना दुखद है।"
पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज लैंगर ने कहा कि वह उनकी टीम इस मामले में पिछले कुछ साल काफी शिक्षित हुए हैं।
लैंगर ने कहा, "मैंने पिछले महीने ही आस्ट्रेलिया के इतिहास पर एक किताब पढ़ी है और पिछले कुछ महीनों में कुछ अच्छे वृत्तचित्र देखे हैं। हम स्वयं को शिक्षित कर रहे हैं और इससे आपको काफी दुख होता है कि लोगों को नस्लवाद का सामना करना पड़ रहा है। आस्ट्रेलिया के इतिहास में जो कुछ हुआ जब आप उसे लेकर शिक्षित होते हो तो आपको समझ में आता है कि आखिर क्यों यह इतना पीड़ादायक है।" (आईएएनएस)
सिडनी, 10 जनवरी | अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भारत और आस्ट्रेलिया के बीच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में नस्लीय विवाद की कड़ी आलोचना की है। आईसीसी ने बयान में कहा है कि वह क्रिकेट आस्ट्रेलिया को जांच में पूरा समर्थन देने को तैयार है।
भारतीय टीम ने मैच रेफरी डेविड बून से तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद नस्लीय टिप्पणियों को लेकर शिकायत की थी। चौथे दिन मैच अधिकारी और स्टेडियम के अधिकारी चौकन्ने थे। चौथे दिन जब मोहम्मद सिराज ने इस मामले को लेकर एक बार फिर शिकायत दर्ज कराई तो खेल रोक दिया गया और सुरक्षा अधिकारियों ने छह लोगों को मैदान से बाहर भेज दिया।
आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनु स्वाहने ने कहा, "हमारे खेल में भेदभाव को लेकर कोई जगह नहीं है और हम पूरी तरह से निराश हैं कि दर्शकों की बहुत कम तादाद के लिए यह खराब व्यवहार मानने योग्य है। हमारी भेदभाव को लेकर नीति है जिसे सदस्यों को मानना होता है और यह सुनिश्चित करना होता है कि प्रशंसक भी उसे मानें। मैदान पर मौजूद अधिकारियों और क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) ने जो कदम उठाए हम उससे खुश हैं।"
उन्होंने कहा, "हम क्रिकेट आस्ट्रेलिया और संबंधित अधिकारियों को अपना पूरा समर्थन देते हैं। साथ ही हम खेल में हम किसी तरह से नस्लवाद की बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 जनवरी | भारतीय टीम के नियमित कप्तान विराट कोहली ने रविवार को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में आस्ट्रेलियाई दर्शकों द्वारा की गई नस्लीय टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि खिलाड़ियों के साथ इससे खराब व्यवहार और कुछ नहीं हो सकता। कोहली ने ट्वीट कर इसके खिलाफ हमला बोला। पहला टेस्ट मैच खेलने के बाद कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट आए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
कोहली ने लिखा, "नस्लीय टिप्पणी बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। सीमा रेखा के पास फालतू की बातें बोलना बेहद खराब है। यह खराब व्यवहार की पराकाष्ठा है। मैदान पर यह होता देखना दुखद है।"
उन्होंने कहा, "इस मामले को तत्काल प्रभाव से गंभीरता से देखना चाहिए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।"
सीमा रेखा के पास खड़े मोहम्मद सिराज पर दर्शकों ने नस्लीय टिप्पणी की। इसके बाद सिराज ने अपनी टीम के कप्तान और मैदान अंपायर से इसकी शिकायत की। इस दौरान खेल कुछ देर रुका रहा और सुरक्षा अधिकारियों ने छह दर्शकों को इस संबंध में स्टेडियम से बाहर भेज दिया।
कोहली ने लिखा, "अपनी टीम के साथियों को सिडनी में लगातार नस्लीय टिप्पणी का सामना करते हुए देखना निराशाजनक है। आज की दुनिया में नस्लवाद की कोई जगह नहीं है और यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मुझे लगता है कि जिन लोगों ने खराब व्यवहार किया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"
हरभजन सिंह और वीवीएस. लक्ष्मण ने भी इस मामले पर अपनी निराशा व्यक्त की है।
हरभजन ने कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए उनके धर्म और रंग को लेकर काफी चीजें सुनी हैं।
हरभजन ने ट्वीट किया, "मैंने ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए अपने बारे में, अपने धर्म, अपने रंग और कई चीजों को लेकर काफी चीजें सुनी हैं। यह पहली बार नहीं है कि दर्शकों ने इस तरह की वाहियात हरकत की हो। आप कैसे उन्हें रोकेंगे?"
भारत के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस. लक्ष्मण ने भी इसकी आलोचना करते हुए ट्वीट किया, "एससीजी में जो हुआ वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फालतू चीज बर्दाश्त नहीं। मैदान पर खिलाड़ी को गाली देने का मतलब आज तक समझ नहीं आया। अगर आप यहां मैच देखने नहीं आए हैं और सम्मानजनक व्यवहार नहीं कर सकते तो कृपया माहौल खराब करने नहीं आइए।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 10 जनवरी | भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान बीपी गोविंदा ने कहा है कि हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले पूर्व कप्तान और मेजर ध्यान चंद एक 'महान व्यक्ति, महान इंसान और एक महान खिलाड़ी' थे और यह आश्चर्य की बात है कि उन्हें अभी तक देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान-भारत रत्न-से सम्मानित नहीं किया गया है।
गोविंदा वर्ष 1975 में हॉकी विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम और 1972 में म्यूनिख ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
गोविंदा ने आईएएनएस से कहा, "भारत रत्न उन लोगों को दिया जाता है, जो देश को मान और सम्मान दिलाते हैं और यह सिफारिशों और नामांकनों पर आधारित है। मैं कहता हूं कि (जब) इतने लोगों ने सिफारिश की है (इस सम्मान के लिए ध्यान चंद का नाम) तो दादा को क्यों नहीं दिया? "
उन्होंने कहा, " एक हॉकी जादूगर होने के नाते और कोई है, जिसे दुनिया अच्छी तरह से जानती है, क्यों नहीं? उन्हें क्यों नहीं मिलना चाहिए? लोगों ने ध्यान चंद की तुलना फुटबाल में पेले से की थी। मैं 'दादा' को अच्छी तरह से जानता था। मैं उनसे पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) में मिला था। वह दुनिया भर में जाने जाते था, लेकिन उन्होंने कभी इसे दिखाने की कोशिश नहीं की।"
2014 में दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर भारत रत्न से सम्मानित होने वाले पहले और एकमात्र खिलाड़ी थे। हालांकि इससे पहले भी, ध्यान चंद को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित करने की मांग उठ चुकी है।
ध्यान चंद एम्स्टर्डम (1928), लॉस एंजेलिस (1932) और बर्लिन (जहां वे कप्तान थे) में ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। 1948 में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कहने वाले ध्यान चंद ने कई मैच खेले और सैकड़ों गोल किए थे।
देश में हर साल 29 अगस्त को उनकी जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है।
सेंटर फॉरवर्ड ध्यान चंद एक निस्वार्थ व्यक्ति और खिलाड़ी थे। मैदान पर, अगर जब उन्हें लगता था कि कोई अन्य खिलाड़ी गोल करने के लिए बेहतर स्थिति में है, तो वह गेंद को अपने पास रखने के बजाय दूसरों को पास कर देते थे।
1936 के बर्लिन ओलंपिक में ब्रिटिश भारतीय सेना के एक प्रमुख ध्यान चंद को देखने के बाद एडोल्फ हिटलर ने उन्हें जर्मन नागरिकता और एक उच्चतर सेना पद देने की पेशकश की थी हालांकि ध्यान चंद ने बड़ी विनम्रता से इसे ठुकरा दिया था।
29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जन्में ध्यान चंद का वास्तविक नाम ध्यान सिंह था। जैसा कि सबको पता है कि ध्यान सिंह ने अपने हॉकी के कौशल पंकज गुप्ता के सामने जाहिर किया था और गुप्ता ने भविष्यवाणी की थी कि ध्यान सिंह एक दिन 'चांद' (चंद्रमा) की तरह चमकेंगे। इसी से उन्हें 'चांद' नाम मिला और उनका नाम ध्यान चंद पड़ गया।
भारत सरकार ने ध्यान चंद को 1956 में पदम भूषण से सम्मानित किया था। 1980 में दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया था और अब तक उन्हें भारत रत्न सम्मान का इंतजार है।
- -आईएएनएस
सिडनी, 10 जनवरी | चोटों और नस्लीय टिप्पणियों ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों को करीब लाया है और टीम मैदान पर एक योद्धा की तरह लड़ रही है, यह कहना है टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का। सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में भारत के ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा चोटिल हो गए हैं। वहीं टीम को नस्लीय टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ रहा है।
चौथे दिन रविवार का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने कहा, "मुझे निजी तौर पर लगता है कि जो भी हमारे सामने स्थिति आ रही है, हमने उसका सामना योद्धा की तरह किया और हम कल भी लड़ाई जारी रखेंगे।"
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब विपदा आती है, टीम एक साथ होती है। एडिलेड टेस्ट के बाद हम एक साथ थे और हमने बात की। उस मैच के बाद हम काफी करीब आ गए और हमने एमसीजी में परिणाम देखा। हम काफी सकारात्मक लग रहे थे।"
अश्विन ने इस बात की पुष्टि की है कि पंत पांचवें दिन बल्लेबाजी करेंगे।
उन्होंने कहा, "पंत बल्लेबाजी करेंगे। चोट काफी गंभीर थी और उन्हें काफी दर्द हो रहा था कोहनी काफी नाजुक जगह है.. लेकिन आप जानते हैं कि जडेजा को जैसी चोट लगी, ऐसी चीजें होती हैं और यह आपको पीछे धकेल देती हैं।"
--आईएएनएस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़, 10 जनवरी। छत्तीसगढ़ जादूगर क्रिकेट क्लब जोगेसरा के तत्वावधान में आयोजित सेल्फी टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता का आज अजा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष उत्तरी गनपत जांगड़े आदर्श ग्राम जोगेसरा पहुंच कर शुभारंभ किया।
उल्लेखनीय हो कि ग्राम जोगेसरा जिला बलौदाबाजार विधायक उत्तरी जांगड़े का मायका है और आज अपने मायके के निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार कर व्यस्तता के बीच क्रिकेट प्रतियोगिता के शुभारंभ कार्यक्रम में पहुंची तो ग्रामवासियों ने अपनी बेटी को अपने बीच पाकर खुशी से झूम उठे और भव्य स्वागत अभिनंदन किये सेल्फी क्रिकेट अपने आप में एक अनोखा क्रिकेट प्रतियोगिता है जिसका आयोजन पहली बार किया जा रहा है। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के रूप में 5000 रूपये द्वितीय 2500 रूपये 1शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र रखा गया है।
साथ ही अन्य आकर्षक पुरस्कार भी रखे गए हैं, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि विधायक उत्तरी जांगडे, कार्यक्रम अध्यक्षता एडवोकेट चंद्रशेखर रत्नाकर, विशिष्ट अतिथि रामकुंवर बेनुराम रत्नाकर सरपंच ग्राम पंचायत टाटा, सनातन दास मानिकपुरी उपसरपंच, लेख सिंह रत्नाकर, उषा उत्तम रत्नाकर ममता महावीर रात्रे, सुकृता राजेन्द्र कुर्रे, विकेश ,दिलीप बसंती कृष्णा साहू, तिलेश्वरी साहू, चीनीलाल काशी साहू, विजय साहू, तारकेश्वर रात्रे की गरिमामय उपस्थिति में फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर विधायक उतरी जांगड़े ने कहा कि आप सब माता-पिता, भाई-बहन, कका-काकी को नववर्ष के बहुत-बहुत बधाई आज मोला अपन गांव म आके बहुत खुशी लगत हे आप मन के मया अउ दुलार से मैं आज एक छोटे से पद म ह मोर से जैसे भी बनहि आप सब के सुख दुख म खड़ा रहिया मैं आप मन के लईका अ सब ला पालगी खेल के आयोजन कराया ओकर बर आप सब ला बधाई।
कार्यक्रम में मि_ू लाल रात्रे, गजराज रात्रे, दूजे राम रात्रे, रामदयाल रात्रे, नवधा यादव,मायाराम कुर्रे, रामदयाल टन्डन, इतवार सिंह विश्वकर्मा, रघुनाथ वैष्णव,शरद,बेदराम रत्नाकर बुंदराम रत्नाकर,हीराराम, परमेश्वर रात्रे, शिवचरण रात्रे, रामकुमार रात्रे, वीरेंद्र रत्नेश, गिरधर रत्नाकर, वीरेंद्र शशि रत्नेश, जय नारायण अजय व समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे।
सिडनी, 10 जनवरी| भारतीय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने सिडनी के दर्शकों को ऑस्ट्रेलिया के सबसे अभद्र दर्शक बताया है। अश्विन ने कहा कि उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में जब भी खेला है तब उन्हें स्टैंड में मौजूद दर्शकों की तरफ से अभद्र व्यवहार का सामना करना पड़ा है, खासकर लोअर टिएर में बैठे दर्शकों की तरफ से। इसी मैदान पर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरा टेस्ट मैच खेला जा रहा है।
अश्विन ने रविवार को कहा कि वह इस बात से हैरान हैं कि एससीजी में अधिकारी प्रशंसकों को नस्लीय टिप्पणी करने देते हैं।
यहां जारी तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन भी भारतीय टीम ने नस्लीय टिप्पणियों का सामना किया। तीसरे दिन भारत ने इस संबंध में शिकायत भी की थी।
चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद अश्विन ने कहा, "यह मेरा ऑस्ट्रेलिया का चौथा दौरा है। खासकर यहां सिडनी में पहले भी हमने काफी कुछ अनुभव किया है। मुझे लगता है कि पहले एक या दो बार खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है (विराट कोहली द्वारा 2012 में एससीजी पर बीच की उंगली दिखाना, जिसके कारण उन्हें मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना देना पड़ा था।) यह खिलाड़ी की गलती नहीं है, यहां दर्शक खराब तरह से बात करते हैं खासकर लोअर टिएर में बैठे लोग। वह लोग काफी अभद्र होते हैं।"
उन्होंने कहा, "इस बार वह एक कदम आगे चले गए और नस्लीय टिप्पणी की, हमने कल ही इसके खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज करा दी थी। यह आज के दिनों में आज के युग में जहां हमारा समाज काफी आगे बढ़ चुका है, बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कई बार मुझे लगता है कि इसकी जड़ आपकी परवरिश में होती है। इसका सख्ती से सामना किया जाना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह दोबारा नहीं हो।"
मोहम्मद सिराज ने रविवार को अंपायरों के सामने इस मामले को उठाया। इसके बाद सुरक्षा गार्डो ने छह दर्शकों को मैदान से बाहर भेज दिया। इसके बाद क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने बयान जारी कर कहा कि उसकी नस्लवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस पॉलिसी है।
अश्विन ने कहा, "अंपायरों ने हमेशा कहा था कि जैसे ही इस तरह की हरकत हो हमें तुरंत उसके बारे में बताना होगा और फिर वह इसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मैं इस बात से हैरान हूं कि दर्शकों का एक हिस्सा लगातार ऐसा कर रहा है और उन्होंने (सुरक्षा अधिकारियों) उन लोगों को पकड़ा नहीं और बाहर नहीं किया। यह हैरानी वाली बात है। उन्हें इससे निपटना चाहिए। हां, निराशाजनक इसके लिए काफी छोटा शब्द है।"
उन्होंने कहा, "निजी तौर पर मुझे लगता है कि एडिलेड और मेलबर्न इतने बुरे नहीं थे लेकिन जैसा मैंने कहा कि सिडनी में यह लगातार हो रहा है। मैंने निजी तौर पर भी इसका अनुभव किया है। यह लोग काफी अभद्र हो जाते हैं। मुझे नहीं पता क्यों, क्या कारण है।"
ऑफ स्पिनर ने कहा कि भारतीय क्रिकेटरों की मौजूदा पौध इसे हल्के में नहीं लेगी और सिराज भी जानते हैं कि क्या करना है।
उन्होंने कहा, "अगर मैं अपनी बात करूं तो मैं यहां पहली बार 2011-12 में आया था। मुझे नहीं पता था कि नस्लीय टिप्पणी क्या होती है और आपको कैसे कई लोगों के सामने छोटा महसूस कराया जाता है। जब आपको गाली पड़ती है तो लोग आप पर हंसते हैं। दूसरे लोग भी होंगे तो आप पर हंसेंगे। मुझे नहीं पता था कि क्या होता है। आप जब भी सीमारेखा पर खड़े होते हो तो आप कोशिश करते हो कि 10 कदम दूर खड़े हों।"
उन्होंने कहा, "लेकिन जैसे ही चीजें होती है और हमने अपने ज्यादा से ज्यादा दौरों से काफी कुछ सीखा है। यह निश्चित तौर पर कबूल करने वाली बात नहीं है। कल भी सिराज ने यह मामला उठाया। रहाणे, रोहित और मैं, हम सभी एक साथ थे और इसकी शिकायत की। अब खिलाड़ी पहले से ज्यादा सक्षम हैं। सिराज जो नए आए हैं, वो भी जानते हैं कि क्या करना है और वह लाइन के उस पार नहीं जा सकते। यह शानदार चीज है। हम खुश हैं कि वो लोग बाहर कर दिए गए।" (आईएएनएस)
सिडनी, 10 जनवरी | भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने रविवार को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में भारतीय टीम के खिलाड़ियों पर की गई नस्लीय टिप्पणी की आलोचना की है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन मोहम्मद सिराज पर दर्शकों ने नस्लीय टिप्पणी की थी।
हरभजन ने कहा कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए उनके धर्म और रंग को लेकर काफी चीजें सुनी हैं।
हरभजन ने ट्वीट किया, "मैंने ऑस्ट्रेलिया में खेलते हुए अपने बारे में, अपने धर्म, अपने रंग और कई चीजों को लेकर काफी चीजें सुनी हैं। यह पहली बार नहीं है कि दर्शकों ने इस तरह की वाहियात हरकत की हो। आप कैसे उन्हें रोकेंगे?"
भारतीय टीम ने रविवार को एक बार फिर इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई।
मैच के चौथे दिन भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने शिकायत की जिसके बाद मैच रोका गया। अंपायरों और सुरक्षा अधिकारियों ने मिलकर फैसला लिया और दर्शक दीर्घा में बैठे छह लोगों को मैदान से बाहर का रास्ता दिखाया।
भारत के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस. लक्ष्मण ने भी इसकी आलोचना करते हुए ट्वीट किया, "एससीजी में जो हुआ वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फालतू चीज बर्दाश्त नहीं। मैदान पर खिलाड़ी को गाली देने का मतलब आज तक समझ नहीं आया। अगर आप यहां मैच देखने नहीं आए हैं और सम्मानजनक व्यवहार नहीं कर सकते तो कृपया माहौल खराब करने नहीं आइए।"
क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने हालांकि इस संबंध में भारत से माफी मांग ली है और कहा है कि वह आईसीसी की जांच का इंतजार कर रहे हैं। (आईएएनएस)
-मनोज चतुर्वेदी
हम सभी जानते हैं कि क्रिकेट को भद्रजनों का खेल माना जाता है लेकिन फिर भी अक्सर इसे शर्मसार करने वाली घटनाएं होती रहती हैं. ऐसी ही एक घटना भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी टेस्ट मैच के दौरान देखने को मिली है.
इस टेस्ट में दूसरे और तीसरे दिन के खेल के दौरान नशे में धुत दर्शकों के एक समूह ने जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर फील्डिंग के दौरान नस्ली टिप्पणियां करने के साथ लगातार गालियां भी दीं.
इन खिलाड़ियों के टीम प्रबंधन को इसकी जानकारी देने पर इस घटना की रिपोर्ट आईसीसी मैच रेफरी डेविड बून को दर्ज करा दी गई है.
अजिंक्य रहाणे और आर अश्विन ने तीसरे दिन का खेल ख़त्म होने पर इस घटना के संबंध में अंपायर पॉल रीफिल और पॉल विल्सन को बताया था.
लेकिन रविवार को एक बार फिर मोहम्मद सिराज ने अंपायर पॉल रीफिल को बताया कि उनकी फील्डिंग वाली जगह पीछे बैठे दर्शकों ने उन पर नस्ली टिप्पणी की.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इन घटनाओं पर अपना आधिकारिक बयान भी जारी किया है और मेज़बान होने के नाते भारतीय क्रिकेट टीम से माफ़ी मांगी है.
"शनिवार को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में दर्शकों के एक ग्रुप के भारतीय टीम के सदस्यों पर नस्लवादी टिप्पणी की घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया दोहराता है कि हर तरह के भेदभाव को लेकर हमारी नीति स्पष्ट है. हम इसे क़तई बर्दाश्त नहीं करेंगे.''
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के इंटेग्रिटी एंड सिक्यॉरिटी विभाग के प्रमुख शॉन केरोल ने कहा है कि अपमान और उत्पीड़न करने वाले किसी के लिए भी ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में जगह नहीं है.
उन्होंने कहा, "क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया हर भेदभावपूर्ण व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करता है. अगर आप नस्ली गालियां देते हैं तो ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में आपकी कोई ज़रूरत नहीं."
अपने आधिकारिक बयान में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वे शनिवार की घटना पर आईसीसी की जांच का इंतज़ार कर रहे हैं. जैसे ही दोषी लोगों की पहचान होती है, तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया उत्पीड़न विरोधी कोड के तहत कड़ा क़दम उठाएगा. इसमें लंबा प्रतिबंध और एनएसडबल्यू पुलिस को रेफर करना भी शामिल है.
भारतीय टीम के 2018-19 के दौरे के बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान भी ऐसी ही घटना हुई थी. उस समय मेलबर्न टेस्ट में कुछ दर्शक भारतीय खिलाड़ियों से कह रहे थे कि 'अपना पासपोर्ट दिखाओ'. इन दर्शकों को मैच से निकाल दिया गया था.
पर सवाल यह है कि इस तरह की घटनाओं को रोका कैसे जाए?
घटना ने मंकी गेट की दिला दी याद
इस घटना ने 13 साल पहले इसी मैदान पर ही हुई नस्ली टिप्पणी की एक घटना की यादों को तरोताज़ा कर दिया है. उस दौरान एंड्रयू सायमंड्स ने यहां खेले गए टेस्ट के दौरान आरोप लगाया था कि भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह ने उन्हें मंकी कहकर नस्ली टिप्पणी की है.
इसके बाद मैच के रेफरी माइक प्रोक्टर ने हरभजन सिंह पर तीन मैच का बैन लगा दिया था. यहां तक कि भारत का दौरा तक रद्द करने के हालात बन गए थे.
लेकिन बीसीसीआई ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की जिस पर आईसीसी अपील कमिश्नर ने फ़ैसला पलट दिया था.
मौजूदा समय में स्टेडियम में कोरोना के भय की वजह से कम ही दर्शकों को प्रवेश दिया जा रहा है. इसलिए कैमरों की सीसीटीवी फुटेज देखकर आसानी से दर्शकों को चिन्हित करके कार्रवाई की जा सकती है.
जोफ्रा ऑर्चर भी हो चुके हैं शिकार
इसी तरह की घटना पिछले साल इंग्लैंड के क्रिकेटर जोफ्रा आर्चर के साथ न्यूज़ीलैंड दौरे पर हुई थी. वह इस दौरे के पहले टेस्ट के आख़िरी दिन का खेल ख़त्म होने पर मैदान में लौट रहे थे, तब किसी दर्शक ने उनके ऊपर नस्ली टिप्पणी कर दी थी.
इस पर न्यूज़ीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने उस दर्शक पर 2022 तक के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मैचों में प्रवेश पर रोक लगा दी थी.
पिछले कुछ सालों में दुनिया भर के खिलाड़ियों के आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में लंबे समय तक साथ खेलने की वजह से उनके बीच दूरियां कम हुई हैं और इस तरह की टिप्पणियां कम सुनने को मिलने लगी हैं.
लेकिन दर्शकों की नस्लीय टिप्पणियां अक्सर देखने को मिल ही जाती हैं.
पहले भी होती रहीं नस्लीय टिप्पणियां
हम सभी जानते हैं कि क्रिकेट में माइंड गेम की परंपरा लंबे समय से बरक़रार है. यह सामने वाले खिलाड़ी पर मनोवैज्ञानिक दवाब बनाने के लिए किया जाता है.
इस दौरान की गई टिप्पणियां नस्लीय रूप भी ले लेती हैं. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी डेरेन लीमेन ने 2002-03 में श्रीलंका के साथ वनडे सीरीज के दौरान नस्लीय टिप्पणी कर दी थी. इस पर श्रीलंका टीम की शिकायत पर उनके ऊपर पाँच मैचों का प्रतिबंध लगा दिया गया था.
बाद में उन्होंने अपनी ग़लती मानी थी और इसे अपनी जि़ंदगी की सबसे बड़ी भूल क़रार दिया था. इस तरह 2019 में पाकिस्तान और दक्षिण अफ्ऱीकी वनडे सीरीज के दूसरे मैच में भी नस्लीय टिप्पणी देखने को मिली.
पाकिस्तान के कप्तान सरफ़राज़ ख़ान ने दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर फेहलुकवायो पर अपनी भाषा में रंगभेदी टिप्पणी की थी. उनकी यह बात स्टंप माइक में कैद हो गई थी. इस पर मैच रेफरी ने उनके ऊपर चार मैच की पाबंदी लगा दी थी.
नस्लीय हिंसा की भी घटनाएं
इस तरह की नस्लीय घटनाओं को समाज को शिक्षित करके ही रोका जा सकता है. पर समाज में भी तो नस्लीय हिंसा की घटनाएं आज भी हो रहीं हैं तो टिप्पणियों वाली घटनाएं रुकना आसान नहीं लगता है.
पिछले दिनों अमेरिका में एक ब्लैक शख़्स जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों हत्या के बाद दुनियाभर में नस्लीय हिंसा के ख़िलाफ़ माहौल बना था. हम यदि भारतीय समाज की बात करें तो यहां लोगों की कमज़ोरियों को निशाना बनाना आम बात है. भले ही यह सब किसी ख़राब भावना से नहीं किया जाता है पर यह आता तो नस्लीय टिप्पणियों की श्रेणी में ही है.
jaspreet bumrah photo from his twitter page
छोटे शहरों और गांवों में लंबाई, रंग, विकलांगता पर नाम तक रख दिए जाते हैं.
भारत में भी विदेशी खिलाड़ियों को सुननी पड़ी रंगभेदी टिप्पणी
जब लोग इसी तरह की हरकत किसी बड़े मंच पर कर देते हैं तो यह अलग रूप ले लेती है. इसी तरह की नस्लीय टिप्पणी का शिकार कुछ सालों पहले वेस्ट इंडीज के क्रिकेटर डेरेन सैमी आईपीएल में खेलने के दौरान हुए थे.
उन्होंने पिछले साल बताया था कि आईपीएल में हैदराबाद सनराइज़र्स के साथ खेलते समय साथी खिलाड़ी उन्हें और श्रीलंकाई खिलाड़ी तिषारा परेरा को कालू कहकर बुलाते थे.
उन्होंने कहा, "उस समय मैं समझता था कि इसका मतलब घोड़ा है. लेकिन जब मैंने हसन मिनहाज़ के कॉमेडी शो को देखा तो 'कालू' का सही मतलब समझ में आया."
उन्होंने यह कहने वाले खिलाड़ियों को माफ़ी मांगने को कहा था. पर जब उस खिलाड़ी ने कहा कि इसके पीछे भावना गलत नहीं थी तो उन्होंने इस मामले को तूल नहीं दिया.
भारतीय खेलों में भी है यह आम
भारत को 1980 के मास्को ओलंपिक में आख़िरी हॉकी स्वर्ण पदक दिलाने वाले कप्तान वासुदेवन भास्करन बताते हैं कि वह जब पटियाला वगैरह खेलने आते थे, तो उनके पास गेंद आने पर दर्शक अक्सर चिल्लाते थे कि 'कालिया पास दे'.
भास्करन कहते हैं, "हमें नस्लीय अंदाज़ की शुरू से आदत थी. मैं जब चेन्नई के लोयोला कालेज में पढ़ता था, तब मेरे साथ विजय अमृतराज और जयकुमार रोयप्पा भी पढ़ते थे. उस समय हमारे प्रोफेसर हम तीनों को डार्क, डार्कर और डार्केस्ट नाम से बुलाते थे. इसी तरह पूर्वोत्तर और दक्षिणी प्रदेशों से आने वाले खिलाड़ियों को ऐसी टिप्पणियों का सामना अक्सर ही करना पड़ता है."
भारत की अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर सरिता देवी कहती हैं कि उन्हें एक कोच हमेशा जंगली कहते थे. वह कहती हैं कि पूर्वोत्तर राज्यों के नागरिकों का चेहरा थोड़ा भिन्न होने पर उन्हें चिंकी या मोमो कहा जाता रहा है.
बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा भी अपने साथ हुए इस तरह के व्यवहार के बारे में बताती हैं. यही नहीं इन लोगों को ट्रेनों और बसों में सफ़र करते समय तंग किए जाने की भी शिकायतें आती रही हैं. (bbc.com)
सिडनी, 10 जनवरी | भारत ने यहां सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया द्वारा रखे गए 407 रनों के लक्ष्य के जवाब में चौथे दिन रविवार का खेल खत्म होने तक दो विकेट खोकर 98 रन बना लिए हैं। भारतीय टीम अभी भी लक्ष्य से 309 रन दूर है। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 338 रन बनाए थे। उसने भारत को पहली पारी में 244 रनों पर समेट दूसरी पारी में 94 रनों की बढ़त के साथ शुरूआत की थी। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी छह विकेट के नुकसान पर 312 रनों पर घोषित कर भारत को 407 रनों का विशाल लक्ष्य दिया।
पहली पारी में भारत को अच्छी शुरुआत मिली थी और इस पारी में भी शुभमन गिल और रोहित शर्मा ने यह सिलसिला कायम रखा। दोनों ने पहले विकेट के लिए 71 रन जोड़े।
जोश हेजलवुड की गेंद पर गिल विकेटकीपर टिम पेन को कैच दे बैठे। गिल ने 64 गेंदों पर 31 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके भी मारे।
रोहित ने नाथन लॉयन की गेंद पर चौका मार कर अपना अर्धशतक पूरा किया। लेकिन अगले ही ओवर में वह कमिंस के जाल में फंस गए। कमिंस ने रोहित को बाउंसर फेंकी और फाइन लेग पर मिशेल स्टार्क ने उनका कैच पकड़ा। रोहित ने 98 गेंदें खेलते हुए पांच चौके और एक छक्के की मदद से 52 रन बनाए।
इसके बाद पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने दिन का खेल खत्म होने तक भारत को तीसरा झटका नहीं लगने दिया। पुजारा 9 और कप्तान रहाणे 4 रन बनाकर खेल रहे हैं।
इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया ने दिन की शुरुआत दो विकेट के नुकसान पर 103 रनों के साथ की थी। मेजबान टीम के लिए मार्नस लाबुशैन ने 73, स्टीव स्मिथ ने 81 और कैमरून ग्रीन ने 84 रनों की पारियां खेलीं। कप्तान टिम पेन 39 रनों पर नाबाद रहे। उन्होंने ग्रीन के साथ 104 रनों की साझेदारी की। ग्रीन को जसप्रीत बुमराह ने आउट किया और इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने पारी घोषित कर दी।
पहले सत्र में भारत ने लाबुशैन और मैथ्यू वेड (4) के विकेट निकाले। दोनों विकेट अपना पहला टेस्ट खेल रहे नवदीप सैनी ने लिए। दूसरे सत्र में पहली पारी में शानदार शतक लगाने वाले दिग्गज स्मिथ और ग्रीन आउट हुए।
तीसरे दिन लाबुशैन 47 और स्मिथ 29 रनों पर नाबाद लौटे थे। मेजबानों को पहली पारी के आधार पर 94 रनों की बढ़त मिली थी, इस लिहाज से तीसरे दिन स्टम्प्स तक उनकी कुल बढ़त 197 रनों की हो गई थी।
चौथे दिन स्मिथ और लाबुशैन ने सम्भलकर खेलना शुरू किया। पहली पारी में 91 रन बनाने वाले लाबुशैन ने अपना 10वां अर्धशतक पूरा किया। इसके लिए उन्होंने 82 गेंदों का सामना किया और छह चौके लगाए। वह जितनी तेजी से रन बना रहे थे स्मिथ उतना ही सम्भलकर खेल रहे थे।
लाबुशैन हालांकि 138 के कुल योग पर सैनी की गेंद पर विकेट के पीछे लपक लिए गए। अपनी 118 गेंदों की पारी में लाबुशैन ने नौ चौके लगाए।
इसके बाद स्मिथ का साथ देने आए वेड लेकिन सैनी ने उन्हें भी पैर नहीं जमाने दिया और चार के निजी योग पर साहा के हाथों कैच कराकर 148 के कुल योग पर मेजबान टीम को चौथा झटका दिया।
स्मिथ का साथ देने आए ऑलराउंडर ग्रीन ने सम्भलकर खेलते हुए अपना विकेट बचाए रखा और आस्ट्रेलियाई टीम ने चार विकेट पर 182 रन बनाकर कुल 276 रनों की लीड के साथ लंच ब्रेक लिया। लंच के समय स्मिथ 55 और ग्रीन 20 रनों पर नाबाद थे।
लंच के बाद स्मिथ ने संभलकर खेलते हुए ग्रीन के साथ 50 रनों की साझेदारी को पार किया लेकिन 208 के कुल योग पर रविचंद्रन अश्विन द्वारा पगबाधा आउट कर दिए गए। स्मिथ ने 167 गेंदों का सामना कर 8 चौके और एक छक्का लगाया।
स्मिथ के जाने के बाद दूसरे सत्र की समाप्ति तक ग्रीन और पेन ने कोई और नुकसान नहीं होने दिया लेकिन जसप्रीत बुमराह द्वारा फेंके गए पारी के 87वें ओवर की अंतिम गेंद पर ग्रीन आउट हो गए। अपने करियर का पहला अर्धशतक लगाने वाले ग्रीन ने 132 गेंदों का सामना कर आठ चौके और चार छक्के लगाए।
टी टाइम की घोषणा से ठीक पहले मोहम्मद सिराज के खिलाफ दर्शक दीर्घा से नस्लीय टिप्पणी की गई। इससे पहले शनिवार को भी दर्शकों ने सिराज के खिलाफ इसी तरह की टिप्पणी की थी।
रविवार को सिराज दूसरे सत्र के खेल के दौरान जब बाउंड्री के पास तैनात थे तब किसी दर्शक ने उन्हें लेकर टिप्पणी की। सिराज तुरंत कप्तान अजिंक्य रहाणे के पास पहुंचे और उन्हें इसकी जानकारी दी।
मामले की गम्भीरता को देखते हुए कप्तान ने अम्पायर पॉल राफेल को इस बारे में बताया। पॉल ने बिना देरी किए मैच रेफरी को इसकी जानकारी दी और फिर मैच रेफरी ने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि स्टैंड से किसी ने सिराज के खिलाफ भद्दी टिप्पणी की है।
सुरक्षाकर्मियों ने उस स्थान का मुआयना किया, जहां से सिराज के अनुसार आवाज आई थी। कई लोगों से पूछताछ की गई और फिर चार-पांच लोगों को लेकर पुलिस स्टैंड से बाहर चली गई। इस घटना के कारण लगभग 10 मिनट तक खेल रुका रहा।
(आईएएनएस)
सिडनी, 10 जनवरी | भारत के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस. लक्ष्मण ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर भारतीय खिलाड़ियों पर दर्शकों द्वारा की गई नस्लीय टिप्पणियों पर नराजगी जताई है। भारतीय टीम ने रविवार को एक बार फिर इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई।
मैच के चौथे दिन भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने शिकायत की जिसके बाद मैच रोका गया। अंपायरों और सुरक्षा अधिकारियों ने मिलकर फैसला लिया और दर्शक दीर्घा में बैठे छह लोगों को मैदान से बाहर का रास्ता दिखाया।
लक्ष्मण ने ट्वीट किया, "एससीजी में जो हुआ वो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। यह फालतू चीज बर्दाश्त नहीं। मैदान पर खिलाड़ी को गाली देने का मतलब आज तक समझ नहीं आया। अगर आप यहां मैच देखने नहीं आए हैं और सम्मानजनक व्यवहार नहीं कर सकते तो कृपया माहौल खराब करने नहीं आइए।"
यह मामला आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के 86वें ओवर का है। सिराज सीमारेखा पर फील्डिंग कर रहे थे। तभी वह कप्तान अजिंक्य रहाणे के पास गए और इस मामले को उठाते हुए कहा कि कुछ दर्शक उन पर अभ्रद भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
इसके बाद रहाणे स्कावयर लेग अंपायर पॉल राइफल के पास गए और शिकायत की। खिलाड़ी मैदान पर घेरा बनाकर खड़े हो गए और फिर सुरक्षा अधिकारियों ने स्टैंड्स में जाकर छह आस्ट्रेलियाई प्रशंसकों को वहां से हटाया।
इससे पहले शनिवार को भी भारतीय खिलाड़ियों को नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था।
क्रिकेट आस्ट्रेलिया (सीए) की इंटिग्रिटी यूनिट के मुखिया सीन कैरोल ने कहा है कि जिन लोगों ने बुमराह और सिराज पर नस्लीय टिप्पणी की है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने कैरोल के हवाले से लिखा है, "क्रिकेट आस्ट्रेलिया इस खराब व्यवहार की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करती है। अगर आप नस्लीय टिप्पणी करते हैं तो आपका आस्ट्रेलियाई क्रिकेट में स्वागत नहीं हैं।"
उन्होंने कहा, "सीए शनिवार को एससीजी पर हुए मामले में आईसीसी की जांच का इंतजार कर रही है। एक बार जब वह लोग पहचान लिए जाएंगे तो सीए उनके खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।" (आईएएनएस)
सिडनी, 10 जनवरी | आस्ट्रेलिया ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर जारी तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन रविवार को भारत के सामने 407 रनों का लक्ष्य रखा है। आस्ट्रेलिया ने दूसरे सत्र की समाप्ति के साथ अपनी दूसरी पारी छह विकेट पर 312 रनों पर घोषित कर दी। उसे पहली पारी की तुलना में 94 रनों की लीड मिली थी। इसे मिलकर उसकी कुल बढ़त 406 रनों की हो गई।
कैमरून ग्रीन (84) के आउट होने के बाद अंपायरों ने दूसरे सत्र के खेल की समाप्ति की घोषणा और इसी के साथ 39 रनों पर नाबाद लौटे कप्तान टिम पेन ने पारी भी घोषित कर दी।
पेन 52 गेंदों पर 6 चौके लगाकर नाबाद लौटे। भारत की ओर से दूसरी पारी में नवदीप सैनी और रविचंद्रन अश्विन ने दो-दो विकेट लिए।
आस्टेलिया के लिए इस पारी में स्टीव स्मिथ ने भी 81 रनों की पारी खेली। मार्नस लाबुशैन ने 73 रन बनाए।
चार मैचो की सीरीज में दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 जनवरी | आस्ट्रेलियाई धुरंधर बल्लेबाज स्टीव स्मिथ सिडनी में भारत के साथ जारी तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में अर्धशतक लगाकर क्रिकेट के कुछ समकालीन और पूर्व दिग्गजों से आगे निकल गए हैं। स्मिथ एक ही टेस्ट में शतक और अर्धशतक लगाने का कारनामा 10 बार कर चुके हैं और इस मामले में वह जैक्स कैलिस, विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर,र्रिी पोटिंग, एलन बॉर्डर, एलिस्टर कुक और कुमार संगकारा से भी आगे निकल चके हैं।
सिडनी टेस्ट की पहली पारी में स्मिथ ने 131 और दूसरी पारी में 81 रन बनाए।
दुनिया के महानतम ऑलराउंडर्स में शुमार किए जाने वाले दक्षिण अफ्रीका के कैलिस ने नौ बार यह कारनामा किया है जबकि इंग्लैंड के लिए सबसे अधिक टेस्ट रन बना चुके कुक 8 बार एक ही मैच में शतक और अर्धशतक लगा चुके हैं।
इसके अलावा बॉर्डर, सचिन, पोटिंग और भारत के मौजूदा कप्तान विराट कोहली 7-7 बार एक ही मैच में शतक तथा अर्धशतक लगा चुके हैं।
--आईएएनएष
सिडनी, 9 जनवरी | रवींद्र जडेजा ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में शुक्रवार को अपनी शानदार फील्डिंग से सीधी थ्रो मारते हुए स्टीव स्मिथ को रन आउट किया था जिसके बाद सभी लोग उनकी तारीफ कर रहे थे। लेकिन शनिवार को वह जब बल्लेबाजी कर रहे थे तब भारत के दो बल्लेबाज रन आउट हुए। जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन तब रन आउट हुए जब जडेजा दूसरे छोर पर थे।
यह पहली बार नहीं है जब जडेजा टेस्ट क्रिकेट में रन आउट में शामिल रहे हों। बाएं हाथ का यह हरफनमौला खिलाड़ी 73 टेस्ट पारियों में कुल 20 बार रन आउट में शामिल रहा है।
उन्होंने 13 बार अपने बल्लेबाजी जोड़ीदार को रन आउट कराया है वहीं बाकी बार वह खुद रन आउट हुए हैं। इसका औसत 3.5 प्रति पारी निकल कर आता है।
इसका एक कारण यह हो सकता है कि जडेजा काफी तेज दौड़ते हैं और उनका जोड़ीदार उतना तेज दौड़ नहीं पाता हो। शनिवार को भी उन्होंने अश्विन के साथ एक रन चुराना चाहा जो काफी जोखिम भरा था। पैट कमिंस ने देखा कि अश्विन धीमे हैं और उन्होंने विकेटकीपर को सीधा थ्रो दिया जिन्होंने रन आउट को अंजाम दिया।
इसके कुछ देर बाद उन्होंने स्कवॉयर लेग की तरफ गेंद को धकेला और बुमराह को दो रन के लिए बुलाया। मार्नस लाबुशैन ने देखा कि बुमराह धीमे हैं। उन्होंने नॉन स्ट्राइकर छोर पर गेंद फेंकी और बुमराह रन आउट हो गए।
भारत के टेस्ट इतिहास का यह सातवां मौका है जब एक ही पारी में तीन बल्लेबाज रन आउट हुए हैं। आस्ट्रेलियाई फील्डरों ने तीसरे दिन पहले पहले हनुमा विहारी (4) को रन आउट किया। सिंगल चुराने के प्रयास में विहारी जोस हेजलवुड द्वारा डाइरेक्ट थ्रो पर रन आउट किए गए। विहारी के रूप में भारत का चौथा विकेट गिरा था।
इसके बाद पैट कमिंस और मार्नस लाबुशैन ने आपसी सूझबूझ की बदौलत अश्विन तथा बुमराह को आउट किया।
भारत के लिए पिछली बार इस तरह का वाक्या 2008-09 सीजन मे हुआ था जब मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और युवराज सिंह रन आउट हुए थे।(आईएएनएस)
सिडनी, 9 जनवरी | आस्ट्रेलियाई गेंदबाज मौजूदा टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने खुलासा किया है कि उन्होंने पुजारा को विचलित और निराश करने की योजना बनाई है। कमिंस ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में भारत के खिलाफ 29 रन देकर चार विकेट लिए थे और इसमें पुजारा का भी विकेट शामिल है। पुजारा ने पिछली बार 2018-19 में 74.5 की औसत से 521 रन बनाए थे और मैन आफ द सीरीज रहे थे।
लेकिन इस बार अब तक पांच पारियों में उन्होंने केवल 113 रन बनाए हैं और इसमें उनका 22.6 का औसत है।
कमिंस ने तीसरे दिन की खेल समाप्ति के बाद कहा, "आपको पता है कि यह थोड़ा मुश्किल होने जा रहा है, इसलिए आप जितना स्कोरबोर्ड पर नियंत्रण रखना चाहते हैं, रखते हैं। अगर हम अच्छी गेंदबाजी करना जारी रखते हैं तो हम ज्यादा दूर नहीं है।"
उन्होंने कहा, " हमने सीरीज के लिए योजना बनाई थी कि उनके लिए रन बनाना जितना संभव हो उतना मुश्किल करेंगे। वह 200 गेंद खेले या 300 गेंद, हम उन्हें अच्छी गेंद डालकर चुनौती पेश करेंगे। किस्मत से यह योजना अब तक सफल रही है।"
कमिंस ने कहा, "आज मुझे पिच से थोड़ी मदद मिली। लेकिन आपको पता है कि वह (पुजारा) ऐसा खिलाड़ी है जिसे आपको बहुत अधिक गेंदबाजी करनी होगी।"
तेज गेंदबाज ने कहा, "दिन के खेल के शुरू होते समय मैंने सोचा था कि हम गेंदबाजी करते हुए दिन को खत्म करेंगे। लगभग 200 रन की बढ़त और आठ विकेट बचे होने से हम अच्छी स्थिति में है।"(आईएएनएस)
सिडनी, 9 जनवरी | भारतीय टीम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कहा है कि रवींद्र जडेजा में खाली गेंद निकालने की काबिलियत है और इसी कारण वह विपक्षी टीम पर दबाव बनाते हैं। जडेजा यहां सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को बल्लेबाजी करते हुए चोटिल हो गए और इसी कारण गेंदबाजी नहीं कर पाए।
जडेजा को बल्लेबाजी करते हुए मिशेल स्टार्क की गेंद बाएं हाथ के अंगूठे पर लगी थी। वह 28 रन बनाकर नाबाद लौटे थे लेकिन गेंदबाजी करने नहीं आए।
पुजारा ने कहा, "जब आप रवींद्र जडेजा जैसा गेंदबाज खो देते हैं तो यह आसान नहीं होता है। उन्होंने पहली पारी में चार विकेट लिए थे। वह एक छोर से लगातार एक ही जगह गेंदबाजी कर सकते हैं। वह ऐसे गेंदबाज हैं जो बल्लेबाजों पर खाली गेंद फेंकते हुए दबाव बनाते हैं। वह मैदान पर भी काफी अहम होते हैं सिर्फ गेंदबाज के तौर पर नहीं बल्कि फील्डर के तौर पर भी। उनका न होना बड़ा झटका है।"
पुजारा ने कहा कि जडेजा के बिना भारतीय बल्लेबाजी कमजोर है, खासकर तब जब मोहम्मद शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा टीम में नहीं हैं।
पुजारा ने कहा, "अगर आप हमारा गेंदबाजी आक्रमण देखेंगे तो हमारी टीम में कई ऐसे हैं जो अपना पहला या दूसरा टेस्ट मैच खेल रहे हैं। वह सीख रहे हैं। वह गेंदबाजी में सुधार कर रहे हैं। हमारा गेंदबाजी आक्रमण कम अनुभवी है। यह एक अच्छा मौका है उनके लिए कि वह सीखें और सुधार करें।"
पुजारा ने कहा, "टीम प्रबंधन और अजिंक्य ने गेंदबाजों से बात की है। आप उन पर ज्यादा दबाव नहीं डाल सकते। यह नवदीप सैनी का पहला मैच है और सिराज का दूसरा। हां वह गलती करेंगे। आपको सिर्फ उन्हें सैटल होने के लिए थोड़ी छूट देनी होगी खासकर तब जब आप सिडनी में गेंदबाजी कर रहे हैं, यह आसान नहीं है। इसलिए मैं उन पर ज्यादा दबाव नहीं बनाऊंगा। उन्हें कुछ और चीजें सीखनी होगी और मुझे पूरा भरोसा है कि वह सीखेंगे।"
पुजारा ने कहा कि भारतीय गेंदबाजों को अनुशासन में रहकर गेंदबाजी करनी होगी।
उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, कभी न कभी जडेजा की कमी खलेगी क्योंकि हमारे पास सिर्फ चार गेंदबाज हैं और यह अतिरिक्त दबाव डालता है। हमें अपनी गेंदबाजी में थोड़ा अनुशासन बरतने की जरूरत है, लेकिन हम वो करेंगे जो हम सर्वश्रेष्ठ कर सकते हैं।"
32 साल के पुजारा ने कहा कि आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने अच्छी लाइन लैंग्थ के साथ गेंदबाजी की।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने अच्छी लाइन और लैंग्थ के साथ गेंदबाजी की। उनको पिच का अच्छा आइडिया है। इसलिए मुझे लगता है कि आपको उनके गेंदबाजों को श्रेय देना चाहिए क्योंकि मुझे नहीं लगता कि उन्होंने खराब गेंदें फेंकी।"
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सिडनी, 9 जनवरी | भारतीय क्रिकेट टीम के अधिकारियों ने शिकायत की है कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर आस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को तेज गेंदबाज-जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज पर दर्शकों ने नस्लीय टिप्पणी की है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद आईसीसी, स्टेडियम के सुरक्षा अधिकारी बुमराह और सिराज के साथ लंबी बातचीत करते हुए नजर आए और इस दौरान भारतीय टीम प्रबंधन के सदस्य भी उनके साथ थे।
टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे भी सुरक्षा अधिकारियों से बातें करते हुए नजर आए।
आस्ट्रेलियाई अखबार द डेली टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, "यह पता चला है कि भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि बुमराह और सिराज पर दर्शकों द्वारा बीते दो दिन से फब्तियां कसी जा रही हैं जो नस्लीय हैं। मैदान के रैंडविंक छोर की तरफ जहां सिराज फील्डिंग कर रहे थे वहां दर्शकों में से यह टिप्पणी की गई।"
रिपोर्ट के मुताबिक, "एक और वाक्ये में, जब मैच चल रहा था तब भारतीय स्टाफ बुमराह के पीछे बाउंड्री के बाहर खड़ा था और उनसे बात भी कर रहा था।"
--आईएएनएस
सिडनी, 9 जनवरी | भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कहा है कि आस्ट्रेलियाई गेंदबाज पैट कमिंस की जिस गेंद पर आउट हुए थे वो अनप्लेएबल थी और इस सीरीज की सर्वश्रेष्ठ गेंद भी थी जो किसी भी बल्लेबाज को आउट कर सकती थी। पुजारा ने 176 गेंदों पर 50 रन बनाए, लेकिन भारत को मैच में बनाए रखा। उन्होंने ऋषभ पंत के साथ 53 रनों की साझेदारी भी निभाई।
लंच के बाद हालांकि दोनों बल्लेबाज आउट हो गए।
दिन का खेल खत्म होने के बाद पुजारा ने कहा, "मैं जिस गेंद पर आउट हुआ वो इस सीरीज की सबसे अच्छी गेंद थी। मुझे नहीं लगता कि मैंने जो किया मैं उससे बेहतर कर सकता था, चाहे मैं 100 या 200 पर बल्लेबाजी कर रहा होता, मुझे नहीं लगता कि मैं उस गेंद पर बच पाता। मुझे उस गेंद को खेलना पड़ा। उसमें अतिरिक्त उछाल था। इसलिए एक गेंद थी जो अच्छी थी और दुर्भाग्यवश मैं उससे पार नहीं पा सका। आपको इसे मानना होगा।"
उन्होंने कहा, "कमिंस नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज हैं। वह बार-बार इस बात को साबित कर रहे हैं। उनको इस विकेट पर खेलना मुश्किल हो रहा है, जहां ज्यादा मदद नहीं है। उन्हें इस विकेट के बारे में ज्यादा पता है। कई बार वह अनप्लेएबल गेंद डाल देते हैं, जैसे जिस गेंद पर आज मैं आउट हुआ।"
पुजारा ने कहा कि पंत के आउट होने से भारतीय पारी पर असर पड़ा।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि पंत के आउट होने के बाद से पारी बदल गई। हम तब तक अच्छी स्थिति में थे। हम 180 रनों के आस-पास थे और हमारे चार विकेट ही गिर थे। पंत जब आउट हुए तब चीजें बदल गईं और फिर मैं आउट हो गया। हमारा लक्ष्य 330-340 का स्कोर करने का था। हम वहां तक नहीं पहुंच सके। अजिंक्य रहाणे का विकेट बड़ा झटका था, लेकिन हमने वहां से वापसी की और पंत के साथ मेरी अच्छी साझेदारी हुई।"
उनसे जब पूछा गया कि क्या पंत के जाने से उनकी बल्लेबाज पर असर पड़ा? तो उन्होंने इससे मना कर दिया।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि पंत के जाने से मुझपर असर पड़ा, लेकिन हां जब वह थे तो मैं थोड़ा सहज था और हम साझेदारी बना रहे थे। मैं यह नहीं कह सकता क्योंकि पंत को गेंद लगी और वह फिर आउट हो गए। मैं अपनी एकाग्रता खो बैठा। वह शानदार गेंद थी।"
--आईएएनएस