खेल
नई दिल्ली, 18 दिसम्बर | भारत की महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु जनवरी 2021 में कोर्ट पर वापसी करेंगी, जहां वह कम से कम तीन टूर्नामेंट में भाग लेंगी। सिंधु टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) का हिस्सा हैं और अब वह अगले साल 12 से 17 जनवरी तक होने वाले यॉनेक्स थाईलैंड ओपन से बैडमिंटन कोर्ट पर वापसी करेंगी।
रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधु इसके बाद 19 से 24 जनवरी तक होने वाले टोयोटा थाईलैंड ओपन और फिर बैंकॉक में होने वाले विश्व टूर फाइनल्स में खेलेंगी। हालांकि विश्व टूर फाइनल्स के लिए उन्हें अभी क्वालीफाई करना बाकी है।
खेल मंत्रालय ने सिंधु को टूर्नामेंट में अपने साथ फिजियो और फिटनेस ट्रेनर रखने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, " इन तीनों टूर्नामेंटों के लिए उनके फिजियो और ट्रेनर की सेवाएं मंजूर कर ली गई है, जिसपर करीब 8.25 लाख रुपये का खर्चा आएगा।"
सिंधु ने अपना पिछला टूर्नामेंट इस साल मार्च में ऑल इंग्लैंड में खेला था। विश्व चैम्पियन सिंधु ने सितंबर में डेनमार्क ओपन से नाम वापस ले लिया था लेकिन वह थॉमस और उबर कप में खेलने को तैयार हो गई थीं जो बाद में स्थगित कर दिया गया।
इसी कोविड-19 के कारण इसी साल होने वाले टोक्यो ओलम्पिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है। सिंधु ने कहा कि वह स्थिति को देखते हुए स्थगन के लिए तैयार थीं और इसलिए उन्हें इससे हैरानी नहीं हुई।
सिंधु ने कहा, " मैं अपने आप को 2021 में खेलने के लिए मानसिक और शारीरिक तौर पर तैयार कर रही थी। हम ज्यादा दूर नहीं थे और यह पूरे विश्व की स्थिति थी। इसलिए हर खिलाड़ी समान स्थिति में से गुजरा। हम सभी को इस स्थिति को समझना है, ट्रेनिंग करनी है और टोक्यो खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ देना है।"(आईएएनएस)
काठमांडू, 17 दिसंबर | आस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर डेव व्हाटमोर को गुरुवार को नेपाल क्रिकेट टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया है। आस्ट्रेलिया के लिए सात टेस्ट खेलने वाले व्हाटमोर लगभग सभी दक्षिण एशियाई देशों के साथ काम कर चुके हैं।
वह पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश के कोच रह चुके हैं। इसके अलावा वह जिम्बाब्वे के कोच भी रह चुके हैं। भारत में वह केरल की रणजी ट्रॉफी टीम को कोचिंग दे चुके हैं। इससे पहले वे 2007-2009 तक भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के निदेशक के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
आईपीएल में वह कोलकाता नाइट राइडर्स के मुख्य कोच भी रह चुके हैं।
नेपाल क्रिकेट संघ ने एक बयान में कहा, "डेव इस नई चुनौती को लेने के लिए बेहद उत्सुक हैं। उनका मानना है कि नेपाल में काफी प्रतिभा है और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनका भविष्य अच्छा है।"
व्हाटमोर के कोच रहते ही श्रीलंका ने 1996 में विश्व कप जीता था। वह 2003 से 2007 तक बांग्लादेश के कोच रहे और इस टीम को एक मजबूत टीम बनाने में अहम योगदान दिया। (आईएएनएस)
ज्यूरिख, 18 दिसंबर| बायर्न म्यूनिख और पोलैंड के स्ट्राइकर रोबर्ट लेवांडोवस्की ने गुरुवार को क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी को पीछ छोड़ते हुए फीफा के सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी का अवार्ड अपने नाम किया। मैनचेस्टर सिटी और इंग्लैंड की डिफेंडर लूसी ब्रोंज ने महिला वर्ग में फीफा की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का अवार्ड जीता। अवार्ड समारोह कोविड-19 के कारण वर्चुअली आयोजित किया गया।
दोनों खिलाड़ियों ने पहली बार यह अवार्ड जीता है। ब्रोंज यह अवार्ड जीतने वाली पांचवीं महिला हैं तो वहीं लेवांडोवस्की रोनाल्डो, मेसी और रियल मेड्रिड के मिडफील्डर लुका मोड्रिक के बाद यह अवार्ड जीतने वाले चौथे खिलाड़ी हैं।
दोनों खिलाड़ियों को महिला एवं पुरुष विश्व एकादश में भी जगह मिली है।
इंग्लिश क्लब लीवरपूल के कोच जार्गन क्लोप को सर्वश्रेष्ठ पुरुष कोच का अवार्ड मिला है। महिला वर्ग में यह अवार्ड नीदरलैंड्स की राष्ट्रीय टीम की कोच सारिना वेइगमैन को मिला। वह अपने करियर में दूसरी बार यह अवार्ड जीती हैं।
लेंवाडोवस्की के जर्मन क्लब के गोलकीपर मैन्युएल नेयुर को पुरुष वर्ग में सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर चुना गया है। फ्रांस की साराह बाउहादी को सर्वश्रेष्ठ महिला गोलकीपर चुना गया है। (आईएएनएस)
एडिलेड, 18 दिसंबर| भारत के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने यहां एडिलेड ओवल मैदान पर खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच के दूसरे दिन शुक्रवार को डिनर तक दो विकेट ले कर आस्ट्रेलिया को अच्छी शुरुआत से वंचित कर दिया। आस्ट्रेलिया ने दिन के पहले सत्र का अंत दो विकेट के नुकसान पर 35 रनों के साथ किया। बुमराह ने मैथ्यू वेड और जोए बर्न्स की सलामी जोड़ी को पवेलियन भेजा।
आस्ट्रेलिया ने भारत को पहली पारी में 244 रनों पर ढेर कर दिया था। मेजबान टीम को अपनी पहली पारी में अच्छी शुरुआत की उम्मीद थी जिस पर बुमराह ने पानी फेर दिया।
भारतीय बल्लेबाजों की तरह मेजबान टीम के बल्लेबाजों के लिए रन करना आसान नहीं था। मेजबान टीम लगभग एक रन प्रति ओवर की औसत से रन बना रही थी। बुमराह ने 15वें ओवर की पहली ही गेंद पर जब वेड (8) के रूप में आस्ट्रेलिया का पहला विकेट गिराया तो टीम का स्कोर उस समय सिर्फ 14 रन था।
इसके बाद हालांकि टीम ने कुछ रन गति बढ़ाई इसमें मार्नस लाबुशैन का योगदान रहा जिन्होंने कुछ अच्छे शॉट्स खेल बाउंड्रीज बटोरीं। 17वें ओवर की आखिरी गेंद पर जब बुमराह ने बर्न्स को आउट किया तो टीम का स्कोर 29 था। बर्न्स आठ रन बना पाए।
आस्ट्रेलिया ने अपना तीसरा विकेट भी लगभग खो दिया था। 18वें ओवर की आखिरी गेंद पर मोहम्मद शमी की शॉर्ट गेंद को लाबुशैन ने फाइन लेग की तरफ खेला और बुमराह के पास गेंद गई। यह आसान कैच लग रहा था लेकिन बुमराह को शायद लगा कि वह सीमा रेखा से टकरा जाएंगे इसलिए गेंद को बाहर फेंकने के प्रयास में वे कैच छोड़ बैठे।
पहले सत्र तक लाबुशैन 16 और स्टीव स्मिथ एक रन बनाकर खेल रहे हैं। आस्ट्रेलिया भारत से अभी भी 209 रन पीछे है।
इससे पहले, अपने पहले दिन के स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 233 रनों से आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे दिन अपने खाते में 11 रन ही जोड़ पाई और बाकी के चार विकेट खो बैठी।
भारत के लिए सबसे ज्यादा रन कप्तान विराट कोहली ने बनाए। उन्होंने 180 गेंदों पर 74 रन बनाए। उनकी पारी में आठ चौके शामिल रहे।
भारत ने दूसरे दिन अपना पहला विकेट रविचंद्रन अश्विन (15) के रूप में खोया। दिन की तीसरी ही गेंद पर पैट कमिंस की गेंद पर वह टिम पेन को कैच दे बैठे। फिर मिशेल स्टार्क ने रिद्धिमान साहा (9) को आउट किया।
उमेश यादव (6) स्टार्क की गेंद पर बड़ा शॉट मारने की कोशिश में मैथ्यू वेड के हाथों लपके गए। कमिंस ने बाउंसर डाल कर मोहम्मद शमी (0) को ट्रेविस हेड के हाथों कैच करा भारतीय पारी समाप्त कर दी।
आस्ट्रेलिया के लिए स्टार्क ने चार, कमिंस ने तीन विकेट लिए। जोश हेजलवुड, नाथन लॉयन के हिस्से एक-एक विकेट आया। (आईएएनएस)
एडिलेड, 18 दिसंबर | भारत ने यहां एडिलेड ओवल मैदान पर आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच में अपनी पहली पारी में 244 रन ही बनाए हैं। अपने पहले दिन के स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 233 रनों से आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे दिन शुक्रवार को अपने खाते में 11 रन ही जोड़ पाई और बाकी के चार विकेट खो बैठी।
भारत के लिए सबसे ज्यादा रन कप्तान विराट कोहली ने बनाए। उन्होंने 180 गेंदों पर 74 रन बनाए। उनकी पारी में आठ चौके शामिल रहे।
भारत ने दूसरे दिन अपना पहला विकेट रविचंद्रन अश्विन (15) के रूप में खोया। दिन की तीसरी ही गेंद पर पैट कमिंस की गेंद पर वह टिम पेन को कैच दे बैठे। फिर मिशेल स्टार्क ने रिद्धिमान साहा (9) को आउट किया।
उमेश यादव (6) स्टार्क की गेंद पर बड़ा शॉट मारने की कोशिश में मैथ्यू वेड के हाथों लपके गए। कमिंस ने बाउंसर डाल कर मोहम्मद शमी (0) को ट्रेविस हेड के हाथों कैच करा भारतीय पारी समाप्त कर दी।
आस्ट्रेलिया के लिए स्टार्क ने चार, कमिंस ने तीन विकेट लिए। जोश हेजलवुड, नाथन लॉयन के हिस्से एक-एक विकेट आया।
--आईएएनएस
लुसाने, 18 दिसंबर | खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) ने रूस को अगले साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक, 2022 बीजिंग विंटर ओलंपिक और अन्य विश्व चैम्पियनशिप में अपने झंडे का इस्तेमाल करने से दो साल के लिए बैन कर दिया है। सीएएस का आदेश हालांकि वाडा द्वारा लगाए गए चार साल के बैन को कम करता है। सीएएस ने अपने आदेश में कहा, "रूस का झंडा (मौजूदा और ऐतिहासिक) दो साल के लिए ओलम्पिक, पैरालम्पिक (विंटर और समर खेल), मान्यता प्राप्त सदस्य द्वारा आयोजित की जाने वाली विश्व चैम्पियनशिप में लहराते हुए दिखाई नहीं देगा।"
इस दो साल के दौरान रूस को किसी भी स्तर की विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी करने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
रूस के खिलाड़ी हालांकि तटस्थ झंडे के तले टोक्यो ओलम्पिक में हिस्सा ले सकते हैं। उन्हें अपने देश का नाम, चिन्ह या रूस की राष्ट्रीय महासंघों के चिन्ह का उपयोग करने की इजाजत नहीं है।
इस आदेश का मतलब है कि रूस डोपी रोधी एजेंसी (रूसाडा) भी प्रतिबंधित रहेगी
तीन जज की पीठ रूस के खिलाफ वाडा के आरोपों से काफी हद तक संतुष्ठ दिखी लेकिन यह साफ नहीं हो सका कि उसने वाडा के चार साल के बैन को दो साल का क्यों किया।
सीएएस ने आदेश में कहा है, "जिन पैमानों पर पैनल ने बैन का फैसला लिया है वो उतने व्यापक नहीं हैं जितने वाडा ने बताए हैं। यह हालांकि रूसाडा द्वारा किए गए उल्लंघन को सही नहीं बताता है। आपने आदेश में पैनल ने कानून द्वारा दी गई सीमित ताकत, खासकर विश्व डोपिंग रोधी कोड और आईएससीसीए के मुताबिक फैसला लिया है।"
--आईएएनएस
गोवा, 17 दिसम्बर | हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन की शानदार शुरुआत करने वाले नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी का अगला मैच शुक्रवार को तिलक मैदान स्टेडियम में जमशेदपुर एफसी के साथ होना है और हाईलैंडर्स नाम नाम से मशहूर यह टीम इस सीजन में अपना अजेय क्रम बरकरार रखने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। हाईलैंडर्स शुक्रवार को अगर जीतते हैं तो उनके टेबल टॉपर मुम्बई सिटी एफसी और दूसरे स्थान पर काबिज एटीके मोहन बागान के बराबर अंक हो जाएंगे। ऐसे में नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी सावधान शुरुआत चाहेगी और उसका लक्ष्य निश्चित तौर पर तीन अंक होंगे।
हाईलैंडर्स छह मैचों से अजेय हैं। बीते सीजन में भी यही हुआ था लेकिन लगातार दो हार ने उसका मोमेंटम खराब कर दिया था और यह टीम अंत में नौवें स्थान पर रही थी।
अगर यह टीम जमशेदपुर को हराने में सफल रहती है तो वह आईएसएल इतिहास में अपना अब तक का बेस्ट एवर अनबीटन रन हासिल कर लेगी।
इस मैच को लेकर कोच नुस ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि हम हारे नहीं। हम हर मैच में तीन अंकों के लिए खेल रहे है लेकिन मैं हारने से नहीं डरता। सबसे अहम बात यह है कि हम विकास कर रहे हैं और हम अपनी पहचान के साथ बने हुए हैं।"
हाईलैंडर्स के लिए हालांकि जीत आसान नहीं होगी क्योंकि जमशेदपुर के पास नेरीजुस वाल्सकिस जैसे खिलाड़ी हैं, जो एफसी गोवा के इगोर एंगुलो के साथ सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। रेड माइनर्स नाम से मशहूर यह टीम वाल्सकिस पर काफी हद तक निर्भर करेगी क्योंकि यह खिलाड़ी टीम के सात गोलों में से छह गोल कर चुका है।
नार्थईस्ट की तरह जमशेदपुर भी दो ड्रॉ के साथ इस मैच में जा रही है। ऐसे में ओवेन कोयले की टीम के लिए एक और जीत टॉप-4 में जाने का रास्ता प्रशस्त करेगी। अभी यह टीम छठे स्थान पर है।
जमशेदपुर को इस मैच में निलंबित मिडफील्डर अइतोर मोनरॉय की सेवाएं नहीं मिल सकेंगी क्योंकि मुम्बई सिटी एफसी के खिलाफ इस खिलाड़ी को लाल कार्ड दिखाया गया था। डिफेंस में स्टीफन इजे और पीटर हार्टले शानदार काम कर रहे हैं और हार्टले ने तो मुम्बई के खिलाफ कप्तान की तरह टीम की रक्षा की थी। अब हाईलैंडर्स के खिलाफ भी हार्टले से ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
कोयले को कठिन मैच की उम्मीद है लेकिन उन्हें अपनी टीम की काबिलियत पर भरोसा है। कोयले ने कहा, "नॉर्थईस्ट युनाइटेड एफसी अच्छी टीम है और इस टीम ने दिखाया है कि वह कितना मेहनत करती है। इसीलिए हम एक कठिन मैच की उम्मीद कर रहे हैं। हम इस मैच में अपना श्रेष्ठ खेल दिखाते हुए तीन अंक हासिल करने का प्रयास करेंगे।"
--आईएएनएस
एडिलेड टेस्ट, 17 दिसम्बर | भारत और आस्ट्रेलिया के बीच यहां एडिलेड ओवल मैदान पर खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार को एक ओर जहां मेजबान टीम के गेंदबाजों ने दामदार प्रदर्शन किया तो वहीं भारत की तरफ से कप्तान विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ही प्रभावित कर सके। कप्तान कोहली ने अपनी बेहतरीन क्लास का एक बार फिर संघर्षपूर्ण स्थितियों में परिचय दिया और 74 रनों की पारी खेली। वह अच्छी लय में थे और आस्ट्रेलिया के अनुशासित गेंदबाजी का दमदार सामना कर रहे थे। इसी बीच दिन के आखिरी सत्र में उप-कप्तान अंजिक्य रहाणे के साथ हुई गलतफहमी में कोहली रन आउट हो गए। रहाणे भी फिर आउट हो गए और हनुमा विहारी भी पवेलियन लौट लिए।
दिन का अंत भारत ने छह विकेट के नुकसान पर 233 रनों के साथ किया। रविचंद्रन अश्विन 15 और रिद्धिमान साहा नौ रन बनाकर खेल रहे हैं।
मेजबान टीम के गेंदबाजों ने शुरू से ही भारतीय बल्लेबाजों को विकेट पर सहज नहीं होने दिया। शुरुआती विकेट झटकने के बाद कोहली और पुजारा के बीच तीसरे विकेट के लिए हुई 68 रनों की साझेदारी ने आस्ट्रेलिया को परेशान जरूर किया। खासकर पुजारा ने जिन्होंने 160 गेंदों का सामना कर दो चौकों की मदद से सिर्फ 43 रन बनाए। लेकिन अपनी टिकाऊ और धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी से उन्होंने आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सिर में दर्द कर रखा था।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत ने मैच की दूसरी ही गेंद पर पृथ्वी शॉ का विकेट खो दिया। मिशेल स्टार्क की गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटों पर जा लगी।
मयंक अग्रवाल ने फिर पुजारा के साथ मिलकर टीम को संभालने की कोशिश की। दोनों आस्ट्रेलिया की शानदार गेंदबाजी के सामने संभलकर खेल रहे थे। मयंक के संघर्ष को 32 के कुल स्कोर पर पैट कमिंस ने खत्म कर दिया। 40 गेंदों पर 17 रन बनाने वाले मयंक बोल्ड हो गए।
इसके बाद कोहली और पुजारा ने पहले सत्र का खेल खत्म होने तक भारत को तीसरा झटका नहीं लगने दिया। पहले सत्र में भारत ने 41 रन बनाकर दो विकेट खोए।
दूसरे सत्र में अधितकतर समय पुजारा और कोहली ने टिककर बल्लेबाजी की और आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विकेट नहीं निकालने दिया। पुजारा अपने अर्धशतक की ओर बढ़ रहे थे। दूसरे सत्र का खेल खत्म होने से कुछ ओवर पहले ही नाथन लॉयन ने पुजारा की पारी समाप्त कर दी। लॉयन की गेंद पुजारा के बल्ले को छूती हुई पैड से टकरा उछली और लेग स्लिप पर खड़े मार्नस लाबुशैन ने उनका कैच पकड़ा। अंपायर ने तो पुजारा को आउट नहीं दिया लेकिन मेजबान टीम ने रिव्यू लिया और पुजारा आउट हो गए।
कोहली ने पुजारा के बाद जिम्मेदारी ली और विषम परिस्थितियों में अर्धशतक जमा टीम को संभाले रखा। रहाणे ने भी उनका अच्छा साथ दिया। कप्तान और उप-कप्तान ने चौथे विकेट के लिए 88 रन जोड़े।
इस जोड़ी के लिए सब कुछ सही जा रहा था। तभी लॉयन की गेंद पर रहाणे और कोहली के बीच रन लेने को लेकर गलत कॉल हुआ जिसके कारण कोहली को पवेलियन लौटना पड़ा। उन्होंने 180 गेंदों का सामना करेत हुए आठ चौके लगाए।
आस्ट्रेलिया ने फिर नई गेंद ली और स्टार्क ने रहाणे को एलबीडब्ल्यू कर उनकी भी पारी का अंत किया। रहाणे ने 92 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगा 42 रन बनाए।
रहाणे के बाद विहारी भी 16 रनों के निजी स्कोर पर जोश हेजलवुड की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए।
आस्ट्रेलिया के लिए स्टार्क ने दो बल्लेबाजों को आउट किया। कमिंस, हेजलवुड और लॉयन ने एक-एक विकेट लिए।
--आईएएनएस
लाहौर, 17 दिसम्बर | पाकिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। इससे पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में आमिर कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, "मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। मुझे नहीं लगता कि मैं मौजूदा प्रबंधन के रहते खेल सकता हूं। मैं अभी के लिए क्रिकेट छोड़ रहा हूं। मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया है। इसे झेल नहीं सकता।"
पीसीबी द्वारा जारी बायन में कहा लिखा गया है, "दिन में आमिर के संन्यास की खबरें आने के बाद पीसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसीम खान ने आमिर से बात की है। 28 साल के खिलाड़ी ने पीसीबी के मुख्य कार्यकारी से संन्यास की पुष्टि की है और कहा है कि उनकी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की कोई मंशा नहीं है और इसलिए भविष्य में अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया जाए। पीसीबी इसका सम्मान करती है और इसलिए इस समय इस पर कोई और टिप्पणी नहीं करना चाहती है।"
आमिर ने कहा, "मैंने बार-बार यह कहते हुए सुना है कि पीसीबी ने मुझ में काफी निवेश किया है लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। मैं शाहिद अफरीदी का शुक्रगुजार हूं कि जब मैं बैन से लौटकर आया तो उन्होंने मुझे मौका दिया साथ ही नजम सेठी (पीसीबी के पूर्व चेयरमैन) का भी।"
इस समय लंका प्रीमियर लीग में हिस्सा ले रहे 28 साल के इस खिलाड़ी ने कहा कि वह कुछ दिनों में पाकिस्तान पहुंच कर बाकी की जानकारी साझा करेंगे।
उन्होंने कहा, "हर कोई अपने देश के लिए खेलना चाहता है। पीसीबी लगातार यह कहती है कि मैंने बाकी लीगों के लिए टेस्ट क्रिकेट छोड़ दी। सच्चाई यह है कि मैंने बीपीएल से वापसी की थी। अगर मैं लीग में खेलने को मरता तो मैं यह कह सकता था कि मैं पाकिस्तान के लिए नहीं खेलना चाहता। हर महीने कोई न कोई कहता है कि आमिर ने हमें धोखा दिया। दो दिन में मैं पाकिस्तान पहुंच रहा हूं और फिर मैं एक बयान जारी करूंगा।"
2009 में इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 मैच से चर्चा में आए आमिर ने पाकिस्तान के लिए 36 टेस्ट, 61 वनडे और 50 टी-20 मैच खेले हैं। सभी प्रारूप में उन्होंने कुल 259 विकेट हासिल किए हैं।
वह उस पाकिस्तान टीम का हिस्सा थे जिसने 2009 में टी-20 विश्व कप जीता था और 2017 में भारत को हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी जीती थी।
इंग्लैंड में फिक्सिंग के कारण उन पर पांच साल का बैन लगाया गया था। बैन पूरा करने के बाद वह 2015 में वापस लौटे थे।
--आईएएनएस
एडिलेड, 17 दिसम्बर | भारतीय बल्लेबाजों ने यहां एडिलेड ओवल मैदान पर आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार को निराशाजनक प्रदर्शन कर दिन का अंत छह विकेट के नुकसान पर 233 रनों के साथ किया। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने वाली भारतीय टीम के लिए कप्तान विराट कोहली के अलावा चेतेश्वर पुजारा ने कुछ हद तक आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का अच्छा सामना किया।
बाकी के बल्लेबाज जल्दी पवेलियन लौट लिए। टीम के मुख्य बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके हैं।
स्टम्प्स की घोषणा तक रविचंद्रन अश्विन 19 और विकेटकीपर रिद्धिमान साहा नौ रन बनाकर नाबाद हैं।
कोहली ने 180 गेंदों पर आठ चौकों की मदद से 74 रन बनाए। उन्होंने अजिंक्य रहाणे (42) के साथ 88 और चेतेश्वर पुजारा (43) के साथ 68 रनों की साझेदारी की।
आस्ट्रेलिया के लिए मिशेल स्टार्क ने दो विकेट लिए। जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और नाथन लॉयन ने एक-एक सफलता हासिल की।
--आईएएनएस
एडिलेड, 17 दिसंबर | नाथन लॉयन ने एडिलेड ओवल मैदान पर भारत और आस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच के पहले दिन गुरुवार को दूसरे सत्र की समाप्ति की घोषणा होने से कुछ ओवर पहले मेजबान टीम को भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का अहम विकेट दिला कर उसे राहत की सांस दी। 100 के कुल स्कोर पर लॉयन की गेंद पुजारा के बल्ले को छूती हुई पैड पर लगी और हवा में उछली। लेग स्लिप पर खड़े मार्नस लाबुशैन ने डाइव मार कगर कैच पकड़ लिया। अंपायर ने तो पुजारा को नॉट आउट दिया था, लेकिन मेजबान टीम ने रिव्यू लिया जिसमें पुजारा को आउट दे दिया गया।
विराट कोहली अभी भी मैदान पर हैं और यह आस्ट्रेलिया के लिए बड़ा खतरा हैं। दूसरे सत्र का खेल खत्म होने तक भारत ने 55 ओवरों में तीन विकेट खोकर 107 रन बना लिए हैं। कोहली 39 रन बनाकर खेल रहे हैं। उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे भी उनके साथ 20 गेंदों पर दो रन बनाकर खड़े हैं।
पुजारा ने आउट होने से पहले हालांकि अनुशासित गेंदबाजी करने वाले आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को काफी परेशान किया और धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी की।
पहले सत्र में भारत ने दो विकेट खोकर 41 रन बनाए थे। आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की अनुशासित गेंदबाजी के सामने रन बनाना आसान नहीं था और शुरुआती झटकों के बाद भारत पर दबाव भी था। ऐसे में पुजारा ने अपने चिर परिचित अंदाज में विकेट पर टिककर बल्लेबाजी की।
पुजारा इसी तरह की बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। भारत के पिछले आस्ट्रेलियाई दौरे पर भी पुजारा ने इसी अंदाज में बल्लेबाजी कर आस्ट्रिलायई गेंदबाजों को थका दिया था। उनके साथ कोहली ने भी धीमी बल्लेबाजी की। उनका ध्यान भी इसी बात पर था कि मेजबान टीम विकेट नहीं ले पाए। हालांकि लॉयन ने पुजारा को आउट कर भारत को तीसरा झटका दिया। पुजारा ने 160 गेंदों का सामना कर 43 रन बनाए। उनकी पारी में सिर्फ दो चौके शामिल रहे। कोहली अभी तक 111 गेंदों का सामना कर चुके हैं। इनमें से चार ही गेंदों पर उन्होंने चौके लगाए हैं। पुजारा और कोहली ने तीसरे विकेट के लिए 68 रन जोड़े।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत को दूसरी ही गेंद पर मिशेल स्टार्क ने झटका दे कर दबाव में ला दिया। स्टार्क की इनस्विंगर पृथ्वी शॉ के बल्ले का किनारा लेकर विकेट पर जा लगी। शॉ खाता नहीं खोल पाए।
दूसरे सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने पुजारा के साथ संभलकर बल्लेबाजी की। मयंक भी आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने संघर्ष कर रहे थे जिसका अंत 19वें ओवर की पहली ही गेंद पर पैट कमिंस ने कर दिया। 40 गेंदों पर 17 रन बनाने वाले मयंक 32 के कुल स्कोर पर बोल्ड हो गए। उन्होंने अपनी पारी में दो चौके मारे।
फिर कोहली ने मैदान पर दस्तक दी और पुजारा के साथ मिलकर पहले सत्र का अंत नाबाद रहते हुए किया। दूसरे सत्र में भी यह दोनों आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को विकेट के लिहाज से मायूस करने में काफी हद तक सफल रहे, लेकिन अंत में लॉयन ने आस्ट्रेलियाई टीम को पुजारा का विकेट दिल ही दिया। (आईएएनएस)
एडिलेड, 17 दिसंबर| आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने गुरुवार को ठीक उसी तरह पृथ्वी शॉ के आउट होने की भविष्यवाणी की थी जिस तरह से भारतीय बल्लेबाज मैच की दूसरी गेंद पर आउट हुए। शॉ के आउट होने से कुछ सेंकेंड पहले ही पोंटिंग ने इस बारे में बात की। मिशेल स्टार्क ने भारत और आस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड ओवल मैदान पर खेले जा रहे डे-नाइट टेस्ट मैच की दूसरी ही गेंद पर शॉ को बोल्ड कर दिया।
7 क्रिकेट के लिए कॉमेंट्री कर रहे पोंटिंग ने बताया कि इनस्विंग गेंदों को खेलते हुए शॉ की आदत बल्ले और पैड के बीच गैप रखने की है।
पोंटिंग ने कहा, "अगर उनकी बल्लेबाजी में कहीं कोई थोड़ी सी कमी है तो वो अंदर आती गेंद है। वह गेंद को अपने शरीर से दूर खेलने को लेकर काफी सहज होते हैं। वह सिर को लाइन में ले आते हैं लेकिन अपने फ्रंट फुट को गेंद की लाइन में नहीं ला पाते जिससे कई बार बल्ले और पैड में काफी गैप रह जाता है। यहां आस्ट्रेलियाई गेंदबाज उन्हें परेशान कर सकते हैं। स्टार्क कोशिश करेंगे कि गेंद को अंदर लाएं।"
पोटिंग आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स के कोच हैं और इसी टीम में शॉ खेलते हैं।
स्टार्क ने शॉ को ऑफ स्टम्प के बाहर फुल इनस्विंग गेंद डाली जिस पर शॉ ड्राइव करने गए और गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर स्टम्प में जा लगी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 17 दिसंबर| टी-20 टूर्नामेंट सैयद मुश्तीक अली ट्रॉफी 10 से 29 जनवरी तक बायो सिक्योर बबल में सात वेन्यू पर खेला जाएगा। बेंगलुरू, कोलकाता, वडोदरा, इंदौर, मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद मैचों की मेजबानी करेंगे जिसमें क्वार्टर फाइनल भी शामिल है। सभी 38 टीमों के खिलाड़ी और स्टाफ को हर सेंटर पर मैच शुरू होने से पहले क्वारंटीन रहना होगा और तीन कोविड-19 टेस्ट से गुजरना होगा।
बीसीसीआई ने बताया है कि अहमदाबाद में शुरू होने वाले क्वार्टरफाइनल मैचों से पहले टीमों के दो अतिरिक्त कोविड-19 टेस्ट किए जाएंगे। कोविड-19 टेस्ट दो, चार और छह तारीख को टीमों के होटलों में किए जाएंगे। इसके बाद आठ जनवरी से टीमें अभ्यास शुरू कर सकती हैं।
एक हैरानी वाली बात है कि टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए जितने पैमाने बोर्ड की तरफ से तय किए गए हैं चाहे वो एक मैदान से ज्यादा मैदान, कोविड अस्पताल क्यों न हो, इन सभी की मौजूदगी के बाद भी बोर्ड ने दिल्ली को वेन्यू नहीं चुना है।
मौजूदा विजेता कर्नाटक 10 जनवरी को जम्मू एवं कश्मीर के खिलाफ बेंगलुरू में अपना अभियान शुरू करेगी।
बेंगलुरू, कोलकाता, वडोदरा, इंदौर और मुंबई को पांच इलिट ग्रुप के मैचों की मेजबानी के लिए चुना गया है। चेन्नई प्लेट ग्रुप के मैचों की मेजबानी करेगा।
अहमदाबाद का सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम सभी नॉकआउट मैचों की मेजबानी करेगा इसमें क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल शामिल हैं। 26 और 27 जनवरी को डबल हैडर क्वार्टर फाइनल खेले जाएंगे। 29 जनवरी को सेमीफाइनल और 31 जनवरी को फाइनल खेला जाएगा।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बुधवार को राज्य संघों को एक ई-मेल भेजा है जिसमें लिखा है, "बीसीसीआई अपना 2020-21 घरेलू सत्र 10 जनवरी से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से शुरू करेगी। टीमों को दो जनवरी तक अपने शहर में इकट्ठा होना है और राज्य के नियमों के हिसाब से उनका कोविड-19 टेस्ट और क्वारंटीन किया जाएगा।" (आईएएनएस)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बकावंड, 16 दिसंबर। बकावण्ड ब्लॉक के ग्राम पंचायत पंडानार में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी यंग स्टार क्रिकेट क्लब द्वारा क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका उद्धघाटन ग्राम पंचायत सरपंच पूनी भारती एवं उप सरपंच हेमकांत सिंह ठाकुर द्वारा किया गया। जिसमें ग्रामीण अंचल की 16 टीमों को आमंत्रित किया गया है। प्रत्येक मैच 10 ओवर का रहेगा, जिसमें एम्पायर का निर्णय आखिरी निर्णय होगा। प्रत्येक टीम ग्रामीण क्षेत्र से होगी और बड़ी टीम को अनुमति नहीं है। प्रथम पुरस्कार10 दस हजार रुपये, द्वितीय पुरुस्कार 5 हजार रुपये रखा गया है। उद्धघाटन अवसर पर कुरसो पटेल,अर्जुन,लखेश्वर,दामोधर आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
कैसर मोहम्मद अली
नई दिल्ली, 17 दिसंबर| दिवंगत अरुण जेटली जब दिल्ली एंव जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष थे तब भारत के पूर्व खिलाड़ी कीर्ति आजाद ने संघ को भ्रष्टाचार मुक्त बनाए रखने का मुद्दा उठाया था और इसके लिए अभियान चलाया था। पिछले महीने जब अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने डीडीसीए अध्यक्ष पद को संभाला तो आजाद ने उन्हें शुभकामनाएं भेजी और अब आजाद ने डीडीसीए के चयनकर्ता पद के लिए आवेदन डाला है।
आजाद ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उन्होंने चयनकर्ता पद के लिए आवेदन करने से पहले रोहन जेटली से बात नहीं की, लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें शुभकामना संदेश जरूर भेजा था।
आजाद ने आईएएनएस से कहा, "नहीं, मैंने उनसे बात नहीं की, लेकिन जब वह डीडीसीए अध्यक्ष बने थे तब मैंने उन्हें मैसेज जरूर भेजा था। मैंने उन्हें शुभकामनाएं दी और मैंने सुना है कि उनके पास नए विचार हैं और वह अकादमियां शुरू करना चाहते हैं। इसलिए मुझे लगा कि जब कोई युवा कुछ करना चाहता है तो इस तरह के लोगों की मदद क्यों न की जाए।"
आजाद ने कहा कि दिवंगत अरुण जेटली के समय डीडीसीए में व्याप्त भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना दूसरी बार चयनतकर्ता पद के लिए आवेदन करने से बिल्कुल अलग है। आजाद चार साल तक दिल्ली के चयनकर्ता पहले भी रह चुके हैं।
पूर्व सांसद ने कहा, "वो एक अलग चीज थी। जब आपके पास 10 लोग होते हैं तो आप मुद्दों पर चर्चा करते हो। लेकिन वो मुद्दे क्रिकेट खेलने से बिल्कुल अलग होते हैं। अब जब एक अच्छे इंसान इस दुनिया को छोड़कर चले गए हैं तो मैं गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ना चाहता। उनकी आत्मा को शांति मिले, और जो बीत गया सो बीत गया।"
भारत और दिल्ली के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी से चर्चा करने के बाद आवेदन करने वाले आजाद ने कहा कि वह चयन प्रक्रिया से गुजरने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, "हां, हां.. जाहिर है.. मैं प्रक्रिया से गुजरूंगा। क्यों नहीं? हम सभी को यह करना होगा।"
भारत की 1983 विश्व कप जीत का हिस्सा रहे आजाद ने भारत के लिए 25 वनडे और सात टेस्ट मैच खेले हैं। उन्होंने 1993-94 में घरेलू सत्र के बाद संन्यास ले लिया था।
डीडीसीए की अतुल वासन, रोबिन सिंह जूनियर और परविंदर अवाना की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) उम्मीदवारों के इंटरव्यू लेगी।
अतुल वासन ने आजाद की कप्तानी में ही दिल्ली के लिए प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया था।
आजाद का कहना है कि अगर वह चुने जाते हैं तो वह दिल्ली को घरेलू क्रिकेट में पुरानी साख वापस दिलाने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा, "समय आने दीजिए फिर हम इस पर बात करेंगे। लेकिन बुनियादी तौर पर मेरी कोशिश दिल्ली की पुरानी साख वापस दिलाने की होगी। इसमें दो-तीन साल लगेंगे। अगर हम अपना काम अच्छे से करते हैं तो हम पुराने दिन वापस ला सकते हैं क्योंकि दिल्ली में प्रतिभा की कमी नहीं है।"
दिल्ली ने 1976-77 से लेकर 1991-92 में 12 बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई थी और छह बार खिताब जीता भी था। 1991-92 में जब दिल्ली ने अपना छठा रणजी ट्रॉफी खिताब जीता तब आजाद टीम के कप्तान थे।
चयनकर्ता का काम दबाव लेकर आता है और आजाद जब 2002 से 2004 तक राष्ट्रीय चयनकर्ता थे तब वह यह दबाव झेल चुके हैं।
उन्होंने कहा, "जब तक आप अपने काम को लेकर गंभीर हो तो दबाव का सवाल नहीं है।" (आईएएनएस)
एडिलेड, 17 दिसम्बर | भारतीय क्रिकेट टीम ने एडिलेड ओवल मैदान पर गुरुवार को शुरू हुए डे-नाइट टेस्ट में डिनर टाइम तक अपनी पहली पारी में 2 विकेट पर 41 रन बना लिए हैं। भारत ने पृथ्वी शॉ (0) और मयंक अग्रवाल (17) के विकेट गंवाए हैं। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरी भारतीय टीम ने 25 ओवरों का सामना करते हुए 1.64 के औसत से रन बटोरे हैं। चेतेश्वर पुजारा 17 और कप्तान विराट कोहली 5 रनों पर नाबाद हैं। पुजारा ने हालात के अनुरूप बल्लेबाजी करते हुए 88 गेंदों का सामना किया है जबकि कोहली ने 22 गेंदों का सामना किया है।
अपना दूसरा डे-नाइट टेस्ट खेलने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। मयंक अग्रवाल क साथ पारी की शुरुआत करने आए शॉ पारी की दूसरी गेंद पर ही मिशेल स्टार्क द्वारा बोल्ड कर दिए गए।
मिशेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोस हाजलेवुड की अनुशासित तिकड़ी के आगे संघर्षरत भारतीय बल्लेबाजों ने पैर जमाने का प्रयास शुरू किया। मयंक और चेतेश्वर पुजारा सम्भलकर खेल रहे थे।
स्कोर धीरे-धीरे बेहतरी की ओर बढ़ता दिख रहा था लेकिन तभी दुनिया के नम्बर-1 टेस्ट गेंदबाज कमिंस ने 32 के कुल योग पर मयंक को बोल्ड कर भारत को दूसरा झटका दिया।
मयंक ने 40 गेंदों का सामना कर दो चौके लगाए। इसके बाद पुजारा का साथ देने कप्तान कोहली आए, जो इस चार मैचों की सीरीज का पहला और अंतिम टेस्ट खेल रहे हैं। इसके बाद वह अपने पहले बच्चे के जन्म के अवसर पर परिजनों के साथ रहने के लिए स्वदेश लौट जाएंगे।
पुजारा और कोहली ने इसके बाद हालांकि टीम को कोई नुकसान नहीं होने दिया लेकिन दोनों ने काफी धीमी बैटिंग की है। दोनों ने मयंक के आउट होने के बाद सात ओवर खेले हैं और सिर्फ नौ रन बनाए हैं।(आईएएनएस)
एडिलेड, 17 दिसम्बर | क्रिकेट में टॉस कोई भी जीत सकता है। इसके बाद हालांकि मैच जीतने के लिए मेहनत करनी पड़ी है। लेकिन अगर किसी कप्तान के साथ यह इत्तेफाक जुड़ा हो कि टेस्ट में टॉस जीतने पर उसे मैच में भी जीत मिली हो तो फिर क्या कहने। इसे लकी चार्म ही कहा जा सकता है। भारत के लिए विराट कोहली भी ऐसे ही लकी चार्म हैं। कोहली ने 2015 के बाद से आज तक (एडिलेड टेस्ट, 17 दिसम्बर 2020) जितनी बार भी टेस्ट में टॉस जीता, भारत मैच हारा नहीं है। तो क्या कोहली का लकी चार्म भारत को एडिलेड में जारी डे-नाइट टेस्ट में भी जीत दिलाएगा?
कोहली इस टेस्ट के बाद स्वदेश लौट जाएंगे क्योंकि उनकी अभिनेत्री पत्नी अनुष्का शर्मा मां बनने वाली हैं और कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपने परिवार के साथ रहना चाहते थे। अब देखना यह है कि कोहली का लकी चार्म उन्हें जीत के साथ स्वदेश ले जा पाता है कि नहीं?
अब आंकड़ों की बात करते हैं। साल 2015 में कप्तान बने कोहली कप्तान के तौर पर टेस्ट मैचों में 25 बार (एडिलेड टेस्ट को छोड़कर) टॉस जीत चुके हैं और सबसे अहम बात यह है कि भारत एक बार भी हारा नहीं है। ऐसा नहीं है कि इन 25 के 25 मैचों में भारत को जीत मिली है। चार मैच ड्रॉ भी रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि भारत 21 बार जीता है।
इस बार मामला थोड़ा पेचीदा है क्योंकि भारत पहली बार आस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट खेल रहा है। साथ ही यह उसका सिर्फ दूसरा डे-नाइट टेस्ट है जबकि आस्ट्रेलिया इस फारमेट में आठवीं बार खेल रहा है। आस्ट्रेलिया अब तक डे-नाइट टेस्ट नहीं हारा है। एडिलेड में यह उसका पांचवां मुकाबला है।
--आईएएनएस
इन दिनों भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर है, जहां गुरुवार से चार टेस्ट मैच की सिरीज़ शुरू होने जा रही है. इससे पहले दौरे की शुरूआत तीन मैच की एकदिवसीय सिरीज़ से हुई जो 2-1 से ऑस्ट्रेलिया ने जीती.
इसके बाद पलटवार करते हुए तीन मैचों की टी-20 सिरीज़ भारत ने 2-1 से अपने नाम की. लेकिन अब तो टेस्ट क्रिकेट में असली परीक्षा होगी. चार टेस्ट मैच की सिरीज़ का पहला मैच गुरुवार से एडिलेड में खेला जाएगा, वह भी गुलाबी गेंद के साथ डे-नाइट टेस्ट मैच के रूप में यानी दूधिया रोशनी में.
भारत ने अभी तक एक डे-नाइट टेस्ट मैच खेला है. भारत ने नवंबर 2019 को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ यह टेस्ट मैच कोलकाता के ईडन गार्डंस में खेला था और आसानी से एक पारी और तीन रन से जीता. भारत के कप्तान विराट कोहली ने इस टेस्ट मैच में शतक भी बनाया और वह डे-नाइट टेस्ट मैच में शतक बनाने वाले पहले भारतीय भी बने.
दूसरी तरफ़ ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक सात डे-नाइट टेस्ट मैच खेले हैं और सभी जीते है. वैसे अभी तक चौदह डे-नाइट टेस्ट मैच खेले गए हैं.
दिलचस्प बात यह है कि इन सभी मैचों के परिणाम निकले हैं, कोई भी टेस्ट मैच ड्रॉ नहीं रहा. इससे साबित होता है कि गुलाबी गेंद के साथ डे-नाइट टेस्ट मैच खेलना बेहद चुनौतियों से भरा है. भारत के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे भी मानते हैं कि इन चुनौतियों का सामना करना आसान नहीं होगा, ख़ासकर शुरुआती सत्र बेहद महत्वपूर्ण होगा. अजिंक्य रहाणे कह चुके हैं कि गुलाबी गेंद के साथ दिन ढलने के दौरान का सत्र अहम होता है. नई गुलाबी गेंद की रफ़्तार सूर्यास्त के समय काफ़ी तेज़ हो जाती है. ऐसे में बल्लेबाज़ों के लिए एकाग्रता बनाए रखना मुश्किल होता है.
अजिंक्य रहाणे के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हर जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले टेस्ट मैच के बाद नियमित कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव के लिए वापस भारत लौट आएंगे और उसके बाद बचे हुए तीन टेस्ट मैचों की कमान उन्हें ही संभालनी है.
ऑस्ट्रेलिया को बड़ा झटका
अजिंक्य रहाणे ने मंगलवार को कहा था कि पहले टेस्ट मैच के लिए टीम संयोजन पर कोई फ़ैसला नहीं किया गया है लेकिन टीम प्रबंधन ने बुधवार को ही अंतिम ग्यारह का ऐलान कर दिया, जिससे खिलाड़ी मानसिक रूप से तैयार रहें.
सलामी जोड़ी और विकेटकीपर को लेकर ही कुछ सवाल थे बाकी नौ खिलाड़ी तो तय ही थे. अब मयंक अग्रवाल के साथ पृथ्वी शॉ पारी की शुरूआत करेंगे और विकेटकीपिंग की ज़िम्मेदारी रिद्धिमान साहा संभालेंगे. इनके अलावा टीम में कप्तान विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, हनुमा विहारी, आर अश्विन, मोहम्मद शमी, उमेश यादव और जसप्रीत बुमराह शामिल हैं.
वहीं ऑस्ट्रेलिया को सबसे बड़ा झटका डेविड वॉर्नर के चोटिल होकर टीम से बाहर होने से लगा. डेविड वॉर्नर कितने ख़तरनाक बल्लेबाज़ हैं यह सभी जानते हैं. डे-नाइट क्रिकेट में तो वार्नर पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नाबाद 335 रन की रिकार्ड पारी भी खेल चुके हैं.
वॉर्नर के बाहर होने के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरी समस्या स्टीव स्मिथ का पूरी तरह फ़िट नहीं होना है. स्मिथ कमर दर्द से परेशान हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के पास बेहद अनुभवी तेज़ आक्रमण है जिसमें पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हैज़लवुड शामिल हैं. मिचेल स्टार्क ने सात डे-नाइट मैचों में गुलाबी गेंद से 42 विकेट चटकाए हैं.
कोहली के लौटने से क्या बदलेगा?
अब सवाल यह कि गुलाबी गेंद, डे-नाइट टेस्ट मैच, विराट कोहली का इसके बाद स्वदेश लौटना यह सब देखते हुए यह मैच कितना महत्वपूर्ण हो जाता है?
इन सब सवालों के जवाब में क्रिकेट समीक्षक विजय लोकपल्ली कहते हैं कि यह सिरीज़ दोनों टीमों के लिए बेहद अहम है क्योंकि दोनों टीमें रैंकिंग में पहले दूसरे स्थान पर हैं. दोनों टीमों के बीच रोमांचक मैच खेले जाते हैं. लेकिन गुलाबी गेंद का क्रिकेट अलग और चुनौतीपूर्ण है.
ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक सात डे-नाइट मैच खेले हैं और सातों जीते हैं. भारत के पास इस तरह के क्रिकेट का अधिक अनुभव नहीं है, वह केवल एक मैच बांग्लादेश के ख़िलाफ़ खेला है. बांग्लादेश एक कमज़ोर टेस्ट टीम है और उसके पास भी गुलाबी गेंद का अधिक अनुभव नहीं था.
वैसे तो हर टेस्ट मैच में पहला सत्र बेहद महत्वपूर्ण होता है लेकिन गुलाबी गेंद वाले टेस्ट मैच में यह दोनों टीमों के लिए अहम होगा. अगर भारत पहले सत्र में गेंदबाज़ी करता है तो ऑस्ट्रेलिया के कितने विकेट लेता है और अगर बल्लेबाज़ी करता है तो कितने विकेट बचाकर लंच करने आता है यह देखना होगा. विराट कोहली इस टेस्ट मैच के बाद वापस भारत लौटेंगे तो उन पर भी दबाव होगा. इस लिहाज से यह बहुत कांटे का मैच होगा.
आने वाले मैचों में विराट कोहली की कमी कितना खलेगी और क्या पहला टेस्ट मैच अजिंक्य रहाणे के लिए कुछ सीख हासिल करने वाला रहेगा?
इसके जवाब में विजय लोकपल्ली कहते हैं कि इसमें कोई दो राय नहीं कि विराट कोहली की कमी को खलेगी. वह हर परिस्थिति में रन बनाते हैं. वह भारत के सबसे शानदार बल्लेबाज़ हैं. हर गेंदबाज़ी को आराम से खेलते हैं लेकिन अजिंक्य रहाणे जिन्होंने एक ही टेस्ट मैच में कप्तानी की है, वह भी धर्मशाला में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़, लेकिन बेहतरीन अंदाज़ में की.
उन्होंने कुलदीप यादव को पहला मैच खिलाया था. रहाणे बेहद नियंत्रण में रहते हैं, ज़्यादा शोर नहीं मचाते. टीम मैन हैं और समझदार हैं. विराट कोहली से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है. और जब विराट वापस आ जाएंगे तो वह उनकी जगह लेने के लिए तैयार होंगे और ख़ुद को आरामदायक स्थिति में भी पाएंगे. उन्हें टीम का समर्थन भी है. अजिंक्य रहाणे के लिए यह सिरीज़ उनके क्रिकेट करियर के लिए बेहद अहम है क्योंकि वह कई बार टीम से अंदर बाहर हुए हैं.
मयंक अग्रवाल के साथ पृथ्वी शॉ को खिलाने के फ़ैसले को लेकर विजय लोकपल्ली कहते हैं कि मयंक अग्रवाल तो नियमित सलामी बल्लेबाज़ हैं ही लेकिन पृथ्वी शॉ केवल टेस्ट सिरीज़ के लिए ही चुने गए हैं.
आईपीएल में उनके प्रदर्शन को छोड़ दिया जाए तो वह केवल चार टेस्ट मैच खेले हैं. वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ दो टेस्ट मैच में उनका प्रदर्शन शानदार रहा, और एक शतक भी बनाया. उसके बाद टीम न्यूज़ीलैंड गई जहां सभी नाकाम रहे. लेकिन पृथ्वी शॉ ने अर्धशतक बनाया.
तीन नम्बर पर पुजारा, चार पर कोहली, पांच पर रहाणे और छह पर हनुमा विहारी. हनुमा गेंदबाज़ी भी करते हैं. ऋषभ पंत के लिए बहुत शोर मच रहा है लेकिन रिद्धिमान साहा आज भी भारत के बेहतरीन विकेटकीपर हैं. तीन तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, उमेश यादव, एक स्पिनर आर अश्विन यानी टीम बिलकुल संतुलित है.
ऑस्ट्रेलिया की टीम को लेकर विजय लोकपल्ली कहते हैं कि कुछ खिलाड़ियों को अगर छोड़ भी दिया जाए तो काग़ज़ पर भी यह टीम उतनी ही मज़बूत है जितनी पहले थी. स्टीव स्मिथ की कमर में दर्द था लेकिन ख़बर है कि बुधवार को उन्होंने अभ्यास किया. भारतीय खिलाड़ी जब तक स्मिथ को आउट नहीं करेंगे तब तक मैच उनसे दूर रहेगा.
मैथ्यू वेड ने तो भारत के ख़िलाफ़ रन भी बनाए है. कैमरून ग्रीन टीम में जगह बनाने की तलाश में हैं. गेंदबाज़ी में नाथन लियन दुनिया के सबसे अच्छे स्पिनर हैं. उनके पास विविधता का भंडार है. पैट कमिंस अपनी तेज़ी से ही बल्लेबाज़ को हिला सकते हैं. स्टार्क एकदिवसीय सिरीज़ में महंगे साबित हुए लेकिन खब्बू गेंदबाज़ हैं जो हैज़लवुड का अच्छा साथ दे सकते हैं.
विजय लोकपल्ली इस मैच में भारत का पलड़ा भारी मानते हैं और इसका कारण है गेंदबाज़ी. वह मानते हैं कि भारतीय गेंदबाज़ बेहद क़ाबिल हैं लेकिन देखना होगा कि वह गुलाबी गेंद की स्विंग और उछाल को कैसे नियंत्रित करेंगे. बल्लेबाज़ी में विराट कोहली टीम को राह दिखाएं और बड़ी पारी खेलें क्योंकि वह केवल एक मैच खेल रहे हैं.
विराट कोहली ने अभी तक एडिलेड में तीन टेस्ट मैच खेले हैं और 71.83 के औसत से 431 रन बनाए हैं जिसमें उनके तीन शतक शामिल हैं.
भारत ऑस्ट्रेलिया सिरीज़ को लेकर एक और क्रिकेट समीक्षक अयाज़ मेमन कहते हैं कि अभी भी खिलाड़ी गुलाबी गेंद और डे-नाइट टेस्ट मैच के आदी नहीं हैं. यहां गेंद भी लाल गेंद से अलग है. इसकी सीम की गहराई अलग है. शाम के समय गेंद अधिक स्विंग होती है. यह सब चुनौतियाँ बल्लेबाज़ों के लिए अधिक हैं. एडिलेड की पिच पहले धीमी होती थी, इससे स्पिनर को मदद मिलती थी. यह बैटिंग पिच मानी जाती थी.
सलामी जोड़ी अगर नाकाम रहती है तो उसका दबाव मिडिल ऑर्डर पर पड़ेगा. ऐसे में भारतीय गेंदबाज़ अपना कमाल दिखा सकते हैं.
अयाज़ मेमन कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के पास घरेलू लाभ तो है लेकिन पहले टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम भी दमदार है. विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, मोहम्मद शमी और उमेश यादव इनके पास बेहद अनुभव है. मयंक अग्रवाल के पास भी घरेलू अनुभव है. आर अश्विन 300 से अधिक टेस्ट विकेट ले चुके हैं. आने वाले मैचों में जब विराट कोहली नहीं खेलेंगे तब भारत को ज़रूर झटका लगेगा.
पिछली बार जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में जीती थी तब ख़ास बात यह थी कि गेंदबाज़ हर पारी में बीस विकेट ले रहे थे. चेतेश्वर पुजारा ने उस सिरीज़ में पांच सौ से ज़्यादा रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ अगर पहली पारी या दूसरी पारी में साढ़े तीन सौ या उससे ज़्यादा रन नहीं बनाए तो जीतना मुश्किल होता है. (bbc)
नई दिल्ली, 16 दिसम्बर | अनुभवी भारतीय गोल्फर जीव मिल्खा सिंह ने खुलासा किया है कि 1990 के दशक की शुरूआत में उनके माता-पिता का एक फोन कॉल, उनके खेल करियर के सबसे बड़े फैसलों में से एक था। जीव जब नौ साल के थे तब उनके पिता ने उन्हें गोल्फ से रूबरू कराया था। बाद में भारतीय राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करने के बाद उन्हें अमेरिका में गोल्फ स्कॉलरशिप मिली थी।
अमेरिका में एबिलीन क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी में गोल्फ टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने पेशेवर खेल खेलने की इच्छा जाहिर की, लेकिन इसके लिए उन्हें परिवार से मंजूरी मिलनी जरूरी थी।
एशियन टूर डॉट कॉम ने जीव के हवाले से कहा, " मुझे बड़ा फैसला लेना था और मैंने फोन उठाया तथा अपने माता-पिता से बात की।"
उन्होंने कहा, " मेरे पिताजी ने मुझसे कहा, 'तुम जानते हो,आगे बढ़ो, लेकिन 5-10 साल बाद मेरे पास वापस मत आना' उन्होंने स्पष्ट रूप से मुझे सही मार्गदर्शन दिया।"
जीव द्वारा यह एक समझदारी भरा कदम था, क्योंकि जीव के पिता मिल्खा सिंह भारत के सबसे बड़े स्प्रिंटर धावक थे और उनकी मां निर्मल कौर, भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की पूर्व कप्तान थी।
मिल्खा ने कहा, "वास्तव में हम उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे। लेकिन उन्होंने कहा, 'नहीं, मैं गोल्फ खेलना चाहता हूं'। इसके बाद मैंने कहा कि अगर आप गोल्फ खेलना चाहते हैं तो आपको दिन-रात काम करना होगा। मैं आपको दुनिया में नंबर वन गोल्फर देखना चाहता हूं।"
जीव 1993 में पेशेवर गोल्फर बने थे और फिर इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
जीव ने कहा, "मेरी प्रेरणा मेरे पिता से बड़े हो रहे थे। भारत में बहुत से लोगों का कहना था कि आप मिल्खा परिवार से आते हैं, आप पर बहुत दबाव है।"
जीव ने दो बार एशियन टूर ऑर्डर ऑफ मेरिट का खिताब जीतकर पेशेवर बनने के अपने निर्णय को सही ठहराया है। इसके अलावा उन्होंने पांच बार एशियाई टूर और चार-चार बार यूरोपियन टूर तथा जापान गोल्फ टूर खिताब जीता है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 दिसम्बर | ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में गुलाबी गेंद के साथ होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम एक पारंपरिक विकेटकीपर और चार गेंदबाजों के अलावा बल्लेबाजी विशेषज्ञों के साथ उतरेगी। 2018 में विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड का दौरा किया था, जहां टीम पांच बल्लेबाजों और पांच गेंदबाजों के साथ उतरी थी और दोनों विदेशी दौरे पर टीम को हार मिली थी।
इसके बाद कोहली ने रणनीति में बदलाव किया और उसने छह विशेषज्ञ बल्लेबाजों के साथ विदेश का दौरा किया और 2018-19 में उसने पहली बार 2-1 से सीरीज जीती। लेकिन कोहली का यह फॉर्मूला इस साल फरवरी में न्यूजीलैंड दौरे पर काम नहीं आया था और टेस्ट सीरीज में हार मिली थी।
उस सीरीज के बाद भारत गुरुवार को अपना पहला टेस्ट मैच खेलेगा और यह टेस्ट भारतीयों के लिए एक बड़ी परीक्षा होगी, जिन्हें यह साबित करना होगा कि वे लहराती गेंदों को भी खेल सकते हैं।
हालांकि, पृथ्वी शॉ को छोड़कर पहले टेस्ट के लिए चुने गए सभी बल्लेबाज ऑस्ट्रेलिया में खेल चुके हैं, और एडिलेड की सतह विशेष रूप से भारतीय विकेटों के समान हैं, जहां ज्यादा मूवमेंट नहीं है और ऐसे में गुलाबी गेंद एक चुनौती पेश करेगी।
चेतेश्वर पुजारा एक बार फिर से दूसरे छोर से अहम होंगे, जिन्होंने पिछली बार एडिलेड में एक शतक और 71 रन बनाए थे और भारत ने उस मैच को जीता था।
पृथ्वी शॉ के खराब फॉर्म को देखते हुए उम्मीद थी कि शुभमन गिल को पदार्पण करने का मौका मिलेगा, लेकिन टीम प्रबंधन ने शॉ के साथ जाने का फैसला किया। वह मयंक अग्रवाल के साथ पारी की शुरूआत करेंगे।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने बुधवार को कहा है कि टीम की जिम्मेदारी सीनियर बल्लेबाजों पर होगी और टीम प्रबंधन युवा शॉ से बिना चिंता के खुल कर खेलने को कहेगा।
कोहली ने कहा, "यह लोग निश्चित तौर पर काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। इसलिए वह लोग यहां हैं। गिल को हालांकि अभी तक इस स्तर पर खेलने का अनुभव नहीं मिला है। जब भी उन्हें मौका मिलेगा यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि वह आत्मविश्वासी युवा खिलाड़ी हैं। शॉ के पास आस्ट्रेलिया में टेस्ट खेलने का अनुभव नहीं है।"
वहीं पंत ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर खेले गए दूसरे अभ्यास मैच में शतक जमा कर विकेटकीपर के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की थी। वह पिछले आस्ट्रेलियाई दौरे पर भी टीम में थे। इसलिए लग रहा था कि टीम प्रबंधन उनके साथ जाना चाहेगा, लेकिन टीम ने साहा के अनुभव को पसंद किया।
पूर्व चयनकर्ता प्रमुख एमएसके प्रसाद ने आईएएनएस से कहा, "पंत को अभी भी अपने विकेटकीपिंग स्किल्स पर काम करने की जरूरत है।"
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने एक दिन पहले ही गिल को बतौर सलामी बल्लेबाज और पंत को बतौर विकेटकीपर टीम में शामिल करने की पैरवी की थी। लेकिन लगता है कि शॉ का अनुभव गिल पर भारी पड़ा और लगभग यही साहा के चुनने का एक कारण हो सकता है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 16 दिसंबर | कस्टम, एक्साइज एंड सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (सीईएसटीएटी) ने पूर्व भारतीय कप्तान और बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरव गांगुली को 1.5 करोड़ रुपये के कर मामले में बड़ी राहत दी है। कोलकाता की सीईएसटीएटी की एक बेंच ने गांगुली को यह राहत दी है। बेंच ने मैगजीन के लिए लिखने या टीवी पर एंकरिंग के लिए मिलने वाले मेहनताने के लिए भी टैक्स डिमांड को खारिज कर दिया।
बेंच ने अपने फैसले में अथॉरिटी को रकम ब्याज सहित वापस लौटने के लिए कहा है। इसके अलावा केस फिर शुरू होने से पहले गांगुली द्वारा जमा कराई गई 50 लाख रुपये की रकम को भी वापस करने को कहा गया है।
अथॉरिटी ने गांगुली से आईपीएल के ब्रांड प्रोमोशन और मैच खेलने की फीस पर 1.51 करोड़ रुपये सर्विस टैक्स मांगे थे। गांगुली से इस आधार पर सर्विस टैक्स मांगा गया था कि मैच खेलने के लिए मिलने वाली फीस आईपीएल क्रिकेट मैच खेलने और ब्रांड प्रमोशन करने के लिए दी जाने वाली कंपोजिट फीस है। (आईएएनएस)
बोमबोलिम (गोवा), 16 दिसंबर | पांच मैचों के बाद भी जीत के लिए तरस रही ओडिशा एफसी गुरुवार को हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन के अपने छठे मैच में अपना भाग्य बदलना चाहेगी। ओडिशा को बोमबोलिम के जीएमसी स्टेडियम में पूर्व चैम्पियन बेंगलुरु एफसी के खिलाफ मुकाबले में उतरना है। ओडिशा के खाते में पिछले पांच मैचों से केवल एक ही अंक है। टीम ने अब तक केवल दो ही गोल किए हैं और दोनों गोल उसने जमशेदपुर एफसी के खिलाफ किए हैं। अब उसके सामने एक ऐसी टीम खड़ी है, जो इस इस सीजन में अब तक अजेय चल रही है।
कोच बॉक्सटर की टीम ने अब तक 2.4 शॉट ही टारगेट पर लगाई है और कोच चाहते हैं कि उनकी टीम और अधिक आक्रमण करे। बॉक्सटर ने कहा, "हमें निश्चित रूप से बॉल पजेशन के साथ आक्रमण करने में बेहतर होना चाहिए। अगर हम लय हासिल करते हैं और प्रतिद्वंद्वी को इससे दूर रखते हैं तो हमें इससे मदद मिलेगी।"
ओडिशा का डिफेंस काम नहीं कर रहा और टीम अब तक सात गोल खा चुकी है। इनमें से उसने चार गोल उसने सेट पीस (3 पेनाल्टी पर और एक फ्रीकिक पर) से खाए हैं। टीम को लगभग प्रत्येक मैच में गोल खाना पड़ा है।
दूसरी तरफ, बेंगलुरु ने सेट पीस से कई गोल किए हैं। टीम ने अपने पिछले मैच में केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ चार गोल दागे थे। बेंगलुरु के कोच कार्लेस कुआड्रार्ट चाहेंगे कि उनकी टीम वहीं से शुरुआत करे, जहां उन्होंने करेला के खिलाफ छोड़ा था।
कुआड्रार्ट ने कहा, "मैं अपने खिलाड़ियों को जानता हूं, कोई शालीनता नहीं है। वे प्रतिस्पर्धी हैं और निश्चित रूप से वे तीन अंक प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। हम कभी भी आईएसएल में किसी भी टीम के खिलाफ शालीन नहीं होते, क्योंकि हम जानते हैं कि लीग में कोई भी टीम किसी भी टीम को हरा सकती है।"
उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से, ओडिशा जैसी टीमें बहुत खतरनाक हैं। हम सभी इसके प्रति सचेत हैं। हम जानते हैं कि वे अंक के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन यह अब तक नहीं हुआ है।" (आईएएनएस)
मेड्रिड, 16 दिसंबर | करीम बेंजेमा के शानदार दो गोलों की मदद से स्पेन के दिग्गज क्लब रियल मेड्रिड ने 10 खिलाड़ियों के साथ खेलने वाली एटलेटिको बिल्बाओ को 3-1 से हराकर ला लीगा में टॉप तीन में अपनी जगह पक्की कर ली है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बेंजमा का एटलेटिको बिल्बाओ के खिलाफ ला लीगा में अब सबसे ज्यादा 13 गोल हो गए हैं, जोकि किसी भी टीम के खिलाफ सबसे ज्यादा है।
मैच के 13वें मिनट में एटलेटिको बिल्बाओ को एक बड़ा झटका लगा जब उसके खिलाड़ी रॉयल गार्सिया को मैच में दूसरी बार येलो कार्ड दिखाया गया, जोकि रेड कार्ड में तब्दील हो गया है और उन्हें मैच से बाहर जाना पड़ा।
रियल मेड्रिड के टोनी क्रूक ने 45वें और बेंजमा ने 74वें तथा इंजुरी टाइम में गोल किए। वहीं, एटलेटिको बिल्बाओ के लिए कापा ने 52वें मिनट में एकमात्र गोल किया।
रियल मेड्रिड की टीम की इस सीजन में सभी प्रतियोगिताओं में यह लगातार चौथी जीत है। इस जीत के बाद अब वह 26 अंकों के साथ तालिका में तीसरे नंबर पर पहुंच गई है। रियल सोसियादाद, एटलेटिको मेड्रिड के भी 26-26 अंक हैं और वे दोनों क्रमश : पहले और दूसरे स्थान पर है।
--आईएएनएस
जयपुर, 16 दिसंबर | भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी शुभंकर डे ने 2018 में दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता चीन के लिन डैन को सारलोरॉक्सओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप में हराने पर चर्चा की है। विश्व रैकिंग में नंबर 46वें नंबर पर मौजूद है शुभंकर ने पहली बार राष्ट्रीय प्रसिद्धि तब हासिल की थी, जब उन्होंने 2017 में नागपुर में सीनियर बैडमिंटन नेशनल्स के क्वार्टर फाइनल में बी साई प्रणीत को हराया और 2018 में लिन डैन के खिलाफ जीतकर वे सुर्खियों में आए थे।
27 वर्षीय शुभंकर ने एक शो में कहा, "जब मैं छोटा था, तब मेरी बहन ने मेरे लिए लिन डैन का एक बड़ा पोस्टर बनाया और मैं उसे अपने बगल में रखकर सोता था और सोचता था कि एक दिन मैं उनके खिलाफ खेलूंगा। मैंने उस समय उन्हें हराने के बारे में कभी नहीं सोचा था, क्योंकि मैं बहुत छोटा था। यह हमेशा बस मेरे लिए एक सपना था। मैं लिन डैन को देखना चाहता था, उनकी तरह खेलना चाहता था और जब मैं कोलकाता में था, तब उनके खेल की नकल किया करता था।"
लिन डैन के खिलाफ अपनी जीत के बारे में पूछे जाने पर शुभंकर ने कहा, "मैं हर जीत के बाद बहुत जश्न मनाता हूं, लेकिन लिन डैन को हराने के बाद मैंने बिल्कुल भी जश्न नहीं मनाया। यह मेरे लिए काफी आश्चर्यजनक था और शायद भारत में हर व्यक्ति के लिए भी, क्योंकि आपने लिन डैन को हराया था, इसलिए कुछ भावनाएं जरूर होनी चाहिए थी, लेकिन मैं बस उनके पास गया और उनसे हाथ मिलाकर चला गया, यही मेरा उनके लिए सम्मान था।"
उन्होंने शो पर अपने शुरुआती दिनों के बारे में भी बात की और बताया कि कैसे उनके बड़े भाई और बहन ने उन्हें इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित किया। वह सिर्फ 500 रुपये के साथ मुंबई आए थे और यह उनके करियर का निर्णायक मोड़ साबित हुआ।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि जब मैं मुंबई आया था, तो यह मेरे करियर का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ था। मैंने वहां जाने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया। शुरू में इसमें कोई स्पॉन्सर नहीं थे, लेकिन मैं भारत में नंबर 6 खिलाड़ी बन गया और एशियाई चैम्पियनशिप अंडर-19 का हिस्सा भी बना, उस समय मुझे हिंदुस्तान पेट्रोलियम से 12 हजार रुपये की स्कॉलरशिप मिली। यह मेरे लिए पहली स्कॉलरशिप थी और यह उस समय मेरे लिए बहुत बड़ी राशि थी।
शुभंकर जो प्रीमियर बैडमिंटन लीग में अवध वारियर्स के लिए भी खेलते हैं, को अन्य खिलाड़ियों की तरह ही देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक खेल से दूर रहना पड़ा और यह अंतत: उनके लिए ऊबाउ हो गया।
उन्होंने कहा कि "शुरू के 2-3 महीने ठीक थे और मुझ में उत्साह था लेकिन इसके बाद बोरियत होने लगी, सौभाग्य से मुंबई में मेरा अपना सेंटर है और मेरे पास कुछ छात्र भी हैं। उन्होंने ऑनलाइन सत्र शुरू किया और फिर हमने फिजिकल सेशन भी शुरू कर दिया और इस प्रकार मैंने अपना समय गुजारा।"
अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में, शुभंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह इसी तरह आगे बढ़ना चाहते हैं और अगले साल टॉप-20 में अपनी जगह बनाना चाहते हैं।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 16 दिसम्बर | भारत ने 2027 में होने वाले एएफसी एशियन कप की मेजबानी हासिल करने के लिए आधिकारिक बोली लगाई है। भारत सहित कुल पांच देशों ने एशिया के सबसे बड़े फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी हासिल करने के लिए बोली लगाई है। भारत के अलावा कतर, ईरान, उज्बेकिस्तान और सऊदी अरब भी मेजबानी के दावेदारों में शामिल हैं।
बुधवार को आधिकारिक बोली के दौरान आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद थे। उनके अलावा भारतीय महिला फुटबाल टीम की कप्तान आशालता देवी और पूर्व भारतीय पुरुष फुटबाल खिलाड़ी गौरमांगी सिंह भी उपस्थित थे।
एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी की बोली लगाने की आखिरी तारीख 18 दिसंबर 2020 है। एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी हासिल करने वाले देश की घोषणा 2021 में की जाएगी।
एएफसी ने मंगलवार को घोषणा की कि उसे सऊदी अरब और कतर से एएफसी एशियन कप 2027 की मेजबानी करने के लिए बोली लगाने का प्रस्ताव मिला है।
कतर ने 1988 और 2011 में इस टूर्नामेंट की मेजबानी की थी, जबकि ईरान ने 1968 और 1976 में इसकी मेजबानी की थी और उन्होंने दोनों ही बार खिताब भी जीता था। भारत को पिछले महीने 2022 महिला एशियाई कप की मेजबानी भी सौंपी जा चुकी है।
इस अवसर पर रिजिजू ने कहा, " मैं इस चीज को लेकर बेहद आश्वस्त हूं कि 2027 तक भारत की पुरुष और महिला फुटबाल टीमों की रैंकिंग में काफी ऊपर जाएगी। उस समय तक हमें इसकी मेजबानी के लिए पूरी तरह से फिट और तैयार रहना है। इसकी मेजबानी हासिल करने के लिए सरकार से अलग निजी तौर पर काफी प्रयास किए हैं और अब पूरे देश को इसका समर्थन करने की जरूरत है।"
इस दौरान एएफसी एशियन कप के आधिकारिक स्लोगन के साथ-साथ 'उज्जवल भविष्य एक साथ' का लोगो भी जारी किया गया।
एआईएफएफ ने कहा, "बोली का लोगो, भारत की महत्वाकांक्षा, ध्यान और भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है। यह टूर्नामेंट भारतीय और एशियाई फुटबॉल के विकास में तेजी लाएगा। परिवर्तनकारी विरासत के साथ खेल के विकास को तेजी से पटरी पर ला रहा है। देश में जमीनी स्तर पर इसमें भागीदारी बढ़ रही है और एलीट प्रदर्शन को बढ़ावा मिल रहा है।"
--आईएएनएस