अंतरराष्ट्रीय
वाशिंगटन, 9 जुलाई | एक अमेरिकी अदालत ने 19 कंपनियों और कम से कम 15 अमेजन स्टोरफ्रंट, 10 ईबे स्टोरफ्रंट और कई अन्य संस्थाओं को चलाने वाले एक व्यक्ति पर आरोप लगाया है। इसने 1 बिलियन डॉलर के नकली सिस्को नेटवर्किं ग डिवाइस बेचे हैं।
न्यू जर्सी जिले में एक संघीय ग्रैंड जूरी ने मियामी के ओनूर अक्सॉय, उर्फ रॉन अक्सॉय, उर्फ डेव डर्डन (38) पर कई वर्षो से धोखाधड़ी और नकली सिस्को नेटवर्किं ग उपकरण में यातायात के लिए एक बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाने का आरोप लगाया है, जिसका अनुमानित खुदरा मूल्य 1 बिलियन डॉलर से अधिक है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने शुक्रवार देर रात एक बयान में कहा कि उसने चीन और हांगकांग से हजारों नकली सिस्को उपकरणों का आयात किया और उन्हें अमेरिका और विदेशों में ग्राहकों को बेच दिया, तथा उत्पादों को नए और वास्तविक के रूप में गलत तरीके से पेश किया।
ऑपरेशन ने कथित तौर पर 100 मिलियन डॉलर से अधिक राजस्व अर्जित किया और अक्सॉय को अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए लाखों डॉलर प्राप्त हुए।
अभियोग के अनुसार, उपकरण आमतौर पर पुराने, निम्न-मॉडल वाले उत्पाद थे, जिनमें से कुछ को बेच दिया गया था या त्याग दिया गया था, जिसे चीनी जालसाजों ने नए, उन्नत और अधिक महंगे सिस्को उपकरणों के वास्तविक संस्करण के रूप में संशोधित किया।
चीनी जालसाजों ने पायरेटेड सिस्को सॉ़फ्टवेयर और अनधिकृत, निम्न-गुणवत्ता या अविश्वसनीय पुर्जो को जोड़ा, जिसमें सिस्को द्वारा सॉ़फ्टवेयर लाइसेंस अनुपालन की जाँच करने और हार्डवेयर को प्रमाणित करने के लिए सॉ़फ्टवेयर में जोड़े गए तकनीकी उपायों को रोकने के लिए पुर्जे शामिल हैं।
न्याय विभाग ने कहा कि अंत में, सिस्को द्वारा उपकरणों को नया, वास्तविक, उच्च-गुणवत्ता और फैक्टरी-सील दिखाने के लिए, चीनी जालसाजों ने कथित तौर पर नकली सिस्को लेबल, स्टिकर, बॉक्स, दस्तावेजीकरण, पैकेजिंग और अन्य सामग्री को जोड़ा।
(आईएएनएस)
कराची, 9 जुलाई | कराची में पिछले तीन दिनों में बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को चार लोगों की करंट लगने से मौत हो गई और दो अन्य डूब गए।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को कराची और सिंध प्रांत के अन्य इलाकों में तेज हवाओं और गरज के साथ भारी बारिश हुई, जिससे शहरी बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के मुख्य मौसम विज्ञानी सरदार सरफराज ने डॉन को बताया कि कराची और सिंध के अन्य हिस्सों में बारिश जारी रहने की संभावना है, क्योंकि एक मजबूत मानसून प्रणाली थी और इसकी धाराएं अरब सागर से प्रवेश कर रही थीं।
शनिवार को एक ट्वीट में जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने कहा कि सिंध और बलूचिस्तान प्रांत 30 साल के औसत पर बहुत उच्च स्तर की वर्षा से गुजर रहे हैं।
देश के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि पिछले तीन हफ्तों में पाकिस्तान में लगातार बारिश के कारण कम से कम 97 लोग मारे गए हैं और 101 अन्य घायल हुए हैं।
इस बीच, मौसम कार्यालय ने ईद-उल-अजहा के दौरान और बारिश होने का अनुमान जताया है, जो रविवार को पूरे पाकिस्तान में मनाया जाएगा और अधिकारियों को सावधानी बरतने को कहा है।(आईएएनएस)
मेक्सिको सिटी, 9 जुलाई| मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट द्वारा जारी एक नए आव्रजन आदेश को बेकार और पिछड़ा बताया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने शुक्रवार को लोपेज ओब्रेडोर के हवाले से कहा, "यह एक विचलन आदेश है। हम इससे सहमत नहीं हैं। यह बेहद बेकार है और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है।"
एबॉट ने गुरुवार को कार्यकारी आदेश जारी कर राज्य बलों को प्रवासियों को पकड़ने और उन्हें यूएस-मेक्सिको सीमा पर वापस करने के लिए अधिकृत किया।
लोपेज ओब्रेडोर ने कहा कि राज्यपाल को कानूनी रूप से वह निर्णय लेने की अनुमति नहीं है, क्योंकि इसे अमेरिकी संघीय सरकार के साथ करना है।
उन्होंने कहा कि एबॉट के बयानों और कार्यो को नवंबर में राज्य चुनावों के लिए राजनीतिक अभियान के तहत तैयार किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा, "वे सनसनीखेज और पीत पत्रकारिता की तलाश में हैं, उन्हें लगता है कि इस तरह से उन्हें सहानुभूति मिलेगी।"
उन्होंने अमेरिका में चुनावी उद्देश्यों के साथ प्रवासी विरोधी अभियानों के अस्तित्व की भी आलोचना की, जिसे उन्होंने अनैतिक और राजनीति के रूप में वर्णित किया।
एबॉट के प्राधिकरण ने उन अन्य निर्णयों का पालन किया जो उन्होंने आप्रवास के लिए निर्णय लिए हैं, जिसने मेक्सिको और अमेरिका के बीच विवाद उत्पन्न किया है।
(आईएएनएस)
पूरी दुनिया और यूरोप में बच्चों का यौन शोषण बड़ी समस्या बन चुका है. बच्चों को पालने वाली दाई, पड़ोसी, शिक्षक और पिता तक इस मामले में दोषी पाए गए हैं. दुनिया के नेताओं ने इस समस्या को खत्म करने का संकल्प लिया है.
कुछ ही दिनों पहले दुनिया भर के नेता जर्मनी में आयोजित जी7 की बैठक में शामिल हुए थे. नेताओं ने इस शिखर सम्मेलन की अपनी अंतिम घोषणा में संकल्प लिया, "हम मानव तस्करी के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के साथ-साथ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से दुनिया भर में बच्चों को यौन शोषण से बचाने और उनका मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
बाल यौन शोषण से पीड़ित लोगों के समूह ‘ब्रेव मूवमेंट' से जुड़ी विबके मूलर ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा, "जब मैं छोटी बच्ची थी, तो मुझे किसी ने यौन हिंसा से नहीं बचाया. आज पहली बार, जी7 के नेताओं ने सामूहिक तौर पर बच्चों की सुरक्षा करने का संकल्प लिया है, जो सभी बच्चों के लिए जरूरी है.”
जर्मनी में बाल यौन शोषण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है. फेडरल क्रिमिनल पुलिस ऑफिस (बीकेए) के अनुसार, पिछले साल जर्मनी में हर दिन औसतन 49 नाबालिगों के साथ यौन हिंसा हुई. जारी आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में 14 साल से कम उम्र के 17,704 बच्चे यौन हिंसा का शिकार हुए. इनमें से 2,281 की उम्र छह साल से कम थी. वहीं, 2020 में यह आंकड़ा 16,990 था.
हाल ही में देश के पश्चिमी हिस्से में मौजूद कोलोन शहर से थोड़ी दूर पर स्थित वेर्मेल्सकिर्शेन में बाल यौन शोषण से जुड़ा एक मामला सामने आया. माना जा रहा है कि बच्चों की देखभाल करने वाले एक 44 वर्षीय पुरुष ने 12 छोटे बच्चों का यौन शोषण किया. इनमें दिव्यांग बच्चे भी शामिल थे. सबसे छोटे बच्चे की उम्र महज एक महीने रही होगी.
पुलिस ने इस आरोपी को गिरफ्तार किया है और इसके कंप्यूटर को जब्त कर लिया है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि उसने पैसे लेकर 70 से अधिक लोगों के साथ बच्चों के दुर्व्यवहार से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो को शेयर किया है. इस मामले में अभी भी जांच जारी है. नॉर्थ राइन वेस्टफालिया राज्य में पुलिस ने यौन शोषण से जुड़े कई बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है. कुछ अपराधी भी पकड़े गए हैं.
बाल यौन शोषण से जुड़े मामलों की देखरेख के लिए जर्मन सरकार ने नए स्वतंत्र आयोग का गठन किया है. इस आयोग की प्रमुख केस्टिन क्लाउस ने डीडब्ल्यू को बताया, "वेर्मेल्सकिर्शेन मामला इस तथ्य को दिखाता है कि डिजिटल मीडिया के प्रसार की वजह से, वीभत्स तरीके के हिंसा के मामले पहले की तुलना में ज्यादा सामने आ रहे है. हालांकि, डार्कनेट के इस्तेमाल से पहले भी ऐसी घटनाएं होती थीं. बस कल और आज में फर्क यह है कि आज हम साबित कर सकते हैं कि हिंसा हुई है.”
तेजी से हरकत में आने की जरूरत
पीड़ितों और अपराधियों को ढूंढना कोलोन पुलिस के साइबर क्राइम टास्क फोर्स का काम है. इसका नेतृत्व मार्कुस हाटमन करते हैं. वे एक वकील हैं. इन्होंने पिछले दो वर्षों में लगभग 9,900 संदिग्धों के खिलाफ 9,300 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं.
ऑनलाइन यौन हिंसा के बारे में कई सूचनाएं अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) से मिलती हैं. हाटमन के लिए जरूरी चीज यह है कि अपराधियों की तुरंत पहचान कर ली जाए, लेकिन उन्होंने कहा कि आईपी अड्रेस का पता चलने के काफी समय बाद जांचकर्ताओं को इसकी सूचना मिलती है. इस वजह से, देश की गृह मंत्री नैंसी फेजर ने ऐसे कदमों का समर्थन किया है जिसके तहत इंटरनेट की सेवा देने वाली कंपनियों को आईपी अड्रेस से जुड़ी जानकारी को लंबे समय तक सुरक्षित रखना होगा.
भारी भरकम आंकड़े
कमिश्नर क्लाउस इस बात पर जोर देती हैं कि पीड़ित ‘अक्सर महीनों और कई वर्षों तक उत्पीड़न करने वाले पर निर्भर होते हैं'. कभी-कभी उत्पीड़न करने वाला उनके परिवार का ही कोई सदस्य होता है, तो कभी उनका काफी नजदीकी व्यक्ति. वह कहती हैं कि रिपोर्ट नहीं किए गए मामलों की संख्या मौजूदा ज्ञात आंकड़ों के मुकाबले कई गुना ज्यादा हो सकती है. वह इसे ‘स्कैंडल' बताते हुए कहती हैं कि यह नहीं पता कि अभी और कितने मामलों की जानकारी सामने नहीं आयी है.
क्लाउस को सलाह देने वाले पीड़ितों ने बताया कि यौन हिंसा ‘अपराधियों के लिए सबसे सुरक्षित अपराधों में से एक है'. जांच के दौरान ही दो-तिहाई मामले बंद हो जाते हैं, खासकर उस स्थिति में जब अपराध करने वाले लोगों के बयान के सामने पीड़ितों के बयान को तवज्जो नहीं दी जाती.
हाटमन ने कहा कि वेर्मेल्सकिर्शेन में 30 से अधिक टेराबाइट डेटा जब्त किया गया था. एनआरडब्ल्यू साइबर अपराध इकाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल का इस्तेमाल करती है. इसकी मदद से, बच्चों के साथ दुर्व्यवहार से जुड़ी 90 फीसदी तस्वीरों की पहचान हो सकती है. इससे जांचकर्ता काफी कम समय में ज्यादा डेटा का विश्लेषण कर यह पता लगा पाते हैं कि क्या मौजूदा समय में किसी बच्चे के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है या नहीं. हालांकि, इन सब तस्वीरों और वीडियो की जांच इंसानों को ही करनी होती है, इसलिए ज्यादा कर्मचारियों और टूल की जरूरत है.
अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत
आंकड़े बताते हैं कि यूरोप बाल शोषण से जुड़ी तस्वीरों का केंद्र बन गया है. इसलिए, क्लाउस ने यूरोपीय आयोग के उस कदम का स्वागत किया है जिसके तहत राष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की संख्या बढ़ाने के लिए ईयू में एक सेंटर की स्थापना करने की योजना है. साथ ही, यूरोपीय आयोग ने पीड़ितों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से दुर्व्यवहार वाली तस्वीरों को हटाने की भी योजना बनाई है.
मार्कुस हाटमन भी चाहते हैं कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ना चाहिए. वह कहते हैं, "बाल्टिक देशों में मौजूद विशेष रूप से प्रशिक्षित साझेदारों के साथ काम करने से सफलता मिली है. कभी-कभी जर्मनी के सीमावर्ती देशों की तुलना में यूरोप की सीमा से बाहर के अन्य देशों के साथ तेजी से सहयोग मिलता है.”
कमिश्नर क्लाउस कहती हैं, "पिछले कुछ सालों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग यह मानने को तैयार नहीं हैं कि यौन शोषण की समस्या उनके आसपास के बच्चों को प्रभावित करती है. हम सभी पीड़ितों को जानते हैं, इसलिए हम अपराधियों को भी जानते हैं.”
बचपन में मिले आघात से छोटी हो सकती है जिंदगी
मनोवैज्ञानिक माथियास फ्रांत्स ने बाल शोषण के शिकार लोगों के साथ काम किया है. वह बताते हैं कि नवजात शिशुओं के दिमाग में भी उन घटनाओं की यादें हमेशा के लिए बैठ जाती हैं. इसके कारण उनके मस्तिष्क के एक विशेष हिस्से में डर और दर्द होता है.
फ्रांत्स बताते हैं, "अगर मैंने बचपन में बुरी चीजों का अनुभव किया, तो 40 साल बाद भी वे यादें ताजा हो सकती हैं. अगर मेरा बॉस मुझे डांटने वाली नजरों से देखता है, तो इससे मुझे यह याद आ सकता है कि मेरे पिता ने मुझे पीटने से पहले कैसे देखा था.”
वह आगे कहते हैं, "ऐसी स्थिति में तनाव बढ़ाने वाला हार्मोन रिलीज होता है. इससे पैनिक अटैक आ सकता है और दिल के दौरे के वजह से अस्पताल में जिंदगी खत्म हो सकती है.” फ्रांत्स कहते हैं कि अक्सर ऐसे मरीजों को फिर से घर भेज दिया जाता है. अगर वे भाग्यशाली रहे, तो डॉक्टर पैनिक अटैक का इलाज करने के बाद, उन्हें मनोचिकित्सक से परामर्श लेने का सुझाव दे सकते हैं.
वह आगे कहते हैं, "हमने गंभीर रूप से दुर्व्यवहार का सामना करने वाले बच्चों की स्थिति को लेकर लंबे समय तक किए गए अध्ययन की समीक्षा की है. इससे पता चलता है कि इनके मानसिक तौर पर बीमार होने या नशे के आदी होने की संभावना अधिक होती है. अध्ययन से यह बात भी सामने आयी है कि ऐसे बच्चों कि जिंदगी 20 साल तक कम हो सकती है.” फ्रांत्स का मानना है कि वयस्क पीड़ितों के लिए इलाज की सुविधा आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए.
अपराधियों पर शोध
जब अपराधी बेनकाब होते हैं, तो उनके सहयोगी और पड़ोसी अक्सर टिप्पणी करते हैं कि इन्हें देखकर तो ऐसा लगता ही नहीं था. मनोवैज्ञानिक माथियास फ्रांत्स बताते हैं कि कई अपराधियों में सहानुभूति की कमी होती है और वे कमजोर लोगों पर दबदबा बनाना चाहते हैं. वह कहते हैं, "ऐसा करके कुछ लोगों को एहसास होता है कि वे सबसे ज्यादा शक्तिशाली हैं.”
इंटरनेट की खुली दुनिया ऐसे मामलों को बढ़ाने का काम करती है. एक-दूसरे के अपराधों को देखकर अपराधियों को ऐसा लगता है कि वे सही काम कर रहे हैं. फ्रांत्स कहते हैं, "हमें इस पर और अधिक शोध करने की जरूरत है. अपराधी ऐसे कैसे हो जाते हैं? क्या इसका इलाज किया जा सकता है?”
रोकथाम और सुरक्षा
हाटमन की साइबर क्राइम टास्क फोर्स संभावित अपराधियों को चेतावनी देने के लिए सार्वजनिक सूचना अभियान भी चलाती है कि गलत काम करने पर वे पकड़े जा सकते हैं. जांचकर्ताओं ने यौन शोषण की रोकथाम के लिए कुछ कंटेंट भी तैयार किए हैं. इसके जरिए बताया गया है कि ग्रूमिंग क्या होती है. साथ ही, इसमें यह भी जानकारी दी गई है कि किस तरह कोई अपराधी पहले किसी बच्चे के साथ संपर्क करता है, ताकि लंबे समय तक उसके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए दबाव बना सके.
क्लाउस कहती हैं, "बच्चों, शिक्षकों और माता-पिता को शिक्षित करना महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल के लिए भी नियम बनाने चाहिए, जैसे, सुरक्षा से जुड़ी डिफॉल्ट सेटिंग, मदद की पेशकश की सीमा तय करना, उम्र से जुड़ी पाबंदियां, वेबसाइटों का मॉडरेशन वगैरह क्योंकि बच्चे यहां अकेले होते हैं.”
वह इस साल के अंत में एक अभियान शुरू करना चाहती हैं, ताकि लोगों को पता चले कि बच्चों को दुर्व्यवहार से बचाने में मदद कहां मिलेगी. यह ठीक उसी तरह है जैसे उन्हें पता रहता है कि आग लगने पर फायर अलार्म कहां से चालू किया जाता है.
भूटान में समलैंगिकता कभी अपराध हुआ करता था. हालांकि, अब स्थिति काफी बदल गई है. यहां 2021 से एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोगों को कई अधिकार मिलने शुरू हो गए, लेकिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि अभी काफी कुछ और करने की जरूरत है.
2021 में भूटान के राजा यानी ड्रुक ग्यालपो ने देश की दंड संहिता में संशोधन करने वाले कानून पर हस्ताक्षर किया. इसके बाद हिमालय की गोद में बसे छोटे से देश भूटान में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया. इससे पहले इस दंड संहिता के तहत, ‘सोडोमी यानी किसी भी तरह के अप्राकृतिक यौन संबंध' को अपराध घोषित किया गया था. इसमें समलैंगिक यौन संबंध भी शामिल था.
समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखने वाली धारा को निरस्त करने की सिफारिश करने वाले वित्त मंत्री नामगे शेरिंग ने कहा कि ये धाराएं देश की प्रतिष्ठा पर "दाग" बन गई थीं. उन्होंने कहा, "हमारे समाज में एलजीबीटीक्यू समुदाय को बड़े स्तर पर स्वीकृति मिल चुकी है.”
पिछले महीने, ताशी चोडेन चोंबल ने मिस भूटान 2022 का ताज अपने नाम किया था. वह मिस यूनिवर्स 2022 की प्रतियोगिता में भूटान का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली समलैंगिक महिला होंगी.
चोंबल ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार को दिए एक इंटरव्यू में बताया, "शुरुआत में, मेरे परिवार को मेरे यौन रुझान यानी सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारे में समझाना थोड़ा मुश्किल था, क्योंकि मैं एक बहुत ही 'सीधे' और रूढ़िवादी परिवार से आती हूं. अब चीजें बदल गई हैं. उन्होंने अब मुझे उस रूप में स्वीकार कर लिया है जैसी मैं हूं.”
एलजीबीटीक्यू के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना
भूटान की आबादी करीब 770,000 है. यहां की 75 फीसदी आबादी बौद्ध धर्म का पालन करती है. संविधान में इसे राजधर्म के तौर पर मान्यता दी गई है. बौद्ध दर्शन समलैंगिकता का विरोध नहीं करता है. हालांकि, समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के एक साल बाद, एलजीबीटीक्यू कार्यकर्ताओं का कहना है कि समुदाय के सदस्यों और उनकी चुनौतियों के बारे में अभी भी बहुत कम जागरूकता है.
क्वीर वॉयस भूटान से जुड़े कार्यकर्ता ताशी शेटेन ने डीडब्ल्यू को बताया, "एलजीबीटीक्यू समुदाय को लेकर कई तरह की गलतफहमियां हैं, जैसे कि समलैंगिकता एक विकल्प है. साथ ही, समुदाय से जुड़े अलग-अलग शब्दों के बारे में भी काफी कम जागरूकता है. लोगों को इनसे जुड़े शब्दों का मतलब नहीं पता है. लोग अभी भी इसके बारे में सीख रहे हैं. हालांकि, अपराध की श्रेणी से बाहर होने के बाद, अब वे खुले तौर पर इसके बारे में चर्चा कर रहे हैं और जानकारी पाने की कोशिश कर रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, "समुदाय के लोग अक्सर उस हिंसा या उत्पीड़न के बारे में बात नहीं करते हैं जिसका वे सामना करते हैं.” इसके अलावा, भूटान में समलैंगिक विवाह को अभी तक कानूनी रूप से मान्यता नहीं मिली है.
2008 से पहले तक भूटान में पूरी तरह राजशाही थी. इसके बाद, देश संवैधानिक राज्य में बदल गया. हालांकि, 2004 में ही दंड संहिता तैयार कर ली गई थी. कानून के जानकार डेमा लाम और स्टेनली येओ के शोध के मुताबिक, दंड संहिता का निर्माण अमेरिकी कानून प्रणाली के मुताबिक किया गया था. भूटान में सेक्स और "अप्राकृतिक सेक्स" पर रोक लगाने वाली धाराएं कुछ अन्य दक्षिण एशियाई देशों के कानूनों के मुताबिक बनाई गई थीं.
काफी ज्यादा प्रगति
समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर किए जाने से काफी समय पहले वर्ष 2015 में फिजियोथेरेपिस्ट पासंग दोरजी ने टीवी पर इंटरव्यू दिया था. उन्होंने 2016 में साल्ल्सबुर्ग ग्लोबल एलजीबीटी फोरम के दौरान कहा था, "टीवी पर आकर अपनी कहानी बताते हुए, मुझे लगा कि युवा पीढ़ी प्रेरित थी. मुझे मुख्य रूप से यह बताना था कि हमारा एलजीबीटी समुदाय हमारे खूबसूरत हिमालयी देश में मौजूद है, जहां हम सकल आर्थिक उत्पाद से ज्यादा खुशी को तवज्जो देते हैं. वह भूटान के एलजीबीटी समुदाय के लिए चुप्पी तोड़ने वाला क्षण था.”
क्वीयर से जुड़े मुद्दों के बारे में बोलना अब आसान हो गया है, क्योंकि कानून में बदलाव होने की वजह से अब इसकी वकालत करने और इसे लेकर जागरूकता बढ़ाने का मंच मिल गया है.
शेटेन ने कहा, "सरकारी स्तर पर अब हमारे समुदाय की स्वीकार्यता बढ़ गई है. नागरिक समाज खुल रहा है. इसलिए, काफी ज्यादा प्रगति हुई है. अपराध की श्रेणी से बाहर होने के बाद, युवा पीढ़ी अब खुलकर समलैंगिकता पर बातें कर रही है. वे एलजीबीटी मुद्दों के बारे में बात करते हैं और खुलकर अपनी बात रखते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, पुरानी पीढ़ी के क्वीयर लोगों के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता, जिन्होंने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर किए जाने से पहले ही अपनी पहचान जाहिर की थी. उन्हें काफी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा. समाज में उन्हें कलंक के तौर पर माना गया. हर किसी के लिए उसका अनुभव अलग है.”
सैन फ्रांसिस्को, 9 जुलाई | टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने 44 अरब डॉलर के अधिग्रहण सौदे को समाप्त कर दिया है, इसको लेकर अब माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने शनिवार को घोषणा की वह मस्क पर मुकदमा दर्ज करेगा। एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए मस्क की कानूनी टीम ने यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि वह सौदे को समाप्त कर रहा है, क्योंकि ट्विटर उनके समझौते के भौतिक उल्लंघन में था और बातचीत के दौरान झूठे और भ्रामक बयान दिए थे।
ट्विटर के अध्यक्ष ब्रेट टेलर ने एक ट्वीट में कहा, "बोर्ड मस्क के साथ सहमत कीमत और शर्तो पर लेनदेन को बंद करने के लिए प्रतिबद्ध है और विलय समझौते को लागू करने के लिए कानूनी कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।"
उन्होंने कहा, "हमें विश्वास है कि हम डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी में जीत हासिल करेंगे।"
मस्क ने प्लेटफॉर्म पर स्पैमी/फर्जी खातों और बॉट्स की वास्तविक संख्या पर सौदे को रोक दिया था। इस सबको लेकर ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल से जवाब मांगा।
ट्विटर ने गुरुवार को दावा किया था कि वह एक दिन में 10 लाख से अधिक स्पैम खातों को निलंबित कर रहा है।
ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल ने पिछले अपडेट में कहा था कि यह प्लेटफॉर्म एक दिन में 500,000 स्पैम खातों को हटा रहा है।
अग्रवाल ने मई में ट्वीट करके बताया था कि टीम हर दिन पांच लाख से अधिक स्पैम खातों को निलंबित करती है।
कंपनी के सामान्य वकील, सीन एडगेट ने कर्मचारियों को विलय के बारे में किसी भी टिप्पणी को ट्वीट करने, स्लैक करने या साझा करने से बचने के लिए कहा है।
एडगेट ने आगे लिखा, "मुझे पता है कि यह एक अनिश्चित समय है और हम आपके धैर्य और हमारे द्वारा चल रहे महत्वपूर्ण कार्य के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं।"
(आईएएनएस)
टोक्यो, 9 जुलाई| टेक दिग्गज सोनी अगले महीने अपनी प्लेस्टेशन स्टोर सेवा पर सैकड़ों फिल्मों और टीवी शो तक पहुंच को हटा रही है, जिसका अर्थ है कि पहले पैडिंगटन और द हंगर गेम्स जैसे खिताब के लिए भुगतान करने वाले उपयोगकर्ता अब उन्हें नहीं देख पाएंगे। द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, दो क्षेत्रीय साइटों पर पोस्ट किए गए कानूनी नोटिस के अनुसार, शटडाउन जर्मनी और ऑस्ट्रिया में यूजर्स को प्रभावित करता है और स्टूडियोकैनल द्वारा निर्मित फिल्मों को कवर करता है।
सोनी द्वारा अपने डिजिटल स्टोर से मूवी और टीवी शो की खरीदारी बंद करने के ठीक एक साल बाद 31 अगस्त को शटडाउन लागू होगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उस समय सोनी ने कहा था कि उसके ग्राहक पहले से खरीदे गए कंटेंट तक पहुंच पाएंगे।
शटडाउन एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि जब आप डिजिटल रूप से एक शीर्षक 'खरीदते' हैं, तब भी आपका स्वामित्व अक्सर एक रिटेलर पर निर्भर करता है जो मौजूद रहता है और सही लाइसेंसिंग सौदे होते हैं।
(आईएएनएस)
अरुल लुइस
संयुक्त राष्ट्र, 9 जुलाई| भारत ने युद्धग्रस्त सीरिया के कुछ हिस्सों तक सहायता पहुंचाने के लिए पश्चिमी देशों द्वारा प्रायोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के लिए मतदान किया है और रूस द्वारा प्रस्तावित प्रति-प्रस्ताव पर मतदान में भाग नहीं लिया है। प्रति-प्रस्ताव वीटो के कारण पास नहीं हो सका।
बाब अल-हवा शुक्रवार को सीमा क्रॉसिंग का उपयोग करके सीरिया में विद्रोही-नियंत्रित क्षेत्रों में तुर्की के माध्यम से 40.1 लाख लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजने का प्रतिस्पर्धी प्रस्ताव रखा।
परिषद में विवाद इस बात पर केंद्रित था कि क्रॉसिंग का उपयोग करने के लिए रविवार को समाप्त होने वाले जनादेश को कब तक और कैसे बढ़ाया जाए और इसने यूक्रेन युद्ध द्वारा तेज किए गए संयुक्त राष्ट्र में असंबद्ध ध्रुवीकरण को फिर से सामने लाया।
सीमा के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र सहायता भेजने के लिए परिषद के जनादेश के 12 महीने के विस्तार के लिए नॉर्वे और आयरलैंड द्वारा प्रस्तावित पहला प्रस्ताव रूस द्वारा वीटो कर दिया गया था।
इसने मॉस्को के अलगाव को दिखाया, यहां तक कि चीन ने भी परहेज किया, जबकि अन्य 13 सदस्यों ने इसके लिए मतदान किया।
इसके बाद, केवल छह महीने के लिए जनादेश का विस्तार करने के एक रूसी प्रस्ताव को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा ट्रिपल वीटो द्वारा खारिज कर दिया गया था।
केवल चीन ने प्रस्ताव के लिए रूस के साथ मतदान किया, जबकि अन्य 10 देशों ने भाग नहीं लिया।
भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए परिषद की बैठक में बात नहीं की।
लेकिन केन्या के स्थायी प्रतिनिधि मार्टिन किमानी ने भारत और परिषद के अन्य नौ अस्थायी सदस्यों की ओर से बोलते हुए कहा कि उन्होंने सीमा पार का उपयोग करने की व्यवस्था के 12 महीने के विस्तार का समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि 10 देश सीरियाई लोगों के लिए परिषद में एकता चाहते हैं।
रूस ने सैद्धांतिक रूप से सीरिया के लोगों को सहायता दिए जाने का विरोध किया है, हालांकि अंतर्राष्ट्रीय दबाव में उसने संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में सीमा पार से सहायता की अनुमति दी है।
इसके पहले के वीटो ने इराक और जॉर्डन के माध्यम से तुर्की सीमा पर डिलीवरी बंद कर दी थी।
विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में फंसे लोग अंतर्राष्ट्रीय सहायता के लिए एकमात्र सीमा पार पर निर्भर हैं। उन्हें भोजन, दवा, बच्चों के लिए आपातकालीन पोषण और यहां तक कि सर्दियों के लिए कंबल भी शामिल हैं।
पश्चिमी देश, अन्य सात अस्थायी सदस्यों के समर्थन के साथ 12 महीने के विस्तार पर जोर देते हुए कहते हैं कि यह प्रभावी योजना और रसद के लिए जरूरी था।
नॉर्वे की स्थायी प्रतिनिधि मोना जुल ने कहा कि एक समझौते के रूप में उनके देश और आयरलैंड द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव ने छह महीने के विस्तार के दो खंडों का प्रावधान किया था।
दूसरा विस्तार इस शर्त पर था कि इसका कोई विरोध नहीं था।
अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने आयरलैंड-नॉर्वे के मसौदे को 'एक चरम समझौता' कहा और कहा कि यह जीवन और मृत्यु का मुद्दा था और दुखद है कि रूस के वीटो के कारण लोग मर जाएंगे।
रूस के उप स्थायी प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने प्रतिवाद किया कि छह महीने के विस्तार के लिए उनके प्रस्ताव ने जनादेश को जारी रखने के लिए प्रदान किया और इसमें वह सब शामिल था जो थॉमस-ग्रीनफील्ड चाहते थे।
आयरलैंड-नॉर्वे के प्रस्ताव पर अपना विरोध व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसने दमिश्क के हितों की अनदेखी की, जिसका अर्थ बशर अल-असद सरकार है।
उन्होंने इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह के कब्जे वाले कुछ क्षेत्रों का भी उल्लेख किया और व्यंग्यात्मक रूप से कहा, "जहां तक इदलिब में घुसे आतंकवादियों का सवाल है, आपको वैसे भी उन्हें प्रदान करने के अवसर मिले हैं।"
संयुक्त अरब अमीरात के स्थायी प्रतिनिधि लाना जकी नुसीबेह ने नौ महीने के विस्तार के समझौते का प्रस्ताव रखा, जिसे ब्राजील, केन्या और घाना का समर्थन प्राप्त था।
आयरलैंड के स्थायी प्रतिनिधि ने सुझाव के बाद अधिक वार्ता आयोजित करने के लिए सत्र को स्थगित करने का सुझाव दिया और इसे ब्राजील के स्थायी प्रतिनिधि रोनाल्डो कोस्टा फिल्हो ने स्वीकार कर लिया, जो इस महीने के लिए परिषद के अध्यक्ष हैं।
(आईएएनएस)
पेरिस, 9 जुलाई | पिछले 24 घंटों में 74 अतिरिक्त घातक घटनाओं के बाद फ्रांस में कुल कोविड-19 की मौत का आंकड़ा 150,000 को पार कर गया है, इस बात की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय से सामने आई है । शनिवार की सुबह तक देशभर में मरने वालों की संख्या 1,50,017 थी, जबकि मामलों की संख्या 32,115,604 तक पहुंच गया।
मंत्रालय ने कहा कि एक सप्ताह में कोविड-19 जांचों की संख्या 30 लाख तक पहुंच गई और इस सप्ताह संक्रमित होने वाले 16 से 25 वर्ष के बच्चों की संख्या में 60 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
देश में महामारी की चपेट में आने के दो साल बाद 11 मार्च को फ्रांस में कोविड की कुल मौतों की संख्या 140,000 हो गई। (आईएएनएस)
कोलंबो, 9 जुलाई। श्रीलंका में शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों से पहले कर्फ्यू हटा लिया है।
यह कर्फ्यू सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोलंबो सहित देश के पश्चिमी प्रांत में सात संभागों में लगाया गया था।
पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं। यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था।
पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) सी डी विक्रमरत्ने ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा, ‘‘जिन क्षेत्रों में पुलिस कर्फ्यू लागू किया गया है, वहां रहने वाले लोगों को अपने घरों में ही रहना चाहिए और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’’
श्रीलंका के बार एसोसिएशन ने पुलिस कर्फ्यू का विरोध करते हुए इसे अवैध और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया।
बार एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘इस तरह का कर्फ्यू स्पष्ट रूप से अवैध है और हमारे देश के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है जो अपने मूल अधिकारों की रक्षा करने में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनकी सरकार की विफलता को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग ने पुलिस कर्फ्यू को मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन बताया है।
श्रीलंका के मानवाधिकार आयोग ने एक वक्तव्य में कहा,“मानवाधिकार आयोग सूचित करता है कि पुलिस महानिरीक्षक द्वारा मनमाने ढंग से पुलिस कर्फ्यू लगाना अवैध है। यह आईजीपी को इस अवैध आदेश को वापस लेने का निर्देश देता है जो लोगों के मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है।”
गौरतलब है कि श्रीलंका मौजूदा समय में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। (भाषा)
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे की हत्या पर चार देशों के अंतरराष्ट्रीय संगठन 'क्वाड' के नेताओं ने जारी एक संयुक्त बयान में गहरा दुख जताया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन 'व्हाइट हाउस' की ओर से जारी इस संयुक्त बयान में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि वे शिंज़ो आबे की हत्या से सदमे में हैं.
इस बयान के अनुसार, ''हम, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका के नेता, पूर्व जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे की दुखद हत्या से स्तब्ध हैं. प्रधानमंत्री आबे जापान के लिए और हमारे हर देश के साथ जापान के संबंधों के लिहाज़ से बदलाव लाने वाले एक नेता थे.''
इसमें आगे कहा गया है, ''उन्होंने क्वाड की साझेदारी को स्थापित करने में भी एक रचनात्मक भूमिका निभाई और आज़ाद और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए एक साझा नज़रिए को आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किया.''
नेताओं ने कहा है, ''दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं जापान के लोगों और प्रधानमंत्री किशिदा के साथ हैं. हम प्रधानमंत्री आबे की यादों का सम्मान, इस क्षेत्र को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने की दिशा में अपने काम को दोगुना करके करेंगे.''
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के दबदबे को संतुलित करने के लिए दुनिया के चार देशों अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक संगठन है.
शुक्रवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे की देश के पश्चिमी हिस्से नारा की एक सड़क पर भाषण देने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
उसके बाद अस्पताल में उनका निधन हो गया. वो जापान के उच्च सदन के लिए होने वाले चुनावों के लिए प्रचार कर रहे थे. ऐसी ख़बरें थीं कि गोली लगने के बाद आबे को कार्डियक अरेस्ट भी हुआ था. (bbc.com)
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गर्भपात पर लगाई गई रोक के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने गर्भपात के अधिकार की बहाली के लिए एक संघीय क़ानून बनाए जाने की वकालत की है.
इसके अलावा शुक्रवार को उन्होंने प्रजनन स्वास्थ्य सुविधाओं तक लोगों की पहुंच को सुरक्षित करने वाले एक 'कार्यकारी आदेश' पर भी दस्तख़त कर दिया है.
इसका एलान करते हुए जो बाइडन ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट के 'रो बनाम वेड' केस के फ़ैसले को पलटने के बाद आज मैंने महिलाओं के प्रजनन अधिकारों की रक्षा के लिए एक कार्यकारी आदेश पर दस्तख़त कर दिए हैं.''
उन्होंने कहा, ''यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ठीक बाद मैंने जिन क़दमों का एलान किया था, उसे औपचारिक रूप देता है. इससे महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए नए उपाय जुड़ जाएंगे.''
एलान के वक़्त राष्ट्रपति बाइडन के साथ उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और स्वास्थ्य मंत्री जेवियर बेसेरा भी मौजूद थे.
अभी से क़रीब दो हफ़्ते पहले 24 जून को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात का अधिकार देने वाले 1973 के ऐतिहासिक 'रो बनाम वेड' केस के अपने फ़ैसले को पलटते हुए गर्भपात को अवैध क़रार दे दिया था.
और क्या कहा बाइडन ने
उन्होंने गर्भपात पर हाल के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर कहा, ''इस अदालत ने साफ़ कर दिया है कि वह महिलाओं के अधिकारों की रक्षा नहीं करेगी. लेकिन मैं उनके अधिकारों की रक्षा करूंगा.''
उन्होंने कहा, ''इसलिए मैं आज प्रजनन स्वास्थ्य सुविधाओं तक लोगों की पहुंच को सुरक्षित करने वाले एक 'कार्यकारी आदेश' पर दस्तख़त कर रहा हूं.''
राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, ''कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्य चाहते हैं कि गर्भपात अवैध हो, लेकिन मैं आपको कुछ बता दूं कि जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, मैं ऐसे किसी भी प्रयास को वीटो करूंगा. मुझे परवाह नहीं है कि वे क्या करने की कोशिश करते हैं. मैं इसे कभी क़ानून नहीं बनने दूंगा.''
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साथ मिलकर रिपब्लिकन सदस्यों को लोगों की स्वतंत्रता को छीनने वाले एजेंडे को आगे नहीं बढ़ाने देंगे. (bbc.com)
(योषिता सिंह)
न्यूयॉर्क/संयुक्त राष्ट्र, 9 जुलाई। जापान के साथ क्वॉड समूह की स्थापना करने वाले देशों भारत, ऑस्ट्रेलिया, और अमेरिका के नेताओं ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उन्होंने समूह की स्थापना में 'रचनात्मक भूमिका' निभाई और मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने को लेकर अथक प्रयास किए।
आबे (67) को शुक्रवार को पश्चिमी जापान के नारा में प्रचार भाषण के दौरान पीछे से गोली मार दी गई थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी सांसें और दिल की धड़कनें नहीं चल रही थीं। बाद में अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
स्वास्थ्य कारणों से 2020 में पद छोड़ने से पहले आबे जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे थे।
शुक्रवार को व्हाइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हम, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका के नेता जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या को लेकर स्तब्ध हैं।'
नेताओं ने आबे को जापान के लिए और तीनों देशों के साथ जापान के अलग-अलग संबंधों के लिए एक 'परिवर्तनकारी नेता' करार दिया।
नेताओं ने कहा, 'उन्होंने (आबे) क्वॉड समूह की स्थापना में भी एक रचनात्मक भूमिका निभाई और एक मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए साझा दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने को लेकर अथक प्रयास किए।'
आबे चीन के बढ़ते प्रभाव और सैन्य ताकत का मुकाबला करने के उद्देश्य से बनाए गए क्वॉड समूह के वास्तुकारों में से एक थे।
चार देशों ने 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का मुकाबला करने के लिए 'क्वॉड' की स्थापना करने के लंबे काफी समय से लंबित प्रस्ताव को आकार दिया था।
क्वॉड नेताओं ने 'एक शांतिपूर्ण व समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में अपने प्रयासों को दोगुना करके' आबे की स्मृति का सम्मान करने का संकल्प लिया और कहा कि दुख की इस घड़ी में उनकी संवेदनाएं जापान के लोगों और प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ हैं।
आबे की हत्या पर दुनिया भर के नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि वह आबे की 'भयावह हत्या' से बहुत दुखी हैं।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि आबे को बहुपक्षवाद के रक्षक, सम्मानित नेता और संयुक्त राष्ट्र के समर्थक के रूप में याद किया जाएगा। बयान में कहा गया, 'महासचिव शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देने, सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में काम करने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा की वकालत करने के लिए शिंजो आबे की प्रतिबद्धता को याद करते हैं। सबसे लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री रहे आबे देश की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने और जापान के लोगों की सेवा करने के लिए समर्पित थे।' (भाषा)
सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका), 9 जुलाई। टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क ने ट्विटर के बोर्ड को शुक्रवार को बताया कि वह इसके अधिग्रहण का समझौता खत्म कर रहे हैं, जिसके बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट को 44 अरब डॉलर में खरीदने का उनका समझौता खटाई में पड़ता दिख रहा है।
ट्विटर ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या ट्विटर बोर्ड समझौता खत्म करने के लिए एक अरब डॉलर की क्षतिपूर्ति राशि लगाएगा या इस समझौते को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।
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या मंचों में से एक ट्विटर के बीच नाटकीय ढंग से हुए समझौते में यह नया मोड़ है। 9.5 करोड़ से अधिक फॉलोअर वाले मस्क ने ट्विटर पर भड़कते हुए कहा था कि वह स्वतंत्र अभिव्यक्ति के मंच के तौर पर अपनी क्षमता पर खरा उतरने में नाकाम रहा है।
शुक्रवार को ट्विटर के शेयर पांच प्रतिशत तक गिरकर 36.81 डॉलर पर पहुंच गए। इस बीच, टेस्ला का शेयर 2.5 प्रतिशत की उछाल के साथ 752.29 डॉलर पर पहुंच गया।
प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग को लिखे पत्र में मस्क ने कहा कि ट्विटर ने इस समझौते को लेकर ‘‘अपने दायित्वों का पालन नहीं किया’’ है और साथ ही वह फर्जी या स्पैम खातों की संख्या नहीं बता पाया है। (एपी)
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में वित्त मंत्री रहे ऋषि सुनक ने घोषणा की है कि वे कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री बनने के लिए खड़े होंगे.
ऋषि सुनक ने मंगलवार को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके साथ इस्तीफा देने वालों में स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद भी शामिल थे.
दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. जिसके बाद बोरिस जॉनसन सरकार से इस्तीफों की लहर शुरू हो हुई थी.
आखिर में गुरुवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देना पड़ा.
अपने संबोधन की शुरुआत में जॉनसन ने कहा कि नए नेता को चुनने की प्रक्रिया अब शुरू होनी चाहिए और इसका टाइम-टेबल अगले सप्ताह शुरू हो जाएगा.
जॉनसन ने कहा कि जब तक कोई नया नेता नहीं आ जाता, वह पीएम पद पर बने रहेंगे. (bbc.com)
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे की शुक्रवार को हत्या के बाद पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. पुलिस का कहना है कि 41 साल का संदिग्ध तेत्सुया यामागामी को जहां शूटिंग हुई वहां से पकड़ा गया है. शिंजो आबे की स्थानीय समय अनुसार 17:03 पर मृत्यु हुई.
पुलिस का कहना है कि उनकी मौत के बाद ये मामला हत्या की जांच में बदल गया है. जांच के लिए 90 लोगों की एक टास्कफोर्स बनाई गई है.
पुलिस के अनुसार संदिग्ध तेत्सुया यामागामी ने पूर्व पीएम पर गोली चलाने की बात स्वीकार की है. उसने अधिकारियों को बताया कि उसने हत्या के लिए घर में बनी बंदूक का इस्तेमाल किया था.
पुलिस के मुताबिक संदिग्ध शूटर ने बताया कि उसे एक खास संगठन से शिकायत है और वो मानता है कि शिंज़ो आबे उस संगठन का हिस्सा थे. इसलिए उसने उन्हें गोली मार दी.
हमले से कुछ क्षण पहले ली गई एक तस्वीर में, कथित बंदूकधारी को शिंजो आबे के पीछे एक काले बैग के साथ एक ग्रे टी-शर्ट में खड़ा देखा जा सकता हैImage caption: हमले से कुछ क्षण पहले ली गई एक तस्वीर में, कथित बंदूकधारी को शिंजो आबे के पीछे एक काले बैग के साथ एक ग्रे टी-शर्ट में खड़ा देखा जा सकता है
संदिग्ध के घर से हथियार बरामद
संदिग्ध तेत्सुया यामागामी के घर की तलाशी के बाद पुलिस को हमले में इस्तेमाल किए गए हथियार जैसे हाथ से बने कई हथियार मिले हैं जिसे जब्त कर लिया गया है.
अधिकारियों का कहना है कि हाथ से बने हथियारों के अलावा कई विस्फोटक भी मिले हैं जिसकी वजह से आसपास के इलाके को तब तक खाली करने के लिए कहा गया है जब तक कि इलाके को सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता.
पुलिस ने कहा कि बंदूक को धातु और लकड़ी जैसे सामान को मिलाकर बनाया गया था.
वहीं पुलिस ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि बंदूक को 3डी प्रिंटर का इस्तेमाल कर बनाया गया था. साथ ही पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि ये हमला संदिग्ध ने अकेला किया था या इसमें उसका किसी ने साथ दिया था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस से उस कार्यक्रम की सुरक्षा के बारे में भी सवाल किए गए जिसमें शिंज़ो आबे भाषण दे रहे थे.
एक पत्रकार ने पूछा कि जब शिंज़ो आबे भाषण दे रहे थे तो वहां लोगों के खड़ा और चलने के लिए जगह क्यों थी. इस पर पुलिस का कहना है कि इसमें गलती किसकी है या इसके लिए कौन जिम्मेदार है उसके लिए जांच जरूरी है.
शिंज़ो आबे पर हमला
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे पर शुक्रवार को देश के पश्चिमी हिस्से नारा में तब हमला हुआ जब वह एक सड़क पर भाषण दे रहे थे.
शिंज़ो आबे की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा था कि आबे को पीछे से गोली मारी गई थी.
जापानी मीडिया में यह भी कहा जा रहा है कि गोली लगने के बाद आबे को कार्डियक अरेस्ट हुआ. जापान टाइम्स के अनुसार, गोली लगने के कारण आबे की गर्दन ज़ख़्मी हुई थी और सीने के भीतर ब्लीडिंग भी हुई.
पुलिस ने 41 साल के संदिग्ध हमलावर को पकड़ लिया है. संदिग्ध हमलावर को नारा के निशी पुलिस स्टेशन पर ले जाया गया है. जापानी मीडिया के अनुसार, हमलावर मैरीटाइम सेल्फ़-डिफेंस फ़ोर्स का मेंबर है.
संदिग्ध हमलावर की पहचान तेत्सुया यामागामी के रूप में की गई है. वह नारा सिटी का ही रहने वाला है. जापान के सरकारी प्रसारक एनचके के अनुसार, हमलावर ने हैंडमेड गन से गोली मारी थी.
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे पर शुक्रवार को देश के पश्चिमी हिस्से नारा में तब हमला हुआ जब वह एक सड़क पर भाषण दे रहे थे.
शिंज़ो आबे की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा था कि आबे को पीछे से गोली मारी गई थी.
जापानी मीडिया में यह भी कहा जा रहा है कि गोली लगने के बाद आबे को कार्डियक अरेस्ट हुआ. जापान टाइम्स के अनुसार, गोली लगने के कारण आबे की गर्दन ज़ख़्मी हुई थी और सीने के भीतर ब्लीडिंग भी हुई.
पुलिस ने 41 साल के संदिग्ध हमलावर को पकड़ लिया है. संदिग्ध हमलावर को नारा के निशी पुलिस स्टेशन पर ले जाया गया है. जापानी मीडिया के अनुसार, हमलावर मैरीटाइम सेल्फ़-डिफेंस फ़ोर्स का मेंबर है.
संदिग्ध हमलावर की पहचान तेत्सुया यामागामी के रूप में की गई है. वह नारा सिटी का ही रहने वाला है. जापान के सरकारी प्रसारक एनचके के अनुसार, हमलावर ने हैंडमेड गन से गोली मारी थी. (bbc.com)
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे पर शुक्रवार को देश के पश्चिमी हिस्से नारा में तब हमला हुआ जब वह एक सड़क पर भाषण दे रहे थे. उसके बाद अस्पताल में उनका निधन हो गया.
वो जापान के अपर हाउस के लिए होने वाले चुनावों का प्रचार कर रहे थे. ऐसी ख़बरें थीं कि गोली लगने के बाद आबे को कार्डियक अरेस्ट भी हुआ था. गोली लगने के कारण आबे की गर्दन ज़ख़्मी हुई थी और उनके सीने के भीतर भी ब्लीडिंग हुई थी.
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने शिंज़ो आबे पर बयान देते हुए आज सुबह कहा था, "मैं दिल से दुआ कर रहा हूँ कि आबे ठीक हो जाएं. मैं इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ. लोकतंत्र में ऐसी हिंसा की कोई जगह नहीं है."
लेकिन उसके बाद जापान के सरकारी मीडिया ने सूचना दी कि आबे की अस्पताल में मौत हो गई है.
जापानी सियासत के प्रिंस
जापान के पूर्व विदेश मंत्री शिनतारो आबे के पुत्र शिंज़ो आबे को वहां की राजनीति में प्रिंस कहा जाता था. वो एक तरह से जापान की सियासत में छाए रहने वाले परिवार से आते थे. उनके दादा नोबुसुके किशी जापान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
आबे पहली बार 1993 में सांसद बने थे. साल 2005 में वे प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी की कैबिनेट में मंत्री बनाए गए थे. उन्हें चीफ़ कैबिनेट सचिव जैसा बहुत ही अहम रोल दिया गया था.
साल 2006 में वे दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने. लेकिन एक के बाद एक स्कैंडल उनकी सरकार का पीछा करते रहे. इसके बाद जुलाई 2007 में उनकी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को अपर हाउस में काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ा था.
और उसी साल सितंबर में उन्होंने बीमारी की वजह से अपना पद छोड़ दिया था. साल 2012 में आबे प्रधानमंत्री की गद्दी पर दोबारा लौटे. उन्होंने घोषणा की कि इलाज के बाद अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
इसके बाद साल 2014 और 2017 में वे फिर प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए. जापान में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम था.
पीएम की कुर्सी पर रहने के दौरान शिज़ो आबे की लोकप्रियता में कई उतार-चढ़ाव आए. लेकिन लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी पर आबे की मज़बूत पकड़ की वजह से उनकी गद्दी को चुनौती देने वाला कोई नहीं था.
इतना ही नहीं पार्टी ने अपने संविधान में संशोधन कर, उन्हें पार्टी प्रमुख के तौर पर तीसरे कार्यकाल का अवसर दिया था.
आबे की ज़िंदगी पर एक नज़र
जापान के पूर्व विदेश मंत्री शिनतारो आबे के पुत्र थे शिंज़ो आबे.
उनको वहां की राजनीति में प्रिंस कहा जाता था. उनके दादा नोबुसुके किशी जापान के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
आबे पहली बार 1993 में सांसद बने. साल 2005 में वे प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइज़ुमी की कैबिनेट में मंत्री बने.
साल 2006 में वे दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने.
साल 2012 में आबे प्रधानमंत्री की गद्दी पर दोबारा लौटे.
साल 2014 और 2017 में वे फिर प्रधानमंत्री पद के लिए चुने गए.
जापान में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम था.
आबे के जीवन का सबसे बड़ा मक़सद जापान की मिलिट्री ताक़त को पुनर्स्थापित करना था.
शिंज़ो आबे जिस तरह से अर्थव्यस्था पर नीति अपनाते थे उसे दुनिया ने 'आबेनॉमिक्स' का नाम दिया था.
स्वास्थ्य कारणों से 28 अगस्त 2020 को आबे ने त्यागपत्र देने की घोषणा की.
8 जुलाई 2022 को जापान के नारा शहर में उन पर हमला हुआ जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफ़ा
शिंज़ो आबे रक्षा और विदेश मामलों में काफ़ी आक्रामक रुख़ के लिए जाने जाते थे. आबे चाहते थे कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद लागू हुए जापान के शांतिवादी संविधान को संशोधित किया जाए.
उनके राष्ट्रवादी विचार अक्सर चीन और दक्षिण कोरिया के साथ जापान के संबंधों में तनाव पैदा करते थे.
वर्ष 2013 में उन्होंने टोक्यो स्थित यासुकुनी मंदिर का दौरा किया था. ये मंदिर दूसरे विश्व युद्ध से पहले और उसके दौरान जापान के सैन्यीकरण का प्रतीक रहा है. यही कारण था कि उनका ये दौरा विवादों में घिर गया था.
साल 2015 में आबे ने आत्मरक्षा के अधिकार की वकालत की ताकि जापानी सेना को अपने देश और अन्य सहयोगी देशों की रक्षा के लिए तैनात किया जा सके.
जापान की जनता और पड़ोसी देशों ने इस सैन्यीकरण का मज़बूत विरोध किया. लेकिन विरोध को दरकिनार करते हुए जापानी संसद ने इस विवादास्पद परिवर्तन पर मुहर लगा दी.
आबे के जीवन का सबसे बड़ा मक़सद जापान की मिलिट्री ताक़त को पुनर्स्थापित करना था. उनका ये ख़्वाब अब भी अधूरा ही है. और वैसे भी ये विषय जापान की सियासत में एक बेदह विभाजक मुद्दा है.
अर्थव्यवस्था की चुनौतियां
लेकिन आबे सिर्फ़ जापान की सैनिक ताक़त को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के लिए ही नहीं जाने जाएंगे, वे अर्थव्यस्था पर अपनी अलग फ़िलॉसफ़ी के लिए भी जाने जाएंगे.
शिंज़ो आबे जिस तरह से अर्थव्यस्था पर नीति अपनाते थे उसे दुनिया ने 'आबेनॉमिक्स' का नाम दिया था. आबेनॉमिक्स के सिंद्धात में अर्थव्यस्था को अतिरिक्त मदद देना और ढांचागत सुधार करना शामिल है.
उनके इन्हीं क़दमों के ज़रिए, पहले कार्यकाल में जापान की विकास दर बढ़ी लेकिन इसके बाद अर्थव्यस्था धीमी पड़ गई. कई जानकार आबेनॉमिक्स के प्रभावी होने पर सवाल उठाते रहे हैं.
अर्थव्यवस्था को संभालने की उनकी कोशिश 2020 में विफल होती दिखी. साल 2015 के बाद पहली बार जापान ने आर्थिक मंदी के दौर प्रवेश किया.
इसके बाद सारी दुनिया कोविड की चपेट में आ गई. आबे पर कोविड से कारगर तरीके से न निपट पाने के आरोप लगे.
कोविड से बचाव के लिए जापान की सरकार ने देश भर में फ़ेस मास्क बाँटे थे जिन्हें आबेनॉमास्क्स कहा जाता था. मास्क छोटे होने और इनके देरी से जनता के बीच पहुँचने के कारण इनकी ख़ूब आलोचना हुई.
उनके आलोचक ये भी कहते रहे हैं कि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के अभियानों के कारण जापान में कोविड की हालत और बदतर हुई है.
अफ़वाहें और इस्तीफ़ा
अगस्त 2020 से ही शिंज़ो आबे की सेहत के बारे में कई तरह की अफ़वाहें उड़नी शुरू हो गई थीं. एक पत्रिका ने दावा किया था कि आबे को अपने दफ़्तर में ही ख़ून की उल्टी आई थी.
शुरू में जापान के चीफ़ कैबिनेट सचिव योशिहीदे सुगा ने इन रिपोर्टों का खंडन किया लेकिन 17 अगस्त को शिंज़ो आबे के टोक्यो के केइयो यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती होने के बाद अटकलें और तेज़ होती गईं.
आख़िरकार 28 अगस्त को आबे ने त्यागपत्र देने की घोषणा की. लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी एडीपी में किसी उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की.
इस वजह से पार्टी के भीतर, नेतृत्व के लिए एक आंतरिक संघर्ष छिड़ गया. इस संघर्ष में विजयी हुए योशिहिदे सुगा.
इस्लामाबाद, 8 जुलाई | पाकिस्तान में पिछले तीन हफ्तों में मूसलाधार बारिश के बाद कम से कम 97 लोगों की मौत हो गई और 101 अन्य घायल हो गए। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने यह जानकारी दी। एनडीएमए द्वारा जारी स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान प्रांत सबसे बुरी तरह प्रभावित रहा, जहां सोमवार से शुरू हुई मानसूनी बारिश में 49 लोगों की मौत हो गई और 48 अन्य घायल हो गए।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने प्राधिकरण के हवाले से बताया कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कुल 17 लोगों की मौत हुई। इसके बाद सिंध में 11, उत्तरी गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र में 10 और देश के अन्य हिस्सों में 10 और लोगों की जान गई।
इसमें कहा गया है कि देश भर में अचानक आई बाढ़ में दो सड़कें, पांच पुल और पांच दुकानें बह गईं, जबकि 226 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और 481 अन्य आंशिक रूप से नष्ट हो गए।
एनडीएमए ने कहा कि देश भर में अलग-अलग घटनाओं में 1,326 मवेशियों की भी मौत हो गई।
अधिकांश मौतें और चोटें बिजली के झटके, छत गिरने और शहरी क्षेत्रों में बड़े जल निकासी के अवरोधों के कारण अचानक आई बाढ़ के पानी के कारण हुई हैं।
जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि देश में इस साल मानसून के मौसम में सामान्य से 87 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है।
उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी के कारण गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में ग्लेशियर फटने की 16 घटनाएं हुई हैं।
मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में जलवायु परिवर्तन के लिए 10 सबसे कमजोर देशों में से एक है, इस बात पर जोर देते हुए कि जनता को मौसम के प्रभाव को कम करने के लिए उपाय करना शुरू कर देना चाहिए या भविष्य में चीजें और खराब हो जाएंगी।
उन्होंने कहा, "हाल की बारिश की आपदा एक राष्ट्रीय त्रासदी है। यह बहुत चिंता का विषय है, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि यह केवल शुरुआत है और हमें इसके लिए तैयारी करनी होगी।"
अधिकारी ने चेतावनी दी कि देश में जल स्तर लगातार गिर रहा है, हालांकि हाल की बारिश के कारण सुधार देखा गया है।
लोगों को सावधानी से पानी का उपयोग करना होगा, अन्यथा आने वाले दिनों में पानी की भारी किल्लत हो सकती है।
उन्होंने कहा कि मानसून इस साल सामान्य से पहले शुरू हुआ और बारिश का बदलता पैटर्न जलवायु परिवर्तन के स्पष्ट संकेतकों में से एक है।
इस मानसून के मौसम के दौरान, सबसे अधिक प्रभावित बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों में सामान्य से 274 प्रतिशत और 261 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीड़ितों के परिवारों के लिए 10 लाख पीकेआर के मुआवजे की घोषणा की।
उन्होंने जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त करते हुए बचाव दलों को राहत कार्य की गति तेज करने के निर्देश दिए, ताकि पानी से भरे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानी कम हो सके।
मौसम परामर्श में, एनडीएमए ने कहा कि इस सप्ताह बारिश की संभावना है, जिसके बाद देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क और गर्म रहने की उम्मीद है।
(आईएएनएस)
काबुल, 8 जुलाई | अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की है कि उसने ईद उल-अजहा की पूर्व संध्या पर 935 कैदियों को रिहा कर दिया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में सरकारी प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के हवाले से कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन के अनुसार तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा द्वारा जारी एक फरमान द्वारा कैदियों को रिहा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि कैदियों को अफगानिस्तान के 34 प्रांतों की जेल से रिहा किया गया है।
अफगानिस्तान इस साल 9-11 जुलाई को ईद उल-अजहा मनाएगा।
(आईएएनएस)
काबुल, 8 जुलाई | अफगानिस्तान को मानवीय नकद सहायता में 32 मिलियन डॉलर मिले हैं। देश के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दा अफगानिस्तान बैंक (डीएबी) ने एक बयान में कहा कि "अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की एक श्रृंखला के बाद, 32 मिलियन डॉलर की मानवीय सहायता की एक खेप गुरुवार को अफगानिस्तान पहुंच गई। नकद सहायता एक वाणिज्यिक बैंक को दी गई।"
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मानवीय सहायता की सराहना करते हुए, अफगान केंद्रीय बैंक ने वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्रों में अपने भागीदारों के साथ बेहतर संबंधों का आह्वान किया।
बयान में कहा गया है, "दा अफगानिस्तान बैंक कानूनी और सैद्धांतिक तरीकों से देश में मुद्राओं के प्रवेश का स्वागत करता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एक साथ काम करने और अन्य क्षेत्रों में भी अफगानिस्तान के साथ सहयोग करने के लिए कहता है।"
बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान के अधिग्रहण के बाद से नकदी की कमी वाले देश को 980 मिलियन डॉलर से अधिक की नकद सहायता मिली है। (आईएएनएस)
सोल, 8 जुलाई | उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने अपने दिवंगत दादा और देश के संस्थापक किम इल-सुंग की 28वीं पुण्यतिथि पर उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। किम जोंग-उन ने कुमसुसान पैलेस में श्रद्धांजलि अर्पित की, जहां किम इल-सुंग और वर्तमान नेता के दिवंगत पिता किम जोंग-इल के शव ताबूतों में रखे हैं।
योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 1948 में उत्तर कोरिया की स्थापना करने वाले किम जोंग-सुंग की मृत्यु 1994 में हार्ट अटैक से हुई थी।
किम जोंग-सुंग की मृत्यु के बाद उनके बेटे किम इल-सुंग ने शासन किया। उन्होंने साल 2011 में अपनी आखिरी सांस ली। इसके बाद सत्ता की बागडोर किम जोंग-उन ने संभाली।
साल 2012 में सत्ता संभालने के बाद से किम जोंग-उन हर साल अपने दिवंगत दादा की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने कुमसुसन पैलेस आते है। (आईएएनएस)
अमेरिका के मशहूर अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के शेयरों में गुरुवार रात चार फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, वॉशिंगटन पोस्ट की एक ख़बर में बताया गया है कि दुनिया के सबसे अमीर शख़्स एलन मस्क द्वारा ट्विटर को 44 अरब डॉलर में ख़रीदने का प्रस्तावित सौदा खटाई में पड़ सकता है.
असल में एलन मस्क पहले ही ट्विटर के फ़ेक एकाउंट की बहुतायत को लेकर अपनी आशंका जता चुके हैं.
इस ख़बर के अनुसार, ट्विटर के इंटरनल डेटा तक पहुंच उपलब्ध कराने के बावजूद एलन मस्क ट्विटर के फेक एकाउंट को लेकर आश्वस्त नहीं हो पाए हैं.
एलन मस्क ट्विटर के फ़ेक एकाउंट की असल संख्या को वास्तविक से कहीं ज़्यादा बताते हुए पहले ही इस क़रार को पूरा होने को लेकर अपना संदेह जता चुके हैं. लेकिन इस ताज़ा रिपोर्ट ने एक अज्ञात स्रोत के हवाले से बताया है कि मस्क की टीम अपनी 'दिशा बदलने' की सोच रही है.
इस ख़बर के सामने आने के बाद ट्विटर के शेयर और चार फ़ीसदी गिर गए हैं. ट्विटर के शेयर पहले से ही मस्क द्वारा पेश की गई क़ीमत से कम स्तर पर कारोबार कर रहे थे.
एक विश्लेषक डैन इवेस ने निवेशकों को भेजे एक नोट में कहा है, "ट्विटर सौदे ने साफ तौर पर ट्विटर पर अराजकता पैदा कर दी है."
इवेस को उम्मीद थी कि एलन मस्क आने वाले हफ़्तों में फ़ेक एकाउंट को लेकर अपनी चिंताओं को ज़ाहिर करेंगे. इससे पहले पिछले महीने क़तर इकोनॉमिक फोरम के दौरान एलन मस्क ने कहा था कि फ़ेक एकाउंट की असल संख्या से जुड़े 'अहम सवालों' को लेकर ट्विटर की ख़रीद का सौदा रुका हुआ है.
हालांकि ट्विटर के अधिकारी पहले ही बता चुके हैं कि फेक एकाउंट की असल संख्या पांच फ़ीसदी से कम ही हैं. उन्होंने कहा था कि वे अभी भी इस मामले के हल होने का इंतज़ार कर रहे हैं, जो कि एक बहुत ही अहम मसला है. मस्क ट्विटर के कर्ज़ को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं.
डैन इवेस को संदेह है कि एलन मस्क ने ट्विटर को जिस राशि की पेशकश की है, उस पर उसे ख़रीदेंगे. कुछ विश्लेषक का अनुमान है कि अब इस सौदे के लिए पहले से तय क़ीमत की 60 प्रतिशत राशि की पेशकश हो सकती है. इनके अनुसार, एक अरब डॉलर की 'ब्रेकअप फ़ीस' देकर एलन मस्क यह समझौता तोड़ सकते हैं. (bbc.com)
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने गुरुवार की रात जारी एक वीडियो संदेश में कहा है कि ब्लैक सी के स्नेक द्वीप पर उनके देश का झंडा लहराने का मतलब है कि यूक्रेन को तोड़ना संभव नहीं है.
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों को चुनौती देते हुए गुरुवार को कहा था कि यदि वे रूस को हराने की मंशा रखते हैं तो युद्ध के मैदान में उनका स्वागत है.
पुतिन ने साथ ही कहा कि लेकिन ऐसा करना यूक्रेन के लिए त्रासदी लेकर आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाई जितनी लंबी खींचेगी, समझौते की गुंजाइश उतनी कम होती जाएगी.
रूसी संसद के नेताओं को दिए और टीवी पर प्रसारित अपने संबोधन में पुतिन ने कहा, ''हमने कई बार सुना कि पश्चिमी देश यूक्रेन के अंतिम व्यक्ति के बचने तक हमसे लड़ाई लड़ेंगे. यह यूक्रेन के लोगों के लिए त्रासदी है, लेकिन ऐसा लगता है कि हालात उसी दिशा की ओर जा रहे हैं.''
ज़ेलेंस्की ने कहा है, ''स्नेक आइलैंड पर फिर से क़ब्ज़ा करने की दो महीने से चल रही मुहिम रूसी बलों के लिए चेतावनी है. स्नेक आईलैंड पर लहरा रहा यूक्रेन का झंडा रूस के हर जहाज या विमान के कैप्टन को दिख रहा है. यह बताता है कि हमारे देश को तोड़ा नहीं जा सकता.''
स्नेक आइलैंड यूक्रेन और रूस दोनों के लिए रणनीतिक तौर पर अहम माना जाता है. इसके ज़रिये ब्लैक सी (काला सागर) तक पहुँचा जा सकता है जो व्यापार और हथियारों के आयात के लिए एक अहम मार्ग है. साथ ही रूस इसे अपनी नौसेना के लिए एक अहम ठिकाना बना सकता है. (bbc.com)
-रियाज़ सुहैल
जंगल में सात क़ब्रें खोदी गईं, जिसके बाद बारी-बारी से मरे हुए हिरणों को लाया गया. इसके बाद उन हिरणों को इन खोदी हुई क़ब्रों में लिटा दिया गया. इसके बाद हर क़ब्र में एक सफ़ेद कपड़ा डाला गया और वहां खड़े लोगों ने उन पर मिट्टी डाली. अंत में उन हिरणों के लिए दुआ पढ़ी गई.
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थार रेगिस्तान के रंगीलो गांव के पास ये वो जगह है, जहां मंगलवार की रात शिकारियों ने सात हिरणों का शिकार किया था.
स्थानीय लोगों ने उनका पीछा किया और तीन शिकारियों को पकड़ लिया. हालांकि दो और शिकारी भी थे, जो फ़रार हो गए.
स्थानीय निवासी हनीफ़ सूमरो ने बताया, "पिछले तीन-चार साल से शिकार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और ज़ालिम शिकारी हिरणों का शिकार कर रहे हैं."
स्थानीय लोग तीन-चार बार उनका पीछा कर चुके हैं लेकिन वो फ़रार हो जाते हैं.
जब स्थानीय वन्यजीव अधिकारियों से शिकायत की गई, तो उन्होंने कहा, "हमारे पास गाड़ी और लोग नहीं हैं."
वे यह मानने को भी तैयार नहीं थे कि यहां शिकार भी होता है.
हनीफ़ आगे कहते हैं, "रंगीलो और आसपास के गांव वालों ने एक दूसरे के साथ संपर्क में रहने का फ़ैसला किया है. अगर जंगल में कोई संदिग्ध गतिविधि होती है या रात में किसी गाड़ी की रोशनी नज़र आती है या फिर फ़ायर की आवाज़ आती है, तो हम तुरंत एक दूसरे को सूचित करेंगे."
आत्मा सिंह जिन्होंने गाड़ी की टक्कर से शिकारियों को रोका
इस हफ्ते भी कुछ ऐसी ही घटना हुई, जिसके बाद इस गांव के लोग रात के अंधेरे में एकजुट होकर शिकारियों की तलाश में निकल पड़े.
लोभार गांव के रहने वाले सरूप सिंह बताते हैं, "सोमवार को खाना खाने के बाद वह सो गए थे. रात को क़रीब दो बजे जंगल से गोलियों की आवाज़ सुनाई दी तो वह अपनी कार में सवार होकर रंगीलो गांव पहुंचे. इसी बीच दूसरे गांवों के लोग भी आ गए और शिकारियों का पीछा किया."
21 वर्षीय आत्मा सिंह भी घर में सो रहे थे. उनके चचेरे भाई सरूप सिंह ने उन्हें जगाया और बताया कि जंगल से गोली चलने की आवाज़ आ रही है. उन्हें संदेह हो गया था कि हो ना हो वहां ज़रूर कोई शिकारी है. सरूप सिंह ने उन्हें गाड़ी लेकर रंगीलो गांव पहुंचने को कहा.
आत्मा सिंह के मुताबिक़, ''सरूप सिंह ने कहा कि तुम रंगीलो गांव जाओ, हम पीछे आ रहे हैं.''
वह बताते हैं, "हम सड़क पर रुक गए. गांव वालों ने पीछा किया तो शिकारी भी पक्की सड़क पर आ गए जहां हम पहले से ही खड़े थे. एक गाड़ी ने ब्रेक नहीं लगाया और आगे निकल गई. दूसरी गाड़ी को मैंने आगे से टक्कर मारी तो उन्होंने फ़ायरिंग शुरू कर दी. इसी दौरान दूसरे लोग भी पहुंच गए और उन्हें रस्सियों से बांध दिया."
धरना और शोक शिविर
रंगीलो, लोभार और दूसरे गांवों के लोग उन तीनो शिकारियों और मारे गए सातों हिरणों के शव लेकर थार के डिस्ट्रिक्ट हेडक्वाटर मिट्ठी पहुंचे, जहां उन्होंने धरना दिया और आरोपियों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करने की मांग की.
यह धरना पांच घंटे तक चला.
बुधवार की सुबह मिट्ठी के मुख्य चौराहे पर शोक शिविर भी लगाया गया, जहां शहर के लोगों ने आकर एकजुटता दिखाई और जानवरों की रक्षा के लिए प्रार्थना भी की.
सामाजिक कार्यकर्ता अकबर दरस ने कहा, "प्रकृति की हत्या करने वालों को हमदर्दी मिल रही है और यहां मासूम हिरणों को मारा गया है."
"जब थार में बारिश होती है, तो ये हिरण, मोर, तीतर और अन्य पशु पक्षी ख़ुश होते हैं. हम कितने बदक़िस्मत हैं कि हम उन्हें दफ़न कर रहे हैं. यहां उनका क़त्लेआम किया जा रहा है. हम मांग करते हैं कि मौजूदा वाइल्ड लाइफ़ क़ानून में संशोधन किया जाए और इन शिकारियों पर भारी जुर्माना लगा कर इनको कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए."
दुर्लभ चिंकारा हिरण के बारे में क़ानून क्या कहता है?
जिस जंगल में हिरणों का शिकार हुआ, वहां उनको संरक्षित किया गया है. थार पुलिस ने अवैध शिकार और अवैध हथियार रखने के आरोप में तीनों संदिग्धों को गिरफ़्तार कर लिया है, जिन्हें बुधवार को रिमांड पर लिया गया था.
दूसरी तरफ़, वन्यजीव विभाग के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए गए हैं.
पाकिस्तान के जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्तमान में पाकिस्तान के जंगलों में 585 चिंकारा हिरण हैं.
इस सर्वेक्षण के अनुसार, चिंकारा को मंगलोट (ख़ैबर पख़्तूनख़्वा), कालाबाग़, चोलिस्तान रेगिस्तान (पंजाब) से लेकर खैरथार की पहाड़ियों (सिंध) तक के क्षेत्रों में देखा गया है. सर्वेक्षण के अनुसार, सिबी के मैदानी क्षेत्रों मकरान, तुर्बत और लासबेला (बलूचिस्तान) में भी चिंकारा पाए गए हैं.
पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था डब्ल्यूडब्ल्यूएफ़ के सहयोगी मोहम्मद मोअज़्ज़म ख़ान के अनुसार, "चिंकारा रेतीले, पहाड़ी और मैदानी इलाक़ों में पाए जाते हैं और उनकी संख्या लगातार कम हो रही है.
हिरण और मोर की रक्षा 'कर्तव्य'
सिंध के रेगिस्तानी क्षेत्र थार में हिरण और मोर बड़ी संख्या में पाए जाते हैं. स्थानीय लोग, विशेष रूप से ठाकुर समुदाय, उनकी रक्षा करना अपना नैतिक कर्तव्य मानते हैं.
आत्मा सिंह के अनुसार, "माता-पिता कहते हैं कि हिरणों की रक्षा करो वे हमारे क्षेत्र के वासी हैं."
रंगीलो में जब हिरणों को दफ़नाया जा रहा था, तो उस समय बारिश हो रही थी.
इस रेगिस्तान में बारिश को सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इन क्षणों में लोग दुखी और उदास थे.
यहां हिंदू और मुसलमान एक-दूसरे के सुख-दुख में तो जाते ही हैं, लेकिन आज वे उनके लिए आए थे जो उनकी साझा विरासत है.
थार के लेखक और शोधकर्ता भारुमल अमरानी के अनुसार, "थार रेगिस्तान पर पिछले दो दशकों से बढ़ते हुए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और मानवीय कारणों से यहां के वन्यजीव और पर्यावरण ख़तरे में हैं."
"एक तरफ़ अकाल के कारण भूख और प्यास है, दूसरी ओर, अवैध शिकार की प्रथा से जंगली जानवरों, विशेष रूप से चिंकारा की नस्ल ख़तरे में है."
अब थार में कुंडी, कोनभट के साथ पीलों, थोहर, बावड़ी और गगराल के पेड़ तेज़ी से लुप्त हो रहे हैं. चिंकारा इन्हीं पेड़ों के जंगलों में रहता था और इन पेड़ों के नीचे की घास ही चिंकारा का भोजन है.
रेगिस्तान के लोगों का मनना है कि चिंकारा रेगिस्तान में बारिश का पानी पीते हैं और जहां प्राकृतिक तालाब होते हैं, वे वहां ज़रूर आते हैं और शिकार हो जाते हैं. (bbc.com)
तोक्यो, 8 जुलाई। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर पश्चिमी जापान में एक चुनावी कार्यक्रम में भाषण के दौरान गोली चलायी गयी। सरकारी प्रसारणकर्ता एनएचके ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
एनएचके ने बताया कि आबे जब जमीन पर गिरे तो उनका खून बह रहा था और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने नारा इलाके में गोलियां चलने की आवाज सुनी। आबे संसद के ऊपरी सदन के लिए रविवार को होने वाले मतदान के मद्देनजर एक चुनावी कार्यक्रम में भाषण देने के लिए खड़े हुए थे, तभी कथित तौर पर उन पर यह हमला किया गया। (एपी)