खेल
नई दिल्ली, 26 नवंबर| "मैंने इंग्लैंड के खिलाफ एक और गोल करने का सपना देखा, इस बार दाहिने हाथ से।" यह शब्द थे डिएगो माराडोना के और इसके बाद वह खुलकर हंसे थे। यह उनका आखिरी इंटरव्यू था जो उन्होंने फ्रांस के साप्ताहिक फ्रेंच फुटबाल को दिया था। तब तक हालांकि माराडोना इस बात को कई बार मान चुके थे कि उन्होंने 1986 विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में अर्जेटीना के चिर प्रतिद्वंदी इंग्लैंड के खिलाफ अपने हाथ से गोल किया था। मैच के बाद वह गोल में अपने हाथ के योगदान को मान नहीं रहे थे। उन्होंने उस समय कहा था कि, "मैंने अपने सिर के थोड़े से हिस्से और थोड़े से हैंड ऑफ गॉड से यह गोल किया।"
उस मैच में माराडोना ने जिस तरह का प्रदर्शन किया था उसने उन्हें अपने देश में अमर बना दिया था और फुटबाल के इतिहास में भी। यह शायद सबसे अच्छे से उनके करियर और जीवन को बयां करता है। पहला गोल उन्होंने अकेले और अपनी जादुई काबिलियत से किया था जहां मैच अधिकारी गलती नहीं पकड़ पाए थे। तो दूसरा एक ऐसे जीनियस का काम था जिसके बारे में सिर्फ सपने में ही सोचा जा सकता है।
'हैंड ऑफ गॉड' गोल के चार मिनट बाद माराडोना ने मिडफील्ड से 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड के छह खिलाड़ियों को छकाया था और फिर गोलकीपर पीटर शिल्टन को मात देते हुए गोल किया था। इस गोल को बाद में 'गोल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया था। उन्होंने 10 सेकेंड में यह गोल किया था और खिलाड़ी हैरान रह गए थे।
मैच के बाद माराडोना ने कहा था, "मैंने पहले जॉर्ज वाल्डानो को गेंद देने का प्रयास किया लेकिन जब मुझे जगह मिली उन्होंने मुझे घेर लिया और मेरे पास जगह नहीं थी। इसलिए मुझे आगे बढ़ना पड़ा और खुद ही इसे अंजाम देना पड़ा।"
माराडोना ने बाद में इसके लिए इंग्लैंड टीम की खेल भावना की तारीफ भी की थी।
उन्होंने कहा था, "मुझे नहीं लगता कि मैं किसी और टीम के खिलाफ यह कर सकता था क्योंकि बाकी टीमें मुझे गिरा देतीं, लेकिन इंग्लैंड विश्व की सबसे अच्छी टीम है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 नवंबर | भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार अर्जेटीना के डिएगो माराडोना के निधन पर श्रद्धंजलि दी है और कहा है कि वह वैश्विक लोकप्रियता हासिल करने वाले खिलाड़ी थे। माराडोना का बुधवार को 60 साल की उम्र में निधन हो गया। मोदी ने कहा कि 'माराडोना ने प्रशंसकों को फुटबाल मैदान पर न भूलने वाले पल दिए।'
मोदी ने ट्वीट किया, "डिएगो माराडोना फुटबाल के जादूगर थे, जो पूरे विश्व में काफी मशहूर थे। अपने पूरे करियर में उन्होंने हमें फुटबाल मैदान पर न भूलने वाले पल दिए। उनका अचानक चले जाना हम सभी के लिए दुख की बात है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।"
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर महान फुटबाल खिलाड़ी की मौत पर शोक व्यक्त किया।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "डिएगो माराडोना, महान खिलाड़ी हमें छोड़ गए। वह वो जादूगर थे जिसने हमें बताया कि फुटबाल क्यों एक खूबसूरत खेल है। उनके परिवार, दोस्तो, प्रशंसकों को मेरी सांत्वना।"
कांग्रेस के एक और नेता शाशि थरूर ने लिखा, "डिएगो माराडोना, भगवान ने उनका हाथ अपने हाथ में ले लिया।"
माराडोना का बुधवार को टिग्रे में अपने घर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
अर्जेटीना की सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।
माराडोना की कप्तानी में ही अर्जेटीना ने 1986 में फीफा विश्व कप का खिताब जीता था। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 26 नवंबर | यह अर्जेंटीना के फुटबाल दिग्गज डिएगो अरमांडो माराडोना की टाइमलाइन है। एक विश्व कप विजेता, माराडोना का बुधवार को 60 वर्ष की आयु में ब्यूनस आयर्स के टाइग्रे में निधन हो गया। टाइमलाइन :
1960 में 30 अक्टूबर को अर्जेंटीना के लैनस में जन्मे
1970 में लॉस सेबोलिटास युवा टीम में शामिल हुए
1971 मे अर्जेंटीना के जूनियर्स की जूनियर टीम के लिए 11 वर्ष की आयु में चुने गए
1976 में पेशेवर बने, 15 साल की उम्र में प्रो डेब्यू, अर्जेंटीना के जूनियर्स से जुड़े
1977 में 16 साल की उम्र में अर्जेंटीना के लिए अपना पूर्ण अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया
1978 में अर्जेंटीना की राष्ट्रीय टीम में चुने जाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने
1979 में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल करते हैं और जूनियर विश्व कप जीतता है
1980 में स्पेनिश लीग के लिए बार्सिलोना के साथ करार करते हैं
1981 में बोका जूनियर्स को 19.6 लाख डॉलर में ट्रांसफर किए जाते हैं
1982 में अपना पहला विश्व कप अर्जेंटीना के लिए खेले और दो बार स्कोर किया। उसी वर्ष रिकार्ड 98.1 लाख डॉलर में बार्सिलोना एफसी के साथ करार करते हैं
1983 में बार्सिलोना को स्पेनिश कप जीतने में मदद करते हैं
1984 में बार्सिलोना से सेरी ए नापोली को 1.35 करोड़ डॉलर में स्थानांतरित किए गए। एक और रिकॉर्ड
1986 में अर्जेंटीना के कप्तान के रूप में विश्व कप जीता। इंग्लैंड के खिलाफ दो गोल, जिसमें कुख्यात 'गॉड ऑफ गॉड' गोल भी शामिल है और दूसरा छह खिलाड़ियों को ड्रिबल करने के बाद - इसे 2002 में फीफा चुनाव में 'गोल ऑफ द सेंचुरी' चुना गया था।
1987 में नैपोली को उनके पहले इतालवी खिताब जीतने में मदद करते हैं
1989 में क्लाउडिया विलफाने से शादी की
1990 में विश्व कप फाइनल में पश्चिम जर्मनी से हार के बाद पितृत्व सूट का सामना करते हैं
1991 में एक दवा परीक्षण में विफल रहे, और कोकीन के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद 15 महीने का निलंबन झेला। इटली छोड़ देते हैं।
1992 में स्पेनिश लीग में सेविला के लिए वापसी करते हैं
1993 में अर्जेंटीना लौटे, सेविला से असहमति के बाद, नेवेल के ओल्ड बॉयज में शामिल हुए
1994 में एफेड्रिन के लिए सकारात्मक परीक्षण और अमेरिका में विश्व कप से घर वापस भेजे गए
1995 में बोका जूनियर्स के लिए अंतिम सीजन खेलते हैं
1996 में ड्रग की लत के लिए एक क्लिनिक में जांच
1997 में एक और असफल दवाओं के परीक्षण के बाद, 37 वर्ष की आयु से पेशेवर फुटबॉल से सेवानिवृत्ति की घोषणा करते हैं
2000 की आत्मकथा 'यो सोया एल डिएगो' बेस्टसेलर बनी। दो साल के लिए क्यूबा जाते हैं। दिल की समस्याओं की शिकायत, पतन
2002 में ड्रग एडिक्शन की समस्या से जूझने के लिए क्यूबा गए
2004 में अस्पताल में भर्ती होने के बाद वह फिर बीमार पड़े
2005 में अपने पहले टॉक शो में पेले का इंटरव्यू करते हैं
2008 अर्जेंटीना राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच नियुक्त; उन्होंने 2010 विश्व कप तक 18 महीनों तक इस भूमिका को निभाया। भारत का दौरा करते हैं और कोलकाता में भारतीय फुटबॉल स्कूल खोलते हैं
2013 में अर्जेटीनी प्राइमेरा डी क्लब डेपोर्टिवो रिस्तेरा में 'आध्यात्मिक कोच' के रूप में शामिल
2017 में भारत का फिर से दौरा, कोलकाता में खेलते हैं
2018 में मैराडोना ने नाइजीरिया के खिलाफ अर्जेंटीना के 2018 वर्ल्ड कप मैच में भाग लिया
2019 में अर्जेंटीना क्लब जिमनासिया डी ला प्लाटा के मुख्य कोच बने
2020 में मस्तिष्क में रक्त के थक्के के लिए सर्जरी के बाद ब्यूनस आयर्स में ओलिवोस क्लिनिक छोड़ देते हैं। 25 नवंबर को उनका निधन हो जाता है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 26 नवंबर | दुनिया के महानतम फुटबाल खिलाड़ियों में शुमार डिएगो माराडोना का ऑरा कभी न खत्म होने वाला था। यह वहां तक गया है जहां माराडोना गए हैं, दिव्यता तक, गेंद के साथ भी गेंद के बिना। उनके अलग-अलग चित्र जिनमें वह जीसस क्राइस्ट की छाया में दिखाई देते हैं वह ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना और नेपेल्स, इटली की सड़कों पर देखे जा सकते हैं।
यह तब भी दिखाई दिया था जब माराडोना 2008 और 2017 में कोलकाता आए थे। वह तब तक एक दशक से भी पहले खेल से संन्यास ले चुके थे। उनका स्वास्थ्य उनकी फुटबाल संबंधी गतिविधियों के कारण ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा था। इसमें से कोई भी चीज 1,00, 000 लोगों के लिए मायने नहीं रखती थी जो छह दिसंबर 2008 को सॉल्ट लेक की सड़कों पर उतर गए थे।
यह 25 नवंबर 2020 को उनके निधन पर दुनियाभर से आई श्रद्धंजलि के तौर पर भी देखा जा सकता है।
मैदान पर उनकी योग्यता उन्हें महान, जादूगर, बनाती थी जिनके दम पर वह खेल के महानतम खिलाड़ी बन सके, लेकिन साथ ही मैदान के बाहर उनके व्यवहार ने उन्हें बिगडै़ल, अप्रिय, मसखरा, और पता नहीं क्या क्या उपाधि दिलाई थीं।
माराडोना से लोग किस हद तक प्यार करते थे इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2018 फीफा विश्व कप के ग्रुप मैच में अर्जेटीना ने नाइजीरिया को एक अहम मैच में हरा दिया था और माराडोना ने स्टैंड से कुछ अभद्र इशारे किए थे, बावजूद इसके इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी और मैनचेस्टर युनाइटेड के डिफेंडर रियो फर्डीनेंड ने कहा था कि माराडोना उनके चहेते हैं।
उन्होंने कहा था, "वह शख्स मेरा आदर्श था और है। उस इंसान ने जो मैदान पर किया-उसका कोई जोड़ नहीं है। वह मुख्य इंसान है जिसने मुझे विश्वास दिलाया कि पेखाम जैसे राज्य से आते हुए फुटबाल में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने बीती रात जो किया मैं उसकी निंदा नहीं करूंगा। जो तस्वीरें हमने देखी हैं। लेकिन मैं लोगों के उन पर हंसने की भी निंदा नहीं करूंगा। मैं उम्मीद करता हूं कि वह अच्छे हों।"
दुनिया के महान फुटबाल खिलाड़ियों में शुमार माराडोना की कप्तानी में ही अर्जेटीना ने 1986 में विश्व कप जीता था। इस विश्व कप में माराडोना ने कई अहम पल दिए थे जिन्हें आज भी याद किया जाता है जिसमें से सबसे बड़ा और मशहूर पल इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में आया था जब उनके द्वारा किए गए गोल को 'गोल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया था। उन्होंने 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड की मिडफील्ड को छकाते हुए गोल किया था।
ब्यूनस आयर्स के बाहरी इलाके में 30 अक्टूबर 1960 में पैदा हुए माराडोना ने 1976 में अपने शहर के क्लब अर्जेटीनोस जूनियर्स के लिए सीनियर फुटबाल में पदार्पण किया था। इसके बाद वह यूरोप चले गए जहां उन्होंने 1982-84 तक स्पेन के दिग्गज क्लब बार्सिलोना के साथ पेशेवर फुटबाल खेली। 1984 में कोपा डेल रे के फाइनल में विवाद के कारण स्पेनिश क्लब के साथ उनका सफर खत्म हुआ।
इसके बाद वह इटली के क्लब नापोली गए जो उनके करियर के सबसे शानदार समय में गिना जाता है। क्लब के साथ उन्होंने दो सेरी-ए, कोपा इटालिया और एक यूईएफए कप के खिताब जीते। वह क्लब से उसके सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी के तौर पर विदा हुए। उनके रिकार्ड को 2017 में मारेक हानिसिक ने तोड़ा।
इसके बाद उन्होंने स्पेनिश क्लब सेविला और फिर अर्जेटीना के नेवेल के साथ करार किया।
कोच के तौर पर वह अपनी राष्ट्रीय टीम के साथ 2008 से 2010 तक रहे।
1986 विश्व कप में उन्होंने अपनी टीम के लिए जो प्रदर्शन किया था उसने अर्जेटीना मे उन्हें अमर कर दिया था। खासकर इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए क्वार्टर फाइनल में जहां उन्होंने दो गोल किए थे।
पहला गोल जो उन्होंने हाथ से किया था और इस पर उनकी सफाई थी कि उन्होंने गेंद से थोड़ा से अपने सिर को छुआ था और थोड़ा सा हैंड ऑफ गॉड। इसके बाद इस गोल को हैंड ऑफ गॉड का नाम दे दिया गया।
चार मिनट बाद माराडोना 60 यार्ड से इंग्लैंड के मिडफील्ड को छकाते हुए गए और इंग्लैंड के गोलकीपर पीटर शेल्टन को मात दे गोल किया जिससे बाद में 'गोल ऑफ द सेंचुरी' नाम दिया गया।
17 साल के लंबे करियर का अंत उनका अच्छा नहीं रहा था। 1994 विश्व कप में ड्रग्स टेस्ट में फेल हो जाने के कारण उन्हें स्वदेश वापस भेज दिया गया था। इस टूर्नामेंट में उन्होंने दो मैच खेले थे।
प्रशंसकों ने मान लिया था कि माराडोना की महानता के साथ उनकी बिगडैल स्वाभाव साथ में आया है, यह ऐसा है जिससे नफरत नहीं की जा सकती।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 26 नवंबर | अपनी कलात्मक फुटबाल के लिए मशहूर महान फुटबालर अर्जेटीना के लियोनेल मेसी ने कहा है कि जिसका नाम डिएगो माराडोना है, वह कभी मर नहीं सकता क्योंकि डिएगो नाम अमर है। मेसी ने यह बात अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखी। मेसी अपने देश के महानतम फुटबाल खिलाड़ी डिएगो माराडोना को याद कर रहे थे। माराडोना का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 60 साल के थे।
मेसी ने अपने पोस्ट में कुछ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें वह माराडोना के साथ एक समारोह में काफी खुश दिखाई दे रहे हैं।
मेसी ने अपने संदेश में लिखा, "अर्जेटीना के सभी लोगों और फुटबाल के लिए बहुत ही दुखद: दिन। वह हमें छोड़कर चले गए लेकिन वह ज्यादा दूर नहीं जा सकते क्योंकि डिएगो अमर हैं। मैं उस महान इंसान के साथ बितए गए सभी अच्छे पलों को याद करते हुए उनके परिजनों के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। रेस्ट इन पीस।"
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 26 नवंबर | सर्वकालिक महान फुटबालर माने जाने वाले ब्राजील के पेले ने अपने दोस्त और महान फुटबालर डिएगो माराडोना के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि आज उन्होंने अपना एक महान दोस्त और दुनिया ने एक लेजेंड खो दिया। महान फुटबाल खिलाड़ी अर्जेंटीना के डिएगो माराडोना का बुधवार को 60 साल की उम्र में निधन हो गया। अपने साथी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पेले ने ट्वीट किया, "कितनी दुखद खबर है। आज मैंने अपना एक महान दोसत और दुनिया ने एक लेजेंड खो दिया। अभी काफी कुछ कहा जाना है लेकिन मैं यहां कहूंगा कि ईश्वर उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें। एक दिन उम्मीद है कि मैं और माराडोना आसमान में साथ फुटबाल खेलेंगे।""
दुनिया के महान फुटबाल खिलाड़ियों में शुमार माराडोना की कप्तानी में ही अर्जेटीना ने विश्व कप जीता था। इस विश्व कप में माराडोना ने कई अहम पल दिए थे जिन्हें आज भी याद किया जाता है जिसमें से सबसे बड़ा और मशहूर पल इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में आया था जब उनके द्वारा किए गए गोल को 'गोल ऑफ द सेंचुरी' कहा गया था। उन्होंने 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड की मिडफील्ड को छकाते हुए गोल किया था।
ब्यूनस आयर्स के बाहरी इलाके में 30 अक्टूबर 1960 में पैदा हुए माराडोना ने 1976 में अपने शहर के क्लब अर्जेटीनोस जूनियर्स के लिए सीनियर फुटबाल में पदार्पण किया था। इसके बाद वह यूरोप चले गए जहां उन्होंने स्पेन के दिग्गज क्लब बार्सिलोना के साथ पेशेवर फुटबाल खेली। 1984 में कोपा डेल रे के फाइनल में विवाद के कारण स्पेनिश क्लब के साथ उनका सफर खत्म हुआ।
इसके बाद वह इटली के क्लब नापोली गए जो उनके करियर के सबसे शानदार समय में गिना जाता है। क्लब के साथ उन्होंने दो सेरी-ए, कोपा इटालिया और एक यूईएफए कप के खिताब जीते। वह क्लब से उसके सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी के तौर पर विदा हुए। उनके रिकार्ड को 2017 में मारेक हानिसिक ने तोड़ा।
इसके बाद उन्होंने स्पेनिश क्लब सेविला और फिर अर्जेटीना के नेवेल के साथ करार किया।
कोच के तौर पर वह अपनी राष्ट्रीय टीम के साथ 2008 से 2010 तक रहे।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 25 नवंबर | भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने महान फुटबालर डिएगो माराडोना के निधन पर शोक जताते हुए कहा है कि उनका हीरो अब इस दुनिया में नहीं रहा। गांगुली ने ट्वीट करते हुए माराडोना को याद किया और लिखा, "मेरा हीरो नहीं रहा। मेरा मैड जीनियस अब जीवन मरण के चक्र से मुक्त हुआ। मैं तो सिर्फ तुम्हारे सिए फुटबाल देखा करता था।"
अपने ट्वीट के साथ गांगुली ने एक फोटो साझा किया है जिसमें वह माराडोना के साथ दिखाई दे रहे हैं। माराडोना फुटबाल क्रेजी कोलकाता का कई बार दौरा कर चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि महान फुटबॉल खिलाड़ी माराडोना का 60 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया।
अर्जेटीना को 1986 में विश्व विजेता बनाने वाले माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
निधन से कुछ दिन पहले इसी महीने सिर में ब्लड क्लोट की उनकी सर्जरी हुई थी।
अर्जेटीना के पूर्व मिडफील्डर और मैनेजर का खेल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में गिना जाता है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 25 नवंबर | भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर ने महान फुटबालर डिएगो माराडोना के निधन पर शोक जताते हुए कहा है कि फुटबाल और खेल जगत ने अपने महानतम सपूतों में से एक को खो दिया है। उल्लेखनीय है कि महान फुटबॉल खिलाड़ी माराडोना का 60 साल की उम्र में बुधवार को निधन हो गया।
सचिन ने 1986 विश्व कप की जीत के बाद ट्राफी लिए अपने साथियों के कंधे पर सवार माराडानो की तस्वीर साझा करते हुए लिखा है, "फुटबाल और खेल जगत ने अपने महानतम सपूतों में से एक को खो दिया। आपकी आत्मा को शांति मिले डिएगो। आपकी याद आएगी।"
इससे पहले बीसीसीआई के अध्यक्ष और सचिन के साथी सौरव गांगुली ने ट्वीट करते हुए माराडोना को याद किया और लिखा, "मेरा हीरो नहीं रहा। मेरा मैड जीनियस अब जीवन मरण के चक्र से मुक्त हुआ। मैं तो सिर्फ तुम्हारे सिए फुटबाल देखा करता था।"
अर्जेटीना को 1986 में विश्व विजेता बनाने वाले माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
निधन से कुछ दिन पहले इसी महीने सिर में ब्लड क्लोट की उनकी सर्जरी हुई थी।
अर्जेटीना के पूर्व मिडफील्डर और मैनेजर का खेल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में गिना जाता है।
--आईएएनएस
सिडनी, 25 नवंबर| पूर्व भारतीय कप्तान मेंहद्र सिंह धोनी कई वर्षो तक तीन भूमिकाएं निभा चुके हैं, जिसमें एक खिलाड़ी, कप्तान और एक फिनिशर की भूमिका है। इसके अलावा वह पिछले कुछ वर्षो से युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को विकेट के पीछे से गाइड करते आए हैं। अब लोकेश राहुल विकेट के पीछे धोनी की इन्हीं भूमिकाओं को निभाने के लिए तैयार हैं, जिसकी शुरुआत वह शुक्रवार से शुरू होने वाले तीन मैचों की वनडे सीरीज से करेंगे।
राहुल न्यूजीलैंड के खिलाफ कोविड-19 से पहले फरवरी में खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज खेले थे, जिसमें उन्होंने नाबाद 88 और 112 रनों की पारियां खेली थीं।
राहुल ने सिडनी से आईएएनएस के एक सवाल के जवाब में कहा, "कोई भी धोनी की जगह को नहीं भर सकता। निश्चित तौर पर उन्होंने हमें एक रास्ता दिखाया, चाहे वो विकेट-कीपीपिंग हो या बल्लेबाज की भूमिका। इसे कैसे किया जाना चाहिए, यह हमने धोनी से बहुत सीखा है।"
उन्होंने कहा, "मेरी युजी (युजवेंद्र चहल), जड्डु (रवींद्र जडेजा) और कुलदीप (यादव) व अन्य स्पिनरों के साथ टीम में अच्छी दोस्ती और समझ है। हां, मुझे लगता है कि मैं उन्हें यह बताऊंगा कि गेंदबाजी में बेहतर गति या लंबाई क्या हो सकती है। या कुछ गलत हो रहा है तो आप फील्ड सेटिंग बदल सकते हैं।"
राहुल ने कहा, "मुझे लगता है कि जो भी विकेटकीपर की भूमिका निभाते हैं, उनके पास यह जिम्मेदारी होती है (स्पिनरों सहित सभी गेंदबाजों को बताने की कि क्या करना है)। जैसा कि मैंने पहले ही कहा कि मैं न्यूजीलैंड में एक सीरीज में यह कर चुका हूं। मैंने उनका आनंद लिया था।" (आईएएनएस)
पणजी, 25 नवंबर | भारतीय फुटबॉल में सिर्फ एक मैच की चर्चा है और वह मैच है शुक्रवार को होने वाला हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) की पहली कोलकाता डर्बी। यह शायद बीते कुछ वर्षो में सबसे अहम कोलकाता डर्बी है, क्योंकि भारतीय फुटबॉल के इस सबसे बड़े मैच का आयोजन भारत के सबसे बड़े फुटबॉल प्लेटफॉर्म पर हो रहा है।
एक तरफ जहां फिजाओं में रोमांच महसूस किया जा सकता है, स्काटलैंड में भारत की महिला फुटबॉलर बाला देवी एक अलग ही सपना देख रही हैं और वह है एटीके मोहन बागान तथा एससी ईस्ट बंगाल के बीच होने वाली महिला डर्बी का है।
बाला देवी ने हाल ही में ओल्ड फर्म डर्बी में हिस्सा लिया था। यह रेंजर्स एफसी और सेल्टिक एफसी के बीच होने वाला दुनिया की सबसे पुरानी फुटबॉल राइवलरी के रूप में मशहूर है।
बाला देवी मानती हैं कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं कि कोलकाता के इन दो बड़े क्लबों को महिला फुटबॉल टीम भी विकसित करनी चाहिए और इनके बीच भी भारत में सबसे अहम डर्बी होनी चाहिए।
बाला देवी मानती हैं कि जिस तरह का जुनून महिला फुटबॉल को लेकर स्काटलैंड में है, वही माहौल भारत में भी तैयार किया जा सकता है। उनका मानना है कि कोलकाता की महिला डर्बी भारत में इसी तरह का माहौल तैयार करने में सफल हो सकती है।
बाला ने कहा, " कोलकाता की ये दो बड़ी टीमें आसानी से महिला टीमें तैयार कर सकती हैं। वहां की खिलाड़ियों में नैसर्गिक प्रतिभा है।"
कोलकाता के साई सेंटर में ट्रेनिंग के दौरान बाला ने कुछ डर्बी देखी हैं। यह 2005-06 की बात है। बाला ने अपना अंतिम कोलकाता डर्बी इस साल जनवरी में साल्ट लेक स्टेडियम में देखी थी और इसी के बाद वह ग्लासगो के लिए रवाना हुई थीं।
पेशेवर फुटबॉल के लिए साइन करने वाली भारत की पहली महिला फुटबालर ने कहा, "मैंने जब 2002 में खेलना शुरू किया था, तब हम बंगाल की टीमों के खिलाफ फाइनल खेला करते थे। बंगाल की लड़कियां वाकई काफी अच्छी थीं और कई तो राष्ट्रीय टीम में भी थीं। मेरी समझ से अगर मोहन बागान और ईस्ट बंगाल वही करने में सफल रहे तो यहां स्काटलैंड में सेल्टिक और रेंजर्स ने किया है तो यह न सिर्फ बंगाल, बल्कि पूरे भारत के लिए फायदेमंद होता। रेंजर्स और सेल्टिक ने यह काम सिर्फ एक साल में किया है। हमारे दो कोलकाता क्लब अगर ठान लें तो वे भी एक साल में महिला टीमें तैयार कर सकती हैं।"
बाला देवी ने कहा, "अब मैं जहां भी जाती हूं, लोग पहचानने लगे हैं। वे मुझे अलग मैच के लिए गुडलक विश करते हैं। यहां फुटबॉल को जबरदस्त सम्मान प्राप्त है और मैच के दौरान हर हाफ में वे खड़े ही रहते हैं। यह दिखाता है कि उनके मन में टीमों को लेकर कितना प्यार है और इससे खिलाड़ी प्रेरित होते हैं।"
--आईएएनएस
सिडनी, 25 नवंबर । मार्क टेलर सहित कई पूर्व खिलाडिय़ों के भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में युवा विल पुकोवस्की को खेलने की पैरवी करने के बाद भी आस्ट्रेलियाई टीम प्रबंधन सलामी बल्लेबाज के तौर पर जोए बन्र्स के साथ ही जाने के मूड में है। आस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने बुधवार को इस बात के संकेत दिए हैं कि बन्र्स नई गेंद से खेलने के लिए आस्ट्रेलिया की पहली पसंद हैं।
लैंगर ने कहा, विल के लिए मौका उसी तरह आएगा जैसा किसी अन्य खिलाड़ी के तौर पर आता है। पिछले 30 साल में मेरा अनुभव यह है कि अगर आप शेफील्ड शील्ड (आस्ट्रेलिया का घरेलू टूर्नामेंट) में शीर्ष तीन में बल्लेबाजी कर सकते हो तो आप किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हो। अगर आप शील्ड क्रिकेट में पांच या छह नंबर पर बल्लेबाजी करते हो तो आपको टेस्ट क्रिकेट में वहीं पर बल्लेबाजी करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, लेकिन अगर आप शीर्ष तीन में बल्लेबाजी करते हो और शतक बनाते हो, तो आप कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हो। इसलिए विक्टोरिया के लिए सलामी बल्लेबाजी करने वाले पुकोव्स्की जो उनके लिए नंबर-3 पर भी खेले हैं, को यहां फायदा है कि वह किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं। वह जानते हैं कि शतक कैसे बनाना है। टेस्ट क्रिकेट में हमारी सोच यही है कि आपके शीर्ष छह बल्लेबाज शतक बनाने के काबिल होने चाहिए। उन्होंने मौके के लिए अपने आप को अच्छे से तैयार किया है।
उन्होंने कहा, वह मैथ्यू वेड और ट्रेविस हेड से पहले नहीं खेलेंगे। मैं बस यह कह रहा हूं कि हमारी सोच को देखते हुए और बड़े पैमाने पर, शील्ड क्रिकेट में जो खिलाड़ी शीर्ष-3 में खेला है वो कहीं भी बल्लेबाजी कर सकता है। विल को लेकर स्पष्ट होना चाहिए और स्पष्ट होने पर मैंने एक बात सीखी है, आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर होने पर, या चयनकर्ता होने पर आप लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकते। अगर हम किसी एक को चुनते हैं तो या तो क्वींसलैंड बुरा मान जाएगा या विक्टोरिया। आधा आस्ट्रेलिया सोचेगा कि हम सही हैं और आधा सोचेगा कि हम गलत हैं। मैं इसे लेकर शांति में हूं। (आईएएनएस)
खुर्रम हबीब
नई दिल्ली, 25 नवंबर | आस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टीन लैंगर ने कहा कि शुक्रवार से भारत के खिलाफ शुरू हो रही सीरीज में उनके खिलाड़ी आक्रामक और बातूने होंगे लेकिन लैंगर ने इस बात का आश्वासन दिया है अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और तंज कसने के अलावा ह्यूमर भी मैदान पर देखने को मिलेगा।
लैंगर से बुधवार सुबह आईएएनएस संवाददाता ने पूछा कि आस्ट्रेलियाई टीम बीते कुछ वर्षो में छींटाकशी करती नहीं दिखी है तो क्या वह अपने घर में जो बढ़त उसे हासिल थी वो खो चुकी है जो उसे उस समय हासिल थी जब वह खुद खेला करते थे?
इस पर लैंगर ने कहा, "पूर्व खिलाड़ी के मेरे अनुभव से मुझे लगता है कि लोग आस्ट्रेलिया में आने से इसलिए घबराते थे क्योंकि उन्हें महान खिलाड़ियों का सामना करना होता था ना कि इसलिए कि उन्हें छींटाकशी से डर लगता था। अगर आप ग्लैन मैक्ग्रा, शेन वार्न का सामना करेंगे या स्टीव वॉ, एडम गिलक्रिस्ट, रिकी पोंटिंग को गेंदबाजी करेंगे तो मुझे लगता है कि इससे आपको ज्यादा घबराहट होगी बजाए इसके कि कोई क्या कह रहा है।"
स्टीव स्मिथ ने मंगलवार को कहा था कि आईपीएल जैसी फ्रेंचाइजी लीग के आने से इन दिनों छींटाकशी करना मुश्किल हो गया है। स्मिथ ने कहा था कि एक सीरीज में आपका प्रतिद्वंदी अगले कुछ महीनों में फ्रेंचाइजी लीग में आपका साथी हो सकता है।
आस्ट्रेलिया को पहले एक ऐसी टीम के तौर पर जाना जाता था जो छींटाकशी में माहिर थी। लैंगर उस आस्ट्रेलियाई टीम के क्लोज इन फिल्डरों (बल्लेबाज के पास फील्डिंग करने वाले) में से थे जिसे 2002 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने छींटाकशी के लिए 'बिलो द बेल्ट' कहा था। वॉ ने हालांकि अपनी टीम का यह कहते हुए बचाव किया था कि यह मानसिकता को भंग करने के लिए होता है।
दक्षिण अफ्रीका में ही हालांकि 2018 में हुए बॉल टेम्परिंग मामले के बाद से आस्ट्रेलियाई टीम में बदलाव आया है। टीम ने तब से अपनी संस्कृति बदलने की कोशिश की है। इस विवाद में स्मिथ और वार्नर को एक-एक साल का बैन झेलना पड़ा था।
लैंगर ने माना कि तब से चीजें बदली हैं। उन्होंने माना कि आगामी सीरीज में प्रशंसक मैदान पर तंज देखेंगे लेकिन उसमें सेंस ऑफ ह्यूमर होगा न कि अपशब्द।
लैंगर ने कहा, "मौजूदा आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की बात करें तो, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षो में हमारी क्रिकेट देखी है, मैदान के अंदर भी और बाहर भी, इसमें अपशब्दों को जगह नही हैं, लेकिन तंज, प्रतिस्पर्धा के लिए है। एक खिलाड़ी और एक कोच के तौर पर मुझे लगाता है कि यह काफी अच्छी है।"
उन्होंने कहा, "आक्रामकता के पल होंगे जैसे सभी खेलों में होते हैं, लेकिन अपशब्द नहीं होंगे। पिछली बार जब भारत ने आस्ट्रेलिया का दौरा किया था तब कई उदाहरण मिले थे-टिम पेन का सेंस ऑफ ह्यूमर अच्छा है।"
लैंगर ने कहा कि उनकी टीम को विराट कोहली के मैदानी व्यवहार से फर्क नहीं पड़ता।
उन्होंने कहा, "विराट जो करते हैं वो हमें पसंद है। पिछली बार ह्यूमर था। मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि मैदान पर जो दबाव होता है उसका बोले गए शब्दों से कोई लेना-देना नहीं होता। यह इस पर निर्भर करता है कि आप किसके खिलाफ खेल रहे हो।"
भारत और आस्ट्रेलिया को तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलनी है। वनडे सीरीज की शुरुआत शुक्रवार से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले पहले मैच से रही है। इसके बाद दोनों टीमों चार मैचों की टेस्ट सीरीज में भिड़ेंगी। (आईएएनएस)
सिडनी, 25 नवंबर | ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टीन लैंगर ने कहा है कि रोहित शर्मा और ईशांत शर्मा अगर टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों में नहीं खेलते हैं तो इसका मेजबान टीम की मानसिकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लैंगर ने कहा कि दोनों टीमों के बीच बीते कुछ वर्षो में होती आ रही सीमित ओवरों की सीरीज से टीम को मदद मिलेगी। आईएएनएस संवाददाता ने जब लैंगर से पूछा कि क्या रोहित और ईशांत के शुरुआती दो टेस्ट मैचों में न रहने से अस्ट्रेलिया को फर्क पड़ेगा ?
इसका जवाब देते हुए लैंगर ने कहा, "यह हमारा काम नहीं है। हमारी अपनी चुनौतियां हैं। हम मैच की सुबह पहली बार एक ग्रुप के तौर पर एक साथ आएंगे। यह भारत के ऊपर है कि वो क्या करती है और किसे चुनती है। इन बातों पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं होगा। कोविड-19 के दौरान एक चीज मैंने सीखी है कि अगर आप उन चीजों पर ध्यान देंगे जो आपके बस में नहीं हैं तो आप पागल हो जाएंगे। वह जिसे चाहें उसे चुन सकते हैं।"
रोहित और ईशांत इस समय राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रीहैब कर रहे हैं। ऐसी खबरें हैं कि यह दोनों शुरुआती दो टेस्ट मैचों से बाहर हो सकते हैं क्योंकि इन्हें ठीक होने में समय लगेगा और वह फिर सख्त क्वारंटीन से गुजरेंगे।
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर सीरीज का पहला टेस्ट 17 दिसंबर से और दूसरा टेस्ट 26 दिसंबर से शुरू हो रहा है।
लैंगर ने कहा कि दोनों टीमें सीमित ओवरों में हालिया समय में लगातार एक-दूसरे के खिलाफ खेल चुकी हैं तो इससे आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को भारतीय गेंदबाजों का सामना करने में मदद मिलेगी।
लैंगर ने कहा, "हम जानते हैं कि जसप्रीत बुमराह विश्व स्तर के गेंदबाज हैं। मोहम्मद शमी के साथ यह एक शानदार ओपनिंग जोड़ी होगी। आईपीएल में खेलकर हमारे खिलाड़ियों ने इन्हें परखा है। पिछले कुछ ग्रीष्मकाल में हमने 14 वनडे खेले हैं। हमारे खिलाड़ियों ने उन्हें काफी देखा है। मुझे प्रतिद्वंदिता के बारे में यह बात पसंद है। हम उनके स्पिनरों का, बुमराह, शमी का सम्मान करते हैं। उनके बाकी के गेंदबाज जैसे नवदीप सैनी का भी।"
टेस्ट सीरीज की शुरुआत से पहले भारत-आस्ट्रेलिाय तीन मैचों की वनडे और इतने ही मैचों की टी-20 सीरीज खेलेंगी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 25 नवंबर | बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा है कि इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर पांच के बजाए चार टेस्ट मैच खेलेगी। इंग्लैंड को 2021 में भारत का दौरा करना है और पहले तय किए गए कार्यक्रम के मुताबिक दोनों टीमों के बीच पांच टेस्ट मैच खेले जाने थे। टेस्ट की संख्या घटा कर दो अतिरिक्त टी-20 मैच इस दौरे में शामिल कर दिए गए हैं।
यह दौरा भारत में अगले साल फरवरी-मार्च में आयोजित किया जाएगा।
गांगुली ने एक वचुर्अल इवेंट में कहा, "इंग्लैंड भारत दौरे पर चार टेस्ट मैच, तीन वनडे और पांच टी-20 मैच खेलेगी। द्विपक्षीय सीरीज खेलना आठ-नौ टीमों के साथ खेलने से बेहतर है, जो मौजूदा स्थिति में काफी मुश्किल हो गया है, लेकिन हमें स्थिति पर नजर बनाए रखनी होगी।"
उन्होंने कहा, "कई लोग कोविड की दूसरी लहर के बारे में बात कर रहे हैं। हम भी देख रहे हैं कि मुंबई ओर दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए हमें सावधान रहना होगा और सुनश्ििचत करना होगा कि सब कुछ अच्छे से हो।"
इंग्लैंड को पहले इसी साल सितंबर में भारत दौरे पर तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलनी थी, लेकिन यह कोविड-19 के कारण स्थगित कर दी गई। (आईएएनएस)
कैसर मोहम्मद अली
नई दिल्ली, 24 नवंबर| पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज रूद्र प्रताप सिंह का मानना है कि वनडे और टी20 में भारत अपने प्रतिद्वंद्वी आस्ट्रेलिया से कहीं आगे है, लेकिन टेस्ट सीरीज में कंगारूओं को हराने के लिए भारत को अपने ख्यालों से बाहर आकर सोचना होगा क्योंकि क्रिकेट सबसे लंबे प्रारुप को मेहमान टीम को मेजबान टीम से टक्कर मिलेगी।
आस्ट्रेलिया दौरे पर गई भारतीय टीम शुक्रवार से वनडे सीरीज की शुरूआत करेगी। इसके बाद वह टी20 और चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी।
आरपी ने आईएएनएस से कहा, " वनडे और टी20 में, मुझे नहीं लगता है कि आस्ट्रेलिया की जीत की संभावना है। हमारी टीम बहुत अच्छा कर रही है और इन दोनों प्रारुप में आस्ट्रेलिया से कहीं आगे है। लेकिन टेस्ट सीरीज में भारत को कड़ी टक्कर मिलेगी। यह एक अलग प्रारुप है और इसमें हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।"
उन्होंने कहा, " भारत की जीत की संभावना आस्ट्रेलिया से ज्यादा है, लेकिन यह बराबरी का मुकाबला होगा। मुझे लगता है कि दोनों टीमों का गेंदबाजी आक्रमण एक जैसा है क्योंकि आस्ट्रेलिया के पास मिशेल स्टार्क और पैट कमिंस है। लेकिन बल्लेबाजी विभाग में भारत आगे है।"
34 साल के आरपी ने कहा कि भारत के पास ऐसी गेंदबाजी आक्रमण है, जो आस्ट्रेलिया को चौंका सकती है।
उन्होंने कहा, " जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी सहित हमारे पास ऐसी गेंदबाजी आक्रमण है, जो अवश्य आस्ट्रेलिया को चौंकाएगी। यहां तक कि हमारी बेंच भी काफी मजबूत है। अगर आप टीम संतुलन को देखें तो भारत एक बेहतर संतुलित टीम है।"
पूर्व तेज गेंदबाज ने 2007-08 के आस्ट्रेलिया दौरे पर पर्थ में खेले गए टेस्ट मैच में चार विकेट लिए थे। उनका मानना है कि पर्थ की तेज हवाएं गेंदबाजों को मदद करती है।
उन्होंने कहा, " पर्थ में तेज हवाओं के चलते शाम के समय गेंदबाजों को मदद मिलती है। इसलिए वहां खेलते समय आपको इसका ध्यान रखना होगा। पिच पूरी तरह से अलग है। आप वहां परंपरागत क्रिकेट खेलकर जीत नहीं सकते। आस्ट्रेलिया में जीत दर्ज करने के लिए आपको अपने ख्यालों से बाहर सोचना होगा। हमारी बल्लेबाजी विभाग भी काफी अच्छी है। लेकिन जीत दर्ज करने के लिए हमें सामूहिक प्रयास की जरूरत है।" (आईएएनएस)
लंदन, 24 नवंबर | इंग्लैंड में अभी चार सप्ताह का लॉकडाउन जारी है और इसकी समाप्ति 2 दिसम्बर को हो रही है। इसके बाद इंग्लैंड में आउटडोर स्पोर्ट्स इवेंट्स के लिए अधिकतम 4000 दर्शकों को स्टेडियमों में प्रवेश की अनुमति मिल सकती है। सोमवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए नए कदम उठाते हुए लॉकडाउन की घोषणा की थी।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार कम रिस्क वाले इलाकों में अधिकतम 4000 दर्शकों को स्टेडियमों में प्रवेश की अनुमति होगी जबकि दूसरे दर्जे के खतरे वाले इलाकों में दो हजार लोग स्टेडियमों में जा सकेंगे। जहां सबसे अधिक खतरा है वहां खेल बिना दर्शकों के ही होंगे।
इंग्लैंड में इलीट स्पोर्ट्स इवेंट्स की शुरुआत हो चुकी है लेकिन स्टेडियमों में दर्शकों का प्रवेश वर्जित है।
--आईएएनएस
नई दिल्ली, 24 नवंबर। आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा है कि अगर विराट कोहली आस्ट्रेलिया छोड़ने से पहले वनडे और टी20 में टोन सेट करने में असफल रहते हैं, तो भारतीय टीम को चार मैचों की टेस्ट सीरीज क्लीन स्वीप होना पड़ेगा। कोहली तीन वनडे और तीन टी20 मैचों तथा चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारत का नेतृत्व करने के बाद स्वदेश लौट आएंगे। कोहली पिता बनने वाले हैं और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें पैटरनिटी लीव दी है। इसके चलते वह पहले टेस्ट के बाद भारत वापस लौट आएंगे।
क्लार्क ने मंगलवार को स्काई स्पोटर्स रेडियो से कहा, " विराट कोहली को वनडे और टी-20 में फ्रंट से लीड करना होगा। कोहली केवल एक टेस्ट मैच खेलेंगे, लेकिन फिर भी वह टेस्ट मैचों के नतीजों पर असर डाल सकते हैं।"
उन्होंने कहा, " अगर भारतीय टीम वनडे और टी-20 में सफल नहीं हो पाती है तो टेस्ट में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और उन्हें 0-4 से हार का सामना करना पड़ सकता है।"
क्लार्क का मानना है कि भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को आस्ट्रेलिया के खिलाफ आक्रामक होकर गेंदबाजी करने की जरूरत है क्योंकि कंगारूओं की बल्लेबाजी पिछली बार के मुकाबले में इस बार काफी मजबूत है।
पूर्व कप्तान ने कहा, " वह (बुमराह) काफी तेज हैं, इसलिए मेरा मानना है कि उन्हें टोन सेट करने की जरूरत है और साथ ही उन्हें आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के सामने आक्रामक गेंदबाजी करने की जरूरत है।" (आईएएनएस)
इस बीच, क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने साफ कर दिया है कि भारत और आस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीमों के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला एडिलेड में तय कार्यक्रम के अनुरूप ही होगा।
नई दिल्ली, 24 नवंबर | आस्ट्रेलिया के बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने मंगलवार को कहा कि आईपीएल-13 में उन्होंने अपना स्वभाविक खेल बदल दिया था और वह पॉवर हिटिंग शॉट खेलने की कोशिश कर रहे थे, जिससे टी20 में उनकी लय और फॉर्म प्रभावित हुई थी। स्मिथ ने आईपीएल-13 में राजस्थान रॉयल्स का प्रतिनिधित्व किया था, जहां उन्होंने 14 मैचों में 311 रन बनाए थे और इसमें तीन अर्धशतक शामिल था। उनकी टीम अंकतालिका में सबसे नीचे रही थी।
स्मिथ अब शुक्रवार से भारत के खिलाफ होने वाली सीमित ओवरों की सीरीज को लेकर उत्साहित हैं। उनका कहना है कि आगामी सीरीज में अब वह अपना स्वभाविक खेल खेलना पसंद करेंगे।
स्मिथ ने संवाददाताओं से कहा, "सीमित ओवरों की क्रिकेट में मैं अपना स्वभाविक खेल खेलता हूं तो यह मुझे आगे ले जाता है। आईपीएल में मैंने पॉवरहिटिंग शॉट खेलने की कोशिश की, जोकि मेरे खेले के लिए सही नहीं है। दुनिया में कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो जब चाहे छक्का लगा सकते हैं, लेकिन मैं उनमें से नहीं हूं। मेरे लिए प्रोपर क्रिकेट शॉट खेलना सही होता है और गैप निकालना भी। आईपीएल में मैं इससे दूर हो गया था।"
शीर्षक्रम के बल्लेबाज ने माना कि आईपीएल में अपने प्रदर्शन से वह निराश थे क्योंकि उनकी बल्लेबाजी में निरंतरता नहीं थी। लेकिन अब वह अपनी लय में हैं। (आईएएनएस)
ओरलांडो (अमेरिका), 23 नवंबर। भारत के पुरुष टेनिस खिलाड़ी प्रजनेश गुणनस्वेरन को ओरलांडो ओपन के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। चौथी सीड प्रजनेश को अमेरिका को ब्रैंडन नाकाशीमा के हाथों 3-6, 4-6 से हार का सामना करना पड़ा।
31 साल के प्रजनेश को पिछले एक सप्ताह में लगातार दूसरी बार किसी टूर्नामेंट के फाइनल में हारकर उपविजेता से संतोष होना पड़ा है। उन्हें पिछले सप्ताह ही कैरी चैलेंजर के फाइनल में भी हारकर उपविजेता से संतोष करना पड़ा था।
अपने इस प्रदर्शन के बाद प्रजनेश एटीपी टूर रैकिंग में 137 वें स्थान से 128वें स्थान पर पहुंच गए हैं। भारतीय रैंकिंग में उन्होंने सुमित नागल को खिसकाकर पुरुष एकल रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल कर लिया है।
इस बीच, 19 साल के नाकाशामी चैलेंजर खिताब जीतने वाले सबसे युवा अमेरिकी खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले अमेरिका के फ्रांसिस टियाफोए ने 2017 में सबसे कम में चैलेंजर खिताब जीता था। (आईएएनएस)
सिडनी, 24 नवंबर| ऑस्ट्रेलिया के शीर्षक्रम के बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने इस बात के संकेत दिए हैं कि भारत के खिलाफ होने वाली आगामी सीरीज में वे जुबानी जंग और स्लेजिंग (छींटाकाशी) नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि आईपीएल सहित कई टूनार्मेंटों में लगातार एक दूसरे के साथ खेलने से छींटाकाशी अब पीछे छूट गई है। पूर्व कप्तान का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाली टीमों के खिलाफ छींटाकाशी आम बात होती है, लेकिन इन दिनों चीजें बदल गई है। स्मिथ सहित कई खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों के साथ आईपीएल-13 में एक-दूसरे के साथ खेल चुके हैं और ड्रेसिंग रूम साझा कर चुके हैं।
स्मिथ ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "लोग स्लेजिंग के बारे में बहुत बात करते हैं। लेकिन हमारे समय में यह बहुत कम होता है। मुझे लगता है कि शायद आईपीएल जैसी चीजों के होने से यह बहुत कम हुआ है, जो दुनियाभर के खिलाड़ियों को एक साथ लाता है। उदाहरण के लिए अगर आप किसी दिन इसमें स्लेजिंग करने में फंस जाते हैं, तो कुछ दिन या कुछ महीने बाद उनके साथ खेल सकते हैं। उस समय यह अजीब लगता है। निश्चिचत रूप से इन दिनों यह ज्यादा नहीं होता है।"
यह पूछे जाने पर कि क्या आईपीएल के दौरान वह भारतीय गेंदबाजों को फांस पाए हैं, स्मिथ ने भारतीय गेंदबाजों की तारीफ करते हुए कहा, "इससे नुकसान नहीं होता। (आईपीएल में उनके साथ खेलने से)। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट अलग है। वे एकजुट होकर गेंदबाजी करते हैं। उनके पास बहुत ही अच्छी गेंदबाजी लाइनअप है। पिछले कुछ वर्षों से उन्होंने खुद को साबित किया है। हमारे लिए यह एक रोमांचक समर होने वाला है।"
स्मिथ ने साथ ही कहा कि सीमित ओवरों की सीरीज में रोहित शर्मा के और अंतिम तीन टेस्ट मैचों में विराट कोहली के न होने से भारतीय टीम पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि उनके पास इनकी कमी को पूरा करने के लिए काफी प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं।
उन्होंने कहा, " सीमित ओवरों के क्रिकेट में रोहित शानदार हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों से खुद को साबित किया है। निश्चित रूप से उनके न रहने से थोड़ा फर्क पड़ेगा, लेकिन भारतीय टीम में कई सारे प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं। आप मयंक अग्रवाल को देख सकते हैं। आईपीएल में उन्होंने रन बनाए हैं। लोकेश राहुल भी टॉप आर्डर में बल्लेबाजी कर सकते हैं।"
भारत और आस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार से तीन मैचों की वनडे सीरीज शुरू होगी। (आईएएनएस)
खुर्रम हबीब
नई दिल्ली, 23 नवंबर| आस्ट्रेलिया दौरे पर गई मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम थोड़ी भाग्यशाली है कि इस बार उसके पास वे दो स्पिनर हैं, जिन्होंने पिछली बार आस्ट्रेलिया का दौरा किया था।
इससे पहले का दौरा अलग होता था और इससे खिलाड़ियों, खासकर स्पिनरों के लिए चीजें मुश्किल हो गई थीं। जब तक, वे परिस्थितियों और पिचों के साथ तालमेल बिठाएंगे, तब तक दौरा समाप्त हो जाएगा। पहले के स्पिनर इससे जूझ चुके हैं।
भारत के दो बेहतरीन स्पिनर कुलदीप यादव और रविचंद्रन अश्चिन में से किसी एक को 17 दिसंबर से एडिलेड में शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में मौका दिया जा सकता है।
भारत ने 2018-19 में पिछली बार जब आस्ट्रेलिया का दौरा किया था तो कुलदीप ने जनवरी में सिडनी टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट लिए थे। उनके अलावा अश्विन ने एडिलेड में दोनों पारियों में छह विकेट चटकाए थे। लेकिन इस बार टीम में जगह बनाने के लिए अश्विन को कुलदीप से मुकाबला करना होगा।
2003-04 और 2007-08 में दो बार आस्ट्रेलिया का दौरा कर चुके पूर्व भारतीय आफ स्पिनर हरभजन सिंह ने इस बात को विस्तारपूर्वक बताया है कि क्यों आस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करनी मुश्किल है।
हरभजन ने आईएएनएस से कहा, " आस्ट्रेलिया में गेंदबाजी करना मुश्किल होता है क्योंकि जब तक आप वहां की विकेटों से तालमेल बिठाएंगे, तब तक दौरा खत्म होने को होगा। आप हर चार-पांच साल में दौरा करेंगे। उनके स्पिनरों को ज्यादा सफलता मिलेगी क्योंकि वे बेहतर तरीके से परिस्थितियों को जानते हैं और वह उनका घर है।"
हरभजन ने स्पिनरों को सलाह देते हुए कहा, " स्पिनरों को जल्द से जल्द अपनी लेंथ के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत होगी। साथ ही उन्हें साइड स्पिन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए क्योंकि आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। अगर ऐसा होता है तो इससे फायदा मिलेगा। लेकिन आपको इस पर ज्यादा निर्भर नहीं रहना है। उछाल हासिल करने के लिए भारतीय स्पिनरों को थोड़ा स्लो गेंदबाजी करने की जरूरत है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 23 नवंबर | भारत के युवा बल्लेबाज शुभमन गिल आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली सीरीज के लिए उत्सुक हैं। तीन मैचों की वनडे सीरीज की शुरुआत शुक्रवार से हो रही है। गिल ने हालांकि कोई इस सीरीज के लिए कोई निजी लक्ष्य नहीं बनाया है। वह अपने पहले आस्ट्रेलियाई दौरे पर मौका का पूरा फायदा उठाने के लिए तैयार हैं। गिल ने अपनी आईपीएल टीम कोलकाता नाइट राइडर्स की वेबसाइट पर जारी एक वीडियो में सोमवार को कहा, "मैं आस्ट्रेलिया में खेलने को तैयार हूं क्योंकि कि यह मेरा पहला दौरा है। जब मैं बच्चा था जब भारत और आस्ट्रेलिया के बीच की सीरीज देखता था। मैं काफी उत्साहित हूं।"
उन्होंने कहा, "एक अच्छी बात यहा है कि मेरे कई सारे दोस्त मेरे साथ सफर कर रहे हैं। इसलिए इसमें काफी मजा आएगा मैंने किसी तरह का निजी लक्ष्य नहीं बनाया है, लेकिन मैं इस दौरे के लिए तैयार हूं।"
गिल ने अभी तक भारत के लिए सिर्फ दो वनडे खेले हैं। वह आस्ट्रेलियाई दौरे पर गई भारत की वनडे और टेस्ट टीम का हिस्सा हैं।
भारत का आस्ट्रेलिया दौरे पर तीन वनडे और तीन मैचों की टी-20 सीरीज खेलनी है। इसके बाद वो चार मैचों की टेस्टे सीरीज खेलेगी। दौरे की शुरुआत 27 नवंबर को खेले जाने वाले पहले वनडे से होगी। (आईएएनएस)
बीजिंग, 23 नवंबर | 22 नवंबर को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पेइचिंग में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जी-20 के 15वें शिखर सम्मेलन के दूसरे चरण में भाग लिया और सतत विकास पर अपने विचार रखे। शी चिनफिंग ने कहा कि एक समावेशी, निरंतर और लचीला भविष्य बनाने के लिए वैश्विक गरीबी उन्मूलन का दायरा बढ़ाना आवश्यक है। कोविड-19 महामारी के प्रभाव के सामने हमें पहले से कहीं अधिक ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। पहला, विकास प्राथमिकता की अवधारणा पर कायम रहें। दूसरा, व्यापक और संतुलित नीतिगत कदम उठाएं। तीसरा, अच्छा अंतरराष्ट्रीय आर्थिक माहौल तैयार करें।
शी चिनफिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन निर्धारित समय से 10 साल पहले पूर्ण गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने जा रहा है। सुधार व खुलेपन के पिछले 40 वर्षों में चीन में 70 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, जिसकी दुनिया के गरीबी उन्मूलन में योगदान दर 70 प्रतिशत से अधिक है। चीन विभिन्न देशों के साथ गरीबी उन्मूलन और आम विकास की बेहतर दुनिया का निर्माण करने की समान कोशिश करने को तैयार है।
सम्मेलन में उपस्थित नेताओं ने कहा कि जी-20 को महामारी के मुकाबले, आर्थिक बहाली और विकास को बढ़ाने, डिजिटल खाई पाटने, गरीबी को खत्म करने, महिलाओं और युवाओं को अधिक शिक्षा व रोजगार के अवसर प्रदान करने, 2030 सतत विकास एजेंडे को लागू करने और समावेशी विकास हासिल करने में विकासशील देशों को और अधिक समर्थन देना चाहिए।
सम्मेलन में जी-20 रियाद शिखर सम्मेलन घोषणा पत्र पारित किया गया।(आईएएनएस)
सिडनी, 23 नवंबर | भारत के खिलाफ होने वाली आगामी टेस्ट सीरीज में मेजबान आस्ट्रेलिया को अपने घर में दो विभिन्न कप्तानों की चुनौती का सामना करना है और ऐसे में कंगारू अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अलग अप्रोच के साथ उतर सकते हैं। यह कहना है कि आस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर का। भारतीय कप्तान विराट कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के कारण चार मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच खेलने के बाद स्वदेश लौट जाएंगे और उनकी जगह अजिंक्य रहाणे को बाकी तीन मैचों के लिए भारतीय टीम का कप्तान बनाए जाने की संभावना है।
क्रिकइंफो ने सोमवार को वार्नर के हवाले से कहा, " निश्वित रूप से विराट की कमी खलेगी। वह एक शानदार खिलाड़ी हैं। वह (रहाणे) बहुत शांत हैं और बहुत ही अच्छी अप्रोच के साथ आते हैं। उनके पास बहुत अच्छा क्रिकेटिंग दिमाग है।"
34 वर्षीय वार्नर ने आगे कहा, " वह काफी पेशेवर और आक्रामक है। जब आप वहां होते हैं तो वो कड़ा मुकाबला खेलते हैं। रहाणे शांत है। यह उन दोनों (कोहली और रहाणे) के रूप में चाक और पनीर की तरह हैं। एक खिलाड़ी के रूप में कोशिश करने और मैदान पर बने रहने के लिए वे काफी मेहनत करते हैं।"
सलामी बल्लेबाज ने कहा, " भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उनके पास तीन-चार अच्छे खिलाड़ी हैं, जो किसी भी समय टीम की कप्तानी कर सकते हैं।"
हालांकि टेस्ट सीरीज से पहले आस्ट्रेलिया और भारत के बीच तीन वनडे और इतने ही मैचों की टी20 सीरीज खेली जानी है।(आईएएनएस)
सिडनी, 23 नवंबर | अपने पिता को खोने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज का पूरा ध्यान अब आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली आगामी सीरीज में शानदार प्रदर्शन करके अपने स्वर्गीय पिता के सपने को पूरा करने पर है। सिराज के पिता का शुक्रवार को इंतकाल हो गया था। सिराज अभी भारतीय टीम के साथ आस्ट्रेलिया दौरे पर हैं और इस युवा गेंदबाज ने टीम के साथ ही रहने का फैसला किया है।
बीसीसीआई ने सिराज से चर्चा कर उन्हें स्वदेश वापस लौटने का प्रस्ताव दिया था लेकिन सिराज ने इस प्रस्ताव को ठुकराकर आस्ट्रेलिया में रहने का ही फैसला किया।
सिराज ने सोमवार को बीसीसीआई टीवी से कहा, " मेरे लिए यह एक बहुत बड़ी क्षति है क्योंकि वह मेरे सबसे बड़े सपोर्टर थे। मेरे पिता का सपना था कि वह मुझे भारत के लिए खेलता हुआ देखे। अब मैं अपने पिता के सपने को पूरा करना चाहता हूं।"
उन्होंने कहा, " मेरे पिता इस दुनिया में नहीं है, लेकिन अब भी वह मेरे दिलों में है। मैंने अपनी मां से बात की और उन्होंने भी मुझे मेरे पिता के सपने के बारे में बताया और साथ ही मुझे भारतीय टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।"
भारतीय तेज गेंदबाज ने साथ ही बताया कि इस मुश्किल समय में पूरी भारतीय टीम ने उन्हें एक परिवार की तरह मदद की है।
सिराज ने कहा, " ऐसे हालात में टीम के सदस्यों ने मुझे एक परिवार की तरह मदद की है। विराट कोहली भाई ने मुझे काफी प्रेरित किया और साथ ही उन्होंने मुझे मजबूत बने रहने और अपने पिता के सपने को पूरा करने को कहा।"
सिराज आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हैं और कोहली इस टीम के कप्तान हैं।
सिराज भारतीय टेस्ट टीम में शामिल हैं और अभी सिडनी क्वारंटीन हब में हैं। कोविड सम्बंधी प्रतिबंधों के कारण वह अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए भारत नहीं लौट पाए थे।
भारत के लिए अब तक एक वनडे और तीन टी20 मैच खेल चुके सिराज को पहली बार टेस्ट टीम में चुना गया है। (आईएएनएस)